Sunday, 3 April 2011

चश्मा जात का

चश्मा जात का --बैरी म्हारा

जिस दिन भाईयो यो जात का चश्मा टूटैगा

उस दिन पैंडा म्हारा जुल्मी शोषण तैं छूटैगा

हमनै बाँटन नै बैरी नै हथियार बनाई या

गेहूं के खेत मैं पैदा खरपतवार बताई या

दीवार जै नहीं ढाई या सिर म्हारा फूटैगा ||

म्हारे सेष के सब माणस जात्यां मैं बाँट दिए

नयों म्हारी एकता के लुटेरयाँ नै पर काट दिए

समझान तै नाट दिए यो लुटेरा हमनै चूटैगा ||

लुटेरयाँ की जात मुनाफा आंख खोल देख्या ना

लुटेरे एकै बोली बोलें हमने बोल कै देख्या ना

नाप तोल कै देख्या ना मुनाफा खोर न्यूं लूटैगा ||

रणबीर बरोने आला याहे बिनती आज करै सै

नए ज़माने मैं क्यों इसकी कुली आज भरै सै

इस्ते काम ना आज सरै सै इसतैं दूना गल घूंटैगा ||

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