Monday, 22 July 2024

571 से 579

570 तबाही विकास कहूँ या कहूँ तबाही , बात मेरी समझ नहीं आई, हुई क्यों गामां की इसी छिताई , दिल्ली के गाम चर्चा मैं आये ॥ दिल्ली का विस्तार हुआ तो अनेक गाम इसमें आये थे धरती अक्वायर करी इनकी घने सब्ज बाग़ दिखाए थे बहोत घर बर्बाद हुए , जमा थोड़े घर आबाद हुए पीकै दारू कई आजाद हुए , चपेट मैं युवा लड़के आये॥ दिल्ली तैं कोए सबक लिया ना ईब हरयाणा की बारी एन सी आर के नाम तैं इसकी बर्बादी की तैयारी विकास पर कोए चर्चा ना , आज पूरा पटता खर्चा ना इसपै लिख्या कोए पर्चा ना , बीस लाख एक किल्ले के लाये॥ नशे का डूंडा पाड़ दिया ये नौजवान चपेट मैं आये फ्री सैक्श के खोल दरवाजे युवक युवती भरमाये हाल करे कसूते लूटेरे नै , मचाई लूट इनै चौफेरे नै बाँट जात पात पै कमेरे नै , नंबर वन के नारे लगाये ॥ ईको अर जेंडर फ्रेण्डली विकास समता साथ ल्यावै ना तो दिल्ली जैसे खाग्या न्यूए एनसीआर इसनै खावै बहस विकास ऊप्पर चलावां , नया हरयाणा किसा बणावां रणबीर नक्शा मिलकै खिंचावाँ ,कैसे यो हरयाणा बच पाये ॥ 571 LAMBEE LINE EVERY WHERE जित बी जाऊं उड़ै घणी लाम्बी लाईन लगी क्यों पावै हे || सरकारी मैं भीड़ या जेब प्राइवेट खाली क्यों करावै हे || कुपोषण प्रदूषण मिलावट कारण बड्डे बीमारी के इनके बढ़ते जाने से बढे हमले ज्यान हमारी के इसपै किसे का ध्यान नहीं कसूर बतावैं करतारी के पौष्टिक खाना साफ पाणी हवा राज सेहत म्हारी के इन पै गौर करने नै म्हारी सरकार क्यों नजर चुरावै हे || बीमारी हुये पाछै इलाज का ढांचा जरूरी बतावैं कितै स्टाफ कम कितै दवाई मरीज घणे दुःख पावैं नीति खागी सरकारी ढांचे नै ये प्राइवेट फूलते जावैं सरकार का हैल्थ बजट ये जान कई नहीं बढ़ावैं कसूर किसे का होवै बेबे फेर सजा और कौए पावै हे || मरीज और डॉक्टर आज आहमी साहमी भिड़ा राखे हे तीन हजार नर्स जित उड़ै आठ सौ तैं काम चला राखे हे उपरल्यां नै अपने चेहते चोखी जागां बिठा राखे हे बढ़िया डॉक्टर नर्स भी जनता की न्यों गाली खावै हे || डीजीज डॉक्टर और ड्रग का फार्मूला फेल हो लिया हे म्हारी सरकारां खातर तो यो जमा खेल हो लिया हे बेईमान तो राज करते ईमानदार नै जेल हो लिया हे रणबीर कम्प्पणी और कुछ डाक्टरों का मेल हो लिया हे थ्री डी का नारा दुनिया मैं शार्ट कट का राह बतावै हे|| 572 दो सखियाँ हैं । चंदकौर का दो साल पहले ब्याह हो जाता है । वह जब अपने पीहर आती है तो उसे पता चलता है कि कमला और युद्धबीर जो दूसरी जात से है और उसके कालेज में पढता है ,शादी करना चाहते हैं । एक रोज दोनों सखियाँ मिलती हैं ।चाँदकौर कमला से पूछती है कि क्या सुन रही हूँ । दोनों के सवाल जवाब होते हैं :- चाँ- कमला सुणले बात मेरी मतना रोपै चाला हे।। क:एक बै जो मन धार लिया कोन्या होवै टाला हे। चाँ: म्हारे बरगी छोरी नै ना वर आपै टोहना चाहिए क:गलत रीत बात पुराणी ना इनका मोह होना चाहिए चाँ: अपनी जात कुटम्ब कबिला ना कदे नाम डबोना चाहिए क:जातपात का झूठा रोला दिल का बढ़िया होना चाहिए चाँ:के टोहया तनै छैल गाभरू रंगका दीखैकाला हे क:रूप रंग मैं के धरया सै इंसान गजब निराला हे चाँ:नकशक रूप रंग पै तो या दुनिया मरतीआई सै क:बिना विचार मिलें तो फेर कोन्या भरती खाई सै चाँ: मात पिता वर टोहवैं या दुनिया करती आई सै क: डांगर ज्यूँ खूंटै बांधैं जणो गऊ चरती पाई सै चाँ:बात मानले कमला बेबे टोहले बीच बिचाला हे क: उंच नीच देख लई सै बदलूँ कोन्या पाला हे चाँ: यो तेरा भूत प्रेम का थोड़े दिन मैं उतर ज्यागा क: एक सै मंजिल म्हारी क्योकर प्यार बिखर ज्यागा चाँ: बख्त की मार पड़ैगी हे वो तनै छोड़ डिगर ज्यागा क:बख्त गैल लडां मिलकै संघर्ष मैं प्रेम निखर ज्यागा चाँ: जानबूझ कै मतना करै जिंदगानी का गाला हे क: वो मनै चाहवै सै मैं फेरूं उसकी माला हे चाँ: गाम गुहांड घर थारे नै जात बाहर करैगा हे क: बढ़िया बात नै रोकै वो गल्त विचार मरैगा हे चाँ: घर बार बिना ना तमनै दिन चार सरैगा हे क: गादड़ की मौत मरै जो एक बार डरैगा हे चाँ:कमला तूँ फेर पछतावैगी थारा पिटै दिवाला हे क: चाँदकौर क्यों घबरावै सै रणबीर म्हारा रूखाला हे जुलाई 1989 573 रेगुलर नौकरी रेगुलर नौकरी पाना कोन्या कति आसान बताऊँ मैं || सी ऍम ऍम पी सब धोरै पाँच साल तैं धक्के खाऊँ मैं || पहलम कहवैं थे टेस्ट पास करे पाछै तूं बताईये पास करे पाछै बोले पहले चालीस गये बुलाईये एक विजिट चार सिफरिसी दो हजार तले आऊँ मैं || सरकारी नौकरी रोज तड़कै ढूंढूं सूँ अख़बार मैं दुखी इतना हो लिया सूँ यकिन रहया ना सरकार मैं एजेंट हाँडें बोली लानते कहैं चाल नौकरी दिवाऊं मैं || एम् सी ए कर राखी कहैं डेटा आपरेटर लवा देवां कदे कहैं नायब तसीलदार ल्या तनै बना देवां तिरूँ डूबूं मेरा जी होरया सै पी दारू रात बिताऊँ मैं || घर आली पी एच डी करै उसकी फिकर न्यारी मने दोनूं बेरोजगार रहे तो के बनेगी या चिंता खारी मने रणबीर बरोने आले तनै सुनले दुखड़ा सुनाऊँ मैं || 574 करुं बिनती हाथ जोड़ कै मतना फौज मैं जावै।। मुष्किल तैं मैं भरती होया तूं मतना रोक लगावै।। एक साल मैं छुटी आवै होवै मेरै समाई कोन्या चार साल तैं घूम रहया आड़ै नौकरी थ्याई कोन्या बनवास काटना दीखै सै कदे कसूर मैं आई कोन्या बेरोज गारी का तनै बेरा मैं करता अंघाई कोन्या आड़ै ए खा कमा ल्यांगे नहीं तेरी समझ मैं आवै।। मैं के जाकै राजी सूं पेट की मजबूरी धक्का लावै।। थोड़ा खरचा करल्यांगे म्हारा आसान गुजारा होज्यागा बेगार करनी पड़ैगी हमनै म्हारा जी खारया होज्यागा साझे बाधे पै ले ल्यांगे किमै और साहरा होज्यागा सोच बिचार लिए सारी म्हारा जीना भारया होज्यागा कोन्या चाहिये तेरी तिजूरी जी गैल रैहवणा चाहवै।। मनै तान्ने दिया करैगी ना तूं बूजनी घड़ाकै ल्यावै।। ठाडे पर ना बसावै हीणेे पर दाल गलै सै देखो धनवानां की चान्दी होरी ना उनकी बात टलै देखो बात इसी देख जी मेरा बहोत घणा जलै सै देखो जो म्हारे बसकी ना उसपै के जोर चलै से देखो दिल मेरा देवै सै गवाही जाकै तूं नहीं उल्टा लखावै।। इसी फेर कदे ना सोचिए न्यों फौजी आज बतावै।। तनै जाना लाजमी फौजी मेरी कोन्या पार बसाई अंग्रेजां नै देष लूट लिया भगतसिंह कै फांसी लाई उनके राज ना सूरज छिपता क्यों लागी तेरै अंघाई सारे मिलकै जिब देवां घेरा ना टोहया पावै अन्याई सारी बात सही सैं तेरी पर मेरा कौण धीर बंधावै।। देखी जागी जो बीतैगी रणबीर ना घणी घबरावै।। 575 हांडे छात मुहैया कराने आला।। कल्याण कानून थोड़ी सी हमें राहत दिलाने आला।। 1 हरियाणे मैं बाइस लाख निर्माण मजदूर बताये इनमां तैं बीस प्रतिशत बस रजिस्टर सैं हो पाये प्रवासी मजदूरों को नहीं दफ्तर राह बताने आला।। 2 ऑन लाइन ऑफ लाइन मजदूर आज उलझाये निर्माण मजदूर दुखी हो आज सड़कां उपर आये संघर्ष करकै नै हुया मजदूर मांग मनाने आला।। 3 एकाध मांग मानी म्हारी बाकियों पै कर इंकार रहे इलाज और दूसरी मांग नाटे जो चला सरकार रहे उन्तीस सौ करोड़ जमा ना देता सरकार चलाने आला।। 4 एक आदमी एक सुविधा इसके बाहनै हक खोसैं बयानबाजी ये करैं झूठी रणबीर मजदूरों को कोसैं लाल झंडे तैं न्यारा यो नहीं पाया मेर कटाने आला ।। 576 भूख भूख बीमारी घणी कलिहारी कहैं इसका कोये इलाज नहीं।। बाकी सारी टहल बजारी या करै मानस का लिहाज नहीं।। 1 भूख रूआदे भूख सुआदे भूख बिघन का काम करै भूख सतादे भूख मरादे भूख ये जुल्म तमाम करै कितना सबर इंसान करै उनकै माचै खाज नहीं ।। बाकी सारी टहल बजारी या करै मानस का लिहाज नहीं।। 2 शरीर बिकादे खाड़े करादे भूख कति बर्बाद करै आछे भुन्डे काम करादे मानस हुया बर्बाद फिरै आज कौन किसे नै याद करै दीखै कोये हमराज नहीं बाकी सारी टहल बजारी या करै मानस का लिहाज नहीं।। 3 भूख पैदा करै भिखारी पैदा बड़े बड़े धनवान करै एक नै भूख दे करकै दूजा पेट अपना बेउन्मान भरै एक इत्तर मैं स्नान करै दूजे धोरै दो मुट्ठी नाज नहीं ।। बाकी सारी टहल बजारी या करै मानस का लिहाज नहीं।। 4 लूट नै दुनिया भाइयो दो पाल्यां बिचाळै बांट दई मेहनत करने आला भूखा मक्कारी न्यारी छाँट दई लूट नै सच्चाई आँट दी रणबीर सुनै धीमी आवाज नहीं ।। बाकी सारी टहल बजारी या करै मानस का लिहाज नहीं।। 577 अपने हाथ कलम पकड़ो चालाक आदमी फैयदा ठारे , इब माणस की कमजोरी का घर की खांड किरकरी लागे , कहैं गूँद मीठा चोरी का भगत और भगवान के बीच , दलाल बैठगे आकै एक दूसरे की थाली पै , यें राखें नजर जमाकै सीधी साच्ची बात करैं ना , यें करते बात घुमाकै झोटे जैसे पले पड़े यें , सब माल मुफ्त का खाकै म्हारी जेब पै बोझ डालते , अपनी जीभ चटोरी का|| हम बैठे भगवान भरोसे , ये कहरे हम दुःख दर्द हरैं यें मंदिर की ईंट चुरा कै अपने घर की नीव धरैं सारा बेच चढ़ावा खाज्याँ टीका लाकै ढोंग करैं आप सयाने हम पागल बनाये , पाप करण तैं नहीं डरें म्हारी राह मैं कांटे बोये , यें फैयदा ठारे धौरी का || राम के खातर खीलां फीकी ,यें काजू पिसता खावें भगवान के ऊपर पंखा कोनी , यें ए सी मैं रास रचावें मुर्गे काट चढ़ा पतीली , यें निश दिन छौंक लगावें रिश्वत ले कै राम जी की , यें भगतों तैं भेंट करावें बड़े बड़े गपौड़ रचें , यें करते काम टपोरी का || यें व्रत करारे धक्के तैं , धर्म का डर बिठा कै खुद पड़े पड़े हुक्म चलावें म्हारी राखें रेल बना कै टीके लाकै पोथी बांचें , कई राखें झूठे ढोंग रचा कै 'रामेश्वर ' सब अँधेरा मेटो , थाम तर्क के दीप जला कै अपने हाथ कलम पकड़ो , लिखो इब अंत स्टोरी का || 578 आज ही अमर उजाला में खबर पढ़ी तो दिल कांप सा गया । समझ नहीं आया इस संकट का समाधान । एक रागनी दिमाग में आई। क्या सोचा भला --- गांव मैं बैंक की गाड़ी देखकै मेरे बालक सहम जावैं कर्ज के कारण फांसी खाई पति मेरे याद घणे आवैं 1 बैंक का कर्ज पाट्या कोण्या ज्यां फांसी उसनै खाई सिरसा के हंजीरा गांव मैं ये सबकी आंख भर आईं छोड़ गया पत्नी एकेली दो बालक यांणे खड़े लखावैं।। 2 बैंक की दाब म्हारे उप्पर रोजाना बढ़ती जावै देखो जीप चक्कर देवै घरके बालकों मैं दहशत छावै देखो अवसाद की शिकार हुई मैं बैंक आले भी धमकावैं ।। 3 मासूम निशा ग्यारा साल की जीप कान्ही लखाएँ जा प्रिंस बेटा आठ साल का डरकै नै आंसू बहाएं जा पढ़ाई का खर्चा पाटै कोण्या चिंता और कई खावैं।। 4 बैंक अधिकारी कहवै सै कर्ज जमीन पै लिया गया कोर्ट तैं भी डिक्री का यो फैंसला बैंक तैं दिया गया कहै रणबीर कुर्की आगी इसतै कैसे पिंड छुटावैं।। 579 मजदूर- ना गश लावै भाई बिगाड़या तेरा मिजान नहीं ।। किसान- मजदूरी बाधू मांगें जावै करै म्हारा ध्यान नहीं ।। 1 मजदूर- करकै गाड़ी त्यार राज की दो पहिये इसमैं डाल दिये किसान- हम जोड़ दिए लागू पूरे मजदूर कर माला माल दिये मजदूर- असवार हुया सै मोटा दोनों के मरण के हाल किये किसान- थारे मैं बांट म्हारी कमाई हम उसनै कंगाल किये मजदूर- बण्या डलेवर पूंजीपति हम करते यो ध्यान नहीं।। किसान- मजदूरी बाधू मांगें जावै करै म्हारा ध्यान नहीं ।। 2 मजदूर-बैठ्या बैठ्या बंगळ्यां मैं ओ मौज उड़ावै सै किसान- मेहनत हम करां सां क्यूकर लूट ले जावै सै मजदूर- कमाई तीस की करवाकै देकै आठ भकावै सै किसान-ओ क्यूकर लूटै सै जब भा सरकार ठहरावै सै मजदूर- ये टोटके समझे बिना होवै कति कल्याण नहीं।। किसान- मजदूरी बाधू मांगें जावै करै म्हारा ध्यान नहीं ।। 3 मजदूर-उठ सवेरे ही हम दोनों अपने अपने काम पै जावैं सैं किसान-मर पिट कै सांझ ताहिं ये गण्ठा रोटी थ्यावैं सैं मजदूर-टूट्या फूट्या घर म्हारा मुश्किल गुजारे हो पावैं सैं किसान-रच दिया संसार उसनै ये थाह किसनै थ्यावैं सैं मजदूर- रूस लिया कमेरयां तैं म्हारा यो भगवान नहीं ।। किसान- मजदूरी बाधू मांगें जावै करै म्हारा ध्यान नहीं ।। 4 मजदूर- इतनी मैं ना पार पड़ै हमनै आपस मैं कटवावै यो किसान-किसान नै मजदूर खाग्या यही हमनै बतलावै यो मजदूर- एक डाँडी तैं मारै मनै दूजी तैं तनै खावै यो किसान-मारै क्यूकर मनै बता अन्नदाता मनै बतावै यो रणबीर बिना म्हारे मेल होवै कोये समाधान नहीं ।। किसान- मजदूरी बाधू मांगें जावै करै म्हारा ध्यान नहीं ।।

580 से 591

580 मनुवाद अनादि ब्रह्म नै धरती पै यो संसार रचाया कहते मुंह बांह जांघ चरणों तैं सै सबको बसाया कहते 1 मुंह तैं बाह्मण पैदा करे चर्चा सारे हिंदुस्तान मैं बाँहों से क्षत्रीय जन्मे जो डटते आये जंगे मैदान मैं जांघ से वैश्य पैदा करे लिख्या म्हारे ग्रन्थ महान मैं चरणों से शुद्र जन्म दिये आता वर्णों के गुणगान मैं चार वर्णों का किस्सा यो जातों का जाल फैलाया कहते 2 भगवान नै शुद्र के ज़िम्मे यो एक काम लगाया बाक़ी तीनों वर्णों की सेवा शुद्र का फर्ज बताया शुद्र जै इणनैं गाली देदे जीभ काटो विधान सुनाया नीच जात का बता करकै उसतैं सही स्थान दिखाया मनुस्मृति ग्रन्थ मैं पूरा हिसाब गया लिखाया कहते 3 शुद्र जै किसे कारण तै इणनैं नाम तैं बुला लेवै दस ऊँगली लोहे की मुंह मैं कील ठुका देवै भूल कै उपदेश देदे तै उसके कान मैं तेल डला देवै लाठी ठाकै हमला करै तो शुद्र के वो हाथ कटा देवै मनु स्मृति नै शुद्र खातर नर्क कसूत रचाया कहते 4 बाबा अम्बेडकर जी नै मनुस्मृति देश मैं जलाई थी उंच नीच की या कुप्रथा मानवता विरोधी बताई थी कमजोर तबके कट्ठे होल्यो देश मैं अलख जगाई थी आरएसएस मनुवाद ल्यावै असली शक्ल दिखाई थी रणबीर महात्मा बुद्ध भी इसपै सवाल ठाया कहते 581 86 के दौर के हालात पर डांगर बरोबर माणस होगे फासला खास रहया कोण्या।। माची घणी सै आपा धापी बरतावा धांस रहया कोण्या।। 1 लूट पाट का दरबार लग्या चिड़िया नै खा बाज रहया हो दिन धौली कत्लोगारत भरोसा कोण्या आज रहया बलात्कारी बणे चौधरी हो बदचलनी का राज रहया पुलिस बदमाशां की यारी हो किसा बेढंगा काज रहया बढ़ी बेकारी भूख गरीबी यो पीसा पास रहया कोण्या।। 2 श्यामत चढ़गी कीमत बढ़गी पूरे सात असमानां मैं बिना बात करवाया घात हिन्दू और मुसलमानां मैं गरीब रोवै सै नसीबां नै आवै सरकारां की चालां मैं भेडिये भीतर तैं असली ये घले बकरी की खालां मैं दिन रात कमाया बावला कदे शाबाश कहया कोण्या।। 3 नाक तैं आगै देखण नै खामखा मतना जतन करो लूट गरीब की मेहनत नै फेर भगवती का भजन करो गरीब अमीर की खाई नै बस बात बातां मैं दफन करो नाश राही सुरग मिलता अच्छाई नै जला वतन करो होगे भोगी ढोंगी कसूते जनता पै जावै सहया कोण्या।। 4 मुनाफा चाहिए अमीराँ नै बणग्या पैमाना समाज का बिकता ईमान यो कपूरे का ना काम शर्म लिहाज का रणबीर आज बिकै मुख्यमंत्री इस पूंजीवादी राज का अमीर दूना अमीर हुया कितै तोड़ा हुया अनाज का म्हारे नेतावां नै भी दखे यो नाश जमा लहया कोण्या ।। 1.6.86 582 कॉल डाउन बिना तैयारी ना लगाणा था पूरा प्लान बनाकै सबको ही बताणा था स्वास्थ्य ढांचा म्हारा मजबूत बनाणा था जनता जैसे तैसे चाहया अमल करया।। 1 एक हिस्सा तो घर मैं बैठ गया जाकै बड़ा हिस्सा तो देखै था एड्डी ठा ठाकै अफरा तफरी मैं देखै था वो मूँह बाकै कई प्रदेशां मैं दीख्या भूख तैं घिरया।। 2 दाल रोटी की वो बाट देखता रहया सरकारी तंत्र कई जगां कति ढहया भूख और प्यास इब तलक सहया कोये बच्या कोरोना तैं कोये मरया।। 3 केस बढ़े लॉक डाउन पड़ी बढ़ाणी दिहाड़ीदार की होरी कुणबा घाणी बात क्यों कहि जो नहीं थी निभाणी कई का खाली कुछ का जमा भरया।। 4 छबीस हजार तैं ऊपर जा लिये रोगी इसी व्यथा आज तलाक नहीं भोगी कोरोना नीचे ऊंचे होंश सबके खोगी रणबीर संसार कोरोना तैं घणा डरया।। 583 सरतो नफेसिंह की चिट्ठी पढ़कर क्या सोचती है भला: कई स्वारथ साधे चाहवै अमरीका जंग की आड़ मैं॥ दुनिया नै डराना चाहवै लगा टीका सब की जाड़ मैं॥ इराक को बुश नै धुरी बुराई की बताया आज काल ताहिं सद्दाम बढ़िया भूण्डा क्यों दिखाया आज इराक इरान उत्तर कोरिया एक साथ बिठाया आज आतंकवाद के बाबू नै देखो इराक सताया आज क्यूकर होवै तेल बंटाई फंसगे आपस की राड़ मैं॥ उसके पिट्ठू इराकी जितने सबमैं लाखां डालर बांटे कटपुतली सरकार ताहिं उसनै अपने गुर्गे छांटे गुप्त योजना घड़ी बताई सब ताहि बतावण तै नाटे जिननै सवाल करया कोई वे घणी कसूती ढाला डांटे अपणी मण्डी बधवण ताहि आग लाई देशां की बाड़ मैं॥ नब्बे मैं बम्ब बरसाकै इराक मैं लाखां लोग मार दिये महिला बच्चे और बूढ़े बिन मौत के घाट उतार दिये दो हजार पाउंड का बम्ब इराक पै कसूते वार किये पाबन्दी चाली आवै जिबतै भूख नै लोग बीमार किये अमरीका देखै स्वारथ अपना बाकी जाओ सब भाड़ मैं॥ इजराइल फिलीस्तीन नै घणी कसूती ढाल सतावै अमरीका इजराइल का क्यों जमकै नै साथ निभावै प्रधानमंत्राी मारया जिसनै उनै शांति पुरुष बतावै बिन लादेन का यारी बता सद्दाम नै सबक सिखावै कहै रणबीर भरैगी बुड़का जनता बुश की नाड़ मैं॥ श्रेणी: हरियाणवी रचना KAVITA KOSH 584 15/3/1993 इतनी दारू क्यों पीवै, कर लिया सत्यानाश तनै।। तों आच्छा बीच्छा था, दुनिया कहै बदमाश तनै।। 1 धमलो जितनी चाद्दर उतना ए पसरो, या दुनिया कहती आई दारू सुल्फे के चक्कर मैं या धरती बटै लाई यार बॉस जितने तेरे, उणनै मेरे पै नजर जमाई खप्पर भरणी दारू नै , मेरी सारी ए टूम बिकाई इतना घटिया माणस होग्या क्युकर दयूं शाबाश तनै।। 2 रमलू मेरे बस की बात कोण्या ठेका मेरे पाहयां नै खींचै सांझ होंते की गेल्याँ सांस होवै ऊपर और नीचै बोतल जब पूरी भीतर जाले,या आंख मेरी मींचै गम सारे भूलूँ धमलो या सोचण के पट भींचै तिरूं डुबूं रहवै कालजा सब बातां का अहसास मनै।। 3 धमलो घर कोए बच्या नहीं सै माणस छिदा बचरया सै बाबू टोहवै बेटे आली यो बेटा बाबू कै खसरया सै पी दारू ऐड़े बैड़े बोलैं घरां अंधेरा यो बसरया सै औरत कितै महफूज नहीं गल मैं फांसा फँसरया सै हाथ जोड़ कहण मेरा थोड़ा जमा ना हो विश्वास तनै।। 4 रमलू आदत पड़गी कोण्या छूटती मैं होरया अलाचार जमा घर फूंक तमाशा होग्या खो देगा यो घरबार जमा टूम ठेकरी भी बिक़वादे बनै दुधारी तलवार जमा ठेके बन्द करती कोण्या म्हारी या सरकार जमा दारू छोड्या चाहूँ लाजमी मिलै सुरग का पास मनै।। 5 धमलो कितने बर नेम करे सुण सुण कै नै तंग आगी क्युकर कुन्बा चालै म्हारा इसकी चिंता मनै खागी खुले आम बिकते पैग बताए लत बालकां मैं छागी माक्खी भिनकें कुत्ते चाटैं नाली मैं जा ठोड़ी लागी रणबीर झूठे लारे देकै खवाई दही भामै कपास तनै।। 585 अन्धविश्वासों का घेरा भगवान मंदिर मैं बैठया खुद दीवा नहीं जला पावै।। म्हारी जिंदगी का कैसे बालै मनै कोये आकै समझावै।। 1 पत्थर के शेर की पूजा दुर्गा की सवारी मान कै करते जिन्दा शेर दीखज्या तै ज्याण बचाण नै भागे फिरते पत्थर तैं इतना लगाव जीव हमनै क्यों नहीं भावै।। म्हारी जिंदगी का कैसे बालै मनै कोये आकै समझावै।। 2 पत्थर का कुत्ता पूज्या जा शनिदेव की सवारी माणकै जिन्दा नै कहते भागज्या उसकै डंडा मारते ताण कै पत्थर पूजा छारी सारे कै या बात समझ नहीं आवै।। म्हारी जिंदगी का कैसे बालै मनै कोये आकै समझावै।। 3 गणेश तैं दूध प्या दिया हजारों टन बताया जासै मंदिर मैं करोड़ों का चढ़ावा हर साल चढ़ाया जासै मंदिर बाहर बालक भूखा दो रोटियां पाया चाहवै।। म्हारी जिंदगी का कैसे बालै मनै कोये आकै समझावै।। 4 धार्मिक ग्रंथ कितने पुराने कोये तो मनै बतादयो ग्रन्थ पुराने एक इंसान आकै कोये तो समझादयो लिपि इंसान नै बनायी रणबीर नहीं झूठ भकावै।। म्हारी जिंदगी का कैसे बालै मनै कोये आकै समझावै।। 586 एक फौजी की घरवाली की दास्तां तर्ज -कसमें वायदे प्यार वफा- सोसाटी आला बाबू जी रोजाना फेरी मारै पिया।। दारु पी कै घरनै आवै कुबध करण की धारै पिया।। म्हारे घर अन्न वस्त्र का टोटा इतने जतन करैं फौजी म्हारी जिन्दगी बीत गई हम टोटे के म्हां मरैं फौजी लता कपड़ा नहीं औढ़ण नै जाड्डे के म्हां ठिरैं फौजी बता जुलमी करजे का पेटा किस तरियां तैं भरैं फौजी इस करजे की चिन्ता मनै शाम सबेरी मारै पिया।। धरती सारी गहनै धरदी दबा लिए हम करजे नै जितने जेवर थे घर मैं सब बिकवा दिये करजे नै रोटी कपड़े के मोहताज हम बना दिए करजे नै चोरी के झूठे इल्जाम म्हारे पै लुवा दिए करजे नै सोसाटी आला बाबू जी ईज्जत पै हाथ पसारै पिया।। जहरी नाग फण ठारे कुए जोहड़ मैं पड़ना दीखै और नहीं गुजारा चलै ज्यान का गाला करना दीखै करजा म्हारा नाश करैगा बिजली बिल भरना दीखै मारुं सैक्टरी नाश जले नै ना आप्पै ए मरना दीखै आंख मूंदगे हीजड़े होगे वोतै गाम नै ललकारै पिया।। गरीब की बहू जोरु सबकी या समझै दुनिया सारी मेहनत तो लूट लई या ईब ईज्जत लूटण की त्यारी सारा गाम बिलखै फौजी कड़ै गया वो कृष्ण मुरारी रणबीर सिंह नै बरोने कै मैं खोल बताई या बीमारी करिए ख्याल तावला मेरा प्रेम कौर खड़ी पुकारै पिया।। 587 मत बनो कसाई मत बनो पिता कसाई हो तेरी बेटी मैं।। बचपन मैं दुभांत करी,कोन्सा किसे कै बात जरी भाई खावै दूध मलाई हो तेरी बेटी मैं।। घी माता को एक धड़ी दस दिन मैं करी खड़ी ठीकरे फोड़ मातम मनाई हो तेरी बेटी मैं।। घी माता की दो धड़ी चालीस दिन सम्भाल बड़ी दादी नै थाली बजाई हो तेरी बेटी मैं।। महिला दुश्मन अपनी जाई की हालत भूरो और भरपाई की सारी उल्टी सीख सिखाई हो तेरी बेटी मैं।। पढ़ण खंदाया स्कूल मैं भाई नहीं कदे मेरी बारी आई घर अन्दर मोस बिठाई हो तेरी बेटी मैं।। बालकपन मैं ब्याह रचाया वारी मेरी समझ मैं आया रणबीर सिंह की कविताई हो तेरी बेटी मैं। 88 बस में रोजाना छेड़छाड़ की घटनाएं हो रही हैं। लड़कियों ने हिम्मत की मगर समाज को रास नहीं आई कमजोर तबकों की लड़कियों की बहादुरी। कौण साच्चा कौण झूठा इसमैं बात सिमटा दई सारी।। बसां मैं जो होवै दुर्गति इसकी चर्चा गई मूधी मारी।। लड़कियां की पहल कदमी की बात उतरै नहीं गलै सबनै बेरा हाल बसां का झेलै जब चढै कै उतरै तलै डरती बोलती कोन्या कदे चरित्रहीनता की फांसी घलै म्हारे प्रदेश की महिला पुरुषवादी आतंक के म्ंह पलै दो छोरियां नै हिम्मत दिखाई संस्कृृति हा हा कार मचारी।। माणस तो रेप करणिया के भी हक मैं समझौते खातर आवैं महिला कैड़ खड़े होवण मैं ये सारे बड्डे चौधरी हिचकावैं रेप का कसूरवार भी महिला नै किसे ना किसे ढ़ाल बतावैं बिगडै़ल छोरयां नै मुश्किल तैं कदे कदे फंसी मैं बिसरावैं विकृृत मानसिकता और समझ के आज हुए घणे प्रचारी।। दबाया गया तबका कद ताहिं न्योंए दबकै सहवै भाई भीतर आग बलै वा जलाकै सब क्यांहें नै रहवै भाई कमजोर का साथ कौण दे यो समाज ठाडे नै लहवै भाई घणी हिम्मत चाहिये जब कोए छोरी इसे ढालां फहवै भाई पाछै सी दो छोरी फांसी खागी किननै उनकी बात बिचारी।। कमजोरां पर अत्याचार होवैं समाज जात्यां मैं बंट ज्यावै गलत सही का फैंसला भी पाले बन्दी के हिसाब तैं आवै जात्यां तैं उपर उठकै नै जै कोए विवेक तैं बात नै बढ़ावै उसकी कोए नहीं सुणकै राजी दूजे सुर मैं सुर मिलावै इस किस्से मैं साच् कोर्ट छांटै बाकियां पै क्यों चुप्पी धारी।। 589 रात ग्यारा बजे चालकै दिल्ली एयरपोर्ट आये रै।। दिल्ली तैं कुवैत के जहाज के टिकट कटाये रै।। 1 हवाई जहाज का सफर कई घण्टे का होग्या भाई ब्रेकफास्ट किया फेर लंच फेर फ़िल्म एक चलाई कुवैत पहोंच लंदन की मिलगी या जहाज हवाई लंदन की हवाई यात्रा घर आली नै खूब सराही लंदन पहोंचे सांझ ताहिं फेर सांस थोड़े ले पाये रै।। दिल्ली तैं कुवैत के जहाज के टिकट कटाये रै।। 2 विवेक भाई एयरपोर्ट पै देखै था वो बाट म्हारी सारा सामान लाद लिया फेर चली म्हारी सवारी सत्तर मील की दूरी साउथ एन्ड रहवै बेटी प्यारी दोहती अनन्या दोहता आदि सबकै खुशी छारी कुलदीप शीतल नै आंख्यां पै सारे बिठाये रै।। दिल्ली तैं कुवैत के जहाज के टिकट कटाये रै।। 3 रात का खाना खाकै या नींद गजब की आई सपने मैं घूमै रोहतक दे इंद्रप्रस्थ का पार्क दिखाई सबतें सम्पर्क टूट गया सिम कार्ड ना मिल पाई जी मैं जी आग्या मेरै जिब चलगी वाई फाई नमस्ते लंदन से के फूल सब धोरै पहोंचाये रै ।। दिल्ली तैं कुवैत के जहाज के टिकट कटाये रै।। 4 स्वीमिंग पूल अर पार्क अगले दिन घूम कै आये लंदन आई जाकै दूजे दिन पूरा लंदन देख पाये विंडसर कैस्टल तीजे दिन उड़ै मजे खूब उड़ाए चौथे दिन बीच पै घूमे बालक झूले खूब झुलाये रणबीर दस तारीख नैं बेल्जियम के प्लान बनाये रै ।। दिल्ली तैं कुवैत के जहाज के टिकट कटाये रै।। 90 जात बिना बात के रासे मैं इब बख्त गंवाना ठीक नहीं।। अपने संकट काटण नै यो जात का बाणा ठीक नहीं।। 1 बेरोजगारी गरीबी महंगाई हर दिन बढ़ती जावै सै जो बी मेहनत करने आला दूना तंग होंता आवै सै जब हक मांगै कट्ठा होकै तान बन्दूक दिखावै सै कितै भाई कितै छोरा उसकी बहका मैं आ ज्यावै सै खुद के स्वार्थ मैं देश कै बट्टा लगाणा ठीक नहीं ।। अपने संकट काटण नै यो जात का बाणा ठीक नहीं।। 2 म्हारी एकता तोड़ण खातिर बीज फूट का बोवैं सैं मैं पंजाबी तूँ बंगाली ज्यान इलाके ऊपर खोवैं सैं मैं जाट तूँ हरिजन सै नश्तर कसूता चुभोवैं सैं आपस कै म्हां करा लड़ाई नींद चैन की सोवैं सैं इनके बहकावे मैं आपस मैं भिड़ जाणा ठीक नहीं।। अपने संकट काटण नै यो जात का बाणा ठीक नहीं।। 3 म्हारी समझ नै भाइयो दुश्मन ओछी राखणा चाहवै म्हारे सारे दुखां का दोषी हमनै ए आज यो ठहरावै कहै खलकत घणी बाधू होगी इसनै इब कौन खवावै झूठी बातां के ले साहरा वो उल्टा हमनै ए धमकावै इन चीजों के बहकावे मैं म्हारा आ जाणा ठीक नहीं ।। अपने संकट काटण नै यो जात का बाणा ठीक नहीं।। 4 हमनै दूर रहण की शिक्षा दे राजनीति तैं राज करै वर्ग संघर्ष की राही बिना इब कोण्या काज सरै कट्ठे होकै देदयाँ घेरा दुश्मन भाजम भाज मरै झूठे वायदयाँ गेल्याँ म्हारा क्यूकर पेटा आज भरै आपस मैं मरैं यारे प्यारे ईसा तीर चलाना ठीक नहीं ।। अपने संकट काटण नै यो जात का बाणा ठीक नहीं।। 591 आयी तीज मॉनसून नै इबकै बहोतै बाट या दिखाई बेबे बरस्या नहीं खुलकै बूंदा बांदी सी आयी बेबे साम्मण के मिहने मैं सारे कै हरयाली छाज्या सोचै प्रदेश गया पति भाज कै घर नै आज्या ना गर्मी ना सर्दी रूत या घणी ए सुहाई बेबे कोये हरया लाल कोये जम्फर पीला पहर रही बाँट गुलगुले सुहाली फैला खुशी की लहर रही कोये भीजै बूंदां मैं कोये सुधां लत्यां नहाई बेबे आयी तीज बोगी बीज आगली फसल बोई या झूला झूल कै पूड़े खाकै थाह मन की टोही या पुरानी तीज तो इसी थी आज जमा भुलाई बेबे बाजार की संस्कृति नै म्हारी तीज जमा भुलाई इस मौके पर जाया करती प्रेम की पींघ बढ़ायी कहै रणबीर सिंह कैसे करूँ आज की कविताई

Wednesday, 5 June 2024

Sunlyo dhayan laga kai

सुनल्यो नै ध्यान लगा कै, एक बै देखो नजर घुमा कै, शरीफ लोगों नै जितवा कै, अपना विकास सही करां ।। 1 बढ़िया सी पंचायत बना कै चैन मिलै गरीबां नै काले धन नै मुश्किल होज्या चैन मिलै शरीफां नै ज्ञान विज्ञान की यही पुकार, बराबर हों सब नर नार , या दी हरियाणे मैं ललकार ,अपना विकास सही करां ।। 2 बदेशी कंपनी अर देशी ये मिलकै नै लूट रही रै किसे की काबू की ना जन सांड मरखना छूट रही रै म्हारी एकता नाथ घालदे,उनका पकड़ चोर माल दे,या गरीबां नै देख भाल दे,अपना विकास सही करां ।। 3 महिलावां का दोयम दर्जा गलत विकास के कारण सै गरीब देशों के सिर कर्जा गलत विकास के कारण सै नहीं होसै हरजा सुनने मैं, सोच समझ कै गुणने मैं, यो सही मानस चुनने मैं,अपना विकास सही करां ।। 4 पंचायत और जिला परिषद सारै ईमानदार ल्याने हों इसके बिना सुनल्यो बालक बिन लतयां के उभाने हों खींची सै सही तस्वीर देखो, लिखने आला रणबीर देखो, काढ़ी सै नई लकीर देखो, अपना विकास सही करां।।

Wednesday, 1 May 2024

RAGANIYA 587

1***** म्हारा हरियाणा म्हारा हरियाणा दो तरियां आज दुनिया के म्हं छाया।। आर्थिक उन्नति करी पर लिंग अनुपात नै खाया।। 1 छांट कै मारैं लड़की पेट मैं समाज के नर नारी समाज अपने कसूर की माँ कै लावै जिम्मेदारी जनता हुई सै हत्यारी पुत्र लालसा नै राज जमाया।। आर्थिक उन्नति करी पर लिंग अनुपात नै खाया।। 2 औरत औरत की दुश्मन यो जुमला कसूता चालै ना आदमी आदमी का दुश्मन यो रोजै ऐ घर घालै समाज की बुन्तर सालै यो हरियाणा बदनाम कराया ।। आर्थिक उन्नति करी पर लिंग अनुपात नै खाया।। 3 वंश की पुराणी परम्परा पुत्र नै चिराग बतावैं देखो छोरा जरूरी होना चाहिए छोरियां नै मरवावैं देखो जुल्म रोजाना बढते जावैं देखो सुनकै नै कांपै काया।। आर्थिक उन्नति करी पर लिंग अनुपात नै खाया।। 4 अफरा तफरी मैच रही महिला कितै महफूज नहीं जो पेट मार तैं बचगी उनकी समाज मैं बूझ नहीं आती हमनै सूझ नहीं रणबीर सिंह घणा घबराया।। आर्थिक उन्नति करी पर लिंग अनुपात नै खाया।। 2******** नोएडा और गुड़गामा आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही। युवा और युवतियों की या मजबूरी दिखाणी चाही। 1 मियाँ बीबी ये दोनों मिलकै आज खूब कमावैं देखो तीस लाख का पैकेज ये साल का दोनों पावैं देखो तड़कै आठ बजे त्यार हो नौकरियां पर जावें देखो रात के ग्यारह बजे ये वापिस घर नैं आवैं देखो इन कमेरयां की आज या पूरी कथा सुणानी चाही। आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही। 2 अपने पारिवारिक रिश्ते बताओ कैसे चलावैं रै ऐकले रैह रैह कै शहरां मैं ये कैरियर बनावैं रै भीड़ मैं रैह कै भी अपने नै कतिअकेला पावैं रै गांम गेल्याँ अपना रिश्ता बताओ कैसे निभावैं रै आज के दौर की या विरोधाभाष दिखाणी चाही। आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही। 3 मोटे वेतन की नौकरी छोड नहीं पावैं देखो भाई अपने बालकां नै घरां छोड़ कै नै जावैं देखो भाई फुल टाइम की मेड एजेंसी तैं ये ल्यावैं देखो भाई उसके धोरै बालक ये अपने पलवावैं देखो भाई मजबूरी या लाइफ आज इणनै अपनाणी चाही। आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही। 4 मात पिता दूर रहवैं टाइम काढ़ नहीं पाते भाई दादा दादी नाना नानी इनके बन्द हुए खाते भाई घर मैं आवैं इस्तै पहले बालक तो सो जाते भाई नॉएडा गुड़गामा का रणबीर यो हाल सुनाते भाई बदल गया जमाना हरयाणा ली अंगड़ाई चाही। आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही। 3********* खाई खाई चौड़ी होंती आवै सै इसनै आज कौण पाटैगा। गरीब जनता का हाथ सही मैं आज कौण डाटैगा। 1 बधगी घर घर मैं खाई या बधगी पूरे समाज मैं देशां के बीच की खाई ना बताते पूरे अंदाज मैं अमरीका टोप पै रहवण नै आतंकवाद पै काटैगा। 2 एक देश के भित्तर भी कई ढाल की खाई दीखैं एक अरबपति बनरया दूजे ये भूखे पेट नै भींचें शांति कड़े तैं आवैगी जब कारपोरेट इसतै नाटैगा। 3 लड़ाई बढ़ेगी इस तरियां विनास की राही करकै पिचानवै हों कठे होंवैंगे चौड़ी होंती खाई करकै नहीं तो पर्यावरण प्रदूषण सबका कालजा चाटैगा। 4 लोभ लालच और मुनाफ़ा और बधारे इस खाई नै समाज गया रसातल मैं चौड़ै भाई मारै सै भाई नै रणबीर सिंह समझावै देखो छंद यो न्यारा छांटैगा। 4******** *अंतरजातीय ब्याह* *ब्राह्मन छोरी हरिजन छोरा ब्याह का फैंसला करया दखे* *छोरी के बाबू नै अपना साफा छोरे पाहयाँ बीच धरया दखे* 1 बाबू बोल्या मैं फांसी खालयूं घर कै कलास लावै मतना ब्याह रिश्ते सब बंद होजयाँ जीनते जी मरवावै मतना छोटे भाई नै कोण ब्याहवै छोरी जुलम कमावै मतना ऊंच नीच कुछ सोच किमै म्हारी नाक कटावे मतना *काली नागन की तरियाँ क्यों तेरे भीतर जहर भरया दखे* 2 छोरा छोरी जब माने कोन्या छोरी घराँ ताले मैं कैद करी पीट पीट कै सीधी करणी चाही छाती बन्दूक लयान धरी छोरी नै घने कष्ट सहे पर किसे और की नहीं हाँ भरी बोली मरना सै मंजूर मने कुनबे कै नहीं या बात जरी *कचहरी मैं दरखास देदी घर कुनबा थोडा ड़रया दखे* 3 माँ पिता की पार बसाई कोन्या उनने ब्याह रचाया फेर ना किसे नै फांसी खाई पर मातम घर मैं छाया फेर म्हारा कोए वास्ता नहीं तेरे तै बाबू नै हुकम सुनाया फेर माँ तै आखिर माँ ठहरी लुह्क छिप मिलना चाहया फेर *छोरी इतनी करड़ी लिक्डैगी कुनबे कै नहीं जरया दखे* 4 दो साल पाछै बाबू मरग्या इस बाहने घरां आये थे कोए मुंह तै बोल्या कोन्या वे घर मैं हुए पराए थे खाली घर मैं बैठकै आगे चेहरे कति मुरझाए थे म्हारे कांहीं तैं मरगे थाम घणे कड़वे बोल सुनाए थे *कहै रणबीर सिंह बारोने उनका प्यार फेर बी ना मरया दखे* 5********** हरियाणा मैं आज किसा दौर दमन का चाल्या रै किसान का धान पिट्या मजदूर पै घेरा घाल्या रै 1 भ्रष्टाचार नै हरियाणे मैं सभी रिकार्ड तोड़ दिए कुछ नेता खावैं कुछ अफसर ये खुल्ले छोड़ दिये अफारा आग्या सारयाँ कै जनता तैं मूंह मोड़ लिए माफिया और बदेशी कम्पनी इनतैं नाते जोड़ लिए किसानों की कष्ट कमाई पै यो घपताड़ा डाल्या रै 2 अपनी लूट पै एस्मा ना म्हारी हड़ताल भी रड़कै रै जिब जनता हक माँगै सरकार कसूती भड़कै रै इनके सैं पांच सितारा म्हारा दरवाजा भी खड़कै रै म्हारा हक देवण मैं ये क्यों करते सांझ तड़कै रै म्हारी कमाई पै ऐश करैं यो घर म्हारा हाल्या रै 3 हम आह भरैं बदनाम होज्यां उनके कत्ल माफ सैं म्हारी तन्खा भी रड़कै ये कड़े के होवैं इंसाफ सैं रिजाई तै लई खोस म्हारी बचे म्हारे पै लिहाफ सैं दिन धौली मैं करैं बदमाशी फेर भी घणे साफ सैं उनकी काली करतूतां नै शरीफां का हिया साल्या रै 4 थाम काटोगे जिसे बोवोगे यो चालै थारा गरूर नहीं गादड़ गाम सुहीं भाज लिया इसमें म्हारा कसूर नहीं भ्रष्टाचारी का घणे दिन ओटया भारत नै फतूर नहीं थारा गिरकाना म्हारी गेल्याँ यो हमनै इब मंजूर नहीं थारा नाश रणबीर सिंह पै कोण्या जावै टाल्या रै March 2000 6********* पींग घलण की रीत खुसगी इब आग फैंकदी सामण पै।। पेटैन्ट बैरी नै यो दा लगाया प्यारे नीम और जामण पै।। 1 कदे कदीमी इणनै म्हारी या जनता लाती आई देखो साची मानो बनस्पति म्हारी वफादार सिपाही देखो बदेशी कम्पनी नै पेटैन्ट की अपनी छाप लगाई देखो जूती म्हारी सिर म्हारा चौड़े मैं करी सै पिटाई देखो सोचो सारे के गुजरैगी इब धर्में, जीतू और मामण पै।। 2 बदेशी कम्पनी रॉयल्टी माँगै माफ करै नहीं कोई रै सरकार जली ना मूंह खोलती कित सै पडकै सोई रै जाण बूझ कै जाल साजी तैं किसी करड़ाई टोही रै धरती जामण हल्दी म्हारी क्यों खसम कम्पनी होई रै सम्भल कै रहियो इब नजर सै कुड़ते अर इस दामण पै।। 3 बेटा बेटी सी हमनै लागै सै या खेती खूबै प्यारी भाई रै ढाल ढाल के फूल पौधे फितरत सबकी न्यारी भाई रै नींबू घीया तोरी संतरा कितै खिलरे फूल हजारी भाई रै सौ जागां पै ये काम आवैं चाहे हारी हो बीमारी भाई रै पेटैन्ट होज्या सब क्यान्हे का रॉयल्टी होज्या लामण पै।। 4 किसान भाइयो होंश करो घर बार म्हारा खतरे मैं एक खेती का मसला कोण्या देश सै सारा खतरे मैं औरत जाति दुखी घणी हुया गरीब बेचारा खतरे मैं माणस पन नै भाई खतरा सै भारत प्यारा खतरे मैं कहै रणबीर खतरा घणा यो म्हारे डांगराँ के रामभण पै।। मार्च 2000 7*********** तार्किक बातां के हिम्माती अपनी ज्याण खपाई हमेश।। झूठी बात नहीं ये सारी देसै इतिहास गवाही हमेश।। चार्वाक नै वेदां की पारलौकिकता पै सवाल उठाया था घोर निंदा पड़ी औटनी उसका लिख्या सब जलाया था आज तलक ये बात सारी हमतैं गई छिपाई हमेश।। यूरोप मैं कॉपरनिक्स का रूढ़िवाद नै भूत बनाया गैलीलियो तैं फांसी सुनादी मुश्किल तैं पैंडा छुटवाया तार्किकता की कट्टरवाद तैं हुई सै लड़ाई हमेश।। सर्वाट्स नै दुनियावी कारण बताए बीमारी के ब्रूनो बोल्या ईश्वरीय कारण नहीं बीमारी म्हारी के तार्किकता नै प्रकाश की भारत में लौ जलाई हमेश ।। दोनों वैज्ञानिक पुरोहितों नै जिन्दा जलाए बताऊँ मैं वैज्ञानिक म्हारे पुरोहितों तैं लड़े सैं हमेश दिखाऊं मैं रणबीर अन्त मैं तर्क नै या पुरोहिती हराई हमेश।। 8********* माणस का धरम धरम के सै माणस का मनै कोण बताइयो नै। माणस मारो लिख्या कड़ै मनै कोए दिखादयो नै।। माणस तै मत प्यार करो कौणसा धर्म सिखावै सरेआम बलात्कार करो कौणसा धर्म सिखावै तम दारू का ब्यौपार करो कौणसा धरम सिखावै रोजाना नर संहार करो कौणसा धर्म सिखावै धरम क्यों खून के प्यासे मनै कोण समझादयो नै।। र्इसा राम और अल्लाह जिब एक बताये सारे रै इनके चाहवण आले बन्दे क्यूं खार कसूती खारे रै क्यों एक दूजे नै मारण नै एके जी हाथां ठारे रै अमीर देस हथियार बेच कै खूबै मौज उड़ारे रै बैर करो मारो काटो लिखै वो ग्रंथ भुलादयो।। मानवता का तत कहैं सब धरमां की जड़ मैं सै प्रेम कुदरत का सारा सब धरमां की लड़ मैं सै कदे कदीमी प्रेम का रिस्ता माणस की पकड़ मैं सै कटटरवाद नै घेर लिया यो धरम जकड़ मैं सै लोगां तै अरदास मेरी क्यूकरै इनै छटवादयो नै।। यो जहर तत्ववाद का सब धरमां मैं फैला दिया कटटरवाद घोल प्याली मैं सब तांहि पिला दिया स्कीम बणा दंगे करे इन्सान खड़या जला दिया बड़ मानवता का आज सब धर्मां नै हिला दिया रणबीर रोवै खड़या इनै चुप करवादयो नै।। 9*********** महंगाई बढ़ती जावै रोजाना मुश्किल हुया गुजारा हे।। अम्बानी गेल खड़ी सरकार ध्यान कति नहीं म्हारा हे।। 1 चीनी लागै घणी कड़वी जिब साठ की किलो आवै टमाटर दिखें सपने के म्हां जिब पचास का भा लावै मुश्किल तैं परिवार खा हो मूंह का स्वाद खारया हे।। 2 किसान खेत मैं मूली मेहनत करकै नै उगावै हे दस रूपये धड़ी मन्डी मैं आढ़ती बोली लगावै हे जिब खरीदां दुकान पै किलो की कीमत बारा हे।। 3 किसान मरै मरै उपभोक्ता बिचौलिया धन कमावै किसा सिस्टम बणा राख्या देखो निठल्ला मौज उड़ावै मेहनत करने आले का क्यूं फूट्या पड़या ढारा हे ।। 4 सिस्टम के छल समझें यो पहला काम जरूरी सै सही समझ बनाये बिना लड़ाई रहवै या अधूरी सै रणबीर नै बिचौलिया डराते फेर भी कलम चलारया हे।। 10********** हमला होग्या हे, मेहनत म्हारी थारी पै, हमला होग्या हे।। सुविधा गरीब नै नहीं अमीर का नम्बर आया हे बीपीएल कार्ड बनाने मैं भी पीसा इसमैं खाया हे गरीबी हटाई कोण्या गरीबां कै धक्का लाया हे भ्10ष्ट अफसर नेता पुलिस नै यो गठजोड़ बनाया हे पगला होग्या हे, पगला होग्या हे सरकारी प्रशासन जमा पगला होग्या हे।। 2 साइकिल अमीर होग्या कार नै गरीब बतावैं हे मजाक करते म्हारी गेल्याँ बिल्कुल ना शर्मावैं हे मेहनत म्हारी पै ऐश करैं हमनै ए आंख दिखावैं हे जात पात पै लड़वाकै नै अन्यायी फायदा ठावैं हे सवाल ढाल ढाल के मेहनतकश ऊपर ये ल्यावैं हे कंगला होग्या हे, कंगला होग्या हे म्हारे नाम का भारत कंगला होग्या हे, कंगला होग्या हे।। 3 झूठे भरोसे देवैं हमनै दोषी को देते दंड कोण्या कारपोरेट की बात मानते यो आगै चालै फंड कोण्या आज बतावां सारी मिलकै ओटां थारा घमण्ड कोण्या म्हारी गेल्याँ मजाक अम्बानी हमनै पसन्द कोण्या झुगला होग्या हे , झुगला होग्या हे यो बीपीएल का कुड़ता म्हारा झुगला होग्या हे, झुगला होग्या हे, झुगला होग्या हे।। 4 संगठन मजबूत बनाकै हम लंबी लडाँ लड़ाई हे पढण का हक सै म्हारा चाहवैं बढ़िया पढ़ाई हे बीपीएल एक मसला सै रोकांगे पूरी तबाही हे रणबीर सिंह तो लिख जाणै गावण मैं हो कठिनाई हे मसला होग्या हे, मसला होग्या हे म्हारा जीन मरण का मसला होग्या हे , मसला होग्या हे।। 11********** पिचानवै और पांच की दुनिया मैं छिड़ी लड़ाई हे ॥ पांच नै प्रपंच रच कै पिचानवै की गेंद बनाई हे॥ 1 पांच की ज़ात मुनाफा मुनाफा उनका सै भगवान मुनाफे की खातर मचाया पूरी दुनिया मैं घमासान मुनाफा छिपाने खातर प्रपंच रचे सैं बे उनमान हथियार किस्मत का ले धराशायी करया इंसान पिचानवै रोवै किस्मत नै पांच की देखो चतुराई हे ॥ पांच नै प्रपंच रच कै पिचानवै की गेंद बनाई हे॥ 2 पूरे संसार के माँ पांच की कटपुतली सरकार फ़ौज इनके इसारे पर संघर्षों पर करती वार कोर्ट कचहरी बताये दुनिया मैं इनके ताबेदार इनकी रोजाना बढ़ती जा मंदी मै भी लूट की मार कितै ज़ात कितै धर्म पै पिचानवै की फूट बढ़ाई हे॥ पांच नै प्रपंच रच कै पिचानवै की गेंद बनाई हे॥ 3 सारा तंत्र पांच खातर पिचानवै नै लूट रहया हे कमाई पिचानवै की [पर पांच ऐश कूट रहया हे पिचानवै बंटया न्यारा न्यारा पी सबर का घूँट रहया हे गेर कै फूट पिचानवै मैं पांच खागड़ छूट रहया हे आपस मैं सिर फुडावां सम्मान इज्जत गंवाई हे ॥ पांच नै प्रपंच रच कै पिचानवै की गेंद बनाई हे॥ 4 जब पिचानवै कठ्ठा होकै घाळ अपनी घालैगा भाई भ्र्ष्टाचारी पांच का शासन ऊपर तक हालैगा भाई ठारा कै बाँटै एक आवै ना कोए अश्त्र चालैगा भाई नया सिस्टम खड्या हो इंसानियत नै पालैगा भाई कहै रणबीर दीखै ना और कोए मुक्ति की राही हे ॥ पांच नै प्रपंच रच कै पिचानवै की गेंद बनाई हे॥ 12********* काले कानून किसान विरोधी कानून ये देखियो खाल तारैंगे म्हारी हे।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलावां भारी हे।। 1 उनके बालक भूखे मरते जिणनै खेत खूबै कमाये बिना दूध सीत रहवैं सैं जिणनै डांगर खूब चराये सिरकी घाल करैं गुजारा जिणनै ताज महल बनाये तन पै उनके लत्ता ना जिणनै कपड़े के मील चलाये भगवान भी आँधा कर दिया ना दिखता भ्रष्टाचारी हे।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलावाँ भारी हे।। 2 जितना करड़ा काम म्हारा नहीं सम्मान उतना मिलता दस नम्बरी मानस जितने उनका हुक्म देख्या पिलता नकली फूल सजावैं देखो यो क्यों ना असली खिलता कहैं उसके बिना आड़ै यो पत्ता तक बी नहीं हिलता सबके ऊपर उसका खयाल नहीं फेर किसा न्याकारी हे।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलावां भारी हे।। 3 डांगर की कद्र फालतू माणस बेक़दरा संसार मैं छोरे की कद्र घणी सै छोरी धन पराया परिवार मैं किसे किसे जुल्म होण लागरे छपते रोज अखबार मैं माणस खानी म्हारी व्यवस्था लादे बोली बाजार मैं कति छांट कै इसनै चलवाई महिला भ्रूण पै कटारी हे।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलावां भारी हे।। 4 इस व्यवस्था मैं मुट्ठी भर तै हो घणे माला माल रहे अम्बानी हर नै जाल पूरया चला ये अपनी ढाल रहे सोच समझ कै बढियो आगै माफिया कसूते पाल रहे फौज और पुलिस नै बणा रणबीर ये अपनी ढाल रहे सही सोच कै संघर्ष नै हिंदुस्तानी किसानी चलारी हे।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलावां भारी हे।। 13********* मोदी नै म्हारे देश कै बट्टा लाया थारे मोदी नै। काले धन पर बहकाया थारे मोदी नै। 1 बाड़ खेत नै खागी नल दमयंती नै सुनते रहे नींद आई रूखाले नै ये पापी जाल बुनते रहे नफरत का माहौल बनाया थारे मोदी नै।। काले धन पर बहकाया थारे मोदी नै। 2 बिना दवाई और पढ़ाई म्हारे बालक रूलगे हे सच की हुई पिटाई झूठ के दरवाजे खुलगे हे कट्टर पन्थ खूब फैलाया थारे मोदी नै। काले धन पर बहकाया थारे मोदी नै।। 3 नैतिकता पै प्रहार करैं जो नैतिकता के रूखाले नंगेपन का प्रचार करैं जो नैतिकता के रूखाले लालच का बाजार बढ़ाया थारे मोदी नै।। काले धन पर बहकाया थारे मोदी नै।। 4 पाखंड का ले सहारा भारत की जनता लड़वाई गऊ की पूंछ पकड़ कै नफरत बहोत सै फैलाई रणबीर कहर घणा ढाया थारे मोदी नै ।। काले धन पर बहकाया थारे मोदी नै।। 14************* बेरोजगार युवक युवती ये दर दर भटकैं हे।। गोली चला एक दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं हे।। 1 धरती बाँटे आवै दो किले होता नहीं गुजारा ब्याह होने हुए मुश्किल हांडे जावै सै कंवारा इसे बख्त मात पिता की सलाह भी खटकैं हे ।। गोली चला एक दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं हे।। 2 खेत मजदूरी कम होगी और काम मिलता ना बुसे बुसे मूंह होगे चेहरा कदे भी खिलता ना हारी बीमारी के कर्जे सालां सिर पै लटकैं हे।। गोली चला एक दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं हे।। 3 सरकारी नौकरी कम होगी या छागी ठेकेदारी मुश्किल होवै सै गुजारा वैश्यावृति की लाचारी दर दर की ठोकर खाणी सुखी रोटी अटकैं हे।। गोली चला एक दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं हे।। 4 किसान फांसी खावैं सैं लुटग्या आज यो कमेरा मुठ्ठी भर मौज करैं सैं म्हारी खातर घोर अँधेरा रणबीर विरोध करां तै जेल मैं लेजा पटकैं हे।। गोली चला एक दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं हे।। 15********** जागी महिला अब हरियाणे की जुल्मो सितम नहीं सहेंगी महिला अब हरियाणे की।। आगे बढ़कर बात करेंगी महिला अब हरियाणे की ।। 1 खेतों में खलिहानों में दिन रात कमाई करती हैं फिर भी दोयम दरजा हम बिना दवाई मरती हैं बैठी बैठी नहीं सहेंगी महिला अब हरियाणे की।। आगे बढ़कर बात करेंगी महिला अब हरियाणे की ।। 2 देवी का दरजा देकर इस देवी को किसने लूटा सदियों से हम गई दबाई समता का दावा झूठा दहेज़ की बलि नहीं चढ़ेंगी महिला अब हरियाणे की ।। आगे बढ़कर बात करेंगी महिला अब हरियाणे की ।। 3 इंसान बन गए हैवान आज होते हैं अत्याचार यहाँ देखो नैया डूब रही अब हम थामेंगी पतवार अबला बनकर नहीं मरेंगी महिला अब हरियाणे की।। आगे बढ़कर बात करेंगी महिला अब हरियाणे की ।। 4 आगे बढे ये कदम हमारे पीछे ना हटने पायेंगे जो मन धार लिया हमने अब करके वही दिखाएंगे रणबीर सारी बात लहेंगी महिला अब हरियाणे की।। आगे बढ़कर बात करेंगी महिला अब हरियाणे की ।। 16********** त्याग तपस्या जनसेवा हरेक धर्म का सार बताया रै।। कण कण मैं बसै रामजी किसनै पत्थर पूजवाया रै।। 1 कौनसे धर्म मैं लिख दिया दूजे धर्म तैं लोगो घृणा करो अपने नै महान बताओ दूजे धर्म के ऊपर नाम धरो उसको ढूंढ़ो अपने अंदर मुक्ति का यो राह दिखाया रै।। 2 समाज सुधरै जीवन सुधरै है धर्मों का अंजाम यही फेर क्यों मारकाट धर्मों पै कबीर नै दी पैगाम यही सूफी संतों नै अंधभक्तों को यो रास्ता सही समझाया रै।। 3 प्यार से सब रहते आये हैं गंगा जमुनी संस्कृति म्हारी अंग्रेजों नै बांटो राज करो करी सोच समझ कै त्यारी धार्मिक कट्टरता नै मानस दुनिया का आज कँपाया रै।। 4 धार्मिकता के सिद्धान्त सारे धर्मों के कुछ लोग भूले एक दूजे तैं नफरत करो की मारा मारी मैं क्यों झूले धर्म व्यक्तिगत मसला सै पां क्यों राजनीति मैं फंसाया रै।। 5 इंसान पैदा हुया फेर सहज सहज जीवणा सिख्या आग वायु देवता बनाये जब राह कोए नहिं दिख्या कुदरत का खेल यो सारा धर्मां नै अपना खेल रचाया रै।। 6 धर्मान्धता और रूढ़िवाद नै कब्जा आज जमा लिया सहज सहज इसे करकै कुलदीप नास्तिक बना दिया साम्प्रदायिक दंगो मैं जो मरे उनका ना हिसाब लगाया रै।। 17********** रेगुलर नौकरी पाना कोन्या कति आसान बताऊँ मैं || सी ऍम ऍम पी सब धोरै पाँच साल तैं धक्के खाऊँ मैं || 1 पहलम कहवैं थे टेस्ट पास करे पाछै तूं बताईये पास करे पाछै बोले पहले चालीस गये बुलाईये एक विजिट चार सिफरिसी दो हजार तले आऊँ मैं || 2 सरकारी नौकरी रोज तड़कै ढूंढूं सूँ अख़बार मैं दुखी इतना हो लिया सूँ यकिन रहया ना सरकार मैं एजेंट हाँडें बोली लानते कहैं चाल नौकरी दिवाऊं मैं || 3 एम् सी ए कर राखी कहैं डेटा आपरेटर लवा देवां कदे कहैं नायब तसीलदार ल्या तनै बना देवां तिरूँ डूबूं मेरा जी होरया सै पी दारू रात बिताऊँ मैं || 4 घर आली पी एच डी करै उसकी फिकर न्यारी मने दोनूं बेरोजगार रहे तो के बनेगी या चिंता खारी मने रणबीर बरोने आले तनै सुनले दुखड़ा सुनाऊँ मैं || 18******* इब छोरा झंडा गाडैगा दूजे देश के महं जा कै नै 11 कंपनी भेजै सै उसनै वो घर भर देगा कमा कै नै 11 1 रिसाल कौर नयों बोली भारत मैं ए खा कमा ल्यांगे कदे जाकै ना उल्टा आवै थोड़े मैं काम चला ल्यांगे छोरा आंख बदलग्या तो मैं मर ज्याँ फांसी खा कै नै || 2 छोरी बयाह दी थयादी इब छोरे की बारी आई बेरा ना के के सोच्या सै इब उल्गी साँस ले पाई मेम साहब ले आया तो फेर देखिये एडी ठा कै नै || 3 इतना डर क्यूं मानै यो उसकी जिन्दगी का सवाल पुराने ज़माने बादल गये इब आगे नए नए ख्याल इमोशनल होयें ना काम चलै चालां दिल समझा कै नै || 4 संस्कारी छोरा सै म्हारा तूं जमा बी घबरावै मतना पश्चिमी हवा ना लागन दे तूं रोड़े अटका वै मतना कहै रणबीर बखत बदलगे कदे देखां मुंह बा कै नै || 19********** दुनिया की के हालत होगी बाजार चौगरदें छाया।। भैंस बंधी घर घर मैं फिर दूध ढोलां के म्हं पाया।। 1 खेत खलिहान की साथ आज भैंसों के लागे लारे रै टोहे बी नहीं पांते घी के किसे घर मैं आज बारे रै थोड़ा साँस आया करता आज घूटन मानगे सारे रै महिलावां कै अनीमिया नै हटकै नै डंक मारे रै बाजरे की खिचड़ी गौजी का आज जोड़ा तोड़ बगाया।। 2 पहले भाईचारा था छोरे बहू लेन आया करते जिब रोटी जिम्मन बैठें थे खांड बूरा खाया करते पड़ौसी दूध के बखौरे बटेऊ ताहिं ल्याया करते दूजे के बटेऊ नै पड़ौसी आंख्यां पै बिठाया करते बैठे रहैं फूंक बुढ़िया सी अपना ए बटेऊ ना भाया।। 3 आबो हवा मैं जहर घुल्या कीटनाशक छागे भाई युवा के नर्वस सिस्टम पै छींटा गुस्से का लागे भाई पेट नै पकड़ हांडे जाओ डॉक्टर हाथ ठागे भाई म्हारी कष्ट कमाई नै देखो दिल्ली आले खागे भाई टैस्ट होज्याँ मैडीकल मैं नहीं किसे नै कष्ट उठाया।। भैंस बंधी घर घर मैं फिर दूध ढोलां के म्हं पाया।। 4 किलो दूध मिलै पचास का उसमैं आधा पानी पावै महंगाई का औड़ रहया ना मानस के खा के ना खावै कुपोषण बालकों मैं आज दिन दिन बढ़ता जावै बाजार व्यवस्था दोषी सै पर दोष कोए नहीं लावै राम की इच्छा कैहकै रणबीर म्हारा मोर नचाया।। भैंस बंधी घर घर मैं फिर दूध ढोलां के म्हं पाया।। 20*********** दीवाली कितै मनै दीवाली चौखी कितै लिकड़या दीखै दिवाला ।। कुछ घर मैं हुया चांदना, घणे घरों मैं हुया अँधेरा काला ।। 1 बनवास काट वापिस आये जिब दीवाली मनाई जावै अच्छाई पिटे चारों कान्ही आज बुराई बढ़ती आवै इसे माहौल मैं दीवाली कोये माणस कैसे आज मनावै राम की नगरी मैं किसान यो लाम्बा आंदोलन चलावै म्हारी बदरंगी दुनिया का यो कोण्या पाया राम रुखाला ।। कुछ घर मैं हुया चांदना, घणे घरों मैं हुया अँधेरा काला ।। 2 क्युकर खील पतासे मैं ल्याऊं, घर मैं मुस्से कुला करैं मेहनत करकै रोटी खावाँ सां , श्याम सबेरी दुआ करैं फेर बी उनकी चांदी होरी सै दिन रात जो बुरा करैं हमनै या दुनिया रचाई , हमतें रामजी क्यों गिला करैं राम कै तौ मिटादे अँधेरा , नातै होगा दुनिया मैं चाला ।। कुछ घर मैं हुया चांदना, घणे घरों मैं हुया अँधेरा काला ।। 3 राम राज मैं बढै गरीबी या बात समझ मैं आई कोण्या इसा के चाला हुया बता, ख्याल मैं म्हारी पढ़ाई कोण्या थारे राज मैं हमनै रामजी मिलती आज दवाई कोण्या क्यों थारे राज मैं सुरक्षित आज ये लोग लुगाई कोण्या दुनिया का मालिक बणन का करदे राम जी इब टाला ।। कुछ घर मैं हुया चांदना, घणे घरों मैं हुया अँधेरा काला ।। 4 बता क्यूकर दीवाली मनावैं, रास्ता मनै बता दे तूं समता होज्या दुनिया मैं इसा , रास्ता मनै दिखा दे तूं औरत नै इन्सान समझां म्हारा हरियाणा इसा बनादे तूं तेरे बस का ना यो करना तै म्हारे जिम्मै लगादे तूं लोगां का भरोसा उठता जावै , कहै रणबीर बरोने आला ।। कुछ घर मैं हुया चांदना, घणे घरों मैं हुया अँधेरा काला ।। 21************ अहिल्या बाई को जीवन के कदम कदम पर दिक्कतें आई उसने सती होने से इनकार किया। पर्दा कभी नहीं किया और देश सेवा बतौर रानी के उसने की । एक गीत के माध्यम से-- अहिल्या नै सती प्रथा का विरोध किया नई राह दिखाई हे। विधवा हुई पर जमा नहीं किसे मौके ऊपर घबराई हे। 1 पक्का इरादा सही सोच तैं रूढ़िवादी बात ललकारी थी आत्मबल के दम के ऊपर ये मुसीबत झेली सारी थी या पिछड़ी समाज मारी थी फिर भी आवाज उठाई हे। विधवा हुई पर जमा नहीं किसे मौके ऊपर घबराई हे। 2 ढाई सौ साल पहलम सती विरोध का झंडा ठाया था सती होंण तैं इनकार किया समाज घणा छटपटाया था नहीं पाछै कदम हटाया था नई मिशाल बनाई हे। विधवा हुई पर जमा नहीं किसे मौके ऊपर घबराई हे। 3 एक औरत की छवि मैं जमकै विश्वास भरया बेबे झूठी मर्यादा का दिखावा सिर तैं उसनै तार धर्या5 बेबे झुकना ना स्वीकार करया बेबे लाम्बी लड़ी लड़ाई हे। विधवा हुई पर जमा नहीं किसे मौके ऊपर घबराई हे। 4 रणबीर या कथा निराली सारे सुनो ध्यान लगाकै घणे तान्ने सहे उसनै जो मारे समाज नै पिनाकै सही राह पै कदम बढ़ा कै या चाली अहिल्या बाई हे। विधवा हुई पर जमा नहीं किसे मौके ऊपर घबराई हे। 22********** दशहरा 2016 अच्छाई की जीत बुराई पै दशहरा जावै सै मनाया।। रावण हराया रामजी नै यो ज्यां जावै आज जलाया।। 1 या तो राम रावण की सै कदे महाकथा लिखी बताई तुलसीदास नै एक लिखी दूजी बाल्मीकि जी नै बनाई बात एक जिसी उनमैं कुछ फर्क बी उनमैं सै पाया।1। 2 आज के राम रावण पर हम विचार नहीं करते म्हारी कमाई लूटकै कौन आज के रावण घर भरते अडानी अम्बानी जुड़वां रावण पूरा देश लूटकै खाया।2। 3 इनतै बड्डा आज का रावण यो अमेरिका बताऊँ मैं पूरी दुनिया डरा राखी इसकी फ़ौज जुल्मी दिखाऊँ मैं झूठे इल्जाम लगा कै नै करकै हमला इराक खिंडाया।3। 4 आज के रावण कैसे जलावां इसपै बैठ विचार करांगे राम रावण मैं फर्क का पूरा यो खाका पूरा तैयार करांगे कहै रणबीर बरोने आला यो छंद तोड़ का बनाया ।4। 23********** आंगनबाड़ी वर्कर *आंगनबाड़ी में काम करूं अपनी बीती बताऊं बेबे ।।* *काम घणा करणा होवै सै तनख्वाह नाम की पाऊं बेबे ।।* 1 मां और बच्चों की सेवा का केंद्र आंगनबाड़ी बताया भूख कुपोषण तैं निपटने का यो ग्रामीण केंद्र बणाया उन्नीस सौ पिचासी मैं यो सरकार नै प्रोग्राम चलाया आंगन आश्रय भी कहदें सैं पूरे हिंदुस्तान के मैं फैलाया *सार्वजनिक स्वास्थ्य का ढांचा बुनियादी कहाऊँ बेबे।।* काम घणा करणा होवै सै तनख्वाह नाम की पाऊं बेबे ।। 2 गांव की महिलाओं ने गर्भ निरोध का परामर्श देती गर्भनिरोधक सप्लाई करण की जिम्मेदारी भी मैं लेती सेफ पीरियड का बेरा ना जानती बैठकै नै मेरे सेती कइयों की सुनकै व्यथा कई बै आंख भी मैं भेती *जी करड़ा करकै नै उन ताहिं बात सारी समझाऊं बेबे।।* काम घणा करणा होवै सै तनख्वाह नाम की पाऊं बेबे ।। 3 और कामा की गेल्याँ यो पोषण शिक्षा काम मेरा खून की कमी कइयां मैं चालती हाण आवै अंधेरा खाने पीने मैं के खाणा हो कईयाँ नहीं इसका बेरा बालक कुपोषित मां का भी पीला पड़ता आवै चेहरा *के के खाना पीना चाहिए कई कई घंटे मैं लाऊं बेबे ।।* काम घणा करणा होवै सै तनख्वाह नाम की पाऊं बेबे ।। 4 सतरां रजिस्टर सम्भालती या बात जरै कौन्या थारै बुनियादी दवाई भी देनी कई काम ये जिम्मे म्हारै टीकाकरण की जिम्मेवारी घर घर घूमना होज्या सारै छोटे बालकां नै पढ़ाऊँ कामां का यो बोझ मनै मारै *रणबीर और बी दुख घणे किसनै जाकै बताऊं बेबे।।* काम घणा करणा होवै सै तनख्वाह नाम की पाऊं बेबे ।। 24*********** संघर्ष भारी *सोच सोच कै हार गया आज क्यों बढ़गे ये बलात्कारी।।* *पहले भी हुआ करैं थे नहीं मुंह खोल्या करती नारी।।* 1 भोग की वस्तु हो सै नारी ग्रन्थ हमारे खूब पुकारे मर्द के दिमाग मैं विचार ये सैं सदियों पुराने छाहरे *ईब मुंह खोलन लागी करतूत थारी साहमी आरी ।।* 2 पूरे समाज मैं खतरा होग्य़ा कोए बी महफूज नहीं काले धन की लीला छागी *सच्चाई की बची गूँज नहीं* *नंगेपन और हवस की अपसंस्कृति बढ़ती जारी ।।* 3 गरीब दलित आदिवाशी घने दिनों तैं यो झेल रहे ये शरीफ सभ्य समाज के बना महिला का खेल रहे *दो मिनट मैं ठीक नहीं होवेगी सदियों की चली बीमारी ।।* 4 कई स्तर पर रणबीर मिलकै पूरा हांगा लाना होगा न्यारे न्यारे बाजे छोड़ कै साझला बाजा बजाना होगा *आज नया नव जागरण विचार संघर्ष मांगे भारी ।।* 25******** दो बोल गरीब अमीर का मेल नहीं ,बकरी शेर का खेल नहीं सही कातल नै जेल नहीं , बीर मरद की रखैल नहीं जी छोड़े अमर बेल नहीं ,या दुनिया कहती आई || 1 बिना शिक्षा के ज्ञान नहीं , बिना ज्ञान हो सम्मान नहीं तोह्वां हम असल सच्चाई , जो सबकै साहमी आई कमेरे की हो ख़ाल तराई , जाने सरतो और भरपाई या बात गयी अजमाई , ना मने झूठ भकाई || 2 बिना मणि के नाग नहीं , बिना माली के बाग़ नहीं लूटेरे बिना हो ना लूट , और कोए ना बोवै फूट सबर का यो प्यावें घूँट , नयों हमनै खावें चूट अमीर फेर दिखावें बूट , कदे समझ ना पाई || 3 बिना सुर के राग नहीं, बिना घर्षण के आग नहीं दफ़न सभी फरयाद हुई, घनी लीलो चमन बर्बाद हुई कबूल नहीं फरयाद हुई , मेहनत सारी खाद हुई कमजोर म्हारी याद हुई , नयों या नौबत ठाई || 4 ना बिन पदार्थ कुछ साकार , ना बिन तत्व गुणों का सार ये नीति इसी चाल रहे , बिछा हम पर जाल रहे बिकवा घर का माल रहे , सब ढालां कर काल रहे गलूरे बना ये लाल रहे, रणबीर की श्यामत आई || 1989 26********* धन्ना सेठों और हिंदुत्व की दुग्गी देश मैं छाई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 1 बहु विविधता भाईचारे पै खतरा खूब बढ़ाया संसद भारत देश की इसका मखौल उड़ाया तर्क सत्य विवेक म्हारा भीड़ नै पढण बिठाया गौरक्षा के नाम ऊपर उधम घणा सै मचाया देश मैं अन्धविश्वसां की बाढ़ कसूती आई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 2 बेरोजगारी पै चुप्पी साधी नहीं चिंता किसानी की जात धर्म पै बाँटे घृणा बढ़ाई बेउँमानी की इलाज म्हारे की चिंता ना घणी चिंता अडाणी की शिक्षा का भट्ठा बिठाया चांदी होरी आज अज्ञानी की असली मुद्दे घुमा दिए रूलती हांडे भरपाई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 3 फासीवाद का हमला आग्या यो मनै तनै सालैगा ज्यूकर पूंजीपति कहैगा हुक्म उसका पालैगा जात धर्म पै लड़वाकै नै म्हारे पै जाल घालैगा संविधान पाड़ बगाया जा हुक्म राजा का चालैगा या काट फासीवाद की जनता का मोर्चा बताई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 4 छोड़ बाँट जात पात पै एक मंच पै आणा होगा नबै दस की लड़ाई का नारा मिलकै लाणा होगा पूंजीपति देशी बदेशी को सबक सिखाना होगा सबनै इंक़लाब जिंदाबाद मिलकै गाणा होगा कहै रणबीर समझो म्हारी असल लड़ाई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 27*********** 2008 की रचना आज और प्रासंगिक हो गयी लगती है जाल अमरीका का अमरीका तनै जाल बिछाया , हिंसा नशा नंगापन फैलाया, हरेक देश दबाना चाहया, तेरी चाल समझ मैं आई सै। 1 फीम सुल्फा चरस बिकादी , हथियारों की होड़ बढ़ादी , तेरे तै होंगे सही पौ बारा , यो नौजवान फंसग्या म्हारा म्हारी तबियत होगी खारया ,करी खूब काली कमाई सै। 2 उदारीकरण के नारे लगाए , शिकंजे मैं कई देश फंसाये तूफ़ान अश्लीलता का ल्याया , गाभरू कै खून मुँह लगाया चैनल पै चैनल चलवाया , आतंकवाद कसूत फैलाई सै । 3 पोर्न फिल्मों की बाढ़ सी ल्यादी , काली कमाई इसमें भी लादी हिंसा नै रिकार्ड तोड़ दिये , म्हारे छोरा छोरी मरोड़ दिए ये हिंसा के घोड़े खुल्ले छोड़ दिए , सोच समझ चाल चलायी सै । 4 एक हाथ तैं लूटै हमनै देखो , दूजे हाथ तैं चूमै हमनै देखो म्हारा धयान हटावै सच्चाई तैं , ऐश करता म्हारी कमाई पै रणबीर सिंह की कविताई पै ,उम्मीद जनता नै लाई सै । 28************ विश्व बैंक विश्व बैंक हमारा रक्षक हमने रक्षक माना इसको। निकला यह पूरा ही भक्षक अनुभव से जाना इसको। 1 गरीबी और बेकारी सबके खत्म होने की आस उठी मगर पन्दरा साल के भीतर जवान बेटे की लाश उठी विश्वबैंक के कान हों तो गरीब की व्यथा सुनाना इसको। 2 शिक्षा जगत में गुणवत्ता का इसने ही प्रचार किया जैसी शिक्षा थी अपनी उस पर जमकर प्रहार किया महंगी शिक्षा गुणवत्ता नहीं इतना तो बताना इसको। 3 स्वस्थ जगत का रंग बदला बड़े अस्पताल ले आए मेरे जैसे गरीब गुरबा तो इनके अंदर नहीं घुस पाए अपोलो फोर्टिस की कल्चर ये जरा समझाना इसको। 4 बहुराष्ट्रीय कंपनियों का यह रक्षक असल में पाया मुखौटा हमारी मदद का रंग रंगीला इसने लगाया रणबीर का पैन खोसने का ना मिला बहाना इसको। 29********** आत्म सम्मान आत्म सम्मान बेच देश का धनवान बने हांडैं सैं। पाखण्ड रचा कै दिन धौली भगवान बने हांडैं सैं।। 1 लच्छेदार भाषण देकै जनता बेकूफ बनाई किसनै हमनै लूटैं कामचोर बतावैं या प्रथा चलाई किसनै खूनी भेड़िया इस समाज मैं इन्सान बने हांडैं सैं।। पाखण्ड रचा कै दिन धौली भगवान बने हांडैं सैं।। 2 बालक इनके बिगड़लिये सब अवगुण पाल रहे रै सट्टा बाजारी चोरी जारी चाल कसूती चाल रहे रै पशु भावना के शिकार ये नौजवान बने हांडैं सैं।। पाखण्ड रचा कै दिन धौली भगवान बने हांडैं सैं।। 3 इन्सानियत सारी भूल गये पीस्सा ईष्ट भगवान हुया सारे परिवार खिंड मिंड होगे रोब्बट यो इन्सान हुया समाज की ये बढ़ा कै पीड़ा दयावान बने हांडैं सैं।। पाखण्ड रचा कै दिन धौली भगवान बने हांडैं सैं।। 4 परम्परा के घेरे में पहल्यां घर मैं बोच दबाई किसनै आधुनिकता के नाम पै या बाजार ल्या बिठाई किसनै रणबीर महिला चीज बनाई खुद दलाल बने हांडैं सैं।। पाखण्ड रचा कै दिन धौली भगवान बने हांडैं सैं।। 30************ शोषण हमारा बदेशी कम्पनी आगी, हमनै चूट-चूट कै खागी अमीर हुए घणे अमीर, यो मेरा अनुमान सै।। 1 हमनै पूरे दरवाजे खोल दिये,बदेशियां नै हमले बोल दिये ये टाटा बिड़ला साथ मैं रलगे, उनकै घी के दीवे बलगे बिगड़ी म्हारी तसबीर, या संकट मैं ज्यान सै।। 2 पहली चोट मारी रूजगार कै, हवालै कर दिये बाजार कै गुजरात मैं आग लवाई क्यों, मासूम जनता या जलाई क्यों गई कड़ै तेरी जमीन, घणा मच्या घमसान सै।। 3 म्हारी खेती बरबाद करदी, धरती सीलिंग तै आजाद करदी किसे नै ख्याल ना दवाई का, भट्ठा बिठा दिया पढ़ाई का घाली गुरबत की जंजीर, या महिला परेशान सै।। 4 सल्फाश की गोली सत्यानासी, हरदूजे घर मैं ल्यादे उदासी आठ सौबीस छोरी छोरा हजार,बढ़या हरियाणे मैं अत्याचार लिखै साची सै रणबीर, नहीं झूठा बखान सै।। 31************* जो रुकै नहीं, जो झुकै नहीं ,जो दबै नहीं, जो मिटै नहीं हम वो इंकलाब रै, जुल्म का जवाब रै।। हर शहीद का, हर रकीब का,हर गरीब का, हर मुरीद का हम बनैं ख्वाब रै, हम खुली किताब रै।। लड़ते हम इसके लिए प्यार जग मैं जी सकै आदमी का खून कोय शैतान नहीं पी सकै मालिक मजूर के,बड़े हजूर के,रिश्ते गरूर के,जलवे शरूर के ईब छोडै नवाब रै,शरूर और शराब रै।। हम मानैं नहीं हुक्म जुल्मी हुक्मरान का युद्ध छिड़ लिया आज आदमी शैतान का सच की ढाल , ले कै मशाल,हों ऊंचे ख्याल, करैं कमाल खिलै लाल गुलाब रै,सीधा हो जनाब रै।। मानते नहीं हम फर्क हिन्दू मुस्लमान का जानते हम तो रिश्ता इंसान से इंसान का जो टूटै नहीं, जो छूटे नहीं, जो रुठै नहीं,जो चूकै नहीं ना चाहवै ख़िताब रै, बरोबर का हिसाब रै।। भोर की आँख फेर नहीं डबडबायी होंगी कैद महलां मैं नहीं म्हारी कष्ट कमाई होंगी जो छलै नहीं, जो गलै नहीं , जो जलै नहीं,जो ढलै नहीं सब की आब रै, नहीं मानैगी दाब रै।। 32************* ओले हाथ नै सौले का भरोसा नहीं रहया बताया रै के होग्या म्हारे समाज कै अंधविश्वास सारै छाया रै 1 बाहण की इज्जत नै भाई समाज के मैं लूट रहया गुंडा लेकै रिवाल्वर पूरे गाम मैं खुल्ला छूट रहया गाम पी खून का घूंट रहया बदमाशों नै डराया रै।। के होग्या म्हारे समाज कै------ 2 शहरां तैं आज गाम घणे असुरक्षित होंते आवैं सैं वंचित तबके गामां मैं मुश्किल तैं रात बितावैं सैं गुंडे छोरी ठा लेज्यावैं सैं रिवाल्वर का भय बिठाया रै।। के होग्या म्हारे समाज कै--------- 3 जो बोलैं उणनै पीटैं झूठे उनपै इल्जाम लवादें सैं स्कूल जान्ती छोरी घबरावैं उड़ै जावणा छटवादें सैं काबू ना आवै तो मरवादें सैं यो किसा जमाना आया रै।। के होग्या म्हारे समाज कै--------- 4 चुप्पी साधें ना पार पड़ै हमनै आवाज उठानी होगी गुंडागर्दी पै सबनै मिलकै आज लगाम लगानी होगी रणबीर कलम चलानी होगी ज्यां यो छंद सै बनाया रै।। के होग्या म्हारे समाज कै--------- 33*********** हिमा दास ने 20 दिन में 6 गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रच दिया। हिमा दास नै छह गोल्ड मेडल जीतकै करकै कमाल दिखाया ।। दो सौ मीटर मैं पांच कम्पीटीसनों मैं उसनै पहला नंबर पाया।। 1 आसाम की रहने आली हिमा नै अपना घरबार छोड़ना पड़या घरवालों नै घर छोडन पै कर दिया पूरा एकबै बबाल खड़या कोच नै समझ कै सारा मामला हाथ पैर जोड़ कै मनाया।। दो सौ मीटर मैं पांच कम्पीटीसनों मैं उसनै पहला नंबर पाया।। 2 हिमा दास करकै दौड़ रोजाना सहज सहज बढ़ी आगै निपोन कोच नै कई गुर सिखाए उसतै ज्यांतैं कढ़ी आगै गरीब परिवार की बेटी हिमा दास नै पसीना खूब बहाया।। दो सौ मीटर मैं पांच कम्पीटीसनों मैं उसनै पहला नंबर पाया।। 3 बीस दिन मैं छटा गोल्ड जीत लिया मचाया रूक्का सारै सारे एशिया मैं चर्चा होगी उसकी सुन दिल खिलगे म्हारे हिमा दास नै इतिहास रच दिया देखो देश का मान बढ़ाया।। दो सौ मीटर मैं पांच कम्पीटीसनों मैं उसनै पहला नंबर पाया।। 4 जितना सम्मान चाहिए मिलना हिमा नै कहते मिल्या कोण्या सरकार का खजाना पूरे दिल तैं उसपै कहते खुल्या कोण्या कहै रणबीर सिंह शाबाश हिमा दास दिल लाकै छंद बनाया।। दो सौ मीटर मैं पांच कम्पीटीसनों मैं उसनै पहला नंबर पाया।। 34********** अमेरिका नचा रहा है और आगे और नचाएगा। क्या बताया भला------------ अमरीका का खेल आज भारत क्यों खेल रहया।। आत्मनिर्भरता का नारा यो कष्ट क्यों झेल रहया ।। 1 ड्रोन विमान खरीदण नै अमरीका का दौरा करया एफ सोलां भारत मैं बणै उसनै यो एजेंडा धरया जूनियर सैन्य पार्टनर कहै हमनै वो धकेल रहया।। अमरीका का खेल आज भारत क्यों खेल रहया।। 2 म्हारी सरकार खुशी तैं पुगावै अमरीका के फरमान अमरीका बनकै तानाशाह करता देशों का अपमान सेना के खुफिया तंत्र मैं अपने एजेंट धकेल रहया।। अमरीका का खेल आज भारत क्यों खेल रहया।। 3 अमरीका चाहवै सैन्य रिश्ते अपनी ढाल के भाई गोड्डे टिकवाकै मानैगा वो चलावैगा अपणी राही अपणे हथियार बेचण नै घाल म्हारै नकेल रहया।। अमरीका का खेल आज भारत क्यों खेल रहया।। 4 विश्व शांति के पैमाने हथियार विक्रेता बतावै रै अपणी कीमत पै बेचकै घणी लूट यो मचावै रै कहै रणबीर अमरीका म्हारे रक्षा तंत्र नै ठेल रहया।। अमरीका का खेल आज भारत क्यों खेल रहया।। 35************ पी वी सिंधु का मैडल पक्का मार दिया इसनै आज छक्का ओकिहारा को दिया धक्का थोड़ा सा दिल नै थाम लियो ।। बैंडमिंटन मैं रियो मैं खेल दिखाया देखो फाइनल मैं पहोंच कै मान बढ़ाया देखो मीडिया न्यों अंदाज लगावै मैडल पक्का जरूर बतावै यो देश थारी तरफ लखावै सिंधु लगा जोर तमाम दियो ।। जापान की लड़की हरा अपने पैर जमाये स्पेनी लड़की गेल्याँ पेचे फाइनल मैं बताये राष्ट्रपति म्हारे नै दी सै बधाई प्रधानमन्त्री नै करी सै बड़ाई परिवार नै खूब खुशी मनाई काल थकन का मत नाम लियो ।। रात नै सोईये सिंधु थकान बी तार लिए काल कौनसे गुर लाने कर विचार लिए पूरे दम खम तैं खेलिए सिंधु वार स्पेन की के झेलिये सिंधु नम्बर तो फालतू लेलिए सिंधु जितना हार का ना नाम लियो ।। गोल्ड मैडल पै तूँ ध्यान राखिये पूरा हे एक गोल्ड देश ले ख्याल राखिये पूरा हे म्हारे देश की छोरी छारी सैं रणबीर खूब जोर लगारी सैं बेशक पेट मैं चलैं कटारी सैं बुलंद कर देश का नाम दियो ।। 36************ पन्दरा अगस्त आजादी का दिन --एक लेखा जोखा कितने गये काला पानी कितने शहीद फांसी टूटे रै।। पाड़ बगा दिए गोरयां के गढ़ रे थे जो देश मैं खूंटे रै ।। 1 पहली आजादी की जंग थारा सो सतावन मैं लड़ी थी बंगाल आर्मी करी बगावत जनता भी साथ भिड़ी थी ठारा सौ सतावन के मैं जान क्रांति के बम्ब फूटे रै ।। 2 भगत सिंह सुख देव राजगुरु फांसी का फंदा चूमे उधम सिंह भेष बदल कै लन्दन की गालाँ मैं घूमे चंदर शेखर आजाद सहमी गोरयां के छक्के छूटे रै।। 