किस्सा रामफल कमला
वार्ता:गांव बिकलाना की स्वयम्भू पंचायत जब यह तालिबानी फरमान सुनाती है कि रामफल और कमला बहन भाई के रूप में रहेंगे तो रामफल दबाव में फैसले को स्वीकार कर लेता है। स्वयंभू पंचायती रामफल को कमला के पास ले जाते हैं। कमला को जब सारी बात का पता लगता है तो वह कहती है: मर जाऊंगी पर इस पंचायत का यू परिवार तोड़क फैसला नहीं मानूंगी। कमला रामफल को क्या कहती है भला:-
रागनी--1
तर्ज -चौकालिया
खुद ब्याही नै बाहण कहवै पिया धर्म नहीं सै तेरा।।
पंचायत मेरै फांसी लारी इसमैं कसूर नहीं सै मेरा।।
1
पंचायत की दाब माणकै मनै मतना गेरै नरक मैं
समझ नहीं पाई क्युकर तनै करली नीत फरक मैं
तनै भाई कोण्या मानूं चाहे होज्यां जमा गरक मैं
ऊपर सिर नै ठारे पंचायती अहंकार और हरक मैं
हाथ जोड़ रही प्राणनाथ मत करो दीवे तलै अंधेरा।।
2
चालीस घर उजड़ ज्यांगे जै फरमान सिर माथै ना लाया
राठी गोत की दादागिरी आज दहिया घणा घबराया
इन गोतां के चक्कर नै रामफल दुविधा मैं फंसाया
माणकै फरमान तालिबानी मैं बहोत घणा पछताया
पंचायत उजाड़ैगी बस्या बसाया गरीबां का घर डेरा।।
3
दुविधा मैं दोनों जावैंगे ना माया मिलै ना राम
के सोच कै तनै पियाजी करया यो घटिया काम
थू थू करते लोग लुगाई सारे शहर और गाम
लड़ां लड़ाई मिलकै पिया पंचायत कै कसां लगाम
इबकै तोड़ दिया तो बचांगे जो पंचायत घाल रही घेरा।।
4
जी मेरा तीरूं डुबु था मनै ले लिया इबी संभाला
तेरा साथ निभाऊं कमला चाहे हो ज्यान का गाला
एक औड़ नै होना होगा खींचग्या धुर का पाला
लड़ाई कै म्हैं साथ रहवैगा रणबीर बरोने आला
संघर्ष करांगे सब मिलकै नै जब पटै देश नै बेरा।।
वार्ता:
कमला को उसकी नन्द सीमा ढाढ़स देती है। वह खुले आम तथाकथित पंचायत के फैंसले का विरोध करती है। वह कमला को अपनी साथ अपने ससुराल ले जाने की बात कहती है। कमला की हिम्मत बनती है। वह इस फतवे के खिलाफ लड़ने के लिए उठ खड़ी होती है। दोनों की आपस में बहुत सी बातें होती हैं। क्या बताया भला:-
रागनी--2
नन्द- क्यों रोवै कमला भाभी, कह दे मन की बात नै।।
कमला- के बुझैगी नन्दी घणी काली होरी सै गात मैं।।
पंचायत नै के हक सै क्यों फतवा इसा घुमाया री
अपने पति नै भाई बणा घटिया हुक्म सुनाया री
पति भाई बनाया री बेशर्मां की इस पंचायत नै।।
उणनै के हक सै भाभी कोर्ट क्यों बिठाया री
ये पंचायती महिला विरोधी सबकै स्याहमी आया री
मतना हार मानिए जानां पंचायत की औकात नै।।
3
जिब चाहवै पति मानै जिब चाहवै भाई बनादे या
देकै फतवा गोतां का माणसां नै कसाई बतादे या
हमनै थामने मुश्किल होज्या सोना दिन और रात नै।।
4
परम्परा की बात करती बुलधां की हलाई ल्यादे या
औरतों के हकां पै कद पंचायत बुलाई दिखादे या
रणबीर होंसला राख कमला नन्द खड़ी तेरे साथ मैं।।
वार्ता:
रामफल की बहन सीमा व उसका जीजा रामफल को बहुत समझाते हैं तथा बुरा भला भी कहते हैं। सीमा कहती है कि कमला हुड्डा न होकर यदि राठी भी है तो क्या बात हो गई ? कोई पहाड़ टूट पड़ेगा क्या ? वह कमला का साथ निभाने की कसम खाती है और अपने भाई रामफल को क्या कहती है भला:-
रागनी-3
बात भले की कहूँ भाई मेरी बात मैं कति फीक नहीं।।
