Saturday, 15 March 2014

वोट देवां

चमेली पड़ौस की महिलाओं के बीच दोपहर को बात करती है ।
सभी महिलाएं महंगाई के बारे में बताती हैं । लैक्सन आगे पर महंगाई फेर
बी कम नहीं हुई । चमेली क्या कहती है ----
वोट देवां  जिब राखते हम सही गलत का ध्यान नहीं ॥
नाश करैंगे वे नेता जिनकै धोरै आज ईमान नहीं ॥
नजर घुमा कै देख लियो नित पेड़ झूठ का फलै सै
सच का तेल घलै दीवे मैं तो यो ज्ञान उजाला जलै सै
सच के दायरे मैं रहकै मन नहीं हिलाया हिलै सै
सच पै खड्या रहवै उसनै दिलां मैं जगां मिलै सै
विचार करै बुद्धि चेतन बिन चेतन मिलै ज्ञान नहीं ॥
भगत सिंह का नाम सुण्या धूम मचाई हिन्द म्हारे मैं
तेईस बरस का फांसी चढग्या सोचो कदे इस बारे मैं
सुणो आसान बात नहीं होती या ज्यान देनी आरे मैं
घर बार कति छोड़ दिया उसनै देश के प्रेम इशारे मैं  
म्हणत करकै दौलत पैदा करां समझे जां इंसान नहीं ॥
साच्ची बात कहूँ थारे तैं हम सच्चाई मंजूर करावैं
हाथ जोड़ कहूँ थारे तैं सच का साथ जरूर निभावें
सच्चाई पै चलना चाहिए सच्चाई का घर दूर बतावैं
बनावटी मिलावटी की जागां इंसानियत का नूर खिलावें
सच्चा सौदा ए बिकवावेंगे झूठ की चलै दुकान नहीं ॥
वो मानस ना किसे काम का जो सच पै सिर धुनै नहीं
अपनी कमाई का हिसाब वो बैठ कै कदे बी गिनै नहीं
वोहे मानस सदा सुख पावै सै जो बात झूठी सुनै नहीं
आज जो ठीक नहीं वो उस परम्परा का जाल बुनै नहीं
छुआछात की जो बात करै वो इंसान की संतान नहीं ॥

CHUNAV

हरयाणा  चुनाव के मुदे जिक्र कोए ना करता रै ॥
सबकी सेहत ठीक रहवै हाँ भरतें क्यूँ डरता रै ॥
आच्छी शिक्षा मिलै सबने  इस पर कोए विचार नहीं
पढ़ाई पढन बिठा राखी इसतैं बड़ा अत्याचार नहीं
क्वालिटी शिक्षा का नहीं कोए सही रास्ता उभरता रै॥
स्वास्थ्य सेवाएं प्राइवेट मैं गरीब जा नहीं पावै यो
सरकारी ढांचा बैठ लिया आज गरीब किट जावै यो
मुफ्त इलाज का दावा मरीज बिना इलाज मरता रै॥
बिना नौकरी लम्पट बनगे अपराधों का औड़ नहीं
पीसा चलै कै सिफारिस हाँडो जिसका जोड़ तोड़ नहीं
जनतंत्र पढण बिठाया भ्रष्ट का ना पेटा भरता रै ॥
नाज सड़ै गोदामां मैं जनता भूख तैं बिलख रही
अमीरी गरीबी पै हँसै लुआ विकास के तिलक रही

