बर्बाद करण का ठेका,क्यूँ सरकार तनै ठाया ।।
म्हारी जूती सिर म्हारा , खेल समझ नहीं आया।।
विकास नाम पै विनाश,हरियाणे का करया
नीति उलटी बणा ईं , किसान ज्यान तैं मरया
सड़क फ्लाई ओवर यो,टोल प्लाजा सारै छाया।।
हरित क्रांति के कारण,एक हिस्सा धनवाण हुया
बाकि का गाम सारा ,बहोत घना परेशा न हुया
चोय मैं कीटनाशक घुल्या,कहर कसूता ढाया।।
स्कूल गाम शहर के आज कति पढ़ण बिठाये
ये अस्पताल सरकारी कई जागां खाली पाये
इलाज हुया महंगा यो धरती बेच बालक बचाया।।
नौकरी ताहिं जूती टूटें बालक म्हारे रूलगे रै
ये पीसे आले सिफारसी,लेकै नौकरी पलगे रै
रणबीर बरोने आले नै,दिल तैं छंद बनाया ।।
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