थारा कमला भाभी ताहिं यो भांण बनाना ठीक नहीं।।
1
उनै भाण कहवन की सोचै के फर्क तेरे और कसाई मैं
विनाश काले या विपरीत बुद्धि गई कारण समझ भाई मैं
रामफल तेरी मां जाई मैं तेरी आछी लागती सीख नहीं।।
2
इतणी बात समझ लिए जिसी करैगा उसी भरै भाई तूँ
मेरा तो इतना कहना क्यों पंचायत तैं इतना डरै भाई तूँ
नादानी मत करै भाई तूँ कमला कदे मांगै भीख नहीं।।
3
तेरी कमजोरी का बेरा भाई पाट लिया सै संसार नै
हम महिलावां का हक भाई घाट दिया सै घरबार मैं
चुप्पी छाई सै सरकार मैं भला बुरा रहया दीख नहीं।।
4
कहै रणबीर रामफल सुनिये समों पुराना बदल रहया
खेती करना खाना पीना ब्याह मैं जाना बदल रहया
गोत का बाणा बदल रहया चालै पुरानी लीख नहीं।।
वार्ता:-
पूरे गांव में यह चर्चा का विषय बन गया। कुछ पुरूष कह रहे थे कि क्या इस गांव को अमरीका बनाओगे ? पुरुषों का खासा हिस्सा यही चाहता था कि कमला रामफल भाई बहन बन जाएं । मगर औरतों का बड़ा हिस्सा इसके खिलाफ था। कई औरतों ने कहा - अब यह कैसे ही सकता है। वे आपस में बातें करती हैं और क्या कहती हैं भला-
रागनी-4
पेट मैं पलै साथ मैं क्यों थाम दो ज्यानां नै मार रहे।।
गया बदल जमाना क्यों पाप की माला गल मैं डार रहे।।
1
बालक का रिश्ता के होगा बाहन भाई बनावैं सैं
भाण भाई के रिश्ते कै भी क्यों कालस लगावैं सैं
गाम मैं जो बणे पंचायती वे घणे दुष्कर्म करावैं सैं
छेड़खानी बलात्कार पै ना कदे पंचायत बुलावैं सैं
कंस रूपी ये पंचायती बिकलाने मैं
पिना धार रहे।।
2
राठी और दहिया बीच ब्याह ये धुर तैं होंते आये सैं
चौटाला गाम मैं कई नै आपस मैं ब्याह रचाये सैं
हरेक गाम मैं गोत पन्दरा गए आज ये गिनाये सैं
किस किस नै बचावैंगे ये सवाल गए इब ठाये सैं
क्यों इन मासूमां नै बिना बात के फांसी तार रहे।।
3
परम्परावादी सो तै बैल की खेती लयादयो हटकै रै
जंग लागे चाकू तैं औरनाल काटो सब डटकै रै
पुराणा घाघरा कडै़ गया गोत क्यों थारै अटकैं रै
इतनै गोत क्युकर बचैंगे बात म्हारै याहे खटकै रै
ना पुराणा ठीक सारा इसपै कर नहीं विचार रहे।।
4
इतनी प्यारी छोरी लागै क्यों पेट मैं इसनै मार रहे
खरीद कै ल्याओ यूपी तैं जिब ना गोत बिचार रहे
ब्याह शादी मुश्किल होरे ना नये नियम धार रहे
गोतां की सीम टूटैंगी लोग खड़े खड़े निहार रहे
रणबीर बरोनिया पै पंचायती पिना ये तलवार रहे।।
वार्ता:-
सरोज कमला की बचपन की दोस्त है वह कैनेडा में है। वह एक वेब साइट पर कमला के बारे में जानकारी हासिल करती है। अंग्रेजी के अखबार "द ट्रिब्यून" में भी खबर पढ़ती है। वह कमला के बारे में बड़ी चिंतित होती है। वह कमला को एक पत्र लिखती है। क्या लिखती है भला:-
रागनी-5
रोज पढूं खबर अंग्रेजी के अखबार मैं ।।
महिला फांसी तोड़ी जावै बिकलाने के दरबार मैं।।
1
संविधान की खुलकै नै पंचायत नै धज्जियां उड़ाई हे
राजनैतिक नेतावां नै चुप्पी मामले मैं खूब दिखाई हे
जमा शर्म नहीं आई हे जहर मिलाया घरबार मैं।।
2
प्रशासन खड़या देखै क्यों म्हारै नहीं समझ आया हे
संविधान का चौड़े मैं पंचायत नै मजाक उड़ाया हे
ना कोये कदम ठाया हे झज्जर की सरकार नै।।
3
कोर्ट मैं ब्याह करया था पंचायत नै आज तोड़ दिया
भाण भाई का उसनै इसमैं व्यर्थ नाता जोड़ दिया