3 सुभाष चंदर बोश नै आजाद हिंद फ़ौज बनाई थी महिला विंग खडी करी लक्ष्मी सहगल संग आई थी दो सौ साल राज करगे ये किसान मजदूर लूटे रै ।। 4 गाँधी की गेल्याँ जनता जुडगी हर तरियां साथ दिया चाल खेलगे गोरे फेर बी देश मैं बन्दर बाँट किया बन्दे मातरम अलाह हूँ अकबर ये हून्कारे उठे रै ।। 5 सोच घूमै इब्बी जिसने देख्या खूनी खेल बंटवारे का लाखां घर बर्बाद हुए यो क़त्ल महमूद मुख्त्यारे का दो तिहाई नै आज बी रोटी टुकड़े पानी संग घूंटे रै ।। 6 छियासठ साल मैं करी तरक्की नीचे तक गई नहीं ऊपरै ऊपर गुल्पी आजादी नीचै जावन दई नहीं रणबीर सिंह टोह कै ल्यावै खुये मक्की के भूट्टे रै ।। 37*********** 11अगस्त 2021 को तीज है, इस मौके की एक रागनी लाल चूंदड़ी दामण काला, झूला झूलण चाल पड़ी। कूद मारकै चढ़ी पींग पै देखै सहेली साथ खड़ी।। 1 झोटा लेकै पींग बधाई, हवा मैं चुंदड़ी लाल लहराई उपर जाकै तले नै आई, उठैं दामण की झाल बड़ी।। 2 पींग दूगणी बढ़ती आवै, घूंघट हवा मैं उड़ता जावै झोटे की हिंग बधावै, बाजैं पायां की छैल कड़ी।। 3 मुश्किल तै आई तीज, फुहारां मैं गई चुंदड़ी भीज नई उमंग के बोगी बीज, सुख की देखी आज घड़ी।। 4 रणबीर पिया की आई याद, झूलण मैं आया नहीं स्वाद नहीं किसे नै सुनी फरियाद, आंसूआं की या लगी झड़ी।। 38************ म्हारे प्रदेश हरयाणा नै तरक्की का ढूंह मार दिया।। सौ मैं तैं नबै तो भूखे हांडै दस कसूता सिंगार दिया।। 1 दारू के ठेके गाम गाम मैं रोज तरक्की कररे देखो पिला पिला दारू मिला पाणी अपने घर भररे देखो फ्लाई ओवर खूब बनाये लगा टैक्साँ का अंबार दिया।। सौ मैं तैं नबै तो भूखे हांडै दस कसूता सिंगार दिया।। 2 दोचार जिल्यां मैं दीखै विकास बाकी खड़े लखावैं रै इलाकावाद जात पात के देखो झंडे खूब फहरावैं रै भ्रष्टाचार करै रोज तरक्की ईसा तरीका उभार दिया।। सौ मैं तैं नबै तो भूखे हांडै दस कसूता सिंगार दिया।। 3 तरां तरां की कार घूमती कई तरां के ठेकेदार देखो सारी चीज बिकैं चौड़े मैं यो बनाया इसा बाजार देखो युवा लड़के लड़की सबको बेरोजगारी से सिंगार दिया।। सौ मैं तैं नबै तो भूखे हांडै दस कसूता सिंगार दिया।। 4 एक हाथ तैं कड़ थेपड़ दें दूजे हाथ तैं फंदा डाल रहे विकास की नहीं आज ये विनाश की राही चाल रहे रणबीर जो बोल्या साहमी वो पुचकार कै दुत्कार दिया।। सौ मैं तैं नबै तो भूखे हांडै दस कसूता सिंगार दिया।। 39********** साथियो सुनियो भोर तै कितै खोगी यो हुया घनघोर अंधेरा ।। ढ़बियो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 1 बेरोजगारी बढ़ती जावै जुमलयां का औड़ ना कमेरयो करियो एकता इसका और तौड़ ना बिना एकता जी काढ़ै म्हारा पूंजीपति लुटेरा।। ढ़बियो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 2 लूट म्हारी थारी देश मैं यो बढ़ाता जावै भाई क्युकर खेल रचावै ना म्हारी समझ मैं आई समाज का ताणा बाणा बखेर दिया सै भतेरा।। ढ़बियो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 3 जोर जबरदस्ती रोजाना म्हारी गेल्याँ होवै सै संस्कृति के नाम ऊपर सूआ कसूता चुभोवै सै म्हारी कितै बूझ नहीं बढ़या भुखमरी का घेरा।। ढ़बियो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 4 दिखावे दिखावे रैहगे असली बात रही कोण्या के कसर रहेगी नाश मैं कति झूठ कही कोण्या रणबीर पिस्ता जावै सै रोजाना देश मैं कमेरा।। ढ़बियो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 40********** दिसम्बर 2013 नए साल 2014 पर लिखी एक रागनी साइनिंग इंडिया सफरिंग इंडिया अंतर बढ़ता जाता रै।। क्युकर पाटां इस अंतर नै नहीं कोए मनै समझाता रै।। 1 यो शाइनिंग इंडिया बहोत घणा आगै जा लिया बताऊँ मैं गुड़गामा नया और पुराना देखल्यो ना जमा झूठ भकाऊं मैं नए और पुराने का अंतर ना जमा मेरे जिस्यां नै उलझाता रै।। क्युकर पाटां इस अंतर नै नहीं कोए मनै समझाता रै।। 2 पुराने ढांच्यां तैं लोग घणे दुखी हो लिए हिंदुस्तान के कई पुरानी सोच ओछी जूती काटै पैरां नै मजदूर किसान के नए ढांचे कोण्या मिटा पारे यो भ्रष्टाचार घूमै दनदनाता रै।। क्युकर पाटां इस अंतर नै नहीं कोए मनै समझाता रै।। 3 नए साल मैं नई इबारत जनता लिखनी चाहवै जरूर जात मजहब तैं ऊपर उठकै भ्रष्टाचार मिटावै जरूर लड़ाई लाम्बी सै संघर्ष मांगती समों नहीं झूठ बहकाता रै।। क्युकर पाटां इस अंतर नै नहीं कोए मनै समझाता रै।। 4 सिस्टम एक रात मैं बदळै ईसा इतिहास ना टोहया पावै सिर धड़ की कुर्बानी मांगै जब कितै खरोंच इसकै आवै मेरा जी तो ये अंतर कम करने को पूरी तरियां चाहता रै।। क्युकर पाटां इस अंतर नै नहीं कोए मनै समझाता रै।। 5 बहोत सी उपलब्धियां आज पाछले साल की गिनाई जावैंगी ये नाकामियां इतनी घणी सैं इनतैं कति नहीं छिप पावैंगी आणे आले बख़्त मैं मनै जो दीखै आम जन नहीं देख पाता रै।। क्युकर पाटां इस अंतर नै नहीं कोए मनै समझाता रै।। 6 फासिज्म नए ब्रांड का आज म्हारे सिर पै आण खड़या भाई तरल पूंजी के नए डिजाइन पूंजी ला हांगा घडकै ल्याई भाई रणबीर जूझणा नए साल मैं इसकी झलां गेल्याँ चाहता रै।। क्युकर पाटां इस अंतर नै नहीं कोए मनै समझाता रै।। 41********* मोदी मोदी मोदी होरी हवा चली घणे जोर की। कुछ करया धरया नही नीरी मारी बात बोर की। टेक 1 झूठ बोल कै सारे कै माहोल बणाया था। काला धन मैं ल्याकै छोडूं देश भकाया था काले धन कै ऊपर ना एक धेला भी पाया था गरीब आदमी फंसया जाल मै साहुकार उठाया था सारा देश नयूं गरभाया था करी बात ठोर की। 2 काला धन कितै नही था कानून काला बणा दिया महगांई तो घटी नही उपर तै जी एस टी ओर तणा दिया चोर बजारी बढती जारी अडाणी उपर खिणा दिया सब देशां मै देश भारत पागल ईसनै सारै जणा दिया मुरखां मै मुर्ख गीणा दिया म्हारी गिनती सै ढांगर ढोर की। 3 मुजफ्फर मै दंगा करवा कै मानस तैं मानस भिडा दिया सो साल का महारा भाईचारा पल भर मै खिणडा दिया उस अडाणी नै कुण जाणै था सब देशां मैं चढा दिया पैंतीस एक का नारा देकै एक न्यारा पाठ पढा दिया म्हारै राहु सिर पै चढा दिया ना तै पूँछ मरोडां लोर की। 4 रणबीर सिहँ दहिया नयूं कहरे यो गरीब बेचारा मार दिया साँपले आले चान्द सिहँ नै यो बिगडया छन्द समार दिया कोए मानो या ना मानो भाईयो कर थारा प्रचार दिया। गरीब कै चोट मार कै गहरी वो साहुकार उभार दिया। जो छोटू राम नै प्यार दिया ना बात करूं मै ओर की। 42********** नोट बंदी नोट बंदी की तीजी बरसी आज कै दिन गई बताई।। कसूता सत्या नाश करया फेर जनता उबर नहीं पाई ।। 1. लाखां का धन काला पकड़ां यो वायदा खूब करया भ्रष्टाचार नहीं लगा रहवैगा यो मीडिया खूब भरया काला सफेद होया बताया खुली झूठ की पोल भाई ।। कसूता सत्या नाश करया फेर जनता उबर नहीं पाई ।। 2 इस नोटबंदी नै म्हारा कति तेल काढ़ कै गेर दिया आम आदमी चौगरदे तैं इसनै घणा कसूता घेर लिया लंबी लाइनां मैं खड़े खड़े कईयों नै ज्याण खपाई।। कसूता सत्या नाश करया फेर जनता उबर नहीं पाई ।। 3 नकद लेवण देवण का यो जिनका रोज का काम था करोड़ां लोग बर्बाद होगे उनपै और ना इंतजाम था असंगठित क्षेत्र मैं पैंतीस लाख नै दिहाड़ी गंवाई।। कसूता सत्या नाश करया फेर जनता उबर नहीं पाई ।। 4 आतंकवाद खत्म होज्यागा यो वायदा करया दखे यो और घणा बढ़ता दीख्या आतंकी ना डरया दखे नोट बंदी तो फेल होवैगी रणबीर नै नहीं झूठ भकाई ।। कसूता सत्या नाश करया फेर जनता उबर नहीं पाई ।। 43********** धन्ना सेठों और हिंदुत्व की दुग्गी देश मैं छाई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 1 बहु विविधता भाईचारे पै खतरा खूब बढ़ाया संसद भारत देश की इसका मखौल उड़ाया तर्क सत्य विवेक म्हारा भीड़ नै पढण बिठाया गौरक्षा के नाम ऊपर उधम घणा सै मचाया देश मैं अन्धविश्वसां की बाढ़ कसूती आई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 2 बेरोजगारी पै चुप्पी साधी नहीं चिंता किसानी की जात धर्म पै बाँटे घृणा बढ़ाई बेउँमानी की इलाज म्हारे की चिंता ना घणी चिंता अडाणी की शिक्षा का भट्ठा बिठाया चांदी होरी आज अज्ञानी की असली मुद्दे घुमा दिए रूलती हांडे भरपाई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 3 फासीवाद का हमला आग्या यो मनै तनै सालैगा ज्यूकर पूंजीपति कहैगा हुक्म उसका पालैगा जात धर्म पै लड़वाकै नै म्हारे पै जाल घालैगा संविधान पाड़ बगाया जा हुक्म राजा का चालैगा या काट फासीवाद की जनता का मोर्चा बताई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 4 छोड़ बाँट जात पात पै एक मंच पै आणा होगा नबै दस की लड़ाई का नारा मिलकै लाणा होगा पूंजीपति देशी बदेशी को सबक सिखाना होगा सबनै इंक़लाब जिंदाबाद मिलकै गाणा होगा कहै रणबीर समझो म्हारी असल लड़ाई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 44*********** म्हारे प्रदेश हरयाणा नै तरक्की का ढूंह मार दिया।। सौ मैं तैं नबै तो भूखे हांडै दस कसूता सिंगार दिया।। 1 दारू के ठेके गाम गाम मैं रोज तरक्की कररे देखो पिला पिला दारू मिला पाणी अपने घर भररे देखो फ्लाई ओवर खूब बनाये लगा टैक्साँ का अंबार दिया।। सौ मैं तैं नबै तो भूखे हांडै दस कसूता सिंगार दिया।। 2 दोचार जिल्यां मैं दीखै विकास बाकी खड़े लखावैं रै इलाकावाद जात पात के देखो झंडे खूब फहरावैं रै भ्रष्टाचार करै रोज तरक्की ईसा तरीका उभार दिया।। सौ मैं तैं नबै तो भूखे हांडै दस कसूता सिंगार दिया।। 3 तरां तरां की कार घूमती कई तरां के ठेकेदार देखो सारी चीज बिकैं चौड़े मैं यो बनाया इसा बाजार देखो युवा लड़के लड़की सबको बेरोजगारी से सिंगार दिया।। सौ मैं तैं नबै तो भूखे हांडै दस कसूता सिंगार दिया।। 4 एक हाथ तैं कड़ थेपड़ दें दूजे हाथ तैं फंदा डाल रहे विकास की नहीं आज ये विनाश की राही चाल रहे रणबीर जो बोल्या साहमी वो पुचकार कै दुत्कार दिया।। सौ मैं तैं नबै तो भूखे हांडै दस कसूता सिंगार दिया।। 45********** आज काल चौखे ब्योन्त आला खूबै काच्चे काटै भाई रै।। ऑन लाइन पै काम काढ़ो या किसी स्कीम चलाई रै।। 1 मॉल घणे गजब के खोले मिलै सब किमैं एक छात नीचै बाहर खड़या खड़या गरीब अपने खाली पेट नै भींचै ब्यौन्त आला घरां बैठ्या करै बुकिंग जहाज हवाई रै।। ऑन लाइन पै काम काढ़ो या किसी स्कीम चलाई रै।। 2 अपोलो बरगे फाइव स्टार अस्पताल गजब खोल दिये इलाज का खर्चा महंगा सुन गरीब के हिये डोल दिये गरीब मरो सड़कै बेशक कहवण की ये मुफ्त दवाई रै।। ऑन लाइन पै काम काढ़ो या किसी स्कीम चलाई रै।। 3 एयर कंडीसन्ड जीवन का न्यारा बढ़िया संसार बनाया स्कूल घर अस्पताल कार सिनेमा सारे कै जाल बिछाया होटलों मैं चलैं दारू पार्टी उड़ै पिस्से नै धूम मचाई रै।। ऑन लाइन पै काम काढ़ो या किसी स्कीम चलाई रै।। 4 किसी तरक्की म्हारे देश की थोड़ा सा गम्भीर सवाल यो गरीब मरै बिन रोटी भूखा नहीं किसे नै इसका मलाल यो गरीब नै आज अपनी बेचैनी या पूरी दुनिया तैं बताई रै।। ऑन लाइन पै काम काढ़ो या किसी स्कीम चलाई रै।। 5 सब रंगां का समावेश यो भारत देश हमारा देश होवै जात पात और मजहब का आड़ै यो नहीं क्लेश होवै रणबीर आज सोच समझ कै करता कलम घिसाई रै।। ऑन लाइन पै काम काढ़ो या किसी स्कीम चलाई रै।। जनवरी 2004 46********* खोरी गाँव में लगातार ज़मीन ख़रीदकर बसते रही यहाँ की मेहनतकश आबादी। यह ओखला, बदरपुर और फरीदाबाद औद्योगिक क्षेत्रों में अपना हाड़-माँस गलाती है। क्या बताया भला--- वन संरक्षण के कानून लगा कै जुल्म कररी सै सरकार।। बसे फरीदाबाद मैं सालां तैं क्यों उजाड़ रही परिवार ।। 1 देश भर मैं लाखां हेक्टेयर जंगल कारपोरेट ताहिं उजाड़े सुप्रीम कोर्ट भी आंख मूंदग्या जब जंगलां के तंबू पाड़े खोरी की झुग्गी झोंपड़ी तोड़ी हजारां लोग गए लिकाड़े हरियाणा के शासन नै करे बहोत घणे उन गेल्याँ खाड़े कोरोना काल मैं बेघर करने पै ये हुक्म करे बारम्बार।। बसे फरीदाबाद मैं सालां तैं क्यों उजाड़ रही परिवार ।। 2 पाछले मिहने की सात तारीख नै फैंसला कोर्ट नै दोहराया बेदाखली प्रक्रिया पूरी करो छह हफ्ते का टाइम सुनाया खोरी गांव अरावली पर्वत के जंगलां का हिस्सा बताया सरकारी जमीन पै अवैध कब्जा पंजाबी कानून दिखाया उजाड़ कै खोरी तैं बसाने का नहीं हुक्म किया दरबार।। बसे फरीदाबाद मैं सालां तैं क्यों उजाड़ रही परिवार ।। 3 भूमाफिया नै ये जमीन गैर कानूनी ढंग तैं बेची कहते सन उन्नीस सौ सत्तर तैं मजदुर बताये खोरी मैं रहते उबड़ खाबड़ जमीन समतल करी दुख दर्द बहोत सहते दुख हुआ बहोत घणा जिब देखे झोंपड़ी मकान ढहते कट्ठे होकै कररे मुकाबला पुलिस की होसै लाम्बी कतार।। बसे फरीदाबाद मैं सालां तैं क्यों उजाड़ रही परिवार ।। 4 पांच सितारा होटल बनारे उनपै सवाल क्यों ना ठाया फार्म हाउस भी बना राखे जिकरा तक कोण्या आया दोभांत कानून लागू करने मैं कारण मजदूर समझ पाया संघर्ष का रास्ता खोरी गांव नै आखिर मैं सै अपनाया रणबीर या लाम्बी लड़ाई सै जीतै कमेरा हारैगा साहूकार।। बसे फरीदाबाद मैं सालां तैं क्यों उजाड़ रही परिवार ।। 47********* मीठी मीठी बात करैं ये पर भीतर तैं काले।। देशद्रोही देश भक्त घणी झूठ फैंकण आले।। 1 बण जोंक खून चूसैं वे साहूकार बणे हाँडें सैं हम भूखे फिरैं घूमते वे ताबेदार बणे हांडें सैं लेरे सैं महल अटारी वे थानेदार बणे हांडें सैं काल के जो दुराचारी वे दिलदार बणे हांडें सैं अफवाह फैला देश मैं कर दिए मोटे चाले।। देश द्रोही देश भक्त घणी झूठ फैंकण आले।। 2 बढा कै नै महंगाई खागे लोगां नै लूट लूट कै भ्रष्टाचार भरया नशां मैं इनकी कूट कूट कै बिन रिश्वत काम ना होवैं रोल्यो फुट फुट कै अंधविश्वास खावैं देखो साइंस नै चूट चूट कै वाजीरां के बनें अफसर भतीजे और साले।। देश द्रोही देश भक्त घणी झूठ फैंकण आले ।। 3 जोंक भेड़िये जो पहले मगरमच्छ देवें दिखाई ठोक ठोक भरैं तिजूरी कर अन्धधुन्ध कमाई जनता की नहीं होती आज देश मैं कितै सुनाई आठों पहर डर रहवै कदे आज्याँ पापी कसाई कदे बीफ के शक पै कत्ल कर पाड़ दें चाले।। देश द्रोही देश भक्त घणी झूठ फैंकण आले।। 4 काले नाग बने जहरी ये कारपोरेट के व्यापारी चीनी गैस तेल नाज ये कठ्ठी कर लेते सारी नागां का के भरोसे कद आज्याँ बाहर पिटारी सारा देश डर मैं जीवै ना पै यो हमला जारी रहिए संभल कै नै सुण रणबीर बरोने वाले।। देश द्रोही देश भक्त घणी झूठ फैंकण आले।। 48************ बैर क्यों इसी कोए मिशाल भाई कदे दुनिया मैं पाई हो। हिन्दु के घर मैं आग खुद कदे खुदा न लाई लाई हो।। 1 राम रहित नानक ईसा ये तो दीखैं नर्म देखो चमचे इनके हमेश पावैं पतीले से गर्म देखो याद हो किसे कै बस्ती कदे राम नै जलाई हो।। हिन्दु के घर मैं आग खुद कदे खुदा न लाई लाई हो।। 2 ब्रूनो मारया मारया गांधी धर्म की इस राड़ नै ये किसे धर्म सैं जित रूखाला खुद खा बाड़ नै एक दूजे की मारी मारी किसे धर्म नै सिखाई हो।। हिन्दु के घर मैं आग खुद कदे खुदा न लाई लाई हो।। 3 घरां मैं बुढ़ापा ठिठरै मजार पै चादर चढ़ावैं बिकाउ सैं जो खुद वे ईब म्हारी कीमत लावैं खड़े मन्दिर मस्जिद सुने बस्ती दे वीरान दिखाई हो।। हिन्दु के घर मैं आग खुद कदे खुदा न लाई लाई हो।। 4 सूरज हिन्दू चन्दा मुस्ल्मि तारयां की के जात किसकी साजिश ये विचारे क्यों टूटैं आधी रात रणबीर धर्म पै करां क्यों बिन बात लड़ाई हो।। हिन्दु के घर मैं आग खुद कदे खुदा न लाई लाई हो।। 49************** *जो आया दुनियां के म्हां उनै पड़ै लाजमी जाणा हो।।* *सुरग नरक किसनै देख्या बस होसै फरज पुगाणा हो।।* 1 बीर मरद तै हो उत्पत्ति या जाणै दुनिया सारी सै पांच भूत के योग तै या कहते बणी सृष्टि न्यारी सै या तासीर खास योग की जीव मैं होवै न्यारी सै मिजाज जिब बिगड़ै योग का जीव नै हो लाचारी सै *इसकी गड़बड़ मैं मौत कहैं हो बन्द सांस जब आणा हो।।* सुरग नरक किसनै देख्या बस होसै फरज पुगाणा हो।। 2 पहले जनम मैं जिसे करे कहैं इस जनम मैं भुगतै इस जनम मैं जिसे करे कहैं अगले के म्हां निबटै दोनों बात गलत लागै क्यों ना इसका इसमें सिमटै साहमी हुए की चिन्ता ना क्यों बिना हुए कै चिपटै *इसे जनम का रोला सारा बाकी लागै झूठा ताणा हो।।* सुरग नरक किसनै देख्या बस होसै फरज पुगाणा हो।। 3 मनुष्य सामाजिक जीव कहैं बिन समाज डांगर होज्या लेकै समाज पै चाहिये देणा बिन इसके बांदर होज्या माली बिना बाग और खेती बिन पाणी बांगर होज्या मरकै कोए ना आया उलटा जलकै पूरा कांगर होज्या *साइंस नै बेरा पाड़ लिया ईब छोड्डो ढंग पुराणा हो।।* सुरग नरक किसनै देख्या बस होसै फरज पुगाणा हो।। 4 आच्छे भूण्डे करमां करकै या दुनिया हमनै याद करै या गुणी के गुण गावै आड़ै पापी कंस की यादे तिरै यो शरीर जल बणै कारबन प्याराकर कर याद मरै मेहर सिंह फौजी बरोने का रणबीर करता याद फिरै *करमां आला ना मरै कदे ना पाले राम का गाणा हो।।* सुरग नरक किसनै देख्या बस होसै फरज पुगाणा हो।। 50********** नशे पते का व्यापार, बढ़ाती जावै सरकार, इतनी कसूती मार, म्हारी समझ नहीं आवै।। 1 अफीम और हीरोइन का भारत घढ बताया आज माफिया नशे पते का पूरी दुनिया मैं छाया लत कसूती लवा दे यो ,नेता नै मरवादे यो, भुन्डे कर्म करादे यो,म्हारी समझ नहीं आवै।। 2 माफिया नशे पते का कई देशां मैं राज चलावै सी आई ए तैं मिलकै यो बहोत ऊधम मचावै युवा जमा बर्बाद हों,बहोत घणे फसाद हों , कैसे नशे से आजाद हों,म्हारी समझ नहीं आवै।। 3 एक तरफ दारू ठेके हर रोज ख़ुलाये जावैं दूजी तरफ नशा मुक्ति केन्द्र रोज चलाये जावैं जहर पिलाऊ विकास , नहीं हमनै अहसास , विकास नहीं सै विनास ,नहीं म्हारी समझ मैं आवै।। 4 परिवार नै यो नशा खत्म पूरी तरियां करदे म्हारी जिंदगी अंदर यो जहर कसूता भरदे सच्ची लिखै सै रणबीर,सही खींचै सै तस्वीर , नशा मारदे सै जमीर, म्हारी समझ नहीं आवै ।। 51************ साइनिंग और सफरिंग म्हारे दो भारत बणा राखे रै।। कोरोना नै भी आज देखो ये सफरिंग भजा राखे रै।। 1 सफरिंग दीखै सडकां पै साइनिंग घरां मैं आराम करै सफरिंग पै नहीं ठिकाना कून इनका इंतज़ाम करै देश के लॉक डाउन नै दोनूआँ कै सांस चढ़ा राखे रै।। कोरोना नै भी आज देखो ये सफरिंग भजा राखे रै।। 2 लॉक डाउन की पहले पूरी तैयारी नहीं हो पाई सबको भोजन आवास सबको मुश्किल देवै दिखाई सरकारी ऑडर भी कई अफसरां नै भुला राखे रै।। कोरोना नै भी आज देखो ये सफरिंग भजा राखे रै।। 3 ये स्वास्थ्य सुविधा कमजोर डॉक्टर नर्स तैनात दखे दिन रात एक करण लागरे सलाम करां खुभात दखे अस्पताल थोड़े पीपीई थोड़े फेर ये पूरे दिखा राखे रै।। कोरोना नै भी आज देखो ये सफरिंग भजा राखे रै।। 4 महंगाई बेकारी असुरक्षा नै कड़ तोड़ कै धरदी रै आज कोरोना नै म्हारी इसी बुरी हालत करदी रै रणबीर कोरोना नै देश वासी घरां बिठा राखे रै ।। कोरोना नै भी आज देखो ये सफरिंग भजा राखे रै।। 52********** बिना पीसे गुजारा कोन्या ना रही कदर ईमानदारी की।। दूजी कदर इस देश मैं बाबा पाखण्डी और पुजारी की।। 1 जो पिस्से देकै रैली करते वोहे वोट खरीदलें म्हारी रै संविधान धरया कूण मैं या संसद जमा मूंधी मारी रै देश मैं सरकार चालरी या देशी बदेशी पूँजी भारी की।। दूजी कदर इस देश मैं बाबा पाखण्डी और पुजारी की।। 2 भ्रष्टाचार मैं नवम्बर वन यो होग्या हिंदुस्तान म्हारा देखो कुछकै पीस्सा मैगनेट होग्या घण्यां का नहीं गुजारा देखो पीस्सा यो ईमान खरीदले यो लूटै इज्जत करतारी की ।। दूजी कदर इस देश मैं बाबा पाखण्डी और पुजारी की।। 3 आज के सिस्टम मैं पीस्सा देखो ईमान हुया साहूकार का लूट रहया दुनिया सारी यो खून पस्सीना करतार का ईमानदारी की मेहनत की लागै बोली बीच बाजारी की।। दूजी कदर इस देश मैं बाबा पाखण्डी और पुजारी की।। 4 बिना पिस्से आल्यां के छोरा छोरी ये फिरते मारे मारे भाई ये पीस्से आले इणनैं बरतैं म्हारे अनुभव सैं खारे भाई कलम साच लिखै हांगा लाकै आज रणबीर लिखारी की।। दूजी कदर इस देश मैं बाबा पाखण्डी और पुजारी की।। 53************ पहला केस कोरोना का तीस जनवरी नै पाया।। चैबीस फरवरी ट्रम्प का कार्यक्रम था करवाया।। 1 कोरोना तैं पहली मौत नौ मार्च नै हुई बताई कई एम एलयां की टोली बंगलूर गई बताई नौ मार्च नै बंगलूर के मैं गया पूरा खेल रचाया।। चैबीस फरवरी ट्रम्प का कार्यक्रम था करवाया।। 2 एमपी में बीस मार्च नै कांग्रेस की करी पिटाई खरीद फरोख्त करकै उसकी सरकार गिराई तेईस मार्च नै भाजपा नै अपना गुल खिलाया।। चैबीस फरवरी ट्रम्प का कार्यक्रम था करवाया।। 3 चैबीस मार्च के दिन यो लॉक डाउन लगा दिया जनता का बड़ा हिस्सा बिन तैयारी फंसा दिया समझदार समझैगा जै तारीख हिसाब लगाया ।। चैबीस फरवरी ट्रम्प का कार्यक्रम था करवाया।। 4 लॉक डाउन जनता नै सडकां ऊपर ले आई दुर्गति हुई कितनी उड़ै बयां ना हो सकै भाई रणबीर आंकड़ा आज भी यो बढ़ता दिखाया।। चैबीस फरवरी ट्रम्प का कार्यक्रम था करवाया।। 54*********** कोरोना तैं बचाव खातिर वैक्सीनेशन घणा जरूरी बताया।। सीरोलॉजिकल सर्वे का दूजा वैज्ञानिकों नै काम गिणवाया।। 1 जीनोम टाइपिंग करणी हो कोरोना की तीजी लहर समझने नै इन तीन बातों खातिर वैज्ञानिक कहते सरकार नै उलझने नै तीन काम घणे जरूरी सैं दुनिया के साइंस दानों नै समझाया।। 2 सरकार पै जनता नै इन खातिर पूरा दबाव बनाना होगा रै स्वास्थ्य सेवाओं का ढांचा और मजबूत करवाना होगा रै कोरोना पैनडेमिक नै दुनिया को यो चोखी ढालां सिखाया।। 3 इन तीनों कामों के बारे हमनै जन पूरे को बताना चाहिए जनता नै समझावें इस खातिर अपने आप को पढ़ाना चाहिए गूगल सर्च पै जाकै हर भाषा मैं सबक पावैं हम सवाया।। 4 टीकाकरण पै कई ढाल के भ्रम खूब फैलाये जारे आज कोरोना के ग़ैर वैज्ञानिक इलाज खूब बताये जारे आज रणबीर नै देख समझ कै नै यो अपना कलम घिसाया ।। 55************* सारे एकसी बात करैं किसकी मानूं बात पिया ॥ वोट लियाँ पाछै कई मारते कसूती लात पिया ॥ 1 म्हारी पढ़ाई उप्पर सब अपने रंग मैं बोलैं म्हारी कैड़ खड़े होकै थोड़े से बात सही तोलैं ये बालक नयों ए घूमैं कोए नहीं पूछै जात पिया ॥ 2 बीमार होज्यां तो इलाज करवाना मुस्किल होवै झाड़ फूंक पूजा पाजा गरीब इलाज उड़ै टोहवै अन्धविसवासी कहै बतावैं म्हारी ऑकात पिया ॥ 3 बिना नौकरी पैर भिड़ावैं काला धन खींच रह्या क्यों खेवनहार आँख इस कांहीं तैं मींच रह्या बेकार मानस नै बरतै खूबै या जात पात पिया॥ 4 अमीर गरीब की खाई खुबै आज बढ़ायी देख राम का रोल्ला नहीं सै नीति इसी ए बनाई देख रणबीर बतावै हमनै कैसे कटै या रात पिया ॥ 56*********** शाबाश बेटियो गोठड़ा टप्पा राजगढ़ मैं बेटियां नै मिशाल बनाई।। स्कूल अपग्रेड करवाने नै भूख हड़ताल पै आई।। 1 दसवीं करे पाछै कित पढां यू घणा बड़ा सवाल था बहोत घणी बेटियों का इस कारण हाल बेहाल था बात बातां मैं चर्चा करकै बैठ धरणे पै मांग ठाई।। गोठड़ा टप्पा राजगढ़ मैं बेटियां नै मिशाल बनाई।। 2 मुंजेडी गाम फरीदाबाद मैं बेटियां नै यो बीड़ा ठाया भूख हड़ताल करकै नै चंडीगढ़ का राज हिलाया तेज बहादुर गैल बैठग्या राज पै ये मांग मनवाई।। गोठड़ा टप्पा राजगढ़ मैं बेटियां नै मिशाल बनाई।। 3 अपग्रेड एक सौ बाईस स्कूल बेटियों नै करवाये शिक्षा के हक की खात्तर हरियाणे मैं अलख जगाये मिलकै सबनै नारा लाया करां संघर्ष और पढ़ाई।। गोठड़ा टप्पा राजगढ़ मैं बेटियां नै मिशाल बनाई।। 4 रणबीर शाबाशी देवै सै बणियो तम नई मिशाल मेहनत करकै बेटियो थाम करियो कोय कमाल धन्यवाद सै हिम्मत का थारी गेल्याँ मुलाकात कराई।। गोठड़ा टप्पा राजगढ़ मैं बेटियां नै मिशाल बनाई।। 57*********** या जापानी कम्पनी आई , रोहतक मैं फैक्ट्री लाई कर्मचारियों की करी खिंचाई, करमी एकता जिंदाबाद 1 कर्मचारियों नै कट्ठे होकै अपनी यूनियन बनानी चाही लीडरों ताहिं कम्पनी नै फेर दिखादी बाहर की राही कर्मचारियों नै आवाज ठाई, कम्पनी नै धौंस जमाई कर्मचारियों की छंटनी चाही, करमी एकता जिंदाबाद । 2 यूनियन बनाने का हक कम्पनी खोस्या चाहवै सै जो बोलै उसकी नाड़ या कम्पनी मोस्या चाहवै सै एक जुट होकै आवाज ठाई, कम्पनी भीतर तैं घबराई उप्पर तैं सख्ती दिखलाई, करमी एकता जिंदाबाद । 3 प्रशासन भी कम्पनी की टहल बजाण लग्या भाई कम्पनी के इशारे पै कर्मचारी नै धमकाण लग्या भाई दूसरे मजदूर संघ आये, एकता के नारे लगाये कर्मचारी के हौंसले बढ़ाये, करमी एकता जिंदाबाद। 4 कर्मचारी अपनी मांगों पै रणबीर ये मजबूत खड़े ये लालच डर कै साहमी पूरी तरियां सैं हुए खड़े पुलिस नै करी पिटाई , लड़की गेट पर तैं उठाई कई कई धारा लगाई, कमरी एकता जिंदाबाद । 58************ साथी वीरेंदर शर्मा सन 1992 में साक्षरता आंदोलन के दौर में साथी ने कार में आग लगने पर अपनी जान जोखिम में डाल कर कर की सवारियों को तो बचा लिया मगर सड़क पर फैले पैट्रोल की आग में बुरी तरह झुलस गया और दो तीन दिन तक मौत से संघर्ष किया। ज्यान की परवाह की ना कूदया पीड़ा देख परायी रै।। जवानी खपादी वीरेंद्र नै समझ दूज्यां की भलाई रै।। 1 उसतै बढ़िया दीखै कोण्या भाई अकल इंसान की म्हारे ताहिं राह दिखाई सै उसनै असल इंसान की भुलाये तैं भी ना भूली जा भाई शक्ल इंसान की म्हारे ताहिं तस्वीर बनाई उसनै अटल इंसान की न्यों कहैया करै था साथी मिलकै लडांगे लड़ाई रै।। 2 लोगों के मोल उसनै रोज घटते बढ़ते देखे भाई बदमाशों की चांदी आड़ै शरीफ लोग पिटते देखे लोगों मैं बढ़ी बेरोजगारी सही राह तैं हटते देखे शहीद भगत सिंह से वीर आजादी पै मिटते देखे भगत सिंह की राही चल्या वीरेंद्र वीर सिपाही रै।। 3 ज्ञान विज्ञान समिति मैं थी साथी की कताई हुई एक एक बात कै उप्पर थी समिति मैं सफाई हुई समाज कैसे चलता म्हारा बैठकै पूरी धुनाई हुई गया समझाया हमेशा गरीब की क्यूँ पिटाई हुई शहीद वीरेंद्र समझ गया अनपढ़ता की खाई रै।। 4 साथी तेरे सपनों को हम मंजिल तक ले जायेंगे सच कहना अगर बगावत हम गीत यही गायेंगे आज नहीं तो कल साथी पूरी दुनिया पर छायेंगे मानव का बैरी मानव हो ना ऐसा जमाना लायेंगे रणबीर ईबे रंग अधूरा बनाई तसबीर जो भाई रै ।। 59*********** हमारा पर्यावरण और ग्लोबल वार्मिंग ग्लोबल वार्मिंग दुनिया मैं घणा फतूर मचारी देखो।। समुन्दर तट उभारा लेगे कितै गर्मी छारी देखो।। 1 पुराने मौसम रहे कोण्या बदलाव कई आगे भाई कितै गर्मी रफ्तार पकड़गी कितै पतझड़ छागे भाई पुरानी बीमारी फेर आगी कई नई बीमारी देखो ।। ग्लोबल वार्मिंग दुनिया मैं घणा फतूर मचारी देखो।। 2 किस्मत मैं लिखी राम नै या सोच कै भुक्त रहे सारे असली जड़ पकडां कोण्या मंदिरों मैं काटकड़ तारे ग्लोबल वार्मिंग करकै नै या गर्मी बढ़ती जारी देखो।। ग्लोबल वार्मिंग दुनिया मैं घणा फतूर मचारी देखो।। 3 घाम मारज्या हीट स्ट्रोक कई बै ज्यान पै छाज्या गर्मी मैं पी पी कै पाणी यो माणस दुख घणा पाज्या कई नई बीमारी आगी जो पकड़ मैं नहीं आरी देखो।। ग्लोबल वार्मिंग दुनिया मैं घणा फतूर मचारी देखो।। 4 जीवन शैली पड़ै बदलनी वातावरण मैं ठंड होवै पौधे लगाओ अभियान यो एयरकंडीशन्ड रंग खोवै रणबीर विकसित देशों पै बढ़ावां दबाव भारी देखो।। ग्लोबल वार्मिंग दुनिया मैं घणा फतूर मचारी देखो।। 60************ या बढ़गी बेरोजगरी, यो करजा चढ़ग्या भारी, हुई दुखी जनता सारी, महान हुया हरियाणा। 1 म्हारे बालक मरैं बिना दवाई, महंगी होंती जावै पढ़ाई नाबराबरी साँस चढ़ारी , कारपोरेट अत्याचारी, मीडिया इसका प्रचारी, महान हुया हरियाणा। 2 जात पात मैं बाँटी जनता, विरोध किया तो काटी जनता किसान की श्यामत आरी, महिला की इज्जत जा तारी, बढ़ती जावै चोरी जारी, महान हुया हरियाणा। 3 झूठे जुमले रोजाना देते,खबर म्हारी कदे ना लेते, होंती जा तबियत खारी, जनता हिम्मत नहीं हारी, शासक हुया भ्रष्टाचारी, महान होया हरियाणा। 4 महिला वंचित सुणल्यो सारे, बिना संघर्ष के नहीं गुजारे लड़े हैं जीत हुयी म्हारी, जीतैंगे भरतू भरतारी , यो रणबीर म्हारा लिखारी, महान हुया हरियाणा । 61*********** *5 जून सम्पूर्ण क्रांति दिवस* *पांच जून नै काले कानून ऑर्डिनेंस पास करया रै।।* *एक साल हो ज्यागा जब सरकार नै नाश करया रै।।* 1 उन्नीस सौ चुहत्तर के मैं पांच जून नै बीड़ा ठाया जयप्रकाश नारायण नै सम्पूर्ण क्रांति नारा लाया *जेपी नै इस तरियां शुरू नया इतिहास करया रै।।* एक साल हो ज्यागा जब सरकार नै नाश करया रै।। 2 सम्पूर्ण क्रांति दिवस देश के ये किसान मनावैंगे तीन कानूनाँ की प्रति किसान मजदूर जलावैंगे *भाजपा नेतावां के दफ्तरां पै प्रोग्राम खास धरया रै।।* एक साल हो ज्यागा जब सरकार नै नाश करया रै।। 3 जत्था दोआबा तैं चालकै सिंघु बार्डर पै पहोंच्या रै बार्डरों पर डटे किसानां नै मिलकै यो दिन सोच्या रै *बायकाट करो सरकार का फैंसला पास करया रै।।* एक साल हो ज्यागा जब सरकार नै नाश करया रै।। 4 तीन कानून बिल बिजली रणबीर रद्द करवावैंगे चारों लेबर कोड रद्द हों किसान मजदूर जोर लगावैंगे *इनकी गलत नीतियों नै फसल का घास करया रै।।* एक साल हो ज्यागा जब सरकार नै नाश करया रै।। 62************* बात पते की क्यों दो आंख लेकै भी आंधे हमनै सड़ांध देवे दिखाई ना ।। बिल्ली देख कबूतर आंख मूँद कै कहवै आड़े बिलाई ना।। 1 ईमानदारी का पाठ पढावें नेता अफसर संसार मैं इनकम टैक्स की चोरी करना बालक सीखें परिवार मैं इस काले धन की बहार मैं दीखे फेर कति सच्चाई ना ।। बिल्ली देख कबूतर आंख मूँद कै कहवै आड़े बिलाई ना।। 2 ऊपर बैठे अफसर नेता लेरे बदेशी बैंकं मैं खाते ये जड़ मैं भ्रष्टाचार पणपै तो क्यूकर हारे रहवैं पाते ये इननै चाहियें चिमटे ताते ये इनकी कोए और दवाई ना ।। बिल्ली देख कबूतर आंख मूँद कै कहवै आड़े बिलाई ना।। 3 साठ हजार करौड़ का कर्जा म्हारे देश के अमीरां पै सरकार म्हारी चालती देखो इनकी काढी लकीरां पै हम खंदाये संत और फकीरां पै साच समझ मैं आई ना ।। बिल्ली देख कबूतर आंख मूँद कै कहवै आड़े बिलाई ना।। 4 दारू सुल्फा नशा खोरी हमतैं इनकी राही पकड़ा दी बिना सोचें समझें हमनै भकड़ बाल कै नै दिखा दी रणबीर सिंह नै छंद बना दी या साच जमा छिपाई ना ।। बिल्ली देख कबूतर आंख मूँद कै कहवै आड़े बिलाई ना।। 63************** जात नै माणस का माणस बैरी बणा जबर राख्या सै। एक दूजे की छाती कै उप्पर जन चाकू धर राख्या सै। 1 दो किले आला जाट बी आज जाट सभा की कोली मैं भूखा मरदा ब्राह्मण बी यो ब्राह्मण सभा की झोली मैं फिरै भरमता रोड़ बिचारा आज रोड़ सभा की टोली मैं दलित भी बन्ट्या हुया देखो यो कई रंगों की रोली मैं जात पात का घणा कसूता दखे विष यो भर राख्या सै । एक दूजे की छाती कै उप्पर जन चाकू धर राख्या सै। 2 जात के रंग ढंग मैं सै या मानवता बाँटण की मक्कारी कथनी घणी सुहानी लागै सै पर पाई करणी मैं गद्दारी काली नाग और पीत नाग ये भाई बिठाये एक पिटारी मुँह मैं राम बगल मैं छुरी भाई सै या बुझी जहर दुधारी जात्यां के बुगळे भगतां नै यो मिला सुर मैं सुर राख्या सै। एक दूजे की छाती कै उप्पर जन चाकू धर राख्या सै। 3 ब्राह्मण खत्री वैश्य और शुद्र ये चार वरण बताये सुणो मनु जी नै फेर वरणां कै जात्यां के पैबन्द लगाये सुणो गोत नात कबिल्यां भितर बेरा नहीं कद सी आये सुणो जन्म कारण जात माणस की ग्रन्थ लिख़कै ल्याये सुणो इसकी आड़ मैं लुटेरे लूटैं माणस बणा सिफर राख्या सै। एक दूजे की छाती कै उप्पर जन चाकू धर राख्या सै। 4 ढेरयां आला कुड़ता म्हारा या जात पात बताई आज गेहूं के खेत मैं ऊग्या हुया बथुआ जात सुझाई आज ठेके कै म्हां लागी सुरसी गिहूँआं की मर आई आज ये कमेरे दुखी जात्यां मैं नेतावां नै चादर घुमाई आज काढ बगादे यो कुड़ता इसनै आज कर बेघर राख्या सै। एक दूजे की छाती कै उप्पर जन चाकू धर राख्या सै। 5 जात छोड़ कट्ठे होंवैं काम करणिये भुखे मरणीये भाई गोत नात छोड़ कट्ठे हों ये जितने नौकरी चढ़निये भाई टूचावाद छोडकै कट्ठे हों सब बेरोजगार फिरणीये भाई हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई ये मानवता पर चलनिये भाई म्हारै ना जात किसे काम की कर क्यों सबर राख्या सै। एक दूजे की छाती कै उप्पर जन चाकू धर राख्या सै। 6 सारी दुनिया रुके देकै नै ईब दो जमात बतारी देख एक कमेरा जिसकी मेहनत दुनिया मैं रंग दिखारी देख दूजा लुटेरा जिसनै लूटी म्हारी सजाई दुनिया सारी देख या पाले बंदी छिपाने खातर चलै जात की आरी देख म्हारे माल के हम भिखमंगे यो बना आडम्बर राख्या सै। एक दूजे की छाती कै उप्पर जन चाकू धर राख्या सै1 64*************** अंध विश्वास अंधविश्वास नै भारत मैं आज पूरा उछाल दिखाया रै।। महाकाव्य म्हारे जितने सैं सबको इतिहास बताया रै।। 1 ईश्वर की पूजा करने तैं कहते बच्चे पैदा हो ज्यावैं रै ब्याह शादी करकै नै क्यों पति पत्नी का रगड़ा ल्यावैं रै इसे झूठे प्रचार करकै नै यो भारत पूरा भरमाया रै।। 2 लक्ष्मी की पूजा तैं कहते अपरंपार धन मिल ज्यावै रै फेर व्यापार लेन देन का यो झमेला समझ ना आवै रै टीवी चैलनां नै दिन रात लक्ष्मी का घणा शोर मचाया रै।। 3 सत्यनारायण कथा तैं कहते सुख संसाधन मिल जाते फेर काम की तलाश मैं क्यों फिरैं बदेशों तक धक्के खाते आम जनता नै बेकूफ़ बनाकै राज अपना जमाया रै।। 4 जो किसान पस्सीना बहाकै नै सारे भारत का पेट भरै जै मींह इंद्र पूजे तैं आवै तो किसान आत्म हत्या क्यों करै किसान की लूट छिपावण ताहिं अंधविश्वास फैलाया रै।। 5 जै रक्षा सूत्र म्हारी सबकी रक्षा सब क्याहें तैं करता रै तो धर्म पाखण्डी और यो नेता क्यों कमांडो लियें फिरता रै समाज सुधारकों नै भी था अपने बखतां समझाया रै।। 6 कहैं लक्ष्मण रेखा खींच दयो उसनै दुश्मन लांघ ना सकै सेना क्यों लाई सरहद पै इन झूठों तैं सच्चाई ना ढंकै रणबीर बरोने आले नै सोच समझ कै छंद बनाया रै।। 65************* दामिनी कलकता हवाई अड्डे पर पता लगा की दामिनी ने अपने संघर्ष की आखिरी साँस सिंघपुर में ली है तो बहुत दुःख हुआ और यह रागनी वहीँ पर कल लिखी ----- याद रहैगा थारा बलिदान दामिनी भारत देश जागैगा ।। थारी क़ुरबानी रंग ल्यावैगी समाज पूरा हिसाब मांगैगा ।। 1 सिंघापुर मैं ले जा करकै बी हम थामनै बचा नहीं पाये थारी इस कुर्बानी नै दामिनी आज ये सवाल घने ठाये गैंग रेप की कालस का यो अँधेरा भारत देश तैं भागैगा ।। थारी क़ुरबानी रंग ल्यावैगी समाज पूरा हिसाब मांगैगा ।। 2 पूरा देश थारी साथ यो पूरी तरियां खड्या हुया जलूस विरोध प्रदर्शन कर समाज सारा अड़या हुया फांसी तोड़े जावैंगे वे जालिम इसपै हांगा पूरा लागैगा ।। थारी क़ुरबानी रंग ल्यावैगी समाज पूरा हिसाब मांगैगा ।। 3 महिला संघर्ष की थाम दामिनी आज एक प्रतीक उभरगी दुनिया मैं थारी कुर्बानी की कोने कोनै सन्देश दिगर गी इसमें शक नहीं बचर या कोर्ट जालिमों नैं फांसी टांग़ैगा।। थारी क़ुरबानी रंग ल्यावैगी समाज पूरा हिसाब मांगैगा ।। 4 लम्बा संघर्ष बदलन का सोच समझ आगै बढ़ ज्यांगे मंजिल दूर साईं दामिनी हम राही सही पै चढ़ ज्यांगे कहै रणबीर सिंह नए साल मैं जालिम जरूरी राम्भैगा ।। थारी क़ुरबानी रंग ल्यावैगी समाज पूरा हिसाब मांगैगा ।। 66******** एक महिला की पुकार खत्म हुई सै श्यान मेरी , मुश्किल मैं सै ज्यान मेरी छोरी मार कै भान मेरी , छोरा चाहिए परिवार नै || 1 पढ़ लिख कै कई साल मैं मनै नौकरी थयाई बेबे सैंट्रो कार दी ब्याह मैं , बाकी सब कुछ ल्याई बेबे घर का सारा काम करूँ , ना थोड़ा बी आराम करूँ पूरे हुक्म तमाम करूँ , औटूं सासू की फटकार नै || 2 पहलम मेरा साथ देवै था वो मेरे घर आला बेबे दो साल पाछै छोरी होगी फेर वो करग्या टाला बेबे चाहवें थे जाँच कराई ,कुनबा हुया घणा कसाई मैं बहोत घनी सताई , हे पढ़े लिखे घरबार नै || 3 जाकै रोई पीहर के महँ पर वे करगे हाथ खड़े दूजा बालक पेट मैं जाँच कराण के दबाव पड़े ना जाँच कराया चाहूं मैं, पति के थपड़ खाऊँ मैं जी चाहवै मर जाऊं मैं , डाटी सूँ छोरी के प्यार नै || 4 दूजी छोरी होगी सारा परिवार तन कै खड्या हुया नाराजगी अर गुस्सा दिखे सबके मुंह जडया हुया अमीर के धोरै जाऊं मैं ,अपनी बात बताऊँ मैं रणबीर पै लिखाऊँ मैं , बदलां बेढंगे संसार नै || 67*********** सोनीपत जिले मैं यो सिसाना गाम सुन्या होगा।। इसे गाम का रहने आला बाजे नाम सुन्या होगा।। 1 स्कूल चौपाल बनवाये ज्यां बाजे भगत कहवाया किस्से रचे कई फेर यो सांग घना बढ़िया रचाया इसे गाम का सांगी पंडित मांगे राम सुन्या होगा।। 2 पंडित कृष्ण चन्दर नै भी रागनी लिखी जमकै किसान मजदूर पै कलम चलती दिखी जमकै होशियार सिंह का किस्सा तमाम सुन्या होगा ।। 3 खिलाड़ी वाल्ली बॉल के कई दिए सिसाने नै कबड्डी टीम छोरियां की तगमे लिए सिसाने नै महाबीर खिलाड़ी नै किया कमाल सुन्या होगा ।। 4 इस गाम मैं और भी खास बात पावेंगे देखो इनतैं लेकै नै प्रेरणा और भी आगै आवेंगे देखो रणबीर पै साच कहने का इल्जाम सुन्या होगा।। 68************** डॉक्टर दोषी कोन्या एक करोड़ फीस आज एम बी बी एस की बतावैं सैं।। दो तीन करोड़ ये एम एस एम डी ताहिं धरावैं सैं ।। 1 स्वास्थ्य का पूरा मामला आज एक व्यापार बनाया सै इसका दोषी डाक्टर तबका यो गलत प्रचार फैलाया सै नीतियों नै कहर ढाया यो सेवा नै व्यापार बनावैं सैं।। दो तीन करोड़ ये एम एस एम डी ताहिं धरावैं सैं ।। 2 चार करोड़ की डिगरियां यो सेवा भाव ख़तम करदें पांच करोड़ नर्सिंग होम के जले पै नमक छिड़कदें नीतियां दस करोड़ लुआ कै सस्ता इलाज चाहवैं सैं।। दो तीन करोड़ ये एम एस एम डी ताहिं धरावैं सैं ।। 3 स्वास्थ्य पर खर्च सरकारी आए साल घटता जावै सरकारी ढांचा सेहत सेवा का आज देश मैं लड़खडावै पेट आयुष्मान के नाम पै ये बीमा कम्पनी फुलावैं सैं।। दो तीन करोड़ ये एम एस एम डी ताहिं धरावैं सैं ।। 4 डाक्टर भाईयो समझो चाल यो कारपोरेट क्यों छाया छोटे नर्सिंग होम बन्द करावै कारपोरेट इसी नीति ल्याया रणबीर सोचां गल्त नीति कैसे सांस चढावैं सैं।। दो तीन करोड़ ये एम एस एम डी ताहिं धरावैं सैं ।। 69************ बर्बाद करण का ठेका क्यूँ सरकार तनै ठाया।। म्हारी जूती सिर म्हारा खेल समझ नहीं आया।। 1 विकास नाम पै विनाश यो हरियाणे का करया अम्बानी और अडानी उनके गैहनै गाम धरया सड़क फ्लाई ओवर यो टोल प्लाजा सारै छाया।। 2 हरित क्रांति के कारण छोटा हिस्सा धनवान हुया बाकी का गाम सारा यो बहोत घणा परेशान हुया चोये मैं कीटनाशक घुलग्या कहर कसूता ढाया।। 3 गाम शहर के स्कूल सरकारी पढ़ण बिठाये रै ये अस्पताल सरकारी कई जागां खाली पाये रै यो इलाज हुया महंगा धरती बेच बच्चा बचाया।। 4 नौकरी ताहिं टूटें जूती बालक म्हारे रूलगे रै ये सिफ़ारसी पीस्से आले लेकै नौकरी पलगे रै रणबीर बरोने आले नै दिल तैं छंद बनाया ।। 70********* छोरी कै ताप आया था मने देसी काढ़ा प्याया फेर।। जिब छः दिन हो लिए डाक्टर मने बुलाया फेर।। 1 डाक्टर नै पूरी जाँच करकै शुरू कर इलाज दिया हल्का खाना गया बताया बंद कर सब नाज दिया दवा लिखी चार ढाल की फीस मैं कर लिहाज दिया गन्दा पानी फैलावे बीमारी बता यो सही काज दिया ताप फेर बी ना टूट्या पेट मैं दर्द जताया फेर।। जिब छः दिन हो लिए डाक्टर मने बुलाया फेर।। 2 डाक्टर जमा हाथ खड़े करग्या काली रात अँधेरी थी बीजल लस्कैं बाल चलती दी बीप्ता नै घेरी थी खड्या लाखऊँ बेटी कान्ही जमा अकल मारगी मेरी थी वा नयों बोली बाबू बचाले मैं घनी लाडली तेरी थी गूंठा टेक कै पाँच हजार ब्याज पै मैं लयाया फेर।। जिब छः दिन हो लिए डाक्टर मने बुलाया फेर।। 3 चाल गाम तैं बाबू बेटी मेडिकल मैं चार बाजे आये नर्स डाक्टर सोहरे थक कै हमने आके नै वे ठाए सारी बात बूझ कै म्हारी फेर बहोत से टेस्ट कराये एक्सरे देख कै वे डाक्टर फेर आपस मैं बतलाये परेशान जरूरी सै ताऊ अंत मैं छेद बताया फेर ।। जिब छः दिन हो लिए डाक्टर मने बुलाया फेर।। 4 पायां ताले की धरती खिसकी हाथ जोड़ कै फ़रमाया मेरा खून चाहे जितना लेल्यो चाहूं बेटी नै बचाया एक बोतल एक माणस तै उसनै यो दस्तूर बताया ओढ़ानै मैं जाऊं कडे मने पह्याँ कान्ही हाथ बढाया डाक्टर पाछे नै होग्या उसनै मैं धमकाया फेर ।। जिब छः दिन हो लिए डाक्टर मने बुलाया फेर।। 5 पलंग धौरे बैठ गया मेरी बेटी मेरे कान्ही लखाई एकदम सिसकी आगी मेरे पै ना गयी आंख मिलाई डाक्टर नै बेरा ना क्यूकर फेर दया म्हारे पै आई एक मने देई दो उडे तै बोतल खून की दिलवाई परेशान सही होग्या डाक्टर नै धीर बंधाया फेर।। जिब छः दिन हो लिए डाक्टर मने बुलाया फेर।। 6 बीस दिन रहे मडिकल मैं खर्चा तीस हजार होग्या एक किल्ला पड्या टेकना पर बेटी का उपचार होग्या मेडिकल के डाक्टर का सारी उम्र का कर्जदार होग्या उनकी उड़ऐ देखी जिन्दगी रणबीर सिंह ताबेदार होग्या इलाज करवाकै बेटी का अपने घर नै मैं आया फेर।। जिब छः दिन हो लिए डाक्टर मने बुलाया फेर।। 71************ मेड एक महीना इन्तजार के बाद अपनी मैडम के पास जाकर हाथ जोड़कर कहती है- मैडम अब भूख बर्दास्त नहीं हो रही । कुछ करो। क्या कहती है भला- मैडम जी मेरी बात सुणो मैं थारी शरण मैं आई।। मिहना होग्या खाली होगे या साची बात बताई।। 1 टोटा खोटा बुरा जगत मैं जीवन दे ना मरण दे पांच हजार अगाऊ दे बालकां का पेट भरण दे मत भूखे मरण दे मैडम थारे पै आस लगाई।। मिहना होग्या खाली होगे या साची बात बताई।। 2 एक मिहने का काल डाउन आटा दाल खत्म होये कदे पेट दर्द कदे दस्त बाबू बालक दर्द कारण रोये सारे कष्ट मनै ये ढोये कोरोना नै कहर मचाई।। मिहना होग्या खाली होगे या साची बात बताई।। 3 किसे के बसकी बात ना कुदरत का यो न्या सै कुदरत नै पैदा करी या कोरोना वायरस बला सै मिलकै लड़ा तो भला सै मैं इतना समझ पाई।। मिहना होग्या खाली होगे या साची बात बताई।। 4 रणबीर कहै मैडम मेरा इतना कहण पुगादयो तीन हजार की जरूरत इसका साहरा लादयो म्हारा भूखा घर बसादयो मन की बात सुनाई।। मिहना होग्या खाली होगे या साची बात बताई ।। 72*********** फ्लोरेंस नाइ टिनगेल फ्लोरेंस नाइ टिनगेल नै दुखिया का दुःख बांट्या हे ।। वा अपना दर्द भूल गयी दुज्याँ का दर्द काट्या हे ।। 1 वर्ल्ड वार मैं घायल फ़ौजी उनकी सेवा खूब करी दिन रात कदे ना देखे हथेली उप्पर ज्यान धरी जितने फ़ौजी अस्पताल मैं सबका ए दिल डाट्या हे ।। 2 दवा पट्टी और देख भाल दिल लगा करी उसनै निराश फौजियाँ मैं फेर जीने की आश भरी उसनै लालटेन आली नाइ टिनगेल का सबनै बेरा पाट्या हे ।। 3 मानव सेवा मरीज की सेवा रास्ता उन्नै दिखाया हे मानव प्रेम का सन्देश यो दुनिया के मैं पोंह्चाया हे लालटेन तै करी रोशनी अँधेरा जग का छानट्या हे ।। 4 नर्सिंग प्रोफेशन को भी दुनिया मैं सम्मान दिवाया अवरोध घने पार करे यो करकै नै कमाल दिखाया मानव सेवा तै कदे बी नहीं दिल उसका नाट्या हे || 73*********** सिस्टम की नीतियां नै बहोत घणा ऊधम मचाया रै।। सरकारी ढांचा शिक्षा का प्राइवेट की भेंट चढ़ाया रै।। 1 शिक्षा के सरकारी ढांचे नै शासन तंत्र खराब करै इसका दोष जान बूझ कै टीचरों ऊपर जनाब धरै कि तै ढांचे का टोटा कि तै मास्टर हुया बिरान फिरै सही ढाल का टीचर भी नौकर शाही तैं घणा डरै दोष टीचरां कै लादया प्राइवेट का धर्राटा ठाया रै।। सरकारी ढांचा शिक्षा का प्राइवेट की भेंट चढ़ाया रै।। 2 एक बात समझलयां सारे जनता की मदद चाहवैगी सरकारी ढांचा बचाना हो गरीब की जिबै पार जावैगी नहीं बचे स्कूल सरकारी तो या जनता धक्के खावैगी महंगी शिक्षा का बोझ या बताओ किस तरि या ठावैगी भक्षक बणकै रक्षक छागे कसूता माहौल बनाया रै।। सरकारी ढांचा शिक्षा का प्राइवेट की भेंट चढ़ाया रै।। 3 यूनिवर्सिटी स्कूल कालेज सब पै हमला बोल दिया गंगा जमुनी संस्कृति म्हारी उड़ा कसूता मखौल दिया हिंदुत्व की ताकड़ी मैं बहु धर्मा भारत तोल दिया जात धर्म पै बढ़ा झगड़े भाईचारे मैं जहर घोल दिया आम जन की शिक्षा का जान बोझ भट्ठा बिठाया रै।। सरकारी ढांचा शिक्षा का प्राइवेट की भेंट चढ़ाया रै।। 4 पढ़ लिख कै बालक कदे बेरा पाड़लें लुटेरों का उलझाओ जात धर्म पै जितना बालक कमेरों का कमेरे समझे कोन्या बिछ्या जाल यो चोरों का जय भीम इन्कलाब का नारा लाया जावै चितेरों का रणबीर सिंह नै जोर लगा अपना कलम घिसाया रै।। सरकारी ढांचा शिक्षा का प्राइवेट की भेंट चढ़ाया रै।। 74*********** मई मैं कोरोना कोरोना के केस रोज़ाना बहोत घणे बढ़ते जावैं रै।। एक मई नै पांच लाख वैज्ञानिक अंदाज लगावैं रै।। 1 कोरोना तैं लडण की पूरी कोण्या करी गई तैयारी एक साल हो लिया स्वास्थ्य ढांचा देखै बाट थारी सीएचसी पीएचसी ये बिना स्टाफ के रंभावैं रै।। एक मई नै पांच लाख वैज्ञानिक अंदाज लगावैं रै।। 2 सिविल अस्पतालों कै सांस चढ़े मरीज बढ़ते जारे मैडीकल कालेजों कै भी कसूते सांस चढ़ते जारे ऑक्सीजन वेंटीलेटर की मांग ना पूरी कर पावैं रै।। एक मई नै पांच लाख वैज्ञानिक अंदाज लगावैं रै।। 3 सरकार नै हाथ खड़े करे जनता का दोष बताया देखो रोजाना की जरूरतां का ना सही अंदाज लगाया देखो कोरोना योद्धा मरण लागरे वेंटिलेटर ना थ्यावैं रै।। एक मई नै पांच लाख वैज्ञानिक अंदाज लगावैं रै।। 4 जनता तैं आस हमनै पूरी जमकै मुकाबला करैगी रै ज्यान की बाजी लाकै बी इसका सामना करैगी रै रणबीर बरगे लिखारी भी जनता का साथ निभावैं रै।। एक मई नै पांच लाख वैज्ञानिक अंदाज लगावैं रै।। 75************ नए का पुराना आधार होता है नए और पुराने का हमेशा संघर्ष हुया बताया है। पुराने की नीवं पर नया महल बनता आया है। 1 पुराने को खत्म करके बताओ नया कैसे बनेगा पुराने की कमी छाँट के इसकी अच्छाई पे खिनेगा रीत बहुत पुराणी है कई बार पुराना घबराया है। पुराने की नीवं पर नया महल बनता आया है। 2 जरूरी नहीं नया भी बढ़िया हो ये सारे का सारा इंसानों में खाई करे पैदा वो नया नहीं है हमारा जो सबका भला करे वही नया सही ठहराया है। पुराने की नीवं पर नया महल बनता आया है। 3 तर्क और विवेक ये परखने के औजार बताये नियम कुदरत के जाने बिना दुःख नए ने ठाये कुदरत के साथ तालमेल से कर कमाल दिखाया है। पुराने की नीवं पर नया महल बनता आया है। 4 मेरे बीरा क्यों लड़ते हो इस नए और पुराने पर सोच समझ बढ़ो आगे रणबीर सिंह के गाने पर संघर्ष से बनता नया दीखती पुराने की भी छाया है। पुराने की नीवं पर नया महल बनता आया है। 76************ जुल्मी घूँघट देवर भाभी की बहस देवर- के होग्या दो दिन मैं क्यों घणा उप्पर नै मुह ठाया तनै।। भाभी- दुनिया मैं एक इन्सान मैं भी ढंग तैं जीवणा चाहया मनै।। देवर बता भाभी गाम की इज्जत यो घूंघट नहीं सुहावै क्यों रिवाज नीची नजर तैं जीने का आंख तैं आंख मिलावै क्यों उघाड़े सिर चालै गाम मैं सरेआम म्हारी नाक कटावै क्यों सीटी मारैं कुबध करैं हाथ भिरड़ां के छते तों लगावै क्यों बहू सजै ना घूंघट के बिना बिन बूझें तार बगाया तनै।। भाभी रिवाजां की घाल कै बेड़ी क्यों बिठा करड़ा डर राख्या दुभान्त जिन रिवाजां मैं उनका भरोटा सिर पै धर राख्या घूंघट का रिवाज घणा बैरी ईनै पंख म्हारा कुतर राख्या कान आंख नाक मुह बांधे ज्ञान दरवाजा बन्द कर राख्या घूंघट ज्ञान का दुश्मन होसै पढ़ लिख कै बेरा लाया मनै।। देवर क्यूकर ज्ञान का दुश्मन सै तूं किसनै घणी भका राखी सै तेरै अपनी बुद्धि सै कोन्या चाबी और किसे नै ला राखी सै घंूघट तार कै पूरे गाम मैं ईज्जत धूल मैं खिंडा राखी सै सारा गााम थू थू करता घर घर तेरी बात चला राखी सै उल्टे रिवाज चला गाम मैं यो कसूता तूफान मचाया तनै।। भाभी ब्याह तैं पहलम तेरे भाई तैं घूंघट की खोल करी थी कही और सोच समझल्यां उनै ब्याह की तोल करी थी मनै सारी बात साफ बताई इनै ल्हको कै रोल करी थी रणबीर सिंह गवाह म्हारा मनै कति नहीं मखौल करी थी साची साच बताई सारी देवर कति ना झूठ भकाया मनै।। 77************ कोरोना की दूसरी कहर मुड़कै नै आग्या कोरोना कई प्रदेशां मैं पैर पसारे रै।। रंग बदल कै आया इबकै ये स्ट्रेन बताये न्यारे रै ।। 1 भारत दूजी कहर की भयानक चपेट के मैं आग्या रोज का फालतू आंकड़ा कई प्रदेशों के मैं छाग्या कई दिन तैं लाख तैं फालतू केस नए नए आरे रै।। रंग बदल कै आया इबकै ये स्ट्रेन बताये न्यारे रै ।। 2 रोजाना केस बढ़ते जावैं एतिहात भूल रैली करते रैली करनीया लीडर देखो कोरोना तैं जमा ना डरते एक लाख पैंतालीस हजार नौ अप्रैल नै छारे रै।। रंग बदल कै आया इबकै ये स्ट्रेन बताये न्यारे रै ।। 3 दस राज्यों के मैं बढ़े घणे कोरोना के केस बताये रै महाराष्ट्र के म्हां इसनै हटकै कसूते फतूर मचाये रै केंद्र सरकार खाली जमीन पै हवा मैं मारै हूंकारे रै।। रंग बदल कै आया इबकै ये स्ट्रेन बताये न्यारे रै ।। 4 जिम्मेदारी नै स्वीकार करो जनता कै दोष ना लाओ केंद्र सरकार की विफलता राज्यों पै ना ठहराओ कुम्भ मेला चुनाव रैली रणबीर कोरोना फैलारे रै।। रंग बदल कै आया इबकै ये स्ट्रेन बताये न्यारे रै ।। 78*********** संविधान पढ़ण बिठाया धरम की करकै तेज धार ,नफरत की चला कटार देश दिया धरती कै मार, संविधान पढ़ण बिठाया।। 1 बेरोजगारी घणी आज बढ़ादी यो दुखी फिरै नौजवान कृषि संकट घणा बढ़ाया फांसी खाता आज किसान तीन सौ सत्तर के तार, कश्मीर करया और बीमार कैब पै करादी हाहाकार, संविधान पढ़ण बिठाया।। 2 जितनी सरकारी कंपनी सबनै बेचण की त्यारी रै शिक्षा महंगी दवाई महंगी जनता की खाल तरी रै यो जुमले बाजी का प्रचार, जनता भकाई बारम्बार निजीकरण की बढ़ा रफ्तार, संविधान पढ़ण बिठाया।। 3 आधार कार्ड के म्हाँकै सबकै सांस कसूते चढ़ाये रै खाते मोबाईल सारे जरूरी आधार कै बांधने चाहे रै धर्म जात का ले हथियार, बढ़ाई समाज मैं तकरार बहु विविधता पै कर वार, संविधान पढ़ण बिठाया।। 4 एक राष्ट्र और एक भाषा एक संस्कृति का नारा लाया फासीवादी हिन्दू राष्ट्र का नारा हटकै गया सै ठाया कमेरे पै चलाकै कटार, कारपोरेट के बन ताबेदार बदेशी खातर खोले द्वार, संविधान पढ़ण बिठाया।। 79********** चुहतर साल की आजादी मैं बढ़ी अमीर गरीब की खाई।। जनता बांटी जात धर्म पै गल्त पकड़ी विकास की राही।। 1 उबड़ खाबड़ खेत क्यार किसानों नै खूब संवारे फेर माट्टी गेल्यां माट्टी होकै देश के हालात सुधारे फेर कारखाने चला मजदूरों नै कर दिये वारे के न्यारे फेर हरित क्रान्ति मजदूर किसान ल्याये भरे गोदाम सारे फेर बहोत घणे ये डैम बनाये कमेरयों नै बाजी ज्यान की लाई।। जनता बांटी जात धर्म पै गल्त पकड़ी विकास की राही।। 2 सहज सहज आजाद देश नै दुनिया मैं नाम कमाया म्हारे युवा लड़के लड़की इननै खेलां मैं दम दिखाया तरक्की तैं रफतार पकडा़ दी मिलकै नै जोर लगाया बंटवारा ठीक हुया कोन्या मेहनत कै बांटै थोड़ा आया मेहनत फिरै सड़कां पै कुछ की तरक्की खूबै ए भाई।। जनता बांटी जात धर्म पै गल्त पकड़ी विकास की राही।। 3 आजादी के सपने म्हारे सहज सहज ये बिखर गये मुनाफाखोरां के चेहरे तो भारत देश मैं निखर गये बहोत तो लागे धरती कै कुछ पहोंच उंचे सिखर गये मुठ्ठी भर तो ऐश करते वंचित तबके हो सिफर गये एक तरफ अम्बानी देखो दूजे कान्ही खड़ी धापां ताई।। जनता बांटी जात धर्म पै गल्त पकड़ी विकास की राही।। 4 लूट खसोट का माहौल ईब सबकै साहमी आया देखो घोटाले पै घोटाले करैं बेशरमी का आलम छाया देखो मेहनत कश तो पीस दिया अमीरां उधम मचाया देखो बन्दर बांट मचा राखी कमेरा गया घणा सताया देखो कहै रणबीर बरोने आला करुं सूं दिल तैं कविताई।। जनता बांटी जात धर्म पै गल्त पकड़ी विकास की राही।। 80********** मुंह मेरे पै एसिड फैंक्या सुनियो आप बीती सुणाउं मैं।। चेहरा कति विकृत होग्या खोल कै किसनै दिखाउं मैं।। 1 यो हादसा हुया साथ मेरी दो हजार पांच में देखो गरीब घर की बेटी सूं मैं तपी संकट की आंच मैं देखो खूब घूमी उन दिनां मैं कचहरी की तरफ लखाउं मैं।। चेहरा कति विकृत होग्या खोल कै किसनै दिखाउं मैं।। 2 इसे बीच मैं मेरे पिता जी म्हारे तैं नाता तोड़ गये रिस्तेदार भी कई जणे म्हारै आना जाना छोड़ गये मां रोवै बैठ अकेली बंद कमरे मैं कैसे समझाउं मैं।। चेहरा कति विकृत होग्या खोल कै किसनै दिखाउं मैं।। 3 भाई कै टी बी होरी देखो मां उसका इलाज करावै कैसै आमदनी का कोए साधन ना घर का खर्च चलावै कैसै आंटी म्हारा खर्च औटरी उसका कैसे कर्ज चुकाउं मैं।। चेहरा कति विकृत होग्या खोल कै किसनै दिखाउं मैं।। सात आपरेशन हो लिए मनै हार कति मानी कोन्या हमदरदों नै मदद करी आंटी का कोए सानी कोन्या अपने पाहयां खड़ी होकै मिशाल नई दुनिया मैं रचाउं मैं।। चेहरा कति विकृत होग्या खोल कै किसनै दिखाउं मैं।। 4 उम्र कैद होनी चाहिये सै दस साल की सजा ना काफी सै दस साल की काट सजा वो तो आकै उल्टा रचावै शादी सै चेहरे की बदहाली होरी मेरी यो कैसे घरबार बसाउं मैं।। चेहरा कति विकृत होग्या खोल कै किसनै दिखाउं मैं।। 5 तेजाब की खुली बिक्री रोकै या अरदास मेरी समाज तैं म्हारे बरगी महिलावां की या फरमास मेरी समाज तैं इसी पीड़ितां नै मिलै नौकरी रणबीर यो कानून चाहूं मैं।। चेहरा कति विकृत होग्या खोल कै किसनै दिखाउं मैं।। 81*********** कै दिन राज चलैगा रै। वोट लिए बहकाकै वोट लिए हम बहकाकै ईब बिजली के रेट बढ़ाकै म्हारे तांहिं आँख दिखाकै कै दिन राज चलैगा रै। 1 बिजली कितने घण्टे आवै किसान इसपै विचार करै कम बिजली की तूँ क्यूँ म्हारे सिर पै तलवार धरै बिलां के उप्पर धमकाकै बिल धिंगतानै भरवाकै राज की धौंस दिखाकै कै दिन राज चलैगा रै।। 2 बिजली की चोरी थारे चमचे रोज हमनै करते देखे करखनेदारां के एस डी ओ पाणी हमनै भरते देखे जितनी बिजली होवै पैदा इसतैं किसनै कितना फैदा बिना कोये कानून कैदा कै दिन राज चलैगा रै।। 3 मुफ़्त बिजली पाणी देऊं एक बै न्यों कैह बहकाये भरपूर बिजली लगातार मिलै वोट थे तणै गिरवाये कर्मचारी साथ मिलाकै बैठ गया कुर्सी पै जाकै रोज ये झूठी सूँह खाकै एकै दिन राज चलैगा रै।। 4 निजीकरण ना होवण दयूं इनकी घोषणा तणै करी लारे लप्पे घणे दिए थे जनता नै पीपी तेरी भरी थी विश्व बैंक तनै धमकावै तूँ म्हारे पै छोह मैं आज्यावै रणबीर सिंह छंद बणावै कै दिन राज चलैगा रै।। 82*********** टेक.......ये मर्द बड़े बेदर्द बड़े ना टोह्या पा वै भ्रष्टाचारी औ दिन कद आवैगा ।। ना दुखी करै बेरोजगारी औ दिन कद आवैगा ।। 1 रोटी कपडा किताब कापी नहीं घाट दिखाई देंगे चेहरे की त्योरी मिटज्याँ सब ठाठ दिखाई देंगे काम करने के घंटे पूरे फेर ये आठ दिखाई देंगे म्हारे बालक बी बणे हुए मुल्की लाट दिखाई देंगे कूकै कोयल बागों मैं प्यारी औ दिन कद आवैगा ।। ना दुखी करै बेरोजगारी औ दिन कद आवैगा ।। 2 दूध दही का खाना हो बालकां नै मौज रहैगी छोरी माँ बापां नै फेर कति नहीं बोझ रहैगी तांगा तुलसी नहीं रहै दिवाली सी रोज रहैगी बढ़िया ब्योहर हो ज्यागा ना सिर पै फ़ौज रहैगी ना होवै औरत नै लाचारी औ दिन कद आवैगा।। ना दुखी करै बेरोजगारी औ दिन कद आवैगा ।। 3 सुल्फा चरस फ़ीम का ना कोए अमली पावै माणस डांगर नहीं रहै नहीं कोए जंगली पावै पीस्सा ईमान नहीं रहै ना कोए नकली पावै दान दहेज़ करकै नै दुःख ना कोए बबली पावै होवैं बराबर नर और नारी औ दिन कद आवैगा ।। ना दुखी करै बेरोजगारी औ दिन कद आवैगा ।। 4 माणस के गल नै माणस नहीं कदे बी काटैगा गाम बरोना रणबीर का असली सुर नै छाँटैगा लिख कै बात सबकी सबके दुःख नै बांटैगा वोह पापी होगा जो आज इसा बनने तैं नाटैगा राड़ खत्म हो म्हारी थारी औ दिन कद आवैगा ।। ना दुखी करै बेरोजगारी औ दिन कद आवैगा ।। 83************ एक आह्वान रागनी हम कदम मिलजुलके मंजिल की तरफ बढ़ाएंगे ॥ हमारी बहुविविधता को दे हर क़ुरबानी बचाएंगे ॥ 1 गुणवत्ता वाली पढ़ाई वास्ते जनता लाम बन्द करेंगे सबको सस्ता इलाज मिले ऐसा मिलके प्रबंध करेंगे निर्माण के उदाहरण हम करके सबको दिखाएंगे ॥ 2 अन्ध विश्वास के खिलाफ लंबा चलाएं एक अभियान सबका मिलके होगा प्रयास बने संवेदनशील इंसान प्रति गामी विचार को वैज्ञानिक आधार से हराएंगे ॥ 3 मिल करके करेंगे विरोध सभी दलित अत्याचार का महिला समता समाज में हो मुद्दा बनायेंगे प्रचार का रोजगार मिले सबको ये हम सब अभियान चलाएंगे ॥ सद्भावना बढे समाज में नफरत का विरोध करेंगे पूरे समाज का विकास हो इस पे पूरा शोध करेंगे बढ़े हुए कदम हमारे रणबीर आगे बढ़ते ही जायेंगे ॥ 84************ बाबा साहब अम्बेडकर बाबा साहब अम्बेडकर ने बौद्ध धर्म का धारण कर लिया था तो कई बार हिन्दू उनको घर वापस आ जाने की बात करते थे तो क्या जवाब होता था बाबा साहेब का क्या बताया भला --- बाबा साहेब नै कहया तम कौनसे घर की बात करो । वर्ण व्यवस्था मजबूत करो चर्चा याहे दिन रात करो । जिस घर का सपना तम हम सबनै दिखलाओ सो रै दुः स्वपन नै सपना कहकै हमनै दिन रात भकाओ सो रै इसा थारा घर का सपना जानवरां नै भी मात करो ।1 । घर ईसा बनाया थामनै नहीं परिवार कठ्ठा हो खावै कुछ की झूठण जिस घर मैं बाकी का भोज बणज्यावै इसे घर नै के चाटां जड़ै व्यभिचार होवै उत्पात करो । 2 । म्हारे समाज के घरां मैं यो सब कुछ न्यारा न्यारा देखो कुआं न्यारा और भांडे न्यारे न्यारा यो सबका हारा देखो ईसा घर जिसमै तूँ ठाली बाकी मिलकै खुभात करो । 3 । घर मैं वापसी चाहो रै दखे लालच दे दे कई लाख की चूल हिलादी जमा परवाह नहीं मानव की साख की कहै रणबीर बाबा साहेब की गेल्याँ मत दुभाँत करो । 4 । 85********** आज राहुल सांकृत्यान का जन्म दिन बताया रै।। प्रचंड तूफानी घणा था महा विद्रोही कहाया रै।। 1 छोटी उम्र मैं लिकड़या रहया ना परिवार मैं उस पाछै महंत बणकै घूम्या इस संसार मैं महंत तैं हो आर्यसमाजी मग्न हुया प्रचार मैं उड़ै भी बात बणी ना गया वो बौद्ध दरबार मैं आखिर कम्युनिस्ट बण्या रास्ता अपना बनाया रै।। प्रचंड तूफानी घणा था महा विद्रोही कहाया रै।। 2 संघर्ष तैं भरया जीवन राहुल का बताया भाई खुद देख परख कै नै रास्ता था बनाया भाई समझण सीखण नै वार्ता लाप चलाया भाई छत्तीस भाषा सीखी कर कमाल दिखाया भाई किसान ताहिं जेल जान तैं कदे ना घबराया रै।। प्रचंड तूफानी घणा था महा विद्रोही कहाया रै।। 3 रूढ़ीवाद जाति मजहब भस्म करे विचार मैं लिखते पढ़ते लड़ते लग्या रहया प्रचार मैं लोगाँ गेल्याँ रहया ना गया राज दरबार मैं बिना एकता गुजारा ना इस जालिम संसार मैं मानसिक गुलामी तैं लिकड़ो यो रस्ता सुझाया रै।। प्रचंड तूफानी घणा था महा विद्रोही कहाया रै।। 4 बाहरी क्रांति तैं पहले भीतरी क्रांति लयावां रै रूढ़िवादी विचार छोड़ कै आगै बढ़ते जावां रै गंगा जुमनी संस्कृति नै धर्मान्धता तैं बचावाँ रै कौवे नै धोकै नै रणबीर हंस नहीं बना पावां रै राहुल सांकृत्यान नै म्हारा देश जगाना चाहया रै।। प्रचंड तूफानी घणा था महा विद्रोही कहाया रै। 86************* ब्रूनो नै चर्च में पढ़कै कहते पादरी बनना चाहया था।। कॉपरनिकस की किताब पढ़कै उसनै पल्टा खाया था।। 1 सवाल उठाकै वो क्यों धरती सूरज पै बहस चाहवै आगै अध्ययन करकै नै क्यों नहीं पता लगाया जावै ज्यों ज्यों अध्ययन करै सूरज चौगरदें धरती घुमती पावै चर्च की ताकत और गुस्सा पूरी ढ़ालां समझ मैं आवै ब्रूनो नै इसे कारण तैं इटली छोडण का मन बनाया था।। कॉपरनिकस की किताब पढ़कै उसनै पल्टा खाया था।। 2 कुछ विद्वान सहमत होगे फेर साथ कदम नहीं धरया दिन दूनी रात चौगुनी प्रचार करता ब्रूनो नहीं डरया आम जनता का दिल उसनै यो पूरी तरियां दखे हरया प्रयाग पैरिस इंग्लैंड जर्मनी मैं उसनै था प्रचार करया चर्च की दाब नहीं मानी हारकै चर्च नै भगोड़ा बताया था।। कॉपरनिकस की किताब पढ़कै उसनै पल्टा खाया था।। 3 ज्यों ज्यों प्रचार करया चर्च का गुस्सा बढ़ावै था ब्रूनो भी बढ़ता गया आगै ना पाछै कदम हटावै था चर्च की छलां तैं बताओ कितने दिन बच पावै था वैचारिक समझौता ना करूंगा यो सन्देश पहूंचावै था चर्च नै पकड़ण की खातर फेर कसूता जाल बिछाया था।। कॉपरनिकस की किताब पढ़कै उसनै पल्टा खाया था।। 4 चर्च मानस तैयार किया वो ब्रूनो धोरै पढ़ना चाहवै सै फीस तय करदी उसकी फेर एक पते कै ऊपर बुलावै सै ब्रूनो भी शिष्य एक बनैगा मेरा सोच कै नै सुख पावै सै चर्च की चाल सोची समझी समझ उसकी ना आवै सै गिरफ्तार कर लिया चर्च नै बहोत घणा गया सताया था ।। कॉपरनिकस की किताब पढ़कै उसनै पल्टा खाया था।। 5 अमानवीय यातना दी चर्च नै ब्रूनो अपने मत नै छोड़ दे पहले आली सोच कांहीं अपनी सोच नै ब्रूनो मोड़ दे छह साल ताहिं मंड्या रहया चर्च ब्रूनो की कड़ तोड़ दे लोहे के सन्दूक मैं राख्या ताकि मौसम यो शरीर निचौड़ दे यो अत्याचार चर्च का ब्रूनो का मनोबल गिरा ना पाया था ।। कॉपरनिकस की किताब पढ़कै उसनै पल्टा खाया था।। 6 न्यायालय का ड्रामा रच कै घनी भूंडी सजा सुनवाई इसी सजा दयो इसनै एक बी खून की बूंद ना दे दिखाई ब्रूनो उलट कै बोल्या था सरकार घणी डरी औड़ पाई रोम के चौंक मैं ब्रूनो खम्भे कै ल्याकै बांध्या था भाई रणबीर कपड़ा ठूंसकै मूंह मैं ब्रूनो जिंदा उड़ै जलाया था ।। कॉपरनिकस की किताब पढ़कै उसनै पल्टा खाया था।। 87************ युग पुरुष डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर उनकी याद के रूप में एक रागनी***** बाबा साहेब अंबेडकर शिक्षित होकै संगठन बनाकै संघर्ष का नारा लाया रै।। विचार मानवता वाद का पूरी दुनिया मैं पंहुचाया रै।। 1 दलित शोषित महिलाओं को समाज मैं सम्मान मिलज्या म्हारी दरद भरी जिंदगी मैं खुशी का कोय फूल खिलज्या सामाजिक समानता बारे संघर्ष का बिगुल बजाया रै।। विचार मानवता वाद का पूरी दुनिया मैं पंहुचाया रै।। 2 चौदह अप्रैल ठारा सौ कियानवै इस दुनिया मैं आये परिवार मैं बाबा साहेब ये चौदहवीं सन्तान बताये दलितोत्थान के विचार तैं युग बदलो का नारा ठाया रै।। विचार मानवता वाद का पूरी दुनिया मैं पंहुचाया रै।। 3 नागपुर सम्मेलन के मां उणनै एक बात समझाई थी देश की उन्नति का पैमाना महिलाओं की हालत बताई थी सभी तबकों का कल्याण होवै इसा संविधान बनाया रै।। विचार मानवता वाद का पूरी दुनिया मैं पंहुचाया रै।। 4 उन्नीस सितंबर का दिन था मनु स्मृति जलाई कहते समतामूलक समाज की बाबा जी अलख जगाई कहते रणबीर उनके विचारों पै कर कोशिश छंद बनाया रै।। विचार मानवता वाद का पूरी दुनिया मैं पंहुचाया रै।। 88************ दिल्ली आल्यो गिणकै दिये बोल तीन सौ साठ दिल्ली आल्यो। नहीं सुणते बात म्हारी देखैं बाट दिल्ली आल्यो।। 1 कोरोना बीमारी आगी दुखी हिदुस्तान करया लॉक डाउन लागू करकै गरीब परेशान करया भूख घमासान करया प्रबन्ध घाट दिल्ली आल्यो।। नहीं सुणते बात म्हारी देखैं बाट दिल्ली आल्यो।। 2 ईब खत्म म्हारी कमाई कति गोलते कोण्या हम मरते बिना दवाई कति तोलते कोन्या कति बोलते कोण्या बनरे लाट दिल्ली आल्यो।। नहीं सुणते बात म्हारी देखैं बाट दिल्ली आल्यो।। 3 म्हारे बालक बिना घर दर दर के धक्के खावैं थारे बैठे कोठियां मैं ये टीवी देखैं मौज उडावैं हम भूखे टेम बितावैं थारे सैं ठाठ दिल्ली आल्यो।। नहीं सुणते बात म्हारी देखैं बाट दिल्ली आल्यो।। 4 कोरोना केस बढ़े रणबीर पोल थारी खोल दई गउ भैंस बकरी म्हारी ये बिकवा बिन मोल दई मचा रोल दई गया बेरा पाट दिल्ली आल्यो।। नहीं सुणते बात म्हारी देखैं बाट दिल्ली आल्यो।। 89*********** रैलियां मैं भीड़ घटती जावै यो घणा मोटा चाला होग्या रै।। नया शगूफा जल्दी ल्याणा हो घणा भुण्डा ढाला होग्या रै।। 1 सरकारी संसाधन बेचे सैं जनता थू थू करण लगी महंगाई दिन पै दिन बढ़ै सै वोट भी इब घटण लगी छोटे उद्योगपतियाँ की भी जुबान आज या खुलण लगी बेरोजगारी बढ़ती जावै सै जनता पाछै हटण लगी गठबंधन के साथी भाज लिए यो गुड़ का राला होग्या रै।। नया शगूफा जल्दी ल्याणा हो घणा भुण्डा ढाला होग्या रै।। 2 जनता खुलकै विरोध मैं सडकां ऊपर आण लगी विरोधियों की लड़ाई के या जनता गीत गाण लगी झारखंड की जनता भी दूजे कान्ही लखाण लगी डर दबदबे रूतबे नै या जनता धत्ता बताण लगी झूठ पै झूठ इतनी बोली सब क्यान्हे का गाला होग्या रै।। नया शगूफा जल्दी ल्याणा हो घणा भुण्डा ढाला होग्या रै।। 3 पन्दरा लाख की बाट दिखाई सबर सबका टूट गया बुलेट ट्रेन भी कोन्या चलाई घणा गुस्सा फूट गया पैट्रोल डीजल म्हंगे करकै नै यो अम्बानी लूट गया हर साल दो करोड़ रोजगार नारा पाछे नै छूट गया ध्यान हटावण खातर जरूरी बदलना पाला होग्या रै।। नया शगूफा जल्दी ल्याणा हो घणा भुण्डा ढाला होग्या रै।। 4 सीएए एन आर सी ल्याकै नै जनता के ध्यान बंटाए तीन देशों के वासी मानस उन खातर क्लॉज बनाए हिन्दू सिख बुद्धिस्ट जैन ईसाई पारसी इसमैं ल्याए पांच सात कर कानून मैं मुस्लिम और ढाल दिखाए रणबीर सिंह संविधान खातर यो दिन काला होग्या रै।। नया शगूफा जल्दी ल्याणा हो घणा भुण्डा ढाला होग्या रै।। 90************ नया नवजागरण महिला नौजवान दलित मिलकै आज नया हरियाणा बणावैंगे अपना खोया आत्म सम्मान हांसिल कर दुनिया नै दिखावैंगे।। 1 पूंजीवादी विकास की राही या देखियो खाई और बढावैगी रै गरीब जावै और भी सताया अमीर की पीठ थप थपावैगी रै कुप्रचार समाज वाद के बारे हम जनता के साहमी ल्यावैंगे।। अपना खोया आत्म सम्मान हांसिल कर दुनिया नै दिखावैंगे।। 2 इस राही नै देखो अमरीका आज कति पढ़ण बिठा दिया रै हटकै मंदी का दौर छाया दुनिया मैं तहलका मचा दिया रै किसान मजदूर सब कट्ठे होकै क्रांति का बिगुल बजावैंगे।। अपना खोया आत्म सम्मान हांसिल कर दुनिया नै दिखावैंगे।। 3 देशी और अमरीकी कारपोरेट नै बणा यो गठजोड़ लिया एसी जिंदगी जीवैं खुद ये गरीब तैं कति नाता तोड़ लिया जात धर्म पै बांट कै दुनिया ये कितने दिन ऐश उड़ावैंगे।। अपना खोया आत्म सम्मान हांसिल कर दुनिया नै दिखावैंगे।। 4 राज बदलना आसान आड़े सिस्टम बदलना आसान नहीं सिस्टम ना बदलै जिब तक हो कट्ठा मजदूर किसान नहीं कहै रणबीर ये दोनूं मिलकै साझला नया साज बजावैंगे।। अपना खोया आत्म सम्मान हांसिल कर दुनिया नै दिखावैंगे।। 91********** बंगाल आर्मी फौज के सिपाही डटगे रणभूमि मैं आकै॥ हिंदु मुस्लिम साथ लड़े फिरंगी पड़या तिवाला खाकै॥ 1 हर जवान फौजी के दिल मैं उमंग भरी घणी भारी रै सारै फौजी पाछै-पाछै चाले आगै पांडे क्रान्तिकारी रै न्यों सोचैं थे फौजी तिरंगा लहरा दयां दिल्ली जाकै॥ हिंदु मुस्लिम साथ लड़े फिरंगी पड़या तिवाला खाकै॥ 2 तिल-तिल करकै आगे बढ़ते देश आजाद कराया चाहवैं धर कांधे बन्दूक फौजी सभी कदम तै कदम मिलावैं थी नई-नई तकरीब भिड़ाई सारै भाज्या फिरंगी घबराकै॥ हिंदु मुस्लिम साथ लड़े फिरंगी पड़या तिवाला खाकै॥ 3 महिला कति पाछै रही कोन्या हर जगां वो साथ लड़ी अंग्रेजां नै होई धरती भीड़ी ये देखी औरत साथ खड़ी पहली आजादी की जंग फिंरगी छोड़या कति रंभा कै॥ हिंदु मुस्लिम साथ लड़े फिरंगी पड़या तिवाला खाकै॥ 4 बंगाल आर्मी फोजी सेना नया इतिहास रचाया था तन-मन-धन सब लाकै देश आजाद कराना चाहया था रणबीर सिंह करै कविताई रै कलम अपनी या ठाकै॥ हिंदु मुस्लिम साथ लड़े फिरंगी पड़या तिवाला खाकै॥ 92********** सपना के बूझैगी कमला घणा कसूता सपना आया।। सपने के मां देख्या पूरा संसार बदल्या पाया।। 1 एक संसार मैं सोया था उठया दूजे संसार मैं पाया पेरिस कोण्या उतना रोमांटिक प्यार मैं न्यूयार्क पै भी दीखै आज काला बादल छाया।। सपने के मां देख्या पूरा संसार बदल्या पाया।। 2 किला चीनी दीवार का चौड़े मैं दीखै ढहग्या मक्का भी देखल्यो जमा खाली हाथ रैहग्या इटली जर्मनी देखो कोरोना नै कहर ढाया।। सपने के मां देख्या पूरा संसार बदल्या पाया।। 3 बेरा लाग्या पिस्से तैं ऑक्सीजन नहीं थ्यावै ताकत धरी रैहज्या कोण्या कोये पार बसावै प्रकृति नै इंसान तैं आज गंभीर पाठ पढ़ाया।। सपने के मां देख्या पूरा संसार बदल्या पाया।। 