चुनाव अजेंडा जनता क्यूँ नहीं आज उतरता  रै ॥

विकास कहूँ या कहूँ तबाही

विकास कहूँ या कहूँ तबाही
विकास कहूँ या कहूँ तबाही , बात मेरी समझ नहीं आई,
हुई क्यों गामां की इसी छिताई , दिल्ली के गाम चर्चा मैं आये ॥
दिल्ली का विस्तार हुआ तो अनेक गाम इसमें आये थे
धरती अक्वायर करी इनकी घने सब्ज बाग़ दिखाए थे
बहोत घर बर्बाद हुए , जमा थोड़े घर आबाद हुए
पीकै दारू कई आजाद हुए , चपेट मैं युवा लड़के आये॥
दिल्ली तैं कोए सबक लिया ना ईब हरयाणा की बारी
एन  सी आर  के नाम तैं इसकी बर्बादी की तैयारी
विकास पर कोए चर्चा ना , आज पूरा पटता खर्चा ना
इसपै लिख्या कोए पर्चा ना , बीस लाख एक किल्ले के लाये॥
नशे का डूंडा पाड़  दिया ये नौजवान चपेट मैं आये
फ्री सैक्श के खोल दरवाजे युवक युवती भरमाये
हाल करे कसूते लूटेरे नै , मचाई लूट इनै चौफेरे  नै
बाँट जात पात पै कमेरे नै , नंबर वन के नारे लगाये ॥
ईको अर जेंडर फ्रेण्डली विकास समता साथ ल्यावै
ना तो दिल्ली जैसे खाग्या न्यूए एनसीआर इसनै खावै
बहस विकास ऊप्पर चलावां , नया  हरयाणा किसा  बणावां
रणबीर नक्शा मिलकै खिंचावाँ ,कैसे यो हरयाणा बच पाये ॥

महिला के अपने पति से सवाल

महिला के अपने पति से सवाल

सारे एकसी बात करैं किसकी मानूं बात पिया ॥
वोट लियाँ पाछै कई मारते कसूती लात पिया ॥
म्हारी पढ़ाई उप्पर सब अपने रंग मैं बोलैं
म्हारी कैड़ खड़े होकै थोड़े से बात सही  तोलैं
ये बालक नयों ए घूमैं  कोए नहीं पूछै जात पिया ॥
बीमार होज्यां तो इलाज करवाना मुस्किल होवै  
झाड़ फूंक पूजा पाजा गरीब इलाज उड़ै टोहवै
अन्धविसवासी कहै बतावैं म्हारी ऑकात पिया ॥
बिना नौकरी पैर भिड़ावैं कला धन खींच रह्या
क्यों खेवनहार आँख इस कंही तैं मींच रह्या
बेकार मानस नै बरतै खूबै या जात पात पिया॥
अमीर गरीब की खाई खुबै आज बढ़ायी देख
राम का रोल्ला नहीं सै नीति इसी ए बनाई देख