रामफल जमा मरोड़ दिया गोतां की तकरार नै।।
4
परम्परावादी रूढ़िवादी रणबीर ये नाश करैंगे हे
आगली पीढ़ी के बालक घाटा किस ढाल भरैंगे हे
के बेरा कितने लोग मरैंगे हे पंचायतां की हूंकार मैं।।
वार्ता:-
दस गामा पंचायत के अध्यक्ष गांव बरवाना के प्रधान कर्मबीर को जब पता लगता है इस फैंसले का तो उन्हें बहुत दुख होता है। वे इस तालिबानी फरमान से सहमत नहीं। क्या कहते हैं भला:-
रागनी-6
दसगामा पंचायत राठी की बिकलाना फरमान गलत बतावै।।
बरवाला का प्रधान कर्मबीर कोण्या सुर मैं सुर मिलावै।।
1
दसगामे नै कोये लेना देना ना तालिबानी फरमान तै
राठी दहिया मैं ब्याह होवै बताना चाहूं हिंदुस्तान तै
बण कसाई इंसान तै क्यूं बिकलाना घनी धौंस दिखावै।।
2
राठी दहिया के छोरा छोरी आपस मैं खूब ब्याह रचावैं
कोये बंदिश कोण्या पंचायती हम खोल कै नै बात बतावैं
हम बिकलाने नै समझावैं सड़ांध फैंसले मैं तै घणी आवै।।
3
कमला रामफल पति पत्नी भाण भाई बनाना ठीक नहीं
संविधान सै भारत का इसका मजाक उड़ाना ठीक नहीं
उत्पात मचाना ठीक नहीं इस ढाल की बात सुणावै।।
4
निजामपुर गाम दिल्ली मैं उड़ै खुद जाकै देख लियो
पिछड़ी समझदारी त्याग कै उड़ै जाकै माथा टेक लियो
चौबीस नै फैंसला नेक कियो रणबीर बरोनिया समझावै।।
वार्ता:-
विकलांग गांव के दो आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने हौसला करके इस फैसले का विरोध किया। बहुत हिम्मत की बात थी। उस वक्त पंचायत का आतंक था मगर फिर भी उन महिलाओं ने आवाज उठाई। क्या कहना है उनके बारे में कवि का। क्या बताया भला:-
रागनी-7
दुनिया मखौल उड़ाया, फैसला घटिया बताया, म्हारा नाक कटवाया, बेशर्मां की पंचयात नै।।
1
कमला रामफल पत्नी पति उनपै अत्याचार किया
बिना बात पंचायत बुलाकै उन दोनों को लाचार किया
बहण भाई बनवाया, किसा जुल्म कमाया, गर्भ गिरवाना चाहया,बेशर्मां की पंचयात नै।।
2
खाप पंचायत गैर कानूनी जाणै दुनिया सारी देखो
फेर भी तालिबानी फतवे कर देती जारी देखो
घटिया बर्ताव करया, म्हारै मुश्किल जरया,कान्धे पै हाथ धरया, बेशर्मां की पंचयात नै।।
3
इसी पंचायतों का बहिष्कार होना चाहिए समाज मैं
नागरिक अधिकार मामला उठावां सही अंदाज मैं
कचहरी हुक्म सुनाया , कहैं फटकार लगाया,मूंह काला करवाया, बेशर्मां की पंचयात नै।।
4
पहली जीत कमला की ढीले मत पड़ जाइयो
प्रशासन नै चुस्त करण नै खड़े होकै अड़ जाइयो
रणबीर गीत बनाया, सही हिसाब लगाया, परिवार घणा सताया, बेशर्मां की पंचयात नै।।
वार्ता:-
कहते हैं प्रदेश के हाई कोर्ट ने पंचायत को फटकार लगाई और शादी के मसले को न छेड़ने का हुक्म दिया और प्रशासन को हिदायत दी कि वह कमला को व उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान करे। इससे अलग तरह का माहौल बनने लगा। क्या बताया भला:-
रागनी-8
चंडीगढ़ कोर्ट की खबर नै एक न्यारा माहौल बनाया।।
धर्मबीर पंचायती भी गाम की कूनां मैं लहुकता पाया।।
1
टी वी पै जब समाचार सुने बिकलाने नै ली अंगड़ाई
पंचायती हांडैं गली गली मैं आगै के होवै कार्यवाई
प्रशासन की नींद उड़ाई कोर्ट नै फैंसला इसा सुनाया।।
परम्परा वादी पंचायत भाई इसी तावली हार ना मानै
और कसूती ढालां तीर तरकश के कमला पै तानै