4 हवा धरती आसमान आज न्यों कहते देखो सुण तेरे बिना हमतै देख सुखतैं रहते देखो रणबीर हाल सपने का न्यों का न्यों बताया।। सपने के मां देख्या पूरा संसार बदल्या पाया।। 93*********** इस कोरोना नै देश मैं घणा डर फैलाया देखो।। हरियाणे के चारों कांहीं सन्नाटा सा छाया देखो।। 1 लोक डाउन के देश मैं फरमान गए सुनाए मजबूर मानस बाहर सैं बाकी घरां बिठाए धर्म संस्थानों कै भी इसनै ताला लवाया देखो।। 2 रुसवाई आज चारों तरफ हमनै दीख रही मानवता प्रकृति तैं पाठ नए नए सीख रही कोरोना नै दुनिया के मैं महाघोर मचाया देखो।। 3 इस कोरोना करकै नै गरीब घणे दुख पाये चीन इटली जर्मनी अमरीका के सांस फुलाये भारत मैं भी कोरोना का आज कहर आया देखो।। 4 बचाव करेंगे मिलकै डब्ल्यू एच ओ संग भाई सावधानी बचाव करैगी कोण्या और दवाई रणबीर नै टूट्या फुटया यो छंद बनाया देखो । 94********** हरियाणे के वीरो जागो *हरियाणे के वीरो जागो तजो जात के बाणे नै।।* *ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।।* 1- गरीब माणस नै मरज्याणी गरीब भाई तैं दूर करै अमीर होज्यां एक थाली मैं यो गरीब मजबूर फिरै *अमीर इस्तेमाल भरपूर करै गरीबाँ नै बहकाणे नै।।* ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।। 2- अमीरां का छोरा कोये बेरोजगार जमा ना पाणे का पुलिस कचहरी सब उनके ख़ाली हुक्म ना जाणे का *गरीब लूट कै खाणे का टोहया सै राह मरज्याणे नै।।* ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।। 3- मेहनत जात गरीबाँ की और कोये तो जात नहीं जाट ब्राह्मण सिर फुड़वावें मिलै खान नै भात नहीं *जात मिटा सकै दुभांत नहीं बात कही सै स्याणे नै।।* ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।। 4- जात के ठेकेदारां की बांदी या करै इनकी ताबेदारी आम आदमी जकड़ लिया अमीर करै पूरी पहरेदारी *रणबीर करै नहीं चाटूकारी नहीं बेचै अपणे गाणे नै।।* ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै। 95*********** स्मार्ट सिटी सम्राट सिटी बण्या तो कौन बसै कौन उजड़ज्यागा ॥ किसकी पांचों घी मैं होंगी किसका खेल बिगड़ज्यागा ॥ 1 म्हारे गाम की धरती नै सरकार कब्जाना चाहवै सै बिकै तीस लाख मैं किल्ला किसान बाधु पाया चाहवै सै बिन किल्ले आले लोगों का यो पीतलिया लिकड़ज्यागा ॥ किसकी पांचों घी मैं होंगी किसका खेल बिगड़ज्यागा ॥ 2 राजस्थान मैं जाकै खरीदैं चौधरी बीस किल्ले धरती के बिना बिसवे आला भटकै हाल बुरे होये सैं सरती के किसा बुरा जमाना आया यो गरीब जमा पिछड़ज्यागा ॥ किसकी पांचों घी मैं होंगी किसका खेल बिगड़ज्यागा॥ 3 पुराने गाम मैं म्हारे पै थोड़ा ए घणा सै रोजगार देखो हाल बढ़िया नहीं सैं मुश्किल मैं जीवै परिवार देखो नए शहर मैं कून बड़न दे यो असल उड़ै उघड़ज्यागा ॥ किसकी पांचों घी मैं होंगी किसका खेल बिगड़ज्यागा॥ 4 खेत मजूरी बचै नहीं नए शहर मैं काम मिलै ना भाई घरबार रूल ज्यांगे म्हारे यो चेहरा कदे खिलै ना भाई रणबीर सिंह की कविताई यो घेरा घणा जकड़ ज्यागा ॥ किसकी पांचों घी मैं होंगी किसका खेल बिगड़ज्यागा॥ 96*********** राजनीती कैसे बचैगी रै समाज का ताणा बाणा तोड़ कै।। देश नै उल्टा चलाया चाहते दिशा इसकी जमा मोड़ कै।। 1 अंध विश्वास को हटकै म्हारी समाज उभारा देरी देखो अँधेरे का साथ देकै कहते हम हटावां अँधेरी देखो विकास की बात करते हैं देखो जमा घरोड़ मरोड़ कै।। राजनीती कैसे बचैगी रै समाज का ताणा बाणा तोड़ कै।। 2 तोड़ण की बात करते हैं दे नारा सबके साथ का रै समाज बाँट कै गेर दिया सै ये करते काम घात का रै कितने किसान फांसी ख्वाये सबनै देख लियो जोड़ कै।। राजनीती कैसे बचैगी रै समाज का ताणा बाणा तोड़ कै।। 3 मंदिर मस्जिद गुरद्वारे चरचाँ ऊपर लड़वाये लव जिहाद एंटी रोमियो स्क्वैड ये चारों तरफ फैलाये बहुविविधता का गल घोटैंगे इसकी नाड़ मरोड़ कै।। राजनीती कैसे बचैगी रै समाज का ताणा बाणा तोड़ कै।। 4 एक एक करकै सबका देखो नंबर जरूर लावैंगे दलित महिला माइनॉरिटी ये इनकी भ्यां बुलवावैंगे क्यों पाखंड नै ल्याये जानके रणबीर विवेक नै छोड़ कै।। राजनीती कैसे बचैगी रै समाज का ताणा बाणा तोड़ कै।। 97********** महाकाव्यों को जब इतिहास बनाया जाने लगे तो वैज्ञानिकों के सामने एक चुनौती आ खड़ी होती है। क्या बताया भला--- विकास का नाम लेकै नै ये समाज बाँटना चाहवैं सैं।। महाकाव्य म्हारे देश के उणनै इतिहास बतावैं सैं ।। 1 अंधविश्वसां की जड़ गहरी उनपै आज खेल रहे मुट्ठी भर ऐस करते बाकि सारे संकट झेल रहे सवाल मतना ठावो कति आज हमनै धमकावैं सैं।। महाकाव्य म्हारे देश के उणनै इतिहास बतावैं सैं ।। 2 बेरोजगारी नै चारों कान्ही कहर कसूता मचाया रै म्हारे युवक और युवती के जीवन पै संकट छाया रै पक्की नौकरी बन्द करकै ठेकेदारी प्रथा बढ़ावैं सैं ।। महाकाव्य म्हारे देश के उणनै इतिहास बतावैं सैं ।। 3 ये रोजगार देते कोण्या जात पात धर्म पै बाँट रहे कितै सिख पटेल कितै किसान की मांग नाट रहे चाल आजादी पाछै इनकी हम उलझते ए जावैं सैं।। महाकाव्य म्हारे देश के उणनै इतिहास बतावैं सैं ।। 4 झूठ बोल बोल कै रोजाना जनता खूब भकाई जावै गऊ गीता गंगा के पाछै असली संकट छिपाई जावै रणबीर सिंह के छन्द ये सच का साथ निभावैं सैं।। महाकाव्य म्हारे देश के उणनै इतिहास बतावैं सैं ।। 98*********** पीस्सा माणस आले प्यार रहे ना जग में पीस्सा छाग्या। माट्टी होगी त्याग भाव की जी घणा दुख पाग्या।। 1 विज्ञान की नई खोजां नै अनहोनी करकै दिखाई नियम जाण कुदरत के या जिन्दगी सफल बणाई गलत इस्तेमाल हो इसका तो घणी करदे तबाही मुट्ठी भर लोगां नै इसपै अपनी धाक जमाई नाज सड़ै गोदामां मैं भूखा दुख मैं फांसी खाग्या।। माट्टी होगी त्याग भाव की जी घणा दुख पाग्या।। 2 कुछां के कुते ऐश करैं म्हारे बालक भूखे मरते हम दिन रात कमावैं वे तै कमाई काली करते चटनी नहीं नसीब हमनै वे पकवानां तैं डरते पीस्से के अम्बार लगे इनके पेट कदे ना भरते बिन पैंदे का लौटा हमनै मूरख बेकूफ बताग्या।। माट्टी होगी त्याग भाव की जी घणा दुख पाग्या।। 3 म्हारी ईज्जत आबरू उतरै ईब खुले बाजार मैं धेले की ना कदर रही आपस के ब्यौहार मैं ना सही रिश्ते बनाए हमनै अपने परिवार मैं औरत दी एक चीज बणा लालच के संसार मैं बैडरूम सीन टीबी पै खुलकै दिखावण लाग्या।। माट्टी होगी त्याग भाव की जी घणा दुख पाग्या।। 4 खेती खोसी डांगर खोसे ईब करैगा कंगला यो ना सुहावै म्हारी झूंपड़ी खुदका बढ़िया बंगला यो म्हारी लूट कमाई देखो हमनै बतावै पगला यो रहे ताश खेलते तो नहीं समझ पावां हमला यो बता रणबीर सिंह क्यों पीस्से का नंगापन भाग्या।। माट्टी होगी त्याग भाव की जी घणा दुख पाग्या।। 99************* देवर भाभी की तकरार देवर -- म्हारी परंपरा सै घूँघट म्हारी इज्जत सही बताया ॥ भाभी – इस घूँघट नै महिला कै यो बैरियर कसूत लगाया ॥ देवर – बिन घूँघट कोए बहु किसी भाभी मनै बताईए री या घूँघट की रीत पुराणी इसनै तो तूँ अपनाईये री म्हारे बड़े बडेरयाँ नै कदे पूरा समाज यो समझाया ॥ भाभी – पांच इन्द्री ज्ञान लेण की इस दुनिया मैं गयी बताई स्पर्श करकै सूंघ करकै होसै ज्ञान की वृद्धि जताई देख करकै सुन करकै चाट कै होसै ज्ञान सवाया ॥ देवर – घूँघट गेल्याँ के रिश्ता भाभी पांच इन्द्रियां का बता लाज म्हारी सै घूँघट भाभी तारैगी तो होवेगी खता लिहाज शर्म पूरे गाम की यो घूँघट संस्कृति दिखाया ॥ भाभी – इसका रिश्ता इन्द्रियां तैं मनै तो साफ़ दिखाई देवै सै पाँच मैं तै चार जकड़ ली या महिला कैसे ज्ञान लेवै सै रणबीर नै घूँघट के खिलाफ हरियाने मैं झंडा ठाया ॥ 100*********** अंग्रेजों नै लूट मचाई यो चारों कूट रोला पड़ग्या। एक दूजे के गल कटावैं राज पाट जमा सड़ग्या।। 1 घर बनाये तबेले देश मैं रही माणस की खोड़ नहीं जात पात पर भिड़वारे आज जुल्मों का औड़ नहीं शोषण करैं देश का इमान का जुलूस लिकड़ग्या।। एक दूजे के गल कटावैं राज पाट जमा सड़ग्या।। 2 मेहनत करी लोगां नै विज्ञान नै राह दिखाया या दुनिया बदल दई घणा खून पसीना बाहया गोरयां नै डाण्डी मारी भारत कति ए तै पिछड़ग्या || एक दूजे के गल कटावैं राज पाट जमा सड़ग्या।। 3 न्याय की बात भूलगे नहीं ठीक करया बंटवारा पांच सितारा होटल दूजे कान्ही यो फूटया ढारा देश की कमाई का मुनाफा अंग्रेजों कै बड़ग्या।। एक दूजे के गल कटावैं राज पाट जमा सड़ग्या।। 4 रेडिओ पै सपने हमनै आज खूब दिखाये जावैं रणबीर लालच देकै नै पिठू आज बनाये जावैं डर आजादी की लड़ाई तैं गोरा और अकड़ग्या || एक दूजे के गल कटावैं राज पाट जमा सड़ग्या।। 101********** जब जब जनता जागी यो जुल्मी शोषक झुका दिया ।। भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै सबनै भगा दिया ।। 1 आजाद देश का सपना पहुंचा शहर और गांव मैं भगत सिंह फांसी टूटा जोश था देश तमाम मैं दुर्गा भाभी गेल्याँ जुटगी इस आजादी के काम मैं लाखाँ नर और नारी देगे या कुर्बानी गुमनाम मैं कुर्बानी बिना नहीं आजादी गांधी अलख जगा दिया ।। भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै सबनै भगा दिया ।। 2 गोरे गये आगे काले गरीबी जमा मिटी नहीं सै बुराई बढती आवै सै भिद्द इसकी पिटी नहीं सै अच्छाई संघर्ष करण लागरी आस जमा घटी नहीं सै जनता एक दिन जीतेगी या उम्मीद छुटी नहीं सै म्हारी एकता तोडण़ खातिर जात पात घणा फैला दिया।। भारत तैं जुल्मी गौरा मिलकै सबनै भगा दिया।। 3 जात पात हरियाणा की सै सबतैं बड्डी बैरी भाइयो विकास पूरा होवण दे ना दुनिया याहे कैहरी भाइयो वैज्ञानिक सोच काट सै इसकी जड़ घणी गहरी भाइयो अमीराँ की जात अमीरी म्हारै गरीबी फैहरी भाइयो समता वादी समाज होगा संघर्ष का डंका बजा दिया ।। भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै सबनै भगा दिया ।। 4 दारू माफिया मुनाफा खोर इनकी पक्की यारी देखो भ्रष्ट पलसिया औछा नेता करता चौड़े गद्दारी देखो बिचोलिया घणे पैदा होगे म्हारी अक्ल मारी देखो लंबे जन संघर्ष की हमनै कर ली तैयारी देखो रणबीर भगत सिंह ने रास्ता सही दिखा दिया।। भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै सबनै भगा दिया ।। 102********* आज के माहौल को बयाँ करती एक रागनी नौजवान युवक और युवतियों के लिए खासकर सब किमै उफण्या हांडै मेरी समझ नहीं आया रै। वातावरण अग्रेसिव होग्या डॉक्टर नै बताया रै। 1 भीतर के डॉक्टर का बाहर के मौसम तैं कण्ट्रोल बाहर का मौसम अग्रेसिव इसका हुया मापतोल मीडिया पै यो ऊधम अंधविश्वासियों नै मचाया रै। 2 बाहर का माहौल बिगड़ै कैसे भीतर शांत रहै तूफ़ान बाहर तो अंदर कैसे शीतल लहर बहै अग्रेसिव भीतर बाहर के माहौल नै बनाया रै। 3 कीटनाशक बढे शरीर मैं न्यूरो सिस्टम बिगाड़या अग्रेसिव यूथ इसे कारन डॉक्टरां तत लिकाड़या कीटनाशक छाये थाली मैं कैसर रोग बढ़ाया रै। 4 भीतर धोक मारे तैं ठीक जमा नहीं होवैगा रै अंध विश्वास देश भीतर बाहर नफरत बोवैगा रै रणबीर बाहर की मिलकै हटावां काली छाया रै। 103*********** रिवाज घूँघट का बुजुर्ग महिला चौपाड़ धोरे कै घूँघट मैं जाया करती ॥ चौपाड़ मैं चढ़ना दूर इस कान्ही नहीं लखाया करती ॥ 1 ज्येठ ससुर तैं घूँघट करकै लिहाज शर्म निभावें थी नीची नजर करकै चालें थी ऊपर नै नहीं लखावें थी सासू पितस तैं भी कई घूँघट रिवाज निभाया करती ॥ नयी नवेली बहु जिब गाम मैं पाणी भरने जाती भाई सिर पर दोघड पाणी की उसकी घूँघट थी भाती भाई घर कै भित्तर बाहर बहु घूँघट मैं आया जाया करती ॥ 2 सिर उभाणी या बहु अन्घानी कदे कदीमी सुणते आये बेपर्दा लुगाई ल्यादे तबाही बड़े बड़ेरे न्यूँ गुणते आये या घूँघट पढ़े लिखे की भी घिघी सी बन्धवाया करती ॥ रणबीर घूँघट का रिवाज खींची सै सही तस्वीर दखे बिन घूँघट गाती के कोए कैसे रह्वै गाम मैं बीर दखे इस घूँघट के कारण ये बहु कई बै ठोकर खाया करती ॥ 104********** किस्सा इमराना और नूर इलाही 1 - भारत में उत्तर प्रदेश का हम सारे जिकरा आम सुणां।। सबतै बड्डा प्रदेश बताया बात इसकी सुबो शाम सुणां।। 1 लखनउ उत्तर प्रदेश की राजधानी बताई जा जुर्मां की मशहूर राजधानी मुजफ्फर नगर सुझाई जा डकैती ब्लात्कार लूट-पाट की बढ़ती कतार दिखाई जा चोरी जारी अर मार-पीट की खबर अखबारां मैं पाई जा समाज चल्या गया रसातल मैं लाश मिलै गुमनाम सुणां।। 2 मुजफ्फर नगर जिले नै अपराध मैं नाम कमाया आज या बेरोजगारी बढ़ती जा नौजवान रिवाल्वर ठाया आज ब्यूटी कम्पीटीशन इसे चलाये महिला शरीर बिकाया आज अफरा तफरी मचा राखी गुण्डा राज सारै फैलाया आज सबकै साहमी छोरी ठाले ज्यां बात शहर और गाम सुणां।। 3 पंचायत नै इस जिलैं मैं तालिबानी हुक्म घणे सुनाये कोए जात बची कोन्या जिससे लवमैरिज नहीं तुड़वाये कानून हाथ मैं लेवै रोजाना गये सैकड़ा प्रेमी मरवायें म्हारे थारे बरगे कायर भतेरे जो विरोध ना कर पायें बर्बर तै बर्बर फैसला करया इसे इनके काम सुणां।। 4 जवान छोरी का बाहर लिकड़ना आज घणा भारी होग्या ना मन मर्जी के लत्ते पहरैंगी आज फतवा जारी होग्या इसी हालात देख समाज मैं आज मन बहोतै खारी होग्या अपणा आप्पा ना देखै यो ताशों का इसा खिलारी होग्या रणबीर सिंह दुख मैं लिख्या आज उसका यो पैगाम सुणां।। 105*********** अमेरिका ने जेलों का यो निजीकरण करया बताया।। वे कोरपोरेट तैं सौंप दई सरकारी दखल हटाया ।। 1 कारपोरेट उन बंदियां की देख रेख करै बताई लत्ता कपड़ा और रोटी साथ मैं दी जाती दवाई जेल का सारा खरचा सरकार के ज़िम्मे लगाया ।। वे कोरपोरेट तैं सौंप दई सरकारी दखल हटाया ।। 2 काम उन पर दिन रात कारपोरेट करवावै सै कुर्सी मूढ़े खाट पलंग क़ैदीयां धोरै बनवावै सै इन चीजां नै बेच बेचकै जाता मुनाफा खूब कमाया।। वे कोरपोरेट तैं सौंप दई सरकारी दखल हटाया ।। 3 जेल में बंद बंधुआ का श्रम बहोत सस्ता बताते बाहर के श्रम के मुकाबले दशमां हिस्सा भी ना पाते तेईस लाख कैदियों पै देखो दो तरफा मुनाफा बनाया।। वे कोरपोरेट तैं सौंप दई सरकारी दखल हटाया ।। 4 इसा हाल भारत में भी आज बनावण लाग रहे नागरिकता कानून बणा कैदी बढ़ावण लाग रहे रणबीर सिंह समझो यो क्यों हमपै जाल बिछाया।। वे कोरपोरेट तैं सौंप दई सरकारी दखल हटाया ।। 106********** साम्राज्यवाद के निशाने पै युवा लड़के और लड़की बेरोजगारी हिंसा और नशा घंटी खतरे की खडकी (टेक) 1 सही बातों तैं धयान हटा कै नशे का मंतर पकडाया लड़की फिरती मारी मारी समाज यो पूरा भरमाया ब्यूटी कंपीटीसन कराकै देई लवा ऐश की तडकी।। बेरोजगारी हिंसा और नशा घंटी खतरे की खडकी (टेक) 2 निराशा और दिशा हीनता दे वें चारों तरफ दिखाई बात बात पै हर घर के महँ मचरी सै खूब लडाई सल्फाश की गोली खा कै करैं जीवन की बंद खिड़की।। बेरोजगारी हिंसा और नशा घंटी खतरे की खडकी (टेक) 3 युवा लड़की की ज्यान पै शाका पेट मैं शाका छाया रोज हिंसा का शिकार बनैं ना साँस सुख का आया वेश्यावृति घनी फैलाई जणूं जड़ ये फ़ैली बड़ की।। बेरोजगारी हिंसा और नशा घंटी खतरे की खडकी (टेक) 4 एक तरफ सै चका चौंध यो दूजी तरफ अँधेरा दिन पै दिन बढे यो संकट ना दिखे जमा सबेरा रणबीर सिंह विरोध करेँ हम बाजी ला कै धड की।। बेरोजगारी हिंसा और नशा घंटी खतरे की खडकी (टेक) 107********* आया फागण फागण का मिहना आग्या, चारों कांही हरियाली छाई।। इब ना गरमी ना सर्दी लागै या रूत खेलण की आई ।। 1 चंपा चमेली सखी सहेली करी फागण खेलण की तैयारी बहु नवेली मिलकै खेली पूरा फागण का रंग जमारी साठे मैं बुढ़िया होरी रसिया, जनूं पां मींडकी ठारी लाडू बर्फी ल्याकै असर्फी आंगली चाट चाट कै खारी रिस्सालो फेर मार धमोड़ा नई तान खोज कै ल्याई।। फागण का मिहना आग्या, चारों कांही हरियाली छाई।। 2 पीले फूल रहे खेत मैं झू ल, चाला मोटा रूपरया सै सिरसों की फली लागै भली, पूरा ए पेडा झुकरया सै थोड़ी फुहार पड़ी झूमगी लड़ी सुरग जणु बसरया सै खुभात करै पर उभाना फिरै, फील गुड हंसरया सै या चाँद की चांदनी रात, मोर नै सुरीली कूक सुनाई।। फागण का मिहना आग्या, चारों कांही हरियाली छाई।। 3 बाट दिखाकै हाड़े खवाकै फागण का मिहना आया बैठ सांझ कै गीत छाँट कै सही सुर मैं फिर गाया बैठी कोए लेटी कोए बाट मैं ना बालम घर मैं पाया होली के दिन कैसे खिले दिल ना कोए गुलाल ल्याया बिन बालम किसी होली इसे चिंता नै मैं खाई।। फागण का मिहना आग्या, चारों कांही हरियाली छाई।। 4 देवर आकै गुलाल लगाया भाभी नै कोलड़ा माँज लिया इतने मैं रूक्का पड़ग्या दो ठोल्यां का लाठा बाज लिया किसे का सर फूट गया कोए घर कांही भाज लिया देवर भाभी तैं नहीं बोलै हो कसूता नाराज लिया रणबीर बरोने आले नै करी टूटी फूटी या कविताई ।। फागण का मिहना आग्या, चारों कांही हरियाली छाई।। 108********* अम्बानी की मेर करूं सू मन की बात बताई ना यस बैंक बिठवा दिया, बख्त पै बात समझाई ना।। 1 यो तीन लाख करोड़ आला, बढ़िया बैंक देख्या भाला पहले पांच मैं थाम्या पाला, दुर्गति समझ मैं आई ना1 क्यों दिवालिया होग्या बैंक सही बात समझाई ना।1 2 आंख मींच कै लोन दिया, डिफाल्टर पूरा तोल दिया सबनै एनपीए बोल दिया मक्कारी कति छिपाई ना। क्यों दिवालिया होग्या बैंक सही बात समझाई ना।1 3 अम्बानी डिफाल्टर बताया, तेरा हजार करोड़ खाया और सबनै यो खेल रचाया, नाटण मैं वार लगाई ना सरकार भी यस बैंक नै बचाती कति शरमाई ना ।। 4 पूंजी पति का भोभा भरती, खिंचाई जनता की करती आज भोली जनता मरती, धर्म का जाल देख पाई ना पिटेंगे न्यारे न्यारे रणबीर जै मिलकै लड़ी लड़ाई ना।। 109********* भारत की बुनावट ऊपर आज खतरा कसूत बताया ।। अस्तित्व की बुनियाद म्हारी आज इसको कति हिलाया ।। 1 आजादी के बाद का सबतैं चुनौतीपूर्ण यो बख्त बतावैं अगले कुछ महीने तय करेंगे शासक किस दिशा में जावैं एक कान्ही जन प्रतिरोध दूजे कान्ही फासीवाद का छाया।। अस्तित्व की बुनियाद म्हारी आज इसको कति हिलाया ।। 2 कारपोरेट और हिंदुत्व की म्हारा देश जकड़ मैं आया दोनों का ब्लड ग्रुप एक डीएनए भी पकड़ में पाया मुनाफा और मुनाफा चाहिए छप्पर पाड़ मुनाफा कमाया।। अस्तित्व की बुनियाद म्हारी आज इसको कति हिलाया ।। 3 हिंदुत्व का मकसद कहते या लूट आसान बनाना सै लया नागरिक संशोधन कानून जनता पै जुल्म कमाना सै दो तरफा मुनाफे का शास्त्र अंबानी का लागू कराया ।। अस्तित्व की बुनियाद म्हारी आज इसको कति हिलाया ।। 4 जात धर्म पर बांट हमनै आज आपस में लड़वावैं ये दंगे करवाकै दिल्ली मैं जनता के सिर फुड़वावैं ये कहै रणबीर लेल्यो संभाला हाँगा लाकै छंद बनाया।। अस्तित्व की बुनियाद म्हारी आज इसको कति हिलाया ।। 110*********** लिछमी अपनी सहेली के सामने दिल का हाल कुछ इस तरह से बयाँ करती है :- एक और नै कुआँ दीखै दूजे औड नै चोडी खाई बेबे ।। नेशनल हाई वे बणग्या म्हारी बी धरती आयी बेबे ।। 1 कड़ोहली पह्लादपुर गाम मेरा दो किल्ले आगे म्हारे साठ लाख का मुआवजा दो भाईयाँ के दिन संवारे तीस लाख एक तै देवन की बाबू सलाह बनाई बेबे।। 2 मेरी ससुराल मैं बेरा लाग्या सुर सुर होण लगी सास मेरी भी कई तरियां मेरे मन नै टोहण लगी सहज सी मेरे ससुर नै हिस्से की बात चलायी बेबे ।। 3 पंचायत मैं सुसरे नै पीहर हिस्सा नाट दिया सखी अपना थुक्या खुद बेबे हिस्सा मांग चाट लिया सखी सुनकै हिस्सा ल्याण की बात मैं एकबै घबराई बेबे ।। 4 उसकै आगै मने रात नै शंका दिल की खोल दई थी पीहर मैं मां बाप भाई कहैं माड़ी बात बोल दई थी रणबीर पति चुप रहग्या नहीं आँख मिलाई बेबे ।। 111********** म्हारी कुर्बानी म्हारी कुर्बानी एक साल की आज पूरा रंग ल्याई रै।। इस किसान आंदोलन की दी दुनिया मैं गूंज सुनाई रै।। 1 किसान आंदोलन बढ़ता गया सरकार की धरती भिड़ी होगी कई सौ किसान सहादत देगे जनता की आत्मा भी रोगी केंद्र की सरकार होंश खोगी किसानां नै धूल चटाई रै।। 2 पंजाब नै थी हुंकार भरी गैल हरियाणा भी आया फेर सहज सहज यूपी राजस्थान भी ना पाछै पाया फेर यो पूरे देश मैं छाया फेर सरकार भी घनी घबराई रै।। 3 किसानी एकता तोडण नै घणे हथकंडे अपनाये थे किसान समझगे चाल थारी नहीं बहका मैं आये थे हर कदम पै हौंसले दिखाए थे एकता कसूत बढ़ाई रै।। 4 एक लड़ाई लड़े सां जीते सां आगै भी लडांगे जिताँगे रै दिल्ली के ये डेरे याद रहैंगे आड़े का समों नहीं भूलांगे रै लाठी गोली तैं नहीं डरांगे रै रणबीर करी कविताई रै।। *112********* दुनिया की वित्त पूंजी नै कसूता अंधेर मचाया।। सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।। 1 जोंक बनकै लहू चूसै आज कारपोरेट साहूकार कदेतैं हुक्म बजाती आयी सै केंद्र की सरकार देश भक्त जो असली उनको बताते आज गद्दार नकली देश भक्त आज बनगे देश के पहरेदार राष्ट्रभक्ति के नाम पै तो अंध विश्वास फैलाया।। सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।। 2 कोटे परमट आले भेड़िए आज बनें सैं हितकारी मजदूर किसान लूट लिए सबकी अक्कल मारी मीठी मीठी बात करें पर भीतर तैं पूरे अत्याचारी बकरी भेड़ समझैं हमनै आज के ये न्याकारी कारपोरेट और वित्तपूंजी नै देश मैं धुम्मा ठाया।। सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।। 3 रिश्वतखोर मगरमच्छ पूरे हिन्दुस्तान मैं छागे मजदूर किसान की कमाई चूट चूट कै नै खागे अरबों के बने मालिक औधे घणे चौखे पागे किसानी संकट के चलते ये किसान फांसी लागे नये नये जुमले छोड़ कै यो हिन्दुस्तान भकाया।। सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।। 4 तीन मुंही नाग जहरी एकफन पै बड़ा व्यापारी दूजे फन पै बैठी मारै भ्रष्टाचार की या थानेदारी तीजे फन पै पूंजीपति करता कसूती मारा मारी तीनों मिलकै देखो ये लूट घणी मचारे अत्याचारी रणबीर सिंह नै यो टूटया फुटया छन्द बनाया।। सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।। 113********* अन्तहीन संसार अन्तहीन संसार का अन्त कहैं कदे नहीं आवैगा। संसार रूकता नहीं कितै यो आगै बढ़ता जावैगा।। 1 विज्ञान नई खोज करै मानवता नै सुख पहोंचावै विवेक माणस का फेर इनै सही दिशा मैं ले ज्यावै सत्य खोज निरन्तर चलावै झूठ नै हमेश्या ढावैगा।। 2 पदार्थ हमेश्या गति शील हो इसका गुण बताया यो नष्ट नहीं होवै कदे बी बदलता आकार दिखाया यो साइंस नै पाठ पढ़ाया यो पदारथ ना समाप्त होवैगा।। 3 खोज हमेश्या जारी रहती न्यांे विज्ञान हमनै बतावै हम बुद्धि गेल्यां काम करां भावां मैं बैहने तै बचावै सिद्ध हुया उसनै अपणावै बाकी पै सवाल उठावैगा।। 4 अज्ञानी मां बीमार बालक नै तांत्रिक धोरै ले ज्यावैगी ज्ञानी मां डॉक्टर तै दिखाकै बालक की दवाई ल्यावैगी भावां मैं बैह ज्यावैगी तो बालक ना जमा बच पावैगा।। 114************ 74 साल बीत गए आजाद हुये सैंतालीस मैं साल चुहतर बीत गये। उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।। 1. धनवानां के बिल्ली कुत्ते म्हारे तै बढ़िया जीवन गुजारैं वे बिना भोजन कुपोषण होग्या म्हारै खा-खा के घणे डकारैं वे हमनै कैहकै नीच पुकारैं वे घणी माड़ी चला रीत गये।। उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।। 2. जमीन आसमान का अन्तर किसनै आज म्हारे बीच बणाया खेत कमावां सारी उमर फेर बी सांस ना उलगा आया सोच-सोच कै सिर चकराया सै वे क्यूकर पाला जीत गये।। उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।। 3. तरक्की करी हरियाणे मैं अपणा खून पसीना बाहकै रै उपर ले तो फायदा ठागे हम बाट देखते मुंह बाकै रै देखे चारों कान्ही धक्के खाकै रै मिल असली मीत गये।। उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।। 4. जितने ठेकेदार सैं हरियाणे के उनतै यो सवाल म्हारा रै गरीब क्यों घणा गरीब होग्या अमीर का भरग्या भंडारा रै कमेरा लागै घणा प्यारा रै रणबीर बणा ये गीत गये।। उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।। 115************ चापलूस चापलूसां का चारों कान्हि घणा जमघट होग्या रै। घर में प्यार बच्चा कोन्या जमा मर घट होग्या रै।। 1. स्वार्थी कामचोरां की लागी आड़ै लार दखे हांडैं नशे के गुलाम हुये ये कई हजार दखे टूटैं सैं परिवार दखे सूना आज पनघट होग्या रै।। घर में प्यार बच्चा कोन्या जमा मर घट होग्या रै।। 2. अफरा तफरी माची म्हारे मानव समाज मैं आज महिला बेहाल हुई इस जंगल राज मैं फंसाई पुराने रिवाज मैं जीने का संकट होग्या रै।। घर में प्यार बच्चा कोन्या जमा मर घट होग्या रै।। 3. माणस माणस नै खावै यो चल्या रिवाज सै पांच सितारा मैं जावैं बेची शर्म लिहाज सै भूखा मरै समाज सै यो जीणा सिरकट होग्या रै।। घर में प्यार बच्चा कोन्या जमा मर घट होग्या रै।। 4. उपेक्षा तिरिस्कार का हुया यो ठाड्डा पाला रै धोला पिटता हांडै सै राज करै धन काला रै रणबीर सिंह होग्या चाला रै कहैं लम्पट होग्या रै।। घर में प्यार बच्चा कोन्या जमा मर घट होग्या रै।। 116********** चालै कोण्या जोर मेरा चालै कोण्या जोर मनै लूटैं मोटे चोर नहीं पाया कोये ठौर कटी पतंग की डोर मनै लावैं डांगर ढ़ोर यो किसा घोटाला रै। 1 मेरा बोलना जुल्म हुया, उनका बोलना हुक्म हुया सारे ये मुनाफा खोर ये थमा धर्म की डोर बनावैं ये म्हारा मोर सुहानी इनकी भोर ऐश करैं डाकू चोर मन इनका काला रै। 2 ये भारत के पालन हार, क्यों चोरां के सैं ताबेदार म्हारे पै टैक्स लगावैं बोलां तो खावण आवैं मिल्ट्री सैड़ दे बुलावैं चोरां की मौज करावैं काले का सफेद बणावै भजैं राम की माला रै। 3 महंगाई की मार कसूती, सिर म्हारा म्हारी जूती यो रोजगार मन्दा सै यो सिस्टम गन्दा सै यो मालिक का रन्दा सै घालै दोगला फंदा सै क्यूकर जीवै बन्दा सै हुया ढंग कुढाला रै। 4 पत्थर पुजवा बहकाये, भक्षक रक्षक दिखाये काले नाग डसगे क्यों, ये शिकंजे कसगे क्यों दो संसार बसगे क्यों गरीब जमा फ़ंसगे क्यों रणबीर पै हंसगे क्यों कर दिया चाला रै।। 117*********** अन्धविश्वास जनता नै अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै ॥ देकै लालच और डर दिखाकै वोट लेकै नै राज मैं आवै ॥ 1 मजदूर की मजदूरी खाज्यां ये लीला भगवन की बताते किसान की फसल मंडी बीच देखो लगाकै बोली उठाते जात धर्म पर अफवाह फ़ैलाकै आपस मैं खूब लड़वाते दोनों की म्हणत की कमाई बैठके महलों अंदर खाते भगवान की लीला बता लुटेरा पत्थरों की पूजा करवावै॥ जनता नै अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै ॥ 2 पूरी दुनिया मैं खेल धर्मों का पूंजीपति आज खेल रहे शोषण का सिस्टम पक्का आज मजदूर किसान झेल रहे कितै अंधराष्ट्र वाद कितै देखे आतंक वाद नै पेल रहे गरीब अमीर की खाई बढाक़ै काढ़ जनता का तेल रहे लूट नै मर्जी यो पूंजीपति अल्लाह ईशा राम की बतावै ॥ जनता अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै ॥ 3 सृष्टि जब तैं वजूद मैं आयी अग्नि और हवा देवता आया आगै चल्या समाज तो फेर मानस नै भगवान बनाया कुछ देशों मैं अल्लाह आग्या कुरान का पाठ पढ़ाया कुछ देशों मैं ईशा मशीह नै फेर अंगद का पैर जमाया इस दुनिया मैं इतने धर्म क्यों सोचकै सिर यो चकरावै ॥ जनता अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै ॥ 4 घरां बैठकै ग्रन्थ बणाकै जमकै झूठ चलावन लागे रै जीभ चटोरे ऊत लूटेरे अन्धविश्वास फलावन लागे रै ब्रह्म पारासुर लड़की तैं देखो भोग करावन लागे रै आँख कान और नाक सींग मैं पुत्र जमावन लागे रै रणबीर सिंह अपनी कलम अन्धविश्वास खिलाफ उठावै ॥ जनता अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै || 118********* अर्थव्यवस्था म्हारे देश की ढांचागत संकट बीच आगी।। संकट के हाल बतावण आली सारी बात देश मैं छागी।। 1 विकास दर बेरोजगारी के बहोत दिन आंकड़े छिपाए इनमें फेरबदल करकै ना बढ़ता संकट ल्हको पाये सेहत अर्थव्यवस्था की गिरी मामले सबकै साहमी आये सरकारी अर्थशास्त्री भी आज बहोत घणे सैं घबराए कबूल करने को मजबूर या कड़वी सच्चाई हिलागी।। संकट के हाल बतावण आली सारी बात देश मैं छागी।। 2 इस आर्थिक मंदी का आज मजदूर वर्ग शिकार होग्या रै इनके हकां पै देखो चौड़े यो घणा कसूता प्रहार होग्या रै जो थोड़ा घणा बचरया था तबाह पूरा परिवार होग्या रै संकट बढ़ता जावै देश मैं मजदूर घणा लाचार होग्या रै मजदूर वर्ग नै आर्थिक मंदी आज कसूती ढ़ालां खागी।। संकट के हाल बतावण आली सारी बात देश मैं छागी।। 3 आर्थिक मंदी खत्म करण नै या सरकार कानून बणावै देशी बदेशी पूंजीपति के या सरकार तलवे चाटती पावै लाखों करोड़ की करों मैं छूट कति देवंती नहीं शरमावै तोहफे दे पूँजीपतियाँ नै हमनै देशभक्ति के पाठ पढ़ावै बात पक्की इस मॉडल तैं या आर्थिक मंदी बढ़ती जागी।। संकट के हाल बतावण आली सारी बात देश मैं छागी।। 4 यूनियन बनाने के अधिकार पूंजीपति नै ढीले करवाये वेतन भत्ते कम करकै नै इसनै हथियार कसूत चलवाये फिक्की के इशारयां उप्पर पूरे अमल करकै दिखलाये सौ कानून थे मजदूरों के चार संहिताओं मैं सिमटवाये दीन हालात या मजदूरों की रणबीर की कलम बतागी।। संकट के हाल बतावण आली सारी बात देश मैं छागी।। 119*********** मिलावट आज कोये भी चीज समाज मैं बिना मिलावट मिलती कोण्या।। हड़खाई बाजार व्यवस्था मैं सच्चाई कितै खिलती कोण्या।। 1 दूध दही घी मखन खोया या सही मलाई मिलै कोण्या रै मिर्च मशाला हल्दी आज या सही मिठाई मिलै कोण्या रै नकली भरी बाजार मैं या असली दवाई मिलै कोण्या रै इंसानी जज्बे आला कोये समाज मैं भाई मिलै कोण्या रै अवैध रिश्ते बढ़ते जावैं असली चाहत दिखती कोण्या रै।। हड़खाई बाजार व्यवस्था मैं सच्चाई कितै खिलती कोण्या।। 2 आटा दाल गुड़ शक्कर मैं मिलावट खूब पाती बताई बनावटी दूध और दही या म्हारी जनता खाती बताई महात्मा चेले गुरु बाबे की ना सारी लिखी जाती बताई मानवता नै समाज म्हारी आज टांड पै बिठाती बताई इन बिना मिलावट आळ्यां की समाज मैं पिलती कोण्या।। हड़खाई बाजार व्यवस्था मैं सच्चाई कितै खिलती कोण्या।। 3 स्कूल कालेजों मैं आजकै दिन सारै नकल छागी देखो पहरावे और श्रृंगार मैं भी घणी मिलावट आगी देखो त्याग तपस्या और सेवा इणनै मिलावट खागी देखो देशभक्ति भी नकली होगी असली कै कालस लागी देखो राजनीति मैं तो या मिलावट हिलाये भी हिलती कोण्या ।। हड़खाई बाजार व्यवस्था मैं सच्चाई कितै खिलती कोण्या।। 4 तेल और साबुन नहावण का बहोत मिलावट पाई जा फीम चरस और जहर मैं भी फालतू की चीज मिलाई जा ईब घणा बुरा जमाना आग्या कथा इतिहास बनाई जा मीडिया आज बिकाऊ होग्या साच छिपावै झूठ दिखाई जा रणबीर सिंह की कलम साच लिखने तैं टलती कोण्या ।। हड़खाई बाजार व्यवस्था मैं सच्चाई कितै खिलती कोण्या। 120************ चोर जार नशेबाज जुआरी चोर जार नशेबाज जुआरी बढ़ते जावैं समाज मैं ॥ इनकी लिखूं कहानी सुणो अपणे ही अंदाज मैं ॥ 1 पहले बात करू चोर की हाथ सफाई दिखावैं ये घने चोर तो ताला तोड़ लें दुष्ट कमाँ कै नहीं खावैं ये घिटी मैं गूंठा देकै मारदें घर साफ़ कर ले ज्यावै ये राह चलती महिला की चेन दो मिनट मैं झपटावें ये चोर बी के करैं और कोए नौकरी ना इस राज मैं ॥ 2 जार आदमी दुष्ट घना पर नारी पै नीत धरै सै रै कुकर्म करता हाँडै वो उसका पेट नहीं भरै सै रै पकड़या जा जब जूत लगैं जूतां तैं बस डरै सै रै नालियां मैं मुंह मारता एक दिन बेमौत मरै सै रै पहर धोले लत्ते यो घूमै दुनिया हवाई जहाज मैं ॥ 3 नशे बाज का के कहना रोज नशा करना उसनै तर तर तर जुबान चलै किसे तैं ना डरना उसनै सुल्फा गान्झा भांग धतूरा पी डूब मरना उसनै अगल बगल मैं झाँकै फेर पाप घड़ा भरना उसनै नशा उतर ज्या तो कहै सुधरना चाहूँ कर इलाज मैं ॥ 4 चोर जार नशेबाज जुआरी सब तैं मानस बताये औढ़न पहरण नहान खान तैं ये बालक तरसाये घाघरे टूम तक ना बक्शी चोरी कर नशे चढ़ाये गाम मैं आतंक फैलाया सरीफ मानस घबराये रणबीर समझाया चाहवै समाज सुधर की खाज मैं ॥ 121*********** आज का जमाना देख कै उल्टी रीत जगत की दिल मेरा हुआ उदास ।। भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।। 1 चोर जार ठग मौज उड़ाते शरीफ रहें दुःख भरते झूठे राज पाठ के मालिक सचे फिरैं गुलामी करते देखे हिरन जंगलों मैं चरते गधे करैं गाम मैं वास ।। भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।। 2 झूठे बरी जेल खानों मैं मनै सच्चे ठुकते देखे शर्म आले बेशर्म के आगै सर झुका लुह्क्ते देखे सच्चे मानस झुकते देखे दादा बनगे बदमास ।। भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।। 3 झुठयाँ कै पल्लै धरती दौलत भले करैं पराई आशा म्हारे भारत देश मैं देखो दुनिया का अजब तमाशा गरीब नै भोजन का सांसा अमीरों के सब रंग रास ।। भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।। 4 ये मजदूर ऊपर हुकम चलावें आज अफसर भूंडे घने दलाल पैदा होगे कई नेताअपने बरगे ढूंढें रणबीर सिंह बरग्याँ नै ये गुंडे नहीं लेवन दें सांस ।। भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।। 122************ सहम पिटाई हुया करै सोच समझ कै बात करे बिन या जग हंसाई हुया करै।। माफी मांगनी पड़ज्या माणस नै सहम खिंचाई हुया करै।। 1 गैंग रेप जिसे नाज़्ज़ुक मसले पै गलत कहना ठीक नहीं अपशब्द महिलाओं के बारे मैं सभ्य समाज की रीत नहीं अभिजीत बरग्यां की देखी होगी घणी धुनाई हुया करै।। माफी मांगनी पड़ज्या माणस नै सहम खिंचाई हुया करै।। 2 जिम्मेदार माणस समाज के बात छोटी कहया नहीं करते एक बै लिकडज्यां मूंह तैं वे हर्फ़ उल्टे हुया नहीं करते सदव्यवहार कहते जिंदगी भर की यो कमाई हुया करै।। माफी मांगनी पड़ज्या माणस नै सहम खिंचाई हुया करै।। 3 विरोध नै देश द्रोह कहकै नेता के कहना चाहवैं देखो रै बाहन बात नै गलत बतावै फेर भी वे ठीक बतावैं देखो रै अनसमझी करणीया माणस की न्योएँ खिंचाई हुया करै।। माफी मांगनी पड़ज्या माणस नै सहम खिंचाई हुया करै।। 4 बात की साच देख कै नहीं बोलै वो माणस दुख पावै रै ओछी बात पूरी दुनिया मैं घणा कसूत बबाल मचावै रै रणबीर सिंह सोच समझ कै सही कविताई हुया करै।। माफी मांगनी पड़ज्या माणस नै सहम खिंचाई हुया करै।। 123***** सुंदरता सुन्दरता किसनै कहते, इस पै चर्चा करनी चाहूं मैं। गोरी चमड़ी आच्छी हो सै, छिपरया नस्लवाद दिखाऊं मैं।। 1. गोरी चमड़ी बता सुन्दर गोरे, सारी दुनिया पै छागे काली चमड़ी सुन्दर कोन्या, इन नै निरभाग बतागे गोरी चमड़ी की सुन्दरता नै, खड़ी करदी खाट बताऊं मैं।। गोरी चमड़ी आच्छी हो सै, छिपरया नस्लवाद दिखाऊं मैं।। 2. मेहनत करकै जो बणता सुन्दर उसनै कौण पिछाणै कष्ट कमाई नै चोर कै लेज्यां, उसकी चोरी नै ना कोण जाणै सुन्दर बाहर काला भीतर तैं, कति कोन्या झूठ भकाऊं मैं।। गोरी चमड़ी आच्छी हो सै, छिपरया नस्लवाद दिखाऊं मैं।। 3. उनकी सुन्दरता भूल गए जिननै ताज महल बणाया किस्सा शाहजहां मुमताज का रोजाना जावै सुणाया कारीगरां के पटी रै बिवाई, वा सुन्दरता कड़ै छुपाऊं मैं ।। गोरी चमड़ी आच्छी हो सै, छिपरया नस्लवाद दिखाऊं मैं।। 4. बाहर पेट तै ल्यावण में यो, साथ दिया जिस दाई नै जिनै न्हवां धवा कै मैल तारया , गेरी नीच जात की खाई में रणबीर असली सुन्दरता पै सुन्दर छन्द बणाऊं मैं।। गोरी चमड़ी आच्छी हो सै, छिपरया नस्लवाद दिखाऊं मैं।। 124*********** चमेली पड़ौस की महिलाओं के बीच दोपहर को बात करती है । सभी महिलाएं महंगाई के बारे में बताती हैं । लैक्सन आगे पर महंगाई फेर बी कम नहीं हुई । चमेली क्या कहती है ---- वोट देवां जिब राखते हम सही गलत का ध्यान नहीं ॥ नाश करैंगे वे नेता जिनकै धोरै आज ईमान नहीं ॥ 1 नजर घुमा कै देख लियो नित पेड़ झूठ का फलै सै सच का तेल घलै दीवे मैं तो यो ज्ञान उजाला जलै सै सच के दायरे मैं रहकै मन नहीं हिलाया हिलै सै सच पै खड्या रहवै उसनै दिलां मैं जगां मिलै सै विचार करै बुद्धि चेतन बिन चेतन मिलै ज्ञान नहीं ॥ नाश करैंगे वे नेता जिनकै धोरै आज ईमान नहीं ॥ 2 भगत सिंह का नाम सुण्या धूम मचाई हिन्द म्हारे मैं तेईस बरस का फांसी चढग्या सोचो कदे इस बारे मैं सुणो आसान बात नहीं होती या ज्यान देनी आरे मैं घर बार कति छोड़ दिया उसनै देश के प्रेम इशारे मैं म्हणत करकै दौलत पैदा करां समझे जां इंसान नहीं ॥ नाश करैंगे वे नेता जिनकै धोरै आज ईमान नहीं ॥ 3 साच्ची बात कहूँ थारे तैं हम सच्चाई मंजूर करावैं हाथ जोड़ कहूँ थारे तैं सच का साथ जरूर निभावैं सच्चाई पै चलना चाहिए सच्चाई का घर दूर बतावैं बनावटी मिलावटी की जागां इंसानियत का नूर खिलावैं सच्चा सौदा ए बिकवावेंगे झूठ की चलै दुकान नहीं ॥ नाश करैंगे वे नेता जिनकै धोरै आज ईमान नहीं ॥ 4 वो मानस ना किसे काम का जो सच पै सिर धुनै नहीं अपनी कमाई का हिसाब वो बैठ कै कदे बी गिनै नहीं वोहे मानस सदा सुख पावै सै जो बात झूठी सुनै नहीं आज जो ठीक नहीं वो उस परम्परा का जाल बुनै नहीं छुआछात की जो बात करै वो इंसान की संतान नहीं ॥ नाश करैंगे वे नेता जिनकै धोरै आज ईमान नहीं ॥ 125*********** मोलड़ मोलड़ बता बता कै तेरा आत्मविश्वास खो राख्या सै।। अन्नदाता कैह कैह कै घणा कसूता भको राख्या सै।। 1 उबड़ खाबड़ खेत संवारे खूब पसीना बहाया रै माटी गेल्यां माटी होकै नै भारत मैं नाम कमाया रै तेरी मेहनत की कीमत ना कर्ज मैं डबो राख्या सै।। अन्नदाता कैह कैह कै घणा कसूता भको राख्या सै।। 2 किसान तेरी जिन्दगी का कई लोग मखौल उडाते ये तेरी मेहनत लूट रहे तनै ए पाजी बी बताते तेरी जमात किसानी सै जात्यां का जहर बो राख्या सै।। अन्नदाता कैह कैह कै घणा कसूता भको राख्या सै।। 3 जिस दिन किसानी देष की कठी होकै नारा लावैगी उस दिन तसवीर कमेरे या जमा बदल जावैगी तेरी कमाई का यो हिसाब अमीरां नै ल्हको राख्या सै।। अन्नदाता कैह कैह कै घणा कसूता भको राख्या सै।। 4 मजदूर तेरा साथ देवै तूं कड़वा लखावै मतना दूसरां की भकाई मैं इसतैं दूरी बढ़ावै मतना कहै रणबीर क्यूं जात पै झूठा झगड़ा झो राख्या सै।। अन्नदाता कैह कैह कै घणा कसूता भको राख्या सै।। 126*********** यो दिखावा चारों कान्ही सबके दिल पै छाया रै।। जिसकै सूत आरी कहता सब ईश्वर की माया रै।। 1 यो ईश्वर दुभान्त करता ना हमनै देता दिखाई खूब ईमानदारी तैं कमाते पर रहते बिना दवाई म्हारे पड़े फूटे ढारे देखो ईश्वर नै महल भाया रै।। जिसकै सूत आरी कहता सब ईश्वर की माया रै।। 2 जो काला बाजारी करैं उनकी मानता भगवान यो शैतानों की चांदी होरी भूखा मरता क्यों इंसान यो मन्दी मैं गरीब मरया अमीर सरकार नै बचाया रै।। जिसकै सूत आरी कहता सब ईश्वर की माया रै।। 3 अडानी के पाले मैं जाकै सरकार खड़ी होगी म्हारी जिस राही मरणा लाजमी उसे रास्ते चलती जारी जनता की दाब के कारण भारत किमैं बच पाया रै।। जिसकै सूत आरी कहता सब ईश्वर की माया रै।। 4 भ्रष्टाचार नै म्हारे देश मैं सब रिकार्ड तोड़ दिए भ्रष्ट नेता पुलिस अफसर तीनों नै सूत्र जोड़ लिए रणबीर सिंह नाश हो लिया दुख मैं गीत बनाया रै।। जिसकै सूत आरी कहता सब ईश्वर की माया रै।। 127*********** अमरीका मनै बतादे नै क्यों हुया इसा अन्याई तूं।। इराक देश नै मिटाकै नै किसकी चाहवै भलाई तूं।। 1 खुद हथियार जखीरे लेरया ओरां पै रोक लगावै दस साल तै पाबन्दी लाकै इराक नै भूखा मारना चाहवै मतना इतने जुलम कमावै बणकै बकर कसाई तूं।। 2 जमीनी लड़ाई बिना तेरै इराक हाथ नहीं आणे का इराक खतम करे बिना ना जमीनी कब्जा थ्याणे का गाणा सही गाणे का क्यों दुश्मन बण्या जमाई तूं।। 3 खून मुंह कै लाग्या तेरै फिर अफगानिस्तान के मां मानवता कती पढ़ण बिठादी तनै सारे जहान के मां बची सै इन्सान के मां या खत्म करै अच्छाई तूं।। 4 सब देशां मैं नारे उठे जंग हमनै चाहिये ना तेल की खातर ओ पापी लहू मानवता का बहाइये ना आगै फौज बढ़ाइये ना बस करणी छोड़ बुराई तूं।। 128************ के बताउं जिठानी तनै तेरा देवर सपने म्हां आया री।। देख कै हालत उसकी आई नहीं पहचान के म्हां काया री।। 1 बिखरे बिखरे बाल थे उसके मूंछ और दाढ़ी बढ़ी हुई ना न्हाया ना खाया दीखै चेहरे की हड्डी कढ़ी हुई नींद एक गाड्डी चढ़ी हुई घणी चिन्ता के म्हां पाया री।। 2 बैठी होले न्यों बोल्या जंग के पूरे आसार होगे सारी दुनिया युद्ध ना चाहवै अमरीकी मक्कार होगे माणस लाखां हजार होंगे मिलकै सबने नारा लाया री।। 3 चीं करकै जहाज हवाई आसमान मैं आन्ता दिख्या बटन दाब कै बम्ब गेरया पति मनै कराहन्ता दिख्या दरद मैं चिल्लान्ता दिख्या उनै हाथ हवा मैं ठाया री।। 4 इतना देख कै मनै अपनी छाती पै हाथ फिरा देख्या आंख उघड़गी मेरी घबराकै घोर अन्ध्ेरा निरा देख्या रणबीर सिंह नै घिरा देख्या तुरत मदद कै म्हां आया री।। 129********* गुमनामी चंदे के दम पै पूंजीपति शासक पार्टियां पै छागे।। बनवा कानून अपने हक के जनता नै जमा लूट कै खागे।। 1 यो कानून इब लाजमी भ्रष्टाचार नै खूब बढावैगा भाइयो पूंजीपति खेलैगा इब खुलकै म्हारै सांस चढ़ावैगा भाइयो किसान मजदूर और जनता पै ये लगाम जोर की लागे।। बनवा कानून अपने हक के जनता नै जमा लूट कै खागे।। 2 दो तीन सालां मैं योहे हमनै देवै सै काम दिखाई भाइयो तेईस सौ करोड़ चंदे की भजपा नै करी सै उगाही भाइयो पन्द्रासौ करोड़ दो साल मैं बस इलेक्ट्रोल बॉन्ड तैं पागे।। बनवा कानून अपने हक के जनता नै जमा लूट कै खागे।। 3 जनतंत्र और गणतंत्र का जमाना इब चल्या गया भाइयो आमजन तो कदम कदम पै कसूता छल्या गया भाइयो जनता नै भी जुमले इनके बेरा ना क्यों ईतने आज भागे ।। बनवा कानून अपने हक के जनता नै जमा लूट कै खागे।। 4 संकट देश मैं किसानी का नौजवान घूमै सै बेरोजगार यो ला और आर्डर की समस्या मच्या सै आज हाहाकार यो कहै रणबीर सिंह बरोने आला म्हारे सारे सपने ये ढागे।। बनवा कानून अपने हक के जनता नै जमा लूट कै खागे।। 130********* जेब कतरे धर्मात्मा इब भूरा बण्या भूरसिंह, उसकै मोहर लगी सरकारी। ना मानस नै मानस थापै, पुलिस की गेल्याँ लाई यारी। 1 पल मैं तोला पल मैं माशा, कदे टाडै कदे छेरै खासा चित बी मेरी पिट बी मेरी ना पड़ै कदे उल्टा पासा ठाडे आगै होज्या म्याऊं पर हीने नै धमकावै खासा घर मैं रहवै गऊ की ढालाँ बाहर करै यो पूरा तमाशा पहरावे का नहीं ठिकाना हो पेंट कदे हो खद्दर धारी। ना मानस नै मानस थापै, पुलिस की गेल्याँ लाई यारी। 2 पूरा ज्ञानी ध्यानी बनै आरती हनुमान की तारै देखो पिस्से नै भगवान मानै शेखी दिन रात बघारै देखो दया धर्म दिखावे ताहिं पराई बीर पै तान्ने मारै देखो बिना टूम धरें उधार दे ना ब्याज मैं खाल उतारै देखो चुगली मैं बाप नारद का इनै लोगाँ की अक्कल मारी। ना मानस नै मानस थापै, पुलिस की गेल्याँ लाई यारी। 3 नीत डिगादे एक पैग पै हुया बिन पैंदे का लौटा रै बख्त पड़े पै धोखा देज्या मारै छल का सौटा रै बात घड़दे तुरत फुरत टोहले कोए बाहणा मौटा रै अपने मुँह मियाँ मिठू कहै मैं सूँ सिक्का खौटा रै यारे प्यारे उप्पर चलै उसकी भाई या तलवार दुधारी। ना मानस नै मानस थापै, पुलिस की गेल्याँ लाई यारी। 4 माखी भिंणकैं छिकमा सिनकै जब सत्ता तैं दूरी होज्या पड़या खाट मैं रहै बाट मैं खत्म सारी गरूरी होज्या हो बुरा हाल जनों सूने ताल मछली सी मजबूरी होज्या ना चमक रहे ना दमक रहै झूऱ सिंह तैं यो झूरी होज्या लिखै रणबीर जब झूरे पै उसकी आंख्यां मैं चिंगारी। ना मानस नै मानस थापै, पुलिस की गेल्याँ लाई यारी। 131********** बबीता-चमेली को मेडिकल जाकर अपना मेडिकल करवाने के लिए तैयार करती है। वहां सविता उनकी पूरी मदद करती है। मेडिकल मुआएना हो जाता है और सूरत सिंह के खिलाफ पुलिस को केस दर्ज करना पड़ता है। गांव में चमेली का चरित्र हनन करने की पूरी कोशिशें की जाती हैं। चमेली की मां और बबीता उसका पूरा साथ देती हैं। एक दिन चमेली क्या सोचती है, क्या बताया कवि ने:- या चोट मनै, गई घोट मनै, गई फिरते जी पै लाग मेरै तो सिलगै बदन में आग।। 1. चाला होग्या गाला होग्या, क्यूकर बात बताउं बेबे, इज्जत गवाई, चिन्ता लाई, क्यूकर ज्यान बचाउं बेबे सुरते बरगे फिरैं घनेरे, क्यूकर गात छिपाउं बेबे देख अकेली करी बदफेली, क्यूकर हाल छुपाउं बेबे ना पार बसाई, ना रोटी खाई, ना आच्छा लागै कोए राग मेरै तो सिलगै बदन में आग।। 2. जिस देश मैं नहीं होता हो सही सम्मान लुगाई का उस देश का नाश लाजमी, जड़ै अपमान लुगाई का सारी जिन्दगी राम भज्या सै, नहीं भुगतान दुहाई का घणा अष्टा बणा दिया सै, यो इम्तहान लुगाई का मैं तो मरली, दिल में जरली, लाउं नाश जले कै आग मेरै तो सिलगै बदन में आग।। 3. राम गाम सुणता हो तै, हाम कति ज्यान तै मरली औरत घणी सताई जागी, या मेरे दिल में जरली सबला लूटी अबला लूटी, दास बणाकै धरली इबै तो और सहणा होगा, के इतणे मैं सरली ना होठ सिउं ना जहर पिउं, तेरा करूं सामना निर्भाग मेरै तो सिलगै बदन में आग।। 4. डूबूं तिरूं मन होज्या सै, सोचूं कदे फांसी खावण की फेर सोचूं हिम्मत करकै, सजा कराद्यूं सुरते रावण की मां नै भी दिया बहुत सहारा, ऐसी मां ना पावण की कसर ना छोड़ी बबीता नै मेरा साथ निभावण की ना कदम हटावै ना केस ठावै न्यां रणबीर सिंह करै जाग मेरै तो सिलगै बदन में आग। 132************ द्रोपदी चीर हरण पै महा भारत संग्राम हुया सुनाया।। आज लाखां द्रोपदी लूटी जां कृृष्णजी नहीं टोहया पाया।। 1 द्रोपदी को जुए पै लाणे की हमनै या संस्कृृति सिखावै सै पांचां की एक बहू होगी या महाभारत हमनै समझावै सै महाभारत महाकाव्य मैं द्रोपदी को न्याय नहीं दिलवाया।। द्रोपदी चीर हरण पै ........ 2 महा भारत मैं द्रोपदी गेल्यां बहोत बुरा व्यवहार हुया आज घणे अत्याचार बढ़े महिला विरोधी संसार हुया धुर तैं महिला निशाने पै मनुवाद नै कहर घणा ढाया।। द्रोपदी चीर हरण पै........ 3 महिला विरोधी माहौल तैं आज लड़ना घणा जरुरी सै मिलै बरोबर का दरजा कैसे क्यों सताई जावै नूरी सै संघर्ष करकै हक पावांगे दूर करां अंधविश्वासी छाया।। द्रोपदी चीर हरण पै ........ 4 सामाजिक न्याय का मसला आज पूरे भारत मैं उठावांगे किसान मजदूर को सम्मान मिलै इसा राज हम ल्यावांगे महाकाव्य महाभारत आज किसनै यो सै इतिहास बताया।। द्रोपदी चीर हरण पै... 5 कौनसी परम्परा रुढिवादी सै कौनसी सै जन हितकारी इसपै बहस चलानी होगी ना तो नुकसान होवैगा भारी रणबीर सिंह सोच समझ कै द्रोपदी का प्रसंग ल्याया।। द्रोपदी चीर हरण पै....... 133*********** देख लिया घूम जमाणा, गरीब का ना कोये खाणा, ये अमीर मारदें ताणा, इस हरि के हरियाणे मैं।। 1 अमीर गरीब की खाई रोजाना ही बढ़ती जावै तरक्की का डूंडा पाड़या या दलाली रंग दिखावै अस्सी भूखे मरते आज, बीस ऐस करते आज, जमा खुल्ले चरते आज, इस हरि के हरियाणे मैं।। 2 बढ़िया कार बनाने मैं हरियाणा नम्बर वन होग्या बासमती उगाने मैं हरियाणा नम्बर वन होग्या बासमती का व्यापारी सै, लूटै मेहनत सारी सै, किसान की मारा मारी सै, इस हरि के हरियाणे मैं। 3 धागा और काम्बल मैं यो पानीपत मशहूर हुया सै छंटनी का दौर झेल्या बन्द करण नै मजबूर हुया सै मानेसर मंदी मैं आया, उद्योगपति भी रंभाया, उद्योग ना चल पाया, इस हरि के हरियाणे मैं।। 4 यो हरया भरया हरियाणा, जित दूध दही का खाना, महिला मैं खून की कमी मुश्किल सै समझ पाना जितना पीसा ला दिया रै, एक तिहाई खा लिया रै, ना तोड़ जमा पा लिया रै, इस हरि के हरियाणे मैं।। 134********** जनता नै दुखी करकै ना कोए शाषक सुखी रह पाया।। जनता का राज जनता द्वारा जनता ताहिं गया बताया।। 1 सिस्टम व्यक्ति पर भारी बहुत देर मैं समझ पाते हैं कहीं खरीद फरोख्त कहीं डर का रोब खूब जमाते हैं चित बी मेरी पिट बी मेरी आम आदमी मरते जाते हैं हमारी मेहनत की शाषक हर तरह से लूट मचाते हैं जनता और शाषक के बीच वर्ग संघर्ष मूल जताया।। 2 यो समझे बिना ईमान दार घणा कुछ नहीं कर पावै चाहे तो पी एम बणाद्यां आखिर कठपुतली बण जावै सिस्टम के हाथ बहोत सैं संस्कृति इसका साथ निभावै म्हारी सोच गुलामी की यही सिस्टम कई तरियां बनावै सिस्टम बदलें बिन जनता का जनता नै राज ना थ्याया।। 3 शाषक बांट कर हमें अपनी मनमानी खूब चलावैं देखो दस नब्बै की लड़ाई आज खास तरियां ये छिपावैं देखो दस की करकै सही पिछाण नब्बै ना एकता बनावैं देखो दस की एकता घणी कसूती जात गोत पै वे लडावैं देखो खेत खान मैं हम कमाते फेर बी सांस चैन का ना आया।। 4 ये जेब कतरे धर्मात्मा बणकै पूरे देष मैं छाये देखो ये भाशा जनता की बोलते जनता के भूत बनाये देखो ये मुखौटे बदल बदल कै हर पांच साल मैं आये देखो ये अपने पेट फुलागे रै म्हंगाई नै उधम मचाये देखो रणबीर नब्बै की खातर सोच समझ कै कलम उठाया।। 135*********** बेरोजगारी नै भारत मैं लड़के लड़की खूब सताए रै। आज गन्दी फ़िल्म और नशे मैं ये जान बूझकै फंसाए रै। 1 ढाल ढाल के नशे परोस कै कसूती लत लगाई सै अफीम चरस हीरोइन दारू घर घर में पहुंचाई सै नशे माफिया नै दुनिया मैं बहोत उधम मचाई सै अफ़गानिस्तान गढ़ बनाया अमेरिका की चतुराई सै आज पंजाब के नौजवान ये नशे में खूब डुबाये रै। आज गन्दी फ़िल्म और नशे मैं ये जान बूझकै फंसाए रै। 2 नेता अफसर पुलिस की तिग्गी कहैं धंधा चला रही सरकार छोटे-मोटे नै पकड़े जुल्मियों नै बचा रही किततैं आवै कौन व्यापारी बात सारी ये छिपा रही शातिर ढंग तैं माफिया तिग्गी पूरा जाल बिछा रही कोये घर ना बच्या दारू तैं सुल्फे फीम नै आण दबाए रै।। आज गन्दी फ़िल्म और नशे मैं ये जान बूझकै फंसाए रै।। 3 साथ मैं म्हारे शासकों नै गन्दी फ़िल्म का जाल बिछाया सै स्मार्ट फोन पै गन्दी फिल्मां नै कसूता उधम मचाया सै वेश्यावृत्ति बढ़ी टीवी नै सब ढाल का रंग दिखाया सै लूटो खाओ मौज उड़ाओ घर घर संदेश पहुंचाया सै बेरोजगार युवक युवती उल्टे धंधयां मैं लगाए रै।। आज गन्दी फ़िल्म और नशे मैं ये जान बूझकै फंसाए रै।। 4 नशा गन्दी फ़िल्म ल्याकै नैं बेरोजगारों का मुंह मोड़ दिया जात पात और धर्म पै बांटे मानवता का सिर फोड़ दिया बहुविविधता भुला दई भाईचारे का धागा तोड़ दिया गौ माता का नारा इसकी गेल्याँ ल्याकै नै जोड़ दिया के होगा म्हारे हिंदुस्तन का रणबीर भी घबराए रै।। आज गन्दी फ़िल्म और नशे मैं ये जान बूझकै फंसाए रै।। 136** सावित्री बाई फुले के जन्म दिन के मौके पर एक रागनी---- सावित्री बाई फुले आपको शत शत है प्रणाम म्हारा।। पहली महिला शिक्षक देश की लिया जावै नाम थारा।। 1 तीन जनवरी ठारां सौ कतीस जन्मी दलित परिवार मैं नौ साल की की शादी होगी ज्योतिराव फुले के घरबार मैं उन बख्तों मैं समाज सुधार का था मुश्किल काम थारा।। पहली महिला शिक्षक देश की लिया जावै नाम थारा।। 2 महिला शिक्षा की खातिर सबतैं पहला स्कूल खोल दिया रूढ़िवादी विचारकों नै डटकै हमला थारे पै बोल दिया ना पाछै कदम हटाये महिला स्कूल खोले तमाम ठारा।। पहली महिला शिक्षक देश की लिया जावै नाम थारा।। 3 बाल विवाह के खिलाफ विधवा विवाह ताहिं छेड़ी जंग सती प्रथा छुआछूत के किले विचार फैला करे थे तंग ब्राह्मण विधवा गर्भवती का ज़िम्मै लिया इंतज़ाम सारा।। पहली महिला शिक्षक देश की लिया जावै नाम थारा।। 4 ब्राह्मण ग्रंथ मत पढ़ो जात पात से बाहर आ जाओ मेहनत से जाति बन्धन तोड़ो शिक्षा पूरी तम पा जाओ लिखै रणबीर बरोने आला महिला शिक्षा का पैगाम थारा।।। पहली महिला शिक्षक देश की लिया जावै नाम थारा। 137********** टांड पै बिठा जनता नै अम्बानी अडानी लूट रहे ।। फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे।। 1 मुट्ठी भर तो पावैं नौकरी कई लाख का पैकेज थ्यावै बीच बीच में एक दो बै यूके फ्रांस के चक्कर लगावै एम टेक आले पै मजबूरी या चपड़ासी गिरी करावै बेरोजगारी बढ़ै रोजाना यो नौजवान खड्या लखावै अडानी अम्बानी की कम्पनी कुछ तो चांदी कूट रहे।। फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे।। 2 एक तरफ विकास का नारा लगता राज दरबारां मैं कौन फालतू मुनाफा कमावै होड़ लगी साहूकारां मैं इनके तलवे चाटें जावैं ये ना फर्क कोये सरकारां मैं संकट इस विकास करकै आया किसानी परिवारां मैं गंभीर संकट के चलते भरोसे जनता के इब टूट रहे।। फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे।। 3 अम्बानी अडानी की लूट इस संकट की जड़ मैं देखो झिपाने नै लड़वा जात धर्म पै लठ मरैं कड़ मैं देखो जात धर्म पै भिड़वा दिए हुए फिरैं अकड़ मैं देखो असली नकली म्हारै भी नहीं आये पकड़ मैं देखो कितै गौमाता कितै गीता पर सिर ये म्हारे फूट रहे।। फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे।। 4 दूसरे देश भी इस लूट मैं बड्डे हिस्सेदार बणे भाई उनकी पूंजी ले अडानी उनके सूबेदार बणे भाई एमरजेंसी लागू होगी देशद्रोही थानेदार बणे भाई काले धन का जिकरा ना उन्के पहरेदार बणे भाई कुलदीप हम क्यों रोजाना अपमान का पी घूंट रहे।। फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे।। 138******** सावित्री बाई फुल्ले छोरियां का सबतैं पहला सावित्रीबाई नै स्कूल चलाया ॥ समाज के घणे ताने सुणे पर ना पाछै कदम हटाया ॥ 1 महिला नै समाज मैं पूरे मिलने चाहिए सै अधिकार पूरा जीवन लगा दिया किया जन जन के मैं प्रचार बारा साल मैं ब्याह होग्या फेर भी अपना फर्ज निभाया ॥ छोरियां का सबतैं पहला सावित्रीबाई नै स्कूल चलाया ॥ 2 लिंग भेद का विरोध करया पति नै पूरा साथ दिया था जाति भेद के खिलाफ उणनै यो खुल्ला ऐलान किया था बाल हत्या प्रतिबन्धक गृह यो सुरक्षा सेंटर बनाया ॥ छोरियां का सबतैं पहला सावित्रीबाई नै स्कूल चलाया ॥ 3 महिलाओं को पढ़ाने जब सावित्री स्कूल मैं जाया करती जनता गोबर फ़ैंकती बहोतै क्रोध या जताया करती स्कूल जा साड़ी रोज बदली महिलाओं को जरूर पढ़ाया। छोरियां का सबतैं पहला सावित्रीबाई नै स्कूल चलाया ॥ 4 दत्तक पुत्र डॉक्टर बणग्या पुणे मैं अस्पताल चलाया सावित्री बाई मरीज सेवा मैं अपना काफी बख्त लगाया समाज सुधार मैं रणबीर अपना पूरा जीवन बिताया ॥ छोरियां का सबतैं पहला सावित्रीबाई नै स्कूल चलाया ॥ 139************ चालीस लाख साल तैं मानव दुनिया मैं रैहता आवै।। इतना ए बेरा चाल्या इबै ज्ञान विज्ञान न्यों समझावै।। 1 मानव विकास की शुरू मैं घणी धीमी रफ्तार थी पेड़ चाँद सूरज बरसात आसपास की संसार थी इनपै कई विश्वास बने जिनकी महिमा अपार थी आपस मैं देख्या चोट लगै कदे चढ़ै या बुखार थी उणनै ना बेरा था कैसे औरत बच्चा पैदा कर पावै।। इतना ए बेरा चाल्या इबै ज्ञान विज्ञान न्यों समझावै।। 2 गुफाओं मैं रहया करते जानवरों का शिकार करते आग लगी पाज्या कितै वे उसतैं बहोत घणे डरते तूफान आंधी आ ज्यावैं कई कई दिन भूखे मरते कच्चा सड़े औड़ मांस खाकै वे अपना पेटा भरते आग और पहिये की खोज विकास नै आगै बढ़ावै।। इतना ए बेरा चाल्या इबै ज्ञान विज्ञान न्यों समझावै।। 3 मूल प्रवृति मैं धर्म ना था पूर्व पाषाण युग बताता एक लाख तैं चालीस हजार साल पूर्व का खाता साठ हजार साल पहले धर्म संसार मैं नजर आता फूल औजारों गहणों गेल्याँ उसका शव गाड्या जाता इतिहास की खोज हमनै और भी घणी बात बतावै।। इतना ए बेरा चाल्या इबै ज्ञान विज्ञान न्यों समझावै।। 4 बच्चे के जन्म को चमत्कार मानव समझण लाग्या धरती माँ देवी मां के रूप मैं पहलम पूजण लाग्या बड़े स्तनों की गर्भवती की बना मूर्त धोकण लाग्या इसे करकै धरती माँ को सब्तैं ऊपर धरण लाग्या इतने सालों का अनुभव मानवता नै आगे नै ल्यावै।। इतना ए बेरा चाल्या इबै ज्ञान विज्ञान न्यों समझावै।। 5 बच्चे के जन्म मैं पुरुष की भूमिका का पता लाग्या माँ धरती बणी और पिता आकाश का दर्जा पाग्या डरता मानस सबको दर्जा फेर देवता का दिवाग्या आग वर्षा पाणी सूर्य का चमत्कारी रूप बणाग्या सभी सभ्यताओं मैं सबका पुराणा देवता पाया जावै।। इतना ए बेरा चाल्या इबै ज्ञान विज्ञान न्यों समझावै।। 6 आग और पहिये की खोज तैं विकास तेजी पकड़ग्या मानव और प्रकृति का विरोध कई जगण पै उभरग्या नव पाषाण युग का काल आड़े ताहिं विकास करग्या छह कली लिखी फेर भी के इतनी मैं रणबीर सरग्या घणी सोच समझ कै फेर कदे अपनी कलम घिसावै।। इतना ए बेरा चाल्या इबै ज्ञान विज्ञान न्यों समझावै।। 140************* 141********** मतना लाओ वार सुणो, हो जाओ तैयार सुणो। ले ऐके का हथियार सुणो, लड़नी आज लड़ाई रै।। 1. गांव, गली, शहर, कुचे मैं इज्जत म्हारी महफूज नहीं अत्याचार होते रोजाना करता कोए महसूस नहीं नहीं लड़ाई आसान सुणो चाहिए युद्ध घमासान सुणो मारे जावैं शैतान सुणो, बची नहीं समाई रै ।। 2. रूढ़िवादी विचार क्यों देखो बनके ये दीवार खड़े कहने को होते देखो ये यहां बढ़िया प्रचार बड़े दुश्मन गेरता फूट सुणो, ऐसे मचाए लूट सुणो अब तुम जाओ उठ सुणो, सही ना जा पिटाई रै।। 3. ये अन्नदाता कहने वाले आज कहां पर चले गए कर्म कर ना फल की चिंता, अरमान हमारे छले गए नहीं सहें अपमान सुणो, पायें हम सम्मान सुणो चले ऐसा अभियान सुणो, डंके की चोट बताई रै।। 4. जीना है तो लड़ना होगा, संघर्ष हमारा नारा किसानों संगठन बना के कदम बढ़ाएं, दूर नहीं किनारा किसानों अब तो उंचा बोल भाई, झिझक ले अपनी खोल भाई जाए दुश्मन डोल भाई, रणबीर अलख जगाई रै।। 142*********** चूल्हे की आग भादों की बिजली नन्द मेरी चूल्हे की आग सै मेरी सास।। देवर तै मेरा सांप सपोलिया घमण्डी मेरा सुसरा खास।। 1 इनके बीच मैं रहना कितना सुख दाई बीरा देख ले मनै कहते डली रांग की यो इनका बेटा हीरा देख ले ऊंट के मुंह मैं जीरा देख ले पिया आवैगा छटे मास।। देवर तै मेरा सांप सपोलिया घमण्डी मेरा सुसरा खास।। 2 तड़कै उठ कै चाह पिलाऊँ फेर नास्ता मनै बनाना हो सारे सिंगर कै करलें नाश्ता उस पाछै मेरा न्हाणा हो साबुन लाण का उल्हाणा हो कित मेहंदी लाण की आस।। देवर तै मेरा सांप सपोलिया घमण्डी मेरा सुसरा खास।। 3 इसे माहौल मैं मात मेरी क्यूकर मनाऊं मैं तीज बता कई मिहने तैं हंसी कोण्या क्यूकर दूर हो खीज बता ना सिमाया कोये कमीज बता मैं तो सूं बस जिंदा लाश।। देवर तै मेरा सांप सपोलिया घमण्डी मेरा सुसरा खास।। 4 बेराना सास बहू का रणबीर बढ़िया रिश्ता किनै बनाया के आछे ढ़ालां ना रैह सकती किनै उल्टा पाठ पढ़ाया यो किनै सै जहर फैलाया कौन करै इसका पर्दाफाश।। देवर तै मेरा सांप सपोलिया घमण्डी मेरा सुसरा खास। 143************ बेटी हुई सिवासन जब तैं घरां रोजाना झगड़ा होवै हे।। मनै कति ना बेरा पटता क्यूं उसका भाग नपूता सोवै हे।। 1 समझदार कोये वर ना मिलता होगी घणी लाचारी बेबे सीधे मूंह कोये बात ना करता होगी मुश्किल भारी बेबे छोरियां की कदर रही नहीं आज फिरती मारी मारी बेबे दहेज बिना कोये हां ना भरता चाली किसी या बीमारी बेबे रोजाना कमनूँ चेहरा दीखै वा कदे सूबकै कदे रोवै हे।। मनै कति ना बेरा पटता क्यूं उसका भाग नपूता सोवै हे।। 2 गऊ सी दुधारू चाहवैं सारे चारों तरफ पीसा नाच रहया पशु माणस मैं फर्क रहया ना में धन रिस्तयाँ नै जांच रहया नाश होण में कसर नहीं पिट झूठ कै साहमी साच रहया कार लेकै भी जलाकै मारैं चारों कांहीं हाहाकार माच रहया परिवार सारा पड़या चिंता मैं खड़या हाथ कालजा होवै हे। मनै कति ना बेरा पटता क्यूं उसका भाग नपूता सोवै हे।। 3 भैंस बीमार होवै जब सैड़ देसी डॉक्टर नै टोहवैं ये छोरी मरै बिलख बिलख कै ना दवन्नी ऊंपै खोवैं ये आज पढ़े लिखे जमाने मैं सरे आम कत्ल होवें ये दिन रात फिकर लगी रहै नहीं नींद चैन की सौवैं ये किस्मत का खेल बतावैं काटै जो जिसे बीज बोवै हे।। मनै कति ना बेरा पटता क्यूं उसका भाग नपूता सोवै हे।। 4 ये रंग ढंग देख जमाने के जी घणा दुखी पाग्या मेरा हे काले धन नै दिया म्हारै चौगिरदें यो किसा घेरा हे कोये बी राह ना दिखता मनै टोहनाहो कुआं झेरा हे घर नै बेटी आज बोझ बनी यो दीखता घोर अंधेरा हे वैष्णो देबी पूज कै आयी सुनी वा बढ़िया वर टोहवै हे।। मनै कति ना बेरा पटता क्यूं उसका भाग नपूता सोवै हे।। 5 सारे खोट की जड़ डूँगै रणबीर न्यों मनै समझावै सै मेरी समझ मैं आँती कोण्या वो सही तसवीर दिखावै सै कहै सरमायेदारी खेल रचारी म्हारे संकट रोज बढ़ावै सै समुन्दर किनारै बैठ कदे ना असली मोती यो थयावै सै वैज्ञानिक सोच जरूरी बेबे नहीं सूके थूक बिलोवै हे।। मनै कति ना बेरा पटता क्यूं उसका भाग नपूता सोवै हे।। 144*********** खाई चौड़ी होंती आवै सै इसनै आज कौन पाटैगा।। गरीब जनता का हाथ आज सही मैं कौन डाटैगा।। 1 घर घर मैं खाई बधगी या बधगी पूरे समाज मैं देशां के बीच की खाई नहीं बताते पूरे अंदाज मैं अमरीका टॉप पै रैहवन खातर रंग यो न्यारे छांटैगा। खाई चौड़ी होंती आवै सै इसनै आज कौन पाटैगा।। 2 एक देश के भित्तर भी कई ढाल की खाई दीखैं सैं एक तो अरब पति बनरया दूजे ये पेट नैं भिंचै सैं शान्ति कड़े तैं आवैगी जब अमीर गरीब नै काटैगा। खाई चौड़ी होंती आवै सै इसनै आज कौन पाटैगा।। 3 लड़ाई बढ़ैगी इस तरियां इस विनास की राही पै खाई पटज्या चलना होगा इसे विकास की राही पै ना तो पर्यावरण प्रदूषण यो म्हारा कालजा चाटैगा।। खाई चौड़ी होंती आवै सै इसनै आज कौन पाटैगा।। 4 लोभ लालच और स्वारथ घणी बधारे इस खाई नै समाज गया रसातल मैं यो चौड़ै मारै भाई भाई नै भाईचारा नहीं बच्या तो रणबीर धन नै के चाटैगा ।। खाई चौड़ी होंती आवै सै इसनै आज कौन पाटैगा।। 145************ कम बच्चों का सवाल जिब फुर्सत होज्या तम नै, बात ध्यान तैं सुनियो मेरी।। भीडी धरती हो ज्यावै सै उठती नै मने आवें अँधेरी।। 1 खेत मजदूर बाप सै मेहनत कर कै करै गुजारा जितनी ढाल की खेती हो वै उस पै सै ज्ञान का भंडारा फल सब्जी नाज उगावन मैं किसान कै लाता साहरा दिहाड़ी पै फेर लठ बा जै संकट होज्या घणा भारया घुट घुट कै सहन करण सां ये कडवी बात भतेरी || भीडी धरती हो ज्यावै सै उठती नै मने आवें अँधेरी।। 2 सात बालक जन्मे थे माता नै पाँच भान अर दो भाई ताप मार ग्य एक जाने नै भान मरगीर्गी बिना दवाई दूजी नै बैरन टी बी चाट्ग्यी घर मैं मची तबाही बची दस्तों तैं मरण नै तीजी राम जी के घर तैं आई सात मांह तैं तीन बचे मुश्किल तैं इसी घली राम की घेरी || भीडी धरती हो ज्यावै सै उठती नै मने आवें अँधेरी।। 3 यानी सी मैं ब्याह दी थी पति खेत मजदूर मदीने का उनका हाल और्व बुरा देख्या ब्योंत नहीं खाने पीने का चाह गेल्याँ रोटी घूँट कै खा वें हाल नहीं सै जीने का ठाडे की सै दुनिया हे बेबे के सै म्हारे बरगे हीने का क्यूकर जी वां सुख चैन तैं चिंता खावै या श्याम सबेरी|| भीडी धरती हो ज्यावै सै उठती नै मने आवें अँधेरी।। 4 कई बै सोचूँ बालक कम हों ना ठुकता कालजा मेरा कितने बचें कितने मरेंगे नहीं पाटता इसका बेरा सारे मिलके करैं कमाई जिब हो वै सै म्हारा बसेरा मने समझ नहीं आवै क्यूकर केहना मानूं मैं तेरा रणबीर सिंह धोरै बूझंगे चल मत करिए देरी || भीडी धरती हो ज्यावै सै उठती नै मने आवें अँधेरी।। 146******** ज्योतिबा फुल्ले जी की याद में उनीसवीं सदी मैं भारत दूज्यां का गुलाम बताया।। धर्म जात ऊपर यो बंटया टुकड्यां मैं दिखाया।। 1 समाज पै परम्परावादी सोच घणी छारी थी ज्ञान सत्ता के स्रोतां पै उच्च वर्गों की थानेदारी थी व्यवस्था नै अछूत वर्ग यो हिंदुस्तान मैं बनाया।। धर्म जात ऊपर यो बंटया टुकड्यां मैं दिखाया।। 2 इस वर्ग नै अपमान सहया अभाव घणे झेले अँधेरी गुफाओं बीच मैं ये तबके गए धकेले गैर बराबरी की आग नै भारत देश जलाया।। धर्म जात ऊपर यो बंटया टुकड्यां मैं दिखाया।। धर्म जात ऊपर यो बंटया टुकड्यां मैं दिखाया।। 3 इनपै जुल्म ढाल ढाल के खूब करे जावैं थे जानवरां तैं भुंड़ी ढाल घणे बोझ धरे जावैं थे वंचितों को म्हारे समाज नै बहोत घणा सताया।। धर्म जात ऊपर यो बंटया टुकड्यां मैं दिखाया।। 4 कई जात अछूत के भीतर समाज नै बनाई बस्ती गाम तैं बाहर म्हारे हिंदुस्तान मैं बसाई धरती पर भी थूकन का दखे पाबंद लगाया।। धर्म जात ऊपर यो बंटया टुकड्यां मैं दिखाया।। 5 गले मैं हंडिया लटका कै ये तबके चाल्या करते निशान साफ करे बिन ना कदम डाल्या करते दूरी बनी रैह ज्यां जिम्मा घण्टी बजाने का लगाया।। धर्म जात ऊपर यो बंटया टुकड्यां मैं दिखाया।। 6 धर्म जात पै यो बंटया टुकड्यां मैं दिखाया।। बीड़ा ज्योतिबा फुल्ले नै जात पात खिलाफ उठाया शिक्षा का प्रसार किया घर घर अलख जगाया कहै रणबीर दबंगों नै घणा विरोध जताया।। धर्म जात ऊपर यो बंटया टुकड्यां मैं दिखाया।। 147************ त्याग तपस्या जनसेवा हरेक धर्म का सार बताया रै।। कण कण मैं बसै रामजी किसनै पत्थर पूजवाया रै।। 1 कौनसे धर्म मैं लिख दिया दूजे धर्म तैं लोगो घृणा करो अपने नै महान बताओ दूजे धर्म के ऊपर नाम धरो उसको ढूंढ़ो अपने अंदर मुक्ति का यो राह दिखाया रै।। 2 समाज सुधरै जीवन सुधरै है धर्मों का अंजाम यही फेर क्यों मारकाट धर्मों पै कबीर नै दी पैगाम यही सूफी संतों नै अंधभक्तों को यो रास्ता सही समझाया रै।। 3 प्यार से सब रहते आये हैं गंगा जमुनी संस्कृति म्हारी अंग्रेजों नै बांटो राज करो करी सोच समझ कै त्यारी धार्मिक कट्टरता नै मानस दुनिया का आज कँपाया रै।। 4 धार्मिकता के सिद्धान्त सारे धर्मों के कुछ लोग भूले एक दूजे तैं नफरत करो की मारा मारी मैं क्यों झूले धर्म व्यक्तिगत मसला सै पां क्यों राजनीति मैं फंसाया रै।। 5 इंसान पैदा हुया फेर सहज सहज जीवणा सिख्या आग वायु देवता बनाये जब राह कोए नहिं दिख्या कुदरत का खेल यो सारा धर्मां नै अपना खेल रचाया रै।। 6 धर्मान्धता और रूढ़िवाद नै कब्जा आज जमा लिया सहज सहज इसे करकै कुलदीप नास्तिक बना दिया साम्प्रदायिक दंगो मैं जो मरे उनका ना हिसाब लगाया रै।। 148******** गीत या दुनिया हुई कसाई हे सखी , समझी ना इंसान मैं 11 1 बचपन के महां लाड लड़ाया ,पढना लिखना खूब सिखाया मेरी माँ नै गोद खिलाई हे सखी , पर समझी ना संतान मैं 1 2 हुई सिवासन ब्याह रचाया , खोल जेवडा पिंड छुटवाया कर दी मेरी बिदाई हे सखी पर समझ लई अनजान मैं1 3 पति देव का साथ निभाया , घर का सारा बोझ उठाया बढ़िया पत्नी बताई हे सखी पर समझी नहीं समान मैं 1 4 सब बच्चों को खूब पढाया , भविष्य उनका सही बनाया मनै पीढी त्यार बनाई हे सखी पर नाम नहीं निर्माण मैं 1 5 खेत क्यार मनै खूब कमाया ,नहीं पाछे नै कदम हटाया बहो तै घणा कमाई हे सखी पर समझी नहीं किसान मैं या दुनिया हुई कसाई हे सखी समझी ना इंसान मैं 149********** आज एम ए करली पास मनै देवै अंधेरा दिखाई क्यों। आधा किल्ला मेरै बांटै आया होगी बन्द सब राही क्यों 1 खेतों मैं कमाऊं किततैं जिब धरती ए कोण्या बोवण नै मनै सब कामचोर कहते नहीं कान्धा मिलता रोवण नै लेगे पिस्से आले नौकरी मेरै ना छोटी मोटी थ्याई क्यों । 2 चक्कर काट काट नेता जी के दो जोड़ी जूती टूट लई और किसे नै के दोष देऊं मेरी किस्मत दीखै फूट लई ग्यारा हजार की माला घाली फेर बी ना पार बसाई क्यों 3 ये उल्टे सीधे काम करणिया अपनी राही लाया चाहवैं दारू बेच कै सल्फा बेच ले ये इसे पाठ पढ़ाया चाहवैं चौराहे पै मैं खड़या सोचूं जिंदगी मैं मची तबाही क्यों । 4 निराशा के बादल छारे मनै दीखती कोये बी आस नहीं बेरा ना के के सोचें जांसूं बच्या मन के मैं विश्वास नहीं रणबीर बरोणे आले की नहीं समझे हम कविताई क्यों 150********** राजरानी की शहादत गेस्ट टीचर्स के संघर्ष को देखकर एक बात याद आ गयी । शिला बाई पास पर प्रदर्शन पर गोलियां चली । जीप ड्राइवर राजरानी को लेकर आया और इमरजेंसी में क्या हुआ इस बारे उन्हीं दिनों एक रागनी लिखी थी पेश है :--- बिन आयी मौत साहमी टडफै सड़क पै पड़ी हुई। पड़ी जांघ मैं खाकै गोली फेर एक बर खड़ी हुई ।। 