रणबीर बतावै हमनै कैसे कटै या रात पिया ॥

पति पत्नी में लेफ्ट और आप की रैल्ली पर बहस

पति पत्नी में लेफ्ट और आप की रैल्ली पर बहस
महिला --लेफ्ट पार्टियां की रैल्ली हिसार मैं दखे उसमें जाना चाहूँ सूँ
पुरुष -----आप पार्टी की रैल्ली रोहतक मैं दखे तनै मैं बताना चाहूँ सूँ
महिला    के लेगा आप मैं जाकै यो तो भानमती का कुनबा बताते हैं
             बिना आइडियोलॉजी की पार्टी अपनी को केजरी जताते हैं
             कुछ बात सही सैं उनकी पर महिला इशू तो नहीं उठाते हैं
            दलित के सवालों पर भी अपने पत्ते नहीं खोल दिखाते हैं
            खाप पर सही साफ समझ नहीं मैं न्यूँ समझाना चाहूँ सूँ ॥
  पुरुष   लेफ्ट देख लिया बंगाल मैं तीस साल का राज करया
             ईमानदारी बरती पूरी सै पर आम का नहीं पेट भरया
             धरती बंटी सबतैं फालतू पर मजदूर नै क्यूँ ना सरया
             ममता नै क्यूँ कूँ मैं लाया कुर्सी पर तैं क्यूँ तार गिरया
 लेफ्ट हरयाणा मैं कमजोर सै ज्यां आप नै ल्याना चाहूँ सूँ ॥
महिला    किते की ईंट किते का रोड़ा भानमती नै कुनबा जोड्या
             घनी तरियां की सोच के मानस इस बात नै मन तोड़या
             कई जगां एक दूजे कै  सर ठीकड़ा आपस के मैं फोडया
              रोहतक जन सेवा संसथान नै इस कान्ही मुंह मोड़या
              यो जनसंघी पक्का सै पिया साच साच दिखाना चाहूँ सूँ॥
पुरुष        लेफ्ट की रैली तैं आप की रैल्ली या घनी बड्डी होवैगी  
              फेर बताऊँ तनै  माथा पकड़ कै साँझ नै आकै रोवेगी
              मेरे जी नै रोजाना तूँ बीज बिघन के संतरा बोवेगी
              लेफ्ट का झूठा गुणगान करकै तूँ झूठे झगडे झोवैगी
               लेफ्ट का इबै ब्योंत नहीं सै ज्यां आप अपनाना चाहूँ सूँ॥
महिला     और तो मनै बेरा ना पर संघर्ष मैं रोज ये देखे बताऊँ
              सही विवेकशील बात करैं ये मैं दिल खोलकै  दिखाऊँ
              महिला दलित के हिमायती कितने किस्से गिनवाऊं
              त्रिपुरा केरल बंगाल मैं आवैंगे चाल हिसार समझाऊँ
              कुलदीप कहै आप की छाप दिल तेरे तैं हटाना चाहूँ सूँ॥
 

      

नकली झाड़ू असली झाड़ू

नकली झाड़ू असली झाड़ू
असली झाड़ू नकली झाड़ू की फर्क समझ नहीं आई
एक झाड़ू केजरी लेरया असली झाड़ू पाछे नै धिकाई
नकली झाड़ू रोहतक मैं बैठ कै नै आयी सफारी मैं
असली झाड़ू हिसार मैं आयी टूटी फूटी सवारी मैं
रैली तैं उलटे जाते देखे जिब मनै फर्क दिया दिखाई
पाँच सीटों मैं तैं दो पर चौखे पीसे आले छांटे बताये
बिना दो नंबर के ये पीसे एक मैं किस ढालाँ कमाए
हिसार कुरुक्षेत्र जूत बज्या टिकट सही कै ना थयाई
कितै की ईंट कितै का रोड़ा केजरी  नै कुनबा जोड़या
केजरीवाल नै असल झाड़ू तैं बूझो क्यूँ मुंह मोड़या
बिना आइडियोलॉजी ना कोए पार्टी लाम्बी चल पायी
मोदी मोदी करैं अमीर हम उनकी बहका मैं आवैं
किसानो सोच लियो बिना असली झाड़ू ना काबू पावैं
कांग्रेस झाड़ू आड़ू भजपा झाड़ू मानस मार बताई


भाजपा

भाजपा हुई सै हड़खाई भाई मोदी मोदी पुकारै रै॥
मोदी अमरीका का टोडी किसान नहीं बिचारै रै॥
अटल बिहारी माफी मांगकै जेल तैं बाहर आये थे
गोडसे आर एस एस का जिनै गांधी मार गिराए थे
मंदिर मस्जिद के झगडे अपने हथियार सँवारै रै॥
देशी की बात करै बदेशियाँ तैं हमेश हाथ मिलाये रै
बदेशी लूट के खोले दरवाजे हाम समझ ना पाये रै
दंगे करवा हिन्दू मुस्लिम के घने मानस या मारै रै॥
इतिहास गवाह सै इसका देश का या नाश करैगी
डंडे गेल्यां हाँकैगी सबनै अम्बानी का पाणी भरैगी
भाजपा नै रोको किसानो फासीवाद खड्या द्वारै रै॥
आज कही याद राखियो याद कमजोर म्हारी देखो
भजपा आगी तो मुशीबत होज्या सबनै भारी देखो
सोच समझ कै वोट गेरियों भाजपा जरूरी हारै रै॥