पांच छह नर्सें मिलकर एक समूह गान गाती हैं।
तर्ज– झूठी शरम की चादर फैंको
टेक– बिना संगठन इब नहीं गुजारा हो जाओं तैयार सखी।।
शोषण क्यों होता है म्हारा करना सही विचार सखी।।
मरीजों का आज नहीं होता सही सही इलाज यहाँ
मरीज चिल्लाते रहते हैं ना सुणता कोए आवाज यहाँ
उदारीकरण के मन्दिर में इब बलि चढ़ा परिवार सखी।।
स्वास्थय की गलत नीति सैं समझणा बहुत जरूरी हे
बजट घट्या क्यूं आज हमारा के उनकी मजबूरी हे
बिकती सेहत दिखावैं सबको आज बीच बाजार सखी।।
महिलाओं का हरियाणे में क्यूं होता सही सम्मान नहीं
नर्सों की गिरती हालत पै किसे का भी ध्यान नहीं
सुन्दर समाज का लेवैफ सपना सम्भालों पतवार सखी।।
तेहरा शोषण खतम करै जो इसा समाज बणाणा हे
सही जगां मिलै मानवता को इसा संघर्ष चलाणा हे
हो सै शोषण खतम करण का संगठन ही हथियार सखी।।
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