फौजी मेहर सिंह के इस संसार से चले जाने के बाद
उनकी पत्नी एक दिन अपनी बहन को बताती है कि
उसके दिमाग में भारत का एक नक्सा था।
क्या बताया भला---
मनै न्यों कहया करै था सुन्दर भारत देश बनावांगे ।
सही सोच हो साथ प्रेमका दुश्मन तैं हम टकरावांगे।।
1
ना रहै फट्या पुराणा कई कई तयारी होज्यांगी
ढेरे ज़ूम लीख जितनी सब दूर बीमारी होज्यांगी
दरी गलीचे तोशक तकिये वस्तु सारी होज्यांगी
औढण पहरण बोल चाल की बातै न्यारी होज्यांगी
निधड़क घूमै तेरे बरगी हम इसा शहर बसावांगे।
2
टूट्या फुटया मकान रहै ना बढ़िया मकान बनावाँ
कितै चौखट कितै अलमारी रोशन दान लगावां
सौफा सेट होगा घर मैं हम पलंग निवार बिछावां
उनपै लेट आराम करांगे जिब मेहनत करकै आवां
ना लौड़ पड़ै ताले की हम इसा समाज बसावांगे।
3
न्यों बोल्या समों आणी जाणी साच्चा सै प्यार मेरा
साझी रहूंगा गम तेरे मैं दुःख सुख का इकरार मेरा
जित भी रहूंगा सुण प्रेमो चाहूँ सुखी संसार तेरा
राही टेढ़ी जबर बैरी सै करैंगे मिलकै पार यो घेरा
भाई चारे का माहौल होवै इस विचार नै बढ़ावांगे।
4
समझी इंसान हे बेबे चाहया रलमिल साथ निभाणा
थोड़ा ए समों रहया घर मैं चाहया हर काम पुगाणा
बोल्या ना छोड़ूँ बीच भँवर ना चाहिए तनै घबराणा
फ़ौज मैं जा कै समझ आया अंग्रेजों का लूटू बाणा
आजाद हिन्द फ़ौज का हम नया अंदाज दिखावांगे।
उनकी पत्नी एक दिन अपनी बहन को बताती है कि
उसके दिमाग में भारत का एक नक्सा था।
क्या बताया भला---
मनै न्यों कहया करै था सुन्दर भारत देश बनावांगे ।
सही सोच हो साथ प्रेमका दुश्मन तैं हम टकरावांगे।।
1
ना रहै फट्या पुराणा कई कई तयारी होज्यांगी
ढेरे ज़ूम लीख जितनी सब दूर बीमारी होज्यांगी
दरी गलीचे तोशक तकिये वस्तु सारी होज्यांगी
औढण पहरण बोल चाल की बातै न्यारी होज्यांगी
निधड़क घूमै तेरे बरगी हम इसा शहर बसावांगे।
2
टूट्या फुटया मकान रहै ना बढ़िया मकान बनावाँ
कितै चौखट कितै अलमारी रोशन दान लगावां
सौफा सेट होगा घर मैं हम पलंग निवार बिछावां
उनपै लेट आराम करांगे जिब मेहनत करकै आवां
ना लौड़ पड़ै ताले की हम इसा समाज बसावांगे।
3
न्यों बोल्या समों आणी जाणी साच्चा सै प्यार मेरा
साझी रहूंगा गम तेरे मैं दुःख सुख का इकरार मेरा
जित भी रहूंगा सुण प्रेमो चाहूँ सुखी संसार तेरा
राही टेढ़ी जबर बैरी सै करैंगे मिलकै पार यो घेरा
भाई चारे का माहौल होवै इस विचार नै बढ़ावांगे।
4
समझी इंसान हे बेबे चाहया रलमिल साथ निभाणा
थोड़ा ए समों रहया घर मैं चाहया हर काम पुगाणा
बोल्या ना छोड़ूँ बीच भँवर ना चाहिए तनै घबराणा
फ़ौज मैं जा कै समझ आया अंग्रेजों का लूटू बाणा
आजाद हिन्द फ़ौज का हम नया अंदाज दिखावांगे।
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