1 धड़ाम दे पडी सड़क पै खून फव्वारा ना काबू आरया साथी तो ठावैं पुलिस रोकै मन होग्या उसका खारया धक्का स्टार्ट जीप मेरी उन सबनै फेर धक्का मारया घाल जीप मैं चाल पड़े चेहरां पीला पड़ता जारया पीली पड़गी राजरानी कितै कितै सांस अड़ी हुई ।। पड़ी जांघ मैं खाकै गोली फेर एक बर खड़ी हुई ।। 2 ड्रिप लायी ईसीजी मशीन वा सीधी लाइन दिखावै कई डॉक्टर कट्ठे होगे एक छाती बार बार दबावै खत्म होली राजरानी कहता डॉक्टर भी घबरावै चारों कान्ही हाहाकार मच्या गैल भीड़ चढ़ती आवै देखैं पडी खून मैं लतपथ साथिन उड़ै खड़ी हुई ।। 3 पडी राजरानी बिस्तर पै जनों मेरी तरफ लखावै इसा दिखाई देवै जनों यो हमनै सन्देश देना चाहवै आत्म सम्मान बचाल्यो रलकै आज हकूमत दबावै संघर्ष का रास्ता लेल्यो यो मंजिल तक पहोंचावै मुठ्ठी भींचगी राजरानी की थी जाड़ी भी कड़ी हुई। पड़ी जांघ मैं खाकै गोली फेर एक बर खड़ी हुई ।। 4 गोली मारी सांथल के म्हां करया जुल्मी काम सुणो राजरानी गेस्ट टीचर नै यो दिया आखरी पैगाम सुणो नेता अफसर पुलिस की कसनी होगी लगाम सुणो आख़री सांस मैं उसनै लिया साथिन का नाम सुणो रणबीर रोवै उड़ै खड़या सच्ची बात ना घड़ी हुई ।। पड़ी जांघ मैं खाकै गोली फेर एक बर खड़ी हुई ।। 151***** म्हारा हरियाणा म्हारा हरियाणा दो तरियां आज दुनिया के म्हं छाया।। आर्थिक उन्नति करी पर लिंग अनुपात नै खाया।। 1 छांट कै मारैं लड़की पेट मैं समाज के नर नारी समाज अपने कसूर की माँ कै लावै जिम्मेदारी जनता हुई सै हत्यारी पुत्र लालसा नै राज जमाया।। आर्थिक उन्नति करी पर लिंग अनुपात नै खाया।। 2 औरत औरत की दुश्मन यो जुमला कसूता चालै ना आदमी आदमी का दुश्मन यो रोजै ऐ घर घालै समाज की बुन्तर सालै यो हरियाणा बदनाम कराया ।। आर्थिक उन्नति करी पर लिंग अनुपात नै खाया।। 3 वंश की पुराणी परम्परा पुत्र नै चिराग बतावैं देखो छोरा जरूरी होना चाहिए छोरियां नै मरवावैं देखो जुल्म रोजाना बढते जावैं देखो सुनकै नै कांपै काया।। आर्थिक उन्नति करी पर लिंग अनुपात नै खाया।। 4 अफरा तफरी मैच रही महिला कितै महफूज नहीं जो पेट मार तैं बचगी उनकी समाज मैं बूझ नहीं आती हमनै सूझ नहीं रणबीर सिंह घणा घबराया।। आर्थिक उन्नति करी पर लिंग अनुपात नै खाया।। 152******** नोएडा और गुड़गामा आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही। युवा और युवतियों की या मजबूरी दिखाणी चाही। 1 मियाँ बीबी ये दोनों मिलकै आज खूब कमावैं देखो तीस लाख का पैकेज ये साल का दोनों पावैं देखो तड़कै आठ बजे त्यार हो नौकरियां पर जावें देखो रात के ग्यारह बजे ये वापिस घर नैं आवैं देखो इन कमेरयां की आज या पूरी कथा सुणानी चाही। आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही। 2 अपने पारिवारिक रिश्ते बताओ कैसे चलावैं रै ऐकले रैह रैह कै शहरां मैं ये कैरियर बनावैं रै भीड़ मैं रैह कै भी अपने नै कतिअकेला पावैं रै गांम गेल्याँ अपना रिश्ता बताओ कैसे निभावैं रै आज के दौर की या विरोधाभाष दिखाणी चाही। आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही। 3 मोटे वेतन की नौकरी छोड नहीं पावैं देखो भाई अपने बालकां नै घरां छोड़ कै नै जावैं देखो भाई फुल टाइम की मेड एजेंसी तैं ये ल्यावैं देखो भाई उसके धोरै बालक ये अपने पलवावैं देखो भाई मजबूरी या लाइफ आज इणनै अपनाणी चाही। आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही। 4 मात पिता दूर रहवैं टाइम काढ़ नहीं पाते भाई दादा दादी नाना नानी इनके बन्द हुए खाते भाई घर मैं आवैं इस्तै पहले बालक तो सो जाते भाई नॉएडा गुड़गामा का रणबीर यो हाल सुनाते भाई बदल गया जमाना हरयाणा ली अंगड़ाई चाही। आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही। 153********* खाई खाई चौड़ी होंती आवै सै इसनै आज कौण पाटैगा। गरीब जनता का हाथ सही मैं आज कौण डाटैगा। 1 बधगी घर घर मैं खाई या बधगी पूरे समाज मैं देशां के बीच की खाई ना बताते पूरे अंदाज मैं अमरीका टोप पै रहवण नै आतंकवाद पै काटैगा। 2 एक देश के भित्तर भी कई ढाल की खाई दीखैं एक अरबपति बनरया दूजे ये भूखे पेट नै भींचें शांति कड़े तैं आवैगी जब कारपोरेट इसतै नाटैगा। 3 लड़ाई बढ़ेगी इस तरियां विनास की राही करकै पिचानवै हों कठे होंवैंगे चौड़ी होंती खाई करकै नहीं तो पर्यावरण प्रदूषण सबका कालजा चाटैगा। 4 लोभ लालच और मुनाफ़ा और बधारे इस खाई नै समाज गया रसातल मैं चौड़ै भाई मारै सै भाई नै रणबीर सिंह समझावै देखो छंद यो न्यारा छांटैगा। 154******** संघर्ष भारी सोच सोच कै हार गया आज क्यों बढ़गे ये बलात्कारी।। पहले भी हुआ करैं थे नहीं मुंह खोल्या करती नारी।। 1 भोग की वास्तु हो सै नारी ग्रन्थ हमारे खूब पुकारे मर्द के दिमाग मैं विचार ये सैं सदियों पुराने छाहरे ईब मुंह खोलन लागी करतूत थारी साहमी आरी ।। 2 पूरे समाज मैं खतरा होग्य़ा कोए बी महफूज नहीं काले धन की लीला छागी सच्चाई की बची गूँज नहीं नंगेपन और हवस की अपसंस्कृति बढ़ती जारी ।। 3 गरीब दलित आदिवाशी घने दिनों तैं यो झेल रहे ये शरीफ सभ्य समाज के बना महिला का खेल रहे दो मिनट मैं ठीक नहीं होवेगी सदियों की चली बीमारी ।। 4 कई स्तर पर रणबीर मिलकै पूरा हांगा लाना होगा न्यारे न्यारे बाजे छोड़ कै साझला बाजा बजाना होगा आज नया नव जागरण विचार संघर्ष मांगे भारी ।। 155******** *अंतरजातीय ब्याह* *ब्राह्मन छोरी हरिजन छोरा ब्याह का फैंसला करया दखे* *छोरी के बाबू नै अपना साफा छोरे पाहयाँ बीच धरया दखे* 1 बाबू बोल्या मैं फांसी खालयूं घर कै कलास लावै मतना ब्याह रिश्ते सब बंद होजयाँ जीनते जी मरवावै मतना छोटे भाई नै कोण ब्याहवै छोरी जुलम कमावै मतना ऊंच नीच कुछ सोच किमै म्हारी नाक कटावे मतना *काली नागन की तरियाँ क्यों तेरे भीतर जहर भरया दखे* 2 छोरा छोरी जब माने कोन्या छोरी घराँ ताले मैं कैद करी पीट पीट कै सीधी करणी चाही छाती बन्दूक लयान धरी छोरी नै घने कष्ट सहे पर किसे और की नहीं हाँ भरी बोली मरना सै मंजूर मने कुनबे कै नहीं या बात जरी *कचहरी मैं दरखास देदी घर कुनबा थोडा ड़रया दखे* 3 माँ पिता की पार बसाई कोन्या उनने ब्याह रचाया फेर ना किसे नै फांसी खाई पर मातम घर मैं छाया फेर म्हारा कोए वास्ता नहीं तेरे तै बाबू नै हुकम सुनाया फेर माँ तै आखिर माँ ठहरी लुह्क छिप मिलना चाहया फेर *छोरी इतनी करड़ी लिक्डैगी कुनबे कै नहीं जरया दखे* 4 दो साल पाछै बाबू मरग्या इस बाहने घरां आये थे कोए मुंह तै बोल्या कोन्या वे घर मैं हुए पराए थे खाली घर मैं बैठकै आगे चेहरे कति मुरझाए थे म्हारे कांहीं तैं मरगे थाम घणे कड़वे बोल सुनाए थे *कहै रणबीर सिंह बारोने उनका प्यार फेर बी ना मरया दखे* 156********** हरियाणा मैं आज किसा दौर दमन का चाल्या रै किसान का धान पिट्या मजदूर पै घेरा घाल्या रै 1 भ्रष्टाचार नै हरियाणे मैं सभी रिकार्ड तोड़ दिए कुछ नेता खावैं कुछ अफसर ये खुल्ले छोड़ दिये अफारा आग्या सारयाँ कै जनता तैं मूंह मोड़ लिए माफिया और बदेशी कम्पनी इनतैं नाते जोड़ लिए किसानों की कष्ट कमाई पै यो घपताड़ा डाल्या रै 2 अपनी लूट पै एस्मा ना म्हारी हड़ताल भी रड़कै रै जिब जनता हक माँगै सरकार कसूती भड़कै रै इनके सैं पांच सितारा म्हारा दरवाजा भी खड़कै रै म्हारा हक देवण मैं ये क्यों करते सांझ तड़कै रै म्हारी कमाई पै ऐश करैं यो घर म्हारा हाल्या रै 3 हम आह भरैं बदनाम होज्यां उनके कत्ल माफ सैं म्हारी तन्खा भी रड़कै ये कड़े के होवैं इंसाफ सैं रिजाई तै लई खोस म्हारी बचे म्हारे पै लिहाफ सैं दिन धौली मैं करैं बदमाशी फेर भी घणे साफ सैं उनकी काली करतूतां नै शरीफां का हिया साल्या रै 4 थाम काटोगे जिसे बोवोगे यो चालै थारा गरूर नहीं गादड़ गाम सुहीं भाज लिया इसमें म्हारा कसूर नहीं भ्रष्टाचारी का घणे दिन ओटया भारत नै फतूर नहीं थारा गिरकाना म्हारी गेल्याँ यो हमनै इब मंजूर नहीं थारा नाश रणबीर सिंह पै कोण्या जावै टाल्या रै March 2000 157********* पींग घलण की रीत खुसगी इब आग फैंकदी सामण पै।। पेटैन्ट बैरी नै यो दा लगाया प्यारे नीम और जामण पै।। 1 कदे कदीमी इणनै म्हारी या जनता लाती आई देखो साची मानो बनस्पति म्हारी वफादार सिपाही देखो बदेशी कम्पनी नै पेटैन्ट की अपनी छाप लगाई देखो जूती म्हारी सिर म्हारा चौड़े मैं करी सै पिटाई देखो सोचो सारे के गुजरैगी इब धर्में, जीतू और मामण पै।। 2 बदेशी कम्पनी रॉयल्टी माँगै माफ करै नहीं कोई रै सरकार जली ना मूंह खोलती कित सै पडकै सोई रै जाण बूझ कै जाल साजी तैं किसी करड़ाई टोही रै धरती जामण हल्दी म्हारी क्यों खसम कम्पनी होई रै सम्भल कै रहियो इब नजर सै कुड़ते अर इस दामण पै।। 3 बेटा बेटी सी हमनै लागै सै या खेती खूबै प्यारी भाई रै ढाल ढाल के फूल पौधे फितरत सबकी न्यारी भाई रै नींबू घीया तोरी संतरा कितै खिलरे फूल हजारी भाई रै सौ जागां पै ये काम आवैं चाहे हारी हो बीमारी भाई रै पेटैन्ट होज्या सब क्यान्हे का रॉयल्टी होज्या लामण पै।। 4 किसान भाइयो होंश करो घर बार म्हारा खतरे मैं एक खेती का मसला कोण्या देश सै सारा खतरे मैं औरत जाति दुखी घणी हुया गरीब बेचारा खतरे मैं माणस पन नै भाई खतरा सै भारत प्यारा खतरे मैं कहै रणबीर खतरा घणा यो म्हारे डांगराँ के रामभण पै।। मार्च 2000 158*********** तार्किक बातां के हिम्माती अपनी ज्याण खपाई हमेश।। झूठी बात नहीं ये सारी देसै इतिहास गवाही हमेश।1 1 चार्वाक नै वेदां की पारलौकिकता पै सवाल उठाया था घोर निंदा पड़ी औटनी उसका लिख्या सब जलाया था आज तलक ये बात सारी हमतैं गई छिपाई हमेश।। 2 यूरोप मैं कॉपरनिक्स का रूढ़िवाद नै भूत बनाया गैलीलियो तैं फांसी सुनादी मुश्किल तैं पैंडा छुटवाया तार्किकता की कट्टरवाद तैं हुई सै लड़ाई हमेश।। 3 सर्वाट्स नै दुनियावी कारण बताए बीमारी के ब्रूनो बोल्या ईश्वरीय कारण नहीं बीमारी म्हारी के तार्किकता नै प्रकाश की भारत में लौ जलाई हमेश ।। दोनों वैज्ञानिक पुरोहितों नै जिन्दा जलाए बताऊँ मैं वैज्ञानिक म्हारे पुरोहितों तैं लड़े सैं हमेश दिखाऊं मैं रणबीर अन्त मैं तर्क नै या पुरोहिती हराई हमेश।। 159********* माणस का धरम धरम के सै माणस का मनै कोण बताइयो नै। माणस मारो लिख्या कड़ै मनै कोए दिखादयो नै।। 1 माणस तै मत प्यार करो कौणसा धर्म सिखावै सरेआम बलात्कार करो कौणसा धर्म सिखावै तम दारू का ब्यौपार करो कौणसा धरम सिखावै रोजाना नर संहार करो कौणसा धर्म सिखावै धरम क्यों खून के प्यासे मनै कोण समझादयो नै।। 2 र्इसा राम और अल्लाह जिब एक बताये सारे रै इनके चाहवण आले बन्दे क्यूं खार कसूती खारे रै क्यों एक दूजे नै मारण नै एके जी हाथां ठारे रै अमीर देस हथियार बेच कै खूबै मौज उड़ारे रै बैर करो मारो काटो लिखै वो ग्रंथ भुलादयो।। 3 मानवता का तत कहैं सब धरमां की जड़ मैं सै प्रेम कुदरत का सारा सब धरमां की लड़ मैं सै कदे कदीमी प्रेम का रिस्ता माणस की पकड़ मैं सै कटटरवाद नै घेर लिया यो धरम जकड़ मैं सै लोगां तै अरदास मेरी क्यूकरै इनै छटवादयो नै।। 4 यो जहर तत्ववाद का सब धरमां मैं फैला दिया कटटरवाद घोल प्याली मैं सब तांहि पिला दिया स्कीम बणा दंगे करे इन्सान खड़या जला दिया बड़ मानवता का आज सब धर्मां नै हिला दिया रणबीर रोवै खड़या इनै चुप करवादयो नै।। 160*********** महंगाई बढ़ती जावै रोजाना मुश्किल हुया गुजारा हे।। अम्बानी गेल खड़ी सरकार ध्यान कति नहीं म्हारा हे।। 1 चीनी लागै घणी कड़वी जिब साठ की किलो आवै टमाटर दिखें सपने के म्हां जिब पचास का भा लावै मुश्किल तैं परिवार खा हो मूंह का स्वाद खारया हे।। 2 किसान खेत मैं मूली मेहनत करकै नै उगावै हे दस रूपये धड़ी मन्डी मैं आढ़ती बोली लगावै हे जिब खरीदां दुकान पै किलो की कीमत बारा हे।। 3 किसान मरै मरै उपभोक्ता बिचौलिया धन कमावै किसा सिस्टम बणा राख्या देखो निठल्ला मौज उड़ावै मेहनत करने आले का क्यूं फूट्या पड़या ढारा हे ।। 4 सिस्टम के छल समझें यो पहला काम जरूरी सै सही समझ बनाये बिना लड़ाई रहवै या अधूरी सै रणबीर नै बिचौलिया डराते फेर भी कलम चलारया हे।। 161********** हमला होग्या हे, मेहनत म्हारी थारी पै, हमला होग्या हे।। सुविधा गरीब नै नहीं अमीर का नम्बर आया हे बीपीएल कार्ड बनाने मैं भी पीसा इसमैं खाया हे गरीबी हटाई कोण्या गरीबां कै धक्का लाया हे भ्रष्ट अफसर नेता पुलिस नै यो गठजोड़ बनाया हे पगला होग्या हे, पगला होग्या हे सरकारी प्रशासन जमा पगला होग्या हे।। 2 साइकिल अमीर होग्या कार नै गरीब बतावैं हे मजाक करते म्हारी गेल्याँ बिल्कुल ना शर्मावैं हे मेहनत म्हारी पै ऐश करैं हमनै ए आंख दिखावैं हे जात पात पै लड़वाकै नै अन्यायी फायदा ठावैं हे सवाल ढाल ढाल के मेहनतकश ऊपर ये ल्यावैं हे कंगला होग्या हे, कंगला होग्या हे म्हारे नाम का भारत कंगला होग्या हे, कंगला होग्या हे।। 3 झूठे भरोसे देवैं हमनै दोषी को देते दंड कोण्या कारपोरेट की बात मानते यो आगै चालै फंड कोण्या आज बतावां सारी मिलकै ओटां थारा घमण्ड कोण्या म्हारी गेल्याँ मजाक अम्बानी हमनै पसन्द कोण्या झुगला होग्या हे , झुगला होग्या हे यो बीपीएल का कुड़ता म्हारा झुगला होग्या हे, झुगला होग्या हे, झुगला होग्या हे।। 4 संगठन मजबूत बनाकै हम लंबी लडाँ लड़ाई हे पढण का हक सै म्हारा चाहवैं बढ़िया पढ़ाई हे बीपीएल एक मसला सै रोकांगे पूरी तबाही हे रणबीर सिंह तो लिख जाणै गावण मैं हो कठिनाई हे मसला होग्या हे, मसला होग्या हे म्हारा जीन मरण का मसला होग्या हे , मसला होग्या हे।। 162********** पिचानवै और पांच की दुनिया मैं छिड़ी लड़ाई हे ॥ पांच नै प्रपंच रच कै पिचानवै की गेंद बनाई हे॥ 1 पांच की ज़ात मुनाफा मुनाफा उनका सै भगवान मुनाफे की खातर मचाया पूरी दुनिया मैं घमासान मुनाफा छिपाने खातर प्रपंच रचे सैं बे उनमान हथियार किस्मत का ले धराशायी करया इंसान पिचानवै रोवै किस्मत नै पांच की देखो चतुराई हे ॥ पांच नै प्रपंच रच कै पिचानवै की गेंद बनाई हे॥ 2 पूरे संसार के माँ पांच की कटपुतली सरकार फ़ौज इनके इसारे पर संघर्षों पर करती वार कोर्ट कचहरी बताये दुनिया मैं इनके ताबेदार इनकी रोजाना बढ़ती जा मंदी मै भी लूट की मार कितै ज़ात कितै धर्म पै पिचानवै की फूट बढ़ाई हे॥ पांच नै प्रपंच रच कै पिचानवै की गेंद बनाई हे॥ 3 सारा तंत्र पांच खातर पिचानवै नै लूट रहया हे कमाई पिचानवै की [पर पांच ऐश कूट रहया हे पिचानवै बंटया न्यारा न्यारा पी सबर का घूँट रहया हे गेर कै फूट पिचानवै मैं पांच खागड़ छूट रहया हे आपस मैं सिर फुडावां सम्मान इज्जत गंवाई हे ॥ पांच नै प्रपंच रच कै पिचानवै की गेंद बनाई हे॥ 4 जब पिचानवै कठ्ठा होकै घाळ अपनी घालैगा भाई भ्र्ष्टाचारी पांच का शासन ऊपर तक हालैगा भाई ठारा कै बाँटै एक आवै ना कोए अश्त्र चालैगा भाई नया सिस्टम खड्या हो इंसानियत नै पालैगा भाई कहै रणबीर दीखै ना और कोए मुक्ति की राही हे ॥ पांच नै प्रपंच रच कै पिचानवै की गेंद बनाई हे॥ 13********* काले कानून किसान विरोधी कानून ये देखियो खाल तारैंगे म्हारी हे।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलावां भारी हे।। 1 उनके बालक भूखे मरते जिणनै खेत खूबै कमाये बिना दूध सीत रहवैं सैं जिणनै डांगर खूब चराये सिरकी घाल करैं गुजारा जिणनै ताज महल बनाये तन पै उनके लत्ता ना जिणनै कपड़े के मील चलाये भगवान भी आँधा कर दिया ना दिखता भ्रष्टाचारी हे।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलावाँ भारी हे।। 2 जितना करड़ा काम म्हारा नहीं सम्मान उतना मिलता दस नम्बरी मानस जितने उनका हुक्म देख्या पिलता नकली फूल सजावैं देखो यो क्यों ना असली खिलता कहैं उसके बिना आड़ै यो पत्ता तक बी नहीं हिलता सबके ऊपर उसका खयाल नहीं फेर किसा न्याकारी हे।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलावां भारी हे।। 3 डांगर की कद्र फालतू माणस बेक़दरा संसार मैं छोरे की कद्र घणी सै छोरी धन पराया परिवार मैं किसे किसे जुल्म होण लागरे छपते रोज अखबार मैं माणस खानी म्हारी व्यवस्था लादे बोली बाजार मैं कति छांट कै इसनै चलवाई महिला भ्रूण पै कटारी हे।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलावां भारी हे।। 4 इस व्यवस्था मैं मुट्ठी भर तै हो घणे माला माल रहे अम्बानी हर नै जाल पूरया चला ये अपनी ढाल रहे सोच समझ कै बढियो आगै माफिया कसूते पाल रहे फौज और पुलिस नै बणा रणबीर ये अपनी ढाल रहे सही सोच कै संघर्ष नै हिंदुस्तानी किसानी चलारी हे।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलावां भारी हे।। 164********* मोदी नै म्हारे देश कै बट्टा लाया थारे मोदी नै। काले धन पर बहकाया थारे मोदी नै। 1 बाड़ खेत नै खागी नल दमयंती नै सुनते रहे नींद आई रूखाले नै ये पापी जाल बुनते रहे नफरत का माहौल बनाया थारे मोदी नै।। काले धन पर बहकाया थारे मोदी नै। 2 बिना दवाई और पढ़ाई म्हारे बालक रूलगे हे सच की हुई पिटाई झूठ के दरवाजे खुलगे हे कट्टर पन्थ खूब फैलाया थारे मोदी नै। काले धन पर बहकाया थारे मोदी नै।। 3 नैतिकता पै प्रहार करैं जो नैतिकता के रूखाले नंगेपन का प्रचार करैं जो नैतिकता के रूखाले लालच का बाजार बढ़ाया थारे मोदी नै।। काले धन पर बहकाया थारे मोदी नै।। 4 पाखंड का ले सहारा भारत की जनता लड़वाई गऊ की पूंछ पकड़ कै नफरत बहोत सै फैलाई रणबीर कहर घणा ढाया थारे मोदी नै ।। काले धन पर बहकाया थारे मोदी नै।। 165************* बेरोजगार युवक युवती ये दर दर भटकैं हे।। गोली चला एक दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं हे।। 1 धरती बाँटे आवै दो किले होता नहीं गुजारा ब्याह होने हुए मुश्किल हांडे जावै सै कंवारा इसे बख्त मात पिता की सलाह भी खटकैं हे ।। गोली चला एक दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं हे।। 2 खेत मजदूरी कम होगी और काम मिलता ना बुसे बुसे मूंह होगे चेहरा कदे भी खिलता ना हारी बीमारी के कर्जे सालां सिर पै लटकैं हे।। गोली चला एक दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं हे।। 3 सरकारी नौकरी कम होगी या छागी ठेकेदारी मुश्किल होवै सै गुजारा वैश्यावृति की लाचारी दर दर की ठोकर खाणी सुखी रोटी अटकैं हे।। गोली चला एक दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं हे।। 4 किसान फांसी खावैं सैं लुटग्या आज यो कमेरा मुठ्ठी भर मौज करैं सैं म्हारी खातर घोर अँधेरा रणबीर विरोध करां तै जेल मैं लेजा पटकैं हे।। गोली चला एक दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं हे।। 166********** जागी महिला अब हरियाणे की जुल्मो सितम नहीं सहेंगी महिला अब हरियाणे की।। आगे बढ़कर बात करेंगी महिला अब हरियाणे की ।। 1 खेतों में खलिहानों में दिन रात कमाई करती हैं फिर भी दोयम दरजा हम बिना दवाई मरती हैं बैठी बैठी नहीं सहेंगी महिला अब हरियाणे की।। आगे बढ़कर बात करेंगी महिला अब हरियाणे की ।। 2 देवी का दरजा देकर इस देवी को किसने लूटा सदियों से हम गई दबाई समता का दावा झूठा दहेज़ की बलि नहीं चढ़ेंगी महिला अब हरियाणे की ।। आगे बढ़कर बात करेंगी महिला अब हरियाणे की ।। 3 इंसान बन गए हैवान आज होते हैं अत्याचार यहाँ देखो नैया डूब रही अब हम थामेंगी पतवार अबला बनकर नहीं मरेंगी महिला अब हरियाणे की।। आगे बढ़कर बात करेंगी महिला अब हरियाणे की ।। 4 आगे बढे ये कदम हमारे पीछे ना हटने पायेंगे जो मन धार लिया हमने अब करके वही दिखाएंगे रणबीर सारी बात लहेंगी महिला अब हरियाणे की।। आगे बढ़कर बात करेंगी महिला अब हरियाणे की ।। 167********** त्याग तपस्या जनसेवा हरेक धर्म का सार बताया रै।। कण कण मैं बसै रामजी किसनै पत्थर पूजवाया रै।। 1 कौनसे धर्म मैं लिख दिया दूजे धर्म तैं लोगो घृणा करो अपने नै महान बताओ दूजे धर्म के ऊपर नाम धरो उसको ढूंढ़ो अपने अंदर मुक्ति का यो राह दिखाया रै।। 2 समाज सुधरै जीवन सुधरै है धर्मों का अंजाम यही फेर क्यों मारकाट धर्मों पै कबीर नै दी पैगाम यही सूफी संतों नै अंधभक्तों को यो रास्ता सही समझाया रै।। 3 प्यार से सब रहते आये हैं गंगा जमुनी संस्कृति म्हारी अंग्रेजों नै बांटो राज करो करी सोच समझ कै त्यारी धार्मिक कट्टरता नै मानस दुनिया का आज कँपाया रै।। 4 धार्मिकता के सिद्धान्त सारे धर्मों के कुछ लोग भूले एक दूजे तैं नफरत करो की मारा मारी मैं क्यों झूले धर्म व्यक्तिगत मसला सै पां क्यों राजनीति मैं फंसाया रै।। 5 इंसान पैदा हुया फेर सहज सहज जीवणा सिख्या आग वायु देवता बनाये जब राह कोए नहिं दिख्या कुदरत का खेल यो सारा धर्मां नै अपना खेल रचाया रै।। 6 धर्मान्धता और रूढ़िवाद नै कब्जा आज जमा लिया सहज सहज इसे करकै कुलदीप नास्तिक बना दिया साम्प्रदायिक दंगो मैं जो मरे उनका ना हिसाब लगाया रै।। 168********** रेगुलर नौकरी पाना कोन्या कति आसान बताऊँ मैं || सी ऍम ऍम पी सब धोरै पाँच साल तैं धक्के खाऊँ मैं || 1 पहलम कहवैं थे टेस्ट पास करे पाछै तूं बताईये पास करे पाछै बोले पहले चालीस गये बुलाईये एक विजिट चार सिफरिसी दो हजार तले आऊँ मैं || 2 सरकारी नौकरी रोज तड़कै ढूंढूं सूँ अख़बार मैं दुखी इतना हो लिया सूँ यकिन रहया ना सरकार मैं एजेंट हाँडें बोली लानते कहैं चाल नौकरी दिवाऊं मैं || 3 एम् सी ए कर राखी कहैं डेटा आपरेटर लवा देवां कदे कहैं नायब तसीलदार ल्या तनै बना देवां तिरूँ डूबूं मेरा जी होरया सै पी दारू रात बिताऊँ मैं || 4 घर आली पी एच डी करै उसकी फिकर न्यारी मने दोनूं बेरोजगार रहे तो के बनेगी या चिंता खारी मने रणबीर बरोने आले तनै सुनले दुखड़ा सुनाऊँ मैं || 169******* इब छोरा झंडा गाडैगा दूजे देश के महं जा कै नै कंपनी भेजै सै उसनै वो घर भर देगा कमा कै नै 1 रिसाल कौर नयों बोली भारत मैं ए खा कमा ल्यांगे कदे जाकै ना उल्टा आवै थोड़े मैं काम चला ल्यांगे छोरा आंख बदलग्या तो मैं मर ज्याँ फांसी खा कै नै || 2 छोरी बयाह दी थयादी इब छोरे की बारी आई बेरा ना के के सोच्या सै इब उल्गी साँस ले पाई मेम साहब ले आया तो फेर देखिये एडी ठा कै नै || इतना डर क्यूं मानै यो उसकी जिन्दगी का सवाल पुराने ज़माने बादल गये इब आगे नए नए ख्याल इमोशनल होयें ना काम चलै चालां दिल समझा कै नै || संस्कारी छोरा सै म्हारा तूं जमा बी घबरावै मतना पश्चिमी हवा ना लागन दे तूं रोड़े अटका वै मतना कहै रणबीर बखत बदलगे कदे देखां मुंह बा कै नै || 170********** दुनिया की के हालत होगी बाजार चौगरदें छाया।। भैंस बंधी घर घर मैं फिर दूध ढोलां के म्हं पाया।। 1 खेत खलिहान की साथ आज भैंसों के लागे लारे रै टोहे बी नहीं पांते घी के किसे घर मैं आज बारे रै थोड़ा साँस आया करता आज घूटन मानगे सारे रै महिलावां कै अनीमिया नै हटकै नै डंक मारे रै बाजरे की खिचड़ी गौजी का आज जोड़ा तोड़ बगाया।। 2 पहले भाईचारा था छोरे बहू लेन आया करते जिब रोटी जिम्मन बैठें थे खांड बूरा खाया करते पड़ौसी दूध के बखौरे बटेऊ ताहिं ल्याया करते दूजे के बटेऊ नै पड़ौसी आंख्यां पै बिठाया करते बैठे रहैं फूंक बुढ़िया सी अपना ए बटेऊ ना भाया।। 3 आबो हवा मैं जहर घुल्या कीटनाशक छागे भाई युवा के नर्वस सिस्टम पै छींटा गुस्से का लागे भाई पेट नै पकड़ हांडे जाओ डॉक्टर हाथ ठागे भाई म्हारी कष्ट कमाई नै देखो दिल्ली आले खागे भाई टैस्ट होज्याँ मैडीकल मैं नहीं किसे नै कष्ट उठाया।। भैंस बंधी घर घर मैं फिर दूध ढोलां के म्हं पाया।। 4 किलो दूध मिलै पचास का उसमैं आधा पानी पावै महंगाई का औड़ रहया ना मानस के खा के ना खावै कुपोषण बालकों मैं आज दिन दिन बढ़ता जावै बाजार व्यवस्था दोषी सै पर दोष कोए नहीं लावै राम की इच्छा कैहकै रणबीर म्हारा मोर नचाया।। भैंस बंधी घर घर मैं फिर दूध ढोलां के म्हं पाया।। 171*********** दीवाली कितै मनै दीवाली चौखी कितै लिकड़या दीखै दिवाला ।। कुछ घर मैं हुया चांदना, घणे घरों मैं हुया अँधेरा काला ।। 1 बनवास काट वापिस आये जिब दीवाली मनाई जावै अच्छाई पिटे चारों कान्ही आज बुराई बढ़ती आवै इसे माहौल मैं दीवाली कोये माणस कैसे आज मनावै राम की नगरी मैं किसान यो लाम्बा आंदोलन चलावै म्हारी बदरंगी दुनिया का यो कोण्या पाया राम रुखाला ।। कुछ घर मैं हुया चांदना, घणे घरों मैं हुया अँधेरा काला ।। 2 क्युकर खील पतासे मैं ल्याऊं, घर मैं मुस्से कुला करैं मेहनत करकै रोटी खावाँ सां , श्याम सबेरी दुआ करैं फेर बी उनकी चांदी होरी सै दिन रात जो बुरा करैं हमनै या दुनिया रचाई , हमतें रामजी क्यों गिला करैं राम कै तौ मिटादे अँधेरा , नातै होगा दुनिया मैं चाला ।। कुछ घर मैं हुया चांदना, घणे घरों मैं हुया अँधेरा काला ।। 3 राम राज मैं बढै गरीबी या बात समझ मैं आई कोण्या इसा के चाला हुया बता, ख्याल मैं म्हारी पढ़ाई कोण्या थारे राज मैं हमनै रामजी मिलती आज दवाई कोण्या क्यों थारे राज मैं सुरक्षित आज ये लोग लुगाई कोण्या दुनिया का मालिक बणन का करदे राम जी इब टाला ।। कुछ घर मैं हुया चांदना, घणे घरों मैं हुया अँधेरा काला ।। 4 बता क्यूकर दीवाली मनावैं, रास्ता मनै बता दे तूं समता होज्या दुनिया मैं इसा , रास्ता मनै दिखा दे तूं औरत नै इन्सान समझां म्हारा हरियाणा इसा बनादे तूं तेरे बस का ना यो करना तै म्हारे जिम्मै लगादे तूं लोगां का भरोसा उठता जावै , कहै रणबीर बरोने आला ।। कुछ घर मैं हुया चांदना, घणे घरों मैं हुया अँधेरा काला ।। 172************ अहिल्या बाई को जीवन के कदम कदम पर दिक्कतें आई उसने सती होने से इनकार किया। पर्दा कभी नहीं किया और देश सेवा बतौर रानी के उसने की । एक गीत के माध्यम से-- अहिल्या नै सती प्रथा का विरोध किया नई राह दिखाई हे। विधवा हुई पर जमा नहीं किसे मौके ऊपर घबराई हे। 1 पक्का इरादा सही सोच तैं रूढ़िवादी बात ललकारी थी आत्मबल के दम के ऊपर ये मुसीबत झेली सारी थी या पिछड़ी समाज मारी थी फिर भी आवाज उठाई हे। विधवा हुई पर जमा नहीं किसे मौके ऊपर घबराई हे। 2 ढाई सौ साल पहलम सती विरोध का झंडा ठाया था सती होंण तैं इनकार किया समाज घणा छटपटाया था नहीं पाछै कदम हटाया था नई मिशाल बनाई हे। विधवा हुई पर जमा नहीं किसे मौके ऊपर घबराई हे। 3 एक औरत की छवि मैं जमकै विश्वास भरया बेबे झूठी मर्यादा का दिखावा सिर तैं उसनै तार धर्या5 बेबे झुकना ना स्वीकार करया बेबे लाम्बी लड़ी लड़ाई हे। विधवा हुई पर जमा नहीं किसे मौके ऊपर घबराई हे। 4 रणबीर या कथा निराली सारे सुनो ध्यान लगाकै घणे तान्ने सहे उसनै जो मारे समाज नै पिनाकै सही राह पै कदम बढ़ा कै या चाली अहिल्या बाई हे। विधवा हुई पर जमा नहीं किसे मौके ऊपर घबराई हे। 173********** दशहरा 2016 अच्छाई की जीत बुराई पै दशहरा जावै सै मनाया।। रावण हराया रामजी नै यो ज्यां जावै आज जलाया।। 1 या तो राम रावण की सै कदे महाकथा लिखी बताई तुलसीदास नै एक लिखी दूजी बाल्मीकि जी नै बनाई बात एक जिसी उनमैं कुछ फर्क बी उनमैं सै पाया।1। 2 आज के राम रावण पर हम विचार नहीं करते म्हारी कमाई लूटकै कौन आज के रावण घर भरते अडानी अम्बानी जुड़वां रावण पूरा देश लूटकै खाया।2। 3 इनतै बड्डा आज का रावण यो अमेरिका बताऊँ मैं पूरी दुनिया डरा राखी इसकी फ़ौज जुल्मी दिखाऊँ मैं झूठे इल्जाम लगा कै नै करकै हमला इराक खिंडाया।3। 4 आज के रावण कैसे जलावां इसपै बैठ विचार करांगे राम रावण मैं फर्क का पूरा यो खाका पूरा तैयार करांगे कहै रणबीर बरोने आला यो छंद तोड़ का बनाया ।4। 174********** आंगनबाड़ी वर्कर *आंगनबाड़ी में काम करूं अपनी बीती बताऊं बेबे ।।* *काम घणा करणा होवै सै तनख्वाह नाम की पाऊं बेबे ।।* 1 मां और बच्चों की सेवा का केंद्र आंगनबाड़ी बताया भूख कुपोषण तैं निपटने का यो ग्रामीण केंद्र बणाया उन्नीस सौ पिचासी मैं यो सरकार नै प्रोग्राम चलाया आंगन आश्रय भी कहदें सैं पूरे हिंदुस्तान के मैं फैलाया *सार्वजनिक स्वास्थ्य का ढांचा बुनियादी कहाऊँ बेबे।।* काम घणा करणा होवै सै तनख्वाह नाम की पाऊं बेबे ।। 2 गांव की महिलाओं ने गर्भ निरोध का परामर्श देती गर्भनिरोधक सप्लाई करण की जिम्मेदारी भी मैं लेती सेफ पीरियड का बेरा ना जानती बैठकै नै मेरे सेती कइयों की सुनकै व्यथा कई बै आंख भी मैं भेती *जी करड़ा करकै नै उन ताहिं बात सारी समझाऊं बेबे।।* काम घणा करणा होवै सै तनख्वाह नाम की पाऊं बेबे ।। 3 और कामा की गेल्याँ यो पोषण शिक्षा काम मेरा खून की कमी कइयां मैं चालती हाण आवै अंधेरा खाने पीने मैं के खाणा हो कईयाँ नहीं इसका बेरा बालक कुपोषित मां का भी पीला पड़ता आवै चेहरा *के के खाना पीना चाहिए कई कई घंटे मैं लाऊं बेबे ।।* काम घणा करणा होवै सै तनख्वाह नाम की पाऊं बेबे ।। 4 सतरां रजिस्टर सम्भालती या बात जरै कौन्या थारै बुनियादी दवाई भी देनी कई काम ये जिम्मे म्हारै टीकाकरण की जिम्मेवारी घर घर घूमना होज्या सारै छोटे बालकां नै पढ़ाऊँ कामां का यो बोझ मनै मारै *रणबीर और बी दुख घणे किसनै जाकै बताऊं बेबे।।* काम घणा करणा होवै सै तनख्वाह नाम की पाऊं बेबे ।। 175*********** संघर्ष भारी *सोच सोच कै हार गया आज क्यों बढ़गे ये बलात्कारी।।* *पहले भी हुआ करैं थे नहीं मुंह खोल्या करती नारी।।* 1 भोग की वस्तु हो सै नारी ग्रन्थ हमारे खूब पुकारे मर्द के दिमाग मैं विचार ये सैं सदियों पुराने छाहरे *ईब मुंह खोलन लागी करतूत थारी साहमी आरी ।।* 2 पूरे समाज मैं खतरा होग्य़ा कोए बी महफूज नहीं काले धन की लीला छागी *सच्चाई की बची गूँज नहीं* *नंगेपन और हवस की अपसंस्कृति बढ़ती जारी ।।* 3 गरीब दलित आदिवाशी घने दिनों तैं यो झेल रहे ये शरीफ सभ्य समाज के बना महिला का खेल रहे *दो मिनट मैं ठीक नहीं होवेगी सदियों की चली बीमारी ।।* 4 कई स्तर पर रणबीर मिलकै पूरा हांगा लाना होगा न्यारे न्यारे बाजे छोड़ कै साझला बाजा बजाना होगा *आज नया नव जागरण विचार संघर्ष मांगे भारी ।।* 176******** दो बोल गरीब अमीर का मेल नहीं ,बकरी शेर का खेल नहीं सही कातल नै जेल नहीं , बीर मरद की रखैल नहीं जी छोड़े अमर बेल नहीं ,या दुनिया कहती आई || बिना शिक्षा के ज्ञान नहीं , बिना ज्ञान हो सम्मान नहीं तोह्वां हम असल सच्चाई , जो सबकै साहमी आई कमेरे की हो ख़ाल तराई , जाने सरतो और भरपाई या बात गयी अजमाई , ना मने झूठ भकाई || बिना मणि के नाग नहीं , बिना माली के बाग़ नहीं लूटेरे बिना हो ना लूट , और कोए ना बोवै फूट सबर का यो प्यावें घूँट , नयों हमनै खावें चूट अमीर फेर दिखावें बूट , कदे समझ ना पाई || बिना सुर के राग नहीं, बिना घर्षण के आग नहीं दफ़न सभी फरयाद हुई, घनी लीलो चमन बर्बाद हुई कबूल नहीं फरयाद हुई , मेहनत सारी खाद हुई कमजोर म्हारी याद हुई , नयों या नौबत ठाई || ना बिन पदार्थ कुछ साकार , ना बिन तत्व गुणों का सार ये नीति इसी चाल रहे , बिछा हम पर जाल रहे बिकवा घर का माल रहे , सब ढालां कर काल रहे गलूरे बना ये लाल रहे, रणबीर की श्यामत आई || ranbir- 1989 177********* धन्ना सेठों और हिंदुत्व की दुग्गी देश मैं छाई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 1 बहु विविधता भाईचारे पै खतरा खूब बढ़ाया संसद भारत देश की इसका मखौल उड़ाया तर्क सत्य विवेक म्हारा भीड़ नै पढण बिठाया गौरक्षा के नाम ऊपर उधम घणा सै मचाया देश मैं अन्धविश्वसां की बाढ़ कसूती आई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 2 बेरोजगारी पै चुप्पी साधी नहीं चिंता किसानी की जात धर्म पै बाँटे घृणा बढ़ाई बेउँमानी की इलाज म्हारे की चिंता ना घणी चिंता अडाणी की शिक्षा का भट्ठा बिठाया चांदी होरी आज अज्ञानी की असली मुद्दे घुमा दिए रूलती हांडे भरपाई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 3 फासीवाद का हमला आग्या यो मनै तनै सालैगा ज्यूकर पूंजीपति कहैगा हुक्म उसका पालैगा जात धर्म पै लड़वाकै नै म्हारे पै जाल घालैगा संविधान पाड़ बगाया जा हुक्म राजा का चालैगा या काट फासीवाद की जनता का मोर्चा बताई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 4 छोड़ बाँट जात पात पै एक मंच पै आणा होगा नबै दस की लड़ाई का नारा मिलकै लाणा होगा पूंजीपति देशी बदेशी को सबक सिखाना होगा सबनै इंक़लाब जिंदाबाद मिलकै गाणा होगा कहै रणबीर समझो म्हारी असल लड़ाई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 178*********** 2008 की रचना आज और प्रासंगिक हो गयी लगती है जाल अमरीका का अमरीका तनै जाल बिछाया , हिंसा नशा नंगापन फैलाया, हरेक देश दबाना चाहया, तेरी चाल समझ मैं आई सै। 1 फीम सुल्फा चरस बिकादी , हथियारों की होड़ बढ़ादी , तेरे तै होंगे सही पौ बारा , यो नौजवान फंसग्या म्हारा म्हारी तबियत होगी खारया ,करी खूब काली कमाई सै। 2 उदारीकरण के नारे लगाए , शिकंजे मैं कई देश फंसाये तूफ़ान अश्लीलता का ल्याया , गाभरू कै खून मुँह लगाया चैनल पै चैनल चलवाया , आतंकवाद कसूत फैलाई सै । 3 पोर्न फिल्मों की बाढ़ सी ल्यादी , काली कमाई इसमें भी लादी हिंसा नै रिकार्ड तोड़ दिये , म्हारे छोरा छोरी मरोड़ दिए ये हिंसा के घोड़े खुल्ले छोड़ दिए , सोच समझ चाल चलायी सै । 4 एक हाथ तैं लूटै हमनै देखो , दूजे हाथ तैं चूमै हमनै देखो म्हारा धयान हटावै सच्चाई तैं , ऐश करता म्हारी कमाई पै रणबीर सिंह की कविताई पै ,उम्मीद जनता नै लाई सै । 179************ विश्व बैंक विश्व बैंक हमारा रक्षक हमने रक्षक माना इसको। निकला यह पूरा ही भक्षक अनुभव से जाना इसको। गरीबी और बेकारी सबके खत्म होने की आस उठी मगर पन्दरा साल के भीतर जवान बेटे की लाश उठी विश्वबैंक के कान हों तो गरीब की व्यथा सुनाना इसको। शिक्षा जगत में गुणवत्ता का इसने ही प्रचार किया जैसी शिक्षा थी अपनी उस पर जमकर प्रहार किया महंगी शिक्षा गुणवत्ता नहीं इतना तो बताना इसको। स्वस्थ जगत का रंग बदला बड़े अस्पताल ले आए मेरे जैसे गरीब गुरबा तो इनके अंदर नहीं घुस पाए अपोलो फोर्टिस की कल्चर ये जरा समझाना इसको। बहुराष्ट्रीय कंपनियों का यह रक्षक असल में पाया मुखौटा हमारी मदद का रंग रंगीला इसने लगाया रणबीर का पैन खोसने का ना मिला बहाना इसको। 180********** आत्म सम्मान आत्म सम्मान बेच देश का धनवान बने हांडैं सैं। पाखण्ड रचा कै दिन धौली भगवान बने हांडैं सैं।। 1 लच्छेदार भाषण देकै जनता बेकूफ बनाई किसनै हमनै लूटैं कामचोर बतावैं या प्रथा चलाई किसनै खूनी भेड़िया इस समाज मैं इन्सान बने हांडैं सैं।। पाखण्ड रचा कै दिन धौली भगवान बने हांडैं सैं।। 2 बालक इनके बिगड़लिये सब अवगुण पाल रहे रै सट्टा बाजारी चोरी जारी चाल कसूती चाल रहे रै पशु भावना के शिकार ये नौजवान बने हांडैं सैं।। पाखण्ड रचा कै दिन धौली भगवान बने हांडैं सैं।। 3 इन्सानियत सारी भूल गये पीस्सा ईष्ट भगवान हुया सारे परिवार खिंड मिंड होगे रोब्बट यो इन्सान हुया समाज की ये बढ़ा कै पीड़ा दयावान बने हांडैं सैं।। पाखण्ड रचा कै दिन धौली भगवान बने हांडैं सैं।। 4 परम्परा के घेरे में पहल्यां घर मैं बोच दबाई किसनै आधुनिकता के नाम पै या बाजार ल्या बिठाई किसनै रणबीर महिला चीज बनाई खुद दलाल बने हांडैं सैं।। पाखण्ड रचा कै दिन धौली भगवान बने हांडैं सैं।। 181************ शोषण हमारा बदेशी कम्पनी आगी, हमनै चूट-चूट कै खागी अमीर हुए घणे अमीर, यो मेरा अनुमान सै।। हमनै पूरे दरवाजे खोल दिये,बदेशियां नै हमले बोल दिये ये टाटा बिड़ला साथ मैं रलगे, उनकै घी के दीवे बलगे बिगड़ी म्हारी तसबीर, या संकट मैं ज्यान सै।। पहली चोट मारी रूजगार कै, हवालै कर दिये बाजार कै गुजरात मैं आग लवाई क्यों, मासूम जनता या जलाई क्यों गई कड़ै तेरी जमीन, घणा मच्या घमसान सै।। म्हारी खेती बरबाद करदी, धरती सीलिंग तै आजाद करदी किसे नै ख्याल ना दवाई का, भट्ठा बिठा दिया पढ़ाई का घाली गुरबत की जंजीर, या महिला परेशान सै।। सल्फाश की गोली सत्यानासी, हरदूजे घर मैं ल्यादे उदासी आठ सौबीस छोरी छोरा हजार,बढ़या हरियाणे मैं अत्याचार लिखै साची सै रणबीर, नहीं झूठा बखान सै।। 182************* जो रुकै नहीं, जो झुकै नहीं ,जो दबै नहीं, जो मिटै नहीं हम वो इंकलाब रै, जुल्म का जवाब रै।। हर शहीद का, हर रकीब का,हर गरीब का, हर मुरीद का हम बनैं ख्वाब रै, हम खुली किताब रै लड़ते हम इसके लिए प्यार जग मैं जी सकै आदमी का खून कोय शैतान नहीं पी सकै मालिक मजूर के,बड़े हजूर के,रिश्ते गरूर के,जलवे शरूर के ईब छोडै नवाब रै,शरूर और शराब रै।। हम मानैं नहीं हुक्म जुल्मी हुक्मरान का युद्ध छिड़ लिया आज आदमी शैतान का सच की ढाल , ले कै मशाल,हों ऊंचे ख्याल, करैं कमाल खिलै लाल गुलाब रै,सीधा हो जनाब रै।। मानते नहीं हम फर्क हिन्दू मुस्लमान का जानते हम तो रिश्ता इंसान से इंसान का जो टूटै नहीं, जो छूटे नहीं, जो रुठै नहीं,जो चूकै नहीं ना चाहवै ख़िताब रै, बरोबर का हिसाब रै।। भोर की आँख फेर नहीं डबडबायी होंगी कैद महलां मैं नहीं म्हारी कष्ट कमाई होंगी जो छलै नहीं, जो गलै नहीं , जो जलै नहीं,जो ढलै नहीं रणबीर की आब रै, नहीं मानैगी दाब रै।। 183************* ओले हाथ नै सौले का भरोसा नहीं रहया बताया रै के होग्या म्हारे समाज कै अंधविश्वास सारै छाया रै 1 बाहण की इज्जत नै भाई समाज के मैं लूट रहया गुंडा लेकै रिवाल्वर पूरे गाम मैं खुल्ला छूट रहया गाम पी खून का घूंट रहया बदमाशों नै डराया रै।। के होग्या म्हारे समाज कै------ 2 शहरां तैं आज गाम घणे असुरक्षित होंते आवैं सैं वंचित तबके गामां मैं मुश्किल तैं रात बितावैं सैं गुंडे छोरी ठा लेज्यावैं सैं रिवाल्वर का भय बिठाया रै।। के होग्या म्हारे समाज कै--------- 3 जो बोलैं उणनै पीटैं झूठे उनपै इल्जाम लवादें सैं स्कूल जान्ती छोरी घबरावैं उड़ै जावणा छटवादें सैं काबू ना आवै तो मरवादें सैं यो किसा जमाना आया रै।। के होग्या म्हारे समाज कै--------- 4 चुप्पी साधें ना पार पड़ै हमनै आवाज उठानी होगी गुंडागर्दी पै सबनै मिलकै आज लगाम लगानी होगी रणबीर कलम चलानी होगी ज्यां यो छंद सै बनाया रै।। के होग्या म्हारे समाज कै--------- 184*********** हिमा दास ने 20 दिन में 6 गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रच दिया। हिमा दास नै छह गोल्ड मेडल जीतकै करकै कमाल दिखाया ।। दो सौ मीटर मैं पांच कम्पीटीसनों मैं उसनै पहला नंबर पाया।। 1 आसाम की रहने आली हिमा नै अपना घरबार छोड़ना पड़या घरवालों नै घर छोडन पै कर दिया पूरा एकबै बबाल खड़या कोच नै समझ कै सारा मामला हाथ पैर जोड़ कै मनाया।। दो सौ मीटर मैं पांच कम्पीटीसनों मैं उसनै पहला नंबर पाया।। 2 हिमा दास करकै दौड़ रोजाना सहज सहज बढ़ी आगै निपोन कोच नै कई गुर सिखाए उसतै ज्यांतैं कढ़ी आगै गरीब परिवार की बेटी हिमा दास नै पसीना खूब बहाया।। दो सौ मीटर मैं पांच कम्पीटीसनों मैं उसनै पहला नंबर पाया।। 3 बीस दिन मैं छटा गोल्ड जीत लिया मचाया रूक्का सारै सारे एशिया मैं चर्चा होगी उसकी सुन दिल खिलगे म्हारे हिमा दास नै इतिहास रच दिया देखो देश का मान बढ़ाया।। दो सौ मीटर मैं पांच कम्पीटीसनों मैं उसनै पहला नंबर पाया।। 4 जितना सम्मान चाहिए मिलना हिमा नै कहते मिल्या कोण्या सरकार का खजाना पूरे दिल तैं उसपै कहते खुल्या कोण्या कहै रणबीर सिंह शाबाश हिमा दास दिल लाकै छंद बनाया।। दो सौ मीटर मैं पांच कम्पीटीसनों मैं उसनै पहला नंबर पाया।। 185********** अमेरिका नचा रहा है और आगे और नचाएगा। क्या बताया भला------------ अमरीका का खेल आज भारत क्यों खेल रहया।। आत्मनिर्भरता का नारा यो कष्ट क्यों झेल रहया ।। 1 ड्रोन विमान खरीदण नै अमरीका का दौरा करया एफ सोलां भारत मैं बणै उसनै यो एजेंडा धरया जूनियर सैन्य पार्टनर कहै हमनै वो धकेल रहया।। अमरीका का खेल आज भारत क्यों खेल रहया।। 2 म्हारी सरकार खुशी तैं पुगावै अमरीका के फरमान अमरीका बनकै तानाशाह करता देशों का अपमान सेना के खुफिया तंत्र मैं अपने एजेंट धकेल रहया।। अमरीका का खेल आज भारत क्यों खेल रहया।। 3 अमरीका चाहवै सैन्य रिश्ते अपनी ढाल के भाई गोड्डे टिकवाकै मानैगा वो चलावैगा अपणी राही अपणे हथियार बेचण नै घाल म्हारै नकेल रहया।। अमरीका का खेल आज भारत क्यों खेल रहया।। 4 विश्व शांति के पैमाने हथियार विक्रेता बतावै रै अपणी कीमत पै बेचकै घणी लूट यो मचावै रै कहै रणबीर अमरीका म्हारे रक्षा तंत्र नै ठेल रहया।। अमरीका का खेल आज भारत क्यों खेल रहया।। 186************ पी वी सिंधु का मैडल पक्का मार दिया इसनै आज छक्का ओकिहारा को दिया धक्का थोड़ा सा दिल नै थाम लियो ।। बैंडमिंटन मैं रियो मैं खेल दिखाया देखो फाइनल मैं पहोंच कै मान बढ़ाया देखो मीडिया न्यों अंदाज लगावै मैडल पक्का जरूर बतावै यो देश थारी तरफ लखावै सिंधु लगा जोर तमाम दियो ।। जापान की लड़की हरा अपने पैर जमाये स्पेनी लड़की गेल्याँ पेचे फाइनल मैं बताये राष्ट्रपति म्हारे नै दी सै बधाई प्रधानमन्त्री नै करी सै बड़ाई परिवार नै खूब खुशी मनाई काल थकन का मत नाम लियो ।। रात नै सोईये सिंधु थकान बी तार लिए काल कौनसे गुर लाने कर विचार लिए पूरे दम खम तैं खेलिए सिंधु वार स्पेन की के झेलिये सिंधु नम्बर तो फालतू लेलिए सिंधु जितना हार का ना नाम लियो ।। गोल्ड मैडल पै तूँ ध्यान राखिये पूरा हे एक गोल्ड देश ले ख्याल राखिये पूरा हे म्हारे देश की छोरी छारी सैं रणबीर खूब जोर लगारी सैं बेशक पेट मैं चलैं कटारी सैं बुलंद कर देश का नाम दियो ।। 187************ पन्दरा अगस्त आजादी का दिन --एक लेखा जोखा कितने गये काला पानी कितने शहीद फांसी टूटे रै।। पाड़ बगा दिए गोरयां के गढ़ रे थे जो देश मैं खूंटे रै ।। 1 पहली आजादी की जंग थारा सो सतावन मैं लड़ी थी बंगाल आर्मी करी बगावत जनता भी साथ भिड़ी थी ठारा सौ सतावन के मैं जान क्रांति के बम्ब फूटे रै ।। 2 भगत सिंह सुख देव राजगुरु फांसी का फंदा चूमे उधम सिंह भेष बदल कै लन्दन की गालाँ मैं घूमे चंदर शेखर आजाद सहमी गोरयां के छक्के छूटे रै।। 3 सुभाष चंदर बोश नै आजाद हिंद फ़ौज बनाई थी महिला विंग खडी करी लक्ष्मी सहगल संग आई थी दो सौ साल राज करगे ये किसान मजदूर लूटे रै ।। 4 गाँधी की गेल्याँ जनता जुडगी हर तरियां साथ दिया चाल खेलगे गोरे फेर बी देश मैं बन्दर बाँट किया बन्दे मातरम अलाह हूँ अकबर ये हून्कारे उठे रै ।। 5 सोच घूमै इब्बी जिसने देख्या खूनी खेल बंटवारे का लाखां घर बर्बाद हुए यो क़त्ल महमूद मुख्त्यारे का दो तिहाई नै आज बी रोटी टुकड़े पानी संग घूंटे रै ।। 6 छियासठ साल मैं करी तरक्की नीचे तक गई नहीं ऊपरै ऊपर गुल्पी आजादी नीचै जावन दई नहीं रणबीर सिंह टोह कै ल्यावै खुये मक्की के भूट्टे रै ।। 37*********** 11अगस्त 2021 को तीज है, इस मौके की एक रागनी लाल चूंदड़ी दामण काला, झूला झूलण चाल पड़ी। कूद मारकै चढ़ी पींग पै देखै सहेली साथ खड़ी।। झोटा लेकै पींग बधाई, हवा मैं चुंदड़ी लाल लहराई उपर जाकै तले नै आई, उठैं दामण की झाल बड़ी।। पींग दूगणी बढ़ती आवै, घूंघट हवा मैं उड़ता जावै झोटे की हिंग बधावै, बाजैं पायां की छैल कड़ी।। मुश्किल तै आई तीज, फुहारां मैं गई चुंदड़ी भीज नई उमंग के बोगी बीज, सुख की देखी आज घड़ी।। रणबीर पिया की आई याद, झूलण मैं आया नहीं स्वाद नहीं किसे नै सुनी फरियाद, आंसूआं की या लगी झड़ी।। 188************ म्हारे प्रदेश हरयाणा नै तरक्की का ढूंह मार दिया।। सौ मैं तैं नबै तो भूखे हांडै दस कसूता सिंगार दिया।। 1 दारू के ठेके गाम गाम मैं रोज तरक्की कररे देखो पिला पिला दारू मिला पाणी अपने घर भररे देखो फ्लाई ओवर खूब बनाये लगा टैक्साँ का अंबार दिया।। सौ मैं तैं नबै तो भूखे हांडै दस कसूता सिंगार दिया।। 2 दोचार जिल्यां मैं दीखै विकास बाकी खड़े लखावैं रै इलाकावाद जात पात के देखो झंडे खूब फहरावैं रै भ्रष्टाचार करै रोज तरक्की ईसा तरीका उभार दिया।। सौ मैं तैं नबै तो भूखे हांडै दस कसूता सिंगार दिया।। 3 तरां तरां की कार घूमती कई तरां के ठेकेदार देखो सारी चीज बिकैं चौड़े मैं यो बनाया इसा बाजार देखो युवा लड़के लड़की सबको बेरोजगारी से सिंगार दिया।। सौ मैं तैं नबै तो भूखे हांडै दस कसूता सिंगार दिया।। 4 एक हाथ तैं कड़ थेपड़ दें दूजे हाथ तैं फंदा डाल रहे विकास की नहीं आज ये विनाश की राही चाल रहे रणबीर जो बोल्या साहमी वो पुचकार कै दुत्कार दिया।। सौ मैं तैं नबै तो भूखे हांडै दस कसूता सिंगार दिया।। 189********** साथियो सुनियो भोर तै कितै खोगी यो हुया घनघोर अंधेरा ।। ढ़बियो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 1 बेरोजगारी बढ़ती जावै जुमलयां का औड़ ना कमेरयो करियो एकता इसका और तौड़ ना बिना एकता जी काढ़ै म्हारा पूंजीपति लुटेरा।। ढ़बियो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 2 लूट म्हारी थारी देश मैं यो बढ़ाता जावै भाई क्युकर खेल रचावै ना म्हारी समझ मैं आई समाज का ताणा बाणा बखेर दिया सै भतेरा।। ढ़बियो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 3 जोर जबरदस्ती रोजाना म्हारी गेल्याँ होवै सै संस्कृति के नाम ऊपर सूआ कसूता चुभोवै सै म्हारी कितै बूझ नहीं बढ़या भुखमरी का घेरा।। ढ़बियो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 4 दिखावे दिखावे रैहगे असली बात रही कोण्या के कसर रहेगी नाश मैं कति झूठ कही कोण्या रणबीर पिस्ता जावै सै रोजाना देश मैं कमेरा।। ढ़बियो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 190********** दिसम्बर 2013 नए साल 2014 पर लिखी एक रागनी साइनिंग इंडिया सफरिंग इंडिया अंतर बढ़ता जाता रै।। क्युकर पाटां इस अंतर नै नहीं कोए मनै समझाता रै।। 1 यो शाइनिंग इंडिया बहोत घणा आगै जा लिया बताऊँ मैं गुड़गामा नया और पुराना देखल्यो ना जमा झूठ भकाऊं मैं नए और पुराने का अंतर ना जमा मेरे जिस्यां नै उलझाता रै।। क्युकर पाटां इस अंतर नै नहीं कोए मनै समझाता रै।। 2 पुराने ढांच्यां तैं लोग घणे दुखी हो लिए हिंदुस्तान के कई पुरानी सोच ओछी जूती काटै पैरां नै मजदूर किसान के नए ढांचे कोण्या मिटा पारे यो भ्रष्टाचार घूमै दनदनाता रै।। क्युकर पाटां इस अंतर नै नहीं कोए मनै समझाता रै।। 3 नए साल मैं नई इबारत जनता लिखनी चाहवै जरूर जात मजहब तैं ऊपर उठकै भ्रष्टाचार मिटावै जरूर लड़ाई लाम्बी सै संघर्ष मांगती समों नहीं झूठ बहकाता रै।। क्युकर पाटां इस अंतर नै नहीं कोए मनै समझाता रै।। 4 सिस्टम एक रात मैं बदळै ईसा इतिहास ना टोहया पावै सिर धड़ की कुर्बानी मांगै जब कितै खरोंच इसकै आवै मेरा जी तो ये अंतर कम करने को पूरी तरियां चाहता रै।। क्युकर पाटां इस अंतर नै नहीं कोए मनै समझाता रै।। 5 बहोत सी उपलब्धियां आज पाछले साल की गिनाई जावैंगी ये नाकामियां इतनी घणी सैं इनतैं कति नहीं छिप पावैंगी आणे आले बख़्त मैं मनै जो दीखै आम जन नहीं देख पाता रै।। क्युकर पाटां इस अंतर नै नहीं कोए मनै समझाता रै।। 6 फासिज्म नए ब्रांड का आज म्हारे सिर पै आण खड़या भाई तरल पूंजी के नए डिजाइन पूंजी ला हांगा घडकै ल्याई भाई रणबीर जूझणा नए साल मैं इसकी झलां गेल्याँ चाहता रै।। क्युकर पाटां इस अंतर नै नहीं कोए मनै समझाता रै।। 191********* मोदी मोदी मोदी होरी हवा चली घणे जोर की। कुछ करया धरया नही देश का नीरी मारी बात बोर की। टेक 1 झूठ बोल कै सारे कै माहोल बणाया था। काला धन मैं ल्याकै छोडूं देश भकाया था काले धन कै ऊपर ना एक धेला भी पाया था गरीब आदमी फंसया जाल मै साहुकार उठाया था सारा देश नयूं गरभाया था करी बात ठोर की। 2 काला धन कितै नही था कानून काला बणा दिया महगांई तो घटी नही उपर तै जी एस टी ओर तणा दिया चोर बजारी बढती जारी अडाणी उपर खिणा दिया सब देशां मै देश भारत पागल ईसनै सारै जणा दिया मुरखां मै मुर्ख गीणा दिया म्हारी गिनती सै ढांगर ढोर की। 3 मुजफ्फर मै दंगा करवा कै मानस तैं मानस भिडा दिया सो साल का महारा भाईचारा पल भर मै खिणडा दिया उस अडाणी नै कुण जाणै था सब देशां मैं चढा दिया पैंतीस एक का नारा देकै एक न्यारा पाठ पढा दिया म्हारै राहु सिर पै चढा दिया ना तै पूँछ मरोडां लोर की। 4 रणबीर सिहँ दहिया नयूं कहरे यो गरीब बेचारा मार दिया साँपले आले चान्द सिहँ नै यो बिगडया छन्द समार दिया कोए मानो या ना मानो भाईयो कर थारा प्रचार दिया। गरीब कै चोट मार कै गहरी वो साहुकार उभार दिया। जो छोटू राम नै प्यार दिया ना बात करूं मै ओर की। 192********** नोट बंदी नोट बंदी की तीजी बरसी आज कै दिन गई बताई।। कसूता सत्या नाश करया फेर जनता उबर नहीं पाई ।। 1. लाखां का धन काला पकड़ां यो वायदा खूब करया भ्रष्टाचार नहीं लगा रहवैगा यो मीडिया खूब भरया काला सफेद होया बताया खुली झूठ की पोल भाई ।। कसूता सत्या नाश करया फेर जनता उबर नहीं पाई ।। 2 इस नोटबंदी नै म्हारा कति तेल काढ़ कै गेर दिया आम आदमी चौगरदे तैं इसनै घणा कसूता घेर लिया लंबी लाइनां मैं खड़े खड़े कईयों नै ज्याण खपाई।। कसूता सत्या नाश करया फेर जनता उबर नहीं पाई ।। 3 नकद लेवण देवण का यो जिनका रोज का काम था करोड़ां लोग बर्बाद होगे उनपै और ना इंतजाम था असंगठित क्षेत्र मैं पैंतीस लाख नै दिहाड़ी गंवाई।। कसूता सत्या नाश करया फेर जनता उबर नहीं पाई ।। 4 आतंकवाद खत्म होज्यागा यो वायदा करया दखे यो और घणा बढ़ता दीख्या आतंकी ना डरया दखे नोट बंदी तो फेल होवैगी रणबीर नै नहीं झूठ भकाई ।। कसूता सत्या नाश करया फेर जनता उबर नहीं पाई ।। 193********** धन्ना सेठों और हिंदुत्व की दुग्गी देश मैं छाई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 1 बहु विविधता भाईचारे पै खतरा खूब बढ़ाया संसद भारत देश की इसका मखौल उड़ाया तर्क सत्य विवेक म्हारा भीड़ नै पढण बिठाया गौरक्षा के नाम ऊपर उधम घणा सै मचाया देश मैं अन्धविश्वसां की बाढ़ कसूती आई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 2 बेरोजगारी पै चुप्पी साधी नहीं चिंता किसानी की जात धर्म पै बाँटे घृणा बढ़ाई बेउँमानी की इलाज म्हारे की चिंता ना घणी चिंता अडाणी की शिक्षा का भट्ठा बिठाया चांदी होरी आज अज्ञानी की असली मुद्दे घुमा दिए रूलती हांडे भरपाई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 3 फासीवाद का हमला आग्या यो मनै तनै सालैगा ज्यूकर पूंजीपति कहैगा हुक्म उसका पालैगा जात धर्म पै लड़वाकै नै म्हारे पै जाल घालैगा संविधान पाड़ बगाया जा हुक्म राजा का चालैगा या काट फासीवाद की जनता का मोर्चा बताई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 4 छोड़ बाँट जात पात पै एक मंच पै आणा होगा नबै दस की लड़ाई का नारा मिलकै लाणा होगा पूंजीपति देशी बदेशी को सबक सिखाना होगा सबनै इंक़लाब जिंदाबाद मिलकै गाणा होगा कहै रणबीर समझो म्हारी असल लड़ाई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 194*********** म्हारे प्रदेश हरयाणा नै तरक्की का ढूंह मार दिया।। सौ मैं तैं नबै तो भूखे हांडै दस कसूता सिंगार दिया।। 1 दारू के ठेके गाम गाम मैं रोज तरक्की कररे देखो पिला पिला दारू मिला पाणी अपने घर भररे देखो फ्लाई ओवर खूब बनाये लगा टैक्साँ का अंबार दिया।। सौ मैं तैं नबै तो भूखे हांडै दस कसूता सिंगार दिया।। 2 दोचार जिल्यां मैं दीखै विकास बाकी खड़े लखावैं रै इलाकावाद जात पात के देखो झंडे खूब फहरावैं रै भ्रष्टाचार करै रोज तरक्की ईसा तरीका उभार दिया।। सौ मैं तैं नबै तो भूखे हांडै दस कसूता सिंगार दिया।। 3 तरां तरां की कार घूमती कई तरां के ठेकेदार देखो सारी चीज बिकैं चौड़े मैं यो बनाया इसा बाजार देखो युवा लड़के लड़की सबको बेरोजगारी से सिंगार दिया।। सौ मैं तैं नबै तो भूखे हांडै दस कसूता सिंगार दिया।। 4 एक हाथ तैं कड़ थेपड़ दें दूजे हाथ तैं फंदा डाल रहे विकास की नहीं आज ये विनाश की राही चाल रहे रणबीर जो बोल्या साहमी वो पुचकार कै दुत्कार दिया।। सौ मैं तैं नबै तो भूखे हांडै दस कसूता सिंगार दिया।। 195********** आज काल चौखे ब्योन्त आला खूबै काच्चे काटै भाई रै।। ऑन लाइन पै काम काढ़ो या किसी स्कीम चलाई रै।। 1 मॉल घणे गजब के खोले मिलै सब किमैं एक छात नीचै बाहर खड़या खड़या गरीब अपने खाली पेट नै भींचै ब्यौन्त आला घरां बैठ्या करै बुकिंग जहाज हवाई रै।। ऑन लाइन पै काम काढ़ो या किसी स्कीम चलाई रै।। 2 अपोलो बरगे फाइव स्टार अस्पताल गजब खोल दिये इलाज का खर्चा महंगा सुन गरीब के हिये डोल दिये गरीब मरो सड़कै बेशक कहवण की ये मुफ्त दवाई रै।। ऑन लाइन पै काम काढ़ो या किसी स्कीम चलाई रै।। 3 एयर कंडीसन्ड जीवन का न्यारा बढ़िया संसार बनाया स्कूल घर अस्पताल कार सिनेमा सारे कै जाल बिछाया होटलों मैं चलैं दारू पार्टी उड़ै पिस्से नै धूम मचाई रै।। ऑन लाइन पै काम काढ़ो या किसी स्कीम चलाई रै।। 4 किसी तरक्की म्हारे देश की थोड़ा सा गम्भीर सवाल यो गरीब मरै बिन रोटी भूखा नहीं किसे नै इसका मलाल यो गरीब नै आज अपनी बेचैनी या पूरी दुनिया तैं बताई रै।। ऑन लाइन पै काम काढ़ो या किसी स्कीम चलाई रै।। 5 सब रंगां का समावेश यो भारत देश हमारा देश होवै जात पात और मजहब का आड़ै यो नहीं क्लेश होवै रणबीर आज सोच समझ कै करता कलम घिसाई रै।। ऑन लाइन पै काम काढ़ो या किसी स्कीम चलाई रै।। जनवरी 2004 196********* खोरी गाँव में लगातार ज़मीन ख़रीदकर बसते रही यहाँ की मेहनतकश आबादी। यह ओखला, बदरपुर और फरीदाबाद औद्योगिक क्षेत्रों में अपना हाड़-माँस गलाती है। क्या बताया भला--- *वन संरक्षण के कानून लगा कै जुल्म कररी सै सरकार।।* *बसे फरीदाबाद मैं सालां तैं क्यों उजाड़ रही परिवार ।।* 1 देश भर मैं लाखां हेक्टेयर जंगल कारपोरेट ताहिं उजाड़े सुप्रीम कोर्ट भी आंख मूंदग्या जब जंगलां के तंबू पाड़े खोरी की झुग्गी झोंपड़ी तोड़ी हजारां लोग गए लिकाड़े हरियाणा के शासन नै करे बहोत घणे उन गेल्याँ खाड़े *कोरोना काल मैं बेघर करने पै ये हुक्म करे बारम्बार।।* बसे फरीदाबाद मैं सालां तैं क्यों उजाड़ रही परिवार ।। 2 पाछले मिहने की सात तारीख नै फैंसला कोर्ट नै दोहराया बेदाखली प्रक्रिया पूरी करो छह हफ्ते का टाइम सुनाया खोरी गांव अरावली पर्वत के जंगलां का हिस्सा बताया सरकारी जमीन पै अवैध कब्जा पंजाबी कानून दिखाया *उजाड़ कै खोरी तैं बसाने का नहीं हुक्म किया दरबार।।* बसे फरीदाबाद मैं सालां तैं क्यों उजाड़ रही परिवार ।। 3 भूमाफिया नै ये जमीन गैर कानूनी ढंग तैं बेची कहते सन उन्नीस सौ सत्तर तैं मजदुर बताये खोरी मैं रहते उबड़ खाबड़ जमीन समतल करी दुख दर्द बहोत सहते दुख हुआ बहोत घणा जिब देखे झोंपड़ी मकान ढहते *कट्ठे होकै कररे मुकाबला पुलिस की होसै लाम्बी कतार।।* बसे फरीदाबाद मैं सालां तैं क्यों उजाड़ रही परिवार ।। 4 पांच सितारा होटल बनारे उनपै सवाल क्यों ना ठाया फार्म हाउस भी बना राखे जिकरा तक कोण्या आया दोभांत कानून लागू करने मैं कारण मजदूर समझ पाया संघर्ष का रास्ता खोरी गांव नै आखिर मैं सै अपनाया *रणबीर या लाम्बी लड़ाई सै जीतै कमेरा हारैगा साहूकार।।* बसे फरीदाबाद मैं सालां तैं क्यों उजाड़ रही परिवार ।। 197********* मीठी मीठी बात करैं ये पर भीतर तैं काले।। देशद्रोही देश भक्त घणी झूठ फैंकण आले।। 1 बण जोंक खून चूसैं वे साहूकार बणे हाँडें सैं हम भूखे फिरैं घूमते वे ताबेदार बणे हांडें सैं लेरे सैं महल अटारी वे थानेदार बणे हांडें सैं काल के जो दुराचारी वे दिलदार बणे हांडें सैं अफवाह फैला देश मैं कर दिए मोटे चाले।। देश द्रोही देश भक्त घणी झूठ फैंकण आले।। 2 बढा कै नै महंगाई खागे लोगां नै लूट लूट कै भ्रष्टाचार भरया नशां मैं इनकी कूट कूट कै बिन रिश्वत काम ना होवैं रोल्यो फुट फुट कै अंधविश्वास खावैं देखो साइंस नै चूट चूट कै वाजीरां के बनें अफसर भतीजे और साले।। देश द्रोही देश भक्त घणी झूठ फैंकण आले ।। 3 जोंक भेड़िये जो पहले मगरमच्छ देवें दिखाई ठोक ठोक भरैं तिजूरी कर अन्धधुन्ध कमाई जनता की नहीं होती आज देश मैं कितै सुनाई आठों पहर डर रहवै कदे आज्याँ पापी कसाई कदे बीफ के शक पै कत्ल कर पाड़ दें चाले।। देश द्रोही देश भक्त घणी झूठ फैंकण आले।। 4 काले नाग बने जहरी ये कारपोरेट के व्यापारी चीनी गैस तेल नाज ये कठ्ठी कर लेते सारी नागां का के भरोसे कद आज्याँ बाहर पिटारी सारा देश डर मैं जीवै ना पै यो हमला जारी रहिए संभल कै नै सुण रणबीर बरोने वाले।। देश द्रोही देश भक्त घणी झूठ फैंकण आले।। 198************ बैर क्यों इसी कोए मिशाल भाई कदे दुनिया मैं पाई हो। हिन्दु के घर मैं आग खुद कदे खुदा न लाई लाई हो।। 1 राम रहित नानक ईसा ये तो दीखैं नर्म देखो चमचे इनके हमेश पावैं पतीले से गर्म देखो याद हो किसे कै बस्ती कदे राम नै जलाई हो।। हिन्दु के घर मैं आग खुद कदे खुदा न लाई लाई हो।। 2 ब्रूनो मारया मारया गांधी धर्म की इस राड़ नै ये किसे धर्म सैं जित रूखाला खुद खा बाड़ नै एक दूजे की मारी मारी किसे धर्म नै सिखाई हो।। हिन्दु के घर मैं आग खुद कदे खुदा न लाई लाई हो।। 3 घरां मैं बुढ़ापा ठिठरै मजार पै चादर चढ़ावैं बिकाउ सैं जो खुद वे ईब म्हारी कीमत लावैं खड़े मन्दिर मस्जिद सुने बस्ती दे वीरान दिखाई हो।। हिन्दु के घर मैं आग खुद कदे खुदा न लाई लाई हो।। 4 सूरज हिन्दू चन्दा मुस्ल्मि तारयां की के जात किसकी साजिश ये विचारे क्यों टूटैं आधी रात रणबीर धर्म पै करां क्यों बिन बात लड़ाई हो।। हिन्दु के घर मैं आग खुद कदे खुदा न लाई लाई हो।। 199************** *जो आया दुनियां के म्हां उनै पड़ै लाजमी जाणा हो।।* *सुरग नरक किसनै देख्या बस होसै फरज पुगाणा हो।।* 1 बीर मरद तै हो उत्पत्ति या जाणै दुनिया सारी सै पांच भूत के योग तै या कहते बणी सृष्टि न्यारी सै या तासीर खास योग की जीव मैं होवै न्यारी सै मिजाज जिब बिगड़ै योग का जीव नै हो लाचारी सै *इसकी गड़बड़ मैं मौत कहैं हो बन्द सांस जब आणा हो।।* सुरग नरक किसनै देख्या बस होसै फरज पुगाणा हो।। 2 पहले जनम मैं जिसे करे कहैं इस जनम मैं भुगतै इस जनम मैं जिसे करे कहैं अगले के म्हां निबटै दोनों बात गलत लागै क्यों ना इसका इसमें सिमटै साहमी हुए की चिन्ता ना क्यों बिना हुए कै चिपटै *इसे जनम का रोला सारा बाकी लागै झूठा ताणा हो।।* सुरग नरक किसनै देख्या बस होसै फरज पुगाणा हो।। 3 मनुष्य सामाजिक जीव कहैं बिन समाज डांगर होज्या लेकै समाज पै चाहिये देणा बिन इसके बांदर होज्या माली बिना बाग और खेती बिन पाणी बांगर होज्या मरकै कोए ना आया उलटा जलकै पूरा कांगर होज्या *साइंस नै बेरा पाड़ लिया ईब छोड्डो ढंग पुराणा हो।।* सुरग नरक किसनै देख्या बस होसै फरज पुगाणा हो।। 4 आच्छे भूण्डे करमां करकै या दुनिया हमनै याद करै या गुणी के गुण गावै आड़ै पापी कंस की यादे तिरै यो शरीर जल बणै कारबन प्याराकर कर याद मरै मेहर सिंह फौजी बरोने का रणबीर करता याद फिरै *करमां आला ना मरै कदे ना पाले राम का गाणा हो।।* सुरग नरक किसनै देख्या बस होसै फरज पुगाणा हो।। 200********** नशे पते का व्यापार, बढ़ाती जावै सरकार,इतनी कसूती मार, म्हारी समझ नहीं आवै।। 1 अफीम और हीरोइन का भारत घढ बताया आज माफिया नशे पते का पूरी दुनिया मैं छाया लत कसूती लवा दे यो ,नेता नै मरवादे यो,भुन्डे कर्म करादे यो,म्हारी समझ नहीं आवै।। 2 माफिया नशे पते का कई देशां मैं राज चलावै सी आई ए तैं मिलकै यो बहोत ऊधम मचावै युवा जमा बर्बाद हों,बहोत घणे फसाद हों , कैसे नशे से आजाद हों,म्हारी समझ नहीं आवै।। 3 एक तरफ दारू ठेके हर रोज ख़ुलाये जावैं दूजी तरफ नशा मुक्ति केन्द्र रोज चलाये जावैं जहर पिलाऊ विकास , नहीं हमनै अहसास , विकास नहीं सै विनास ,नहीं म्हारी समझ मैं आवै।। 4 परिवार नै यो नशा खत्म पूरी तरियां करदे म्हारी जिंदगी अंदर यो जहर कसूता भरदे सच्ची लिखै सै रणबीर,सही खींचै सै तस्वीर , नशा मारदे सै जमीर, म्हारी समझ नहीं आवै ।। 201************ साइनिंग और सफरिंग म्हारे दो भारत बणा राखे रै।। कोरोना नै भी आज देखो ये सफरिंग भजा राखे रै।। 1 सफरिंग दीखै सडकां पै साइनिंग घरां मैं आराम करै सफरिंग पै नहीं ठिकाना कून इनका इंतज़ाम करै देश के लॉक डाउन नै दोनूआँ कै सांस चढ़ा राखे रै।। कोरोना नै भी आज देखो ये सफरिंग भजा राखे रै।। 2 लॉक डाउन की पहले पूरी तैयारी नहीं हो पाई सबको भोजन आवास सबको मुश्किल देवै दिखाई सरकारी ऑडर भी कई अफसरां नै भुला राखे रै।। कोरोना नै भी आज देखो ये सफरिंग भजा राखे रै।। 3 ये स्वास्थ्य सुविधा कमजोर डॉक्टर नर्स तैनात दखे दिन रात एक करण लागरे सलाम करां खुभात दखे अस्पताल थोड़े पीपीई थोड़े फेर ये पूरे दिखा राखे रै।। कोरोना नै भी आज देखो ये सफरिंग भजा राखे रै।। 4 महंगाई बेकारी असुरक्षा नै कड़ तोड़ कै धरदी रै आज कोरोना नै म्हारी इसी बुरी हालत करदी रै रणबीर कोरोना नै देश वासी घरां बिठा राखे रै ।। कोरोना नै भी आज देखो ये सफरिंग भजा राखे रै।। 202********** बिना पीसे गुजारा कोन्या ना रही कदर ईमानदारी की।। दूजी कदर इस देश मैं बाबा पाखण्डी और पुजारी की।। 1 जो पिस्से देकै रैली करते वोहे वोट खरीदलें म्हारी रै संविधान धरया कूण मैं या संसद जमा मूंधी मारी रै देश मैं सरकार चालरी या देशी बदेशी पूँजी भारी की।। दूजी कदर इस देश मैं बाबा पाखण्डी और पुजारी की।। 2 भ्रष्टाचार मैं नवम्बर वन यो होग्या हिंदुस्तान म्हारा देखो कुछकै पीस्सा मैगनेट होग्या घण्यां का नहीं गुजारा देखो पीस्सा यो ईमान खरीदले यो लूटै इज्जत करतारी की ।। दूजी कदर इस देश मैं बाबा पाखण्डी और पुजारी की।। 3 आज के सिस्टम मैं पीस्सा देखो ईमान हुया साहूकार का लूट रहया दुनिया सारी यो खून पस्सीना करतार का ईमानदारी की मेहनत की लागै बोली बीच बाजारी की।। दूजी कदर इस देश मैं बाबा पाखण्डी और पुजारी की।। 4 बिना पिस्से आल्यां के छोरा छोरी ये फिरते मारे मारे भाई ये पीस्से आले इणनैं बरतैं म्हारे अनुभव सैं खारे भाई कलम साच लिखै हांगा लाकै आज रणबीर लिखारी की।। दूजी कदर इस देश मैं बाबा पाखण्डी और पुजारी की।। 203************ पहला केस कोरोना का तीस जनवरी नै पाया।। चैबीस फरवरी ट्रम्प का कार्यक्रम था करवाया।। 1 कोरोना तैं पहली मौत नौ मार्च नै हुई बताई कई एम एलयां की टोली बंगलूर गई बताई नौ मार्च नै बंगलूर के मैं गया पूरा खेल रचाया।। चैबीस फरवरी ट्रम्प का कार्यक्रम था करवाया।। 2 एमपी में बीस मार्च नै कांग्रेस की करी पिटाई खरीद फरोख्त करकै उसकी सरकार गिराई तेईस मार्च नै भाजपा नै अपना गुल खिलाया।। चैबीस फरवरी ट्रम्प का कार्यक्रम था करवाया।। 3 चैबीस मार्च के दिन यो लॉक डाउन लगा दिया जनता का बड़ा हिस्सा बिन तैयारी फंसा दिया समझदार समझैगा जै तारीख हिसाब लगाया ।। चैबीस फरवरी ट्रम्प का कार्यक्रम था करवाया।। 4 लॉक डाउन जनता नै सडकां ऊपर ले आई दुर्गति हुई कितनी उड़ै बयां ना हो सकै भाई रणबीर आंकड़ा आज भी यो बढ़ता दिखाया।। चैबीस फरवरी ट्रम्प का कार्यक्रम था करवाया।। 204*********** कोरोना तैं बचाव खातिर वैक्सीनेशन घणा जरूरी बताया।। सीरोलॉजिकल सर्वे का दूजा वैज्ञानिकों नै काम गिणवाया।। 1 जीनोम टाइपिंग करणी हो कोरोना की तीजी लहर समझने नै इन तीन बातों खातिर वैज्ञानिक कहते सरकार नै उलझने नै तीन काम घणे जरूरी सैं दुनिया के साइंस दानों नै समझाया।। 2 सरकार पै जनता नै इन खातिर पूरा दबाव बनाना होगा रै स्वास्थ्य सेवाओं का ढांचा और मजबूत करवाना होगा रै कोरोना पैनडेमिक नै दुनिया को यो चोखी ढालां सिखाया।। 3 इन तीनों कामों के बारे हमनै जन पूरे को बताना चाहिए जनता नै समझावें इस खातिर अपने आप को पढ़ाना चाहिए गूगल सर्च पै जाकै हर भाषा मैं सबक पावैं हम सवाया।। 4 टीकाकरण पै कई ढाल के भ्रम खूब फैलाये जारे आज कोरोना के ग़ैर वैज्ञानिक इलाज खूब बताये जारे आज रणबीर नै देख समझ कै नै यो अपना कलम घिसाया ।। 205************* सारे एकसी बात करैं किसकी मानूं बात पिया ॥ वोट लियाँ पाछै कई मारते कसूती लात पिया ॥ 1 म्हारी पढ़ाई उप्पर सब अपने रंग मैं बोलैं म्हारी कैड़ खड़े होकै थोड़े से बात सही तोलैं ये बालक नयों ए घूमैं कोए नहीं पूछै जात पिया ॥ 2 बीमार होज्यां तो इलाज करवाना मुस्किल होवै झाड़ फूंक पूजा पाजा गरीब इलाज उड़ै टोहवै अन्धविसवासी कहै बतावैं म्हारी ऑकात पिया ॥ 3 बिना नौकरी पैर भिड़ावैं काला धन खींच रह्या क्यों खेवनहार आँख इस कांहीं तैं मींच रह्या बेकार मानस नै बरतै खूबै या जात पात पिया॥ 4 अमीर गरीब की खाई खुबै आज बढ़ायी देख राम का रोल्ला नहीं सै नीति इसी ए बनाई देख रणबीर बतावै हमनै कैसे कटै या रात पिया ॥ 206*********** शाबाश बेटियो गोठड़ा टप्पा राजगढ़ मैं बेटियां नै मिशाल बनाई।। स्कूल अपग्रेड करवाने नै भूख हड़ताल पै आई।। 1 दसवीं करे पाछै कित पढां यू घणा बड़ा सवाल था बहोत घणी बेटियों का इस कारण हाल बेहाल था बात बातां मैं चर्चा करकै बैठ धरणे पै मांग ठाई।। गोठड़ा टप्पा राजगढ़ मैं बेटियां नै मिशाल बनाई।। 2 मुंजेडी गाम फरीदाबाद मैं बेटियां नै यो बीड़ा ठाया भूख हड़ताल करकै नै चंडीगढ़ का राज हिलाया तेज बहादुर गैल बैठग्या राज पै ये मांग मनवाई।। गोठड़ा टप्पा राजगढ़ मैं बेटियां नै मिशाल बनाई।। 3 अपग्रेड एक सौ बाईस स्कूल बेटियों नै करवाये शिक्षा के हक की खात्तर हरियाणे मैं अलख जगाये मिलकै सबनै नारा लाया करां संघर्ष और पढ़ाई।। गोठड़ा टप्पा राजगढ़ मैं बेटियां नै मिशाल बनाई।। 4 रणबीर शाबाशी देवै सै बणियो तम नई मिशाल मेहनत करकै बेटियो थाम करियो कोय कमाल धन्यवाद सै हिम्मत का थारी गेल्याँ मुलाकात कराई।। गोठड़ा टप्पा राजगढ़ मैं बेटियां नै मिशाल बनाई।। 207*********** या जापानी कम्पनी आई , रोहतक मैं फैक्ट्री लाई कर्मचारियों की करी खिंचाई, करमी एकता जिंदाबाद 1 कर्मचारियों नै कट्ठे होकै अपनी यूनियन बनानी चाही लीडरों ताहिं कम्पनी नै फेर दिखादी बाहर की राही कर्मचारियों नै आवाज ठाई, कम्पनी नै धौंस जमाई कर्मचारियों की छंटनी चाही, करमी एकता जिंदाबाद । 2 यूनियन बनाने का हक कम्पनी खोस्या चाहवै सै जो बोलै उसकी नाड़ या कम्पनी मोस्या चाहवै सै एक जुट होकै आवाज ठाई, कम्पनी भीतर तैं घबराई उप्पर तैं सख्ती दिखलाई, करमी एकता जिंदाबाद । 3 प्रशासन भी कम्पनी की टहल बजाण लग्या भाई कम्पनी के इशारे पै कर्मचारी नै धमकाण लग्या भाई दूसरे मजदूर संघ आये, एकता के नारे लगाये कर्मचारी के हौंसले बढ़ाये, करमी एकता जिंदाबाद। 4 कर्मचारी अपनी मांगों पै रणबीर ये मजबूत खड़े ये लालच डर कै साहमी पूरी तरियां सैं हुए खड़े पुलिस नै करी पिटाई , लड़की गेट पर तैं उठाई कई कई धारा लगाई, कमरी एकता जिंदाबाद । 208************ साथी वीरेंदर शर्मा सन 1992 में साक्षरता आंदोलन के दौर में साथी ने कार में आग लगने पर अपनी जान जोखिम में डाल कर कर की सवारियों को तो बचा लिया मगर सड़क पर फैले पैट्रोल की आग में बुरी तरह झुलस गया और दो तीन दिन तक मौत से संघर्ष किया। ज्यान की परवाह की ना कूदया पीड़ा देख परायी रै।। जवानी खपादी वीरेंद्र नै समझ दूज्यां की भलाई रै।। 1 उसतै बढ़िया दीखै कोण्या भाई अकल इंसान की म्हारे ताहिं राह दिखाई सै उसनै असल इंसान की भुलाये तैं भी ना भूली जा भाई शक्ल इंसान की म्हारे ताहिं तस्वीर बनाई उसनै अटल इंसान की न्यों कहैया करै था साथी मिलकै लडांगे लड़ाई रै।। 2 लोगों के मोल उसनै रोज घटते बढ़ते देखे भाई बदमाशों की चांदी आड़ै शरीफ लोग पिटते देखे लोगों मैं बढ़ी बेरोजगारी सही राह तैं हटते देखे शहीद भगत सिंह से वीर आजादी पै मिटते देखे भगत सिंह की राही चल्या वीरेंद्र वीर सिपाही रै।। 