साल सत्तर
देश आजाद हुया था सैंतालीस मैं साल सत्तर बीत गये।
उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।।
1. धनवानां के बिल्ली कुत्ते म्हारे तै बढ़िया जीवन गुजारैं वे
बिना भोजन कुपोषण होग्या म्हारै खा-खा के घणे डकारैं वे
हमनै कैहकै नीच पुकारैं वे घणी माड़ी चला रीत गये।।
उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।।
2. जमीन आसमान का अन्तर किसनै आज म्हारे बीच बणाया
खेत कमावां सारी उमर फेर बी सांस ना उलगा आया
सोच-सोच कै सिर चकराया सै वे क्यूकर पाला जीत गये।।
उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।।
3. तरक्की करी हरियाणे मैं अपणा खून पसीना बाहकै रै
उपर ले तो फायदा ठागे हम बाट देखते मुंह बाकै रै
देखे चारों कान्ही धक्के खाकै रै मिल असली मीत गये।।
उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।।
4. चारों नकली लाल हरियाणे के उनतै यो सवाल म्हारा रै
गरीब क्यों घणा गरीब होग्या अमीर का भरग्या भंडारा रै
असली लाल प्रभात प्यारा रै रणबीर बणो ये गीत गये।।
उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।।
देश आजाद हुया था सैंतालीस मैं साल सत्तर बीत गये।
उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।।
1. धनवानां के बिल्ली कुत्ते म्हारे तै बढ़िया जीवन गुजारैं वे
बिना भोजन कुपोषण होग्या म्हारै खा-खा के घणे डकारैं वे
हमनै कैहकै नीच पुकारैं वे घणी माड़ी चला रीत गये।।
उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।।
2. जमीन आसमान का अन्तर किसनै आज म्हारे बीच बणाया
खेत कमावां सारी उमर फेर बी सांस ना उलगा आया
सोच-सोच कै सिर चकराया सै वे क्यूकर पाला जीत गये।।
उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।।
3. तरक्की करी हरियाणे मैं अपणा खून पसीना बाहकै रै
उपर ले तो फायदा ठागे हम बाट देखते मुंह बाकै रै
देखे चारों कान्ही धक्के खाकै रै मिल असली मीत गये।।
उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।।
4. चारों नकली लाल हरियाणे के उनतै यो सवाल म्हारा रै
गरीब क्यों घणा गरीब होग्या अमीर का भरग्या भंडारा रै
असली लाल प्रभात प्यारा रै रणबीर बणो ये गीत गये।।
उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।।
No comments:
Post a Comment