Saturday, 4 June 2011

JANTA BHI KAM DOSHI NAHIN HAI

मुझे पढाया बताया मेहनत और ईमानदारी
ऊंचे मानवीय गुण हैं हम कहलाते संस्कारी 
ठीक उल्टा देख रहा हूँ  आज के अपने समाज में
बेईमानी और घोटाले छाये बड़े नए अंदाज में
पांच एकड़ जमीन बिकी  रुपये तीन करोड़ मिले
दो भाई दो बहन के रिश्ते बाँट पे बुरी तरह हिले
भाईयों ने दी दोनों  बहनों की पांच लाख की सुपारी  
भून डाली गोलियों से भूल गए सब दुनियादारी
छोटे ने बड़े को अपने  रास्ते से चाहा हटवाना फिर  
सोते हुए का काट कर  ये  फैंक दिया नहर में सिर
तीन करोड़ का मालिक बना खिलाके पैसे बच गया
ईमानदारी का और मेहनत का नया इतिहास रच गया 
अपराधीकरण और भ्रष्टाचार  हमारे समाज में छाये
इमानदार चुप बैठे देखो   इनके सामने सिर छुकाए
ऍम अल  ए भी फिर लोगों ने बना ही दिया उसको 
किसे दोष दें यहाँ पर रणबीर नहीं पता चला मुझको  

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