3 ज्ञान विज्ञान समिति मैं थी साथी की कताई हुई एक एक बात कै उप्पर थी समिति मैं सफाई हुई समाज कैसे चलता म्हारा बैठकै पूरी धुनाई हुई गया समझाया हमेशा गरीब की क्यूँ पिटाई हुई शहीद वीरेंद्र समझ गया अनपढ़ता की खाई रै।। 4 साथी तेरे सपनों को हम मंजिल तक ले जायेंगे सच कहना अगर बगावत हम गीत यही गायेंगे आज नहीं तो कल साथी पूरी दुनिया पर छायेंगे मानव का बैरी मानव हो ना ऐसा जमाना लायेंगे रणबीर ईबे रंग अधूरा बनाई तसबीर जो भाई रै ।। 209*********** हमारा पर्यावरण और ग्लोबल वार्मिंग ग्लोबल वार्मिंग दुनिया मैं घणा फतूर मचारी देखो।। समुन्दर तट उभारा लेगे कितै गर्मी छारी देखो।। 1 पुराने मौसम रहे कोण्या बदलाव कई आगे भाई कितै गर्मी रफ्तार पकड़गी कितै पतझड़ छागे भाई पुरानी बीमारी फेर आगी कई नई बीमारी देखो ।। ग्लोबल वार्मिंग दुनिया मैं घणा फतूर मचारी देखो।। 2 किस्मत मैं लिखी राम नै या सोच कै भुक्त रहे सारे असली जड़ पकडां कोण्या मंदिरों मैं काटकड़ तारे ग्लोबल वार्मिंग करकै नै या गर्मी बढ़ती जारी देखो।। ग्लोबल वार्मिंग दुनिया मैं घणा फतूर मचारी देखो।। 3 घाम मारज्या हीट स्ट्रोक कई बै ज्यान पै छाज्या गर्मी मैं पी पी कै पाणी यो माणस दुख घणा पाज्या कई नई बीमारी आगी जो पकड़ मैं नहीं आरी देखो।। ग्लोबल वार्मिंग दुनिया मैं घणा फतूर मचारी देखो।। 4 जीवन शैली पड़ै बदलनी वातावरण मैं ठंड होवै पौधे लगाओ अभियान यो एयरकंडीशन्ड रंग खोवै रणबीर विकसित देशों पै बढ़ावां दबाव भारी देखो।। ग्लोबल वार्मिंग दुनिया मैं घणा फतूर मचारी देखो।। 210************ या बढ़गी बेरोजगरी, यो करजा चढ़ग्या भारी, हुई दुखी जनता सारी, महान हुया हरियाणा। 1 म्हारे बालक मरैं बिना दवाई, महंगी होंती जावै पढ़ाई नाबराबरी साँस चढ़ारी , कारपोरेट अत्याचारी, मीडिया इसका प्रचारी, महान हुया हरियाणा। 2 जात पात मैं बाँटी जनता, विरोध किया तो काटी जनता किसान की श्यामत आरी, महिला की इज्जत जा तारी, बढ़ती जावै चोरी जारी महान हुया हरियाणा। 3 झूठे जुमले रोजाना देते,खबर म्हारी कदे ना लेते, होंती जा तबियत खारी, जनता हिम्मत नहीं हारी, शासक हुया भ्रष्टाचारी, महान होया हरियाणा। 4 महिला वंचित सुणल्यो सारे, बिना संघर्ष के नहीं गुजारे लड़े हैं जीत हुयी म्हारी, जीतैंगे भरतू भरतारी , यो रणबीर म्हारा लिखारी, महान हुया हरियाणा । 211*********** *5 जून सम्पूर्ण क्रांति दिवस* *पांच जून नै काले कानून ऑर्डिनेंस पास करया रै।।* *एक साल हो ज्यागा जब सरकार नै नाश करया रै।।* 1 उन्नीस सौ चुहत्तर के मैं पांच जून नै बीड़ा ठाया जयप्रकाश नारायण नै सम्पूर्ण क्रांति नारा लाया *जेपी नै इस तरियां शुरू नया इतिहास करया रै।।* एक साल हो ज्यागा जब सरकार नै नाश करया रै।। 2 सम्पूर्ण क्रांति दिवस देश के ये किसान मनावैंगे तीन कानूनाँ की प्रति किसान मजदूर जलावैंगे *भाजपा नेतावां के दफ्तरां पै प्रोग्राम खास धरया रै।।* एक साल हो ज्यागा जब सरकार नै नाश करया रै।। 3 जत्था दोआबा तैं चालकै सिंघु बार्डर पै पहोंच्या रै बार्डरों पर डटे किसानां नै मिलकै यो दिन सोच्या रै *बायकाट करो सरकार का फैंसला पास करया रै।।* एक साल हो ज्यागा जब सरकार नै नाश करया रै।। 4 तीन कानून बिल बिजली रणबीर रद्द करवावैंगे चारों लेबर कोड रद्द हों किसान मजदूर जोर लगावैंगे *इनकी गलत नीतियों नै फसल का घास करया रै।।* एक साल हो ज्यागा जब सरकार नै नाश करया रै।। 212************* बात पते की क्यों दो आंख लेकै भी आंधे हमनै सड़ांध देवे दिखाई ना ।। बिल्ली देख कबूतर आंख मूँद कै कहवै आड़े बिलाई ना।। 1 ईमानदारी का पाठ पढावें नेता अफसर संसार मैं इनकम टैक्स की चोरी करना बालक सीखें परिवार मैं इस काले धन की बहार मैं दीखे फेर कति सच्चाई ना ।। बिल्ली देख कबूतर आंख मूँद कै कहवै आड़े बिलाई ना।। 2 ऊपर बैठे अफसर नेता लेरे बदेशी बैंकं मैं खाते ये जड़ मैं भ्रष्टाचार पणपै तो क्यूकर हारे रहवैं पाते ये इननै चाहियें चिमटे ताते ये इनकी कोए और दवाई ना ।। बिल्ली देख कबूतर आंख मूँद कै कहवै आड़े बिलाई ना।। 3 साठ हजार करौड़ का कर्जा म्हारे देश के अमीरां पै सरकार म्हारी चालती देखो इनकी काढी लकीरां पै हम खंदाये संत और फकीरां पै साच समझ मैं आई ना ।। बिल्ली देख कबूतर आंख मूँद कै कहवै आड़े बिलाई ना।। 4 दारू सुल्फा नशा खोरी हमतैं इनकी राही पकड़ा दी बिना सोचें समझें हमनै भकड़ बाल कै नै दिखा दी रणबीर सिंह नै छंद बना दी या साच जमा छिपाई ना ।। बिल्ली देख कबूतर आंख मूँद कै कहवै आड़े बिलाई ना।। 213************** जात नै माणस का माणस बैरी बणा जबर राख्या सै। एक दूजे की छाती कै उप्पर जन चाकू धर राख्या सै। 1 दो किले आला जाट बी आज जाट सभा की कोली मैं भूखा मरदा ब्राह्मण बी यो ब्राह्मण सभा की झोली मैं फिरै भरमता रोड़ बिचारा आज रोड़ सभा की टोली मैं दलित भी बन्ट्या हुया देखो यो कई रंगों की रोली मैं जात पात का घणा कसूता दखे विष यो भर राख्या सै । एक दूजे की छाती कै उप्पर जन चाकू धर राख्या सै। 2 जात के रंग ढंग मैं सै या मानवता बाँटण की मक्कारी कथनी घणी सुहानी लागै सै पर पाई करणी मैं गद्दारी काली नाग और पीत नाग ये भाई बिठाये एक पिटारी मुँह मैं राम बगल मैं छुरी भाई सै या बुझी जहर दुधारी जात्यां के बुगळे भगतां नै यो मिला सुर मैं सुर राख्या सै। एक दूजे की छाती कै उप्पर जन चाकू धर राख्या सै। 3 ब्राह्मण खत्री वैश्य और शुद्र ये चार वरण बताये सुणो मनु जी नै फेर वरणां कै जात्यां के पैबन्द लगाये सुणो गोत नात कबिल्यां भितर बेरा नहीं कद सी आये सुणो जन्म कारण जात माणस की ग्रन्थ लिख़कै ल्याये सुणो इसकी आड़ मैं लुटेरे लूटैं माणस बणा सिफर राख्या सै। एक दूजे की छाती कै उप्पर जन चाकू धर राख्या सै। 4 ढेरयां आला कुड़ता म्हारा या जात पात बताई आज गेहूं के खेत मैं ऊग्या हुया बथुआ जात सुझाई आज ठेके कै म्हां लागी सुरसी गिहूँआं की मर आई आज ये कमेरे दुखी जात्यां मैं नेतावां नै चादर घुमाई आज काढ बगादे यो कुड़ता इसनै आज कर बेघर राख्या सै। एक दूजे की छाती कै उप्पर जन चाकू धर राख्या सै। 5 जात छोड़ कट्ठे होंवैं काम करणिये भुखे मरणीये भाई गोत नात छोड़ कट्ठे हों ये जितने नौकरी चढ़निये भाई टूचावाद छोडकै कट्ठे हों सब बेरोजगार फिरणीये भाई हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई ये मानवता पर चलनिये भाई म्हारै ना जात किसे काम की कर क्यों सबर राख्या सै। एक दूजे की छाती कै उप्पर जन चाकू धर राख्या सै। 6 सारी दुनिया रुके देकै नै ईब दो जमात बतारी देख एक कमेरा जिसकी मेहनत दुनिया मैं रंग दिखारी देख दूजा लुटेरा जिसनै लूटी म्हारी सजाई दुनिया सारी देख या पाले बंदी छिपाने खातर चलै जात की आरी देख म्हारे माल के हम भिखमंगे यो बना आडम्बर राख्या सै। एक दूजे की छाती कै उप्पर जन चाकू धर राख्या सै 214*************** अंध विश्वास अंधविश्वास नै भारत मैं आज पूरा उछाल दिखाया रै।। महाकाव्य म्हारे जितने सैं सबको इतिहास बताया रै।। 1 ईश्वर की पूजा करने तैं कहते बच्चे पैदा हो ज्यावैं रै ब्याह शादी करकै नै क्यों पति पत्नी का रगड़ा ल्यावैं रै इसे झूठे प्रचार करकै नै यो भारत पूरा भरमाया रै।। 2 लक्ष्मी की पूजा तैं कहते अपरंपार धन मिल ज्यावै रै फेर व्यापार लेन देन का यो झमेला समझ ना आवै रै टीवी चैलनां नै दिन रात लक्ष्मी का घणा शोर मचाया रै।। 3 सत्यनारायण कथा तैं कहते सुख संसाधन मिल जाते फेर काम की तलाश मैं क्यों फिरैं बदेशों तक धक्के खाते आम जनता नै बेकूफ़ बनाकै राज अपना जमाया रै।। 4 जो किसान पस्सीना बहाकै नै सारे भारत का पेट भरै जै मींह इंद्र पूजे तैं आवै तो किसान आत्म हत्या क्यों करै किसान की लूट छिपावण ताहिं अंधविश्वास फैलाया रै।। 5 जै रक्षा सूत्र म्हारी सबकी रक्षा सब क्याहें तैं करता रै तो धर्म पाखण्डी और यो नेता क्यों कमांडो लियें फिरता रै समाज सुधारकों नै भी था अपने बखतां समझाया रै।। 6 कहैं लक्ष्मण रेखा खींच दयो उसनै दुश्मन लांघ ना सकै सेना क्यों लाई सरहद पै इन झूठों तैं सच्चाई ना ढंकै रणबीर बरोने आले नै सोच समझ कै छंद बनाया रै।। 215************* दामिनी कलकता हवाई अड्डे पर पता लगा की दामिनी ने अपने संघर्ष की आखिरी साँस सिंघपुर में ली है तो बहुत दुःख हुआ और यह रागनी वहीँ पर कल लिखी ----- याद रहैगा थारा बलिदान दामिनी भारत देश जागैगा ।। थारी क़ुरबानी रंग ल्यावैगी समाज पूरा हिसाब मांगैगा ।। 1 सिंघापुर मैं ले जा करकै बी हम थामनै बचा नहीं पाये थारी इस कुर्बानी नै दामिनी आज ये सवाल घने ठाये गैंग रेप की कालस का यो अँधेरा भारत देश तैं भागैगा ।। थारी क़ुरबानी रंग ल्यावैगी समाज पूरा हिसाब मांगैगा ।। 2 पूरा देश थारी साथ यो पूरी तरियां खड्या हुया जलूस विरोध प्रदर्शन कर समाज सारा अड़या हुया फांसी तोड़े जावैंगे वे जालिम इसपै हांगा पूरा लागैगा ।। थारी क़ुरबानी रंग ल्यावैगी समाज पूरा हिसाब मांगैगा ।। 3 महिला संघर्ष की थाम दामिनी आज एक प्रतीक उभरगी दुनिया मैं थारी कुर्बानी की कोने कोनै सन्देश दिगर गी इसमें शक नहीं बचर या कोर्ट जालिमों नैं फांसी टांग़ैगा।। थारी क़ुरबानी रंग ल्यावैगी समाज पूरा हिसाब मांगैगा ।। 4 लम्बा संघर्ष बदलन का सोच समझ आगै बढ़ ज्यांगे मंजिल दूर साईं दामिनी हम राही सही पै चढ़ ज्यांगे कहै रणबीर सिंह नए साल मैं जालिम जरूरी राम्भैगा ।। थारी क़ुरबानी रंग ल्यावैगी समाज पूरा हिसाब मांगैगा ।। 216******** एक महिला की पुकार खत्म हुई सै श्यान मेरी , मुश्किल मैं सै ज्यान मेरी छोरी मार कै भान मेरी , छोरा चाहिए परिवार नै || 1 पढ़ लिख कै कई साल मैं मनै नौकरी थयाई बेबे सैंट्रो कार दी ब्याह मैं , बाकी सब कुछ ल्याई बेबे घर का सारा काम करूँ , ना थोड़ा बी आराम करूँ पूरे हुक्म तमाम करूँ , औटूं सासू की फटकार नै || 2 पहलम मेरा साथ देवै था वो मेरे घर आला बेबे दो साल पाछै छोरी होगी फेर वो करग्या टाला बेबे चाहवें थे जाँच कराई ,कुनबा हुया घणा कसाई मैं बहोत घनी सताई , हे पढ़े लिखे घरबार नै || 3 जाकै रोई पीहर के महँ पर वे करगे हाथ खड़े दूजा बालक पेट मैं जाँच कराण के दबाव पड़े ना जाँच कराया चाहूं मैं, पति के थपड़ खाऊँ मैं जी चाहवै मर जाऊं मैं , डाटी सूँ छोरी के प्यार नै || 4 दूजी छोरी होगी सारा परिवार तन कै खड्या हुया नाराजगी अर गुस्सा दिखे सबके मुंह जडया हुया अमीर के धोरै जाऊं मैं ,अपनी बात बताऊँ मैं रणबीर पै लिखाऊँ मैं , बदलां बेढंगे संसार नै || 217*********** सोनीपत जिले मैं यो सिसाना गाम सुन्या होगा।। इसे गाम का रहने आला बाजे नाम सुन्या होगा।। 1 स्कूल चौपाल बनवाये ज्यां बाजे भगत कहवाया किस्से रचे कई फेर यो सांग घना बढ़िया रचाया इसे गाम का सांगी पंडित मांगे राम सुन्या होगा।। 2 पंडित कृष्ण चन्दर नै भी रागनी लिखी जमकै किसान मजदूर पै कलम चलती दिखी जमकै होशियार सिंह का किस्सा तमाम सुन्या होगा ।। 3 खिलाड़ी वाल्ली बॉल के कई दिए सिसाने नै कबड्डी टीम छोरियां की तगमे लिए सिसाने नै महाबीर खिलाड़ी नै किया कमाल सुन्या होगा ।। 4 इस गाम मैं और भी खास बात पावेंगे देखो इनतैं लेकै नै प्रेरणा और भी आगै आवेंगे देखो रणबीर पै साच कहने का इल्जाम सुन्या होगा।। 218************** डॉक्टर दोषी कोन्या एक करोड़ फीस आज एम बी बी एस की बतावैं सैं।। दो तीन करोड़ ये एम एस एम डी ताहिं धरावैं सैं ।। 1 स्वास्थ्य का पूरा मामला आज एक व्यापार बनाया सै इसका दोषी डाक्टर तबका यो गलत प्रचार फैलाया सै नीतियों नै कहर ढाया यो सेवा नै व्यापार बनावैं सैं।। दो तीन करोड़ ये एम एस एम डी ताहिं धरावैं सैं ।। 2 चार करोड़ की डिगरियां यो सेवा भाव ख़तम करदें पांच करोड़ नर्सिंग होम के जले पै नमक छिड़कदें नीतियां दस करोड़ लुआ कै सस्ता इलाज चाहवैं सैं।। दो तीन करोड़ ये एम एस एम डी ताहिं धरावैं सैं ।। 3 स्वास्थ्य पर खर्च सरकारी आए साल घटता जावै सरकारी ढांचा सेहत सेवा का आज देश मैं लड़खडावै पेट आयुष्मान के नाम पै ये बीमा कम्पनी फुलावैं सैं।। दो तीन करोड़ ये एम एस एम डी ताहिं धरावैं सैं ।। 4 डाक्टर भाईयो समझो चाल यो कारपोरेट क्यों छाया छोटे नर्सिंग होम बन्द करावै कारपोरेट इसी नीति ल्याया रणबीर सोचां गल्त नीति कैसे सांस चढावैं सैं।। दो तीन करोड़ ये एम एस एम डी ताहिं धरावैं सैं ।। 219************ बर्बाद करण का ठेका क्यूँ सरकार तनै ठाया।। म्हारी जूती सिर म्हारा खेल समझ नहीं आया।। 1 विकास नाम पै विनाश यो हरियाणे का करया अम्बानी और अडानी उनके गैहनै गाम धरया सड़क फ्लाई ओवर यो टोल प्लाजा सारै छाया।। 2 हरित क्रांति के कारण छोटा हिस्सा धनवान हुया बाकी का गाम सारा यो बहोत घणा परेशान हुया चोये मैं कीटनाशक घुलग्या कहर कसूता ढाया।। 3 गाम शहर के स्कूल सरकारी पढ़ण बिठाये रै ये अस्पताल सरकारी कई जागां खाली पाये रै यो इलाज हुया महंगा धरती बेच बच्चा बचाया।। 4 नौकरी ताहिं टूटें जूती बालक म्हारे रूलगे रै ये सिफ़ारसी पीस्से आले लेकै नौकरी पलगे रै रणबीर बरोने आले नै दिल तैं छंद बनाया ।। 220********* छोरी कै ताप आया था मने देसी काढ़ा प्याया फेर।। जिब छः दिन हो लिए डाक्टर मने बुलाया फेर।। 1 डाक्टर नै पूरी जाँच करकै शुरू कर इलाज दिया हल्का खाना गया बताया बंद कर सब नाज दिया दवा लिखी चार ढाल की फीस मैं कर लिहाज दिया गन्दा पानी फैलावे बीमारी बता यो सही काज दिया ताप फेर बी ना टूट्या पेट मैं दर्द जताया फेर।। जिब छः दिन हो लिए डाक्टर मने बुलाया फेर।। 2 डाक्टर जमा हाथ खड़े करग्या काली रात अँधेरी थी बीजल लस्कैं बाल चलती दी बीप्ता नै घेरी थी खड्या लाखऊँ बेटी कान्ही जमा अकल मारगी मेरी थी वा नयों बोली बाबू बचाले मैं घनी लाडली तेरी थी गूंठा टेक कै पाँच हजार ब्याज पै मैं लयाया फेर।। जिब छः दिन हो लिए डाक्टर मने बुलाया फेर।। 3 चाल गाम तैं बाबू बेटी मेडिकल मैं चार बाजे आये नर्स डाक्टर सोहरे थक कै हमने आके नै वे ठाए सारी बात बूझ कै म्हारी फेर बहोत से टेस्ट कराये एक्सरे देख कै वे डाक्टर फेर आपस मैं बतलाये परेशान जरूरी सै ताऊ अंत मैं छेद बताया फेर ।। जिब छः दिन हो लिए डाक्टर मने बुलाया फेर।। 4 पायां ताले की धरती खिसकी हाथ जोड़ कै फ़रमाया मेरा खून चाहे जितना लेल्यो चाहूं बेटी नै बचाया एक बोतल एक माणस तै उसनै यो दस्तूर बताया ओढ़ानै मैं जाऊं कडे मने पह्याँ कान्ही हाथ बढाया डाक्टर पाछे नै होग्या उसनै मैं धमकाया फेर ।। जिब छः दिन हो लिए डाक्टर मने बुलाया फेर।। 5 पलंग धौरे बैठ गया मेरी बेटी मेरे कान्ही लखाई एकदम सिसकी आगी मेरे पै ना गयी आंख मिलाई डाक्टर नै बेरा ना क्यूकर फेर दया म्हारे पै आई एक मने देई दो उडे तै बोतल खून की दिलवाई परेशान सही होग्या डाक्टर नै धीर बंधाया फेर।। जिब छः दिन हो लिए डाक्टर मने बुलाया फेर।। 6 बीस दिन रहे मडिकल मैं खर्चा तीस हजार होग्या एक किल्ला पड्या टेकना पर बेटी का उपचार होग्या मेडिकल के डाक्टर का सारी उम्र का कर्जदार होग्या उनकी उड़ऐ देखी जिन्दगी रणबीर सिंह ताबेदार होग्या इलाज करवाकै बेटी का अपने घर नै मैं आया फेर।। जिब छः दिन हो लिए डाक्टर मने बुलाया फेर।। 221************ मेड एक महीना इन्तजार के बाद अपनी मैडम के पास जाकर हाथ जोड़कर कहती है- मैडम अब भूख बर्दास्त नहीं हो रही । कुछ करो। क्या कहती है भला- मैडम जी मेरी बात सुणो मैं थारी शरण मैं आई।। मिहना होग्या खाली होगे या साची बात बताई।। 1 टोटा खोटा बुरा जगत मैं जीवन दे ना मरण दे पांच हजार अगाऊ दे बालकां का पेट भरण दे मत भूखे मरण दे मैडम थारे पै आस लगाई।। मिहना होग्या खाली होगे या साची बात बताई।। 2 एक मिहने का काल डाउन आटा दाल खत्म होये कदे पेट दर्द कदे दस्त बाबू बालक दर्द कारण रोये सारे कष्ट मनै ये ढोये कोरोना नै कहर मचाई।। मिहना होग्या खाली होगे या साची बात बताई।। 3 किसे के बसकी बात ना कुदरत का यो न्या सै कुदरत नै पैदा करी या कोरोना वायरस बला सै मिलकै लड़ा तो भला सै मैं इतना समझ पाई।। मिहना होग्या खाली होगे या साची बात बताई।। 4 रणबीर कहै मैडम मेरा इतना कहण पुगादयो तीन हजार की जरूरत इसका साहरा लादयो म्हारा भूखा घर बसादयो मन की बात सुनाई।। मिहना होग्या खाली होगे या साची बात बताई।। 222*********** फ्लोरेंस नाइ टिनगेल फ्लोरेंस नाइ टिनगेल नै दुखिया का दुःख बांट्या हे वा अपना दर्द भूल गयी दुज्याँ का दर्द काट्या हे वर्ल्ड वार मैं घायल फ़ौजी उनकी सेवा खूब करी दिन रात कदे ना देखे हथेली उप्पर ज्यान धरी जितने फ़ौजी अस्पताल मैं सबका ए दिल डाट्या हे दवा पट्टी और देख भाल दिल लगा करी उसनै निराश फौजियाँ मैं फेर जीने की आश भरी उसनै लालटेन आली नाइ टिनगेल का सबनै बेरा पाट्या हे मानव सेवा मरीज की सेवा रास्ता उन्नै दिखाया हे मानव प्रेम का सन्देश यो दुनिया के मैं पोंह्चाया हे लालटेन तै करी रोशनी अँधेरा जग का छानट्या हे नर्सिंग प्रोफेशन को भी दुनिया मैं सम्मान दिवाया अवरोध घने पार करे यो करकै नै कमाल दिखाया मानव सेवा तै कदे बी नहीं दिल उसका नाट्या हे || 223*********** सिस्टम की नीतियां नै बहोत घणा ऊधम मचाया रै।। सरकारी ढांचा शिक्षा का प्राइवेट की भेंट चढ़ाया रै।। 1 शिक्षा के सरकारी ढांचे नै शासन तंत्र खराब करै इसका दोष जान बूझ कै टीचरों ऊपर जनाब धरै कि तै ढांचे का टोटा कि तै मास्टर हुया बिरान फिरै सही ढाल का टीचर भी नौकर शाही तैं घणा डरै दोष टीचरां कै लादया प्राइवेट का धर्राटा ठाया रै।। सरकारी ढांचा शिक्षा का प्राइवेट की भेंट चढ़ाया रै।। 2 एक बात समझलयां सारे जनता की मदद चाहवैगी सरकारी ढांचा बचाना हो गरीब की जिबै पार जावैगी नहीं बचे स्कूल सरकारी तो या जनता धक्के खावैगी महंगी शिक्षा का बोझ या बताओ किस तरि या ठावैगी भक्षक बणकै रक्षक छागे कसूता माहौल बनाया रै।। सरकारी ढांचा शिक्षा का प्राइवेट की भेंट चढ़ाया रै।। 3 यूनिवर्सिटी स्कूल कालेज सब पै हमला बोल दिया गंगा जमुनी संस्कृति म्हारी उड़ा कसूता मखौल दिया हिंदुत्व की ताकड़ी मैं बहु धर्मा भारत तोल दिया जात धर्म पै बढ़ा झगड़े भाईचारे मैं जहर घोल दिया आम जन की शिक्षा का जान बोझ भट्ठा बिठाया रै।। सरकारी ढांचा शिक्षा का प्राइवेट की भेंट चढ़ाया रै।। 4 पढ़ लिख कै बालक कदे बेरा पाड़लें लुटेरों का उलझाओ जात धर्म पै जितना बालक कमेरों का कमेरे समझे कोन्या बिछ्या जाल यो चोरों का जय भीम इन्कलाब का नारा लाया जावै चितेरों का रणबीर सिंह नै जोर लगा अपना कलम घिसाया रै।। सरकारी ढांचा शिक्षा का प्राइवेट की भेंट चढ़ाया रै।। 224*********** मई मैं कोरोना कोरोना के केस रोज़ाना बहोत घणे बढ़ते जावैं रै।। एक मई नै पांच लाख वैज्ञानिक अंदाज लगावैं रै।। 1 कोरोना तैं लडण की पूरी कोण्या करी गई तैयारी एक साल हो लिया स्वास्थ्य ढांचा देखै बाट थारी सीएचसी पीएचसी ये बिना स्टाफ के रंभावैं रै।। एक मई नै पांच लाख वैज्ञानिक अंदाज लगावैं रै।। 2 सिविल अस्पतालों कै सांस चढ़े मरीज बढ़ते जारे मैडीकल कालेजों कै भी कसूते सांस चढ़ते जारे ऑक्सीजन वेंटीलेटर की मांग ना पूरी कर पावैं रै।। एक मई नै पांच लाख वैज्ञानिक अंदाज लगावैं रै।। 3 सरकार नै हाथ खड़े करे जनता का दोष बताया देखो रोजाना की जरूरतां का ना सही अंदाज लगाया देखो कोरोना योद्धा मरण लागरे वेंटिलेटर ना थ्यावैं रै।। एक मई नै पांच लाख वैज्ञानिक अंदाज लगावैं रै।। 4 जनता तैं आस हमनै पूरी जमकै मुकाबला करैगी रै ज्यान की बाजी लाकै बी इसका सामना करैगी रै रणबीर बरगे लिखारी भी जनता का साथ निभावैं रै।। एक मई नै पांच लाख वैज्ञानिक अंदाज लगावैं रै।। 225************ नए का पुराना आधार होता है नए और पुराने का हमेशा संघर्ष हुया बताया है। पुराने की नीवं पर नया महल बनता आया है। 1 पुराने को खत्म करके बताओ नया कैसे बनेगा पुराने की कमी छाँट के इसकी अच्छाई पे खिनेगा रीत बहुत पुराणी है कई बार पुराना घबराया है। पुराने की नीवं पर नया महल बनता आया है। 2 जरूरी नहीं नया भी बढ़िया हो ये सारे का सारा इंसानों में खाई करे पैदा वो नया नहीं है हमारा जो सबका भला करे वही नया सही ठहराया है। पुराने की नीवं पर नया महल बनता आया है। 3 तर्क और विवेक ये परखने के औजार बताये नियम कुदरत के जाने बिना दुःख नए ने ठाये कुदरत के साथ तालमेल से कर कमाल दिखाया है। पुराने की नीवं पर नया महल बनता आया है। 4 मेरे बीरा क्यों लड़ते हो इस नए और पुराने पर सोच समझ बढ़ो आगे रणबीर सिंह के गाने पर संघर्ष से बनता नया दीखती पुराने की भी छाया है। पुराने की नीवं पर नया महल बनता आया है। 226************ जुल्मी घूँघट देवर भाभी की बहस देवर- के होग्या दो दिन मैं क्यों घणा उप्पर नै मुह ठाया तनै।। भाभी-दुनिया मैं एक इन्सान मैं भी ढंग तैं जीवणा चाहया मनै।। देवर बता भाभी गाम की इज्जत यो घूंघट नहीं सुहावै क्यों रिवाज नीची नजर तैं जीने का आंख तैं आंख मिलावै क्यों उघाड़े सिर चालै गाम मैं सरेआम म्हारी नाक कटावै क्यों सीटी मारैं कुबध करैं हाथ भिरड़ां के छते तों लगावै क्यों बहू सजै ना घूंघट के बिना बिन बूझें तार बगाया तनै।। भाभी रिवाजां की घाल कै बेड़ी क्यों बिठा करड़ा डर राख्या दुभान्त जिन रिवाजां मैं उनका भरोटा सिर पै धर राख्या घूंघट का रिवाज घणा बैरी ईनै पंख म्हारा कुतर राख्या कान आंख नाक मुह बांधे ज्ञान दरवाजा बन्द कर राख्या घूंघट ज्ञान का दुश्मन होसै पढ़ लिख कै बेरा लाया मनै।। देवर क्यूकर ज्ञान का दुश्मन सै तूं किसनै घणी भका राखी सै तेरै अपनी बुद्धि सै कोन्या चाबी और किसे नै ला राखी सै घंूघट तार कै पूरे गाम मैं ईज्जत धूल मैं खिंडा राखी सै सारा गााम थू थू करता घर घर तेरी बात चला राखी सै उल्टे रिवाज चला गाम मैं यो कसूता तूफान मचाया तनै।। भाभी ब्याह तैं पहलम तेरे भाई तैं घूंघट की खोल करी थी कही और सोच समझल्यां उनै ब्याह की तोल करी थी मनै सारी बात साफ बताई इनै ल्हको कै रोल करी थी रणबीर सिंह गवाह म्हारा मनै कति नहीं मखौल करी थी साची साच बताई सारी देवर कति ना झूठ भकाया मनै।। 227************ कोरोना की दूसरी कहर मुड़कै नै आग्या कोरोना कई प्रदेशां मैं पैर पसारे रै।। रंग बदल कै आया इबकै ये स्ट्रेन बताये न्यारे रै ।। 1 भारत दूजी कहर की भयानक चपेट के मैं आग्या रोज का फालतू आंकड़ा कई प्रदेशों के मैं छाग्या कई दिन तैं लाख तैं फालतू केस नए नए आरे रै।। रंग बदल कै आया इबकै ये स्ट्रेन बताये न्यारे रै ।। 2 रोजाना केस बढ़ते जावैं एतिहात भूल रैली करते रैली करनीया लीडर देखो कोरोना तैं जमा ना डरते एक लाख पैंतालीस हजार नौ अप्रैल नै छारे रै।। रंग बदल कै आया इबकै ये स्ट्रेन बताये न्यारे रै ।। 3 दस राज्यों के मैं बढ़े घणे कोरोना के केस बताये रै महाराष्ट्र के म्हां इसनै हटकै कसूते फतूर मचाये रै केंद्र सरकार खाली जमीन पै हवा मैं मारै हूंकारे रै।। रंग बदल कै आया इबकै ये स्ट्रेन बताये न्यारे रै ।। 4 जिम्मेदारी नै स्वीकार करो जनता कै दोष ना लाओ केंद्र सरकार की विफलता राज्यों पै ना ठहराओ कुम्भ मेला चुनाव रैली रणबीर कोरोना फैलारे रै।। रंग बदल कै आया इबकै ये स्ट्रेन बताये न्यारे रै ।। 228*********** संविधान पढ़ण बिठाया धरम की करकै तेज धार , नफरत की चला कटार देश दिया धरती कै मार , संविधान पढ़ण बिठाया।। 1 बेरजगारी घणी आज बढ़ादी यो दुखी फिरै नौजवान कृषि संकट घणा बढ़ाया फांसी खाता आज किसान तीन सौ सत्तर के तार , कश्मीर करया और बीमार कैब पै करादी हाहाकार , संविधान पढ़ण बिठाया।। 2 जितनी सरकारी कंपनी सबनै बेचण की त्यारी रै शिक्षा महंगी दवाई महंगी जनता की खाल तरी रै यो जुमले बाजी का प्रचार , जनता भकाई बारम्बार निजीकरण की बढ़ा रफ्तार , संविधान पढ़ण बिठाया।। 3 आधार कार्ड के म्हाँकै सबकै सांस कसूते चढ़ाये रै खाते मोबाईल सारे जरूरी आधार कै बांधने चाहे रै धर्म जात का ले हथियार , बढ़ाई समाज मैं तकरार बहु विविधता पै कर वार ,संविधान पढ़ण बिठाया।। 4 एक राष्ट्र और एक भाषा एक संस्कृति का नारा लाया फासीवादी हिन्दू राष्ट्र का नारा हटकै गया सै ठाया कमेरे पै चलाकै कटार , कारपोरेट के बन ताबेदार बदेशी खातर खोले द्वार ,संविधान पढ़ण बिठाया।। 229********** चुहतर साल की आजादी मैं बढ़ी अमीर गरीब की खाई।। जनता बांटी जात धर्म पै गल्त पकड़ी विकास की राही।। 1 उबड़ खाबड़ खेत क्यार किसानों नै खूब संवारे फेर माट्टी गेल्यां माट्टी होकै देश के हालात सुधारे फेर कारखाने चला मजदूरों नै कर दिये वारे के न्यारे फेर हरित क्रान्ति मजदूर किसान ल्याये भरे गोदाम सारे फेर बहोत घणे ये डैम बनाये कमेरयों नै बाजी ज्यान की लाई।। जनता बांटी जात धर्म पै गल्त पकड़ी विकास की राही।। 2 सहज सहज आजाद देश नै दुनिया मैं नाम कमाया म्हारे युवा लड़के लड़की इननै खेलां मैं दम दिखाया तरक्की तैं रफतार पकडा़ दी मिलकै नै जोर लगाया बंटवारा ठीक हुया कोन्या मेहनत कै बांटै थोड़ा आया मेहनत फिरै सड़कां पै कुछ की तरक्की खूबै ए भाई।। जनता बांटी जात धर्म पै गल्त पकड़ी विकास की राही।। 3 आजादी के सपने म्हारे सहज सहज ये बिखर गये मुनाफाखोरां के चेहरे तो भारत देश मैं निखर गये बहोत तो लागे धरती कै कुछ पहोंच उंचे सिखर गये मुठ्ठी भर तो ऐश करते वंचित तबके हो सिफर गये एक तरफ अम्बानी देखो दूजे कान्ही खड़ी धापां ताई।। जनता बांटी जात धर्म पै गल्त पकड़ी विकास की राही।। 4 लूट खसोट का माहौल ईब सबकै साहमी आया देखो घोटाले पै घोटाले करैं बेशरमी का आलम छाया देखो मेहनत कश तो पीस दिया अमीरां उधम मचाया देखो बन्दर बांट मचा राखी कमेरा गया घणा सताया देखो कहै रणबीर बरोने आला करुं सूं दिल तैं कविताई।। जनता बांटी जात धर्म पै गल्त पकड़ी विकास की राही।। 230********** मुंह मेरे पै एसिड फैंक्या सुनियो आप बीती सुणाउं मैं।। चेहरा कति विकृत होग्या खोल कै किसनै दिखाउं मैं।। 1 यो हादसा हुया साथ मेरी दो हजार पांच में देखो गरीब घर की बेटी सूं मैं तपी संकट की आंच मैं देखो खूब घूमी उन दिनां मैं कचहरी की तरफ लखाउं मैं।। चेहरा कति विकृत होग्या खोल कै किसनै दिखाउं मैं।। 2 इसे बीच मैं मेरे पिता जी म्हारे तैं नाता तोड़ गये रिस्तेदार भी कई जणे म्हारै आना जाना छोड़ गये मां रोवै बैठ अकेली बंद कमरे मैं कैसे समझाउं मैं।। चेहरा कति विकृत होग्या खोल कै किसनै दिखाउं मैं।। 3 भाई कै टी बी होरी देखो मां उसका इलाज करावै कैसै आमदनी का कोए साधन ना घर का खर्च चलावै कैसै आंटी म्हारा खर्च औटरी उसका कैसे कर्ज चुकाउं मैं।। चेहरा कति विकृत होग्या खोल कै किसनै दिखाउं मैं।। सात आपरेशन हो लिए मनै हार कति मानी कोन्या हमदरदों नै मदद करी आंटी का कोए सानी कोन्या अपने पाहयां खड़ी होकै मिशाल नई दुनिया मैं रचाउं मैं।। चेहरा कति विकृत होग्या खोल कै किसनै दिखाउं मैं।। 4 उम्र कैद होनी चाहिये सै दस साल की सजा ना काफी सै दस साल की काट सजा वो तो आकै उल्टा रचावै शादी सै चेहरे की बदहाली होरी मेरी यो कैसे घरबार बसाउं मैं।। चेहरा कति विकृत होग्या खोल कै किसनै दिखाउं मैं।। 5 तेजाब की खुली बिक्री रोकै या अरदास मेरी समाज तैं म्हारे बरगी महिलावां की या फरमास मेरी समाज तैं इसी पीड़ितां नै मिलै नौकरी रणबीर यो कानून चाहूं मैं।। चेहरा कति विकृत होग्या खोल कै किसनै दिखाउं मैं।। 231*********** कै दिन राज चलैगा रै। वोट लिए बहकाकै वोट लिए हम बहकाकै ईब बिजली के रेट बढ़ाकै म्हारे तांहिं आँख दिखाकै कै दिन राज चलैगा रै। 1 बिजली कितने घण्टे आवै किसान इसपै विचार करै कम बिजली की तूँ क्यूँ म्हारे सिर पै तलवार धरै बिलां के उप्पर धमकाकै बिल धिंगतानै भरवाकै राज की धौंस दिखाकै कै दिन राज चलैगा रै।। 2 बिजली की चोरी थारे चमचे रोज हमनै करते देखे करखनेदारां के एस डी ओ पाणी हमनै भरते देखे जितनी बिजली होवै पैदा इसतैं किसनै कितना फैदा बिना कोये कानून कैदा कै दिन राज चलैगा रै।। 3 मुफ़्त बिजली पाणी देऊं एक बै न्यों कैह बहकाये भरपूर बिजली लगातार मिलै वोट थे तणै गिरवाये कर्मचारी साथ मिलाकै बैठ गया कुर्सी पै जाकै रोज ये झूठी सूँह खाकै एकै दिन राज चलैगा रै।। 4 निजीकरण ना होवण दयूं इनकी घोषणा तणै करी लारे लप्पे घणे दिए थे जनता नै पीपी तेरी भरी थी विश्व बैंक तनै धमकावै तूँ म्हारे पै छोह मैं आज्यावै रणबीर सिंह छंद बणावै कै दिन राज चलैगा रै।। ranbir dahiya 232*********** टेक.......ये मर्द बड़े बेदर्द बड़े ना टोह्या पा वै भ्रष्टाचारी औ दिन कद आवैगा ।। ना दुखी करै बेरोजगारी औ दिन कद आवैगा ।। 1 रोटी कपडा किताब कापी नहीं घाट दिखाई देंगे चेहरे की त्योरी मिटज्याँ सब ठाठ दिखाई देंगे काम करने के घंटे पूरे फेर ये आठ दिखाई देंगे म्हारे बालक बी बणे हुए मुल्की लाट दिखाई देंगे कूकै कोयल बागों मैं प्यारी औ दिन कद आवैगा ।। ना दुखी करै बेरोजगारी औ दिन कद आवैगा ।। 2 दूध दही का खाना हो बालकां नै मौज रहैगी छोरी माँ बापां नै फेर कति नहीं बोझ रहैगी तांगा तुलसी नहीं रहै दिवाली सी रोज रहैगी बढ़िया ब्योहर हो ज्यागा ना सिर पै फ़ौज रहैगी ना होवै औरत नै लाचारी औ दिन कद आवैगा।। ना दुखी करै बेरोजगारी औ दिन कद आवैगा ।। 3 सुल्फा चरस फ़ीम का ना कोए अमली पावै माणस डांगर नहीं रहै नहीं कोए जंगली पावै पीस्सा ईमान नहीं रहै ना कोए नकली पावै दान दहेज़ करकै नै दुःख ना कोए बबली पावै होवैं बराबर नर और नारी औ दिन कद आवैगा ।। ना दुखी करै बेरोजगारी औ दिन कद आवैगा ।। 4 माणस के गल नै माणस नहीं कदे बी काटैगा गाम बरोना रणबीर का असली सुर नै छाँटैगा लिख कै बात सबकी सबके दुःख नै बांटैगा वोह पापी होगा जो आज इसा बनने तैं नाटैगा राड़ खत्म हो म्हारी थारी औ दिन कद आवैगा ।। ना दुखी करै बेरोजगारी औ दिन कद आवैगा ।। 233************ एक आह्वान रागनी हम कदम मिलजुलके मंजिल की तरफ बढ़ाएंगे ॥ हमारी बहुविविधता को दे हर क़ुरबानी बचाएंगे ॥ गुणवत्ता वाली पढ़ाई वास्ते जनता लाम बन्द करेंगे सबको सस्ता इलाज मिले ऐसा मिलके प्रबंध करेंगे निर्माण के उदाहरण हम करके सबको दिखाएंगे ॥ अन्ध विश्वास के खिलाफ लंबा चलाएं एक अभियान सबका मिलके होगा प्रयास बने संवेदनशील इंसान प्रति गामी विचार को वैज्ञानिक आधार से हराएंगे ॥ मिल करके करेंगे विरोध सभी दलित अत्याचार का महिला समता समाज में हो मुद्दा बनायेंगे प्रचार का रोजगार मिले सबको ये हम सब अभियान चलाएंगे ॥ सद्भावना बढे समाज में नफरत का विरोध करेंगे पूरे समाज का विकास हो इस पे पूरा शोध करेंगे बढ़े हुए कदम हमारे रणबीर आगे बढ़ते ही जायेंगे ॥ 234************ बाबा साहब अम्बेडकर बाबा साहब अम्बेडकर ने बौद्ध धर्म का धारण कर लिया था तो कई बार हिन्दू उनको घर वापस आ जाने की बात करते थे तो क्या जवाब होता था बाबा साहेब का क्या बताया भला --- बाबा साहेब नै कहया तम कौनसे घर की बात करो । वर्ण व्यवस्था मजबूत करो चर्चा याहे दिन रात करो । जिस घर का सपना तम हम सबनै दिखलाओ सो रै दुः स्वपन नै सपना कहकै हमनै दिन रात भकाओ सो रै इसा थारा घर का सपना जानवरां नै भी मात करो ।1 । घर ईसा बनाया थामनै नहीं परिवार कठ्ठा हो खावै कुछ की झूठण जिस घर मैं बाकी का भोज बणज्यावै इसे घर नै के चाटां जड़ै व्यभिचार होवै उत्पात करो । 2 । म्हारे समाज के घरां मैं यो सब कुछ न्यारा न्यारा देखो कुआं न्यारा और भांडे न्यारे न्यारा यो सबका हारा देखो ईसा घर जिसमै तूँ ठाली बाकी मिलकै खुभात करो । 3 । घर मैं वापसी चाहो रै दखे लालच दे दे कई लाख की चूल हिलादी जमा परवाह नहीं मानव की साख की कहै रणबीर बाबा साहेब की गेल्याँ मत दुभाँत करो । 4 । 235********** आज राहुल सांकृत्यान का जन्म दिन बताया रै।। प्रचंड तूफानी घणा था महा विद्रोही कहाया रै।। 1 छोटी उम्र मैं लिकड़या रहया ना परिवार मैं उस पाछै महंत बणकै घूम्या इस संसार मैं महंत तैं हो आर्यसमाजी मग्न हुया प्रचार मैं उड़ै भी बात बणी ना गया वो बौद्ध दरबार मैं आखिर कम्युनिस्ट बण्या रास्ता अपना बनाया रै।। प्रचंड तूफानी घणा था महा विद्रोही कहाया रै।। 2 संघर्ष तैं भरया जीवन राहुल का बताया भाई खुद देख परख कै नै रास्ता था बनाया भाई समझण सीखण नै वार्ता लाप चलाया भाई छत्तीस भाषा सीखी कर कमाल दिखाया भाई किसान ताहिं जेल जान तैं कदे ना घबराया रै।। प्रचंड तूफानी घणा था महा विद्रोही कहाया रै।। 3 रूढ़ीवाद जाति मजहब भस्म करे विचार मैं लिखते पढ़ते लड़ते लग्या रहया प्रचार मैं लोगाँ गेल्याँ रहया ना गया राज दरबार मैं बिना एकता गुजारा ना इस जालिम संसार मैं मानसिक गुलामी तैं लिकड़ो यो रस्ता सुझाया रै।। प्रचंड तूफानी घणा था महा विद्रोही कहाया रै।। 4 बाहरी क्रांति तैं पहले भीतरी क्रांति लयावां रै रूढ़िवादी विचार छोड़ कै आगै बढ़ते जावां रै गंगा जुमनी संस्कृति नै धर्मान्धता तैं बचावाँ रै कौवे नै धोकै नै रणबीर हंस नहीं बना पावां रै राहुल सांकृत्यान नै म्हारा देश जगाना चाहया रै।। प्रचंड तूफानी घणा था महा विद्रोही कहाया रै। 236************* ब्रूनो नै चर्च में पढ़कै कहते पादरी बनना चाहया था।। कॉपरनिकस की किताब पढ़कै उसनै पल्टा खाया था।। 1 सवाल उठाकै वो क्यों धरती सूरज पै बहस चाहवै आगै अध्ययन करकै नै क्यों नहीं पता लगाया जावै ज्यों ज्यों अध्ययन करै सूरज चौगरदें धरती घुमती पावै चर्च की ताकत और गुस्सा पूरी ढ़ालां समझ मैं आवै ब्रूनो नै इसे कारण तैं इटली छोडण का मन बनाया था।। कॉपरनिकस की किताब पढ़कै उसनै पल्टा खाया था।। 2 कुछ विद्वान सहमत होगे फेर साथ कदम नहीं धरया दिन दूनी रात चौगुनी प्रचार करता ब्रूनो नहीं डरया आम जनता का दिल उसनै यो पूरी तरियां दखे हरया प्रयाग पैरिस इंग्लैंड जर्मनी मैं उसनै था प्रचार करया चर्च की दाब नहीं मानी हारकै चर्च नै भगोड़ा बताया था।। कॉपरनिकस की किताब पढ़कै उसनै पल्टा खाया था।। 3 ज्यों ज्यों प्रचार करया चर्च का गुस्सा बढ़ावै था ब्रूनो भी बढ़ता गया आगै ना पाछै कदम हटावै था चर्च की छलां तैं बताओ कितने दिन बच पावै था वैचारिक समझौता ना करूंगा यो सन्देश पहूंचावै था चर्च नै पकड़ण की खातर फेर कसूता जाल बिछाया था।। कॉपरनिकस की किताब पढ़कै उसनै पल्टा खाया था।। 4 चर्च मानस तैयार किया वो ब्रूनो धोरै पढ़ना चाहवै सै फीस तय करदी उसकी फेर एक पते कै ऊपर बुलावै सै ब्रूनो भी शिष्य एक बनैगा मेरा सोच कै नै सुख पावै सै चर्च की चाल सोची समझी समझ उसकी ना आवै सै गिरफ्तार कर लिया चर्च नै बहोत घणा गया सताया था ।। कॉपरनिकस की किताब पढ़कै उसनै पल्टा खाया था।। 5 अमानवीय यातना दी चर्च नै ब्रूनो अपने मत नै छोड़ दे पहले आली सोच कांहीं अपनी सोच नै ब्रूनो मोड़ दे छह साल ताहिं मंड्या रहया चर्च ब्रूनो की कड़ तोड़ दे लोहे के सन्दूक मैं राख्या ताकि मौसम यो शरीर निचौड़ दे यो अत्याचार चर्च का ब्रूनो का मनोबल गिरा ना पाया था ।। कॉपरनिकस की किताब पढ़कै उसनै पल्टा खाया था।। 6 न्यायालय का ड्रामा रच कै घनी भूंडी सजा सुनवाई इसी सजा दयो इसनै एक बी खून की बूंद ना दे दिखाई ब्रूनो उलट कै बोल्या था सरकार घणी डरी औड़ पाई रोम के चौंक मैं ब्रूनो खम्भे कै ल्याकै बांध्या था भाई रणबीर कपड़ा ठूंसकै मूंह मैं ब्रूनो जिंदा उड़ै जलाया था ।। कॉपरनिकस की किताब पढ़कै उसनै पल्टा खाया था।। 237************ युग पुरुष डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर उनकी याद के रूप में एक रागनी***** बाबा साहेब अंबेडकर शिक्षित होकै संगठन बनाकै संघर्ष का नारा लाया रै।। विचार मानवता वाद का पूरी दुनिया मैं पंहुचाया रै।। 1 दलित शोषित महिलाओं को समाज मैं सम्मान मिलज्या म्हारी दरद भरी जिंदगी मैं खुशी का कोय फूल खिलज्या सामाजिक समानता बारे संघर्ष का बिगुल बजाया रै।। विचार मानवता वाद का पूरी दुनिया मैं पंहुचाया रै।। 2 चौदह अप्रैल ठारा सौ कियानवै इस दुनिया मैं आये परिवार मैं बाबा साहेब ये चौदहवीं सन्तान बताये दलितोत्थान के विचार तैं युग बदलो का नारा ठाया रै।। विचार मानवता वाद का पूरी दुनिया मैं पंहुचाया रै।। 3 नागपुर सम्मेलन के मां उणनै एक बात समझाई थी देश की उन्नति का पैमाना महिलाओं की हालत बताई थी सभी तबकों का कल्याण होवै इसा संविधान बनाया रै।। विचार मानवता वाद का पूरी दुनिया मैं पंहुचाया रै।। 4 उन्नीस सितंबर का दिन था मनु स्मृति जलाई कहते समतामूलक समाज की बाबा जी अलख जगाई कहते रणबीर उनके विचारों पै कर कोशिश छंद बनाया रै।। विचार मानवता वाद का पूरी दुनिया मैं पंहुचाया रै।। 238************ दिल्ली आल्यो गिणकै दिये बोल तीन सौ साठ दिल्ली आल्यो। नहीं सुणते बात म्हारी देखैं बाट दिल्ली आल्यो।। 1 कोरोना बीमारी आगी दुखी हिदुस्तान करया लॉक डाउन लागू करकै गरीब परेशान करया भूख घमासान करया प्रबन्ध घाट दिल्ली आल्यो।। नहीं सुणते बात म्हारी देखैं बाट दिल्ली आल्यो।। 2 ईब खत्म म्हारी कमाई कति गोलते कोण्या हम मरते बिना दवाई कति तोलते कोन्या कति बोलते कोण्या बनरे लाट दिल्ली आल्यो।। नहीं सुणते बात म्हारी देखैं बाट दिल्ली आल्यो।। 3 म्हारे बालक बिना घर दर दर के धक्के खावैं थारे बैठे कोठियां मैं ये टीवी देखैं मौज उडावैं हम भूखे टेम बितावैं थारे सैं ठाठ दिल्ली आल्यो।। नहीं सुणते बात म्हारी देखैं बाट दिल्ली आल्यो।। 4 कोरोना केस बढ़े रणबीर पोल थारी खोल दई गउ भैंस बकरी म्हारी ये बिकवा बिन मोल दई मचा रोल दई गया बेरा पाट दिल्ली आल्यो।। नहीं सुणते बात म्हारी देखैं बाट दिल्ली आल्यो।। 239*********** रैलियां मैं भीड़ घटती जावै यो घणा मोटा चाला होग्या रै।। नया शगूफा जल्दी ल्याणा हो घणा भुण्डा ढाला होग्या रै।। 1 सरकारी संसाधन बेचे सैं जनता थू थू करण लगी महंगाई दिन पै दिन बढ़ै सै वोट भी इब घटण लगी छोटे उद्योगपतियाँ की भी जुबान आज या खुलण लगी बेरोजगारी बढ़ती जावै सै जनता पाछै हटण लगी गठबंधन के साथी भाज लिए यो गुड़ का राला होग्या रै।। नया शगूफा जल्दी ल्याणा हो घणा भुण्डा ढाला होग्या रै।। 2 जनता खुलकै विरोध मैं सडकां ऊपर आण लगी विरोधियों की लड़ाई के या जनता गीत गाण लगी झारखंड की जनता भी दूजे कान्ही लखाण लगी डर दबदबे रूतबे नै या जनता धत्ता बताण लगी झूठ पै झूठ इतनी बोली सब क्यान्हे का गाला होग्या रै।। नया शगूफा जल्दी ल्याणा हो घणा भुण्डा ढाला होग्या रै।। 3 पन्दरा लाख की बाट दिखाई सबर सबका टूट गया बुलेट ट्रेन भी कोन्या चलाई घणा गुस्सा फूट गया पैट्रोल डीजल म्हंगे करकै नै यो अम्बानी लूट गया हर साल दो करोड़ रोजगार नारा पाछे नै छूट गया ध्यान हटावण खातर जरूरी बदलना पाला होग्या रै।। नया शगूफा जल्दी ल्याणा हो घणा भुण्डा ढाला होग्या रै।। 4 सीएए एन आर सी ल्याकै नै जनता के ध्यान बंटाए तीन देशों के वासी मानस उन खातर क्लॉज बनाए हिन्दू सिख बुद्धिस्ट जैन ईसाई पारसी इसमैं ल्याए पांच सात कर कानून मैं मुस्लिम और ढाल दिखाए रणबीर सिंह संविधान खातर यो दिन काला होग्या रै।। नया शगूफा जल्दी ल्याणा हो घणा भुण्डा ढाला होग्या रै।। 240************ नया नवजागरण महिला नौजवान दलित मिलकै आज नया हरियाणा बणावैंगे अपना खोया आत्म सम्मान हांसिल कर दुनिया नै दिखावैंगे।। 1 पूंजीवादी विकास की राही या देखियो खाई और बढावैगी रै गरीब जावै और भी सताया अमीर की पीठ थप थपावैगी रै कुप्रचार समाज वाद के बारे हम जनता के साहमी ल्यावैंगे।। अपना खोया आत्म सम्मान हांसिल कर दुनिया नै दिखावैंगे।। 2 इस राही नै देखो अमरीका आज कति पढ़ण बिठा दिया रै हटकै मंदी का दौर छाया दुनिया मैं तहलका मचा दिया रै किसान मजदूर सब कट्ठे होकै क्रांति का बिगुल बजावैंगे।। अपना खोया आत्म सम्मान हांसिल कर दुनिया नै दिखावैंगे।। 3 देशी और अमरीकी कारपोरेट नै बणा यो गठजोड़ लिया एसी जिंदगी जीवैं खुद ये गरीब तैं कति नाता तोड़ लिया जात धर्म पै बांट कै दुनिया ये कितने दिन ऐश उड़ावैंगे।। अपना खोया आत्म सम्मान हांसिल कर दुनिया नै दिखावैंगे।। 4 राज बदलना आसान आड़े सिस्टम बदलना आसान नहीं सिस्टम ना बदलै जिब तक हो कट्ठा मजदूर किसान नहीं कहै रणबीर ये दोनूं मिलकै साझला नया साज बजावैंगे।। अपना खोया आत्म सम्मान हांसिल कर दुनिया नै दिखावैंगे।। 241********** बंगाल आर्मी फौज के सिपाही डटगे रणभूमि मैं आकै॥ हिंदु मुस्लिम साथ लड़े फिरंगी पड़या तिवाला खाकै॥ 1 हर जवान फौजी के दिल मैं उमंग भरी घणी भारी रै सारै फौजी पाछै-पाछै चाले आगै पांडे क्रान्तिकारी रै न्यों सोचैं थे फौजी तिरंगा लहरा दयां दिल्ली जाकै॥ हिंदु मुस्लिम साथ लड़े फिरंगी पड़या तिवाला खाकै॥ 2 तिल-तिल करकै आगे बढ़ते देश आजाद कराया चाहवैं धर कांधे बन्दूक फौजी सभी कदम तै कदम मिलावैं थी नई-नई तकरीब भिड़ाई सारै भाज्या फिरंगी घबराकै॥ हिंदु मुस्लिम साथ लड़े फिरंगी पड़या तिवाला खाकै॥ 3 महिला कति पाछै रही कोन्या हर जगां वो साथ लड़ी अंग्रेजां नै होई धरती भीड़ी ये देखी औरत साथ खड़ी पहली आजादी की जंग फिंरगी छोड़या कति रंभा कै॥ हिंदु मुस्लिम साथ लड़े फिरंगी पड़या तिवाला खाकै॥ 4 बंगाल आर्मी फोजी सेना नया इतिहास रचाया था तन-मन-धन सब लाकै देश आजाद कराना चाहया था रणबीर सिंह करै कविताई रै कलम अपनी या ठाकै॥ हिंदु मुस्लिम साथ लड़े फिरंगी पड़या तिवाला खाकै॥ 242********** सपना के बूझैगी कमला घणा कसूता सपना आया।। सपने के मां देख्या पूरा संसार बदल्या पाया।। 1 एक संसार मैं सोया था उठया दूजे संसार मैं पाया पेरिस कोण्या उतना रोमांटिक प्यार मैं न्यूयार्क पै भी दीखै आज काला बादल छाया।। सपने के मां देख्या पूरा संसार बदल्या पाया।। 2 किला चीनी दीवार का चौड़े मैं दीखै ढहग्या मक्का भी देखल्यो जमा खाली हाथ रैहग्या इटली जर्मनी देखो कोरोना नै कहर ढाया।। सपने के मां देख्या पूरा संसार बदल्या पाया।। 3 बेरा लाग्या पिस्से तैं ऑक्सीजन नहीं थ्यावै ताकत धरी रैहज्या कोण्या कोये पार बसावै प्रकृति नै इंसान तैं आज गंभीर पाठ पढ़ाया।। सपने के मां देख्या पूरा संसार बदल्या पाया।। 4 हवा धरती आसमान आज न्यों कहते देखो सुण तेरे बिना हमतै देख सुखतैं रहते देखो रणबीर हाल सपने का न्यों का न्यों बताया।। सपने के मां देख्या पूरा संसार बदल्या पाया।। 243*********** इस कोरोना नै देश मैं घणा डर फैलाया देखो।। हरियाणे के चारों कांहीं सन्नाटा सा छाया देखो।। 1 लोक डाउन के देश मैं फरमान गए सुनाए मजबूर मानस बाहर सैं बाकी घरां बिठाए धर्म संस्थानों कै भी इसनै ताला लवाया देखो।। 2 रुसवाई आज चारों तरफ हमनै दीख रही मानवता प्रकृति तैं पाठ नए नए सीख रही कोरोना नै दुनिया के मैं महाघोर मचाया देखो।। 3 इस कोरोना करकै नै गरीब घणे दुख पाये चीन इटली जर्मनी अमरीका के सांस फुलाये भारत मैं भी कोरोना का आज कहर आया देखो।। 4 बचाव करेंगे मिलकै डब्ल्यू एच ओ संग भाई सावधानी बचाव करैगी कोण्या और दवाई रणबीर नै टूट्या फुटया यो छंद बनाया देखो । 244********** हरियाणे के वीरो जागो *हरियाणे के वीरो जागो तजो जात के बाणे नै।।* *ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।।* 1- गरीब माणस नै मरज्याणी गरीब भाई तैं दूर करै अमीर होज्यां एक थाली मैं यो गरीब मजबूर फिरै *अमीर इस्तेमाल भरपूर करै गरीबाँ नै बहकाणे नै।।* ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।। 2- अमीरां का छोरा कोये बेरोजगार जमा ना पाणे का पुलिस कचहरी सब उनके ख़ाली हुक्म ना जाणे का *गरीब लूट कै खाणे का टोहया सै राह मरज्याणे नै।।* ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।। 3- मेहनत जात गरीबाँ की और कोये तो जात नहीं जाट ब्राह्मण सिर फुड़वावें मिलै खान नै भात नहीं *जात मिटा सकै दुभांत नहीं बात कही सै स्याणे नै।।* ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।। 4- जात के ठेकेदारां की बांदी या करै इनकी ताबेदारी आम आदमी जकड़ लिया अमीर करै पूरी पहरेदारी *रणबीर करै नहीं चाटूकारी नहीं बेचै अपणे गाणे नै।।* ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै। 245*********** स्मार्ट सिटी सम्राट सिटी बण्या तो कौन बसै कौन उजड़ज्यागा ॥ किसकी पांचों घी मैं होंगी किसका खेल बिगड़ज्यागा ॥ 1 म्हारे गाम की धरती नै सरकार कब्जाना चाहवै सै बिकै तीस लाख मैं किल्ला किसान बाधु पाया चाहवै सै बिन किल्ले आले लोगों का यो पीतलिया लिकड़ज्यागा ॥ किसकी पांचों घी मैं होंगी किसका खेल बिगड़ज्यागा ॥ 2 राजस्थान मैं जाकै खरीदैं चौधरी बीस किल्ले धरती के बिना बिसवे आला भटकै हाल बुरे होये सैं सरती के किसा बुरा जमाना आया यो गरीब जमा पिछड़ज्यागा ॥ किसकी पांचों घी मैं होंगी किसका खेल बिगड़ज्यागा॥ 3 पुराने गाम मैं म्हारे पै थोड़ा ए घणा सै रोजगार देखो हाल बढ़िया नहीं सैं मुश्किल मैं जीवै परिवार देखो नए शहर मैं कून बड़न दे यो असल उड़ै उघड़ज्यागा ॥ किसकी पांचों घी मैं होंगी किसका खेल बिगड़ज्यागा॥ 4 खेत मजूरी बचै नहीं नए शहर मैं काम मिलै ना भाई घरबार रूल ज्यांगे म्हारे यो चेहरा कदे खिलै ना भाई रणबीर सिंह की कविताई यो घेरा घणा जकड़ ज्यागा ॥ किसकी पांचों घी मैं होंगी किसका खेल बिगड़ज्यागा॥ 246*********** राजनीती कैसे बचैगी रै समाज का ताणा बाणा तोड़ कै।। देश नै उल्टा चलाया चाहते दिशा इसकी जमा मोड़ कै।। 1 अंध विश्वास को हटकै म्हारी समाज उभारा देरी देखो अँधेरे का साथ देकै कहते हम हटावां अँधेरी देखो वकास की बात करते हैं देखो जमा घरोड़ मरोड़ कै।। राजनीती कैसे बचैगी रै समाज का ताणा बाणा तोड़ कै।। 2 तोड़ण की बात करते हैं दे नारा सबके साथ का रै समाज बाँट कै गेर दिया सै ये करते काम घात का रै कितने किसान फांसी ख्वाये सबनै देख लियो जोड़ कै।। राजनीती कैसे बचैगी रै समाज का ताणा बाणा तोड़ कै।। 3 मंदिर मस्जिद गुरद्वारे चरचाँ ऊपर लड़वाये लव जिहाद एंटी रोमियो स्क्वैड ये चारों तरफ फैलाये बहुविविधता का गल घोटैंगे इसकी नाड़ मरोड़ कै।। राजनीती कैसे बचैगी रै समाज का ताणा बाणा तोड़ कै।। 4 एक एक करकै सबका देखो नंबर जरूर लावैंगे दलित महिला माइनॉरिटी ये इनकी भ्यां बुलवावैंगे क्यों पाखंड नै ल्याये जानके रणबीर विवेक नै छोड़ कै।। राजनीती कैसे बचैगी रै समाज का ताणा बाणा तोड़ कै।। 247********** महाकाव्यों को जब इतिहास बनाया जाने लगे तो वैज्ञानिकों के सामने एक चुनौती आ खड़ी होती है। क्या बताया भला--- विकास का नाम लेकै नै ये समाज बाँटना चाहवैं सैं।। महाकाव्य म्हारे देश के उणनै इतिहास बतावैं सैं ।। 1 अंधविश्वसां की जड़ गहरी उनपै आज खेल रहे मुट्ठी भर ऐस करते बाकि सारे संकट झेल रहे सवाल मतना ठावो कति आज हमनै धमकावैं सैं।। महाकाव्य म्हारे देश के उणनै इतिहास बतावैं सैं ।। 2 बेरोजगारी नै चारों कान्ही कहर कसूता मचाया रै म्हारे युवक और युवती के जीवन पै संकट छाया रै पक्की नौकरी बन्द करकै ठेकेदारी प्रथा बढ़ावैं सैं ।। महाकाव्य म्हारे देश के उणनै इतिहास बतावैं सैं ।। 3 ये रोजगार देते कोण्या जात पात धर्म पै बाँट रहे कितै सिख पटेल कितै किसान की मांग नाट रहे चाल आजादी पाछै इनकी हम उलझते ए जावैं सैं।। महाकाव्य म्हारे देश के उणनै इतिहास बतावैं सैं ।। 4 झूठ बोल बोल कै रोजाना जनता खूब भकाई जावै गऊ गीता गंगा के पाछै असली संकट छिपाई जावै रणबीर सिंह के छन्द ये सच का साथ निभावैं सैं।। महाकाव्य म्हारे देश के उणनै इतिहास बतावैं सैं ।। 248*********** पीस्सा माणस आले प्यार रहे ना जग में पीस्सा छाग्या। माट्टी होगी त्याग भाव की जी घणा दुख पाग्या।। 1 विज्ञान की नई खोजां नै अनहोनी करकै दिखाई नियम जाण कुदरत के या जिन्दगी सफल बणाई गलत इस्तेमाल हो इसका तो घणी करदे तबाही मुट्ठी भर लोगां नै इसपै अपनी धाक जमाई नाज सड़ै गोदामां मैं भूखा दुख मैं फांसी खाग्या।। माट्टी होगी त्याग भाव की जी घणा दुख पाग्या।। 2 कुछां के कुते ऐश करैं म्हारे बालक भूखे मरते हम दिन रात कमावैं वे तै कमाई काली करते चटनी नहीं नसीब हमनै वे पकवानां तैं डरते पीस्से के अम्बार लगे इनके पेट कदे ना भरते बिन पैंदे का लौटा हमनै मूरख बेकूफ बताग्या।। माट्टी होगी त्याग भाव की जी घणा दुख पाग्या।। 3 म्हारी ईज्जत आबरू उतरै ईब खुले बाजार मैं धेले की ना कदर रही आपस के ब्यौहार मैं ना सही रिश्ते बनाए हमनै अपने परिवार मैं औरत दी एक चीज बणा लालच के संसार मैं बैडरूम सीन टीबी पै खुलकै दिखावण लाग्या।। माट्टी होगी त्याग भाव की जी घणा दुख पाग्या।। 4 खेती खोसी डांगर खोसे ईब करैगा कंगला यो ना सुहावै म्हारी झूंपड़ी खुदका बढ़िया बंगला यो म्हारी लूट कमाई देखो हमनै बतावै पगला यो रहे ताश खेलते तो नहीं समझ पावां हमला यो बता रणबीर सिंह क्यों पीस्से का नंगापन भाग्या।। माट्टी होगी त्याग भाव की जी घणा दुख पाग्या।। 249************* देवर भाभी की तकरार देवर -- म्हारी परंपरा सै घूँघट म्हारी इज्जत सही बताया ॥ भाभी --इस घूँघट नै महिला कै यो बैरियर कसूत लगाया ॥ देवर --बिन घूँघट कोए बहु किसी भाभी मनै बताईए री या घूँघट की रीत पुराणी इसनै तो तूँ अपनाईये री म्हारे बड़े बडेरयाँ नै कदे पूरा समाज यो समझाया ॥ भाभी - पांच इन्द्री ज्ञान लेण की इस दुनिया मैं गयी बताई स्पर्श करकै सूंघ करकै होसै ज्ञान की वृद्धि जताई देख करकै सुन करकै चाट कै होसै ज्ञान सवाया ॥ देवर - घूँघट गेल्याँ के रिश्ता भाभी पांच इन्द्रियां का बता लाज म्हारी सै घूँघट भाभी तारैगी तो होवेगी खता लिहाज शर्म पूरे गाम की यो घूँघट संस्कृति दिखाया ॥ भाभी -इसका रिश्ता इन्द्रियां तैं मनै तो साफ़ दिखाई देवै सै पाँच मैं तै चार जकड़ ली या महिला कैसे ज्ञान लेवै सै रणबीर नै घूँघट के खिलाफ हरियाने मैं झंडा ठाया ॥ 250*********** अंग्रेजों नै लूट मचाई यो चारों कूट रोला पड़ग्या। एक दूजे के गल कटावैं राज पाट जमा सड़ग्या।। 1 घर बनाये तबेले देश मैं रही माणस की खोड़ नहीं जात पात पर भिड़वारे आज जुल्मों का औड़ नहीं शोषण करैं देश का इमान का जुलूस लिकड़ग्या।। एक दूजे के गल कटावैं राज पाट जमा सड़ग्या।। 2 मेहनत करी लोगां नै विज्ञान नै राह दिखाया या दुनिया बदल दई घणा खून पसीना बाहया गोरयां नै डाण्डी मारी भारत कति ए तै पिछड़ग्या || एक दूजे के गल कटावैं राज पाट जमा सड़ग्या।। 3 न्याय की बात भूलगे नहीं ठीक करया बंटवारा पांच सितारा होटल दूजे कान्ही यो फूटया ढारा देश की कमाई का मुनाफा अंग्रेजों कै बड़ग्या।। एक दूजे के गल कटावैं राज पाट जमा सड़ग्या।। 4 रेडिओ पै सपने हमनै आज खूब दिखाये जावैं रणबीर लालच देकै नै पिठू आज बनाये जावैं डर आजादी की लड़ाई तैं गोरा और अकड़ग्या || एक दूजे के गल कटावैं राज पाट जमा सड़ग्या।। 251********** जब जब जनता जागी यो जुल्मी शोषक झुका दिया ।। भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै सबनै भगा दिया ।। आजाद देश का सपना पहुंचा शहर और गांव मैं भगत सिंह फांसी टूटा जोश था देश तमाम मैं दुर्गा भाभी गेल्याँ जुटगी इस आजादी के काम मैं लाखाँ नर और नारी देगे या कुर्बानी गुमनाम मैं कुर्बानी बिना नहीं आजादी गांधी अलख जगा दिया ।। भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै सबनै भगा दिया ।। गोरे गये आगे काले गरीबी जमा मिटी नहीं सै बुराई बढती आवै सै भिद्द इसकी पिटी नहीं सै अच्छाई संघर्ष करण लागरी आस जमा घटी नहीं सै जनता एक दिन जीतेगी या उम्मीद छुटी नहीं सै म्हारी एकता तोडण़ खातिर जात पात घणा फैला दिया।। भारत तैं जुल्मी गौरा मिलकै सबनै भगा दिया।। जात पात हरियाणा की सै सबतैं बड्डी बैरी भाइयो विकास पूरा होवण दे ना दुनिया याहे कैहरी भाइयो वैज्ञानिक सोच काट सै इसकी जड़ घणी गहरी भाइयो अमीराँ की जात अमीरी म्हारै गरीबी फैहरी भाइयो समता वादी समाज होगा संघर्ष का डंका बजा दिया ।। भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै सबनै भगा दिया ।। दारू माफिया मुनाफा खोर इनकी पक्की यारी देखो भ्रष्ट पलसिया औछा नेता करता चौड़े गद्दारी देखो बिचोलिया घणे पैदा होगे म्हारी अक्ल मारी देखो लंबे जन संघर्ष की हमनै कर ली तैयारी देखो रणबीर भगत सिंह ने रास्ता सही दिखा दिया।। भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै सबनै भगा दिया ।। 252********* आज के माहौल को बयाँ करती एक रागनी नौजवान युवक और युवतियों के लिए खासकर सब किमै उफण्या हांडै मेरी समझ नहीं आया रै। वातावरण अग्रेसिव होग्या डॉक्टर नै बताया रै। भीतर के डॉक्टर का बाहर के मौसम तैं कण्ट्रोल बाहर का मौसम अग्रेसिव इसका हुया मापतोल मीडिया पै यो ऊधम अंधविश्वासियों नै मचाया रै। बाहर का माहौल बिगड़ै कैसे भीतर शांत रहै तूफ़ान बाहर तो अंदर कैसे शीतल लहर बहै अग्रेसिव भीतर बाहर के माहौल नै बनाया रै। कीटनाशक बढे शरीर मैं न्यूरो सिस्टम बिगाड़या अग्रेसिव यूथ इसे कारन डॉक्टरां तत लिकाड़या कीटनाशक छाये थाली मैं कैसर रोग बढ़ाया रै। भीतर धोक मारे तैं ठीक जमा नहीं होवैगा रै अंध विश्वास देश भीतर बाहर नफरत बोवैगा रै रणबीर बाहर की मिलकै हटावां काली छाया रै। 253*********** रिवाज घूँघट का बुजुर्ग महिला चौपाड़ धोरे कै घूँघट मैं जाया करती ॥ चौपाड़ मैं चढ़ना दूर इस कान्ही नहीं लखाया करती ॥ ज्येठ ससुर तैं घूँघट करकै लिहाज शर्म निभावें थी नीची नजर करकै चालें थी ऊपर नै नहीं लखावें थी सासू पितस तैं भी कई घूँघट रिवाज निभाया करती ॥ नयी नवेली बहु जिब गाम मैं पाणी भरने जाती भाई सिर पर दोघड पाणी की उसकी घूँघट थी भाती भाई घर कै भित्तर बाहर बहु घूँघट मैं आया जाया करती ॥ सिर उभाणी या बहु अन्घानी कदे कदीमी सुणते आये बेपर्दा लुगाई ल्यादे तबाही बड़े बड़ेरे न्यूँ गुणते आये या घूँघट पढ़े लिखे की भी घिघी सी बन्धवाया करती ॥ रणबीर घूँघट का रिवाज खींची सै सही तस्वीर दखे बिन घूँघट गाती के कोए कैसे रह्वै गाम मैं बीर दखे इस घूँघट के कारण ये बहु कई बै ठोकर खाया करती ॥ 254********** किस्सा इमराना और नूर इलाही 1 - भारत में उत्तर प्रदेश का हम सारे जिकरा आम सुणां।। सबतै बड्डा प्रदेश बताया बात इसकी सुबो शाम सुणां।। लखनउ उत्तर प्रदेश की राजधानी बताई जा जुर्मां की मशहूर राजधानी मुजफ्फर नगर सुझाई जा डकैती ब्लात्कार लूट-पाट की बढ़ती कतार दिखाई जा चोरी जारी अर मार-पीट की खबर अखबारां मैं पाई जा समाज चल्या गया रसातल मैं लाश मिलै गुमनाम सुणां।। मुजफ्फर नगर जिले नै अपराध मैं नाम कमाया आज या बेरोजगारी बढ़ती जा नौजवान रिवाल्वर ठाया आज ब्यूटी कम्पीटीशन इसे चलाये महिला शरीर बिकाया आज अफरा तफरी मचा राखी गुण्डा राज सारै फैलाया आज सबकै साहमी छोरी ठाले ज्यां बात शहर और गाम सुणां।। पंचायत नै इस जिलैं मैं तालिबानी हुक्म घणे सुनाये कोए जात बची कोन्या जिससे लवमैरिज नहीं तुड़वाये कानून हाथ मैं लेवै रोजाना गये सैकड़ा प्रेमी मरवायें म्हारे थारे बरगे कायर भतेरे जो विरोध ना कर पायें बर्बर तै बर्बर फैसला करया इसे इनके काम सुणां।। जवान छोरी का बाहर लिकड़ना आज घणा भारी होग्या ना मन मर्जी के लत्ते पहरैंगी आज फतवा जारी होग्या इसी हालात देख समाज मैं आज मन बहोतै खारी होग्या अपणा आप्पा ना देखै यो ताशों का इसा खिलारी होग्या रणबीर सिंह दुख मैं लिख्या आज उसका यो पैगाम सुणां।। 255*********** अमेरिका ने जेलों का यो निजीकरण करया बताया।। वे कोरपोरेट तैं सौंप दई सरकारी दखल हटाया ।। 1 कारपोरेट उन बंदियां की देख रेख करै बताई लत्ता कपड़ा और रोटी साथ मैं दी जाती दवाई जेल का सारा खरचा सरकार के ज़िम्मे लगाया ।। वे कोरपोरेट तैं सौंप दई सरकारी दखल हटाया ।। 2 काम उन पर दिन रात कारपोरेट करवावै सै कुर्सी मूढ़े खाट पलंग क़ैदीयां धोरै बनवावै सै इन चीजां नै बेच बेचकै जाता मुनाफा खूब कमाया।। वे कोरपोरेट तैं सौंप दई सरकारी दखल हटाया ।। 3 जेल में बंद बंधुआ का श्रम बहोत सस्ता बताते बाहर के श्रम के मुकाबले दशमां हिस्सा भी ना पाते तेईस लाख कैदियों पै देखो दो तरफा मुनाफा बनाया।। वे कोरपोरेट तैं सौंप दई सरकारी दखल हटाया ।। 4 इसा हाल भारत में भी आज बनावण लाग रहे नागरिकता कानून बणा कैदी बढ़ावण लाग रहे रणबीर सिंह समझो यो क्यों हमपै जाल बिछाया।। वे कोरपोरेट तैं सौंप दई सरकारी दखल हटाया ।। 256********** साम्राज्यवाद के निशाने पै युवा लड़के और लड़की बेरोजगारी हिंसा और नशा घंटी खतरे की खडकी (टेक) 1 सही बातों तैं धयान हटा कै नशे का मंतर पकडाया लड़की फिरती मारी मारी समाज यो पूरा भरमाया ब्यूटी कंपीटीसन कराकै देई लवा ऐश की तडकी।। बेरोजगारी हिंसा और नशा घंटी खतरे की खडकी (टेक) 2 निराशा और दिशा हीनता दे वें चारों तरफ दिखाई बात बात पै हर घर के महँ मचरी सै खूब लडाई सल्फाश की गोली खा कै करैं जीवन की बंद खिड़की।। बेरोजगारी हिंसा और नशा घंटी खतरे की खडकी (टेक) 3 युवा लड़की की ज्यान पै शाका पेट मैं शाका छाया रोज हिंसा का शिकार बनैं ना साँस सुख का आया वेश्यावृति घनी फैलाई जणूं जड़ ये फ़ैली बड़ की।। बेरोजगारी हिंसा और नशा घंटी खतरे की खडकी (टेक) 4 एक तरफ सै चका चौंध यो दूजी तरफ अँधेरा दिन पै दिन बढे यो संकट ना दिखे जमा सबेरा रणबीर सिंह विरोध करेँ हम बाजी ला कै धड की।। बेरोजगारी हिंसा और नशा घंटी खतरे की खडकी (टेक) 257********* आया फागण फागण का मिहना आग्या , चारों कांही हरियाली छाई।। इब ना गरमी ना सर्दी लागै या रूत खेलण की आई ।। 1 चंपा चमेली सखी सहेली करी फागण खेलण की तैयारी बहु नवेली मिलकै खेली पूरा फागण का रंग जमारी साठे मैं बुढ़िया होरी रसिया,जनूं पां मींडकी ठारी लाडू बर्फी ल्याकै असर्फी आंगली चाट चाट कै खारी रिस्सालो फेर मार धमोड़ा नई तान खोज कै ल्याई।। फागण का मिहना आग्या , चारों कांही हरियाली छाई।। 2 पीले फूल रहे खेत मैं झूल, चाला मोटा रूपरया सै सिरसों की फली लागै भली,पूरा ए पेडा झुकरया सै थोड़ी फुहार पड़ी झूमगी लड़ी सुरग जणु बसरया सै खुभात करै पर उभाना फिरै, फील गुड हंसरया सै या चाँद की चांदनी रात ,मोर नै सुरीली कूक सुनाई।। फागण का मिहना आग्या , चारों कांही हरियाली छाई।। 3 बाट दिखाकै हाड़े खवाकै फागण का मिहना आया बैठ सांझ कै गीत छाँट कै सही सुर मैं फिर गाया बैठी कोए लेटी कोए बाट मैं ना बालम घर मैं पाया होली के दिन कैसे खिले दिल ना कोए गुलाल ल्याया बिन बालम किसी होली इसे चिंता नै मैं खाई।। फागण का मिहना आग्या , चारों कांही हरियाली छाई।। 4 देवर आकै गुलाल लगाया भाभी नै कोलड़ा माँज लिया इतने मैं रूक्का पड़ग्या दो ठोल्यां का लाठा बाज लिया किसे का सर फूट गया कोए घर कांही भाज लिया देवर भाभी तैं नहीं बोलै हो कसूता नाराज लिया रणबीर बरोने आले नै करी टूटी फूटी या कविताई ।। फागण का मिहना आग्या , चारों कांही हरियाली छाई।। 258********* अम्बानी की मेर करूं सू मन की बात बताई ना यस बैंक बिठवा दिया, बख्त पै बात समझाई ना।। यो तीन लाख करोड़ आला, बढ़िया बैंक देख्या भाला पहले पांच मैं थाम्या पाला,दुर्गति समझ मैं आई ना क्यों दिवालिया होग्या बैंक सही बात समझाई ना।। आंख मींच कै लोन दिया,डिफाल्टर पूरा तोल दिया सबनै एनपीए बोल दिया मक्कारी कति छिपाई ना।। अम्बानी डिफाल्टर बताया, तेरा हजार करोड़ खाया और सबनै यो खेल रचाया, नाटण मैं वार लगाई ना सरकार भी यस बैंक नै बचाती कति शरमाई ना ।। पूंजी पति का भोभा भरती, खिंचाई जनता की करती आज भोली जनता मरती, धर्म का जाल देख पाई ना पिटेंगे न्यारे न्यारे रणबीर जै मिलकै लड़ी लड़ाई ना।। 259********* भारत की बुनावट ऊपर आज खतरा कसूत बताया ।। अस्तित्व की बुनियाद म्हारी आज इसको कति हिलाया ।। 1 आजादी के बाद का सबतैं चुनौतीपूर्ण यो बख्त बतावैं अगले कुछ महीने तय करेंगे शासक किस दिशा में जावैं एक कान्ही जन प्रतिरोध दूजे कान्ही फासीवाद का छाया।। अस्तित्व की बुनियाद म्हारी आज इसको कति हिलाया ।। 2 कारपोरेट और हिंदुत्व की म्हारा देश जकड़ मैं आया दोनों का ब्लड ग्रुप एक डीएनए भी पकड़ में पाया मुनाफा और मुनाफा चाहिए छप्पर पाड़ मुनाफा कमाया।। अस्तित्व की बुनियाद म्हारी आज इसको कति हिलाया ।। 3 हिंदुत्व का मकसद कहते या लूट आसान बनाना सै लया नागरिक संशोधन कानून जनता पै जुल्म कमाना सै दो तरफा मुनाफे का शास्त्र अंबानी का लागू कराया ।। अस्तित्व की बुनियाद म्हारी आज इसको कति हिलाया ।। 4 जात धर्म पर बांट हमनै आज आपस में लड़वावैं ये दंगे करवाकै दिल्ली मैं जनता के सिर फुड़वावैं ये कहै रणबीर लेल्यो संभाला हाँगा लाकै छंद बनाया।। अस्तित्व की बुनियाद म्हारी आज इसको कति हिलाया ।। 260*********** आज कल हरयाणा में एक नयी परंपरा उभर रही है जो पहले बहुत ही बुरी बात मानी जाती थी । लडकी को अपने पीहर की धन धरती में हिस्सा उसे नहीं दिया जाता था । वह अपने नाम की धरती भाईयों के नाम करवा देती थीं । पिछले दिनों बरोना कड़ोहली पह्लादपुर के पास से नेशनल हाई वे का निर्माण हुआ तो कई किसानों की जमीं एक्वायर हुयी । उसमें धर्मा के परिवार की दो एकड़ जमीन भी आ गयी । धर्मा के दो बेटे हैं और एक बेटी है । बेटी लिछमी नरेला में ब्याही है । उसका पति डी टी सी में ड्राइवर है । साथ लाख रूपये मिले हैं जमीं के । धर्मा तीस तीस लाख दोनों बेटों को देने का मन बनाता है । उधर लिछमी के ससुर को पता चलता है तो बहुत बेचैन हो जाता है । पहले पंचायत में वह महिला के पीहर में धरती के अन्दर अधिकार का विरोध कर चुकाहै । मगर अब बीस लाख रुपये का मामला है । करे तो क्या करे ? दुविधा में है कई दिन से । एक दिन वह सोचता है कि धरती का बंटवारा थोड़े ही करवा रहे हैं । यह तो बिकी हुयी जमीं का मामला है । इसमें तो लडकी को हक़ मिलना ही चाहिए । घर में जिकर करता है अपनी पत्नी से । सुनकर वह भी बेचैन हो जाती है । पर बीस लाख उसकी बेचैनी को ज्यादा देर नहीं टिकने देते । सास भी लिछमी को समझाने की कोशिश करती है बीस लाख के बारे में । लिछमी भी सुनकर बेचैन हो जाती है । दो दिन तक उसे ठीक से नींद भी नहीं आती । आखिर अपने पति को बताती है ।लिछमी अपनी सहेली के सामने दिल का हाल कुछ इस तरह से बयाँ करती है :- एक और नै कुआँ दीखै दूजे औड नै चोडी खाई बेबे ।। नेशनल हाई वे बणग्या म्हारी बी धरती आयी बेबे ।। कड़ोहली पह्लादपुर गाम मेरा दो किल्ले आगे म्हारे साठ लाख का मुआवजा दो भाईयाँ के दिन संवारे तीस लाख एक तै देवन की बाबू सलाह बनाई बेबे।। मेरी ससुराल मैं बेरा लाग्या सुर सुर होण लगी सास मेरी भी कई तरियां मेरे मन नै टोहण लगी सहज सी मेरे ससुर नै हिस्से की बात चलायी बेबे ।। पंचायत मैं सुसरे नै पीहर हिस्सा नाट दिया सखी अपना थुक्या खुद बेबे हिस्सा मांग चाट लिया सखी सुनकै हिस्सा ल्याण की बात मैं एकबै घबराई बेबे ।। उसकै आगै मने रात नै शंका दिल की खोल दई थी पीहर मैं मां बाप भाई कहैं माड़ी बात बोल दई थी रणबीर पति चुप रहग्या नहीं आँख मिलाई बेबे ।। 261********** 8 मार्च के मौके पर नया नवजागरण दलित महिला नौजवान मिलकै आज नया हरियाणा बणावैंगे अपना खोया आत्म सम्मान हांसिल कर दुनिया नै दिखावैंगे।। 1 पूंजीवादी विकास की राही या देखियो खाई और बढावैगी रै गरीब जावै और भी सताया अमीर की पीठ थप थपावैगी रै कुप्रचार समाज वाद के बारे हम जनता के साहमी ल्यावैंगे।। अपना खोया आत्म सम्मान हांसिल कर दुनिया नै दिखावैंगे।। 2 इस राही नै देखो अमरीका आज कति पढ़ण बिठा दिया रै हटकै मंदी का दौर छाया दुनिया मैं तहलका मचा दिया रै किसान मजदूर सब कट्ठे होकै क्रांति का बिगुल बजावैंगे।। अपना खोया आत्म सम्मान हांसिल कर दुनिया नै दिखावैंगे।। 3 देशी और अमरीकी कारपोरेट नै बणा यो गठजोड़ लिया एसी जिंदगी जीवैं खुद ये गरीब तैं कति नाता तोड़ लिया जात धर्म पै बांट कै दुनिया ये कितने दिन ऐश उड़ावैंगे।। अपना खोया आत्म सम्मान हांसिल कर दुनिया नै दिखावैंगे।। 4 राज बदलना आसान आड़े सिस्टम बदलना आसान नहीं सिस्टम ना बदलै जिब तक हो कट्ठा मजदूर किसान नहीं कहै रणबीर ये दोनूं मिलकै साझला नया साज बजावैंगे।। अपना खोया आत्म सम्मान हांसिल कर दुनिया नै दिखावैंगे। 262********* दुनिया की वित्त पूंजी नै कसूता अंधेर मचाया।। सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।। 1 जोंक बनकै लहू चूसै आज कारपोरेट साहूकार कदेतैं हुक्म बजाती आयी सै केंद्र की सरकार देश भक्त जो असली उनको बताते आज गद्दार नकली देश भक्त आज बनगे देश के पहरेदार राष्ट्रभक्ति के नाम पै तो अंध विश्वास फैलाया।। सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।। 2 कोटे परमट आले भेड़िए आज बनें सैं हितकारी मजदूर किसान लूट लिए सबकी अक्कल मारी मीठी मीठी बात करें पर भीतर तैं पूरे अत्याचारी बकरी भेड़ समझैं हमनै आज के ये न्याकारी कारपोरेट और वित्तपूंजी नै देश मैं धुम्मा ठाया।। सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।। 3 रिश्वतखोर मगरमच्छ पूरे हिन्दुस्तान मैं छागे मजदूर किसान की कमाई चूट चूट कै नै खागे अरबों के बने मालिक औधे घणे चौखे पागे किसानी संकट के चलते ये किसान फांसी लागे नये नये जुमले छोड़ कै यो हिन्दुस्तान भकाया।। सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।। 4 तीन मुंही नाग जहरी एकफन पै बड़ा व्यापारी दूजे फन पै बैठी मारै भ्रष्टाचार की या थानेदारी तीजे फन पै पूंजीपति करता कसूती मारा मारी तीनों मिलकै देखो ये लूट घणी मचारे अत्याचारी रणबीर सिंह नै यो टूटया फुटया छन्द बनाया।। सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।। 263********* अन्तहीन संसार अन्तहीन संसार का अन्त कहैं कदे नहीं आवैगा। संसार रूकता नहीं कितै यो आगै बढ़ता जावैगा।। विज्ञान नई खोज करै मानवता नै सुख पहोंचावै विवेक माणस का फेर इनै सही दिशा मैं ले ज्यावै सत्य खोज निरन्तर चलावै झूठ नै हमेश्या ढावैगा।। पदार्थ हमेश्या गति शील हो इसका गुण बताया यो नष्ट नहीं होवै कदे बी बदलता आकार दिखाया यो साइंस नै पाठ पढ़ाया यो पदारथ ना समाप्त होवैगा।। खोज हमेश्या जारी रहती न्यांे विज्ञान हमनै बतावै हम बुद्धि गेल्यां काम करां भावां मैं बैहने तै बचावै सिद्ध हुया उसनै अपणावै बाकी पै सवाल उठावैगा।। अज्ञानी मां बीमार बालक नै तांत्रिक धोरै ले ज्यावैगी ज्ञानी मां डॉक्टर तै दिखाकै बालक की दवाई ल्यावैगी भावां मैं बैह ज्यावैगी तो बालक ना जमा बच पावैगा।। 264************ 74 साल बीत गए आजाद हुये सैंतालीस मैं साल चुहतर बीत गये। उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।। 1. धनवानां के बिल्ली कुत्ते म्हारे तै बढ़िया जीवन गुजारैं वे बिना भोजन कुपोषण होग्या म्हारै खा-खा के घणे डकारैं वे हमनै कैहकै नीच पुकारैं वे घणी माड़ी चला रीत गये।। उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।। 2. जमीन आसमान का अन्तर किसनै आज म्हारे बीच बणाया खेत कमावां सारी उमर फेर बी सांस ना उलगा आया सोच-सोच कै सिर चकराया सै वे क्यूकर पाला जीत गये।। उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।। 3. तरक्की करी हरियाणे मैं अपणा खून पसीना बाहकै रै उपर ले तो फायदा ठागे हम बाट देखते मुंह बाकै रै देखे चारों कान्ही धक्के खाकै रै मिल असली मीत गये।। उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।। 