करो चित चारों खानै जड़ मूल तैं करदयां सफाया।।
गुगहेड़ी गाम इसा जड़ै खेड़े का गोत बच्या नहीं
कोये गोत ना बचरया जिनै ब्याह उड़ै रचया नहीं
हाहाकार उड़ै मच्या नहीं बिकलाने नै हाहाकार मचाया।।
निजाम पुर गाम मैं राठी दहिया दोनों गोत बताये
कोये रोक टोक ना उड़ै ब्याह शादी आपस मैं रचाये
रणबीर नै छंद बनाये ना न्यूएं कल्म घिसाया।।
वार्ता:-
कुछ दिन बाद कादयान और लोहान में भी तकरार पैदा हो जाती है। वहां भी स्वयम्भू पंचायत फतवा जारी करती है । प्रशासन वहां भी चुप रहता है । क्या बताया भला:-
कादयान और लौहान मैं भी गोतां का लाठा बाज रहया।।
घणी कसूती चुपी क्यों इनपै म्हारा समाज साध रहया।।
1
हरेक गाम मैं इन गोतां की कसूती गलेट लाग रही सै
किस कुस तैं परहेज करैं लोगों मैं चिंता जाग रही सै
बेरा पटता कोण्या क्यूं बण जहरी नाग रही सै
दे फतवा भाई भाण का कौनसा अलाप राग रही सै
इनके गाणे बजाणे तै हो बेसुरा सुर और साज रहया।।
2
समचाने मैं रावत नैन ग्रेवाल फौगाट बताये देखो
कटारिया सुहाग जून गैल पूनिया बसे दिखाये देखो
काजला माल्हान तोमर कदे कदीमी रहते आये देखो
छिल्लर नेहरा सिंघल मिलकै चौदां गोत गिनाये देखो
मां दादी और पड़ैगी ऊकानी हो मैं भाजम भाज रहया।।
3
गोतां की या जड़ कसूती म्हारे बालकां का नाश करैगी
सदा बदलाव आए कहते नहीं म्हारै या बात जरैगी
भाण भाई के करां फैंसले सारी दुनिया नाम धरैगी
गोतां की रीत पुरानी इणनै छोड़ कै या बात सरैगी
गोतां कारण बिगाड़ आया मांग यो सही इलाज रहया।।
4
पूरे समाज का मसला सै एक जात का मसला कड़ै सै
पूरे गाम का मसला सै माणस न्यारा न्यारा लड़ै सै
होगी बाधू बदमाशी या करनी तले नै नाड़ पड़ै सै
यो जात गोत सारी हांण मानवता स्याहमी आण अड़ै सै
सबनै गेल्याँ लेकै बदलां रणबीर दे आवाज रहया।।
वार्ता:-
प्रशासन कानून बनाए रखने को फिर से स्वयम्भू पंचायतियों को अहमियत देता है , यह चिंता का विषय है। इन पंचायतों को कोई मान्यता प्रशासन की तरफ से नहीं मिलनी चाहिए। इस प्रकार के विवाह शादी के मामलों में तो खासकर। दोषी पक्ष ही न्याय कर रहा है यह कैसी विडंबना है? हरियाणा का सभ्य जन इससे काफी आहत महसूस करता है मगर अभी चुप है। कवि ने उसे आवाज देने की कोशिश की है। क्या बताया भला:-
रागनी-10
हरियाणे की जनता बोली ना पंचायती कोये भी पकड़या।।
बात सब आयी गई होगी ना किसे का कुछ भी बिगड़या।।
1
बिकलाना के फतवे तैं हरियाणा घणा शर्मसार हुया
आदिम युग मैं बसै हरियाणा दुनिया मैं यो प्रचार हुया
तथाकथित पंचायतां पै नहीं जमा शिकंजा जकड़या।।
2
वे कत्ल भी करैं माफ होज्या म्हारे ब्याह मैं रोल्ला क्यों
आज बूझ होरी जमाने मैं उसकी चालै सबतैं औल्ला जो
प्रशासन भी दाब मानता तत इसका तै योहे लिकड़या।।
3
पूरी ढालां पाबंदी लागै नहीं इसकी कोये बूझ होवै
बिना बात के तालिबानी फतवे नहीं कोये इनके ढोवै
खामैखां मैं सारा बिकलाना नहीं मानसिक तनाव तैं लिकड़या।।
4
ब्याह शादी हों कानूनी पंचायतों का कोई दखल नहीं
इनकै स्याहमी होए बिना इनकै आवै जमा अक्ल नहीं
रणबीर बरोने आला इनके फ़तव्यां
स्याहमी अकड़या।।
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