एक फौजी की घरवाली की दास्तां
तर्ज -कसमें वायदे प्यार वफा-
सोसाटी आला बाबू जी रोजाना फेरी मारै पिया।।
दारु पी कै घरनै आवै कुबध करण की धारै पिया।।
म्हारे घर अन्न वस्त्र का टोटा इतने जतन करैं फौजी
म्हारी जिन्दगी बीत गई हम टोटे के म्हां मरैं फौजी
लता कपड़ा नहीं औढ़ण नै जाड्डे के म्हां ठिरैं फौजी
बता जुलमी करजे का पेटा किस तरियां तैं भरैं फौजी
इस करजे की चिन्ता मनै शाम सबेरी मारै पिया।।
धरती सारी गहनै धरदी दबा लिए हम करजे नै
जितने जेवर थे घर मैं सब बिकवा दिये करजे नै
रोटी कपड़े के मोहताज हम बना दिए करजे नै
चोरी के झूठे इल्जाम म्हारे पै लुवा दिए करजे नै
सोसाटी आला बाबू जी ईज्जत पै हाथ पसारै पिया।।
जहरी नाग फण ठारे कुए जोहड़ मैं पड़ना दीखै
और नहीं गुजारा चलै ज्यान का गाला करना दीखै
करजा म्हारा नाश करैगा बिजली बिल भरना दीखै
मारुं सैक्टरी नाश जले नै ना आप्पै ए मरना दीखै
आंख मूंदगे हीजड़े होगे वोतै गाम नै ललकारै पिया।।
गरीब की बहू जोरु सबकी या समझै दुनिया सारी
मेहनत तो लूट लई या ईब ईज्जत लूटण की त्यारी
सारा गाम बिलखै फौजी कड़ै गया वो क्ृष्ण मुरारी
रणबीर सिंह नै बरोने कै मैं खोल बताई या बीमारी
करिए ख्याल तावला मेरा प्रेम कौर खड़ी पुकारै पिया।।
तर्ज -कसमें वायदे प्यार वफा-
सोसाटी आला बाबू जी रोजाना फेरी मारै पिया।।
दारु पी कै घरनै आवै कुबध करण की धारै पिया।।
म्हारे घर अन्न वस्त्र का टोटा इतने जतन करैं फौजी
म्हारी जिन्दगी बीत गई हम टोटे के म्हां मरैं फौजी
लता कपड़ा नहीं औढ़ण नै जाड्डे के म्हां ठिरैं फौजी
बता जुलमी करजे का पेटा किस तरियां तैं भरैं फौजी
इस करजे की चिन्ता मनै शाम सबेरी मारै पिया।।
धरती सारी गहनै धरदी दबा लिए हम करजे नै
जितने जेवर थे घर मैं सब बिकवा दिये करजे नै
रोटी कपड़े के मोहताज हम बना दिए करजे नै
चोरी के झूठे इल्जाम म्हारे पै लुवा दिए करजे नै
सोसाटी आला बाबू जी ईज्जत पै हाथ पसारै पिया।।
जहरी नाग फण ठारे कुए जोहड़ मैं पड़ना दीखै
और नहीं गुजारा चलै ज्यान का गाला करना दीखै
करजा म्हारा नाश करैगा बिजली बिल भरना दीखै
मारुं सैक्टरी नाश जले नै ना आप्पै ए मरना दीखै
आंख मूंदगे हीजड़े होगे वोतै गाम नै ललकारै पिया।।
गरीब की बहू जोरु सबकी या समझै दुनिया सारी
मेहनत तो लूट लई या ईब ईज्जत लूटण की त्यारी
सारा गाम बिलखै फौजी कड़ै गया वो क्ृष्ण मुरारी
रणबीर सिंह नै बरोने कै मैं खोल बताई या बीमारी
करिए ख्याल तावला मेरा प्रेम कौर खड़ी पुकारै पिया।।
No comments:
Post a Comment