4. जितने ठेकेदार सैं हरियाणे के उनतै यो सवाल म्हारा रै गरीब क्यों घणा गरीब होग्या अमीर का भरग्या भंडारा रै कमेरा लागै घणा प्यारा रै रणबीर बणा ये गीत गये।। उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।। 265************ चापलूस चापलूसां का चारों कान्हि घणा जमघट होग्या रै। घर में प्यार बच्चा कोन्या जमा मर घट होग्या रै।। 1. स्वार्थी कामचोरां की लागी आड़ै लार दखे हांडैं नशे के गुलाम हुये ये कई हजार दखे टूटैं सैं परिवार दखे सूना आज पनघट होग्या रै।। घर में प्यार बच्चा कोन्या जमा मर घट होग्या रै।। 2. अफरा तफरी माची म्हारे मानव समाज मैं आज महिला बेहाल हुई इस जंगल राज मैं फंसाई पुराने रिवाज मैं जीने का संकट होग्या रै।। घर में प्यार बच्चा कोन्या जमा मर घट होग्या रै।। 3. माणस माणस नै खावै यो चल्या रिवाज सै पांच सितारा मैं जावैं बेची शर्म लिहाज सै भूखा मरै समाज सै यो जीणा सिरकट होग्या रै।। घर में प्यार बच्चा कोन्या जमा मर घट होग्या रै।। 4. उपेक्षा तिरिस्कार का हुया यो ठाड्डा पाला रै धोला पिटता हांडै सै राज करै धन काला रै रणबीर सिंह होग्या चाला रै कहैं लम्पट होग्या रै।। घर में प्यार बच्चा कोन्या जमा मर घट होग्या रै।। 266********** चालै कोण्या जोर मेरा चालै कोण्या जोर मनै लूटैं मोटे चोर नहीं पाया कोये ठौर कटी पतंग की डोर मनै लावैं डांगर ढ़ोर यो किसा घोटाला रै। मेरा बोलना जुल्म हुया,उनका बोलना हुक्म हुया सारे ये मुनाफा खोर ये थमा धर्म की डोर बनावैं ये म्हारा मोर सुहानी इनकी भोर ऐश करैं डाकू चोर मन इनका काला रै। ये भारत के पालन हार,क्यों चोरां के सैं ताबेदार म्हारे पै टैक्स लगावैं बोलां तो खावण आवैं मिल्ट्री सैड़ दे बुलावैं चोरां की मौज करावैं काले का सफेद बणावै भजैं राम की माला रै। महंगाई की मार कसूती,सिर म्हारा म्हारी जूती यो रोजगार मन्दा सै यो सिस्टम गन्दा सै यो मालिक का रन्दा सै घालै दोगला फंदा सै क्यूकर जीवै बन्दा सै हुया ढंग कुढाला रै। पत्थर पुजवा बहकाये,भक्षक रक्षक दिखाये काले नाग डसगे क्यों ,ये शिकंजे कसगे क्यों दो संसार बसगे क्यों गरीब जमा फ़ंसगे क्यों रणबीर पै हंसगे क्यों कर दिया चाला रै।। 267*********** अन्धविश्वास जनता नै अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै ॥ देकै लालच और डर दिखाकै वोट लेकै नै राज मैं आवै ॥ 1 मजदूर की मजदूरी खाज्यां ये लीला भगवन की बताते किसान की फसल मंडी बीच देखो लगाकै बोली उठाते जात धर्म पर अफवाह फ़ैलाकै आपस मैं खूब लड़वाते दोनों की म्हणत की कमाई बैठके महलों अंदर खाते भगवान की लीला बता लुटेरा पत्थरों की पूजा करवावै॥ जनता नै अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै ॥ 2 पूरी दुनिया मैं खेल धर्मों का पूंजीपति आज खेल रहे शोषण का सिस्टम पक्का आज मजदूर किसान झेल रहे कितै अंधराष्ट्र वाद कितै देखे आतंक वाद नै पेल रहे गरीब अमीर की खाई बढाक़ै काढ़ जनता का तेल रहे लूट नै मर्जी यो पूंजीपति अल्लाह ईशा राम की बतावै ॥ जनता अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै ॥ 3 सृष्टि जब तैं वजूद मैं आयी अग्नि और हवा देवता आया आगै चल्या समाज तो फेर मानस नै भगवान बनाया कुछ देशों मैं अल्लाह आग्या कुरान का पाठ पढ़ाया कुछ देशों मैं ईशा मशीह नै फेर अंगद का पैर जमाया इस दुनिया मैं इतने धर्म क्यों सोचकै सिर यो चकरावै ॥ जनता अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै ॥ 4 घरां बैठकै ग्रन्थ बणाकै जमकै झूठ चलावन लागे रै जीभ चटोरे ऊत लूटेरे अन्धविश्वास फलावन लागे रै ब्रह्म पारासुर लड़की तैं देखो भोग करावन लागे रै आँख कान और नाक सींग मैं पुत्र जमावन लागे रै रणबीर सिंह अपनी कलम अन्धविश्वास खिलाफ उठावै ॥ जनता अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै || 268********* अर्थव्यवस्था म्हारे देश की ढांचागत संकट बीच आगी।। संकट के हाल बतावण आली सारी बात देश मैं छागी।। 1 विकास दर बेरोजगारी के बहोत दिन आंकड़े छिपाए इनमें फेरबदल करकै ना बढ़ता संकट ल्हको पाये सेहत अर्थव्यवस्था की गिरी मामले सबकै साहमी आये सरकारी अर्थशास्त्री भी आज बहोत घणे सैं घबराए कबूल करने को मजबूर या कड़वी सच्चाई हिलागी।। संकट के हाल बतावण आली सारी बात देश मैं छागी।। 2 इस आर्थिक मंदी का आज मजदूर वर्ग शिकार होग्या रै इनके हकां पै देखो चौड़े यो घणा कसूता प्रहार होग्या रै जो थोड़ा घणा बचरया था तबाह पूरा परिवार होग्या रै संकट बढ़ता जावै देश मैं मजदूर घणा लाचार होग्या रै मजदूर वर्ग नै आर्थिक मंदी आज कसूती ढ़ालां खागी।। संकट के हाल बतावण आली सारी बात देश मैं छागी।। 3 आर्थिक मंदी खत्म करण नै या सरकार कानून बणावै देशी बदेशी पूंजीपति के या सरकार तलवे चाटती पावै लाखों करोड़ की करों मैं छूट कति देवंती नहीं शरमावै तोहफे दे पूँजीपतियाँ नै हमनै देशभक्ति के पाठ पढ़ावै बात पक्की इस मॉडल तैं या आर्थिक मंदी बढ़ती जागी।। संकट के हाल बतावण आली सारी बात देश मैं छागी।। 4 यूनियन बनाने के अधिकार पूंजीपति नै ढीले करवाये वेतन भत्ते कम करकै नै इसनै हथियार कसूत चलवाये फिक्की के इशारयां उप्पर पूरे अमल करकै दिखलाये सौ कानून थे मजदूरों के चार संहिताओं मैं सिमटवाये दीन हालात या मजदूरों की रणबीर की कलम बतागी।। संकट के हाल बतावण आली सारी बात देश मैं छागी।। 269*********** मिलावट आज कोये भी चीज समाज मैं बिना मिलावट मिलती कोण्या।। हड़खाई बाजार व्यवस्था मैं सच्चाई कितै खिलती कोण्या।। 1 दूध दही घी मखन खोया या सही मलाई मिलै कोण्या रै मिर्च मशाला हल्दी आज या सही मिठाई मिलै कोण्या रै नकली भरी बाजार मैं या असली दवाई मिलै कोण्या रै इंसानी जज्बे आला कोये समाज मैं भाई मिलै कोण्या रै अवैध रिश्ते बढ़ते जावैं असली चाहत दिखती कोण्या रै।। हड़खाई बाजार व्यवस्था मैं सच्चाई कितै खिलती कोण्या।। 2 आटा दाल गुड़ शक्कर मैं मिलावट खूब पाती बताई बनावटी दूध और दही या म्हारी जनता खाती बताई महात्मा चेले गुरु बाबे की ना सारी लिखी जाती बताई मानवता नै समाज म्हारी आज टांड पै बिठाती बताई इन बिना मिलावट आळ्यां की समाज मैं पिलती कोण्या।। हड़खाई बाजार व्यवस्था मैं सच्चाई कितै खिलती कोण्या।। 3 स्कूल कालेजों मैं आजकै दिन सारै नकल छागी देखो पहरावे और श्रृंगार मैं भी घणी मिलावट आगी देखो त्याग तपस्या और सेवा इणनै मिलावट खागी देखो देशभक्ति भी नकली होगी असली कै कालस लागी देखो राजनीति मैं तो या मिलावट हिलाये भी हिलती कोण्या ।। हड़खाई बाजार व्यवस्था मैं सच्चाई कितै खिलती कोण्या।। 4 तेल और साबुन नहावण का बहोत मिलावट पाई जा फीम चरस और जहर मैं भी फालतू की चीज मिलाई जा ईब घणा बुरा जमाना आग्या कथा इतिहास बनाई जा मीडिया आज बिकाऊ होग्या साच छिपावै झूठ दिखाई जा रणबीर सिंह की कलम साच लिखने तैं टलती कोण्या ।। हड़खाई बाजार व्यवस्था मैं सच्चाई कितै खिलती कोण्या। 270************ चोर जार नशेबाज जुआरी चोर जार नशेबाज जुआरी बढ़ते जावैं समाज मैं ॥ इनकी लिखूं कहानी सुणो अपणे ही अंदाज मैं ॥ पहले बात करू चोर की हाथ सफाई दिखावैं ये घने चोर तो ताला तोड़ लें दुष्ट कमाँ कै नहीं खावैं ये घिटी मैं गूंठा देकै मारदें घर साफ़ कर ले ज्यावै ये राह चलती महिला की चेन दो मिनट मैं झपटावें ये चोर बी के करैं और कोए नौकरी ना इस राज मैं ॥ जार आदमी दुष्ट घना पर नारी पै नीत धरै सै रै कुकर्म करता हाँडै वो उसका पेट नहीं भरै सै रै पकड़या जा जब जूत लगैं जूतां तैं बस डरै सै रै नालियां मैं मुंह मारता एक दिन बेमौत मरै सै रै पहर धोले लत्ते यो घूमै दुनिया हवाई जहाज मैं ॥ नशे बाज का के कहना रोज नशा करना उसनै तर तर तर जुबान चलै किसे तैं ना डरना उसनै सुल्फा गान्झा भांग धतूरा पी डूब मरना उसनै अगल बगल मैं झाँकै फेर पाप घड़ा भरना उसनै नशा उतर ज्या तो कहै सुधरना चाहूँ कर इलाज मैं ॥ चोर जार नशेबाज जुआरी सब तैं मानस बताये औढ़न पहरण नहान खान तैं ये बालक तरसाये घाघरे टूम तक ना बक्शी चोरी कर नशे चढ़ाये गाम मैं आतंक फैलाया सरीफ मानस घबराये रणबीर समझाया चाहवै समाज सुधर की खाज मैं ॥ 271*********** आज का जमाना देख कै उल्टी रीत जगत की दिल मेरा हुआ उदास ।। भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।। 1 चोर जार ठग मौज उड़ाते शरीफ रहें दुःख भरते झूठे राज पाठ के मालिक सचे फिरैं गुलामी करते देखे हिरन जंगलों मैं चरते गधे करैं गाम मैं वास ।। भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।। 2 झूठे बरी जेल खानों मैं मनै सच्चे ठुकते देखे शर्म आले बेशर्म के आगै सर झुका लुह्क्ते देखे सच्चे मानस झुकते देखे दादा बनगे बदमास ।। भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।। 3 झुठयाँ कै पल्लै धरती दौलत भले करैं पराई आशा म्हारे भारत देश मैं देखो दुनिया का अजब तमाशा गरीब नै भोजन का सांसा अमीरों के सब रंग रास ।। भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।। 4 ये मजदूर ऊपर हुकम चलावें आज अफसर भूंडे घने दलाल पैदा होगे कई नेताअपने बरगे ढूंढें रणबीर सिंह बरग्याँ नै ये गुंडे नहीं लेवन दें सांस ।। भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।। 272************ सहम पिटाई हुया करै सोच समझ कै बात करे बिन या जग हंसाई हुया करै।। माफी मांगनी पड़ज्या माणस नै सहम खिंचाई हुया करै।। 1 गैंग रेप जिसे नाज़्ज़ुक मसले पै गलत कहना ठीक नहीं अपशब्द महिलाओं के बारे मैं सभ्य समाज की रीत नहीं अभिजीत बरग्यां की देखी होगी घणी धुनाई हुया करै।। माफी मांगनी पड़ज्या माणस नै सहम खिंचाई हुया करै।। 2 जिम्मेदार माणस समाज के बात छोटी कहया नहीं करते एक बै लिकडज्यां मूंह तैं वे हर्फ़ उल्टे हुया नहीं करते सदव्यवहार कहते जिंदगी भर की यो कमाई हुया करै।। माफी मांगनी पड़ज्या माणस नै सहम खिंचाई हुया करै।। 3 विरोध नै देश द्रोह कहकै नेता के कहना चाहवैं देखो रै बाहन बात नै गलत बतावै फेर भी वे ठीक बतावैं देखो रै अनसमझी करणीया माणस की न्योएँ खिंचाई हुया करै।। माफी मांगनी पड़ज्या माणस नै सहम खिंचाई हुया करै।। 4 बात की साच देख कै नहीं बोलै वो माणस दुख पावै रै ओछी बात पूरी दुनिया मैं घणा कसूत बबाल मचावै रै रणबीर सिंह सोच समझ कै सही कविताई हुया करै।। माफी मांगनी पड़ज्या माणस नै सहम खिंचाई हुया करै।। 273************ *सुंदरता* *सुन्दरता किसनै कहते, इस पै चर्चा करनी चाहूं मैं।* *गोरी चमड़ी आच्छी हो सै, छिपरया नस्लवाद दिखाऊं मैं।।* 1. गोरी चमड़ी बता सुन्दर गोरे, सारी दुनिया पै छागे काली चमड़ी सुन्दर कोन्या, इन नै निरभाग बतागे *गोरी चमड़ी की सुन्दरता नै, खड़ी करदी खाट बताऊं मैं।।* गोरी चमड़ी आच्छी हो सै, छिपरया नस्लवाद दिखाऊं मैं।। 2. मेहनत करकै जो बणता सुन्दर उसनै कौण पिछाणै कष्ट कमाई नै चोर कै लेज्यां, उसकी चोरी नै ना कोण जाणै *सुन्दर बाहर काला भीतर तैं, कति कोन्या झूठ भकाऊं मैं।।* गोरी चमड़ी आच्छी हो सै, छिपरया नस्लवाद दिखाऊं मैं।। 3. उनकी सुन्दरता भूल गए जिननै ताज महल बणाया किस्सा शाहजहां मुमताज का रोजाना जावै सुणाया *कारीगरां के पटी रै बिवाई, वा सुन्दरता कड़ै छुपाऊं मैं ।।* गोरी चमड़ी आच्छी हो सै, छिपरया नस्लवाद दिखाऊं मैं।। 4. बाहर पेट तै ल्यावण में यो, साथ दिया जिस दाई नै जिनै न्हवां धवा कै मैल तारया , गेरी नीच जात की खाई में *रणबीर असली सुन्दरता पै सुन्दर छन्द बणाऊं मैं।।* गोरी चमड़ी आच्छी हो सै, छिपरया नस्लवाद दिखाऊं मैं।। 274*********** चमेली पड़ौस की महिलाओं के बीच दोपहर को बात करती है । सभी महिलाएं महंगाई के बारे में बताती हैं । लैक्सन आगे पर महंगाई फेर बी कम नहीं हुई । चमेली क्या कहती है ---- वोट देवां जिब राखते हम सही गलत का ध्यान नहीं ॥ नाश करैंगे वे नेता जिनकै धोरै आज ईमान नहीं ॥ 1 नजर घुमा कै देख लियो नित पेड़ झूठ का फलै सै सच का तेल घलै दीवे मैं तो यो ज्ञान उजाला जलै सै सच के दायरे मैं रहकै मन नहीं हिलाया हिलै सै सच पै खड्या रहवै उसनै दिलां मैं जगां मिलै सै विचार करै बुद्धि चेतन बिन चेतन मिलै ज्ञान नहीं ॥ नाश करैंगे वे नेता जिनकै धोरै आज ईमान नहीं ॥ 2 भगत सिंह का नाम सुण्या धूम मचाई हिन्द म्हारे मैं तेईस बरस का फांसी चढग्या सोचो कदे इस बारे मैं सुणो आसान बात नहीं होती या ज्यान देनी आरे मैं घर बार कति छोड़ दिया उसनै देश के प्रेम इशारे मैं म्हणत करकै दौलत पैदा करां समझे जां इंसान नहीं ॥ नाश करैंगे वे नेता जिनकै धोरै आज ईमान नहीं ॥ 3 साच्ची बात कहूँ थारे तैं हम सच्चाई मंजूर करावैं हाथ जोड़ कहूँ थारे तैं सच का साथ जरूर निभावैं सच्चाई पै चलना चाहिए सच्चाई का घर दूर बतावैं बनावटी मिलावटी की जागां इंसानियत का नूर खिलावैं सच्चा सौदा ए बिकवावेंगे झूठ की चलै दुकान नहीं ॥ नाश करैंगे वे नेता जिनकै धोरै आज ईमान नहीं ॥ 4 वो मानस ना किसे काम का जो सच पै सिर धुनै नहीं अपनी कमाई का हिसाब वो बैठ कै कदे बी गिनै नहीं वोहे मानस सदा सुख पावै सै जो बात झूठी सुनै नहीं आज जो ठीक नहीं वो उस परम्परा का जाल बुनै नहीं छुआछात की जो बात करै वो इंसान की संतान नहीं ॥ नाश करैंगे वे नेता जिनकै धोरै आज ईमान नहीं ॥ 275*********** मोलड़ मोलड़ बता बता कै तेरा आत्मविश्वास खो राख्या सै।। अन्नदाता कैह कैह कै घणा कसूता भको राख्या सै।। 1 उबड़ खाबड़ खेत संवारे खूब पसीना बहाया रै माटी गेल्यां माटी होकै नै भारत मैं नाम कमाया रै तेरी मेहनत की कीमत ना कर्ज मैं डबो राख्या सै।। अन्नदाता कैह कैह कै घणा कसूता भको राख्या सै।। 2 किसान तेरी जिन्दगी का कई लोग मखौल उडाते ये तेरी मेहनत लूट रहे तनै ए पाजी बी बताते तेरी जमात किसानी सै जात्यां का जहर बो राख्या सै।। अन्नदाता कैह कैह कै घणा कसूता भको राख्या सै।। 3 जिस दिन किसानी देष की कठी होकै नारा लावैगी उस दिन तसवीर कमेरे या जमा बदल जावैगी तेरी कमाई का यो हिसाब अमीरां नै ल्हको राख्या सै।। अन्नदाता कैह कैह कै घणा कसूता भको राख्या सै।। 4 मजदूर तेरा साथ देवै तूं कड़वा लखावै मतना दूसरां की भकाई मैं इसतैं दूरी बढ़ावै मतना कहै रणबीर क्यूं जात पै झूठा झगड़ा झो राख्या सै।। अन्नदाता कैह कैह कै घणा कसूता भको राख्या सै।। 276*********** यो दिखावा चारों कान्ही सबके दिल पै छाया रै।। जिसकै सूत आरी कहता सब ईश्वर की माया रै।। 1 यो ईश्वर दुभान्त करता ना हमनै देता दिखाई खूब ईमानदारी तैं कमाते पर रहते बिना दवाई म्हारे पड़े फूटे ढारे देखो ईश्वर नै महल भाया रै।। जिसकै सूत आरी कहता सब ईश्वर की माया रै।। 2 जो काला बाजारी करैं उनकी मानता भगवान यो शैतानों की चांदी होरी भूखा मरता क्यों इंसान यो मन्दी मैं गरीब मरया अमीर सरकार नै बचाया रै।। जिसकै सूत आरी कहता सब ईश्वर की माया रै।। 3 अडानी के पाले मैं जाकै सरकार खड़ी होगी म्हारी जिस राही मरणा लाजमी उसे रास्ते चलती जारी जनता की दाब के कारण भारत किमैं बच पाया रै।। जिसकै सूत आरी कहता सब ईश्वर की माया रै।। 4 भ्रष्टाचार नै म्हारे देश मैं सब रिकार्ड तोड़ दिए भ्रष्ट नेता पुलिस अफसर तीनों नै सूत्र जोड़ लिए रणबीर सिंह नाश हो लिया दुख मैं गीत बनाया रै।। जिसकै सूत आरी कहता सब ईश्वर की माया रै।। 277*********** अमरीका मनै बतादे नै क्यों हुया इसा अन्याई तूं।। इराक देश नै मिटाकै नै किसकी चाहवै भलाई तूं।। खुद हथियार जखीरे लेरया ओरां पै रोक लगावै दस साल तै पाबन्दी लाकै इराक नै भूखा मारना चाहवै मतना इतने जुलम कमावै बणकै बकर कसाई तूं।। जमीनी लड़ाई बिना तेरै इराक हाथ नहीं आणे का इराक खतम करे बिना ना जमीनी कब्जा थ्याणे का गाणा सही गाणे का क्यों दुश्मन बण्या जमाई तूं।। खून मुंह कै लाग्या तेरै फिर अफगानिस्तान के मां मानवता कती पढ़ण बिठादी तनै सारे जहान के मां बची सै इन्सान के मां या खत्म करै अच्छाई तूं।। सब देशां मैं नारे उठे जंग हमनै चाहिये ना तेल की खातर ओ पापी लहू मानवता का बहाइये ना आगै फौज बढ़ाइये ना बस करणी छोड़ बुराई तूं।। 278************ के बताउं जिठानी तनै तेरा देवर सपने म्हां आया री।। देख कै हालत उसकी आई नहीं पहचान के म्हां काया री।। बिखरे बिखरे बाल थे उसके मूंछ और दाढ़ी बढ़ी हुई ना न्हाया ना खाया दीखै चेहरे की हड्डी कढ़ी हुई नींद एक गाड्डी चढ़ी हुई घणी चिन्ता के म्हां पाया री।। बैठी होले न्यों बोल्या जंग के पूरे आसार होगे सारी दुनिया युद्ध ना चाहवै अमरीकी मक्कार होगे माणस लाखां हजार होंगे मिलकै सबने नारा लाया री।। चीं करकै जहाज हवाई आसमान मैं आन्ता दिख्या बटन दाब कै बम्ब गेरया पति मनै कराहन्ता दिख्या दरद मैं चिल्लान्ता दिख्या उनै हाथ हवा मैं ठाया री।। इतना देख कै मनै अपनी छाती पै हाथ फिरा देख्या आंख उघड़गी मेरी घबराकै घोर अन्ध्ेरा निरा देख्या रणबीर सिंह नै घिरा देख्या तुरत मदद कै म्हां आया री।। 279********* गुमनामी चंदे के दम पै पूंजीपति शासक पार्टियां पै छागे।। बनवा कानून अपने हक के जनता नै जमा लूट कै खागे।। 1 यो कानून इब लाजमी भ्रष्टाचार नै खूब बढावैगा भाइयो पूंजीपति खेलैगा इब खुलकै म्हारै सांस चढ़ावैगा भाइयो किसान मजदूर और जनता पै ये लगाम जोर की लागे।। बनवा कानून अपने हक के जनता नै जमा लूट कै खागे।। 2 दो तीन सालां मैं योहे हमनै देवै सै काम दिखाई भाइयो तेईस सौ करोड़ चंदे की भजपा नै करी सै उगाही भाइयो पन्द्रासौ करोड़ दो साल मैं बस इलेक्ट्रोल बॉन्ड तैं पागे।। बनवा कानून अपने हक के जनता नै जमा लूट कै खागे।। 3 जनतंत्र और गणतंत्र का जमाना इब चल्या गया भाइयो आमजन तो कदम कदम पै कसूता छल्या गया भाइयो जनता नै भी जुमले इनके बेरा ना क्यों ईतने आज भागे ।। बनवा कानून अपने हक के जनता नै जमा लूट कै खागे।। 4 संकट देश मैं किसानी का नौजवान घूमै सै बेरोजगार यो ला और आर्डर की समस्या मच्या सै आज हाहाकार यो कहै रणबीर सिंह बरोने आला म्हारे सारे सपने ये ढागे।। बनवा कानून अपने हक के जनता नै जमा लूट कै खागे।। 280********* जेब कतरे धर्मात्मा इब भूरा बण्या भूरसिंह , उसकै मोहर लगी सरकारी। ना मानस नै मानस थापै, पुलिस की गेल्याँ लाई यारी। 1 पल मैं तोला पल मैं माशा, कदे टाडै कदे छेरै खासा चित बी मेरी पिट बी मेरी ना पड़ै कदे उल्टा पासा ठाडे आगै होज्या म्याऊं पर हीने नै धमकावै खासा घर मैं रहवै गऊ की ढालाँ बाहर करै यो पूरा तमाशा पहरावे का नहीं ठिकाना हो पेंट कदे हो खद्दर धारी। ना मानस नै मानस थापै, पुलिस की गेल्याँ लाई यारी। 2 पूरा ज्ञानी ध्यानी बनै आरती हनुमान की तारै देखो पिस्से नै भगवान मानै शेखी दिन रात बघारै देखो दया धर्म दिखावे ताहिं पराई बीर पै तान्ने मारै देखो बिना टूम धरें उधार दे ना ब्याज मैं खाल उतारै देखो चुगली मैं बाप नारद का इनै लोगाँ की अक्कल मारी। ना मानस नै मानस थापै, पुलिस की गेल्याँ लाई यारी। 3 नीत डिगादे एक पैग पै हुया बिन पैंदे का लौटा रै बख्त पड़े पै धोखा देज्या मारै छल का सौटा रै बात घड़दे तुरत फुरत टोहले कोए बाहणा मौटा रै अपने मुँह मियाँ मिठू कहै मैं सूँ सिक्का खौटा रै यारे प्यारे उप्पर चलै उसकी भाई या तलवार दुधारी। ना मानस नै मानस थापै, पुलिस की गेल्याँ लाई यारी। 4 माखी भिंणकैं छिकमा सिनकै जब सत्ता तैं दूरी होज्या पड़या खाट मैं रहै बाट मैं खत्म सारी गरूरी होज्या हो बुरा हाल जनों सूने ताल मछली सी मजबूरी होज्या ना चमक रहे ना दमक रहै झूऱ सिंह तैं यो झूरी होज्या लिखै रणबीर जब झूरे पै उसकी आंख्यां मैं चिंगारी। ना मानस नै मानस थापै, पुलिस की गेल्याँ लाई यारी। 281********** बबीता-चमेली को मेडिकल जाकर अपना मेडिकल करवाने के लिए तैयार करती है। वहां सविता उनकी पूरी मदद करती है। मेडिकल मुआएना हो जाता है और सूरत सिंह के खिलाफ पुलिस को केस दर्ज करना पड़ता है। गांव में चमेली का चरित्र हनन करने की पूरी कोशिशें की जाती हैं। चमेली की मां और बबीता उसका पूरा साथ देती हैं। एक दिन चमेली क्या सोचती है, क्या बताया कवि ने:- या चोट मनै, गई घोट मनै, गई फिरते जी पै लाग मेरै तो सिलगै बदन में आग।। 1. चाला होग्या गाला होग्या, क्यूकर बात बताउं बेबे, इज्जत गवाई, चिन्ता लाई, क्यूकर ज्यान बचाउं बेबे सुरते बरगे फिरैं घनेरे, क्यूकर गात छिपाउं बेबे देख अकेली करी बदफेली, क्यूकर हाल छुपाउं बेबे ना पार बसाई, ना रोटी खाई, ना आच्छा लागै कोए राग मेरै तो सिलगै बदन में आग।। 2. जिस देश मैं नहीं होता हो सही सम्मान लुगाई का उस देश का नाश लाजमी, जड़ै अपमान लुगाई का सारी जिन्दगी राम भज्या सै, नहीं भुगतान दुहाई का घणा अष्टा बणा दिया सै, यो इम्तहान लुगाई का मैं तो मरली, दिल में जरली, लाउं नाश जले कै आग मेरै तो सिलगै बदन में आग।। 3. राम गाम सुणता हो तै, हाम कति ज्यान तै मरली औरत घणी सताई जागी, या मेरे दिल में जरली सबला लूटी अबला लूटी, दास बणाकै धरली इबै तो और सहणा होगा, के इतणे मैं सरली ना होठ सिउं ना जहर पिउं, तेरा करूं सामना निर्भाग मेरै तो सिलगै बदन में आग।। 4. डूबूं तिरूं मन होज्या सै, सोचूं कदे फांसी खावण की फेर सोचूं हिम्मत करकै, सजा कराद्यूं सुरते रावण की मां नै भी दिया बहुत सहारा, ऐसी मां ना पावण की कसर ना छोड़ी बबीता नै मेरा साथ निभावण की ना कदम हटावै ना केस ठावै न्यां रणबीर सिंह करै जाग मेरै तो सिलगै बदन में आग। 282************ द्रोपदी चीर हरण पै महा भारत संग्राम हुया सुनाया।। आज लाखां द्रोपदी लूटी जां कृृष्णजी नहीं टोहया पाया।। 1 द्रोपदी को जुए पै लाणे की हमनै या संस्कृृति सिखावै सै पांचां की एक बहू होगी या महाभारत हमनै समझावै सै महाभारत महाकाव्य मैं द्रोपदी को न्याय नहीं दिलवाया।। द्रोपदी चीर हरण पै ........ 2 महा भारत मैं द्रोपदी गेल्यां बहोत बुरा व्यवहार हुया आज घणे अत्याचार बढ़े महिला विरोधी संसार हुया धुर तैं महिला निशाने पै मनुवाद नै कहर घणा ढाया।। द्रोपदी चीर हरण पै........ 3 महिला विरोधी माहौल तैं आज लड़ना घणा जरुरी सै मिलै बरोबर का दरजा कैसे क्यों सताई जावै नूरी सै संघर्ष करकै हक पावांगे दूर करां अंधविश्वासी छाया।। द्रोपदी चीर हरण पै ........ 4 सामाजिक न्याय का मसला आज पूरे भारत मैं उठावांगे किसान मजदूर को सम्मान मिलै इसा राज हम ल्यावांगे महाकाव्य महाभारत आज किसनै यो सै इतिहास बताया।। द्रोपदी चीर हरण पै... 5 कौनसी परम्परा रुढिवादी सै कौनसी सै जन हितकारी इसपै बहस चलानी होगी ना तो नुकसान होवैगा भारी रणबीर सिंह सोच समझ कै द्रोपदी का प्रसंग ल्याया।। द्रोपदी चीर हरण पै....... 283*********** देख लिया घूम जमाणा, गरीब का ना कोये खाणा, ये अमीर मारदें ताणा, इस हरि के हरियाणे मैं।। 1 अमीर गरीब की खाई रोजाना ही बढ़ती जावै तरक्की का डूंडा पाड़या या दलाली रंग दिखावै अस्सी भूखे मरते आज , बीस ऐस करते आज, जमा खुल्ले चरते आज, इस हरि के हरियाणे मैं।। 2 बढ़िया कार बनाने मैं हरियाणा नम्बर वन होग्या बासमती उगाने मैं हरियाणा नम्बर वन होग्या बासमती का व्यापारी सै, लूटै मेहनत सारी सै, किसान की मारा मारी सै, इस हरि के हरियाणे मैं। 3 धागा और काम्बल मैं यो पानीपत मशहूर हुया सै छंटनी का दौर झेल्या बन्द करण नै मजबूर हुया सै मानेसर मंदी मैं आया,उद्योगपति भी रंभाया, उद्योग ना चल पाया, इस हरि के हरियाणे मैं।। 4 यो हरया भरया हरियाणा, जित दूध दही का खाना, महिला मैं खून की कमी मुश्किल सै समझ पाना जितना पीसा ला दिया रै, एक तिहाई खा लिया रै, ना तोड़ जमा पा लिया रै, इस हरि के हरियाणे मैं।। 284********** जनता नै दुखी करकै ना कोए शाषक सुखी रह पाया।। जनता का राज जनता द्वारा जनता ताहिं गया बताया।। सिस्टम व्यक्ति पर भारी बहुत देर मैं समझ पाते हैं कहीं खरीद फरोख्त कहीं डर का रोब खूब जमाते हैं चित बी मेरी पिट बी मेरी आम आदमी मरते जाते हैं हमारी मेहनत की शाषक हर तरह से लूट मचाते हैं जनता और शाषक के बीच वर्ग संघर्ष मूल जताया।। यो समझे बिना ईमान दार घणा कुछ नहीं कर पावै चाहे तो पी एम बणाद्यां आखिर कठपुतली बण जावै सिस्टम के हाथ बहोत सैं संस्कृति इसका साथ निभावै म्हारी सोच गुलामी की यही सिस्टम कई तरियां बनावै सिस्टम बदलें बिन जनता का जनता नै राज ना थ्याया।। शाषक बांट कर हमें अपनी मनमानी खूब चलावैं देखो दस नब्बै की लड़ाई आज खास तरियां ये छिपावैं देखो दस की करकै सही पिछाण नब्बै ना एकता बनावैं देखो दस की एकता घणी कसूती जात गोत पै वे लडावैं देखो खेत खान मैं हम कमाते फेर बी सांस चैन का ना आया।। ये जेब कतरे धर्मात्मा बणकै पूरे देष मैं छाये देखो ये भाशा जनता की बोलते जनता के भूत बनाये देखो ये मुखौटे बदल बदल कै हर पांच साल मैं आये देखो ये अपने पेट फुलागे रै म्हंगाई नै उधम मचाये देखो रणबीर नब्बै की खातर सोच समझ कै कलम उठाया।। 285*********** बेरोजगारी नै भारत मैं लड़के लड़की खूब सताए रै। आज गन्दी फ़िल्म और नशे मैं ये जान बूझकै फंसाए रै। 1 ढाल ढाल के नशे परोस कै कसूती लत लगाई सै अफीम चरस हीरोइन दारू घर घर में पहुंचाई सै नशे माफिया नै दुनिया मैं बहोत उधम मचाई सै अफ़गानिस्तान गढ़ बनाया अमेरिका की चतुराई सै आज पंजाब के नौजवान ये नशे में खूब डुबाये रै। आज गन्दी फ़िल्म और नशे मैं ये जान बूझकै फंसाए रै। 2 नेता अफसर पुलिस की तिग्गी कहैं धंधा चला रही सरकार छोटे-मोटे नै पकड़े जुल्मियों नै बचा रही किततैं आवै कौन व्यापारी बात सारी ये छिपा रही शातिर ढंग तैं माफिया तिग्गी पूरा जाल बिछा रही कोये घर ना बच्या दारू तैं सुल्फे फीम नै आण दबाए रै।। आज गन्दी फ़िल्म और नशे मैं ये जान बूझकै फंसाए रै।। 3 साथ मैं म्हारे शासकों नै गन्दी फ़िल्म का जाल बिछाया सै स्मार्ट फोन पै गन्दी फिल्मां नै कसूता उधम मचाया सै वेश्यावृत्ति बढ़ी टीवी नै सब ढाल का रंग दिखाया सै लूटो खाओ मौज उड़ाओ घर घर संदेश पहुंचाया सै बेरोजगार युवक युवती उल्टे धंधयां मैं लगाए रै।। आज गन्दी फ़िल्म और नशे मैं ये जान बूझकै फंसाए रै।। 4 नशा गन्दी फ़िल्म ल्याकै नैं बेरोजगारों का मुंह मोड़ दिया जात पात और धर्म पै बांटे मानवता का सिर फोड़ दिया बहुविविधता भुला दई भाईचारे का धागा तोड़ दिया गौ माता का नारा इसकी गेल्याँ ल्याकै नै जोड़ दिया के होगा म्हारे हिंदुस्तान का रणबीर भी घबराए रै।। आज गन्दी फ़िल्म और नशे मैं ये जान बूझकै फंसाए रै।। 286** सावित्री बाई फुले के जन्म दिन के मौके पर एक रागनी---- सावित्री बाई फुले आपको शत शत है प्रणाम म्हारा।। पहली महिला शिक्षक देश की लिया जावै नाम थारा।। 1 तीन जनवरी ठारां सौ कतीस जन्मी दलित परिवार मैं नौ साल की की शादी होगी ज्योतिराव फुले के घरबार मैं उन बख्तों मैं समाज सुधार का था मुश्किल काम थारा।। पहली महिला शिक्षक देश की लिया जावै नाम थारा।। 2 महिला शिक्षा की खातिर सबतैं पहला स्कूल खोल दिया रूढ़िवादी विचारकों नै डटकै हमला थारे पै बोल दिया ना पाछै कदम हटाये महिला स्कूल खोले तमाम ठारा।। पहली महिला शिक्षक देश की लिया जावै नाम थारा।। 3 बाल विवाह के खिलाफ विधवा विवाह ताहिं छेड़ी जंग सती प्रथा छुआछूत के किले विचार फैला करे थे तंग ब्राह्मण विधवा गर्भवती का ज़िम्मै लिया इंतज़ाम सारा।। पहली महिला शिक्षक देश की लिया जावै नाम थारा।। 4 ब्राह्मण ग्रंथ मत पढ़ो जात पात से बाहर आ जाओ मेहनत से जाति बन्धन तोड़ो शिक्षा पूरी तम पा जाओ लिखै रणबीर बरोने आला महिला शिक्षा का पैगाम थारा।।। पहली महिला शिक्षक देश की लिया जावै नाम थारा। 287********** टांड पै बिठा जनता नै अम्बानी अडानी लूट रहे ।। फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे।। 1 मुट्ठी भर तो पावैं नौकरी कई लाख का पैकेज थ्यावै बीच बीच में एक दो बै यूके फ्रांस के चक्कर लगावै एम टेक आले पै मजबूरी या चपड़ासी गिरी करावै बेरोजगारी बढ़ै रोजाना यो नौजवान खड्या लखावै अडानी अम्बानी की कम्पनी कुछ तो चांदी कूट रहे।। फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे।। 2 एक तरफ विकास का नारा लगता राज दरबारां मैं कौन फालतू मुनाफा कमावै होड़ लगी साहूकारां मैं इनके तलवे चाटें जावैं ये ना फर्क कोये सरकारां मैं संकट इस विकास करकै आया किसानी परिवारां मैं गंभीर संकट के चलते भरोसे जनता के इब टूट रहे।। फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे।। 3 अम्बानी अडानी की लूट इस संकट की जड़ मैं देखो झिपाने नै लड़वा जात धर्म पै लठ मरैं कड़ मैं देखो जात धर्म पै भिड़वा दिए हुए फिरैं अकड़ मैं देखो असली नकली म्हारै भी नहीं आये पकड़ मैं देखो कितै गौमाता कितै गीता पर सिर ये म्हारे फूट रहे।। फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे।। 4 दूसरे देश भी इस लूट मैं बड्डे हिस्सेदार बणे भाई उनकी पूंजी ले अडानी उनके सूबेदार बणे भाई एमरजेंसी लागू होगी देशद्रोही थानेदार बणे भाई काले धन का जिकरा ना उन्के पहरेदार बणे भाई कुलदीप हम क्यों रोजाना अपमान का पी घूंट रहे।। फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे।। 288******** सावित्री बाई फुल्ले छोरियां का सबतैं पहला सावित्रीबाई नै स्कूल चलाया ॥ समाज के घणे ताने सुणे पर ना पाछै कदम हटाया ॥ 1 महिला नै समाज मैं पूरे मिलने चाहिए सै अधिकार पूरा जीवन लगा दिया किया जन जन के मैं प्रचार बारा साल मैं ब्याह होग्या फेर भी अपना फर्ज निभाया ॥ छोरियां का सबतैं पहला सावित्रीबाई नै स्कूल चलाया ॥ 2 लिंग भेद का विरोध करया पति नै पूरा साथ दिया था जाति भेद के खिलाफ उणनै यो खुल्ला ऐलान किया था बाल हत्या प्रतिबन्धक गृह यो सुरक्षा सेंटर बनाया ॥ छोरियां का सबतैं पहला सावित्रीबाई नै स्कूल चलाया ॥ 3 महिलाओं को पढ़ाने जब सावित्री स्कूल मैं जाया करती जनता गोबर फ़ैंकती बहोतै क्रोध या जताया करती स्कूल जा साड़ी रोज बदली महिलाओं को जरूर पढ़ाया। छोरियां का सबतैं पहला सावित्रीबाई नै स्कूल चलाया ॥ 4 दत्तक पुत्र डॉक्टर बणग्या पुणे मैं अस्पताल चलाया सावित्री बाई मरीज सेवा मैं अपना काफी बख्त लगाया समाज सुधार मैं रणबीर अपना पूरा जीवन बिताया ॥ छोरियां का सबतैं पहला सावित्रीबाई नै स्कूल चलाया ॥ 289************ चालीस लाख साल तैं मानव दुनिया मैं रैहता आवै।। इतना ए बेरा चाल्या इबै ज्ञान विज्ञान न्यों समझावै।। 1 मानव विकास की शुरू मैं घणी धीमी रफ्तार थी पेड़ चाँद सूरज बरसात आसपास की संसार थी इनपै कई विश्वास बने जिनकी महिमा अपार थी आपस मैं देख्या चोट लगै कदे चढ़ै या बुखार थी उणनै ना बेरा था कैसे औरत बच्चा पैदा कर पावै।। इतना ए बेरा चाल्या इबै ज्ञान विज्ञान न्यों समझावै।। 2 गुफाओं मैं रहया करते जानवरों का शिकार करते आग लगी पाज्या कितै वे उसतैं बहोत घणे डरते तूफान आंधी आ ज्यावैं कई कई दिन भूखे मरते कच्चा सड़े औड़ मांस खाकै वे अपना पेटा भरते आग और पहिये की खोज विकास नै आगै बढ़ावै।। इतना ए बेरा चाल्या इबै ज्ञान विज्ञान न्यों समझावै।। 3 मूल प्रवृति मैं धर्म ना था पूर्व पाषाण युग बताता एक लाख तैं चालीस हजार साल पूर्व का खाता साठ हजार साल पहले धर्म संसार मैं नजर आता फूल औजारों गहणों गेल्याँ उसका शव गाड्या जाता इतिहास की खोज हमनै और भी घणी बात बतावै।। इतना ए बेरा चाल्या इबै ज्ञान विज्ञान न्यों समझावै।। 4 बच्चे के जन्म को चमत्कार मानव समझण लाग्या धरती माँ देवी मां के रूप मैं पहलम पूजण लाग्या बड़े स्तनों की गर्भवती की बना मूर्त धोकण लाग्या इसे करकै धरती माँ को सब्तैं ऊपर धरण लाग्या इतने सालों का अनुभव मानवता नै आगे नै ल्यावै।। इतना ए बेरा चाल्या इबै ज्ञान विज्ञान न्यों समझावै।। 5 बच्चे के जन्म मैं पुरुष की भूमिका का पता लाग्या माँ धरती बणी और पिता आकाश का दर्जा पाग्या डरता मानस सबको दर्जा फेर देवता का दिवाग्या आग वर्षा पाणी सूर्य का चमत्कारी रूप बणाग्या सभी सभ्यताओं मैं सबका पुराणा देवता पाया जावै।। इतना ए बेरा चाल्या इबै ज्ञान विज्ञान न्यों समझावै।। 6 आग और पहिये की खोज तैं विकास तेजी पकड़ग्या मानव और प्रकृति का विरोध कई जगण पै उभरग्या नव पाषाण युग का काल आड़े ताहिं विकास करग्या छह कली लिखी फेर भी के इतनी मैं रणबीर सरग्या घणी सोच समझ कै फेर कदे अपनी कलम घिसावै।। इतना ए बेरा चाल्या इबै ज्ञान विज्ञान न्यों समझावै।। 290************* नोएडा और गुड़गामा आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही। युवा और युवतियों की या मजबूरी दिखाणी चाही। 1 मियाँ बीबी ये दोनों मिलकै आज खूब कमावैं देखो तीस लाख का पैकेज ये साल का दोनों पावैं देखो तड़कै आठ बजे त्यार हो नौकरियां पर जावें देखो रात के ग्यारह बजे ये वापिस घर नैं आवैं देखो इन कमेरयां की आज या पूरी कथा सुणानी चाही। आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही। 2 आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही। अपने पारिवारिक रिश्ते बताओ कैसे चलावैं रै ऐकले रैह रैह कै शहरां मैं ये कैरियर बनावैं रै भीड़ मैं रैह कै भी अपने नै कतिअकेला पावैं रै गांम गेल्याँ अपना रिश्ता बताओ कैसे निभावैं रै आज के दौर की या विरोधाभाष दिखाणी चाही। आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही। 3 मोटे वेतन की नौकरी छोड नहीं पावैं देखो भाई अपने बालकां नै घरां छोड़ कै नै जावैं देखो भाई फुल टाइम की मेड एजेंसी तैं ये ल्यावैं देखो भाई उसके धोरै बालक ये अपने पलवावैं देखो भाई मजबूरी या लाइफ आज इणनै अपनाणी चाही। आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही। 4 मात पिता दूर रहवैं टाइम काढ़ नहीं पाते भाई दादा दादी नाना नानी इनके बन्द हुए खाते भाई घर मैं आवैं इस्तै पहले बालक तो सो जाते भाई नॉएडा गुड़गामा का रणबीर यो हाल सुनाते भाई बदल गया जमाना हरयाणा ली अंगड़ाई चाही। आज के कारपोरेट की असलियत बताणी चाही। 291********** मतना लाओ वार सुणो , हो जाओ तैयार सुणो। ले ऐके का हथियार सुणो , लड़नी आज लड़ाई रै।। 1. गांव, गली, शहर, कुचे मैं इज्जत म्हारी महफूज नहीं अत्याचार होते रोजाना करता कोए महसूस नहीं नहीं लड़ाई आसान सुणो चाहिए युद्ध घमासान सुणो मारे जावैं शैतान सुणो ,बची नहीं समाई रै ।। 2. रूढ़िवादी विचार क्यों देखो बनके ये दीवार खड़े कहने को होते देखो ये यहां बढ़िया प्रचार बड़े दुश्मन गेरता फूट सुणो , ऐसे मचाए लूट सुणो अब तुम जाओ उठ सुणो , सही ना जा पिटाई रै।। 3. ये अन्नदाता कहने वाले आज कहां पर चले गए कर्म कर ना फल की चिंता,अरमान हमारे छले गए नहीं सहें अपमान सुणो , पायें हम सम्मान सुणो चले ऐसा अभियान सुणो , डंके की चोट बताई रै।। 4. जीना है तो लड़ना होगा, संघर्ष हमारा नारा किसानों संगठन बना के कदम बढ़ाएं,दूर नहीं किनारा किसानों अब तो उंचा बोल भाई, झिझक ले अपनी खोल भाई जाए दुश्मन डोल भाई , रणबीर अलख जगाई रै।। 292*********** चूल्हे की आग भादों की बिजली नन्द मेरी चूल्हे की आग सै मेरी सास।। देवर तै मेरा सांप सपोलिया घमण्डी मेरा सुसरा खास।। 1 इनके बीच मैं रहना कितना सुख दाई बीरा देख ले मनै कहते डली रांग की यो इनका बेटा हीरा देख ले ऊंट के मुंह मैं जीरा देख ले पिया आवैगा छटे मास।। देवर तै मेरा सांप सपोलिया घमण्डी मेरा सुसरा खास।। 2 तड़कै उठ कै चाह पिलाऊँ फेर नास्ता मनै बनाना हो सारे सिंगर कै करलें नाश्ता उस पाछै मेरा न्हाणा हो साबुन लाण का उल्हाणा हो कित मेहंदी लाण की आस।। देवर तै मेरा सांप सपोलिया घमण्डी मेरा सुसरा खास।। 3 इसे माहौल मैं मात मेरी क्यूकर मनाऊं मैं तीज बता कई मिहने तैं हंसी कोण्या क्यूकर दूर हो खीज बता ना सिमाया कोये कमीज बता मैं तो सूं बस जिंदा लाश।। देवर तै मेरा सांप सपोलिया घमण्डी मेरा सुसरा खास।। 4 बेराना सास बहू का रणबीर बढ़िया रिश्ता किनै बनाया के आछे ढ़ालां ना रैह सकती किनै उल्टा पाठ पढ़ाया यो किनै सै जहर फैलाया कौन करै इसका पर्दाफाश।। देवर तै मेरा सांप सपोलिया घमण्डी मेरा सुसरा खास। 293************ बेटी हुई सिवासन जब तैं घरां रोजाना झगड़ा होवै हे।। मनै कति ना बेरा पटता क्यूं उसका भाग नपूता सोवै हे।। 1 समझदार कोये वर ना मिलता होगी घणी लाचारी बेबे सीधे मूंह कोये बात ना करता होगी मुश्किल भारी बेबे छोरियां की कदर रही नहीं आज फिरती मारी मारी बेबे दहेज बिना कोये हां ना भरता चाली किसी या बीमारी बेबे रोजाना कमनूँ चेहरा दीखै वा कदे सूबकै कदे रोवै हे।। मनै कति ना बेरा पटता क्यूं उसका भाग नपूता सोवै हे।। 2 गऊ सी दुधारू चाहवैं सारे चारों तरफ पीसा नाच रहया पशु माणस मैं फर्क रहया ना में धन रिस्तयाँ नै जांच रहया नाश होण में कसर नहीं पिट झूठ कै साहमी साच रहया कार लेकै भी जलाकै मारैं चारों कांहीं हाहाकार माच रहया परिवार सारा पड़या चिंता मैं खड़या हाथ कालजा होवै हे। मनै कति ना बेरा पटता क्यूं उसका भाग नपूता सोवै हे।। 3 भैंस बीमार होवै जब सैड़ देसी डॉक्टर नै टोहवैं ये छोरी मरै बिलख बिलख कै ना दवन्नी ऊंपै खोवैं ये आज पढ़े लिखे जमाने मैं सरे आम कत्ल होवें ये दिन रात फिकर लगी रहै नहीं नींद चैन की सौवैं ये किस्मत का खेल बतावैं काटै जो जिसे बीज बोवै हे।। मनै कति ना बेरा पटता क्यूं उसका भाग नपूता सोवै हे।। 4 ये रंग ढंग देख जमाने के जी घणा दुखी पाग्या मेरा हे काले धन नै दिया म्हारै चौगिरदें यो किसा घेरा हे कोये बी राह ना दिखता मनै टोहनाहो कुआं झेरा हे घर नै बेटी आज बोझ बनी यो दीखता घोर अंधेरा हे वैष्णो देबी पूज कै आयी सुनी वा बढ़िया वर टोहवै हे।। मनै कति ना बेरा पटता क्यूं उसका भाग नपूता सोवै हे।। 5 सारे खोट की जड़ डूँगै रणबीर न्यों मनै समझावै सै मेरी समझ मैं आँती कोण्या वो सही तसवीर दिखावै सै कहै सरमायेदारी खेल रचारी म्हारे संकट रोज बढ़ावै सै समुन्दर किनारै बैठ कदे ना असली मोती यो थयावै सै वैज्ञानिक सोच जरूरी बेबे नहीं सूके थूक बिलोवै हे।। मनै कति ना बेरा पटता क्यूं उसका भाग नपूता सोवै हे।। 294*********** खाई चौड़ी होंती आवै सै इसनै आज कौन पाटैगा।। गरीब जनता का हाथ आज सही मैं कौन डाटैगा।। 1 घर घर मैं खाई बधगी या बधगी पूरे समाज मैं देशां के बीच की खाई नहीं बताते पूरे अंदाज मैं अमरीका टॉप पै रैहवन खातर रंग यो न्यारे छांटैगा। खाई चौड़ी होंती आवै सै इसनै आज कौन पाटैगा।। 2 एक देश के भित्तर भी कई ढाल की खाई दीखैं सैं एक तो अरब पति बनरया दूजे ये पेट नैं भिंचै सैं शान्ति कड़े तैं आवैगी जब अमीर गरीब नै काटैगा। खाई चौड़ी होंती आवै सै इसनै आज कौन पाटैगा।। 3 लड़ाई बढ़ैगी इस तरियां इस विनास की राही पै खाई पटज्या चलना होगा इसे विकास की राही पै ना तो पर्यावरण प्रदूषण यो म्हारा कालजा चाटैगा।। खाई चौड़ी होंती आवै सै इसनै आज कौन पाटैगा।। 4 लोभ लालच और स्वारथ घणी बधारे इस खाई नै समाज गया रसातल मैं यो चौड़ै मारै भाई भाई नै भाईचारा नहीं बच्या तो रणबीर धन नै के चाटैगा ।। खाई चौड़ी होंती आवै सै इसनै आज कौन पाटैगा।। 295************ कम बच्चों का सवाल जिब फुर्सत होज्या तम नै ,बात ध्यान तैं सुनियो मेरी।। भीडी धरती हो ज्यावै सै उठती नै मने आवें अँधेरी।। 1 खेत मजदूर बाप सै मेहनत कर कै करै गुजारा जितनी ढाल की खेती हो वै उस पै सै ज्ञान का भंडारा फल सब्जी नाज उगावन मैं किसान कै लाता साहरा दिहाड़ी पै फेर लठ बा जै संकट होज्या घणा भारया घुट घुट कै सहन करण सां ये कडवी बात भतेरी || भीडी धरती हो ज्यावै सै उठती नै मने आवें अँधेरी।। 2 सात बालक जन्मे थे माता नै पाँच भान अर दो भाई ताप मार ग्य एक जाने नै भान मरगीर्गी बिना दवाई दूजी नै बैरन टी बी चाट्ग्यी घर मैं मची तबाही बची दस्तों तैं मरण नै तीजी राम जी के घर तैं आई सात मांह तैं तीन बचे मुश्किल तैं इसी घली राम की घेरी || भीडी धरती हो ज्यावै सै उठती नै मने आवें अँधेरी।। 3 यानी सी मैं ब्याह दी थी पति खेत मजदूर मदीने का उनका हाल और्व बुरा देख्या ब्योंत नहीं खाने पीने का चाह गेल्याँ रोटी घूँट कै खा वें हाल नहीं सै जीने का ठाडे की सै दुनिया हे बेबे के सै म्हारे बरगे हीने का क्यूकर जी वां सुख चैन तैं चिंता खावै या श्याम सबेरी|| भीडी धरती हो ज्यावै सै उठती नै मने आवें अँधेरी।। 4 कई बै सोचूँ बालक कम हों ना ठुकता कालजा मेरा कितने बचें कितने मरेंगे नहीं पाटता इसका बेरा सारे मिलके करैं कमाई जिब हो वै सै म्हारा बसेरा मने समझ नहीं आवै क्यूकर केहना मानूं मैं तेरा रणबीर सिंह धोरै बूझंगे चल मत करिए देरी || भीडी धरती हो ज्यावै सै उठती नै मने आवें अँधेरी।। 296******** ज्योतिबा फुल्ले जी की याद में उनीसवीं सदी मैं भारत दूज्यां का गुलाम बताया।। धर्म जात ऊपर यो बंटया टुकड्यां मैं दिखाया।। 1 समाज पै परम्परावादी सोच घणी छारी थी ज्ञान सत्ता के स्रोतां पै उच्च वर्गों की थानेदारी थी व्यवस्था नै अछूत वर्ग यो हिंदुस्तान मैं बनाया।। धर्म जात ऊपर यो बंटया टुकड्यां मैं दिखाया।। 2 इस वर्ग नै अपमान सहया अभाव घणे झेले अँधेरी गुफाओं बीच मैं ये तबके गए धकेले गैर बराबरी की आग नै भारत देश जलाया।। धर्म जात ऊपर यो बंटया टुकड्यां मैं दिखाया।। धर्म जात ऊपर यो बंटया टुकड्यां मैं दिखाया।। 3 इनपै जुल्म ढाल ढाल के खूब करे जावैं थे जानवरां तैं भुंड़ी ढाल घणे बोझ धरे जावैं थे वंचितों को म्हारे समाज नै बहोत घणा सताया।। धर्म जात ऊपर यो बंटया टुकड्यां मैं दिखाया।। 4 कई जात अछूत के भीतर समाज नै बनाई बस्ती गाम तैं बाहर म्हारे हिंदुस्तान मैं बसाई धरती पर भी थूकन का दखे पाबंद लगाया।। धर्म जात ऊपर यो बंटया टुकड्यां मैं दिखाया।। 5 गले मैं हंडिया लटका कै ये तबके चाल्या करते निशान साफ करे बिन ना कदम डाल्या करते दूरी बनी रैह ज्यां जिम्मा घण्टी बजाने का लगाया।। धर्म जात ऊपर यो बंटया टुकड्यां मैं दिखाया।। 6 धर्म जात पै यो बंटया टुकड्यां मैं दिखाया।। बीड़ा ज्योतिबा फुल्ले नै जात पात खिलाफ उठाया शिक्षा का प्रसार किया घर घर अलख जगाया कहै रणबीर दबंगों नै घणा विरोध जताया।। धर्म जात ऊपर यो बंटया टुकड्यां मैं दिखाया।। 297************ त्याग तपस्या जनसेवा हरेक धर्म का सार बताया रै।। कण कण मैं बसै रामजी किसनै पत्थर पूजवाया रै।। कौनसे धर्म मैं लिख दिया दूजे धर्म तैं लोगो घृणा करो अपने नै महान बताओ दूजे धर्म के ऊपर नाम धरो उसको ढूंढ़ो अपने अंदर मुक्ति का यो राह दिखाया रै।। समाज सुधरै जीवन सुधरै है धर्मों का अंजाम यही फेर क्यों मारकाट धर्मों पै कबीर नै दी पैगाम यही सूफी संतों नै अंधभक्तों को यो रास्ता सही समझाया रै।। प्यार से सब रहते आये हैं गंगा जमुनी संस्कृति म्हारी अंग्रेजों नै बांटो राज करो करी सोच समझ कै त्यारी धार्मिक कट्टरता नै मानस दुनिया का आज कँपाया रै।। धार्मिकता के सिद्धान्त सारे धर्मों के कुछ लोग भूले एक दूजे तैं नफरत करो की मारा मारी मैं क्यों झूले धर्म व्यक्तिगत मसला सै पां क्यों राजनीति मैं फंसाया रै।। इंसान पैदा हुया फेर सहज सहज जीवणा सिख्या आग वायु देवता बनाये जब राह कोए नहिं दिख्या कुदरत का खेल यो सारा धर्मां नै अपना खेल रचाया रै।। धर्मान्धता और रूढ़िवाद नै कब्जा आज जमा लिया सहज सहज इसे करकै कुलदीप नास्तिक बना दिया साम्प्रदायिक दंगो मैं जो मरे उनका ना हिसाब लगाया रै।। 298******** गीत या दुनिया हुई कसाई हे सखी , समझी ना इंसान मैं बचपन के महां लाड लड़ाया ,पढना लिखना खूब सिखाया मेरी माँ नै गोद खिलाई हे सखी , पर समझी ना संतान मैं हुई सिवासन ब्याह रचाया , खोल जेवडा पिंड छुटवाया कर दी मेरी बिदाई हे सखी पर समझ लई अनजान मैं पति देव का साथ निभाया , घर का सारा बोझ उठाया बढ़िया पत्नी बताई हे सखी पर समझी नहीं समान मैं सब बच्चों को खूब पढाया , भविष्य उनका सही बनाया मनै पीढी त्यार बनाई हे सखी पर नाम नहीं निर्माण मैं खेत क्यार म नै खूब कमाया ,नहीं पा छे नै कदम हटाया बहो तै घणा कमाई हे सखी पर समझी नहीं किसान मैं या दुनिया हुई कसाई हे सखी समझी ना इंसान मैं 299********** आज एम ए करली पास मनै देवै अंधेरा दिखाई क्यों। आधा किल्ला मेरै बांटै आया होगी बन्द सब राही क्यों 1 खेतों मैं कमाऊं किततैं जिब धरती ए कोण्या बोवण नै मनै सब कामचोर कहते नहीं कान्धा मिलता रोवण नै लेगे पिस्से आले नौकरी मेरै ना छोटी मोटी थ्याई क्यों । 2 चक्कर काट काट नेता जी के दो जोड़ी जूती टूट लई और किसे नै के दोष देऊं मेरी किस्मत दीखै फूट लई ग्यारा हजार की माला घाली फेर बी ना पार बसाई क्यों 3 ये उल्टे सीधे काम करणिया अपनी राही लाया चाहवैं दारू बेच कै सल्फा बेच ले ये इसे पाठ पढ़ाया चाहवैं चौराहे पै मैं खड़या सोचूं जिंदगी मैं मची तबाही क्यों । 4 निराशा के बादल छारे मनै दीखती कोये बी आस नहीं बेरा ना के के सोचें जांसूं बच्या मन के मैं विश्वास नहीं रणबीर बरोणे आले की नहीं समझे हम कविताई क्यों 300********** राजरानी की शहादत गेस्ट टीचर्स के संघर्ष को देखकर एक बात याद आ गयी । शिला बाई पास पर प्रदर्शन पर गोलियां चली । जीप ड्राइवर राजरानी को लेकर आया और इमरजेंसी में क्या हुआ इस बारे उन्हीं दिनों एक रागनी लिखी थी पेश है :--- बिन आयी मौत साहमी टडफै सड़क पै पड़ी हुई। पड़ी जांघ मैं खाकै गोली फेर एक बर खड़ी हुई ।। 1 धड़ाम दे पडी सड़क पै खून फव्वारा ना काबू आरया साथी तो ठावैं पुलिस रोकै मन होग्या उसका खारया धक्का स्टार्ट जीप मेरी उन सबनै फेर धक्का मारया घाल जीप मैं चाल पड़े चेहरां पीला पड़ता जारया पीली पड़गी राजरानी कितै कितै सांस अड़ी हुई ।। पड़ी जांघ मैं खाकै गोली फेर एक बर खड़ी हुई ।। 2 ड्रिप लायी ईसीजी मशीन वा सीधी लाइन दिखावै कई डॉक्टर कट्ठे होगे एक छाती बार बार दबावै खत्म होली राजरानी कहता डॉक्टर भी घबरावै चारों कान्ही हाहाकार मच्या गैल भीड़ चढ़ती आवै देखैं पडी खून मैं लतपथ साथिन उड़ै खड़ी हुई ।। 3 पडी राजरानी बिस्तर पै जनों मेरी तरफ लखावै इसा दिखाई देवै जनों यो हमनै सन्देश देना चाहवै आत्म सम्मान बचाल्यो रलकै आज हकूमत दबावै संघर्ष का रास्ता लेल्यो यो मंजिल तक पहोंचावै मुठ्ठी भींचगी राजरानी की थी जाड़ी भी कड़ी हुई। पड़ी जांघ मैं खाकै गोली फेर एक बर खड़ी हुई ।। 4 गोली मारी सांथल के म्हां करया जुल्मी काम सुणो राजरानी गेस्ट टीचर नै यो दिया आखरी पैगाम सुणो नेता अफसर पुलिस की कसनी होगी लगाम सुणो आख़री सांस मैं उसनै लिया साथिन का नाम सुणो रणबीर रोवै उड़ै खड़या सच्ची बात ना घड़ी हुई ।। पड़ी जांघ मैं खाकै गोली फेर एक बर खड़ी हुई ।। 301********** राजरानी की शहादत गेस्ट टीचर्स के संघर्ष को देखकर एक बात याद आ गयी । शिला बाई पास पर प्रदर्शन पर गोलियां चली । जीप ड्राइवर राजरानी को लेकर आया और इमरजेंसी में क्या हुआ इस बारे उन्हीं दिनों एक रागनी लिखी थी पेश है :--- बिन आयी मौत साहमी टडफै सड़क पै पड़ी हुई। पड़ी जांघ मैं खाकै गोली फेर एक बर खड़ी हुई ।। 1 धड़ाम दे पडी सड़क पै खून फव्वारा ना काबू आरया साथी तो ठावैं पुलिस रोकै मन होग्या उसका खारया धक्का स्टार्ट जीप मेरी उन सबनै फेर धक्का मारया घाल जीप मैं चाल पड़े चेहरां पीला पड़ता जारया पीली पड़गी राजरानी कितै कितै सांस अड़ी हुई ।। पड़ी जांघ मैं खाकै गोली फेर एक बर खड़ी हुई ।। 2 ड्रिप लायी ईसीजी मशीन वा सीधी लाइन दिखावै कई डॉक्टर कट्ठे होगे एक छाती बार बार दबावै खत्म होली राजरानी कहता डॉक्टर भी घबरावै चारों कान्ही हाहाकार मच्या गैल भीड़ चढ़ती आवै देखैं पडी खून मैं लतपथ साथिन उड़ै खड़ी हुई ।। 3 पडी राजरानी बिस्तर पै जनों मेरी तरफ लखावै इसा दिखाई देवै जनों यो हमनै सन्देश देना चाहवै आत्म सम्मान बचाल्यो रलकै आज हकूमत दबावै संघर्ष का रास्ता लेल्यो यो मंजिल तक पहोंचावै मुठ्ठी भींचगी राजरानी की थी जाड़ी भी कड़ी हुई। पड़ी जांघ मैं खाकै गोली फेर एक बर खड़ी हुई ।। 4 गोली मारी सांथल के म्हां करया जुल्मी काम सुणो राजरानी गेस्ट टीचर नै यो दिया आखरी पैगाम सुणो नेता अफसर पुलिस की कसनी होगी लगाम सुणो आख़री सांस मैं उसनै लिया साथिन का नाम सुणो रणबीर रोवै उड़ै खड़या सच्ची बात ना घड़ी हुई ।। पड़ी जांघ मैं खाकै गोली फेर एक बर खड़ी हुई ।। 302************* शिक्षा शिक्षा देश की पढ़ण बिठाई अपणा व्यापार चलाया रै।। गावों शहर के सरकारी स्कूलां का धुम्मा सा ठाया रै।। 1 सरकारी स्कूल के तम्बू पाड़े प्राइवेट स्कूल ल्याए रै प्राइवेट घनी लूट मचारे शिक्षक जावैं घणे सताए रै शिक्षा स्तर उड़ै भी माड़ा सै माँ बाप तो दुःख पाये रै सरकार नै शिक्षा पै खर्च घटा जनता कै सांस चढ़ाये रै खराबी के सैं टीचर दोषी कसूता प्रचार कराया रै ।। शिक्षा देश की पढ़ण बिठाई अपणा व्यापार चलाया रै।। 2 इंजीन्यरिंग कालेज खुलरे सैं बी टेक बिकती गिनाऊँ देखो कुछ दिन बीएड कालेज खुल्ले इब बन्द होंते दिखाऊँदेखो नर्सिंग कालेज आये घणे उनकी हुई दुर्गति बताऊँ देखो मेडिकल कालेजों का काल नै योहे हाल मैं सुनाऊँ देखो बेरोजगारी के बादल छारे घुटन का माहौल बनाया रै।। शिक्षा देश की पढण बिठाई अपणा व्यापार चलाया रै।। 3 साठ लाख मैं एम बी बी एस दो करोड़ की एम डी होगी इलाज मैं सेवा कित बचै पिस्से की चकाचौंध इनै ख़ोगी गरीब की शिक्षा गई भाड़ मैं सरकार तानकै लाम्बी सोगी बाजार व्यवस्था हावी हुई या आज बीज बिघण के बोगी शासक वर्ग नै अपनी खातर न्यारा ढांचा सै बनाया रै।। शिक्षा देश की पढ़ण बिठाई अपणा व्यापार चलाया रै।। 4 एयर कण्डीशण्ड दुनिया का भारत न्यारा बना राख्या रै दूजे कांही नब्बे प्रतिशत कै सांस कसूता चढ़ा राख्या रै एक की शिक्षा घणी जरूरी दूज्यां का ढोल बजा राख्या रै जेण्डर बायस शिक्षा मैं यो कसूते ढाल छिपा राख्या रै रणबीर सिंह शिक्षा पै गेरी दुभांत की कसूती छाया रै ।। शिक्षा देश की पढ़ण बिठाई अपणा व्यापार चलाया रै।। 303********** लेगे उडारी देखो मियां बीबी रहगे ऐकले तीनो बालक लेगे उडारी देखो| के के सपने संजोये थे जिब हुई ये संतान म्हारी देखो | 1 बचपन उनका सही बीते करे दीन रात काले हमनै क्याहें की परवाह करी ना बहा पसीना पाले हमनै पढ़न खंदाये लाड लड़ाए तनखा खर्ची सारी देखो| के के सपने संजोये थे जिब हुई ये संतान म्हारी देखो | 2 कदे रुसजया कदे कुबध करै यो छोरा सबते छोटा मेरा बड़ी छोरी हुई सयानी शादी का दुःख था मोटा मेरा बिचली छोरी का के जिकरा वा तिनुओं मैं न्यारी देखो| के के सपने संजोये थे जिब हुई ये संतान म्हारी देखो | 3 एक अम्बाला दूजी सूरत मैं परिवार अपने चला रही ये मोबाइल साँझ सबेरी हमते रोजाना ही मिला रही बात करें दुनिया भर की उमर बीतती जारी देखो। के के सपने संजोये थे जिब हुई ये संतान म्हारी देखो | 4 कई बार बहोत ऐकले मियां बीबी हम हो ज्यावें सें झगडा करल्याँ छोटी बात पै लड़भीड़ सो ज्यावें सें रणबीर सिंह आप बीती सै कलम मेरी पुकारी देखो। के के सपने संजोये थे जिब हुई ये संतान म्हारी देखो | 304********** लिंग भेद स्त्री पुरुष की दुनिया मैं स्त्री नीची बताई समाज नै। फरज और अधिकारां की तसबीर बनाई समाज नै।। 1 शादी पाछै पति गेल्यां सम्बन्ध बणाणे का अधिकार ब्याह पाछै मां बणैगी नहीं तो मान्या जा व्याभिचार पुरुष चौगरदें घुमा दियो यो नारी का पूरा संसार मां बेटी बहू सास का रच दिया घर और परिवार एक इन्सान हो सै महिला या बात छिपाई समाज नै।। फरज और अधिकारां की तसबीर बनाई समाज नै।। 2 परिवार का दुनियां मैं पुरुष मुखिया बणाया आज सारे फैंसले वोहे करैगा पक्का फैंसला सुणाया आज धन धरती सारी उसकी कसूता जाल बिछाया आज चिराग नहीं छोटी वंश की छोरा चिराग बताया आज संबंधा की छूट उसनै या रिवाज चलाई समाज नै।। फरज और अधिकारां की तसबीर बनाई समाज नै।। 3 पफर्ज औरत के बताये घर के सारे काम करैगी या बेटा पैदा करै जरूरी घर का रोशन नाम करैगी या औरत पति देव की सेवा सुबह और श्याम करैगी या सारे रीति रिवाज निभावै बाणे कति तमाम करैगी या बूढ़े और बीमारां की सेवा जिम्मे लगाई समाज नै।। फरज और अधिकारां की तसबीर बनाई समाज नै।। 4 पुरुष परिवार का पेट पालै उसका फर्ज बताया यो महिला नै सुरक्षा देवैगा उसकै जिम्मे लगाया यो दुभांत का आच्छी तरियां रणबीर जाल बिछाया यो फर्ज का मुखौटा ला कै औरत को गया दबाया यो बीर हर तरियां सवाई हो या घणी दबाई समाज नै।। फरज और अधिकारां की तसबीर बनाई समाज नै।। 305******** दो हजार सौला मैं काच्चे काटो चौखे ब्योंत आला भाई रै।। ऑन लाइन पर काम कराओ बढ़िया स्कीम चलाई रै।। 1 मॉल खोले गजब के मिलै सब कुछ एक छात नीचै बाहर खड़या गरीब तो बस अपने खाली पेट नै भींचै ब्योंत आला घरां बैठ्या करै बुकिंग जहाज हवाई रै।। ऑन लाइन पर काम कराओ बढ़िया स्कीम चलाई रै।। 2 अप्पोलो बरगे फाइव स्टार अस्पताल गजब के खोलै इलाज महंगा बजट घटा दिया सुनकै म्हारा हिया डोलै गरीब मारो सड़ सड़ कै नै कहवन नै ये मुफ़्त दवाई रै।। ऑन लाइन पर काम कराओ बढ़िया स्कीम चलाई रै।। 3 एयर कंडीशंड जीवन का न्यारा यो संसार बसाया इस जीवन के दिन आच्छे म्हारै आज भी अँधेरा छाया नए साल की कतीस रात नै जवैगी धूम मचाई रै।। ऑन लाइन पर काम कराओ बढ़िया स्कीम चलाई रै।। 4 मुबारक कयांकि अर किसनै थोड़ा गंभीर ख्याल सै आप बी देखो भाजपा नै ठाया धर्म पै घणा बबाल सै जनता नै अपनी बेचैनी तैं बदल सरकार दिखाई रै।। ऑन लाइन पर काम कराओ बढ़िया स्कीम चलाई रै।। 5 सब रंगों के समावेश आले भारत पै संकट आया रै हिन्दू बणकै रहना होगा सबतैं यो फरमान सुनाया रै रणबीर आगे तैं करिये सोच समझ कै कविताई रै।। ऑन लाइन पर काम कराओ बढ़िया स्कीम चलाई रै।। 306*********** छबके मारने नहीं आते तो आज तुम कामयाब नहीं बिना पैसे सिफारिश कहां नौकरी हो पूरा ख्वाब नहीं छल कपट बिना बिल्कुल ट्रम्प जैसों का गुजारा नहीं कारपोरेट के धन बिना अफसर नेता का सहारा नहीं अंदर काला बाहर सफेद ये मुखौटा पहन लिया देखो जिसका अंदर भी सफेद उसने कहर सहन किया देखो सब कुछ ही बह गया आज किसपे कौन यकीन करे थोड़े बहुत बचे उनको सिस्टम आज खूब गमगीन करे बिना संघर्ष नहीं गुजारा मजदूर यह आज जान गए इनके साथ ही किसान भी इस संघर्ष को पहचान गए कर्मचारियों का गला घोंट दिया वो भी परेशान बहुत मध्यम वर्ग अभी डावां डोल टूट रहे हैं अरमान बहुत ट्रम्प के झूठ को अमरीकन ने आज सबक सिखाया बिहार के चुनाव में प्रवासी ने होंसला गजब दिखाया बिना संघर्ष नहीं गुजारा रणबीर आज का पैगाम यही कारपोरेट लूट रहा सबको मुद्दा असल है तमाम यही 307*********** टी वी सीरियल उपर जूता क्यों आपस मैं बाज रहया। झूठी बात नहीं मैं कहता बता सब साची आज रहया।। 1. बाबू न्यूज सुण्या चाहवै, उस खातर कोए टेम नहीं बैड रूम सीन कद आज्या यो बच्चा कोए नेम नहीं बधती जावै इस टी वी की कम क्यूं होन्ती फेम नहीं फैशन शो के नाम पै हो इसपै जमा नंगा नाच रहया।। झूठी बात नहीं मैं कहता बता सब साची आज रहया।। 2. म्हारी संस्कृति खतरे मैं कहै दिखाये घणा प्यार रहे सैं भूंडे चेनलां की रोजाना कर क्यूं आड़ै भरमार रहे सैं महिला शरीर बेच टी वी पै बढ़ा कूण व्यापार रहे सैं औरत जिम्मेवार सै इसकी कर यो झूठा प्रचार रहे सैं चित बी मेरी पिट बी मेरी खुल ना इनका राज रहया।। झूठी बात नहीं मैं कहता बता सब साची आज रहया।। 3. अंग्रेजी फिल्म जमा उघाड़ी हमनै टी वी पै दिखावैं क्यों नैतिकता की दुहाई दे कै फेर उल्टा इल्जाम लगावैं क्यों नशीली दवा मौत माणस की कारखाने मैं बनावैं क्यों कदे जवान साच समझले उसनै गलत राही लावैं न्यों म्हारे दिल दिमाग पै हमला जंग कसूता माच रहया।। झूठी बात नहीं मैं कहता बता सब साची आज रहया।। 4. देश के नौजवानो म्हारे पै कई ढाल का हमला बताउं दारू सुलफा दवा नशीली करैं जमा खोखला तनै दिखाउं दे हथियार तनै करावैं अपणी रूखाली तनै मैं जताउं ईब बी लेल्यो सम्भाला रै, रणबीर रागनी थारी बनाउं हमला छोटा मोटा कोण्या यो हिल भारत का ताज रहया।। झूठी बात नहीं मैं कहता बता सब साची आज रहया।। 3071********** टी वी सीरियल उपर जूता क्यों आपस मैं बाज रहया। झूठी बात नहीं मैं कहता बता सब साची आज रहया।। 1. बाबू न्यूज सुण्या चाहवै, उस खातर कोए टेम नहीं बैड रूम सीन कद आज्या यो बच्चा कोए नेम नहीं बधती जावै इस टी वी की कम क्यूं होन्ती फेम नहीं फैशन शो के नाम पै हो इसपै जमा नंगा नाच रहया।। झूठी बात नहीं मैं कहता बता सब साची आज रहया।। 2. म्हारी संस्कृति खतरे मैं कहै दिखाये घणा प्यार रहे सैं भूंडे चेनलां की रोजाना कर क्यूं आड़ै भरमार रहे सैं महिला शरीर बेच टी वी पै बढ़ा कूण व्यापार रहे सैं औरत जिम्मेवार सै इसकी कर यो झूठा प्रचार रहे सैं चित बी मेरी पिट बी मेरी खुल ना इनका राज रहया।। झूठी बात नहीं मैं कहता बता सब साची आज रहया।। 3. अंग्रेजी फिल्म जमा उघाड़ी हमनै टी वी पै दिखावैं क्यों नैतिकता की दुहाई दे कै फेर उल्टा इल्जाम लगावैं क्यों नशीली दवा मौत माणस की कारखाने मैं बनावैं क्यों कदे जवान साच समझले उसनै गलत राही लावैं न्यों म्हारे दिल दिमाग पै हमला जंग कसूता माच रहया।। झूठी बात नहीं मैं कहता बता सब साची आज रहया।। 4. देश के नौजवानो म्हारे पै कई ढाल का हमला बताउं दारू सुलफा दवा नशीली करैं जमा खोखला तनै दिखाउं दे हथियार तनै करावैं अपणी रूखाली तनै मैं जताउं ईब बी लेल्यो सम्भाला रै, रणबीर रागनी थारी बनाउं हमला छोटा मोटा कोण्या यो हिल भारत का ताज रहया।। झूठी बात नहीं मैं कहता बता सब साची आज रहया।। 308********** म्हारा नाश करने आला हमनै लागै देवता म्हारा रै।। नौकरी खोस कावड़ देदी हमनै लाया फेर जयकारा रै।। 1 कांवड़ खातर गांव गांव तैं गए लाखां युवा म्हारे रै हेलीकॉप्टर तैं फूल बरसाए म्हरी गैल खेल रचारे रै शिव समुन्द्र मंथन पै न्यारी न्यारी कहानी बतारे रै लाखां टन पाणी चढ़ाकै जल संरक्षण का नारा लारे रै कांवड़ के रंग मैं बालक रंग दिया म्हारा और थारा रै।। 2 देश प्रेम के चक्कर मैं बेरोजगारी म्हारी भुलवा दी रै तीन सौ सत्तर हटा कै जय मोदी की बुलवा दी रै जनता की परवाह कोण्या अपनी हुक्म चला दी रै हिन्दू मुस्लिम की खाई चौड़ी और घणी करवा दी रै घणी चालाकी तैं हिंदुत्व यो म्हारे दिलों मैं बिठाया रै।। 3 देश का मतलब सरहद कोण्या इतना तो इब जान लियो देश का मतलब जनता इसकी इतना तो इब मान लियो देश प्रेमी देश द्रोही कौण सै इसका लगा इब उन्मान लियो संकट जनता के ऊपर बढ़ग्या इतना तो इब पिछाण लियो नफरत का माहौल धर्म पै जावै खूब यो फैलाया रै।। 4 अंधविश्वास और पाखंड का जोर शोर तैं प्रचार करैं गाय की कोय सम्भाल नहीं राजनीति करते खूब फिरैं भीड़ जमावड़ा ज्यान लेले गरीब मानस ये घणे डरैं संविधान खतरे मैं दीखै इसका बचाव करने मैं कई मरैं हिंदुस्तान धर्मनिरपेक्ष देश रणबीर इसपै संकट छाया रै।। 309 भर्ती* *पीस्याँ का जुगाड़ बनाया या धरती गहणै धरकै नै।।* *नौकरी दिवावण चाल दिया लाखां गोज मैं भरकै नै।।* 1 दोनों जणे आगै पाछै चाले ज्यूँ घोड़ी कै पाछै बछेरा कितना दुखी पाग्या मेरी खातर भाईयो बाप यू मेरा कहया सिपाही बणकै बाबू मैं दुःख दूर करूंगा तेरा दस के बनाऊँ बीस लाख जै कदे बस चालैगा मेरा *सपने मैं चढ़ घोड़ी पै चल्या धर्मबीर सिपाही बणकै नै।।* नौकरी दिवावण चाल दिया लाखां गोज मैं भरकै नै।। 2 बाबू के दिल मैं धड़का था कदे बिचौलिया पीसे खाज्या धरती खोयी पीसे भी जाँ कदे ज्यान मरण मैं ना आज्या कदे झूठ बहका कै बिचौलिया म्हारै थूक कसूता लाज्या सोचै बिस्वास करना होगा न्यूएँ क्यूकर नौकरी थ्याज्या *बाबू घबराया नहीं देख्या था इसे रासे के मैं पड़कै नै।।* नौकरी दिवावण चाल दिया लाखां गोज मैं भरकै नै।। 3 टूटे से ऑटो मैं बैठकै नै दोनूं शहर बीच आगे कहते एस पी दफ्तर मैं भीड़ देखी भोत घणे चकरागे कहते माणस ऊपर माणस चढ़रया वे एकबै घबरागे कहते बोली चढ़गी पंदरा पै कई बिचौलिए बतलागे कहते *सी एम की सिफारिस आले वे चालें घणे अकड़कै नै।।* नौकरी दिवावण चाल दिया लाखां गोज मैं भरकै नै।। 4 साठ सीट बतावैं थे सिफारिशों का भाईयो औड़ नहीं था कई सीएम के कुछ पीएम के टेलीफोनों का तोड़ नहीं था गाभरू छोरे छह फिट के उड़ै उनका कोय जोड़ नहीं था पढ़ाई लियाकत अर गातकै कोय उड़ै बांधै मोड़ नहीं था *लाइन मैं धर्मबीर लाग्या लत्ते काढण एक एक करकै नै।।* नौकरी दिवावण चाल दिया लाखां गोज मैं भरकै नै।। 5 जिले जिले मैं पुलिस की भर्ती रूका रोला माच गया असनाई रिश्तेदारी टोहवैं मामला दिखा साच गया कई सिफारशी हुए भर्ती बाकि पै यो पीसा नाच गया बिचौलियाँ के पौ बारा हरेक कर तीन दो पांच गया *बिचौलिया नै नोट गिनाये चाय का कप सुपड़ कै नै।।* नौकरी दिवावण चाल दिया लाखां गोज मैं भरकै नै।। 6 भर्ती होवण की खातर उड़ै हजारां छोरे आरे देखे सुथरा छैल गात रै उनका चेहरे कति मुरझारे देखे रिश्वत खोरी खुली होरी छोरयां कै पसीने आरे देखे गेल्याँ हिम्मती भी ये रणबीर पाँ कै पाँ भिड़ारे देखे *लिस्ट मैं आग्या बिचौलिया लेग्या बाकि के गिण कै नै।।* नौकरी दिवावण चाल दिया लाखां गोज मैं भरकै नै।। 310******** दाई का जीवन मानवता कै घाली बेड़ी दिल मेरा घणा घबरावै।। हम दुत्कारां उसनै जो हमनै दुनिया के मैं ल्यावै।। 1 नौ मिहने पलकै पेट मैं जब दुनिया मैं आणा चाहवै माँ कै प्रसव पीड़ा जोरकी वा पड़ी खाट मैं चिलावै दाई दादी फेर सारे कुन्बे कै याद बहोत घणी आवै खून मैं हाथ सांनकै अपने बालक नै सांस दिवावै बालक लिटा जच्चा धोरै वा अपना फर्ज निभावै।। हम दुत्कारां उसनै जो हमनै दुनिया के मैं ल्यावै।। 2 सौ मां तैं कई आज बी या जाप्पे करवावै दाई म्हारी घणा गजब का काम करै संसार दिखावै दाई म्हारी माड़ी ऊक चूक होज्या तैं बिसराई जावै दाई म्हारी जातपात पै बंटे समाज मैँ ना आदर पावै दाई म्हारी दूर तैं बगाकै रोटी दें उसनै दाई दुखी मन तैं ठावै।। हम दुत्कारां उसनै जो हमनै दुनिया के मैं ल्यावै।। 3 ये रिवाज कदे कदीमी के मानकै दादी चुप होज्या अपनी व्यथा बतावै किसनै बैठ कोने मैं वा रोज्या ईसा जुल्मी हाल देखकै माणस कैसे चैन तैं सोज्या इसी तरक्की नै के चाटैं जो आपसी रिश्ते ये खोज्या पुराना ठीक ना करया ज्यां नया भी बिगड़ता जावै।। हम दुत्कारां उसनै जो हमनै दुनिया के मैं ल्यावै।। 4 जात पात धर्म तैं ऊपर हो मानवता नै आजाद करां मानवता का इंसानी रिश्ता दुनिया मैं आबाद करां पिस्से की गुलाम मानसिकता मिलकै नै बर्बाद करां जात पात पै ना खड़या आज कोये हम फसाद करां रणबीर नये समाज सुधार तैं दादी दाई सम्मान पावै।। हम दुत्कारां उसनै जो हमनै दुनिया के मैं ल्यावै।। 311********** ग्रामीण संकट चारों तरफ तैं घेरया , सांस मुश्किल तैं लेरया कति निचौड़ कै गेरया, राम क्यूं आंधा होग्या।। 1 एमएसपी पै हमला सै, बचावण की आस मनै लाम्बा संघर्ष चलैगा इतनै ना सुख की सांस मनै दीखें बिल सैं फांसी के, समों नहीं सैं हांसी के दौरे पड़ें सैं ये खांसी के, राम क्यूं आंधा होग्या।। 2 पूरा हाँगा लाकै मनै दिन रात खेत कमाया देखो जितना खर्च हुया मेरा उतना भी ना थ्याया देखो ना मेरी समझ मैं आया, नहीं किसे न समझाया पग पग पै धोखा खाया, राम क्यूं आंधा होग्या।। 3 धरती बैंक आल्यां कै लाल स्याही मैं चढ़गी सै बीस लाख की बोली कुड़की कीमत बढ़गी सै बीस लाख का के करूंगा, किस डगर पैर धरूँगा आज बच्या काल मरूंगा, राम क्यूं आंधा होग्या।। 4 कितने भाई सल्फास की गोली खा खा मरते रै जी मेरा भी करता ख़ालयूं ये गधे खेती चरते रै नहीं देखूँ मैं कुआं झेरा, रणबीर सिंह साथी मेरा चलावै संघर्ष ईब कमेरा,राम क्यूं आंधा होग्या।। 312*************8 सबका देश हमारा देश सबका हरयाणा हमारा हरयाणा मशीन नै तरीके बदले खेत क्यार की कमाई के ।। गाड्डी की जागां या बाइक बदलाव दीखैं पढ़ाई के ।। 1 बाइक उप्पर चढ़कै नै छोरा खेत मैं जावै देखो ज्वार काट खेत म्हां तैं भरौटा बणा छोड्यावै देखो भरौटा ल्यावां ट्रेक्टर मैं दिन गए सिर पै ढवाई के।। गाड्डी की जागां या बाइक बदलाव दीखैं पढ़ाई के ।। 2 जिसकै ट्रेक्टर कोण्या उड़ै आज झोटा बुग्गी आगी रै घरके काम गैल छोटा बुग्गी या औरत नै खागी रै घणखरे काम औरत जिम्मै मर्द के काम ताश खिलाई के।। गाड्डी की जागां या बाइक बदलाव दीखैं पढ़ाई के ।। 3 प्रवासी मजदूर पै कई का टिक्या खेत क्यार का काम म्हणत तैं घिन्न होगी चाहवै चौबीस घण्टे आराम दारू बीमारी घर घर मैं आगी करे हालात तबाही के ।। गाड्डी की जागां या बाइक बदलाव दीखैं पढ़ाई के ।। 4 सबका हरियाणा अपना ल्याकै भाईचारा बणावांगे मानवता का झंडा हरेक गाम शहर पहोंचावांगे कहै रणबीर बरोने आला छंद लिखै ना अंघाई के ।। गाड्डी की जागां या बाइक बदलाव दीखैं पढ़ाई के ।। 313******** लिए कर्ज के मैं डूब, हमनै तिरकै देख्या खूब, ना भाजी म्हारी भूख,लुटेरयां नै जाल बिछाया,हे मेरी भाण 1. ज्यों-ज्यों इलाज करया मर्ज बढ़ग्या म्हारा बेबे पुराने कर्जे पाटे कोण्या नयां का लाग्या लारा बेबे झूठे सब्जबाग दिखाये, अमीरां के दाग छिपाये गरीबां के भाग लिवाये,कर सूना ताल दिखाया,हे मेरी भाण 2. विश्व बैंक चिंघाड़ रहया घरेलू निवेश कम होग्या म्हंगाई ना घटती सखी, गरीबी क्यों बढ़ती सखी जनता भूखी मरती सखी,नाज का भण्डार बताया हे मेरी भाण 3. जल जंगल और जमीन खोस लिए म्हारे क्यों सिरकै उपर छात नहीं दिए झूठे लारे क्यों आदिवासी तै मार दिया, किसानां उपर वार किया कारीगर धर धार दिया,बेरोजगारी नै फंख फैलाया,हे मेरी भाण 4. इलाज करणिया डाक्टर बी खुद हुया बीमार फिरै सुआ लवाल्यो सुवा लवाल्यो करता या प्रचार फिरै होगी महंगी आज दवाई, लुटगी सारी आज कमाई रणबीर सिंह बात बताई,खोल कै भेद बताया, हे मेरी भाण 314********** डॉक्टर की पुकार म्हारी आह पै माचै रोल्ला उनका खून भी माफ़ होज्या । सरकार तो न्यों चाहवै सै या म्हारी तनखा हाफ होज्या । 1 दो साल तरले करते होगे करते कोए सुनायी ना भिखारी जिसा ब्यौहार करते बात सिरै चढाई ना हमनै करी कोताही ना या बात जनता मैं साफ़ होज्या। सरकार तो न्यों चाहवै सै या म्हारी तनखा हाफ होज्या । 3 पांच साल मैं डाक्टरी पढकै सारा पी एच सी चलावां चौबीस घण्टे लागे रहवाँ हम बैठ कै थोड़े से सुस्तावां तनखा बढ़वाना चाहवाँ शासन जलकै नै राख होज्या। सरकार तो न्यों चाहवै सै या म्हारी तनखा हाफ होज्या । 3 म्हारी एकता तोडण खातर घणी गहरी चाल चलैं डरावैं और धमकावैं सैं कदे ना ये सीढ़ी ढाल चलैं चाल उल्टी तत्काल चलैं नुक्सान चाहे लाख होज्या। सरकार तो न्यों चाहवै सै या म्हारी तनखा हाफ होज्या । 4 म्हारा कैरियर बर्बाद करकै बताओ तमनै के थ्यावै म्हारा हक हमनै मिलज्या बता किसे का के जावै रणबीर तो साथ निभावै दुनिया चाहे खिलाफ होज्या। सरकार तो न्यों चाहवै सै या म्हारी तनखा हाफ होज्या । 315************ मजदूर किसान मिलकै मजदूर किसान मिलकै सारे लुटेरयां तैं टकरावांगे।। जितने बिल खिलाफ म्हारै सबनै वापस करावांगे।। 1 जितना दाबोगे थाम हमनै उतना जोश बढ़ैगा म्हारा म्हारी एकता और बढ़ैगी जुल्म जरूर हारैगा थारा चैन खोस लिया म्हारा ईब हम सबक सिखावांगे।। जितने बिल खिलाफ म्हारै सबनै वापस करावांगे।। 2 थारी लाठी गोली जो चालैं उनतैं नहीं घबराने आले यो संघर्ष जोर पकड़ेगा उल्टे कदम ना हटाने आले लुटेरे ना नजर मिलाने आले नारे मिलकै लगावांगे।। जितने बिल खिलाफ म्हारै सबनै वापस करावांगे।। 