Wednesday, 20 November 2019

नया दौर

नया दौर
आस बंधी भोर हुई सै शोषण जारी रहै नहीं।
लोकलाज तै राज चलै ईब रिश्वत भारी रहै नहीं।।
1. रिश्वतखोर मुनाफाखोर की स्वर्ण तिजूरी नहीं रहै
  चेहरा सूख मरता भूखा इसी मजबूरी नहीं रहै
  गरीब कमावै उतना पावै बेगार हजूरी नहीं रहै
  शरीफ बसैंगे उत मरैंगे झूठी गरूरी नहीं रहै
  फूट गेरो राज करो की या महामारी रहै नहीं।।
2. करजे माफ हो ज्यांगे साफ, चालैगा दौर कमाई का
  बेरोजी भत्ता कपड़ा लत्ता हो प्रबन्ध दवाई का
  पैंशन होज्या सुखतै सोज्या मौका मिलै पढ़ाई का
  जच्चा-बच्चा होज्या अच्छा हो सम्मान लुगाई का
  मीठा पाणी चालै नल मैं पाणी खारी रहै नहीं।।
3. भाईचारा सबतै न्यारा कोए नहीं धिंगताणा हो
  बदली खातर ठाकै चादर ना चण्डीगढ़ जाणा हो
  हक मिलज्या घी सा घलज्या सबका ठोर ठिकाणा हो
  वोट दिये और नोट दिये इसा सिस्टम मिटाणा हो
  हम सबनै नारा लाया सै भ्रष्टाचारी रहै नहीं।।
4. पड़कै साज्यां चाले होज्यां कोण्या कुछ भी होवैगा
  माथा पकड़ कै भीतर बड़कै भाई बूक मारकै रोवैगा
  इसा मदारी रचै हुश्यारी हमनै बेच कै सोवैगा
  चोकस रहियो मतना सोइयो काटै उसे जिसे बोवैगा
  रणबीर सिंह बरोने आला कितै दरबारी रहै नहीं।।

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