Saturday, 13 December 2014

धोल कपड़िये

16  दिसंबर 2014 को निर्भया के साथ हुई जघन्य बलात्कार की घटना के दो वर्ष पूरे होने जा रहे हैं । इस प्रकार की हो रही तमाम जघन्य घटनाओं के विरोध में 12 संगठनों  के द्वारा मानसरोवर पार्क रोहतक में 2  बजे बाद दोपहर एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है ।  आप  सबसे अपील  है कि  ज्यादा से जयादा संख्या में शामिल  हों । 
"संगठनों के समूह की ओर  से "

धोल कपड़िये
मित्र बण कै वार करैं आज के धोल कपड़िये रै।
बेटा इन आली राही तूं मतना कदे पकड़िये रै।
बिना हेरा फेरी चोरी जारी ये जमा नहीं जी पावैं रै
मिलावट कर सब क्याहें मैं मुनाफा खूब कमावैं रै
बिना बात की बातां पै ये बणज्यां सैं अकड़िये रै।
बिन मेहनत कमा मुनाफा पीस्से नै पीस्सा खींचै रै
काले धन पर ऐष करैं सच्चाई तैं आंख मींचै रै
अरदास म्हारी सै इनके धोरे कै ना लिकड़िये रै।
काला धन कई तरियां के घर मैं ऐब ल्यावै फेर
दारू की लत पड़ज्या पराई बीर पै लखावै फेर
यो काला धन माणस नै घणा कसूता जकड़िये रै।
काली नैतिकता आज या धोली पै छाती आवै सै
सच्चाई कै गोला लाठी देकै रोजाना धमकावै सै
रणबीर काले की दाब मैं जमा नहीं सिकुड़िये रै।

नया साल चुनौतियों भरा है मंजूर सबको

कलकता हवाई अड्डे पर पता लगा की दामिनी ने अपने संघर्ष की आखिरी सांस सिंघापुर में ली है तो बहुत दुख हुआ और यह रागनी वहीं पर लिखी-
याद रहैगा थारा बलिदान दामिनी भारत देष जागैगा।
थारी कुरबानी रंग ल्यावैगी समाज पूरा हिसाब मांगैगा।
सिंघापुर मैं ले जा करकै बीह म थामनै बचा नहीं पाये
थारी इस कुर्बानी नै दामिनी आज ये सवाल घने ठाये
गैंग रेप की कालस का यो अंधेरा भारत देष तैं भागैगा।
दामिनी पूरा देश थारी साथ यो पूरी तरियां खड्या हुया
जलूस विरोध प्रदर्शन कर समाज सारा अड़या हुया
फांसी तोड़े जावैंगे वे जालिम इसपै हांगा पूरा लागैगा।
महिला संघर्ष की थाम दामिनी आज एक प्रतीक उभरगी
दुनिया मैं थारी कुर्बानी की कोने-कोने सन्देश दिगर गी
इसमें शक नहीं बचर या कोर्ट जालिमों नै फांसी टांगैगा।
लम्बा संघर्ष बदलन का सोच समझ आगै बढ़ ज्यांगे
मंजिल दूर साई दामिनी हम राही सही पै चढ़ ज्यांगे
कहै रणबीर सिंह नए साल मैं जालिम जरूरी राम्भैगा।
वास्तव में पूरे देश में एक बार निर्भया के हक में और ब्लात्कारियों के विरोध में एक जन सैलाब सड़कों पर उमड़ आया था। जस्टिस वर्मा की रिपोर्ट में कई सिफारिसें की गई थी ।

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