3 किसानी एकता बाँटन नै हिन्दू मुस्लिम थाम ल्याये जात धर्म गोत नात पै थाम चाहते जनता नै लड़ाये तमनै कितनी झूठ भकाये सब खोल कै बतावांगे।। जितने बिल खिलाफ म्हारै सबनै वापस करावांगे।। 4 हिंदुस्तान के नर नारी हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई इनकी एकता की साहमी ना होवैगी थारी सुनाई रणबीर कर कविताई दुनिया मैं अलख जगावांगे।। जितने बिल खिलाफ म्हारै सबनै वापस करावांगे।। 316********* दिन काटे चाहूं दिन काटे चाहूं मैं ये कोण्या सुख तैं कटण देवैं।। चुपचाप जीणा चाहूं मैं फेर कोण्या टिकण देवैं।। 1 झाड़ झाड़ बैरी होगे आज हम बरगी बीरां के मोह माया तैं दूर पड़े फेर दिल डिगें फकीरां के नामी बदमाश पाल राखे बाबा ना पिटण देवैं।। अच्छाई के बोये बीज ये जमा नहीं पकण देवैं।। 2 कई बै जी करै फांसी खालयूं इनकै अकल लागै सहेली बोली मेरी बात मान मत प्राणां नै त्यागै किसे कै कसक ना जागै हमनै नहीं बसण देवैं।। आगै बढ़े कदम म्हारे उल्टे हम नहीं हटण देवैं।। 3 बताओ पिया के करूं मैं इणपै तूँ गीत बनादे नै द्रोपदी चीर हरण गाओ म्हारे चीर हरण पै गादे नै बणा रागनी सुनादे नै हम तेज नहीं घटण देवैं।। हरयाणे मैं शोर माचज्या दबा इसा यो बटन देवैं।। 4 गाम के गोरै खड़े पावैं भैंस के म्हां कै ताने मारैं इंसानियत जमा भूलगे भों किसे की इज्जत तारैं बिना बात ये खँगारैं हमनै और घणी घुटण देवैं।। रणबीर सिंह बरगे म्हारी इज्जत ना लुटण देवैं।। 317*************** ठारा ठारा घण्टे मंडे जिब थाम सपने पूरे कर पाये।। कुछ का जिकर सुनो ना सारे जाते आज गिणाये ।। 1 जेट एयरवेज कै ताला पूरी तरियां लवा दिया रै एयर इंडिया का घाटा असमान पै पहुंचा दिया रै बीएसएनएल के कर्मचारी कै जाडा चढ़ा दिया रै एचएएल तनखा ना दे पारी कर्मचारी रुआ दिया रै आंडी पाकैं थे कर्मचारी बाहर के रसते दिखाये।। कुछ का जिकर सुनो सारे ना जाते आज गिणाये।। 2 पन्दरा हजार के टोटे मैं डाक विभाग पहुंचा दिया वीडियोकॉन का पूरा दिवालिया ल्याकै दिखा दिया टाटा डेकोमो ताहिं सांस लेना कति भुला दिया एयरसेल की गीण्ड बांधी आज बे काम करा दिया सरकारी के खाते पूरे लगा बहाने पाड़ बगाये।। कुछ का जिकर सुनो सारे ना जाते आज गिणाये।। 3 जेपी ग्रुप भी आज बन्द होने को मजबूर किये ओएनजीसी के कामकाज चकनाचूर किये छत्तीस बड़े कर्जदार ये भगौड़े मशहूर किए साढ़े तीन लाख करोड़ कर्ज माफ भरपूर किये बड़े कारपोरेट खातर लाल कारपेट गए बिछाये।। कुछ का जिकर सुनो सारे ना जाते आज गिणाये।। 4 पंजॉब नेशनल बैंक देवै खस्ताहाल दिखाई सै दूजे बैंकों की हालत भी हुई बेहाल सुनाई सै कर्ज एक लाख तीस हजार मिलियन डॉलर बताई सै रेलवे का निजीकरण करकै या जनता फंसाई सै कहै रणबीर बरोने आला देश वासी पढ़ण बिठाये।। कुछ का जिकर सुनो सारे ना जाते आज गिणाये।। 318******** ग्लबल वार्मिंग बादल ग्लोबल वार्मिंग के आज भारत मैं मण्डरावैं।। गंगा नदी लुप्त होज्यागी साइंसदान अंदाज यो लगावैं ।। 1 विकासशील देशां ऊपर आज खतरा घणा बताया मार कसूती पड़ण लागरी ना जाता नुकसान सँगवाया तीस प्रतिशत जीरी कम हो किसानों नै अंदाज लगाया गेहूँ पै भी असर पड़ैगा यो चार प्रतिशत दिखलाया पर्यावरण और बिगड़ता जा सांस मुश्किल तैं ले पावैं।। गंगा नदी लुप्त होज्यागी साइंसदान अंदाज यो लगावैं ।। 2 अर्थ व्यवस्था भारत की पै घनघोर संकट छाग्या सकल उत्पाद कम होग्या माणस घणा दुख पाग्या बरसात घणी बेढंगी होगी हमनै दोफारा जड़ तैं खाग्या राजस्व मैं गिरावट बढ़ी खुदरा व्यापार तंगी मैं आग्या कई करोड़ टन खेती का घाटा साइंसदान बतावैं।। गंगा नदी लुप्त होज्यागी साइंसदान अंदाज यो लगावैं ।। 3 समुंदर स्तर फेर एक मीटर ऊंचा और यो होज्यागा छह लाख हेक्टेयर धरती इसनै तो पानी डबोज्यागा सत्तर लाख लोग उजडेंगे बीज बिघण के बोज्यागा भूख तैं लोग मरेंगे लाखों यो माणस आपा खोज्यागा खासकर मुम्बई आले घणा कसूता नुकसान ठावैं।। गंगा नदी लुप्त होज्यागी साइंसदान अंदाज यो लगावैं ।। 4 लगाम बढ़ते तापमान पै मिलजुलकै लाणी होगी बढ़या तापमान क्यों घर घर अलख जगानी होगी पेड़ लगावां हम छिकमा हटकै रीत चलानी होगी अमरीका यूरोप पै भी मिलकै दबाव बनाणी होगी रणबीर ग्लोबल वार्मिंग तैं मिलजुल दुनिया नै बचावैं।। गंगा नदी लुप्त होज्यागी साइंसदान अंदाज यो लगावैं ।। 319********* कोरोना वायरस नै देखो गरीब की रेल बनाई रै।। न्यून पड़ै तो कुआं दीखै न्यून पड़ै तो खाई रै।। 1 कितै हवन करकै इसनै खत्म करना चाहरे गोमूत्र का सेवन करो इलाज पक्का ये बतारे जनता का बेकूफ़ बनारे, बता पक्की दवाई रै।। न्यून पड़ै तो कुआं दीखै न्यून पड़ै तो खाई रै।। 2 भ्रम और अफवाह ये रोजाना नई नई घूमैं सैं एमएलए और मंत्री देखो पैर बाबयाँ के चूमैँ सैं थाली बजा झूमैं सैं कहैं सुन कोरोना घबराई रै।। न्यून पड़ै तो कुआं दीखै न्यून पड़ै तो खाई रै।। 3 साइंसदानों नै इबै ना कोये वैक्सीन बनाई सै इलाज खातर ना कोये इसकी बणी दवाई सै लोकडौन लाया खोल्या ज्यान मरण मैं आई रै।। न्यून पड़ै तो कुआं दीखै न्यून पड़ै तो खाई रै।। 4 अंधविश्वास अनपढ़ता नै समस्या और बढ़ाई आर्थिक संकट और बढ़या हुई सै घणी तबाही रणबीर सिंह नै सही तस्वीर खींचनी चाही रै।। न्यून पड़ै तो कुआं दीखै न्यून पड़ै तो खाई रै।। 320******** जाल अमेरिका का अमरीका तनै जाल बिछाया, हिंसा पॉर्न यो नशा फलाया, हरेक देश तनै दबाणा चाहया, तेरी चाल समझ मैं आई सै।। 1 फीम सुलफा चरस बिकादी, हथियारां की सुरंग बिछादी, तेरे होगे आज सही पौ बारा, यो नौजवान फंसग्या म्हारा म्हारी तबीयत होगी खारया, थारी सारी काली कमाई सै।। 2 तूफान अश्लीलता का ल्याया, गाभरू कै यो खून मुंह लगाया, चैनल पर चैनल गया चलाया, अंधविश्वास का दीप जलाया, मीडिया कति गुलाम बनाया, अराजकता कसूत फलाई सै।। 3 ब्लयू फिल्मां की बाढ़ सी ल्यादी, काली कमाई इसमैं ख़ूब लगादी, हिंसा के रिकार्ड तोड़ दिये, म्हारे छोरा छोरी जोड़ लिये, हिंसक घोड़े खुले छोड़ दिये, सोच समझ चाल चलाई सै।। 4 एक हाथ तै लूटै सै हमनै, दूजे हाथ तै चूटै सै हमनै, न्यों ध्यान हटावै सचाई तैं, ऐश करो म्हारी कमाई पै, रणबीर की कविताई पै, उम्मीद जनता नै लाई सै।। 321************ मेरा संघर्ष गाम की नजरां के म्हां कै बस अड्डे पै आउं मैं। कई बै बस की बाट मैं लेट घणी हो जाउं मैं।। 1 भीड़ चीर कै बढ़णा सीख्या करकै हिम्म्त चढ़णा सीखा लड़भिड़ कढ़णा सीख्या, झूठ नहीं भकाउ मैं।। 2 बस मैं के के बणै मेरी साथ नहीं बता सकती सब बात भोले चेहरे करैं उत्पात, मौके उपर धमकाउं मैं।। 3 दफतर मैं जी ला काम करूं पलभर ना आराम कंरू किंह किहं का नाम धरूं, नीच घणे बताउं मैं।। 4 डर मेरा सारा ईब लिकड़ गया, दिल भी सही होंसला पकड़ गया, जै रणबीर अकड़ गया, तो सबक सिखाउं मैं।। 322********* गाम-गाम की कहानी आज की या सुणियो आज सुणाउं मैं।। दलितां का हुया जीवना मुश्किल यो किस्सा आज बताउं मैं।। 1. गाम किला जफरगढ़ मैं कहर दलितां उपर ढाया रै मकान तोड़े मारे पिट्टे जुलम दबंगा नै बरपाया रै वीरवार की रात कहैं भगवती जागरण था करवाया रै महिला पुरुष बैठें ढंग तै इसा था इन्तजाम करवाया रै दबंग जात के छोरयां की आगे की करतूत गिणाउं मैं।। दलितां का हुया जीवना मुश्किल यो किस्सा आज बताउं मैं।। 2. दस बारा नौजवनां का टोल दबंग समाज का आया महिलावां पाछै बैठ गये उनपै पात्थर रेल बरसाया छेड़खानी करी भद्दा बोले घणा कसूता बिघन खिंडाया महिलावां नै टोक दिये दबंगा का न्यों सिर चकराया दलित बी इन्सान हों सैं इस समझ की कमी दिखाउं मैं।। दलितां का हुया जीवना मुश्किल यो किस्सा आज बताउं मैं।। 3. आयोजकां न उन बिगड़ैलांे को थोड़ा घणा समझाया दबंग कौम के होनहारां की मण्डली नै उधम रचाया झगड़ा करया उल्टा बोले कसूता रोब जमाना चाहया इसे बीच मैं किसे नै जाकेै पुलिस तांहि फोन खड़काया गरीब की बहु सबकी जोरू कोन्या जमा झूठ भकाउं मैं।। दलितां का हुया जीवना मुश्किल यो किस्सा आज बताउं मैं।। 4. पुलिस आगी गाम मैं किसे नै जागरण मैं आण बताया दबंग कौम के उतां मांतै उड़ै कोए नहीं टोहया पाया चार पांच पुलिस आल्यां नै जागरण पूरा चलवाया दबंग कौम नै दलितां पै अपना खौफ खूब फैलाया रणबीर सिंह बरोनिया कहै या साच साहमी ल्याउं मैं।। दलितां का हुया जीवना मुश्किल यो किस्सा आज बताउं मैं।। 323*********** असहयोग आन्दोलन असहयोग आन्दोलन की मन मैं पूरी उमंग भरी थी। चाचा और मिसरा जी नै प्रकट नाराजी खूब करी थी।। 1 स्कूल कॉलेज बायकाट का गांधी जी नै नारा लाया था बीए का एक साल बच्या शास्त्री नै कदम बढ़ाया था चाचा नै इस बात का बेरा लाग्या भूंडी ढालां धमकाया था मिसरा नै चाचा के सुर मैं अपना बी सुर मिलाया था बोले अपनी पढ़ाई करले ज्यान बिघन मैं घिरी थी।। चाचा और मिसरा जी नै प्रकट नाराजी खूब करी थी।। 2 अंग्रेजां के राज मैं भारत घणी कसूती ढालां सड़ग्या सुणकै हुकम चाचा जी का उसकै काला सांप सा लड़ग्या बोल्या मैं बायकॉट करूंगा अपनी बात पै अड़ग्या घर और शास्त्री बीच मैं इस बात का रासा छिड़ग्या मिसरा जी कै साहमी उसनै दिल की बात खोल धरी थी।। चाचा और मिसरा जी नै प्रकट नाराजी खूब करी थी।। 3 चाचा मिसरा दोनूं नाट गये शास्त्री का जी दुख पाया था वो माता कै आगै रोया जाकै जी खोल कै उसतै दिखाया था माता नै सारी बात सुणकै होंसला उसका बधाया था बी.ए. पास करूंगा जरूरी इसका प्रण करवाया था कई बार जेल मैं गया जलस्यां मैं बिछाई खूब दरी थी।। चाचा और मिसरा जी नै प्रकट नाराजी खूब करी थी।। 4 दर्शन मैं ली शास्त्री डिग्री लड़ते-लड़ते करी पढ़ाई बचन दिया जो माता जी तै बात वा पूरी करकै दिखाई वाराणसी तै अलाहबाद आ आजादी जंग मैं जान खपाई पीछै मुड़कै नहीं देख्या फेर अंग्रेजां की थी भ्यां बुलाई अंग्रेज एक दिन भाजैंगे बात लाल बहादुर कै जरी थी।। चाचा और मिसरा जी नै प्रकट नाराजी खूब करी थी।। 324************* मानस तो बनै बिचारा कहैं बीघनों क़ी जड़ नारी ।। बतावें वासना छिपाने को चोट कामनी क़ी हो न्यारी ।। 1 योग ध्यान करनीया नारद पूरा योगी गया जताया विश्व मोहिनी पै गेरी लार काया मैं काम जगाया पाप लालसा डटी ना उसकी मोहिनी का कसूर बताया सदियाँ होगी औरत उप्पर हमेशा यो इल्जाम लगाया आगा पाछा देख्या कोन्या सही बात नहीं बिचारी || बतावें वासना छिपाने को चोट कामनी क़ी हो न्यारी ।। 2 कीचक बी एक हुआ बतावें विराट रूप का साला दासी बणी द्रोपदी पै दिया टेक पाप का छाहला अपनी बुरी नजर जमाई करना चाहया मुंह काला भीम बलि नै गदा उठाई जिब देख्या जुल्म कुढाला सारा राज पुकार उठया था नौकरानी क़ी अक्कल मारी || बतावें वासना छिपाने को चोट कामनी क़ी हो न्यारी ।। 3 पम्पापुर मैं रीछ राम का एक बाली बेटा होग्या रै सुग्रीव क़ी बहु खोस लई बीज कसूते बोग्या रै गेंद बना दी जमा बीर क़ी उसका आप्पा खोग्या रै ज़मीन का हक़ खोस लिया मोटा रास्सा होग्या रै सबते घनी सताई जावै घर मैं हो चाहे कर्मचारी || बतावें वासना छिपाने को चोट कामनी क़ी हो न्यारी ।। 4 पुलस्त मुनि का पोता हांगे मैं पूरा ए मगरूर था पंचवटी तैं सीता ठाकै वो घमंड नशे मैं चूर था सीता बणी कलंकिनी थी धोबी का वचन मंजूर था उर्मिला का तप फालतू था जिकरा चाहिए जरूर था झूठी श्यान क़ी बाली चढ़ाई रणबीर या सबला नारी || बतावें वासना छिपाने को चोट कामनी क़ी हो न्यारी ।। 325*************** जंग के माहौल मैं पूरा सोशल मीडिया और मीडिया रँगया हुआ है। फेर भी जंग की असलियत का रूप लोगों के सामने रखना उतना ही जरूरी है जितना आतंकवाद की जड़ समझ के उन जड़ों को ही खत्म करना होगा ताकि आतंकवाद को स्पेस ही न मिले। अमेरिका आतंकवाद का सबसे बड़ा सपोर्टर है । फौजी खर्चे पर ध्यान खींचती एक रागनी अमेरिका का फ़ौज का खर्चा यो सबतैं घणा बताया रै। छह सौ अरब डॉलर खर्चा दो हजार तेरा मैं दिखाया रै। 1 इतने तैं आधे खर्चे मैं दुनिया या भूख तैं बाहर आज्यावै बाकि देश भी कम करलें जो इसका खर्चा घटज्यावै अमेरिका नै फ़ौज के दम पै आतंक घणा मचाया रै। छह सौ अरब डॉलर खर्चा दो हजार तेरा मैं दिखाया रै। 2 दबाव मैं चीन नै भी फेर अपनी फ़ौज बढ़ायी दखे दो हजार तेरा मैं डॉलर एक सौ छह खर्च बताई दखे फ़ौज और मिजाइलां का भण्डार चीन नै भी बढ़ाया रै। छह सौ अरब डॉलर खर्चा दो हजार तेरा मैं दिखाया रै। 3 भारत भी क्यूँ रहवै पाच्छे दबाव मैं एटम बम्ब बनाई रक्षा पै चालीस अरब डॉलर खर्च नै जनता भूखी मराई अमरीका नै दोनों तैं बेच हथियार खजाना बढ़ाया रै। छह सौ अरब डॉलर खर्चा दो हजार तेरा मैं दिखाया रै। 4 इसतै आधे खर्चे तैं पूरी दुनिया खुशहाल होज्या रै शांति आवै पूरी दुनिया मैं गरीब भी मालामाल होज्या रै रणबीर बरोने आला पूरे आंकड़े काढ़ कै ल्याया रै। छह सौ अरब डॉलर खर्चा दो हजार तेरा मैं दिखाया रै। 326************* मुनाफाखोर कम्पनियां नै यो स्वास्थ्य ढांचा कब्जाया।। पाणी बिकता खाणा महंगा यो प्रदूषण आज फ़ैलाया।। 1 सरकारी स्वास्थ्य सेवा ढावैं प्राईवेट नै बढ़ावा देवैं जनता धक्के खा सरकारी मैं प्राईवेट घणे पीस्से लेवैं दवा मशीन महंगी करदी ये गरीब मुश्किल तैं खेवैं पीस्से आले की ज्याण बचै ये गरीब दुत्कार सेहवैं बीमारियां का औड़ नहीं कदे डेंगू कदे स्वाइन फ्लू आया।। पाणी बिकता खाणा महंगा यो प्रदूषण आज फ़ैलाया।। 2 एम्पेनलमेंट पै प्राईवेट का इलाज लेते कर्मचारी बड़े अस्पतालों मैं जावै सै अफसरशाही या सारी लाखों मैं इलाज हर्ट अटैक का बचै जेब जिसकी भारी प्राइवेट बीमा कंपनी भी भ्रष्टाचार मैं धँसती जारी घर फूंक तमाशा पड़ै देखना जै चाहते ज्याण बचाया।। पाणी बिकता खाणा महंगा यो प्रदूषण आज फ़ैलाया।। 3 वातावरण प्रदूषण तैं बढ़ी कैंसर और दमा बीमारी कीटनाशक बढे गात मैं जिंदगी मुश्किल होती जारी झोला छाप दवा देसी ये बनी गरीब की लाचारी ये आर एम पी डॉक्टर स्टीरायड खिलावैं भारी घणे बढ़गे टोने टोटके बढ़ी अन्धविश्वास की माया।। पाणी बिकता खाणा महंगा यो प्रदूषण आज फ़ैलाया।। 4 एक तरफ हैल्थ टूरिज्म दूजी तरफ झाड़ फूंक छाये कितै कमी नर्सों की कितै ये डॉक्टर कम बताये कितै कमी दवा की कितै औजार कम ल्या पाये निजी अस्पताल रोज खुलैं ना कोये कानून बनाये रणबीर सिंह मुनाफे नै म्हारी सेहत का धुम्मा ठाया।। पाणी बिकता खाणा महंगा यो प्रदूषण आज फ़ैलाया।। 327************ सिर भी म्हारा जूती म्हारी गंजे बणा कै छोड़ दिये।। नया टोरड़ा एक नया लाया पुराने औटड़े फोड़ दिये।। 1 बिलां का खागड़ खड़या सुंसावै खुर्रियाँ माट्टी ठावै ल्याकै बाड़ दिया म्हारे घर मैं बैरी इनै दोस्त बतावै भारत का बुलध रम्भावै खागड़ों नै कर गठजोड़ लिए। नया टोरड़ा एक नया लाया पुराने औटड़े फोड़ दिये।। 2 खागडां तैं बचावण नैं कहवैं ये तीन बिल बनाये सैं विरोधियाँ नै किसान भाई बिन बात के बहकाये सैं इन नीतियां नै देश पूरे मैं किसानों के गोड्डे तोड़ दिये।। नया टोरड़ा एक नया लाया पुराने औटड़े फोड़ दिये।। 4 मेरी यूनियन सभा सै तेरी बन्द करां इस तकरार नै कट्ठे होकै संघर्ष करां मार दिए म्हारी सरकार नै तेज लड़ाई कर रणबीर मूँह खागडां के मोड़ दिये।। नया टोरड़ा एक नया लाया पुराने औटड़े फोड़ दिये।। 328********* भारत देश यो गणतंत्र सबतै बड्डा भारत आवै कुहाणे मैं।। भगत सिंह शहीद हुये इसके आजाद कराणे मैं।। 2 दो सौ साल गोरया नै भारत गुलाम राख्या म्हारा था गूंठे कटाये कारीगरां के मलमत दाब्या म्हारा था सब रंगा का समोवश था फल मीठा चाख्या म्हारा था भांत-भांत की खेती म्हारी नहीं ढंग फाब्या म्हारा था फूट गेर कै राज जमाया कही जाती बात समाणे मैं।। भगत सिंह शहीद हुये इसके आजाद कराणे मैं।। 2 वीर सिपाही म्हारे देस के ज्यान की बाजी लाई फेर लक्ष्मी सहगल आगै आई महिला विंग बनाई फेर दुर्गा भाभी अंगरेजां तै जमकै आड़ै टकराई फेर याणी छोरियां नै गोरयां पै थी पिस्तौल चलाई फेर गोरे लागे राजे रजवाड़यां नै अपणे साथ मिलाणे मैं।। भगत सिंह शहीद हुये इसके आजाद कराणे मैं।। 3 आवाज ठाई जिननै उनके फांसी के फंदे डार दिये घणे नर और नारी देस के काले पाणी तार दिये मेजर जयपाल नै लाखां बागी फौजी त्यार किये फौज आवै बगावत पै म्हारे बड्डे नेता इन्कार किये नेवी रिवोल्ट हुया बम्बी मैं अंग्रेज लगे दबाणे मैं।। भगत सिंह शहीद हुये इसके आजाद कराणे मैं।। 4 आजादी का सपना था सबकी पढ़ाई और लिखाई का आजादी का सपना था सबका प्रबन्ध हो दवाई का आजादी का सपना था खात्मा होज्या सारी बुराई का आजादी का सपना था आज्या बख्त फेर सचाई का हिसाब लगावां आजादी का रणबीर सिंह के गाणे मैं।। भगत सिंह शहीद हुये इसके आजाद कराणे मैं।। 329************** कै दिन समाज बचैगा बिन वंचित की रूखाल करें, बिन महिला का ख्याल करें। बिन समता का सवाल करें, कै दिन समाज बचैगा रै।। 1. गरीब परिवार मैं पैदा होकै हांगा लाकै करी पढ़ाई सत्तर प्रतिशत नम्बर ले कै भी ना कितै नौकरी थ्याई ज्यान कति मरण मैं आई हे, के संकट समझ नहीं पाई हे दिन दूनी क्यों बढ़ी म्हंगाई हे, कै दिन समाज बचैगा रै।। 2. पढ़ाई लिखाई व्यापार बणाली क्यों सारे ही संसार नै पीस्से की हवस बढ़गी खोस कै लेगी म्हारी बहार नै टी वी नंगी फिल्म दिखावै सै,अत्याचार यो बढ़ता जावै सै माणस नै माणस खावै सै, कै दिन समाज बचैगा रै।। 3. हुये आजाद तो सोचैं थे सबनै ईब रूजगार मिलैंगे ठीक ठ्याक जिन्दगी गुजरै ना धक्के बारम्बार मिलैंगे सपने सारे धूल मैं मिलगे, म्हारे आदर्श सारे हिलैंगे बदमाशां के चेहरे खिलैंगे, कै दिन समाज बचैगा रै।। 4. आर्थिक सुधार का रंदा म्हारी नाड़ पै चलाया क्यों आत्मनिर्भरता का नारा आज पढ़ण बिठाया क्यों विश्व बैंक हमनै भावै क्यों निजीकरण बढ़ाया क्यों गरीब का गला दबाया क्यों कै दिन समाज बचैगा रै।। 330********** ज़िब ज़िब जनता जागी जिब जिब जनता जागी यो जुल्मी शोषक झुका दिया। भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै हम सबनै था भगा दिया। 1. आजाद देश का सपना पहोंच्या शहर और गाम मैं भगत सिंह फांसी टूट्या जोश था देश म्हारे तमाम मैं दुर्गा भाभी भी गेल्याँ जूटगी इस आजादी के काम मैं लाखां नर और नारी देगे अपनी कुर्बानी ये गुमनाम मैं क़ुरबानी बिना नहीं आजादी गांधी अलख जगा दिया। भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै हम सबनै था भगा दिया। 2. गोरे गए काले आगे गरीबी जमां मिट्टी नहीं सै देखो बुराई बढ़ती आवै सै भिद्द इसकी पिटी नहीं सै देखो अच्छाई संघर्ष करण लागरी आस घटी नहीं सै देखो जनता सारी समझ रही या उम्मीद छुटी नहीं सै देखो समतावादी समाज होगा संघर्ष का डंका बजा दिया। भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै हम सबनै था भगा दिया। 3. जात पात हरयाणे की सै सबतैं बडडी बैरी भाईयो विकास पूरा होवण दे ना दुनिया यह कैहरी भाईयो वैज्ञानिक सोच काट बताई जड़ घणी गहरी भाईयो अमीरां की जात अमीरी म्हारै गरीबी फैहरी भाईयो म्हारी एकता तोड़ण खातर जातपात घणा फैला दिया। भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै हम सबनै था भगा दिया। 4. दारू माफिया मुनाफा खोर इनकी पक्की यारी देखो भ्रष्ट पुलिसिया ओछा नेता करता चौड़ै गद्दारी देखो बिचौलिया घणे पैदा होगे म्हारी अक्ल मारी देखो लाम्बे जन संघर्ष की हमनै करली सै तयारी देखो लिखै रणबीर भगत सिंह नै यो रस्ता सही दिखा दिया । भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै हम सबनै था भगा दिया। 331********** म्हारी संस्कृति सुणले करकै ख्याल पिया, ये गुजरे हजारां साल पिया। सिंधुघाटी का कमाल पिया,यो गया कडै लोथाल पिया। क्यों होगे हम कंगाल पिया, खोल कै भेद बतादे नै।। 1. चरक सुसुरता जिसे सर्जन हिन्दुस्तान का नाम करया जीवाका वाग भट्ट जिसे डाक्टर बढ़िया सा काम करया ब्रह्मगुप्त नै हिसाब पढ़ाया, आर्य भट्ट नै शून्य सिखाया नालन्दा नै राह दिखाया, तक्षशिला साथ कदम बढ़ाया तहलका चारों धाम मचाया, ये गए कड़ै समझादे नै।। 2. ताज के कारीगर छबीले, जिनका कोए तोड़ नहीं था हमनै सबको सम्मान दिया, सह उनका अपमान लिया ग्रीक रोमन को स्थान दिया, अंग्रेजां का गुणगान किया इननै म्हारा के हाल किया,या सही तसबीर दिखादे नै।। 3. ब्यौपारी बण कै आए वे बण बैठे राजा देश के रै लूट कै लेगे धनमाल सारा बोगे बीज क्लेश के रै फिरंगी का न्यों राज हुया, चील का बैरी बाज हुया सारा क्यों खत्म साज हुया, क्यों उनके सिरताज हुया क्यों इसा कसूता काज हुया,थोड़ा हिसाब लगादे नै।। 4. चम्पारण डाण्डी उठ लिए लाहौर मेरठ पीछे रहे नहीं तेलंगाना मैं मची लड़ाई बहादुर किसी से डरे नहीं फिरंगी देश से चल्या गया, देसी बिन बात मल्या गया धर्म जात पै छल्या गया, धुन गेल्यां गेहूं दल्या गया क्यों जाल इसा बुण्या गया, रणबीर सै लिखवादे नै।। 332*************** फागण यो बख्त फागण का आग्या, जोश मेरे गात मैं छाग्या। मनै यो जान्ता जाड़ा भाग्या, देखूं तेरी बाट पिया।। 1. सांझै लुगाई कट्ठी होज्यां सैं, म्हां बीच कै ताने देज्यां सैं तेरे बिन कोए फाग नहीं, आच्छा लागै कोए राग नहीं मेरे बरगा कोए निरभाग नहीं, सबकी ओटूं डाट पिया।। 2. तेरी फौज मेरी ज्यान का गाला, अफसर तेरा सै घणा कु मैं भेज द्यूंगी तार फौजी, ना करिये जमा वार फौजी भली मिली तनै नार फौजी, नहीं किसे तैं घाट पिया।। 3. दुलहन्डी दोनों मिलकै खेलांगे, दुख दरद हम सब झेलांगे घणा बुरा जमाना आरया सै, माणस नै माणस खारया सै चमन मैं धुमां छारया सै, इसनै आकै छांट पिया।। 4. सास बहू हम मिलकै रहवां, हाथ जोड़ बस इतना कहवां करिए थोड़ा सा ख्याल तूं, हो ल्याइये लाल गुलाल तूं ले लिए म्हारी सम्भाल तूं, करै रणबीर ठाठ पिया।। 333************** मतना लाओ वार सुणो , हो जाओ तैयार सुणो। ले ऐके का हथियार सुणो , लड़नी आज लड़ाई रै।। 1. गांव, गली, शहर, कुचे मैं इज्जत म्हारी महफूज नहीं अत्याचार होते रोजाना करता कोए महसूस नहीं नहीं लड़ाई आसान सुणो चाहिए युद्ध घमासान सुणो मारे जावैं शैतान सुणो ,बची नहीं समाई रै ।। 2. रूढ़िवादी विचार क्यों देखो बनके ये दीवार खड़े कहने को होते देखो ये यहां बढ़िया प्रचार बड़े दुश्मन गेरता फूट सणो , ऐसे मचाए लूट सुणो अब तुम जाओ उठ सुणो , सही ना जा पिटाई रै।। 3. ये अन्नदाता कहने वाले आज कहां पर चले गए कर्म कर ना फल की चिंता,अरमान हमारे छले गए नहीं सहें अपमान सुणो , पायें हम सम्मान सणो चले ऐसा अभियान सुणो , डंके की चोट बताई रै।। 4. जीना है तो लड़ना होगा, संघर्ष हमारा नारा किसानों संगठन बना के कदम बढ़ाएं,दूर नहीं किनारा किसानों अब तो उंचा बोल भाई, झिझक ले अपनी खोल भाई जाए दुश्मन डोल भाई , रणबीर अलख जगाई रै।। 334************* कोरोना वायरस नै भारत मैं पैर फैलाये।। पचास लाख तैं ऊपर ये मरीज हुए बताये।। 1 मजदूर महिला की मुशीबत बढ़ी बताई गरीबी तो झेल रही कोरोना की जंग आई खाण पीण के संकट लॉक डाउन थे बढ़ाये।। पचास लाख तैं ऊपर ये मरीज हुए बताये।। 2 कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था और डूबैगी इसकी मार की या सुई गरीब कै डूँघी चुभैगी कोरोना बारे लापरवाही नै बुरे हाल बनाये।। पचास लाख तैं ऊपर ये मरीज हुए बताये।। 3 सरकार की घोषणा ऊंट के मूँह मैं जीरा रै बाकी साध लेंगे मरै बेरोजगार फकीरा रै मुश्किल बढ़ी पर पूरे बंदोबस्त ना हो पाये।। नौ हजार तैं ऊपर ये मरीज हुए बताये।। 4 संकट बढ़ैगा और यो इसे हुए सैं आसार रै इसका करां सामना मिल नर और नार रै रणबीर राखां होंसला या कोरोना हार जाये।। पचास लाख तैं ऊपर ये मरीज हुए बताये।। 335********** आपस के रगड़े मैं आपस के रगड़े मैं भाई म्हारी असल लड़ाई लटकती रहज्यागी।। एका नहीं करया तो औलाद भाई अपना सिर पटकती रहज्यागी।। 1 क्यों अनसमझी मैं लड़कै नै हमसफ़रां तैं बिगाड़ करै म्हारा वर्ग सहयोग का रास्ता घर अंदर म्हारे उजाड़ करै न्यों क्योकर काम चलैगा जै नुकसान खेत मैं बाड़ करै वर्ग संघर्ष का सही रास्ता सै तों ईसपै मतना राड़ करै दुश्मन के संग तो लाड करै छाती मैं बात खटकती रहज्यागी।। एका नहीं करया तो औलाद भाई अपना सिर पटकती रहज्यागी।। 2 आपस का हम द्वेष त्याग कै बढ़ा कै अपना काम दिखावाँ दुनिया की घुड़ दौड़ मैं हम अपना ताम झाम दिखावाँ आगै आने आले बख्त का हम बना सही प्रोग्राम दिखावाँ कित कित आगै बढ़ना सै खोल कै सारे मुकाम दिखावाँ घणा करकै मजबूत काम दिखावाँ ना ज्यान भटकती रहज्यागी।। एका नहीं करया तो औलाद भाई अपना सिर पटकती रहज्यागी।। 3 इस वर्ग संघर्ष की पढ़ाई नै हम सारे ही परवान चढ़ावां गैल मैं अपने बालकां ताहिं वर्ग संघर्ष का पाठ पढ़ावां भगतसिंह जिसे वीरों की हम हांगा लाकै स्यान बढ़ावां गरीब अमीर लड़ने का सारे मिलकै समान चन्डावां सोच की सही धार कढ़ावां दुश्मन कै खटकती रहज्यागी।। एका नहीं करया तो औलाद भाई अपना सिर पटकती रहज्यागी।। 4 इबी नहीं बखत बिचारया तै जीवन म्हारा निष्फल होवै दुश्मन म्हारी ताकत पिछाणै ना ओ चैन की नींद सोवै पिला चेहरा लाल बनाना सै ना कीमती यो पल खोवै रणबीर सिंह संघर्ष का साथी ना यो सूखा थूक बिलौवै फेर सुख का ढंग न्यों होवै साहूकारी सिर पटकती रहज्यागी।। एका नहीं करया तो औलाद भाई अपना सिर पटकती रहज्यागी 336************ गुंडा गर्दी गुंडा गर्दी करकै मेरा जीना होग्या भारी हे।। मेरी ना पार बसावै खोल सुनादयूं सारी हे।। 1 बोली लागैं इसी गात मैं चलै जन जर्मन का पिस्तौल हो बजर केसा जिया करना दिल होज्या मेरा डावांडोल किस तरियां ये बात बताऊँ मेरी जबान हुई अनबोल मनै जबर भय लागै ना तन पै मांस रहया बेबे था थोड़ा ढेठ गात मैं कोण्या मेरे पास रहया बेबे गुंडागर्दी के चलते कोण्या सुख का सांस रहया बेबे इनै बातों की चर्चा करै कुएं की पणिहारी हे। मेरी ना पार बसावै खोल सुनादयूं सारी हे।। 2 बने हांडें छैल गाभरू ना गल्त सही का हौंस जमा शरीफ भी और ऊत लूँगाड़े हमपै पाकैं बोस जमा बाहर लिकड़ना मुश्किल सै घरां बिठादी मोस जमा सारी दुनिया मैं होग्या पापियों का यो पूरा जोर गात बचाकै जीना होवै मची तबाही चारों और थाणे मैं सुनते कोण्या अन्याय होरया घन घोर समझ मैं आग्या गुंडागर्दी होंती जावै सरकारी हे।। मेरी ना पार बसावै खोल सुनादयूं सारी हे।। 3 रोजाना की भुंडी बाणी म्हारी नाड़ तले नै गोगी बेरा ना कद आंख खुलें क्यों या जनता सोगी किस किस का जिकरा सबकी रे रे माटी होगी गुंडे खुले घूमते रहैंगे या तो मेरे दिल मैं जरगी आगै के गुल खिलेंगे कौनसी इतने ए मैं सरगी घणी लुगाई दुखी होकै खा खा कै फांसी मरगी जड़ गुंडा गर्दी की डूंगहै चोये के मैं जारी हे। मेरी ना पार बसावै खोल सुनादयूं सारी हे।। 4 चोर जार ठग मौज उड़ावै देखे गरीब दुख भरते गधे रंग रास मनावैं हिरन आज जंगलों मैं चरते कैंडे आले मानस की मर फिरैं गुलामी करते कहैं किस्मत की माया सै जमा म्हारी अक्ल मारी मीडिया कर नाश रहया फ़िल्म ये तरकीब बतारी रणबीर सिंह बनै निशाना सारी जागां या नारी हे।। मेरी ना पार बसावै खोल सुनादयूं सारी हे।। 337************ चोट या चोट मनै ,गई घोट मनै,गई फिरते जी पै लाग ईब खेलूं मैं खूनी फाग।। 1 चाला होग्या गाला होग्या क्यूकर बात बताऊँ बेबे इज्जत गंवाई चिंता लाई क्यूकर ज्यान बचाऊँ बेबे डाकू लुटेरे फिरैं घनेरे क्यूकर गात छिपाऊं बेबे देख अकेली करी बदफेली क्यूकर हालात बताऊँ बेबे ना पार बसाई नहीं रोटी भाई मेरै सुलगै बदन मैं आग ईब मैं खेलूं खूनी फ़ाग ।। 2 के बुझेगी भाण राहन्दे काटूँ दिन मर पड़कै हे दिन रात परेशान हुई मैं रोऊं कोठे मैं बड़कै हे बात बणी घणी कसूती मेरे भीतर मैं रड़कै हे रामजी किसा खेल रचाया सोचूँ खाट मैं पड़कै हे ये उल्टा धमकावैं मनै कुलटा बतावैं उसनै कहैं ये बेदाग ईब मैं खेलूं खूनी फ़ाग ।। 3 जिस देश मैं नहीं करते सही सम्मान लुगाई का उस देश का नाश लाजमी जड़ै अपमान लुगाई का सारी उम्र भज्या रामजी नहीं भुगतान दुहाई का घणा अष्टा बना दिया सै यो इम्तिहान लुगाई का मैं तो मरली दिल मैं जरली ल्याऊं नाश जले कै झाग ईब मैं खेलूं खूनी फाग।। 4 राम गाम सुनता होतै हम कति ज्यान तैं मरली औरत ईब्बे और सताई जा या मेरे दिल मैं जरली सबला लूटी अबला लूटी बना दासी घर मैं धरली इबै तो और सहना होवैगा रणबीर के इतने मैं सरली होंठ सीऊं कोण्या चुप जीऊँ कोण्या तेरा करूं सामना निर्भाग ईब मैं खेलूं खूनी फ़ाग ।। 338************ जय भीम इंक़लाब का नारा यो अपना रंग दिखावै रै।। नव जागरण आंदोलन यो मनुवाद कै साँस चढावै रै।। 1 जात पात और छूआछूत म्हारे समाज तैं मिटानी सै अन्धविश्वास पाखंड की वैज्ञानिक काट बिछानी सै सब धर्मां की कट्टरता आपस मैं हमनै लड़वावै रै।। नव जागरण आंदोलन यो मनुवाद कै साँस चढावै रै।। 2 मारो काटो नफरत करो कौनसे धर्म मैं लिख राख्या झूठ फैला कै जहर भरो कौनसे धर्म मैं लिख राख्या धर्मों का जाल दुनिया मैं पूंजीपतियां का साथ निभावै रै।। नव जागरण आंदोलन यो मनुवाद कै साँस चढावै रै।। 3 नब्बै नै बांटन की खातर जात धर्म हथियार बनाये भारत मैं मनुवाद नै देखो सदियों से वंचित दबाये टिकवा माथा मस्जिद मंदिर मैं धुरतैं भकांता आवै रै।। नव जागरण आंदोलन यो मनुवाद कै साँस चढावै रै।। 4 बेरोजगरी बढा अपना मुनाफा यो खूब बढ़ाता भाई शिक्षा बेची इलाज बेच्या ना म्हारा कोये खाता भाई जिन्दा राख करावै कमाई रणबीर सही बात बतावै रै।। नव जागरण आंदोलन यो मनुवाद कै साँस चढावै रै।। 339************ फौजी देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं । एक रात एक बैंकर में दो फ़ौजी रात काटने के लिए अपने अपने घर गाँव की बातचीत करते हैं । दो महीने पहले एक फौजी छुट्टी पर गाँव आया तो उसके गाँव में एक जघन्य हत्याकांड हुआ मिला। उसके बारे में महेंद्र अपने साथी फ़ौजी सुरेंद्र को सुनाता है। सुरेंद्र का दिल वह सब सुनकर दहल उठता है और वह अपनी मां को एक चिठ्ठी में क्या लिखता है भला:- औरत की जमा कदर रही ना यो किसा बुरा जमाना आग्या माँ।। सुनकै लोगां की काली करतूत, यो मेरा दिल घणा घबराग्या माँ।। 1 दो बदमाशां नै मिलकै नाबालिग बच्ची पै अत्याचार किया बदफेली करी पहलम तै फेर मौत के घाट उतार दिया इन पापियां नै के मिलग्या सारा हरियाणा पुकार दिया कहैं पुलिस तैं पीसे जिमाये यो कर काबू थानेदार लिया घणे दिन लाश ना टोही पाई न्यों गुहांड घणा चकराग्या माँ।। सुनकै लोगां की काली करतूत, यो मेरा दिल घणा घबराग्या माँ।। 2 नौ मई का मनहूस दिन था मासूम बच्ची नै वे लेगे ठाकै नै पुलिस ताहिं नाम बता दिएपर झांकी ना वा गाम मैं आकै नै कई जणे थाने में पहोंचे उड़ै रपट लिखानी चाही जाकै नै थानेदार नै रपट तो लिखी बहोत घणे धक्के खवाकै नै अपराधी सांड ज्यों रहे घूमते बेटी कै घर मैं मातम छाग्या माँ।। 3 सुनकै लोगां की काली करतूत, यो मेरा दिल घणा घबराग्या माँ।। क्यों म्हारी रपट लिखी ना जाती म्हारे ऊपर धौंस जमाई जावै क्यों या पुलिस खावण नै आती उल्टा म्हारी करी पिटाई जावै क्यों गरीब जनता न्या ना पाती या रपट कमजोर बनाई जावै क्यों कमेरी जनता धक्के खाती म्हारी लाज ना बचाई जावै सामना करना पड़ेगा हमनै मेरा दिल ये बात समझाग्या माँ।। सुनकै लोगां की काली करतूत, यो मेरा दिल घणा घबराग्या माँ।। 4 घणे जोश मैं हम पहरा देरे थे सुनकै जी उदास हुया माता सिविल मैं जमा डूबा पड़गी क्यों आज सत्यानाश हुया माता फेर बी तेरा बेटा लड़ेगा डटकै यो वायदा खास हुया माता रणबीर सही छन्द बणावै उसनै फ़ौज़ियाँ का डेरा भाग्या माँ।। सुनकै लोगां की काली करतूत, यो मेरा दिल घणा घबराग्या माँ।। 340********* एक बाप का दुःख कुनबा सारा मूँधा पड़या नहीं होती छोरी की सगाई।। मनै सगे सम्बन्धी कहवैं क्यों या इतनी घनी पढ़ाई।। 1 पढ़ लिख कै बेटी आई एफ एस अफसर बणगी दहेज़ एक करोड़ पै पहोंच्या सिर की नस तणगी मेहनत करी दिन रात मुड़कै पाछै नहीं लखाई।। मनै सगे सम्बन्धी कहवैं क्यों इतनी घनी पढ़ाई।। 2 बिन ब्याही बेटी का घर मैं बोझ घणा कसूता होज्या रै मेरे बरगा सिद्धान्ति माणस भी सबर अपना खोज्या रै घर मैं दीखै सूनापन जब ना पावै कोये राही।। मनै सगे सम्बन्धी कहवैं क्यों इतनी घनी पढ़ाई।। 3 जात के भीतर आई ऐ एस कोये भी मिलता कोण्या एक मिल्या तो गोत उसका म्हारे गाम मैं चलता कोण्या इन गोतां के चक्कर नै म्हारी तो पींग सी बधाई।। मनै सगे सम्बन्धी कहवैं क्यों इतनी घनी पढ़ाई।। 4 माथा पाकड़ कै बैठ गया तीन साल जूती तुड़वाली या उम्र तीस साल की ओवर ऐज खाते मैं जाली दोतीन और अफसर थे उनकी मांग बेढंगी पाई।। मनै सगे सम्बन्धी कहवैं क्यों इतनी घनी पढ़ाई।। 5 बेटी नै तो कर लिया फैंसला ब्याह नहीं कावाने का मां बोली हमनै के ठेका बेटी जात बीच ब्याहने का कौम के ठेकेदारां नै नरमी नहीं बरती चाही।। मनै सगे सम्बन्धी कहवैं क्यों इतनी घनी पढ़ाई।। 6 जात छोड़ ब्याह करने का मेरा तो जी करता कोण्या बिन ब्याही रह्वैगी बेटी न्यों सोच दिल भरता कोण्या जात मनै लागै थी प्यारी इसनै मेरी करी पिटाई।। 7 न्योंये कित धक्का दे दयूं आज मेरी समझ नहीं आता एक करोड़ कड़े तैं ल्याऊं आज मेरा तो यो खाली खाता दो च्यार लाख मैं नहीं करते कौमी बेटे मेरी सुनाई।। मनै सगे सम्बन्धी कहवैं क्यों इतनी घनी पढ़ाई।। 8 भितरै भितर सोचूँ कितै बेटी प्रेम विवाह करले नीरस जिंदगी जो उसकी उसनै खुशियों तैं भरले वा बागी होकै करले शादी होज्यगी मेरी मनचाही।। मनै सगे सम्बन्धी कहवैं क्यों इतनी घनी पढ़ाई।। 9 तिरूं डूबूँ जी होरया इसनै रोज समझाऊँ क्यूकर जात भितर की सीमा दिल खोल दिखाऊं क्यूकर म्हारे बरगे माणसां की होरी सारे कै जग हंसाई।। मनै सगे सम्बन्धी कहवैं क्यों इतनी घनी पढ़ाई।। 10 नौकरी के कारण बेटी नै कई देशां मैं जाना पड़ता भांत भांत के लोगां तैं उसनै उड़ै हाथ मिलाना पड़ता रणबीर खुलापन आया यो आज साहमी दे दिखाई ।। मनै सगे सम्बन्धी कहवैं क्यों इतनी घनी पढ़ाई।। 341**************** रणसिंह और कमला की बातचीत 1986 -87 , के दौर में ----- रणसिंह : कुड़की आगी जर्दी छागी नाश हों मैं कसार नहीं ।। कमला : धरती जागी चिंता खागी डले ढोंण मैं बिसर नहीं।। रणसिंह : कोए मखौल उड़ावै म्हारा कसूता मारै कोए तान्ना कोए घणी दया दिखावै कहै मत दे कोए आन्ना दारू मैं क्यूँ पीग्या धरती सोध्या नहीं कोए रकान्ना उल्टी सीधी चर्चा चालै नहीं ख़ाली कोए खान्ना सुणले कमला आया हमला आज मरण मैं कसर नहीं।। कमला : चालीस बरस तैं देखूँ म्हारी खाल उतारी जा सै मण्डी फेर होज्या ठंडी न्यों कमाई सारी जा सै म्हारी कीमत दूजा लावै म्हारी अक्कल मारी जा सै कुआँ झेरा टोहना होज्या कोण्या पार हमारी जा सै फटे हालां टुटी चालां होवै दिल मैं सबर नहीं ।। रणसिंह : कारखाने मैं आवै टोट्टा नहीं सरकार नीलम करै चलावैं दूनी पूंजी लाकै न्यों पूरा इंतजाम करै चालें पाछै उल्टा देवै मालिक के गोदाम भरै भा बी थोड़ा कुड़क धरती गेल डिफाल्टर नाम धरै जीते कोण्या मरते कोण्या यो तो किमै बसर नहीं।। कमला : क्यों माड़ा मन कररया धरती अपनी बचाणी सै आड़ै हम ऐकले कोण्या मिलकै अलख जगाणी सै गाम गाम कुड़की आरी सै सही गलजोट बनाणी सै आप्पा मारें पार पड़ैगी साच्ची बात समझाणी सै हों किसान करजवान कट्ठे और कोए तो डगर नहीं।। रणसिंह: आंसू आरे धीर बंधावै ईब तक हिम्मत हारी ना कुड़की नहीं होण दयूं कहै सस्ती लाश हमारी ना क्यों खामखा पागल होरी जावै आज पार हमारी ना रणबीरसिंह खड़े लखावां बरोणा बूझै जात हमारी ना कित सैं लाल हरियाणे के कानां गई के खबर नहीं ।। 342************ बारा बाट ईब होगे बारा बाट कसूते होती कितै सुनाई ना। चूट चूट कै खागे हमनै मिलती कितै दवाई ना। 1 जिन सरमायेदारां नै गौरे झूठी चा पिलाया करते जी हजूरी फितरत उनकी जमकै टहल बजाया करते बड्डे चौधरी साँझ सबेरै ललकै पैर दबाया करते राय साहब कोय सर की न्यों पदवी पाया करते आज मालिक बने देश के समझी हमनै चतराई ना।। चूट चूट कै खागे हमनै मिलती कितै दवाई ना।। 2 कुल सौ बालक म्हारे देश के दो कालेज पढ़ण जावैं सैं पेट भराई मिलै तीस नै सत्तर भूखे क्यों सो जावैं सैं बिना नौकरी ये छोरे गाभरू आपस मैं नाड़ कटावैं सैं काले जबर कानून बनाकै म्हारे होंठ सीमणा चाहवैं सैं नब्बै की रेह रेह माटी देखी इसी तबाही ना।। चूट चूट कै खागे हमनै मिलती कितै दवाई ना।। 3 बेकारी महंगाई गरीबी तो कई गुणा बढ़ती जावैं रै जब हक मांगें कट्ठे होकै वे तान बन्दूक दिखावैं रै साहूकार हमनै बाँटण नै नई नई अटकल ल्यावैं रै म्हारी जूती सिर भी म्हारा न्यों म्हारा बेकूफ बणावैं रै थोथा थोथा पिछोड़ दे सारा छाज इसी अपनाई ना ।। चूट चूट कै खागे हमनै मिलती कितै दवाई ना।। 4 इतनी मैं नहीं पार पड़ी दस नै जुल्मी खेल रचाया यो नब्बै की कड़ तोड़न खातर तीनमुहा नाग बिठाया यो निरा देसी साहूकारा लूटै एक फण इसा बनाया यो दूजा फन सै थोड़ा छोटा उसपै बड्डा जमींदार टिकाया यो तीजे फन फिरंगी बैठ्या जिसकी कोय लम्बाई ना।। चूट चूट कै खागे हमनै मिलती कितै दवाई ना।। 5 इस तरियां इन लुटेरयां नै नब्बै हाथ न्यों बाँट दिए लालच देकै सब जात्यां मैं अपने हिम्माती छांट लिए उडारी क्यूकर भरै मैना धर्म की कैंची तैं पर काट दिए हीर अर राँझयां बिचाळै देखो अखन्न काने डाट दिए नब्बै आगै दस के करले इसकी नापी गहराई ना ।। चूट चूट कै खागे हमनै मिलती कितै दवाई ना।। 6 हजार भुजा की या व्यवस्था नहीं म्हारी समझ मैं आवै एक हाथ तैं कड़ थेपड़ दे दूजे तैं गल घोटना चाहवै करनी होगी जमकै पाले बंदी रणबीर बरोने मैं समझावै नब्बै का जब डंका बाजै दस की ज्याण मरण मैं आवै दस की पिछाण करे पाछै मुश्किल कति लड़ाई ना।। चूट चूट कै खागे हमनै मिलती कितै दवाई ना।। 1988 में छपी 1986 में लिखी थी 343************* "हम अगर उट्ठे नहीं तो" के मौके पर जनता को आह्वान अपनी लड़ाई लड़ने का बिना लड़ाई सुनले भाई पार हमारी जाणी ना ।। हम अगर उट्ठे नहीं तो बचैगी कुन्बा घाणी ना।।। 1 या महंगाई बेकरी तो घणी ए कसूती मार करै लुटेरे की जात मुनाफा समझ बूझ तैं वार करै राम नाम की माला लेकै बेड़ा अपना पार करै राजनीति तैं हमनै लूटै दूर रहो यो प्रचार करै महंगाई अडानी की जाई या नब्ज पिछाणी ना।। हम अगर उट्ठे नहीं तो बचैगी कुन्बा घाणी ना।। 2 आज महारी थारी तन्खा दो तीन गुणी घटज्या हमनै खाटा शीत मिलै वो नूनी घी पूरा चटज्या दबकै बाहणा कोण्या खाणा जिंदगी पूरी कटज्या मंडी में फसल की कीमत क्यों म्हारी घटज्या नए लुटेरे पैदा होगे ये पुराणे राजा राणी ना ।। हम अगर उट्ठे नहीं तो बचैगी कुन्बा घाणी ना।। 3 जाट बाह्मण का खटका फूट गेरज्यां सैं म्हारे मैं पंजाबी लोकल का झटका हम सुणते गलियारे मैं चलै इलाके का फटका म्हारे हरियाणे के बारे मैं यो प्रमोशन का लटका कहै कोण्या रलता थारे मैं गुटबंदी कहते होसै गंदी रोकै कुनबा घाणी ना।। हम अगर उट्ठे नहीं तो बचैगी कुन्बा घाणी ना।। 4 चौधर कितै माल बिकाऊ घर कसूते घालै भाई हिरण की डार भली हो रल मिलकै चालै भाई माणस जूणी लेकै नै भी क्यों एकला हालै भाई बैरी एकता तोड़ण ताहिं बीज फूट का डालै भाई ये कमजोरी हमनै खोरी या समझण मैं हाणी ना।। हम अगर उट्ठे नहीं तो बचैगी कुन्बा घाणी ना।। 344************* बोल बख्त के: पैप्सी जहर आज शाम को टी.वी. चैनल सहारा समय पर 5.00 बजे खबर सुनी जहर का घूंट। बताया गया कि 24 प्रतिशत से ज्यादा कीटनाशक कोका कोला में पाये गये। दिल दहल गया और एक रागनी के माध्यम से आत्मा पुकारी। क्या बताया भला: जहर पीवां पैप्सी कोलां मैं, मौत के मुंह मैं जावां रै। सब्जी दूध भोजन मैं बहोत कीटनाशक खावां रै।। 1 पाणी मैं जहर घुलग्या इसका हमनै बेरा कोन्या घणा कसूता घाल दिया टूटता दीखै घेरा कोन्या हरित क्रांति हरियाणा में खुशी थोड़े लोगां मैं ल्याई घणे लोगां मैं कीटनाशक नै या घणी रची तबाही आज पाछै बोतल हम नहीं पैप्सी कोला की ठावां रै।। सब्जी दूध भोजन मैं बहोत कीटनाशक खावां रै।। 2 अनतोल्या इस्तेमाल हुया सै पाछले दस सालां मैं शरीर निचोड़ बगा दिया लाली बची नहीं गालां मैं बदेशी कंपनी लूटैं हमनै ये हजर पिलाकै देखो मुनाफा कमावैं अरबां का कीटनाशक खिलाकै देखो कसम खावां आज सारे हाथ नहीं ठण्डे कै लावां रै।। सब्जी दूध भोजन मैं बहोत कीटनाशक खावां रै।। 3 खाज गात मैं करदी सै आज घर कोए बच्या नहीं दमा बीमारी बाधू होगी खुलासा म्हारै जंच्या नहीं गैस पेट की बढ़ती जा महिला हुक्टी पीवण लाग्गी नामर्दी का शिकार होकै पीढ़ी युवा जीवण लाग्गी इलाज कितै होन्ता कोन्या बताओ हम कित जावां रै।। सब्जी दूध भोजन मैं बहोत कीटनाशक खावां रै।। 4 कई साल तै रुक्या नहीं जहर का खेल न्योंए चालै के बरा किस-किस के जीवन पै हाथ रोजाना घालै कैंसर बधता जावै आज कई विद्वान बतावैं देखो जन्म जात बीमारी बधगी आंकड़े ये दिखावैं देखो कहै रणबीर बरोने आला ईबतैं मोर्चा जमावां रै।। सब्जी दूध भोजन मैं बहोत कीटनाशक खावां रै।। 345************ कहानी घर घर की कहानी घर घर की एक महिला की जुबानी मरै गरीबी के बोझ तलै , तेरी बी ना कोए पार चलै अमीरी हमनै रोज छलै , शरीर को कसूत सताऊँ मैं।। 1 दो घरों में जाकै मैं करूँ यो पूरा काम सफाई का एक घर डाक्टर का सै दूजा घर वकील अन्यायी का दोनों घरों का के जिकरा सै , मेरे पै ना कोए फिकरा सै ख़राब सबका जिगरा सै , पेट पकडे बैठे दिखाऊँ मैं।। 2 वकील साहब की वकालत बस इसी ए सी बतावें ओला बोला पीसा उन धौरे धंधा कई ढाल का चलावें घर मैं पीटता घरआली नै , बाहर देखो शान निराली नै बेटा ठाएँ हाँडै दुनाली नै , के के सारी खोल सुनाऊँ मैं || 3 डाक्टरनी दुखी कई बर बैठी रोंवती वा पाई बेबे शौतन का दुःख झेल रही कई बै चुप कराई बेबे बड्डी कोठ्ठी पर दिल छोट्टे, बाहर शरीफ भित्तर खोट्टे कुछ तो अकल के बी मोट्टे , कई बै अंदाज लगाऊं मैं || 4 घूर घूर कै देखै मने ना डाक्टर का एतबार बेबे उसकी आँख्यां मैं दीखे यो शैतान हरबार बेबे डाक्टर का घर छोड़ दिया , तीजे घर मैं बिठा जोड़ लिया काढ मनै यो निचोड़ लिया रणबीर यो बख्त पुगाऊँ मैं || 346*********** धन्ना सेठों और हिंदुत्व की दुग्गी देश मैं छाई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 1 बहु विविधता भाईचारे पै खतरा खूब बढ़ाया संसद भारत देश की इसका मखौल उड़ाया तर्क सत्य विवेक म्हारा भीड़ नै पढण बिठाया गौरक्षा के नाम ऊपर उधम घणा सै मचाया देश मैं अन्धविश्वसां की बाढ़ कसूती आई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 2 बेरोजगारी पै चुप्पी साधी नहीं चिंता किसानी की जात धर्म पै बाँटे घृणा बढ़ाई बेउँमानी की इलाज म्हारे की चिंता ना घणी चिंता अडाणी की शिक्षा का भट्ठा बिठाया चांदी होरी आज अज्ञानी की असली मुद्दे घुमा दिए रूलती हांडे भरपाई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 3 फासीवाद का हमला आग्या यो मनै तनै सालैगा ज्यूकर पूंजीपति कहैगा हुक्म उसका पालैगा जात धर्म पै लड़वाकै नै म्हारे पै जाल घालैगा संविधान पाड़ बगाया जा हुक्म राजा का चालैगा या काट फासीवाद की जनता का मोर्चा बताई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 4 छोड़ बाँट जात पात पै एक मंच पै आणा होगा नबै दस की लड़ाई का नारा मिलकै लाणा होगा पूंजीपति देशी बदेशी को सबक सिखाना होगा सबनै इंक़लाब जिंदाबाद मिलकै गाणा होगा कहै रणबीर समझो म्हारी असल लड़ाई रै।। आम आदमी की इसनै कसूती रेल बनाई रै।। 347********** हम सबके सपनों का हिंदुस्तान हटकै होज्यां धन माया की कई कई खान हमारे हिंदुस्तान मैं।। सभी लोग लुगाई होवैं भाईयो बलवान हमारे हिंदुस्तान मैं।। 1 सभी हों सत्य के पुजारी फेर फलै फूलै हमारा समाज उच्च कोटि के चिकित्सक होज्यां सब रोगों का करैं इलाज शुद्ध हवा और शुद्ध जल मिलज्या गोदामों मैं भरां अनाज झूठ कपट ना टोही पावैं नहीं कोय रैहज़्यागा धोखे बाज शोषण रहित समाज बनावां सम्मान हमारे हिंदुस्तान मैं।। सभी लोग लुगाई होवैं भाईयो बलवान हमारे हिंदुस्तान मैं।। 2 सोने की चिड़िया भारत सै दोबारा कहैगा सारा संसार किसानों के ऊपर नहीं पड़ै इस जुल्मी फांसी की मार आई टी के नूरे नूरी देश मैं ये घणे होवैंगे फेर तैयार काम मिलै हर हाथ नै नहीं रहवैगा कोए भी बेकार फेर दिन दूनी तरक्की करै विज्ञान हमारे हिंदुस्तान मैं।। सभी लोग लुगाई होवैं भाईयो बलवान हमारे हिंदुस्तान मैं।। 3 सब तरियां खुशहाल देश हो ना हो कमी माया जर की किसे चीज का घाटा हो ना बात रहै ना कोय डर की वर्तमान समस्या नहीं रहैं ये रोटी कपड़े और घर की वैज्ञानिकों के प्रति भावना बढ़ै हमेशा या आदर की फेर टोहया नहीं पावैगा मिथ्याज्ञान हमारे हिंदुस्तान मैं।। सभी लोग लुगाई होवैं भाईयो बलवान हमारे हिंदुस्तान मैं।। 4 जनता मैं लहर खुसी की फूल चमन मैं खिलजयांगे बंजर भूमि रहवै कोण्या खेती मैं ट्रैक्टर चलज्यांगे रणबीर पुराने अंधविश्वास समय के साथ बदलज्यांगे दोस्ती करां पड़ौसियों गेल्याँ हाथ मिला आगै बढज्यांगे ढाल ढाल के मिलते आड़े इंसान हमारे हिंदुस्तान मैं।। सभी लोग लुगाई होवैं भाईयो बलवान हमारे हिंदुस्तान मैं।। 348*********** तोड़ की बात स्वास्थ्य और शिक्षा का यो सरकार नै बजट घटाया रै स्वामीनाथन रिपोर्ट नाटगे किसान फांसी पै चढ़ाया रै 1 विश्व बैंक मुद्रा कोष गेट की तिग्गी मार गहरी करती बदेशी पूंजी देशी कारपोरेट म्हारी कष्ट कमाई चरती पन्दरा लाख काले धन तैं म्हारी गौज क्यों नहीं भरती महंगाई तैं ध्यान हटाणे नै दंगे करवाने तैं नहीं डरती मेल देशी बदेशी पूंजी का साम्प्रदायिकता तैं बिठाया रै। स्वास्थ्य और शिक्षा का यो सरकार नै बजट घटाया रै। 2 पब्लिक सेक्टर ऊपर इसका हमला घणा भारी देखो प्राइवेट सैक्टर की चाँदी सरकार बणी महतारी देखो 42 लाख करोड़ बारा साल मैं सब्सिडी जारी देखो अम्बानी के तलवे चाटते मजदूरां पै धरी आरी देखो सातवें वेतन आयोग का कर्मचारी पै तीर चलाया रै। स्वास्थ्य और शिक्षा का यो सरकार नै बजट घटाया रै। 3 हरियाणे मैं भी अपणे वायदे भाजपा जमा भूल गई राज नशे मैं कसूती ढालां देखो सरकार टूहल गई पढ़ाई की शर्त का चुनाव पै बणा छाकटा रूल गई आरक्षण पै खेल खेलकै पकड़ा तबाही नै तूल गई जाट गैर जाट का जाणकै यो जहर कसूत फैलाया रै। स्वास्थ्य और शिक्षा का यो सरकार नै बजट घटाया रै। 4 स्कूली शिक्षा हो चाहे उच्च शिक्षा सारै फीस बधाई सै सरकारी अस्पतालों मैं भी बिन डॉक्टर इलाज चाही सै सरकारी नौकरियां पै आज या कसूती कटार चलाई सै किसान मजदूर मारे धरती कै महिला की भ्यां बुलाई सै रणबीर लेल्यो सम्भाला विकास नहीं विनास कराया रै। स्वास्थ्य और शिक्षा का यो सरकार नै बजट घटाया रै। 349*********** डर कोरोना का देखो चारों कान्ही छाया रै।। सब क्याहें मैं दीखै घनाए उधम मचाया रै।। 1 दरवाजे के हैंडल कै हाथ लगाते डरते डिब्बे तैं भय लागता इसनै उठाते डरते बाहर जान तैं डरां राह नहीं कोये पाया रै।। सब क्याहें मैं दीखै घनाए उधम मचाया रै।। 2 कोरोना की बूंदां नै संसार हिला दिया रै सोलां लाख तैं आगै आंकड़ा जा लिया रै एक दूजे तैं डर लागै बख़्त बुरा बताया रै।। सब क्याहें मैं दीखै घनाए उधम मचाया रै।। 3 कोये किसे की जफी पाने तैं डरता भाई बालक स्कूल जाने तैं आज तरसता भाई सबनै इसके इलाज का यो सपना आया रै।। सब क्याहें मैं दीखै घनाए उधम मचाया रै।। 4 विज्ञान की कांहीं आज सारे लोग ताक रहे पंडित पुजारी गुपचुप इस कांहीं झांक रहे रणबीर कहै डर नै सबकै सांस चढ़ाया रै।। सब क्याहें मैं दीखै घनाए उधम मचाया रै।। 350********* बिना नकेल बदेशी पूंजी बदेशी पूंजी नकेल बिना देश का धुम्मा ठा देगी खान जल जंगल जमीन सबनै चूस कै बगा देगी 1 सौ रूपये लावैगी तो पांच हजार लूट कै लेज्यावैगी खून पस्सीने की कमाई नै बैरण चूट कै लेज्यावैगी अमीर गरीब की खाई या दिन ब दिन बढ़ा देगी। बदेशी पूंजी नकेल बिना देश का धुम्मा ठा देगी 2 अपने दलाल बनाकै नै गामां तक या पहोंच गई करकै दारू नशे तैं हमला इज्जत म्हारी नोंच लई पॉर्नो ग्राफी मोबाइल मैं घर घर मैं पहोंचा देगी। बदेशी पूंजी नकेल बिना देश का धुम्मा ठा देगी 3 मुठ्ठी भर नै देकै नौकरी या पालतू पशु बनावै सै जात पात पै बाँट कै नै कारपोरेट मौज उड़ावै सै दंगे करवाकै देश मैं या माणस घणे मरवा देगी। बदेशी पूंजी नकेल बिना देश का धुम्मा ठा देगी 4 गरीब और गरिब होगे अमीरों की चांदी होरी सै देश की घनखरी जनता या इनकी बांदी होरी सै कहै रणबीर भका भका कै म्हारै सांस चढ़ा देगी बदेशी पूंजी नकेल बिना देश का धुम्मा ठा देगी 351********* पी वी सिंधु का मैडल पक्का मार दिया इसनै आज छक्का ओकिहारा को दिया धक्का थोड़ा सा दिल नै थाम लियो ।। बैंडमिंटन मैं रियो मैं खेल दिखाया देखो फाइनल मैं पहोंच कै मान बढ़ाया देखो मीडिया न्यों अंदाज लगावै मैडल पक्का जरूर बतावै यो देश थारी तरफ लखावै सिंधु लगा जोर तमाम दियो ।। जापान की लड़की हरा अपने पैर जमाये स्पेनी लड़की गेल्याँ पेचे फाइनल मैं बताये राष्ट्रपति म्हारे नै दी सै बधाई प्रधानमन्त्री नै करी सै बड़ाई परिवार नै खूब खुशी मनाई काल थकन का मत नाम लियो ।। रात नै सोईये सिंधु थकान बी तार लिए काल कौनसे गुर लाने कर विचार लिए पूरे दम खम तैं खेलिए सिंधु वार स्पेन की के झेलिये सिंधु नम्बर तो फालतू लेलिए सिंधु जितना हार का ना नाम लियो ।। गोल्ड मैडल पै तूँ ध्यान राखिये पूरा हे एक गोल्ड देश ले ख्याल राखिये पूरा हे म्हारे देश की छोरी छारी सैं रणबीर खूब जोर लगारी सैं बेशक पेट मैं चलैं कटारी सैं बुलंद कर देश का नाम दियो ।। 352*********** खिड़वाली गांव के लोगों की 1857 की आजादी की लड़ाई में दी गई कुर्बानियों को याद करते हुए एक रागनी। क्या बताया भला:- ठारा सौ सत्तावन मैं आजादी की पहली जंग लड़ी।। खिड़वाली की पलटन नै तोड़ी कई मजबूत कड़ी।। 1 मानस खिड़वाली के भिड़गे अंग्रेजां के साहमी जाकै दो फिरंगी तहसील मैं मारे मेम पड़ी तिवाला खाकै भीतरला जमा भरया पड़या बाट देखैं थे एड्डी ठाकै पाछले जुलमां का सारा हिसाब फेर धरा लिया आकै फिरंगी से लड़ने की पूरी गुप्त योजना सही घड़ी।। खिड़वाली की पलटन नै तोड़ी कई मजबूत कड़ी।। 2 बही शेख और लालू बाल्मिकी जमकै लड़ी लड़ाई थी तिरखा बाल्मिकी मोहमा शेख हिम्मत खूब दिखाई थी जुलफी मोची सुनार रामबक्स आजादी पानी चाही थी बेमा बाल्मिकी इदुर मोची नै ज्यान की बाजी लाई थी मुफ़ी औला पठान लड़या साथ मैं जनता खूब भिड़ी।। खिड़वाली की पलटन नै तोड़ी कई मजबूत कड़ी।। 3 मोहर नीलगर खिड़वाली का ना मुड़कै कदे लखाया सायर बाल्मिकी लड़ाकू नै फिरंगी तैं सबक सिखाया सुनाकी बाल्मिकी साथ लड़या वो कदे नहीं घबराया बीर मर्द जितने सबनै धुर ताहिं का साथ निभाया फिरंगी राज के कफ़न मैं इस जंग नै कील जड़ी।। खिड़वाली की पलटन नै तोड़ी कई मजबूत कड़ी।। 4 खिड़वाली ना रहया एकला साथ गामड़ी आया था एक बै कब्जा रोहतक पै सबनै मिलकै जमाया था फिरंगी भाज लिया था नहीं कोय रास्ता पाया था बहादुरशाह जफ़र को राजा सबनै ही अपनाया था रणबीर बरोने आला बतावै जंग की ये बात बड़ी।। खिड़वाली की पलटन नै तोड़ी कई मजबूत कड़ी।। 353*********** भारत की बुनावट ऊपर आज खतरा कसूत बताया ।। अस्तित्व की बुनियाद म्हारी आज इसको कति हिलाया ।। 1 आजादी के बाद का सबतैं चुनौतीपूर्ण यो बख्त बतावैं अगले कुछ महीने तय करेंगे शासक किस दिशा में जावैं एक कान्ही जन प्रतिरोध दूजे कान्ही फासीवाद काछाया।। अस्तित्व की बुनियाद म्हारी आज इसको कति हिलाया ।। 2 कारपोरेट और हिंदुत्व की म्हारा देश जकड़ मैं आया दोनों का ब्लड ग्रुप एक डीएनए भी पकड़ में पाया मुनाफा और मुनाफा चाहिए छप्पर पाड़ मुनाफाकमाया।। अस्तित्व की बुनियाद म्हारी आज इसको कति हिलाया ।। 3 हिंदुत्व का मकसद कहते या लूट आसान बनाना सै लया नागरिक संशोधन कानून जनता पै जुल्म कमाना सै दो तरफा मुनाफे का शास्त्र अंबानी का लागू कराया ।। अस्तित्व की बुनियाद म्हारी आज इसको कति हिलाया ।। 4 जात धर्म पर बांट हमनै आज आपस में लड़वावैं ये दंगे करवाकै दिल्ली मैं जनता के सिर फुड़वावैं ये कहै रणबीर लेल्यो संभाला हाँगा लाकै छंद बनाया।। अस्तित्व की बुनियाद म्हारी आज इसको कति हिलाया ।। 354****************** मीठी मीठी बात करैं ये पर भीतर तैं काले।। देशद्रोही देश भक्त घणी झूठ फैंकण आले।। 1 बण जोंक खून चूसैं वे साहूकार बणे हाँडें सैं हम भूखे फिरैं घूमते वे ताबेदार बणे हांडें सैं लेरे सैं महल अटारी वे थानेदार बणे हांडें सैं काल के जो दुराचारी वे दिलदार बणे हांडें सैं अफवाह फैला देश मैं कर दिए मोटे चाले।। देश द्रोही देश भक्त घणी झूठ फैंकण आले।। 2 बढा कै नै महंगाई खागे लोगां नै लूट लूट कै भ्रष्टाचार भरया नशां मैं इनकी कूट कूट कै बिन रिश्वत काम ना होवैं रोल्यो फुट फुट कै अंधविश्वास खावैं देखो साइंस नै चूट चूट कै वाजीरां के बनें अफसर भतीजे और साले।। देश द्रोही देश भक्त घणी झूठ फैंकण आले ।। 3 जोंक भेड़िये जो पहले मगरमच्छ देवें दिखाई ठोक ठोक भरैं तिजूरी कर अन्धधुन्ध कमाई जनता की नहीं होती आज देश मैं कितै सुनाई आठों पहर डर रहवै कदे आज्याँ पापी कसाई कदे बीफ के शक पै कत्ल कर पाड़ दें चाले।। देश द्रोही देश भक्त घणी झूठ फैंकण आले।। 4 काले नाग बने जहरी ये कारपोरेट के व्यापारी चीनी गैस तेल नाज ये कठ्ठी कर लेते सारी नागां का के भरोसे कद आज्याँ बाहर पिटारी सारा देश डर मैं जीवै ना पै यो हमला जारी रहिए संभल कै नै सुण रणबीर बरोने वाले।। देश द्रोही देश भक्त घणी झूठ फैंकण आले।। 355************* प्रतिगामी ताकतां नै देखो किसा उधम मचाया रै।। यो सारा सरकारी ढांचा प्राइवेट की भेंट चढ़ाया रै।। 1 शिक्षा स्वास्थ्य के सरकारी ढांचे पहले तो खराब करै खराबी के दोष जान कै डॉक्टर टीचर पै ल्याण धरै कितै ढांचे का टोटा होरया कितै कम स्टाफ दुखी फिरै सच कहता हुया मानस यो सरकार तैं आज घणा डरै बिठा दिया सरकारी ढांचा प्राइवेट का धर्राटा ठाया रै।। यो सारा सरकारी ढांचा प्राइवेट की भेंट चढ़ाया रै।। 2 यो ढांचा पड़ेगा बचाना गरीब की जिब पार जावैगी एक बात स्टाफ समझले जनता की मदद चाहवैगी नहीं बचे स्कूल अस्पताल तो जनता खूबै धक्के खावैगी महंगी शिक्षा और इलाज का बोझ किस तरियां ठावैगी भक्षक बनकै रक्षक छागे अंधविश्वास खूब फैलाया रै।। यो सारा सरकारी ढांचा प्राइवेट की भेंट चढ़ाया रै।। 3 पढ़ लिख कै बालक म्हारे कदे बेरा पाड़लें लुटेरयां का उलझाल्यो जात धर्म पै जितना तबका सै कमेरयां का कमेरे समझे कोण्या इब लग जाल घल्या बघेरयां का कावड़ कदे कुम्भ का मेला ध्यान बांट दिया चितेरयां का शिक्षा स्वास्थ्य के ढांचे का जानबूझ भट्ठा बिठाया रै।। यो सारा सरकारी ढांचा प्राइवेट की भेंट चढ़ाया रै।। 4 रोडवेज का हाल देखल्यो जमा धरती कै मार रहे प्राइवेट बस चलाकै नै ये जनता का पीसा डकार रहे जनता सड़कों पै आ बैठी ये मुकदमे कर तयार रहे जनता को कोये ख्याल नहीं कर्मचारी नै दुत्कार रहे रणबीर सिंह सरकारी ढांचा सोचो कैसे जा बचाया रै।। यो सारा सरकारी ढांचा प्राइवेट की भेंट चढ़ाया रै।। 356************* असली नकली असली नकली बणा दिए नकली असली बणे बैठे हिंदुस्तान नै तोड़ण खातर,हर डाल उल्लू तणे बैठे 1 कोये तो चमकते बालां की आज बात करता घूमै देखो कोये पहर चमकता लिबास जित चाहवै झूमै देखो जातयाँ कै ऊपर बिन बात क्यों कई आपस मैं ठणे बैठे। 2 कोहराम धर्म पै दुनिया मैं कट्टरवादियों नै मचाया मंदिर मस्जिद के झगड़ों में बस्तियों को गया जलाया इंसानी बस्तियां उजाड़ दी ठेकेदार धर्मों के चुनें बैठे। 3 खालिस्तान की बात कितै कितै हिन्दू राष्ट्र की चर्चा रै मारकाट मचा राखी देखो करैं जारी फरमान का पर्चा रै पूरी दुनियां बारे ना सोचें दोष एकदूजे के गिनें बैठे । 4 मुनाफे के तरीकों पै चर्चा पूरी दुनिया मैं करते रै निजीकरण उदारीकरण का पाणी सारे देश भरते रै गरीबों के हक़ सारे कै रणबीर अमीर छिणें बैठे। 357********** सब साथी सुणल्योेे ललकार, होल्यो मिलकै नै तैयार आज या मन मैं ठानी सै।। भाजपा नै किया कसूता वार, इनै मजदूर दिया जमा मार पूंजीपति सै यो बैरी म्हारा, नाश करया से इसनै भारया ईंकी काट बिछानी सै।। बोनस म्हारा खत्म करै देखो, या अपणे घरां नै भरै देखो हम इननै सां खूब भकाये, आपस के मैं हम लड़वाये ईब राड़ मिटानी सै।। कर दिया सत्यानाश देश का, बेरा पटग्या अब क्लेश का घणी बीमारी देश मैं छाई, भाजपा करैगी और तबाही ईब या बात सुनानी सै।। दो किल्ले आला जमा मरग्या, मजदूर कै टोटा घर करग्या बिना लाल झण्डे के भाई, कोन्या होवै रणबीर भलाई आज जनता हुई स्यानी सै | 358************ नया हिंदुस्तान लालच लूट खसोट बचै नहीं नया हिंदुस्तान बसावांगे।। धर्म का जहर खेल रचै नहीं हम इसा इन्सान बनावांगे।। 1 नई तरां का इन्सान उभरै नई तरां के महारे समाज मैं नई बात और बोल नए कहे जाँ नये सुर और साज मैं बीमारी कम होज्यावैं विज्ञान नै लोक हित मैं लावांगे।। धर्म का जहर खेल रचै नहीं हम इसा इन्सान बनावांगे।। 2 दोगली शिक्षा का खात्मा हो ज्ञान पिटारा इन्सान होज्या नाड़ काट मुकाबला ना रहै एक दूजे का सम्मान होज्या नशा खोरी नहीं टोही पावै इसका नामों निशान मिटावांगे।। धर्म का जहर खेल रचै नहीं हम इसा इन्सान बनावांगे।। 3 मुनाफा मंजिल नहीं रहै ना चारों तरफ घमासान मचै लाठी की भैंस नहीं रहै ना हथियारों का सम्मान बचै प्रदूषण पै रोक लगा धरती शमशान होण तैं बचावांगे।। धर्म का जहर खेल रचै नहीं हम इसा इन्सान बनावांगे।। 4 महिला नै इंसान समझें रीत खत्म हों दोयम दर्जे की नौजवानों नै मिलै सही रास्ता ना मार बचै इस कर्जे की जात पात खत्म हो इसका सारे कै हम बिगुल बजावांगे।। धर्म का जहर खेल रचै नहीं हम इसा इन्सान बनावांगे 359************ जाइये मनै बताकै घसे कसूते दुःखी होरे सां देख मुरारी आकै। अपणे हाथां क्यूं ना गेरता कुएं के मां ठाकै।। 1. देश दम म्हारे पै फल्या यो अमीर घर दीवा बल्या यो म्हारा सब किमै छल्या यो घिटी मैं गूंठा लाकै।। 2. तेरा चेला दुखड़ा मेहनत कर भूखा सोवै सै तनै सारे कै टोहवै सै सोग्या अमीरां कै जाकै।। 3. तनै गरीब क्यों नहीं भाता क्यों ना म्हारी तरफ लखाता तूं कद खोलै म्हारा खाता जाइये मनै बताकै।। 4. बचया छिदा इन्सान आड़ै सब देखै भगवान आडै़ घर होगे शमशान आड़ै रणबीर कथा सुणाई गाकै।। 360****************** जात बिना बात के रासे मैं इब बख्त गंवाना ठीक नहीं।। अपने संकट काटण नै यो जात का बाणा ठीक नहीं।। 1 बेरोजगारी गरीबी महंगाई हर दिन बढ़ती जावै सै जो बी मेहनत करने आला दूना तंग होंता आवै सै जब हक मांगै कट्ठा होकै तान बन्दूक दिखावै सै कितै भाई कितै छोरा उसकी बहका मैं आ ज्यावै सै खुद के स्वार्थ मैं देश कै बट्टा लगाणा ठीक नहीं ।। अपने संकट काटण नै यो जात का बाणा ठीक नहीं।। 2 म्हारी एकता तोड़ण खातिर बीज फूट का बोवैं सैं मैं पंजाबी तूँ बंगाली ज्यान इलाके ऊपर खोवैं सैं मैं जाट तूँ हरिजन सै नश्तर कसूता चुभोवैं सैं आपस कै म्हां करा लड़ाई नींद चैन की सोवैं सैं इनके बहकावे मैं आपस मैं भिड़ जाणा ठीक नहीं।। अपने संकट काटण नै यो जात का बाणा ठीक नहीं।। 3 म्हारी समझ नै भाइयो दुश्मन ओछी राखणा चाहवै म्हारे सारे दुखां का दोषी हमनै ए आज यो ठहरावै कहै खलकत घणी बाधू होगी इसनै इब कौन खवावै झूठी बातां के ले साहरा वो उल्टा हमनै ए धमकावै इन चीजों के बहकावे मैं म्हारा आ जाणा ठीक नहीं ।। अपने संकट काटण नै यो जात का बाणा ठीक नहीं।। 4 हमनै दूर रहण की शिक्षा दे राजनीति तैं राज करै वर्ग संघर्ष की राही बिना इब कोण्या काज सरै कट्ठे होकै देदयाँ घेरा दुश्मन भाजम भाज मरै झूठे वायदयाँ गेल्याँ म्हारा क्यूकर पेटा आज भरै आपस मैं मरैं यारे प्यारे ईसा तीर चलाना ठीक नहीं ।। अपने संकट काटण नै यो जात का बाणा ठीक नहीं।। 361************ सर्व कर्मचारी संघ कितना ए दमन करल्यो इब कर्मचारी ना डरने का ।। कितने सब्ज बाग दिखाल्यो थारी चाटुकारी ना करने का।। 1 दमन करया तो सुनल्यो सड़कों पर फिर जंग होगा एक तरफ पुलिस थारी साहमी कर्मचारी संघ होगा लाल चौगिरदें रंग होगा थारी ताबेदारी ना करने का।। कितने सब्ज बाग दिखाल्यो थारी चाटुकारी ना करने का।। 2 सस्पैंड करकै लालच देकै पर थारी नहीं जाणे की बख्त सै लेल्यो सम्भाला समों फेर नहीं सै आने की सोचो वायदा पुगाणे की जहाज अत्याचारी ना तिरने का ।। कितने सब्ज बाग दिखाल्यो थारी चाटुकारी ना करने का।। 3 झूठे साच्चे बाहने लाकै क्यों कर टाल मटोल रहे रै पहले आल्यां कै दां मारे अपनी कड़ नै रोल रहे रै क्यों ताकत तोल रहे रै थारी पहरेदारी ना करने का।। कितने सब्ज बाग दिखाल्यो थारी चाटुकारी ना करने का।। 4 दो सौ चालीस दिन आले रेगुलर क्यों ना करे दखे पुरानी पेंशन देनी ओटी ऑर्डर क्यों ना करे दखे काम क्यों करे दखे रणबीर इंतजारी ना करने का।। कितने सब्ज बाग दिखाल्यो थारी चाटुकारी ना करने का।। 362************ झूठे वायदे सारे आकै न्यों कहवैं हम गरीबां की नैया पार लगावां। एक बै वोट गेर दयो म्हारी धरती पै सुरग नै ल्यावां।। 1 वोट मांगते फिरैं इसे जणु फिरैं सगाई आले रै जीते पाछे ये जीजा और हमसैं इनके साले रै पांच साल बाट दिखावैं एडी ठा ठा इन कान्हीं लखावां।। एक बै वोट गेर दयो म्हारी धरती पै सुरग नै ल्यावां।। 2 नाली तै सोडा पीवण आले के समझैं औख करणिया नै कार मैं चढ़कै ये के समझैं फेर नंगे पांव धरणियां नै देसी-विदेसी अमीर लूटैं इनके हुकम रोज बजावां।। एक बै वोट गेर दयो म्हारी धरती पै सुरग नै ल्यावां।। 3 गरमी मैं भी जराब पहरैं के जाणैं दरद बुआई का गन्डे पोरी नै भी तरसां इसा बोदें बीज खटाई का जो लुटते खुले बाजार मैं उनका कौणसा देश गिणावां।। एक बै वोट गेर दयो म्हारी धरती पै सुरग नै ल्यावां।। 4 फरक हरिजन और किसान मैं कौण गिरावै ये लीडर ब्राह्मण नै ब्राह्मण कै जाणा कौण सिखावैं ये लीडर गरीब और अमीर की लड़ाई रणबीर दुनिया मैं बतावां।। एक बै वोट गेर दयो म्हारी धरती पै सुरग नै ल्यावां।। 363************** हिन्द की नीति हुई तरक्की बहोत मारगी या गड़बड़ बंटवारे की । सदा कमेरा वर्ग दबाया नीति हिन्द म्हारे की। 1 सबको मिलै पढ़ाई छह अरब डॉलर का खर्च बताया अमरीका में श्रंगार ताहिं आठ अरब डॉलर जावै खिंडाया पाणी और सफाई का खर्चा नौ अरब डॉलर आज दिखाया ग्यारा अरब डॉलर यूरोप मैं आईस क्रीम पर ख़र्चा आया चार सौ अरब डॉलर का नशा करावैं होज्या शक्ल छुहारे की। हुई तरक्की बहोत मारगी या गड़बड़ बंटवारे की । 2 सबकी सेहत की खात्तर तेरा अरब डॉलर कुल चाहवै सै अमीर रुक्के मारै पीस्से कोण्या म्हारा सेहत बजट घटावै सै अमरीका यूरोप के कुत्ते बिल्ली स्तरां अरब डॉलर खावै सै जापान में देखो मनोरंजन पै पैंतीस अरब डॉलर बहावै सै झुट्ठी कोण्या साच्ची सै तस्बीर इस विकास प्यारे की। हुई तरक्की बहोत मारगी या गड़बड़ बंटवारे की । 3 झुट्ठी कोण्या सारा आंकड़ा मानव विकास रिपोर्ट मैं बताया तीसरी दुनिया चूस बगादी ईबी जी सेवन दुनिया मैं छाया विश्व बैंक और डब्ल्यू टी नै अमीरों का साथ निभाया मुद्रा कोष नै डांडी मारकै म्हारे नाश का बीड़ा ठाया नौकरी खत्म करण लागरे कविता और मुख्तयारे की। हुई तरक्की बहोत मारगी या गड़बड़ बंटवारे की । 4 नशे की दवाई और दारू बेचैं दूसरा धन्धा हथियारों का तीसरा धंधा इत्र फुलेल का इन अमरीकी साहूकारों का विकास नहीं विनाश पै टिकया जीवन इन थानेदारों का बंटवारा ठीक हो दुनिया मैं ना करता मन ठेकेदारों का अमीर गरीब की खाई मैं जी घुटया रणबीर बिचारे की। हुई तरक्की बहोत मारगी या गड़बड़ बंटवारे की । 364************** रामजी सबकी कथा सुनै रामजी मेरी बीती तूँ सुणले ।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले ।। 1 दिन रात कमाऊं हाड तोड़कै क्यों दुखड़ा काल करै या गर्मी शर्दी घाम खेत मैं खड़्या नया बबाल करै नहीं इब तलक तनै बिचारया मारण का मत हाल करै इब खोल बतादे सारी किस तरियां मनै कंगाल करै सवा पांच का प्रसाद चढ़ाऊँ मेरी भी तूँ सुधले ।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले ।। 2 मेहरबानी दूजी तरफ तेरी लोग खूब मौज उड़ावैं कमाई में करण लागरया लूट वे जालिम ले ज्यावैं मेरे पै काम तीस का करवाकै देकै आठ बहकावैं पूंजी बनाकै मेहनत मेरी मनै डाकू चोर ठहरावैं तूँ हिम्मात करै झूठ की बजा उसकी धुनले।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले ।। 3 सस्ता लेकै महंगा देवैं नीति इसी चाल रहे सैं देदे कै करज दाब लिया बिछा मेरे पै जाल रहे सैं सारी धरती गहनै धरली बिकवा घर का माल रहे सैं बतावैं इसमैं तेरी महिमा सब तरियां कर काल रहे सैं भरोसे की इमारत ढह ली इसनै हट कै नै चिणले।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले।। 4 कहैं तेरे हुक्म बिना तो एक पत्ता तक ना हिलता सारी चीज तों बनावै मेरा हिस्सा क्यों ना मिलता न्याकारी किसा सै तूँ मेरे बगीचे फूल ना खिलता खुद मनै बतादे क्यों बेइमानां का राज ना गिरता जड़ दीख ली तेरी रामजी किसाए जाल तूँ बुणले।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले।। 365**************** दास्तान जीणा होग्या भारी बेबे, तबीयत होज्या खारी बेबे। नहीं सुनाई म्हारी बेबे, फेर बी जीवण की आस मनै। 1. ठीक ढालां जीणा चाहया, रिवाज पुराणा आड्डै आया कमाया मनै जमा डटकै, मेरा बोलना घणा खटकै दुख मैं कोण पास फटकै, यो पूरा सै अहसास मनै।। 2. मुंह मैं घालण नै होरे ये,चाहे बूढ़े होंवैं चाहे छोरे डोरे डालैं शाम सबेरी, ,कहवैं मनै गुस्सैल बछेरी मेरी कई बर राही घेरी, गैल बतावैं ये बदमास मनै।। 3. सम्भल-सम्भल कदम धरूं, सही बात पै जमा मरूं करूं संघर्ष मिल जुल कै, हंसू बोलूं सबतै खुलकै नहीं जीउं घुल-घुल कै, या बात समझली खास मनै।। 4. चरित्रहीन का इल्जाम लग्या, मेरा भीतरला और जग्या सग्या लूटै इज्जत म्हारी, ओहे बणज्या समाज सुधारी कहता फिरै मनै कलिहारी, रणबीर का विश्वास मनै।। 366************* कमला का सपना टूट गया डॉक्टर बनूं पढ़ लिख कै यो मन का सपना मेरा। मरीजां का इलाज करूंगी हो घर का दूर अन्धेरा।। 1. मां बाबू अनपढ़ म्हारे घणे लाड प्यार तैं पढ़ाई खेती मैं नहीं पूरा पाटै उल्टी सीधी ना कोए कमाई धरती गहणे धरकै पढ़े दो बाहण और एक भाई मेहनत कर आगै बढ़िये मेरे तैं या सीख सिखाई दो भैंस बांध दूध बेचैं करजे का बढ़ता आवै घेरा।। मरीजां का इलाज करूंगी हो घर का दूर अन्धेरा।। 2. भाई नै एम ए करकै बी नहीं कितै नौकरी थ्याई गाम मैं किरयाणे की फेर उसकी दुकान खुलाई बड्डी बाहण बीएड कर बैठी या घर मैं बिन ब्याही मेरी पी एम टी टैस्ट मैं सत्तरहवीं पोजीसन आई काउंसलिंग खातर गई उड़ै दिया दिखाई झेरा।। मरीजां का इलाज करूंगी हो घर का दूर अन्धेरा।। 3. ठारा हजार म्हिने की पहले साल की फीस बताई पसीना आया गात मेरे मैं धरती घूमती नजर आई मेरै आंख्यां मैं आंसूं आगे फेर मां की तरफ लखाई हाल क्यूकर ब्यां करूं मैं ना कलम मैं ताकत पाई अपने दलाल बिठारया दीखै यो उडै़ वर्ग लुटेरा।। मरीजां का इलाज करूंगी हो घर का दूर अन्धेरा।। 4. फीस देण की आसंग कोण्या मन मारकै आगी फेर गाम मैं यकीन करैं ना बोले माच्या किसा अन्धेर इस सरकार मैं बैठे जितने ना कटावैं गरीबां की मेर बेरा ना या कद होवैगी हम गरीब लोगां की सबेर रणबीर न्यों बूझै ये बालक क्यूकर पढ़ावै कमेरा।। मरीजां का इलाज करूंगी हो घर का दूर अन्धेरा।। 