आपत्ति मैं घब वणियां इंसान नहीं होता ।
आत्म हत्या से समस्या का समाधान नहीं होता।
1
सही आदमी संकट मैं भी ना घबराया करते
हिम्मत कदे नहीं हारी ना प्राण गंवाया करते
हार कदे बी ना मानी दिन रात कमाया करते
साहस रखने आले असल इंसान कहलाया करते
खुदकशी करणे आले का कल्यान नहीं होता।
2
म्हारी याद मैं कई बार देश मैं इसे अकाल बड़े
नहीं खाण नैं अन्न थ्याया और भूखे पशू खड़े
किसान कभी ना घबराये सब समय के साथ लड़े
हमनै भी इस जिंदगी मैं दुःख देखे बड़े बड़े
भूख प्यास पै काबू करणा आसान नहीं होता।
3
जीवन के माँ लाग्या करै सै कदे शीली कदे ताती
प्राण गंवाणे से कोये समस्या हल नहीं हो जाती
निंदा का पात्र होता है जो बणता आत्म घाती
ना मिलै शांति फिरै आत्मा घर घर धक्के खाती
इस भोले माणस नै शायद इसका ज्ञान नहीं होता।
4
प्रकृति की शक्ति का विरोध करें तैं के होगा
होणी होकै मानैगी ईब घणा डरे तैं के होगा
औरों के सिर पै बिना बात का दोष धरें तैं के होगा
या दुनिया न्यूंये चालैगी एक तेरे मेरे तैं के होगा
कहै जगन्नाथ समझदार आदमी परेशान नहीं होता।
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