हमें क्या पता था खेल रहे जज्बात के साथ ।
मजाक किया देखो हमारी औकात के साथ।सिस्टम ही ऐसा हमें मालूम ना था यारो --कुर्बान हुए हम तो उसकी बात के साथ।
हर रिश्ता टिका है यहाँ पैसे की नींव पर--- बदलते देखा इसको हर रात के साथ।
पैसे ने छीन ली है हम सब की मानवता--- विरोध नही गलत का बह जाते हालत के साथ ।
प्यार पर वासना हावी होती जा रही देखो ---साथी बदल जाते है हर मुलाकात के साथ।
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