निजीकरण मुर्दाबाद
अमीरों के महल अटारी, म्हारी झोंपड़ी ढहती जारी, निजीकरण की डांडी मारी, पेट अमीरों के फूल रहे।
1
अंबानी और अदानी की तल्हडू सै सरकार म्हारी
टैक्स बढ़ा कै नै इसनै जनता की खाल सै उतारी
जात धर्म पै बांट भाकरी, बढ़ी देश मैं बेरोजगारी, निजीकरण देश मैं छारी,
पकड़ मामले तूल रहे।।
2
या मेरिट पढ़ण बिठादी, शिक्षा की गुणवत्ता खोदी
महिला विरोधी शिक्षा तैं शयान हरियाणा की डबोदी
महिला की करें थानेदारी, करते ये फरमान जारी, निजीकरण के बने प्रचारी, पढ़े लिखे आज कर भूल रहे।।
3
विकास जनता का कहते, तिजौरी भरते अंबानी की
सब्सिडी खत्म गरीबों की बढ़ी सब्सिडी अडानी की
महिला खड़ी पुकार रही, क्यों बढ़ व्यभिचार रही, गैंग रेप की झेल मार रही, मर इंसानी असूल रहे।।
4
निजीकरण के विरोध का हम हटकै संकल्प लेवां रै
निजीकरण की व्यवस्था नै मिलकै झटका देवां रै
यो बराने आला रणबीर, यो लिखता सही तहरीर, निजीकरण मामला सै गंभीर, क्यों इसपै बैठ झूल रहे ।।
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