Wednesday, 27 April 2016

भगवान

दीन धरम अर पुन कर्म यु देख लिया भगवान
एक भगवान दुनिया कहवै मैं कहता दो भगवान
साचा मानस नौकरी मैं दो दीन ना टिक पावै
होज्या साहब नाराज काम मैं कई खोट बतावै
करदे रिपोर्ट ख़राब चौबीस घंटे का नोटिस पावै 
उलटी मिली ना नौकरी जय सच ना छोड़ी जावै
मजबूरी मैं खड्या लखावै नीचे लीले असमान ||
बालक पालन खातिर दर दर ठोकर खानी पड़जयां
सत्य वफ़ा तप सब धरनी एक ठिकाणी पड़जयां
साच पै अड़या रहै तै रेल तले नाड़ धिकानी पड़जयां
साचे मानस नै साच की कीमत घनी चुकानी पड़जयां
साच की उठाई अर्थी इसका होवै बहोत घना अपमान ||
माट्टी गेल्याँ होज्या माट्टी फेर पसीना खूब बहावै
ठेठ पोह के मिहने मैं भी खेत मैं पानी ल्यावै
काली नागन बंधे उप्पर पड़ी पड़ी फ़न ठावै
मेहनत करकै छिक्ले फल फेर भी ना थ्यावै
तेरा राम जी क्यूं तेरी गेल्याँ पड़रया सोचै नै किसान ||
चोर ज़ार लुटेरों की यो राम करै रखवाली
पग पग उप्पर झूठ रचावै करै छेक खावै जिस थाली
घाट ये तोलें टैक्स बचावैं करैं कर घनी कुढाली
राम की आड लेके नै इन्ने घनी लूट मचाली
करीं छल रात दीन तान कै राम नाम की छान||
एक हांड़ी मैं दो पेट करा दिए इन बदमाशों नै
भोले गरीब का खून चूस लिया इन शाह्पाशों नै
साच त्याग तप की बलि चढ़ाई इन रंगबाजों नै
भोले मेहनतकश आपस मैं लड़ा दिए इन जंगबाजों नै
रणबीर का भगवान मेहनत कुबेर का मक्कारी सै भगवान ||

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