Tuesday, 21 February 2023

मैडीकल के छात्र के कत्ल के वक्त लिखी एक रागनी 

 मैडीकल के छात्र के कत्ल के वक्त लिखी एक रागनी 

क्यों खिलता फूल तोड़ दिया घणा बुरा जमाना आग्या।।

यार नै यार का कत्ल करया मेरा दिमाग तिवाला खाग्या।।

1

तीनों यारां नै मैना में मौज मस्ती खूब मनाई थी नींद की गोली यतेन्द्र नै बीयर बीच मिलाई थी कई दिन पहलम कत्ल की उनै स्कीम बनाई थी गल घोंटकै मार दिया आवाज कती ना आई थी   

सारी डॉक्टर कौम कै यतेंद्र यो कसूती कालस लाग्या।

यार नै यार का कत्ल करया मेरा दिमाग तिवाला खाग्या।।

2

माता कै के बाकी रही जब खबर कत्ल की आई टेलीफोन पै बात हुई ईबीसी फेटण भी नहीं पाई कोर्स पूरा होग्या सोचै थी मैं कर दयूं इब सगाई

क्यों कत्ल हुया बेटे का ना करी कदे कोये बुराई

खुद तै चल्या गया सोनी फेर पूरे घर नै जमा ढाग्या।।

यार नै यार का कत्ल करया मेरा दिमाग तिवाला खाग्या।।

3

क्यों यार का यार बैरी करते क्यों विचार नहीं 

दारू नशे हिंसा का रोक्या क्यों यो व्यापार नहीं 

कांफ्रेंस प्यावैं जमकै दारू न्यों होवै उद्धार नहीं 

या हिंसा ना रोकी तो बचै किसे का घरबार नहीं

दारू नशे हिंसा का पैकेज यो चारों तरफ आज छाग्या।

यार नै यार का कत्ल करया मेरा दिमाग तिवाला खाग्या।।

4

एक औड़ नै कुआं दीखै दूजे औड़ खाई मैं धसगे

घणे जण्यां के अरमानों नै ये नाग काले डसगे

बैर ईर्ष्या लोभ मोह जनूँ तो रग रग के मैं बसगे 

हरियाणे के छोरे छोरी कसूते भंवर के मैं फ़सगे

मैडीकल ऊपर सोचो मिलकै रणबीर सवाल यो ठाग्या।।

यार नै यार का कत्ल करया मेरा दिमाग तिवाला खाग्या।।

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