पूंछ धरम की
जवाब तै सबक सीख कै चाहिये असली मांग ठाणी रै।
किसानी कै पूंछ धरम की करगी भाई कुणबा घाणी रै।।
1. लोंगोवाल का कतल हुया न्यों मोटा चाला होग्या था
कई हजार सिख मार दिये न्यों
नफरत फैली सारे देश मैं न्यों मन काला होग्या था
रोज मासूम जावैं मारे यो मिलण का टाला होग्या था
अमरीका का मुंह काला होग्या था डाण्डी मारी सै काणी रै।।
2. हरियाणे मैं दो काम करे हरित क्रांति जिब तै आई सै
साधन आला तै खूब चढ़ाया चेहरे पै लाली छाई सै
बिन साधन आला मार दिया म्हंगाई नै रेल बनाई सै
बेराजगारी बधी सुलफा दारू गाभरू चाल्या उल्टी राही सै
पुलिस अफसर मंत्री कई सैं भरैं गुण्डयां का पाणी रै।।
3. मेहनतकश की सही मांगां तै इनका कोए सरोकार नहीं
लावैं पूंछ पंजाबी लोकल की समझै म्हारी सरकार नहीं
मारे जावां हरियाणे मैं बी जो रहे हम खबरदार नहीं
बिना बात मारकाट होवैगी हिलै लूट का दरबार नहीं
गरीब की या मददगार नहीं सै व्यवस्था माणस खाणी रै।।
4. म्हारी हुश्यारी बिना कदे लीलो का चमन उजड़ज्या
अपणे कारज साधन नै देवर कदे हमनै छोड़ डिगरज्या
चांदकौर कहै सुणिये मेरी कदे सारा खेल बिगड़ज्या
लाल किले का सपना म्हारा कदे माट्टी म्हें रूलज्या
रणबीर सिंह चाहे नाड़ उतरज्या लिखै नहीं राजा राणाी रै।।
जवाब तै सबक सीख कै चाहिये असली मांग ठाणी रै।
किसानी कै पूंछ धरम की करगी भाई कुणबा घाणी रै।।
1. लोंगोवाल का कतल हुया न्यों मोटा चाला होग्या था
कई हजार सिख मार दिये न्यों
नफरत फैली सारे देश मैं न्यों मन काला होग्या था
रोज मासूम जावैं मारे यो मिलण का टाला होग्या था
अमरीका का मुंह काला होग्या था डाण्डी मारी सै काणी रै।।
2. हरियाणे मैं दो काम करे हरित क्रांति जिब तै आई सै
साधन आला तै खूब चढ़ाया चेहरे पै लाली छाई सै
बिन साधन आला मार दिया म्हंगाई नै रेल बनाई सै
बेराजगारी बधी सुलफा दारू गाभरू चाल्या उल्टी राही सै
पुलिस अफसर मंत्री कई सैं भरैं गुण्डयां का पाणी रै।।
3. मेहनतकश की सही मांगां तै इनका कोए सरोकार नहीं
लावैं पूंछ पंजाबी लोकल की समझै म्हारी सरकार नहीं
मारे जावां हरियाणे मैं बी जो रहे हम खबरदार नहीं
बिना बात मारकाट होवैगी हिलै लूट का दरबार नहीं
गरीब की या मददगार नहीं सै व्यवस्था माणस खाणी रै।।
4. म्हारी हुश्यारी बिना कदे लीलो का चमन उजड़ज्या
अपणे कारज साधन नै देवर कदे हमनै छोड़ डिगरज्या
चांदकौर कहै सुणिये मेरी कदे सारा खेल बिगड़ज्या
लाल किले का सपना म्हारा कदे माट्टी म्हें रूलज्या
रणबीर सिंह चाहे नाड़ उतरज्या लिखै नहीं राजा राणाी रै।।
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