पति पत्नी में लेफ्ट और आप की रैल्ली पर बहस
महिला --लेफ्ट पार्टियां की रैल्ली हिसार मैं दखे उसमें जाना चाहूँ सूँ
पुरुष -----आप पार्टी की रैल्ली रोहतक मैं दखे तनै मैं बताना चाहूँ सूँ
महिला के लेगा आप मैं जाकै यो तो भानमती का कुनबा बताते हैं
बिना आइडियोलॉजी की पार्टी अपनी को केजरी जताते हैं
कुछ बात सही सैं उनकी पर महिला इशू तो नहीं उठाते हैं
दलित के सवालों पर भी अपने पत्ते नहीं खोल दिखाते हैं
खाप पर सही साफ समझ नहीं मैं न्यूँ समझाना चाहूँ सूँ ॥
पुरुष लेफ्ट देख लिया बंगाल मैं तीस साल का राज करया
ईमानदारी बरती पूरी सै पर आम का नहीं पेट भरया
धरती बंटी सबतैं फालतू पर मजदूर नै क्यूँ ना सरया
ममता नै क्यूँ कूँ मैं लाया कुर्सी पर तैं क्यूँ तार गिरया
लेफ्ट हरयाणा मैं कमजोर सै ज्यां आप नै ल्याना चाहूँ सूँ ॥
महिला किते की ईंट किते का रोड़ा भानमती नै कुनबा जोड्या
घनी तरियां की सोच के मानस इस बात नै मन तोड़या
कई जगां एक दूजे कै सर ठीकड़ा आपस के मैं फोडया
रोहतक जन सेवा संसथान नै इस कान्ही मुंह मोड़या
यो जनसंघी पक्का सै पिया साच साच दिखाना चाहूँ सूँ॥
पुरुष लेफ्ट की रैली तैं आप की रैल्ली या घनी बड्डी होवैगी
फेर बताऊँ तनै माथा पकड़ कै साँझ नै आकै रोवेगी
मेरे जी नै रोजाना तूँ बीज बिघन के संतरा बोवेगी
लेफ्ट का झूठा गुणगान करकै तूँ झूठे झगडे झोवैगी
लेफ्ट का इबै ब्योंत नहीं सै ज्यां आप अपनाना चाहूँ सूँ॥
महिला और तो मनै बेरा ना पर संघर्ष मैं रोज ये देखे बताऊँ
सही विवेकशील बात करैं ये मैं दिल खोलकै दिखाऊँ
महिला दलित के हिमायती कितने किस्से गिनवाऊं
त्रिपुरा केरल बंगाल मैं आवैंगे चाल हिसार समझाऊँ
कुलदीप कहै आप की छाप दिल तेरे तैं हटाना चाहूँ सूँ॥
No comments:
Post a Comment