367********* पंजाब में खालिस्तान का दौर और फिर सिखों के खिलाफ साम्प्रदायिक दंगे। उसी दौर की लिखी एक रागनी :-- बुरा हाल देख देश का आज मेरा जिगरा रोया।। चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।। 1 मेल मिलाप खत्म हुया पकड़या राह तबाही का सिख हिन्दू का गल काटै हिन्दू सिख भाई का मारकाट बिना बात की यो सै काम बुराई का पर फिकर सै किसनै देखै खेल जो अन्याई का माता खड़ी बिलख रही जिगर का टुकड़ा खोया।। चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।। 2 पंजाब मैं लीलो लुटगी चमन दिल्ली मैं रोवै सै धनपत तूँ कड़ै डिगरग्या चमन गली गली टोह्वै सै यो सारा चमन उजड़ चल्या तेरा साज कित सोवै सै ना मन की बुझनिया कोय लीलो बैठ एकली रोवै सै कित तैं ल्याऊं लख्मीचंद जिसनै सही छंद पिरोया।। चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।। 3 चौड़े कालर फुट लिया यो भांडा इस कुकर्म का धर्म पै हो लिए नँगे ना रहया काम शर्म का लाजमी हो तोड़ खुलासा इस छिपे हुए भ्रम का घड़ा भर लिया पाप का यो खुलग्या भेद मरम का देखी रोंवती हीर मनै जन सीने मैं तीर चुभोया।। चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।। 4 इसे कसूते कर्म देखकै सूख गात का चाम लिया प्रीत लड़ी बिखर गई अमृता नै सिर थाम लिया शशि पन्नू की धरती पै कमा कसूता नाम लिया भगत सिंह का देश भाई हो बहोत बदनाम लिया असली के सै नकली के सै यो सच गया पूरा धोया ।। चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।। 5 फिरकापरस्ती दिखै सै इन सब धर्मां की जड़ मैं लुटेरा राज चलावै सै बांट कै धर्मां की लड़ मैं जितनी ऊपर तैं धौली दीखै कॉलस उतनी धड़ मैं जड़ दीखें गहरी हों जितनी गहरी हों बड़ मैं या धर्म फीम इसी खाई दुनिया नै आप्पा खोया।। चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।। 6 सिर ठाकै जीणा हो तै धर्म राजनीति तैं न्यारा हो फेर मेहनत करणीया का आपस मैं भाईचारा हो फेर नहीं कदे देश मैं लीलो चमन का बंटवारा हो कमेरयां की बनै एकता ना चालै किसे का चारा हो रणबीर बी देख नजारा ठाडू बूक मार कै रोया।। चारों तरफ मची तबाही खड़्या हाथ कालजा होया।। 368************ तीज मनाया करते पींघ घालकै खूब झूलते हम नयों तीज मनाया करते।। छोरी बहू सब कठठी होकै शिवाले उप्पर जाया करते।। 1 पहरकै सूट रंग बिरंगे सब झूलन जाया करती हे मिलकै साम्मन के गीत हम बहोतै गाया करती हे देवर जयेठ भी इधर उधर डोलते नजर आया करते।। छोरी बहू सब कठठी होकै शिवाले उप्पर जाया करते।। 2 दो दो पटड़ी पै खडी होकै खूब ए पींघ बधान्ती बेबे उप्पर जा सिर घूम जांता जिब ताले नै लखान्ती बेबे देवर जयेठ देख नज़ारे बहोतै मजाक उड़ाया करते।। छोरी बहू सब कठठी होकै शिवाले उप्पर जाया करते।। 3 दो च्यार घंटे सुख की साँस थोड़ी देर लिया करती एक दूजी के साहमी दिल अपना खोल दिया करती मस्त साम्मन का मौसम खीर हलवा बनाया करते।। छोरी बहू सब कठठी होकै शिवाले उप्पर जाया करते।। 4 बेरा ना कित गयी वे तीज कर याद दिल भर आवै बाजार की भेंट चढ़े त्यौहार म्हारी ना पर बासावै रणबीर सिंह मेहर सिंह बरगे न्यारे छंद बनाया करते।। छोरी बहू सब कठठी होकै शिवाले उप्पर जाया करते।। 369************** ठण्डी बाल तन ढक्कन नै चादर ना घणी ठण्डी बाल चलै। एक कून मैं पड़ रहना धरां सिर कै हाथ तलै।। 1. फुटपाथ सै रैन बसेरा घणे सुन्दर मकान थारे दो बख्त की रोटी मुश्किल रोज बनैं पकवान थारे दीखे इरादे बेइमान थारे सत्ते का जी बहोत जलै।। 2. होटल मैं बरतन मांजैं करैं छोटी मोटी मजूरी थारे घरां की करैं सफाई घर अपने मैं गन्द पूरी कद समझी या मजबूरी जाड़ी बाजैं ज्यों शाम ढलै।। 3. थारे ठाठ-बाट देख निराले हूक उठे दिल म्हारे मैं पुल कै नीचै लेटे देखां लैट चसै उड़ै चौबारे मैं गरम कमरे थारे मैं यो साहब मेम का प्यार पलै।। 4. म्हारी एक नहीं सुनै राम थारे महलां बास करै इसे राम नै के हम चाटां पूरी ना कोए आस करै रणबीर सब अहसास करै दिल मैं आग बलै।। 370************* मेरे आदर्शों का हरियाणा कुछ इस प्रकार का होगा------ किसा हरियाणा हो म्हारा इतना तो जाण लयाँ।। शराब टोही कोण्या पावै इतना तो ठाण लयाँ ।। 1 समानता होगी हरियाणे मैं उंच नीच रहै नहीं न्या मिलैगा सबनै भाई अन्या कोये सहै नहीं ओछी कोये कहै नहीं बढ़ा इतना ज्ञाण लयाँ।। शराब टोही कोण्या पावै इतना तो ठाण लयाँ ।। 2 अच्छाई का साथ देवां चाहे देणी होज्या ज्यान बुराई का विरोध करां चाहे तो लेले कोये प्राण बचावां हम अपना सम्मान खोल या जुबाण लयाँ।। शराब टोही कोण्या पावै इतना तो ठाण लयाँ ।। 3 सादगी शांति का आड़ै हरियाणे मैं प्रचार होगा माणस नहीं लूट मचावैं सुखी फेर घरबार होगा सही माणस हकदार होगा यो कहना माण लयाँ ।। शराब टोही कोण्या पावै इतना तो ठाण लयाँ ।। 4 जनता नै हक मिलज्याँ चारोँ कान्ही भाईचारा हो हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई ना कितै अँधियारा हो हरियाणा सबतैं न्यारा हो रणबीर नै पिछाण लयाँ।। शराब टोही कोण्या पावै इतना तो ठाण लयाँ ।। 371************* नौंजवानों का हाल सुनाऊं,साच्ची बात ना झूठ भकाऊं, बिना नौकरी दुखी दिखाऊं , के होगा इस हरियाणे का।। बेरोजगारी बढ़ती जावै सै, शिक्षा महंगी होंती आवै सै, युवक युवती हाँडै खाली, खत्म हुई चेहरे की लाली, नशे नै कसूती घेरी घाली, के होगा इस हरियाणे का।। छोटा मोटा ठेके का काम यो, ठेकेदार खींचै म्हारा चामयो, तनखा मिलती घणी थोड़ी, मालिक बणे हाँडै करोड़ी, काम नै म्हारी कड़ तोड़ी,के होगा इस हरियाणे का । बेरोजी नै युवा रूआया रै, संकट सिर ऊपर छाया रै नशे का पैकेज ल्याये देखो , युवा इसमें फँसाये देखो, अंधविश्वासी बनाये देखो, के होगा इस हरियाणे का। मजबूत संगठन बनाना होसंघर्ष मिलकै चलाना हो सोचां युवा युवती सारे रै, कैसे क्लेश मिटेंगे महारे रै, छोड़ जात पात के नारे रै , फेर कुछ होगा हरियाणे का 372********** जुल्मी घूँघट देवर भाभी की बहस देवर- के होग्या दो दिन मैं क्यों घणा उप्पर नै मुह ठाया तनै।। भाभी-दुनिया मैं एक इन्सान मैं भी ढंग तैं जीवणा चाहया मनै।। देवर बता भाभी गाम की इज्जत यो घूंघट नहीं सुहावै क्यों रिवाज नीची नजर तैं जीने का आंख तैं आंख मिलावै क्यों उघाड़े सिर चालै गाम मैं सरेआम म्हारी नाक कटावै क्यों सीटी मारैं कुबध करैं हाथ भिरड़ां के छते तों लगावै क्यों बहू सजै ना घूंघट के बिना बिन बूझें तार बगाया तनै।। भाभी रिवाजां की घाल कै बेड़ी क्यों बिठा करड़ा डर राख्या दुभान्त जिन रिवाजां मैं उनका भरोटा सिर पै धर राख्या घूंघट का रिवाज घणा बैरी ईनै पंख म्हारा कुतर राख्या कान आंख नाक मुह बांधे ज्ञान दरवाजा बन्द कर राख्या घूंघट ज्ञान का दुश्मन होसै पढ़ लिख कै बेरा लाया मनै।। देवर क्यूकर ज्ञान का दुश्मन सै तूं किसनै घणी भका राखी सै तेरै अपनी बुद्धि सै कोन्या चाबी और किसे नै ला राखी सै घंूघट तार कै पूरे गाम मैं ईज्जत धूल मैं खिंडा राखी सै सारा गााम थू थू करता घर घर तेरी बात चला राखी सै उल्टे रिवाज चला गाम मैं यो कसूता तूफान मचाया तनै।। भाभी ब्याह तैं पहलम तेरे भाई तैं घूंघट की खोल करी थी कही और सोच समझल्यां उनै ब्याह की तोल करी थी मनै सारी बात साफ बताई इनै ल्हको कै रोल करी थी रणबीर सिंह गवाह म्हारा मनै कति नहीं मखौल करी थी साची साच बताई सारी देवर कति ना झूठ भकाया मनै।। 373*************** जुल्मो सितम नहीं सहेंगी महिला अब हरियाणे की आगे आकर बात कहेंगी महिला अब हरियाणे की 1 उर्मिल का बनवास आज क्यों किसी को याद नहीं चौदाह साल रही तड़पती हुई कहीं फरियाद नहीं घुट घुट कर नहीं रहेंगी महिला अब हरियाणे की आगे बढ़कर बात कहेंगी महिला अब हरियाणे की 2 खेतों में खलिहानों में दिन रात कमाई करती हम फिर भी दोयम दरजा क्यों बिन आई मरती हम बैठी बैठी नहीं लहेंगी महिला अब हरियाणे की आगे बढ़कर बात कहेंगी महिला अब हरियाणे की 3 देवी का दरजा देकर इस देवी को किसने लूटा सदियों से गई दबाई समता का ये दावा झूठा देवी बनकर नहीं दहेंगी महिला अब हरियाणे की आगे बढ़कर बात कहेंगी महिला अब हरियाणे की 4 आगे बढ़े ये कदम हमारे नहीं पीछे हटने पाएंगे जो मन में धार लिया करके वही दिखलाएँगे रणबीर बैरी साथ फहेंगी महिला अब हरियाणे की आगे आकर बात कहेंगी महिला अब हरियाणे की 374*************** 2008 की रचना सपना नये भारत का भारतवासी मिलकै सारे हिसाब किताब लगावां रै।। गरीब की मेहनत रंग ल्याई दुनिया नै बतावां रे।। दूूध पैदा करने मैं भारतवासी सबतैं आगै बताये गिहूं मैं दूजे नम्बर भारतवासी अपने दम पै आये चावल पैदावार मैं भारतवासी दूजे नम्बर पै छाये रिमोट सैंसिंग मैं ये भारतवासी सबतैं आगै दिखाये जिननै श्यान बढ़ाई देश की आज उनको आगै ल्यावां रै।। इम्पोरटिड खातर हम देशी चीज नै बुरा बताते रै टीवी कार सब कुछ आज हम बदेशी ही चाहते रै भारत देया हो आत्मनिर्भर इसे कदम नहीं उठाते रै ग्लोबल थिंकिंग लोकल वर्किंग इसे नहीं अपनाते रै गम्भीर होकै इन बातां पर ना दिमाग कदे लड़ावां रै।। संसाधनों मैं यो भारत सबतैं धनी बताया जावै सै मैदानी धरती जाल नदियां का सबतैं फालतू पावै सै पहाड़ पर्वत म्हारे भारत के हिमालय उंचा सिर ठावै सै मेहनतकष जनता देश की चाईना की बरोबर आवै सै इतना सब कुछ म्हारे धौरै क्यूं गरीबी ना हटा पावां रै।। जात धर्म की लड़ाई छोड़कै वर्ग संघर्ष पै आणा हो मेहनतकश मजदूर किसान नै मिलकै कदम ठाणा हो कर्मचारी मघ्यमवर्ग नै इनका पूरा साथ निभाणा हो भगत सिंह हर का सपना यो पूरा करकै दिखाणा हो कहै रणबीर बरोने आला इन्कलाब का नारा लावां रै।। 375********* जय भीम इंक़लाब का नारा यो अपना रंग दिखावै रै।। नव जागरण आंदोलन यो मनुवाद कै साँस चढावै रै।। 1 जात पात और छूआछूत म्हारे समाज तैं मिटानी सै अन्धविश्वास पाखंड की वैज्ञानिक काट बिछानी सै सब धर्मां की कट्टरता आपस मैं हमनै लड़वावै रै।। नव जागरण आंदोलन यो मनुवाद कै साँस चढावै रै।। 2 मारो काटो नफरत करो कौनसे धर्म मैं लिख राख्या झूठ फैला कै जहर भरो कौनसे धर्म मैं लिख राख्या धर्मों का जाल दुनिया मैं पूंजीपतियां का साथ निभावै रै।। नव जागरण आंदोलन यो मनुवाद कै साँस चढावै रै।। 3 नब्बै नै बांटन की खातर जात धर्म हथियार बनाये भारत मैं मनुवाद नै देखो सदियों से वंचित दबाये टिकवा माथा मस्जिद मंदिर मैं धुरतैं भकांता आवै रै।। नव जागरण आंदोलन यो मनुवाद कै साँस चढावै रै।। 4 बेरोजगरी बढा अपना मुनाफा यो खूब बढ़ाता भाई शिक्षा बेची इलाज बेच्या ना म्हारा कोये खाता भाई जिन्दा राख करावै कमाई रणबीर सही बात बतावै रै।। नव जागरण आंदोलन यो मनुवाद कै साँस चढावै रै।। 376************* पढ़ाई लिखाई व्यापार बणादी देश के सरमायेदार नै। या फीस कई गुणा बधा दी मारे म्हंगाई की रफ्रतार नै।। 1. स्कूल बक्से ना बक्से कालेज इस बढ़ती फीस के जाल तैं कश्मीर तै केरल तक बींधे यो मांस तार लिया सै खाल तै चारों कान्ही हाहाकार माचग्या इस आण्डी बाण्डी चाल तैं जमा धरती कै मार दिये के तम वाकफ ना म्हारे हाल तै एक चौथाई साधण जुटाओ कहवैं लूटो जनता लाचार नै।। 2. यूजीसी कटपुतली बणादी उल्टे नियम बणवाये जावैं दो सी बीस फीस थी पहलम तेरां हजार भरवाये जावैं दिल्ली यूनिवर्सिटी मैं सात हजार शुरू मैं धरवाये जावैं बन्धुओ थारी बढ़ी फीस या लेगी खोस कै म्हारी बहार नै।। 3. दो हजार आटोनोमस कालेज पूरे भारत में चलाये सैं नये कोर्स कम्प्यूटर बरगे इनके अन्दर ये खुलवाये सैं इन कोर्सों के रूपये लाखां इन कालजां नै भरवाये सैं गरीब बालक माखी की ढालां काढ़ कै बाहर बगाये सैं युद्ध कान्हीं ध्यान बंटा कै चाहो बढ़ाना इस भ्रष्टाचार नै।। 4. विश्व बैंक के कहने पै बन्धुओ क्यों गोड्डे टेके तमनै उनके फायदे खातर क्यों म्हारे फायदे नहीं देखे तमनै सब्सिडी खत्म गरीबां की बर्बादी पै परोंठे सेके तमनै जनता साथ जान बूझ कै ईब फंसा लिये पेचे तमनै रणबीर सिंह की कलम बचावै देश की पतवार नै।। 277*********** कई ढाल के कोरोना कई ढाल के कोरोना विद्वानों नै दुनिया मैं बताये।। कोविड उन्नीस नया सै कई पुराने और गिनाये।। 1 पूंजीवादी साम्राज्यवाद यो पहला कोरोना बताया नस्ल का और मनुवाद यो दूसरा कोरोना गिनाया शोषण और अन्याय यो तीसरा कोरोना दिखाया असमानता हर ढाल की यो चौथा कोरोना सुनाया अंधविश्वास धर्मान्धता यो पांचवां कोरोना ल्याये।। कोविड उन्नीस नया सै कई पुराने और गिनाये।। 2 पुराना पूंजीवादी कोरोना तीन सौ साल तैं छाया सै जनता निचौड़ कै गेरी दुनिया मैं उधम मचाया सै चार कोरोना चेले सैं संसार पै राज जमाया सै बांट दिया समाज पूरा यो कसूता जाल बिछाया सै मानवता नै बांट कै राखण नै ये कई खाने बनाये।। कोविड उन्नीस नया सै कई पुराने और गिनाये।। 3 धर्मान्धता का यो कोरोना बहोत घणा जहरी देखो अमरीका के नस्लवाद की जड़ बताई गहरी देखो अमरीका की जनता ट्रम्प की गेल्याँ फहरी देखो गेल्याँ मार कोविड उन्नीस की जनता सहरी देखो नस्लवाद के खिलाफ अमरीकी कट्ठे होकै आये।। कोविड उन्नीस नया सै कई पुराने और गिनाये।। 4 भारत मैं कोविड उन्नीस और उधम मचावैगा लेकै बहाना इसका सरकारी डंडा खेल रचावैगा संविधान पै ठाडा हमला इसनै बदल्या चाहवैगा दूजे कान्ही कमेरा भी ज्यान की बाजी लगावैगा रणबीर मुश्किल बख़्त सै सोच कै कलम पिनाये।। कोविड उन्नीस नया सै कई पुराने और गिनाये।। 378********** किसान मजदूर आंदोलन जिंदाबाद गरीब और गरीब होग्या इसा तरीका महारे विकास का अमीर और अमीर होग्या इसा आरा चलाया विनाश का 1 कहते गरीबी दूर करांगे कई नई स्कीम चलाई गई विकेंद्रीकरण कर दिया देखो बात खूब फैलाई गई सल्फास किसान क्यों खावै के कारण उसके सत्यानाश का अमीर और अमीर होग्या इसा आरा चलाया विनाश का 2 नाबरॉबरी और कितनी या भारत मैं बधांते जावांगे भगत सिंह के सपन्यां आल्या समाजवाद कद ल्यावांगे छल कपट छाग्या देश मैं के होगा भ्रीष्टाचारी घास का अमीर और अमीर होग्या इसा आरा चलाया विनाश का 3 माणस अपणा आप्पा भू ल गया पीस्से का आज दास हुया बेईमानी बढ़ती जावै सै बाजार का दबाव आज खास हुया स्कॉच चलै पांच *सितारा मैं ख्याल ना म्हारी प्यास का अमीर और अमीर होग्या इसा आरा चलाया विनाश का 4 प्यार की जगां हवस छागी नँगे होवण की होड़ लगी रै शरीर बेचकै एश करो बाजार मैं या दौड़ लगी रै रणबीर सिंह बरोने आला साथ निभावै सोहनदास का अमीर और अमीर होग्या इसा आरा चलाया विनाश का 379******* त्राहि त्राहि माच रही दुनिया मरै तिसाई देखो पाणी बिना विकास किसा चाले उल्टी राही देखो 1 बीस करोड़ पै साफ पाणी नहीं पीवण की खातर पाणी दूसरी जरूरत सै आड़ै जीवन की खातर बिन पाणी के ताल सूने गामां की रुसवाई देखो 2 दो सौ एमएएफ पाणी हरियाणे मैं गया बताया चार सौ एमएएफ चाहिए ना कदे जिकर चलाया एस वाई एल देगी सतरा मची सै लड़ाई देखो 3 गन्दा पाणी पीकै जनता शिकार हो बीमारी की इलाज ज्यान काढले सै सरतो और भरतारी की बिन साफ पाणी गरीब की होवै सै लुटाई देखो 4 यो एक सौ तिरासी एमएएफ कित तैं आवै म्हारै इसे विकास की आज साच्ची कैह तस्वीर उभारै रणबीर बात बिचारै बिचार कै लोग लुगाई देखो 1999 की रचना 380********* ब्याह मां बाप नै छोड एकली अनजान लोगों बीच मैं आई।। पीहर भूल अपनाइए सासरा मां नै मैं खूब समझाई।। 1 बीस साल के गाढ़े रिश्ते खत्म सब किमैं दो पल के म्हां नया घर खिड़की और दरवाजे भरे लागते छल के म्हां इस सारे दल बल के म्हां नहीं हिम्माती दिया दिखाई।। पीहर भूल अपनाइए सासरा मां नै मैं खूब समझाई।। 2 शरीर मेरे पै चर्चा होई जन चर्चा डांगर की होवै बेबे रूंढी खूंडी काली धोली मेरे कद नै यो कुनबा रोवै बेबे सास न्यारी चाक्की झोवै बेबे कहै बहु ना सुथरी थ्याई।। पीहर भूल अपनाइए सासरा मां नै मैं खूब समझाई।। 3 पांच सात दिन करया दिखावा थे बहोतै लाड लडाये खाट तैं नीचै पां ना टिकावै सारे मदद नै भाजे आये फेर असली रंग दिखाये मैं घणी वारी समझण पाई।। पीहर भूल अपनाइए सासरा मां नै मैं खूब समझाई।। 4 औरत के हक मैं ना जो ससुराल का रिश्ता चलाया इसमैं बदल जरूरी सै रणबीर सौ का तोड़ लगाया छोटा मोटा गीत बनाया या असलियत खोल बताई।। पीहर भूल अपनाइए सासरा मां नै मैं खूब समझाई।। 381******** इसी किताब म्हारे हाथों मैं मात मेरी या इसी किताब दे दे री।। उलझे औड़ सवालां का जो सीधा जवाब दे दे री। 1 इसी मिशाल दुनिया मैं कदे किसे नै पाई हो राम के घर मैं आग कदे खुद खुदा नै लाई हो रामराज का नाम लेकै क्यों राज करै अन्याई हो धर्म के नाम पै बस्ती क्यों गुजरात मैं जलाई हो आजाद भगत सिंह सा जो इंकलाब दे दे री।। 2 बोले क्यों बेकूफ़ी करो तमनै के दीखता कोण्या अंग्रेज के राज मैं सूरज कदे भी छिपता कोण्या देख्या हमनै साच्चा माणस कदे बिकता कोण्या नेक कमाई सही राही तैं कदे बी डिगता कोण्या म्हारी कमाई कित जावै सारा हिसाब दे दे री।। 3 अच्छाई पै बुराई आज अपना रोब जमावै क्यों सल्फास गोली मजबूरी मैं यो माणस खावै क्यों महिला भी सुरक्षित कोण्या दोष इसे कै लावै क्यों नौजवान बेरोजगार घूमता सारे देश मैं पावै क्यों बढ़िया दुनिया बणावण का जो ख्वाब दे दे री।। 382********* पिया मेरै या सुस्ती तेरी घणी कसूती रडकै हो कर दिया शरीर खोखला भीतर दारू नै बडकै हो 1 टाट बिछा ताश खेलना इसकी आदत कसूत पड़ी घर के काम जाओ धाड़ कै सुनीता देखें जा बाट खड़ी मेरे ऊपर जमावै तड़ी बिन बात घणा फड़कै हो।। 2 खेत जमा नहीं कमावै सूकी पड़ी रहवै क्यारी या नाला साफ नहीं करता कमी पाणी की भारी या तेरी चिंता खारी या सोच कै कालजा धड़कै हो।। 3 गाम मैं पड़ौसी छोरी उसपै गेरी नजर बुरी सै नंगी तस्वीर खींच उसकी चलाई क्यों छुरी सै न्यों नैया कद पार तिरी सै बुरी संगत मैं पडकै हो।। 4 चुगली करना ठाली घूमना इब तनै यो सीख लिया सांस चढज्यां खांसी आवै रणबीर बंडल दो फूंक दिया मन घणा ढीठ किया बात जावै कानां के जड़कै हो।। 383******** संसार मैं तूँ क्यूँ आया, तनै के खोया के पाया, हिसाब कदे ना लाया, या न्यूएँ उम्र गुजारी।। 1 ना आच्छी किताब पढ़ी अश्लील साहित्य भाग्या टी वी नशा हिंसा का यो माहौल शरीर नै खाग्या बात काबू कोण्या आई, पकड़ी क्यूँ उल्टी राही करी घर की तबाही, या बात ना कदे बिचारी।। 2 ज्ञान सबतैं बड्डा धन दुनिया मैं बताया रै ज्ञान जीवन मैं बता कितना तनै कमाया रै मन होज्या तेरा गन्दा ,यो काले धन का धंधा बणग्या गल का फंदा, इसनै अक्कल फेर दी सारी।। 3 तूँ बचन सुथरे बोलै फेर करता घटिया काम पिछाण कर्मा तैं होवै खाली बचनों के ना दाम यो संयम तनै खोया , बीज ईर्ष्या का बोया, बहोतै गन्द सै ढोया, करनी सीखी चोरी जारी।। 4 समय सार जिंदगी का कैहगे बड़े बड़ेरे न्यों कर बर्बाद समय नै बेहाल हुए भतेरे न्यों दूजे की कमी निगाही , ना देखी दिल की खाई आज साफ दे दिखाई, रणबीर बेशर्मी थारी।। 384********** आजादी देश पै खतरा मंडरावै लडां आजादी बचाने की लड़ाई।। इसकी खातर ज्यान झोंकी हक म्हारा आजादी बताई।। 1 पूरे देश मैं फैल रहया खतरा यो मनुवाद का बताया चलता आवै खतरा देश मैं इबै सामंतवाद का बताया बढ़ता जावै सै शिकंजा आज पूंजीवाद का बताया इन सब तैं बड्डा खतरा गया साम्राज्यवाद का बताया संविधान नै पूरा खतरा आजादी इन खतरों तैं चाही।। इसकी खातर ज्यान झोंकी हक म्हारा आजादी बताई।। 2 एक खतरा और बताया सै यो हिंदुत्ववाद का सुनियो दूजा खतरा और छाया सै तालिबानवाद का सुनियो तीजा खतरा और दिखाया सै यो संघवाद का सुनियो चौथा खतरा समझाया सै यो आतंकवाद का सुनियो इन खतरयां तैं मिलकै या आजादी की आवाज लगाई।। इसकी खातर ज्यान झोंकी हक म्हारा आजादी बताई।। 3 पितृ सत्ता बड़ी बीमारी इसतैं भी आजादी चाहिए सै भ्रूण हत्या उधम मचारी इसतैं भी आजादी चाहिये सै दहेज का उत्पीड़न भारी इसतैं भी आजादी चाहिए सै बेरोजगारी बढ़ती जारी इसतैं भी आजादी चाहिए सै आर्थिक संकट बढ़ता जावै इसकी बात गई छिपाई।। इसकी खातर ज्यान झोंकी हक म्हारा आजादी बताई।। 4 हिदू राष्ट्र तैं आजादी हो यो सबका ही भाई चारा हो इस्लामी राष्ट्र तैं आजादी हो पूरी दुनिया का नारा हो जातपात से आजादी हो चाहवै अम्बेडकर म्हारा हो अभिव्यक्ति की आजादी हो सबनै संविधान प्यारा हो रणबीर बनती जावै सै नबै दस की पालेबन्दी भाई।। इसकी खातर ज्यान झोंकी हक म्हारा आजादी बताई।। 385*********** वास्कोडिगामा वास्कोडिगामा बैठ जहाज मैं म्हारे देस मैं आया रै। मस्साले गजब म्हारे देस के इनपै घणा जी ललचाया रै।। उस बख्त म्हारे देस मैं कच्चे माल की भरमार बताई गामां नै पहला कदम धरया म्हारे देस की श्यामत आई कच्चा माल लाद कै लेज्यां तैयार माल की हाट लगाई कारीगरां के गूंठ काटे मलमत म्हारी की करी तबाही मेहनतकश कारीगर देस का यो घणा गया दबाया रै।। मस्साले गजब म्हारे देस के इनपै घणा जी ललचाया रै।। ईस्ट इंडिया कंपनी आई या देस म्हारे पै छागी फेर कब्जा देस पै करने मैं ना लाई अंग्रेजों नै कति देर सहज सहज यो म्हारा देस अंग्रेजां नै लिया पूरा घेर अपणे चमचे छांट लिये रै उनकी कटाई पूरी मेर फूट डालो और राज करो का यो तीर गजब चलाया रै।। मस्साले गजब म्हारे देस के इनपै घणा जी ललचाया रै।। म्हारे देस के वीरां नै अपणी ज्यान की बाजी लाई रै भगत सिंह फांसी चूम गया देस की श्यान बढ़ाई रै महात्मा गांधी अहिंसा पुजारी छाती मैं गोली खाई रै लक्ष्मी सहगल दुर्गा भाभी लड़ण तै नहीं घबराई रै जनता नै मारया मंडासा अंग्रेज ना भाज्या थ्याया रै।। मस्साले गजब म्हारे देस के इनपै घणा जी ललचाया रै।। हटकै म्हारे देस मैं बिल गेट्स नै कदम धरया सै म्हारे देस नै लूटण खातर इबकै न्यारा भेष भरया सै डब्ल्यू टी ओ विश्व बैंक गैल मुद्रा कोष करया सै तीन गुहा नाग यो काला कदे बिना डंसें सरया सै रणबीर सिंह बरोणे आला सोच कै छन्द बणाया रै।। मस्साले गजब म्हारे देस के इनपै घणा जी ललचाया रै।। 386******** सारे एकसी बात करैं किसकी मानूं बात पिया ॥ वोट लियाँ पाछै कई मारते कसूती लात पिया ॥ 1 म्हारी पढ़ाई उप्पर सब अपने रंग मैं बोलैं म्हारी कैड़ खड़े होकै थोड़े से बात सही तोलैं ये बालक नयों ए घूमैं कोए नहीं पूछै जात पिया ॥ वोट लियाँ पाछै कई मारते कसूती लात पिया ॥ 2 बीमार होज्यां तो इलाज करवाना मुस्किल होवै झाड़ फूंक पूजा पाजा गरीब इलाज उड़ै टोहवै अन्धविसवासी कहै बतावैं म्हारी ऑकात पिया ॥ वोट लियाँ पाछै कई मारते कसूती लात पिया ॥ 3 बिना नौकरी पैर भिड़ावैं काला धन खींच रह्या क्यों खेवनहार आँख इस कांहीं तैं मींच रह्या बेकार मानस नै बरतै खूबै या जात पात पिया॥ वोट लियाँ पाछै कई मारते कसूती लात पिया ॥ 4 अमीर गरीब की खाई खुबै आज बढ़ायी देख राम का रोल्ला नहीं सै नीति इसी ए बनाई देख रणबीर बतावै हमनै कैसे कटै या रात पिया ॥ वोट लियाँ पाछै कई मारते कसूती लात पिया ॥ 387******** मीठी मीठी बात करैं ये पर भीतर तैं काले।। देशद्रोही देश भक्त घणी झूठ फैंकण आले।। 1 बण जोंक खून चूसैं वे साहूकार बणे हाँडें सैं हम भूखे फिरैं घूमते वे ताबेदार बणे हांडें सैं लेरे सैं महल अटारी वे थानेदार बणे हांडें सैं काल के जो दुराचारी वे दिलदार बणे हांडें सैं अफवाह फैला देश मैं कर दिए मोटे चाले।। देश द्रोही देश भक्त घणी झूठ फैंकण आले।। 2 बढा कै नै महंगाई खागे लोगां नै लूट लूट कै भ्रष्टाचार भरया नशां मैं इनकी कूट कूट कै बिन रिश्वत काम ना होवैं रोल्यो फुट फुट कै अंधविश्वास खावैं देखो साइंस नै चूट चूट कै वाजीरां के बनें अफसर भतीजे और साले।। देश द्रोही देश भक्त घणी झूठ फैंकण आले ।। 3 जोंक भेड़िये जो पहले मगरमच्छ देवें दिखाई ठोक ठोक भरैं तिजूरी कर अन्धधुन्ध कमाई जनता की नहीं होती आज देश मैं कितै सुनाई आठों पहर डर रहवै कदे आज्याँ पापी कसाई कदे बीफ के शक पै कत्ल कर पाड़ दें चाले।। देश द्रोही देश भक्त घणी झूठ फैंकण आले।। 4 काले नाग बने जहरी ये कारपोरेट के व्यापारी चीनी गैस तेल नाज ये कठ्ठी कर लेते सारी नागां का के भरोसे कद आज्याँ बाहर पिटारी सारा देश डर मैं जीवै ना पै यो हमला जारी रहिए संभल कै नै सुण रणबीर बरोने वाले।। देश द्रोही देश भक्त घणी झूठ फैंकण आले।। 388********* झूठ के बाट दगा की तराजू या खोली किसी दूकान तनै।। हरदम तेरै रहै पेट कतरनी ना काबू मै करी जुबान तनै।।टेक 1 झुठा तेरा लेखा जोखा या झूठ की भरली बही तनै आड़ै एक दिन मार पडैगी ना पकडी राही सही तनै कुछ भी साथ चलै ना तेरै या पडै खोणी बृथा जान तनै।। हरदम तेरै रहै पेट कतरनी ना काबू मै करी जुबान तनै।। 2 आज काल के झूठे यार ये झूठा कार व्योवहार करते बख्त पडे पै काम ना आँवै लोग दिखावा प्यार करते पाछे तैं चुगली करता फिरता अपनी समझी शान तनै।। हरदम तेरै रहै पेट कतरनी ना काबू मै करी जुबान तनै।। 3 माया का पर्दा छाग्या तनै कुछ देता नहीं दिखाई आपे मै गर्गाप हुया सुकी तोड रहया अंगडाई रिते पल्ले जाणा एक दिन तज्या नही अभिमान तनै।। हरदम तेरै रहै पेट कतरनी ना काबू मै करी जुबान तनै।। 4 चालै तै चल सत कै उपर मतना चालै आँगा बाँगा बरोणे आले तेरी कुण सुणै तूं क्यूं लारया सै हाँगा रणबीर सिहँ तूं मानै कोन्या चांद सिखा दे ज्ञान तनै।। हरदम तेरै रहै पेट कतरनी ना काबू मै करी जुबान तनै 389******** 16 मई के मौके पर हटकै होज्यां धन माया की कई कई खान हमारे भारत मैं।। सभी लोग लुगाई होवैं भाईयो बलवान हमारे भारत मैं।। 1 सभी हों सत्य के पुजारी फेर फलै फूलै हमारा समाज उच्च कोटि के चिकित्सक होज्यां सब रोगों का करैं इलाज शुद्ध हवा और शुद्ध जल मिलज्या गोदामों मैं भरां अनाज झूठ कपट ना टोही पावैं नहीं कोय रैहज़्यागा धोखे बाज शोषण रहित समाज बनावां सम्मान हमारे भारत मैं।। सभी लोग लुगाई होवैं भाईयो बलवान हमारे भारत मैं।। 2 सोने की चिड़िया भारत सै दोबारा कहैगा सारा संसार किसानों के ऊपर नहीं पड़ै इस जुल्मी फांसी की मार आई टी के नूरे नूरी देश मैं ये घणे होवैंगे फेर तैयार काम मिलै हर हाथ नै नहीं रहवैगा कोए भी बेकार फेर दिन दूनी तरक्की करै विज्ञान हमारे भारत मैं।। सभी लोग लुगाई होवैं भाईयो बलवान हमारे भारत मैं।। 3 सब तरियां खुशहाल देश हो ना हो कमी माया जर की किसे चीज का घाटा हो ना बात रहै ना कोय डर की वर्तमान समस्या नहीं रहैं ये रोटी कपड़े और घर की वैज्ञानिकों के प्रति भावना बढ़ै हमेशा या आदर की फेर टोहया नहीं पावैगा मिथ्याज्ञान हमारे भारत मैं।। सभी लोग लुगाई होवैं भाईयो बलवान हमारे भारत मैं।। 4 जनता मैं लहर खुसी की फूल चमन मैं खिलजयांगे बंजर भूमि रहवै कोण्या खेती मैं ट्रैक्टर चलज्यांगे रणबीर पुराने अंधविश्वास समय के साथ बदलज्यांगे दोस्ती करां पड़ौसियों गेल्याँ हाथ मिला आगै बढज्यांगे ढाल ढाल के मिलते आड़े इंसान हमारे भारत में ।। सभी लोग लुगाई होवैं भाईयो बलवान हमारे भारत मैं।। 390*********** Bharat mein korona ka safar पहला केस कोरोना का तीस जनवरी नै पाया।। चैबीस फरवरी ट्रम्प का कार्यक्रम था करवाया।। 1 कोरोना तैं पहली मौत नौ मार्च नै हुई बताई कई एम एलयां की टोली बंगलूर गई बताई नौ मार्च नै बंगलूर के मैं गया पूरा खेल रचाया।। चैबीस फरवरी ट्रम्प का कार्यक्रम था करवाया।। 2 एमपी में बीस मार्च नै कांग्रेस की करी पिटाई खरीद फरोख्त करकै उसकी सरकार गिराई तेईस मार्च नै भाजपा नै अपना गुल खिलाया।। चैबीस फरवरी ट्रम्प का कार्यक्रम था करवाया।। 3 चैबीस मार्च के दिन यो लॉक डाउन लगा दिया जनता का बड़ा हिस्सा बिन तैयारी फंसा दिया समझदार समझैगा जै तारीख हिसाब लगाया ।। चैबीस फरवरी ट्रम्प का कार्यक्रम था करवाया।। 4 लॉक डाउन जनता नै सडकां ऊपर ले आई दुर्गति हुई कितनी उड़ै बयां ना हो सकै भाई रणबीर आंकड़ा आज भी यो बढ़ता दिखाया।। चैबीस फरवरी ट्रम्प का कार्यक्रम था करवाया।। 391********* लेज्यां म्हारे वोट करै बुरी चोट आवै क्यों नींद रुखाळे नै* घेर लिए मकड़ी के जाळे नै ।। जब पाछै सी भैंस खरीदी देखी धार काढ़ कै हो जब पाछै सी बीज ल्याया देख्या खूब हांड कै हो जब पाछै सी हैरो खरीद्या देख्या खूब चांड कै हो जब पाछै सी नारा ल्याया देख्या खूड काढ़ कै हो वोटां पै रोळ पाटै कोन्या तोल लावां मुंह लूटण आळे नै। घेर लिए मकड़ी के जाळे नै ।। घणे दिनां तैं देख रही म्हारी या दूणी बदहाली होगी आई बरियां म्हानै भकाज्यां इबकै खुशहाली होगी क्यों माथे की सैं फूट रही या दूणी कंगाली होगी गुरु जिसे चुनकै भेजां इसी ए गुरु घंटाली होगी छाती कै लावै क्यूं ना दूर भगावै इस बिषयर काळे नै। घेर लिए मकड़ी के जाळे नै ।। ये रंग बदलैं और ढंग बदलैं जब पांच साल मैं आवैं सैं जात गोत की शरम दिखाकै ये वोट मांग कै ले ज्यावैं सैं उनकै धोरे जिब जाणा होज्या कित का कौण बतावैं सैं दारु बांटैं पीस्सा बी खरचैं फेर हमने ए लूटैं खावैं सैं करैं आपा धापी ये छारे पापी थापैं ना किसे साळे नै। घेर लिए मकड़ी के जाळे नै ।। क्यों हांडै सै ठाण बदलता सही ठिकाना मिल्या नहीं बाही मैं लागू और टिकाऊ ऐसा नारा हिल्या नहीं म्हारे तन ढांप सकै जो ऐसा कुड़ता सिल्या नहीं खेतां में नाज उपजावां सां फूल म्हारै खिल्या नहीं साथी रणबीर बनावै सहीतसबीर खींच दे असली पाळे नै। घेर लिए मकड़ी के जाळे नै ।। 392********** वायदा करकै नाटै, उंका ना पूरा पाटै। डाहल नै खुद काटै, पीटें जावै लकीर नै।। वो हमेश झूठ का साथ होसै सोच उसकी जमा बासी होसै वो माणस पापी हो, करै अपना धापी हो थाह ना जा नापी हो, बात कही कबीर नै ना बात बतावै दिल की कदे, ना बात करै अकल की कदे, हो करम का मुआ, वो लालच का कुआ जहरी उंका सुआ, करै खतम शरीर नै।। डाहल नै खुद काटै, पीटें जावै लकीर नै।। विज्ञान का बैरी कसूता होसै, इनै बरतै खूब नपूता वोसै, तकनीक नै बरतै, पीस्सा खूबैए खरचै औरां नै ओ बरजै, सराहवै सै अमीर नै।। डाहल नै खुद काटै, पीटें जावै लकीर नै।। ओ बनी बनी का यार सबका चोर चार ठग जितना तबका झूठ पै ऐश करता, फेर बी ना भरता कहे बिना ना सरता, बरोनिया रणबीर नै।। डाहल नै खुद काटै, पीटें जावै लकीर नै।। 393*********** सिर भी म्हारा जूती म्हारी गंजे बणा कै छोड़ दिये ।। नया टोरड़ा लगण दिया ना पुराने औटड़े फोड़ दिए।। 1 डंकल खागड़ खड़या सुंसावै यो खुर्रियाँ माट्टी ठावै आण बड़या जै म्हारी सी मैं बैरी घणा कहर मचावै भारत का बुलध रम्भावै खडुआँ नै कर गठ जोड़ लिए।। नया टोरड़ा लगण दिया ना पुराने औटड़े फोड़ दिए।। 2 खागड़ों तैं बचावण नै भाई पेटेंट कानून गया बनाया ठारा साल तै करी रुखाली नहीं डंकल नै डां ठाया विश्व बैंक नै फंसाया म्हारे गोड्डे जमा तोड़ दिए।। नया टोरड़ा लगण दिया ना पुराने औटड़े फोड़ दिए।। 3 मेरी यूनियन सभा सै तेरी बन्द करां इस तकरार नै कट्ठे होकै संघर्ष करो भाई मार दिए राज दरबार नै तेज बना लड़ाई की धार नै मुँह खागडों का मोड़ दिए।। नया टोरड़ा लगण दिया ना पुराने औटड़े फोड़ दिए।। 4 कई खड्डू म्हारे देश मैं खागडों तैं हाथ मिलारे सैं बुलधां का जी काढण खातर सतरंगा जाल बिछारे सैं रणबीर ये बांटना चाहरे सैं लगा पूरा निचोड़ लिए।। नया टोरड़ा लगण दिया ना पुराने औटड़े फोड़ दिए।। 394******** व्यवस्था माणस खाणी देश की नाक कटावै या व्यवस्था माणस खाणी क्यों ।। व्याभिचारी भ्रष्टाचारी बोलें नैतिकता की बाणी क्यों ।। 1 पुलिसिया बीस रुपैये ले ले उसकी खाल अखबार उतारैं ऊँचे महलां होज्यां सौदे करोड़ां कमीशन दलाल डकारैं शरीफ खड़े लाचार निहारैं जनता जानै ना कहाणी क्यों ।। व्याभिचारी भ्रष्टाचारी बोलें नैतिकता की बाणी क्यों ।। 2 भ्रष्टाचार बलात्कार रिश्वत खोरी फण सैं इसे व्यवस्था के अनैतिकता पै टिक्या सिस्टम देखो गुण सैं इसे व्यवस्था के लूटू बणे मालिक व्यवस्था के कमाऊ की कुन्बा घाणी क्यों व्याभिचारी भ्रष्टाचारी बोलें नैतिकता की बाणी क्यों ।। 3 कमाऊ हकां की लडें लड़ाई इस व्यवस्था नै बदलैंगे गरीब अमीर की चौड़ी खाई राज व्यवस्था का समझैंगे पास्सा रलमिल पलटेंगे पाळां या नागण काली क्यों ।। व्याभिचारी भ्रष्टाचारी बोलें नैतिकता की बाणी क्यों ।। 4 पीस्से आले इजारेदार नै म्हारी सरकार बचावै लोगो तब्दीली करकै कानूनां मैं इनकी टहल बजावै देखो बहुराष्ट्रीय कम्पनी ये ल्यावै देखैं ना देशकी हाणी क्यों ।। व्याभिचारी भ्रष्टाचारी बोलें नैतिकता की बाणी क्यों ।। 5 छोटी पूंजी म्हणत मिलकै बड़ी पूंजी तैं टकरावांगे किसान मजदूर दुकानदार सब मिलकै नारा लावांगे समतावादी समाज बनावां रणबीर नै बीमारी पिछाणी न्यों व्याभिचारी भ्रष्टाचारी बोलें नैतिकता की बाणी क्यों ।। 395************ कोर्ट कचहरी राज पाट का फुटया ढारा देख लिया।। ईमान बिकै दिन धौली मैं उल्टा नजारा देख लिया।। 1 पुलिस बचावै कातिल नै मेरी समझ मैं आई ना सरकार मदद पै आज्या सै क्यों जमा शरमाई ना अफसर बिक़ज्या चौड़े मैं वो मानै कति बुराई ना घड़ा पाप का भरग्या सै इब होती जमा समाई ना लोक राज लोक लाज का तमाशा सारा देख लिया।। ईमान बिकै दिन धौली मैं उल्टा नजारा देख लिया।। 2 कातिल और चोर लुटेरे मंत्री पुलिस के तलियार बनैं गरीब की आवाज दबावण नै साहूकारां के हथियार बनैं आम आदमी डरकै इनतैं चुप रहकै नै हुशियार बनैं या चुप्पी नाश करैगी न्यों कोण्या घर परिवार बनैं इनकी कड़ थेपड़ता मनै सरकारी इशारा देख लिया।। ईमान बिकै दिन धौली मैं उल्टा नजारा देख लिया।। 3 कोरोना नै उधम मचाया न्यों क्युकर पार घलैगी रै घणा दुखी हुया कमेरा न्यों क्युकर दाल गलैगी रै सरकार शाइनिंग गेल्याँ सफरिंग पैदल चलैगी रै खेती उद्योग बन्द होरे न्यों क्युकर मार टलैगी रै नफरत का जहर फैलाया नौ दो ग्यारा देख लिया।। ईमान बिकै दिन धौली मैं उल्टा नजारा देख लिया।। 4 कोर्ट कचहरी राज पाट की लिकाड़ सबकी पोल दई सरकार भी जुल्म कमावै न्यों म्हारी छाती छोल दई लाखों करोड़ माफ उनके म्हारी टिकट कै ला मोल दई रणबीर बरोने आले नै सारी साच्ची साच्ची बोल दई जनता जागै फेर जुल्मी भागै निचोड़ सारा देख लिया।। ईमान बिकै दिन धौली मैं उल्टा नजारा देख लिया।। 396******** कै दिन समाज बचैगा बिन वंचित की रूखाल करें, बिन महिला का ख्याल करें। बिन समता का सवाल करें, यो कै दिन समाज बचैगा ।। 1. गरीब परिवार मैं पैदा होकै हांगा लाकै करी पढ़ाई सत्तर प्रतिशत नम्बर ले कै भी ना कितै नौकरी थ्याई ज्यान कति मरण मैं आई हे, के संकट समझ नहीं पाई हे दिन दूनी क्यों बढ़ी म्हंगाई हे, यो कै दिन समाज बचैगा।। 2. पढ़ाई लिखाई व्यापार बणाली क्यों सारे ही संसार नै पीस्से की हवस बढ़गी खोस कै लेगी म्हारी बहार नै टीवी गन्दी फिल्म दिखावै सै,अत्याचार यो बढ़ता जावै सै माणस नै माणस खावै सै, यो कै दिन समाज बचैगा ।। 3. हुये आजाद तो सोचैं थे सबनै ईब रूजगार मिलैंगे ठीक ठ्याक जिन्दगी गुजरै ना धक्के बारम्बार मिलैंगे सपने सारे धूल मैं मिलगे, म्हारे आदर्श सारे हिलगे बदमाशां के चेहरे खिलगे,यो कै दिन समाज बचैगा ।। 4. आर्थिक सुधार का रंदा म्हारी नाड़ पै चलाया क्यों आत्मनिर्भरता का नारा आज पढ़ण बिठाया क्यों विश्व बैंक हमनै भावै सै निजीकरण बढ़ाया क्यों गरीब का गला दबाया क्यों यो कै दिन समाज बचैगा ।। 397********* म्हारा नाश करने आला हमनै लागै देवता म्हारा रै।। नौकरी खोस कावड़ देदी हमनै लाया फेर जयकारा रै।। 1 कांवड़ खातर गांव गांव तैं गए लाखां युवा म्हारे रै हेलीकॉप्टर तैं फूल बरसाए म्हरी गैल खेल रचारे रै शिव समुन्द्र मंथन पै न्यारी न्यारी कहानी बतारे रै लाखां टन पाणी चढ़ाकै जल संरक्षण का नारा लारे रै कांवड़ के रंग मैं बालक रंग दिया म्हारा और थारा रै।। नौकरी खोस कावड़ देदी हमनै लाया फेर जयकारा रै।। 2 राष्ट्रवाद के चक्कर मैं बेरोजगारी म्हारी भुलवा दी रै तीन सौ सत्तर हटा कै कश्मीर की भ्यां बुलवादी रै जनता की परवाह कोण्या अपनी हुक्म चलवा दी रै हिन्दू मुस्लिम की खाई चौड़ी और घणी करवा दी रै घणी चालाकी तैं हिंदुत्व जनता के दिलों मैं उतारा रै।। नौकरी खोस कावड़ देदी हमनै लाया फेर जयकारा रै।। 3 राष्ट्र का मतलब सरहद कोण्या इतना तो इब जान लियो देश का मतलब जनता इसकी इतना तो इब मान लियो देश प्रेमी देश द्रोही कौण सै इसका लगा इब उन्मान लियो संकट जनता के ऊपर बढ़ग्या इतना तो इब पिछाण लियो नफरत का माहौल धर्म पै जान बूझ यो फैलारा रै।। नौकरी खोस कावड़ देदी हमनै लाया फेर जयकारा रै।। 4 अंधविश्वास और पाखंड का जोर शोर तैं प्रचार करैं गाय की कोय सम्भाल नहीं राजनीति करते खूब फिरैं भीड़ जमावड़ा ज्यान लेले गरीब मानस ये घणे डरैं संविधान खतरे मैं दीखै सै इसके बचाव मैं कई मरैं हिंदुस्तान धर्मनिरपेक्ष देश रणबीर इसपै संकट छारा रै।। नौकरी खोस कावड़ देदी हमनै लाया फेर जयका रा रै।। 398******** अर्थव्यवस्था म्हारे देश की ढांचागत संकट बीच आगी।। संकट के हाल बतावण आली सारी बात देश मैं छागी।। 1 विकास दर बेरोजगारी के बहोत दिन आंकड़े छिपाए इनमें फेरबदल करकै ना बढ़ता संकट ल्हको पाये सेहत अर्थव्यवस्था की गिरी मामले सबकै साहमी आये सरकारी अर्थशास्त्री भी आज बहोत घणे सैं घबराए कबूल करने को मजबूर या कड़वी सच्चाई हिलागी।। संकट के हाल बतावण आली सारी बात देश मैं छागी।। 2 इस आर्थिक मंदी का आज मजदूर वर्ग शिकार होग्या रै इनके हकां पै देखो चौड़े यो घणा कसूता प्रहार होग्या रै जो थोड़ा घणा बचरया था तबाह पूरा परिवार होग्या रै संकट बढ़ता जावै देश मैं मजदूर घणा लाचार होग्या रै मजदूर वर्ग नै आर्थिक मंदी आज कसूती ढ़ालां खागी।। संकट के हाल बतावण आली सारी बात देश मैं छागी।। 3 आर्थिक मंदी खत्म करण नै या सरकार कानून बणावै देशी बदेशी पूंजीपति के या सरकार तलवे चाटती पावै लाखों करोड़ की करों मैं छूट कति देवंती नहीं शरमावै तोहफे दे पूँजीपतियाँ नै हमनै देशभक्ति के पाठ पढ़ावै बात पक्की इस मॉडल तैं या आर्थिक मंदी बढ़ती जागी।। संकट के हाल बतावण आली सारी बात देश मैं छागी।। 4 यूनियन बनाने के अधिकार पूंजीपति नै ढीले करवाये वेतन भत्ते कम करकै नै इसनै हथियार कसूत चलवाये फिक्की के इशारयां उप्पर पूरे अमल करकै दिखलाये सौ कानून थे मजदूरों के चार संहिताओं मैं सिमटवाये दीन हालात या मजदूरों की रणबीर की कलम बतागी।। संकट के हाल बतावण आली सारी बात देश मैं छागी।। 399********** बेरोजगार युवक युवती दर दर भटकैं सैं।। गोली चलादें दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं सैं।। 1 धरती बाँटे आवै दो किले होता नहीं गुजारा ब्याह होने हुए मुश्किल हांडे जावै सै कंवारा इसे बख्त मात पिता की सलाह भी खटकैं सैं ।। गोली चलादें दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं सैं।। 2 खेत मजदूरी कम होगी और काम मिलता ना बुसे बुसे मूंह होगे चेहरा कदे भी खिलता ना हारी बीमारी के कर्जे सालां सिर पै लटकैं सैं।। गोली चलादें दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं सैं।। 3 सरकारी नौकरी कम होगी या छागी ठेकेदारी मुश्किल होवै सै गुजारा वैश्यावृति की लाचारी दर दर की ठोकर खाणी सुखी रोटी अटकैं सैं।। गोली चलादें दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं सैं।। 4 किसान फांसी खावैं सैं लुटग्या आज यो कमेरा मुठ्ठी भर मौज करैं सैं म्हारी खातर घोर अँधेरा रणबीर विरोध करां तो जेल मैं लेजा पटकैं सैं गोली चलादें दूजे पै खुद फंदे पै लटकैं सैं।। 400********** बर्बाद करण का ठेका क्यूँ सरकार तनै ठाया।। म्हारी जूती सिर म्हारा खेल समझ नहीं आया।। 1 विकास नाम पै विनाश यो हरियाणे का करया अम्बानी और अडानी उनके गैहनै गाम धरया सड़क फ्लाई ओवर यो टोल प्लाजा सारै छाया।। 2 हरित क्रांति के कारण छोटा हिस्सा धनवान हुया बाकी का गाम सारा यो बहोत घणा परेशान हुया चोये मैं कीटनाशक घुलग्या कहर कसूता ढाया।। 3 गाम शहर के स्कूल सरकारी पढ़ण बिठाये रै ये अस्पताल सरकारी कई जागां खाली पाये रै यो इलाज हुया महंगा धरती बेच बच्चा बचाया।। 4 नौकरी ताहिं टूटें जूती बालक म्हारे रूलगे रै ये सिफ़ारसी पीस्से आले लेकै नौकरी पलगे रै रणबीर बरोने आले नै दिल तैं छंद बनाया ।। 401********* आज का माणस आज का माणस किसा होग्या सुणियो ध्यान लगाकै स्वार्थ का उनमान नहीं देख्या ज़िब नजर घुमाकै चाट बिना भैंस हरियाणे की दूध जमा ना देवै देखो इसका दूध पी हरियाणवी खुबै ए रिश्वत लेवै देखो भगवान इणनै सेहवै देखो यो बैठया घर मैं आकै। स्वार्थ का उनमान नहीं देख्या ज़िब नजर घुमाकै और किसे की परवाह कोण्या अपने आप्पे मैं खोया दूज्यां की खोज खबर ना हमेशा अपना रोना रोया कमजोर कै ताकू चभोया बैठै ठाड्डे की गोदी जाकै। स्वार्थ का उनमान नहीं देख्या ज़िब नजर घुमाकै।। दूसरयाँ नै ख़त्म करकै अपना व्यापर बढ़ावै देखो चुगली चाटी डांडी मारै सारे हथकण्डे अपनावै देखो दगाबाज मौज उड़ावै देखो चौड़ै सट्टे की बाजी लाकै। स्वार्थ का उनमान नहीं देख्या ज़िब नजर घुमाकै।। मारो खाओ मौज उड़ाओ इस लाइन पै चाल पड़या हाथ ना आवै जै आवै तो होवै रिश्वत कै तान खड़या रणबीर सिंह नै छंद घड़या सच्चाई का पाळा पाकै। स्वार्थ का उनमान नहीं देख्या ज़िब नजर घुमाकै।। 402********* मई दिवस मई दिवस यो एक मई नै दुनिया मैं मनाया जावै ।। दुनिया के मजदूरो एक हो नारा यो लगाया जावै ।। 1:::::::: लड़ी मजदूरों नै कट्ठे होकै दुनिया मैं लड़ाई बेबे लाल झंडा रहवै सलामत छाती मैं गोली खाई बेबे पूरी एकता दिखाई बेबे यो एहसास कराया जावै।। 2:::::::: देकै शहादत मजदूरों नै अपने हक लेने चाहे थे कई सौ मजदूर कट्ठे होकै शिकागो के मैं आये थे एकता के नारे लाये थे म्हारा हक ना दबाया जावै।। 3:::::::: समाजवाद की दुनिया मैं एक नई या लहर चली चीन साथ मैं वियतनाम या हर गली शहर चली दिन रात आठ पहर चली इतिहास मैं बताया जावै।। 4:::::::: उस दिन तैं मजदूर दिवस मेहनतकश मणाण लगे मजदूर एकता जिंदाबाद सुन मालिक घबराण लगे रणबीर सिंह गीत बणाण लगे एक मई नै गाया जावै।। 403********* नया हिंदुस्तान लालच लूट खसोट बचै नहीं नया हिंदुस्तान बसावांगे।। धर्म का जहर खेल रचै नहीं हम इसा इन्सान बनावांगे।। 1 नई तरां का इन्सान उभरै नई तरां के महारे समाज मैं नई बात और बोल नए कहे जाँ नये सुर और साज मैं बीमारी कम होज्यावैं विज्ञान नै लोक हित मैं लावांगे।। धर्म का जहर खेल रचै नहीं हम इसा इन्सान बनावांगे।। 2 दोगली शिक्षा का खात्मा हो ज्ञान पिटारा इन्सान होज्या नाड़ काट मुकाबला ना रहै एक दूजे का सम्मान होज्या नशा खोरी नहीं टोही पावै इसका नामों निशान मिटावांगे।। धर्म का जहर खेल रचै नहीं हम इसा इन्सान बनावांगे।। 3 मुनाफा मंजिल नहीं रहै ना चारों तरफ घमासान मचै लाठी की भैंस नहीं रहै ना हथियारों का सम्मान बचै प्रदूषण पै रोक लगा धरती शमशान होण तैं बचावांगे।। धर्म का जहर खेल रचै नहीं हम इसा इन्सान बनावांगे।। 4 महिला नै इंसान समझें रीत खत्म हों दोयम दर्जे की नौजवानों नै मिलै सही रास्ता ना मार बचै इस कर्जे की जात पात खत्म हो इसका सारे कै हम बिगुल बजावांगे।। धर्म का जहर खेल रचै नहीं हम इसा इन्सान बनावांगे।। 404********** महिला विरोधी यो माहौल नजर हरयाने मैं आवै।।। मातृशक्ति जिंदाबाद का उपरले मन तै नारा लावै।। 1 अशुरक्षा बढ़ाई चारों कान्ही महिला जमा घिरगी रै महिला अजेंडा ठारे सें पर लिंग अनुपात गिरगी रै दिशा म्हारी कदे गलत हो रोजाना याहे चिंता खावै।। मातृशक्ति जिंदाबाद का उपरले मन तै नारा लावै 2 महिला महिला की बैरी झूठ पै गहटा जोड़ लिया सच्ची बात किमै दूसरी उसतै मूंह क्यों मोड़ लिया पितृसता पुत्र लालसा पै नहीं कोए आन्गली ठावै।। मातृशक्ति जिंदाबाद का उपरले मन तै नारा लावै।। 3 म्हारी मानसिकता सुन् ल्यो हुई सै कसूती हत्यारी धन दौलत मैं हिस्सा ना बात बात पर जा दुत्कारी पूरी मोर्चे बंदी करदी कोये दरवाजा ना खुल्या पावै।। मातृशक्ति जिंदाबाद का उपरले मन तै नारा लावै ।। 4 इसी निराशा मैं बी कई महिला आगे बढ़ी बताऊँ खेलां मैं छाई सें करैं संघर्ष हर मोर्चे पै दिखाऊँ रणबीर सिंह जी लाकै सच्चाई सबकै साहमी ल्यावै।। 405********* फौजी की फौजण गांव में अकेली रहती है।। दो छोटे बच्चे हैं । लॉक डाउन चल रहा है । बीमार हो जाती है । पड़ौसी आसिफ के घर जाती है । वह शहर गया हुआ है। फौजी को फोन करती है। फौजी उसे आसिफ से फोन करके बुलाने को कहता है। क्या बताया भला-- आसिफ आ तावल करकै हाथ जोड़ बुलाऊँ मैं।। बुखार खांसी होरी सै मेरै सांस नहीं ले पाऊँ मैं।। 1 थारा फौजी मनै बोल्या आसिफ भाई नै बुला ले उस गेल्याँ खरखोदै जाकै डॉक्टर नै दिखा ले इतनै पैरासिटमॉल की एक गोली तै तूँ खा ले बालक राखण खातर ताई बीरो नै घरां बिठा ले आसिफ वार मतना लाइये बुखार तैं घबराऊँ मैं।। 2 आसिफ नै फोन पै तसल्ली खूब करी फौजी तावल करकै आऊं सूँ कहकै फोन धरी फौजी जाड्डा लागै गात कांपै लागै जनूतो गिरी फौजी थारे तैं बात करते करते आंख मेरी भरी फौजी कदे घबराज्या तूँ फौजी आधी बात छिपाऊँ मैं।। 3 आसिफ नै दरवाजा फेर जोर ला खट खटाया बोल्या चलो डॉक्टर पास उसनै स्कूटर चलाया ओढ़ना औढ़ कै बैठ गई जोर का चक्कर आया आसिफ नै सम्भाली मैं सिर फुटण तैं बचाया सिर जमा घूम गया मुश्किल बैलेंस बनाऊं मैं।। 4 आसिफ तैं बोली चाल कदे होज्यावै डूबा ढेरी फोन पै बूझ ले एक बै कदे डॉक्टर करदे देरी डॉक्टर नै देख दयाख कै फालतू चिंता मैं गेरी बोल्या कदे कोरोना हो सुन ज्यान लिकड़ी मेरी फौजी तनै पल पल के ये सारे हाल सुनाऊं मैं।। 5 डॉक्टर नै सूआ लाया दी तीन दिन की दवाई आसिफ की स्कूटर पै सहज सहज घर नै आई एक दिन पाछै मेरी खांसी या थोड़ी कम हो पाई भला हो आसिफ का करी सै होंसला अफजाई रणबीर इब्बी कोरोना तैं सपने मैं डर जाऊं मैं।। 406******** इस कोरोना नै म्हारै सांस चढांदी।। लाखां लोगां नै अपनी ज्यान गंवादी।। 1 के बूझैगा हाल जाता नहीं बताया दुनिया के मैं डोलै कोरोना का छाया लाखां लोगाँ ताहिं कफ़न सै उढ़ाया सही इलाज इब ताहिं नहीं सै पाया अमरीका इटली की भी भ्यां बुलादी।। लाखां लोगां नै अपनी ज्यान गंवादी।। 2 आज भी विपदा मैं जारे दिन गाले कई मिहने होगे ना सुख देखे भाले यो तहलका मच्या पाड़ दिए चाले घरां भीतर कैद ये बड्डे टोपी आले कोरोना नै देखो फिरकी सी घुमादी।। लाखां लोगां नै अपनी ज्यान गंवादी।। 3 आगे तैं आगै या अपने पैर फैलारी लॉक डाउन मैं या भूख की लाचारी मन्त्र पढ़कै फेर फूंक भी खूब मारी यो अफवाह तंत्र बताया घना भारी जात धर्म पै घृणा या घणी फैलादी।। लाखां लोगां नै अपनी ज्यान गंवादी।। 4 आज बालक म्हारे ये भूख मैं रोवैं अमीर गरीब के सवाल खड़े होवैं मिलकै करां सामना ना समों खोवैं रणबीर इसका दुख मिलकै झोवैं महामारी नै घणी ए बात सिखादी।। लाखां लोगां नै अपनी ज्यान गंवादी।। 407******** संविधान पढ़ण बिठाया धरम की करकै तेज धार , नफरत की चला कटार देश दिया धरती कै मार , संविधान पढ़ण बिठाया || 1 बेरोजगारी घणी आज बढ़ादी यो दुखी फिरै नौजवान कृषि संकट घणा बढ़ाया फांसी खाता आज किसान तीन सौ सत्तर के तार , कश्मीर करया और बीमार कैब पै करादी हाहाकार , संविधान पढ़ण बिठाया || 2 जितनी सरकारी कंपनी सबनै बेचण की त्यारी रै शिक्षा महंगी दवाई महंगी जनता की खाल तरी रै यो जुमले बाजी का प्रचार , जनता भकाई बारम्बार निजीकरण की बढ़ा रफ्तार , संविधान पढ़ण बिठाया || 3 आधार कार्ड के म्हाँकै सबकै सांस कसूते चढ़ाये रै खाते मोबाईल सारे जरूरी आधार कै बांधने चाहे रै धर्म जात का ले हथियार , बढ़ाई समाज मैं तकरार बहु विविधता पै कर वार ,संविधान पढ़ण बिठाया || 4 एक राष्ट्र और एक भाषा एक संस्कृति का नारा लाया फासीवादी हिन्दू राष्ट्र का नारा हटकै गया सै ठाया कमेरे पै चलाकै कटार , कारपोरेट के बन ताबेदार बदेशी खातर खोले द्वार ,संविधान पढ़ण बिठाया || 408********* एक फौजी की फौजण महिलाओं की व्यथा किस तरह से बयां करती है भला: दिन काटे चाहूं सूं मैं सुख तैं कोन्या कटण देवैं।। कुछ भी ना कहती मैं फेर भी कोन्या टिकण देवैं।। 1 झाड़ झाड़ बैरी होगे आज हम बरगी बीरां के मोह माया तैं दूर पड़ी फेर दिल डिगे फकीरां के बदमाश इनकी लकीरां के शासक ना पिटण देवैं।। अच्छाई के बोए बीज ये कति कोन्या पकण देवैं ।। 2 कइ बै जी करै फांसी खाल्यूं इनकै अकल लागै सहेली बोली बात मान मेरी मतना प्राण त्यागै कसक कति ना जागै ये पोल कोन्या पटण देवैं।। हम कितनी ए रोलयां ये दुख कोण्या हटण देवैं।। 3 बताओ पिया के करूं मैं इनपै गीत बनादे नै द्रोपदी चीर हरण गाओ म्हारे हरण पै गादे नै बना रागनी सुणा दे नै हम तेज कोन्या घटण देवैं।। म्हारी जिंदगी के इनको दबान कोन्या बटण देवैं।। 4 गाम कै गोरे खड़े पावैं भैंस के म्हा कै तान्ने मारैं इंसानियत जमा भूलगे भोंं किसे की इज्जत तारैं बिना बात के ये खंगारैं सांस कोन्या लेवण देवैं।। रणबीर बरगे म्हारी ये इज्जत कोन्या लुटण देवैं।। 409********** 11 अप्रैल को महात्मा ज्योतिबा फुले की 194वीं जयंती के मौके पर ज्योतिबा फुल्ले जी की याद में उनीसवीं सदी मैं भारत दूज्यां का गुलाम बताया।। धर्म जात पै यो बंटया टुकड्यां के मैं दिखाया।। 1 समाज पै परम्परावादी सोच घणी छारी थी ज्ञान सत्ता के स्रोतां पै उच्च वर्गों की थानेदारी थी व्यवस्था नै अछूत वर्ग यो हिंदुस्तान मैं बनाया।। धर्म जात पै यो बंटया टुकड्यां के मैं दिखाया।। 2 इस वर्ग नै अपमान सह्या अभाव घणे झेले अँधेरी गुफाओं बीच मैं ये तबके गए धकेले गैर बराबरी की आग नै भारत देश जलाया।। धर्म जात पै यो बंटया टुकड्यां मैं दिखाया।। 3 इनपै जुल्म ढाल ढाल के खूब करे जावैं थे जानवरां तैं भुंड़ी ढाल घणे बोझ धरे जावैं थे वंचितों को म्हारे समाज नै बहोत घणा सताया।। धर्म जात पै यो बंटया टुकड्यां के मैं दिखाया।। 4 कई जात अछूत के भीतर समाज नै बनाई बस्ती गाम तैं बाहर म्हारे हिंदुस्तान मैं बसाई धरती पर भी थूकन का दखे पाबंद लगाया।। धर्म जात पै यो बंटया टुकड्यां के मैं दिखाया।। 5 गले मैं हंडिया लटका कै ये तबके चाल्या करते निशान साफ करे बिन ना कदम डाल्या करते दूरी बनी रैह जिमा घण्टी बजाने का लगाया।। धर्म जात पै यो बंटया टुकड्यां के मैं दिखाया।। 6 बीड़ा ज्योतिबा फुल्ले नै इनके खिलाफ उठाया शिक्षा का प्रसार किया घर घर अलख जगाया कहै रणबीर दबंगों नै घणा विरोध जताया।। धर्म जात पै यो बंटया टुकड्यां के मैं दिखाया।। 410******* नया दौर आस बंधी भोर हुई सै शोषण जारी रहै नहीं। लोकलाज तै राज चलै ईब रिश्वत भारी रहै नहीं।। 1. रिश्वतखोर मुनाफाखोर की स्वर्ण तिजूरी नहीं रहै चेहरा सूख मरता भूखा इसी मजबूरी नहीं रहै गरीब कमावै उतना पावै बेगार हजूरी नहीं रहै शरीफ बसैंगे उत मरैंगे झूठी गरूरी नहीं रहै फूट गेरो राज करो की या महामारी रहै नहीं।। 2. करजे माफ हो ज्यांगे साफ, चालैगा दौर कमाई का बेरोजी भत्ता कपड़ा लत्ता हो प्रबन्ध दवाई का पैंशन होज्या सुखतै सोज्या मौका मिलै पढ़ाई का जच्चा-बच्चा होज्या अच्छा हो सम्मान लुगाई का मीठा पाणी चालै नल मैं पाणी खारी रहै नहीं।। 3. भाईचारा सबतै न्यारा कोए नहीं धिंगताणा हो बदली खातर ठाकै चादर ना चण्डीगढ़ जाणा हो हक मिलज्या घी सा घलज्या सबका ठोर ठिकाणा हो वोट दिये और नोट दिये इसा सिस्टम मिटाणा हो हम सबनै नारा लाया सै भ्रष्टाचारी रहै नहीं।। 4. पड़कै साज्यां चाले होज्यां कोण्या कुछ भी होवैगा माथा पकड़ कै भीतर बड़कै भाई बूक मारकै रोवैगा इसा मदारी रचै हुश्यारी हमनै बेच कै नै सोवैगा चोकस रहियो मतना सोइयो काटै उसे जिसे बोवैगा रणबीर सिंह बरोने आला कितै दरबारी रहै नहीं।। 411******* कोरोना महामारी के डॉक्टर चार चरण बतावैं भाई।। सुनियो ध्यान लगा कै नै कदे फेर हम पछतावैं भाई।। 1 पहले चरण मैं यात्री जो प्रभावित देशों से आवैं देखो वेहे इस कोरोना वायरस नै अपने साथ ल्यावैं देखो उनका टैस्ट करया जावै तो कई पोजिटिव पावैं देखो इस तरियां इलाज उनके फेर सम्भव हो ज्यावैं देखो कुछ दिन मैं ठीक होज्यां डॉक्टर हमनै समझावैं भाई।। सुनियो ध्यान लगा कै नै कदे फेर हम पछतावैं भाई।। 2 दूजे कोरोना देश तैं आये दूजा चरण कहते फैलावैं परिवार मैं और पड़ौस मैं कीटाणु कहते पहोंचावैं सोर्स का बेरा पाटज्या मरीज आसानी तैं छंटते जावैं न्यारा करकै राखैं उसनै देखैं बीमारी नहीं बढ़ पावै ये ठीक होज्यां तीजे चरण की रोकथाम करी जावैं भाई।। सुनियो ध्यान लगा कै नै कदे फेर हम पछतावैं भाई।। 3 तीजे चरण मैं कोरोना कम्युनिटी ट्रांसमिशन मैं आवै बड़ा हिस्सा फेर जनता का इसतैं प्रभावित हो ज्यावै एक तैं दूजे प्राणी मैं फैलै संकट फेर चारों कान्ही छावै मरीज का सोर्स न्यों कहते डॉक्टर नै टोहया नहीं पावै अमरीका तीजे स्टेज मैं भारत भी तीजे मैं दिखावैं भाई।। सुनियो ध्यान लगा कै नै कदे फेर हम पछतावैं भाई।। 4 चौथे चरण मैं बीमारी फेर रूप ले लेवै महामारी का संकट चारों कांहीं छाज्या माहौल होज्यावै लाचारी का फेर कोये बता नहीं पावै खात्मा कद होवैगा बीमारी का सामना करण नै चाहिए यो होंसला सरकार म्हारी का रणबीर गरीब भूखे हम सां फेर भी नहीं घबरावैं भाई।। सुनियो ध्यान लगा कै नै कदे फेर हम पछतावैं भाई।। 412********** नया निजाम 2016 में लिखी थी । अब 2020आ गया । देखना जरा-- नया निजाम किन किन बातां पर खरया उतरैगा देखियो ॥ झूठ कै साहरे मीडिआ तैं कितने दिन निखरैगा देखियो ॥ 1 विकास का मॉडल कौनसा यो इब अपनाया जावैगा देखो मेहनत कश तैं कौनसा लॉली पॉप थमाया जावैगा देखो बदेशी पूंजी तांहि दरवाजा कितना खुलवाया जावैगा देखो रौंद कै पायाँ तलै कितने भारत ऊपर उठाया जावैगा देखो तामझाम कितने दिन मैं सारा का सारा बिखरैगा देखियो ॥ झूठ कै साहरे मीडिआ तैं कितने दिन निखरैगा देखियो ॥ 2 महंगाई डायन नै सबकै कसूते ये घर घाल दिए सैं देखो मेहनत काश के घर मैं आज भक्कड़ बाल दिए सैं देखो अम्बानी अडानी बरगे आज कर मालामाल दिए सैं देखो महंगाई क्यूकर रोकी जागी कौनसे ख्याल दिए सैं देखो महंगाई नहीं रुकी तो आम घणा तावला बिफरैगा देखियो ॥ झूठ कै साहरे मीडिआ तैं कितने दिन निखरैगा देखियो।। 3 भ्रष्टाचार तैं मुक्ति का आज कौनसा रास्ता अपनाया जावैगा इलैक्शनां का खर्चा इब यो क्यूकर कितना उघवाया जावैगा बेलगाम घोड्यां कै यो लगाम किस तरियां लगवाया जावैगा देखना बाकि सै आम आदमी किस तरियां उलझाया जावैगा भ्रष्टाचार भाग व्यवस्था का किस तरियां डिगरैगा देखियो ॥ झूठ कै साहरे मीडिआ तैं कितने दिन निखरैगा देखियो।। 4 एक और जंग खड़ी साहमी देश म्हारे मैं बेरोजगारी की अठाईस करोड़ युवा शक्ति सै शिकार इस महामारी की किततैं पैदा होवैगा रोजगार कैसे मिलै मुक्ति बीमारी की युवा की उम्मीद बहोत घणी देखी उसनै समों लाचारी की नहीं पाया सही रास्ता तो यो घणा कसूता चिंगरैगा देखियो ॥ झूठ कै साहरे मीडिआ तैं कितने दिन निखरैगा देखियो।। 5 इलैकशन पहलम खूब हुया काळा धन का जिकरा देखो बोले इसनै उल्टा ल्यावण नै चाहिए कसूता जिगरा देखो आगै काला धन नहीं बनै इसका नहीं कोय फिकरा देखो कित कित तैं रोक्या ज्यावै अडानी के तवयां सिकरा देखो काला धन बदमाश घणा सै किस ढालां यो सुधरैगा देखियो ॥ झूठ कै साहरे मीडिआ तैं कितने दिन निखरैगा देखियो।। 6 महिला की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करी जावैगी देखो छेड़छाड़ रेप छीना झपटी क्यूकर कम हो पावैगी देखो छाँट कै पेट मैं मारी जांती क्यूकर संसार मैं आवैगी देखो काम मुश्किल बहोत सै कद सुख तैं या रोटी खावैगी देखो हामी भरी थी इन कामां की कद सी इब मुकरैगा देखियो ॥ 06/06 /2016 413********* आपा ...धापी आपा धापी माच रही चारों कूट रोल्या पड़ग्या। एक दूजे का गल काटैं नाज गोदामां मैं सड़ग्या।। 1 ये घर बणे तबेले लोगो रही माणस की खोड़ नहीं सोच तै परहेज करैं बात का टोहते औड़ नहीं झूठ पै चालै पूरी दुनियां साच का जुलूस लिकड़ग्या।। एक दूजे का गल काटैं नाज गोदामां मैं सड़ग्या।। 2 मेहनत करी लोगां नै विज्ञान नै राह दिखाया या दुनिया बदल दई घणा खून पसीना बाहया लालची नै डाण्डी मारी गरीब कै साहमी अड़ग्या।। एक दूजे का गल काटैं नाज गोदामां मैं सड़ग्या।। 3 न्याय की बात भूलगे नहीं ठीक करया बंटवारा पांच सितारा होटल दूजे कान्ही फूटया ढारा गरीब की कमाई का मुनाफा अमीर कै बड़ग्या।। एक दूजे का गल काटैं नाज गोदामां मैं सड़ग्या।। 4 टीवी पै सपने हमनै आज बूख दिखाये जावैं रणबीर तै लालच दे कै उल्टे प्रचार कराये जावैं सच्चाई नै भूल गए भोग मैं माणस बड़ग्या।। एक दूजे का गल काटैं नाज गोदामां मैं सड़ग्या।। 414*********** राजनीती कैसे बचैगी रै समाज का ताणा बाणा तोड़ कै।। देश नै उल्टा चलाया चाहते दिशा इसकी जमा मोड़ कै।। 1 अंध विश्वास को हटकै म्हारी समाज उभारा देरी देखो अँधेरे का साथ देकै कहते हम हटावां अँधेरी देखो विकास की बात करते हैं देखो जमा घरोड़ मरोड़ कै।। राजनीती कैसे बचैगी रै समाज का ताणा बाणा तोड़ कै।। 2 तोड़ण की बात करते हैं दे नारा सबके साथ का रै समाज बाँट कै गेर दिया सै ये करते काम घात का रै कितने किसान फांसी ख्वाये सबनै देख लियो जोड़ कै।। राजनीती कैसे बचैगी रै समाज का ताणा बाणा तोड़ कै।। 3 मंदिर मस्जिद गुरद्वारे चरचाँ ऊपर लड़वाये लव जिहाद एंटी रोमियो स्क्वैड ये चारों तरफ फैलाये बहुविविधता का गल घोटैंगे इसकी नाड़ मरोड़ कै।। राजनीती कैसे बचैगी रै समाज का ताणा बाणा तोड़ कै।। 4 एक एक करकै सबका देखो नंबर जरूर लावैंगे दलित महिला माइनॉरिटी ये इनकी भ्यां बुलवावैंगे क्यों पाखंड नै ल्याये जानके रणबीर विवेक नै छोड़ कै।। राजनीती कैसे बचैगी रै समाज का ताणा बाणा तोड़ कै।। 415********* पीस्सा माणस आले प्यार रहे ना जग में पीस्सा छाग्या। माट्टी होगी त्याग भाव की जी घणा दुख पाग्या।। 1 विज्ञान की नई खोजां नै अनहोनी करकै दिखाई नियम जाण कुदरत के या जिन्दगी सफल बणाई गलत इस्तेमाल हो इसका तो घणी करदे तबाही मुट्ठी भर लोगां नै इसपै अपनी धाक जमाई नाज सड़ै गोदामां मैं भूखा दुख मैं फांसी खाग्या।। माट्टी होगी त्याग भाव की जी घणा दुख पाग्या।। 2 कुछां के कुते ऐश करैं म्हारे बालक भूखे मरते हम दिन रात कमावैं वे तै कमाई काली करते चटनी नहीं नसीब हमनै वे पकवानां तैं डरते पीस्से के अम्बार लगे इनके पेट कदे ना भरते बिन पैंदे का लौटा हमनै मूरख बेकूफ बताग्या।। माट्टी होगी त्याग भाव की जी घणा दुख पाग्या।। 3 म्हारी ईज्जत आबरू उतरै ईब खुले बाजार मैं धेले की ना कदर रही आपस के ब्यौहार मैं ना सही रिश्ते बनाए हमनै अपने परिवार मैं औरत दी एक चीज बणा लालच के संसार मैं बैडरूम सीन टीबी पै खुलकै दिखावण लाग्या।। माट्टी होगी त्याग भाव की जी घणा दुख पाग्या।। 4 खेती खोसी डांगर खोसे ईब करैगा कंगला यो ना सुहावै म्हारी झूंपड़ी खुदका बढ़िया बंगला यो म्हारी लूट कमाई देखो हमनै बतावै पगला यो रहे ताश खेलते तो नहीं समझ पावां हमला यो बता रणबीर सिंह क्यों पीस्से का नंगापन भाग्या।। माट्टी होगी त्याग भाव की जी घणा दुख पाग्या।। 416********* किसी आजादी देश मैं किसी आजादी आई, गरीबों कै और गरीबी छाई अमीरों नै सै लूट मचाई , म्हारी पेश कोए ना चलती।। 1 भगत सिंह नै दी कुर्बानी, जनता नै खपाई जवानी हैरानी हुई थी गोरयां नै, कमर कसी छोरी छोरयां नै देश बाँट दिया सोहरयां नै,ज्यां म्हारी काया जलती ।। अमीरों नै सै लूट मचाई , म्हारी पेश कोए ना चलती।। 2 ये गोर गए तो आगे काले, हमनै नहीं ये कदे सम्भाले चाले कर दिए बेईमानों नै, भूल गए हम इंसानों नै इन म्हारे देशी हुक्मरानों नै, करदी मूल भूत गलती।। अमीरों नै सै लूट मचाई , म्हारी पेश कोए ना चलती।। 3 बोवनिया की धरती होगी,सब जातयाँ की भर्ती होगी सरती होगी नहीं बिरान, खुश होवैंगे मजदूर किसान भगत सिंह करया ऐलान, अंग्रेजों की ये बात खलती।। अमीरों नै सै लूट मचाई , म्हारी पेश कोए ना चलती।। 4 मुनाफाखोर देश पै छाये,पीस्से पै सब लोग नचाये लगाये भाव बाजार मैं, नहीं कसर सै भ्रष्टाचार मैं इन वायदों की भरमार मैं, आस म्हारी रही छलती।। अमीरों नै सै लूट मचाई , म्हारी पेश कोए ना चलती।। 5 ये मकान सैं परिवार नहीं, मानस तो सै घरबार नहीं सरकार नहीं सुनती म्हारी, जाल कसूता बुनती जारी गरीबों कै आज ठोकर मारी, रणबीर कै आग बलती।। अमीरों नै सै लूट मचाई , म्हारी पेश कोए ना चलती।। 2008 417********* जब जब जनता जागी यो जुल्मी शोषक झुका दिया ।। भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै सबनै भगा दिया ।। आजाद देश का सपना पहुंचा शहर और गांव मैं भगत सिंह फांसी टूटा जोश था देश तमाम मैं दुर्गा भाभी गेल्याँ जुटगी इस आजादी के काम मैं लाखाँ नर और नारी देगे या कुर्बानी गुमनाम मैं कुर्बानी बिना नहीं आजादी गांधी अलख जगा दिया ।। भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै सबनै भगा दिया ।। गोरे गये आगे काले गरीबी जमा मिटी नहीं सै बुराई बढती आवै सै भिद्द इसकी पिटी नहीं सै अच्छाई संघर्ष करण लागरी आस जमा घटी नहीं सै जनता एक दिन जीतेगी या उम्मीद छुटी नहीं सै म्हारी एकता तोडण़ खातिर जात पात घणा फैला दिया।। भारत तैं जुल्मी गौरा मिलकै सबनै भगा दिया।। जात पात हरियाणा की सै सबतैं बड्डी बैरी भाइयो विकास पूरा होवण दे ना दुनिया याहे कैहरी भाइयो वैज्ञानिक सोच काट सै इसकी जड़ घणी गहरी भाइयो अमीराँ की जात अमीरी म्हारै गरीबी फैहरी भाइयो समता वादी समाज होगा संघर्ष का डंका बजा दिया ।। भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै सबनै भगा दिया ।। दारू माफिया मुनाफा खोर इनकी पक्की यारी देखो भ्रष्ट पलसिया औछा नेता करता चौड़े गद्दारी देखो बिचोलिया घणे पैदा होगे म्हारी अक्ल मारी देखो लंबे जन संघर्ष की हमनै कर ली तैयारी देखो रणबीर भगत सिंह ने रास्ता सही दिखा दिया।। भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै सबनै भगा दिया ।। 418********** 23 मार्च शहादत दिवस के मौके पर देख हालत आज देश की थारी याद घणी आवै सै।। आज तो देशद्रोह करनिया देश भगत कुहावै सै।। 1 सबको शिक्षा काम सबको का नारा थामने लाया था इंकलाब जिंदाबाद देश में जोर लगा गुंजाया था शोषण रहित समाज थारी डायरी लिखा पावै सै।। आज तो देशद्रोह करनिया देश भगत कुहावै सै।। 2 अंग्रेजों के खिलाफ थाम नै जीवन दा पै लगा दिया आजादी का संदेश यो घर घर के में पहुंचा दिया तीनों साथी फांसी चढ़गे देश शहादत मना वै सै।। आज तो देशद्रोह करनिया देश भगत कुहावै सै।। 3 सरफरोशी की तमन्ना बोले इब म्हारे दिल मैं सै देखना सै जोर कितना बाजू ए कातिल थारे मैं सै एक नौजवान तबका थाम नै उतना ए चाहवै सै।। आज तो देशद्रोह करनिया देश भगत कुहावै सै।। 4 धर्म के नाम पर समाज बांटें आज देश भगत बनरे हिंदू मुस्लिम के नाम पै बना कै पाले बन्दी तनरे रणबीर थारी कुर्बानी हम सब मैं जोश लयावै सै।। आज तो देशद्रोह करनिया देश भगत कुहावै सै।। 419********** बहुविविधता बहुविविधता म्हारे देश की सुनियो आज सुणाऊं मैं ॥ इसपै हमला भारी सै इसनै आज बचाना चाहूँ मैं।। जिस पत्थर की मूर्ती के पाहयों के मां पड़ते देख उन मूर्तियों को मुसलमान कारीगर ही घड़ते देख किस कारण फेर ये दोनूं क्यों आपस मैं भिड़ते देख मिलजुल पहले की ढालां क्यों ना बीमारी तैं लड़ते देख म्हारी गंगा जमनी परम्परा हटकै याद दिलाऊं मैं।। इसपै हमला भारी सै इसनै आज बचाना चाहूँ मैं।। हिन्दू देवी देवताओं का मुसलमान ही व्यापर करते हर सिंगार मूर्तियों का सब मुसलमान तैयार करते ताजा ताजा फूल तोड़कै तैयार गले का हार करते और भी कई तरियां के ये बढ़िया व्यवहार करते कदे कदीमी चलती आयी या कारोबार दिखाऊं मैं ॥ इसपै हमला भारी सै इसनै आज बचाना चाहूँ मैं ।। देवी देवताओं उप्पर हिन्दू जो प्रसाद चढ़ाते देखो खील पतासे बूरा मखाने मुस्लिम भाई बनाते देखो भोग लगाकै देवता का इणनै सारे हिन्दू खाते देखो इस तरियां दोनूं मिलकै जीवन सही चलाते देखो कोए भावना नहीं सै द्वेष की कोण्या झूठ भकाऊं मैं ।। इसपै हमला भारी सै इसनै आज बचाना चाहूँ मैं ।। कदे यात्रा करी सै तमनै कैलाश मानसरोवर जाकै हिन्दू यात्रियों का बोझा मुस्लिम ढोता सिर पै ठाकै हिन्दू मुस्लिम रहे सैं मिलकै देखल्यो पाछे नै लखाकै चूड़ी सिंदूर ये बनाते हैं खुश होती महिला लगा कै रणबीर विविधता का हुया खूब आदर समझाऊँ मैं ।। 420********* आया फागण फागण का मिहना आग्या चारों कान्ही हरियाली छाई।। ईब ना गर्मी शर्दी लागै या रूत खेलण की आई।। 1 चंपा चमेली सखी सहेली करी फाग खेलण की त्यारी बहु नवेली मिलकै खेली फागण का पूरा रंग जमारी साठे मैं बुढ़िया होरी रसिया जनूं तै पां मिंडकी ठारी लाडू बर्फी ल्याकै असरफी आंगली चाट चाट कै खारी रिस्सालो फेर मार धमोड़ा नई तान खोजकै ल्याई।। फागण का --- 2 पीले फूल रहे खेत मैं झूल चाला चौखा रूपरया सै सिरसों की फली लागैं भली पूरा ए पेडा झुकरया सै खुभात करै अर उभाणा फिरै फील गुड हंसरया सै धरती बाँझ सुबह साँझ यो जी बिघन मैं फ़ंसरया सै या चाँद की चांदनी रात मोर नै सुरीली कूक सुनाई।। फागण का -- 3 बाट दिखाकै हाड़े खवा कै फागण का मिहना आया बैठ सांझकै पीढ़े घालकै गीत सही सुर के मैं ठाया बैठी लखावै कदसी आवै ना बालम घर मैं पाया होली खली बिना गुलाली ना कोये रंग गुलाल ल्याया बिन बालम किसी होली इस चिंता नै मैं खाई।। फागण आया-- 4 देवर आकै गुलाल लगावै भाभी नै कोलड़ा मांज लिया इतने मैं रूक्का पड़ग्या दो ठोल्यां मैं लाठा बाज लिया किसे का सर फूट गया कोये घर कान्ही भाज लिया ज्येठ कै कोलड़ा लाग्या हो घणा कसूता नाराज लिया रणबीर बरोने आले नै करी टूटी फूटी सी कविताई।। फागण आया.. 421******* बाजे भगत तो दुनिया से चला गया परन्तु वह अपने पीछे बहुत बड़ी धरोहर छोड़ गया । इस धरोहर का नाश करने के प्रयत्न किये गए मगर यह अभी भी जिन्दा है। क्या बताया भला*** घणा गुणवान था, सही इन्सान था, गीत घणे सुरीले गाग्या। न्यों बाजे भगत कहवाग्या।। 1 वचन का धनी माणस था चौगिरदे नै मशहूर हुया मौका कदे नहीं चूक्या इसा गावण का शरूर हुया लख्मी दादा नै टक्कर ले ली बाजे का के कसूर हुया दिल के मैं जो खटक गई वा कहवण ताहिं मशहूर हुया वे साहमी अड़गे, फेर रुक्के पड़गे , रंग काट नया छाग्या।। न्यों बाजे भगत कहवाग्या।। 2 लाम्बा सांस घणा बताया तर्ज बनाई थी न्यारी ना मंदा बोल्या चाल्या ना चलायी तलवार दुधारी मनै कोण्या बेरा लाग्या किसनै बात दबाई सारी बाजे का छन्द कड़ै गया किसनै रोल मचाई भारी वो गरीब बताया, घणा रै दबाया, मनै राज बात का पाग्या। न्यों बाजे भगत कहवाग्या।। 3 हाजिर जवाब हद दर्जे का करै घणा कमाल था रै बहरे तबील जब गावै था झूमै बांके लाल था रै उपरा तली की कली भरै छोड्डे नहीं मलाल था रै उल्टा सीधा मैं कोण्या गाँऊं बतावै अपना ख्याल था रै नहीं भुंडा गाया,ना कदे घबराया,वो अपना फर्ज निभाग्या। न्यों बाजे भगत कहवाग्या।। 4 आज कही मेरी याद राखियो बाजे नै फ़रमाया न्यों अमीर का कत्ल माफ़ हो गरीब जासै सताया क्यों गरीब की बहू सबकी जोरू इसा खेल रचाया क्यों द्रोपदी पै महाभारत होग्या म्हारा चीर हरण दबाया क्यों तेरी याद सतावै, नहीं पार बसावै, रणबीर कोण चूट कै खाग्या। न्यों बाजे भगत कहवाग्या।। 422********* अमेरिका ने जेलों का यो निजीकरण करया बताया।। वे कोरपोरेट तैं सौंप दई सरकारी दखल हटाया ।। 1 कारपोरेट उन बंदियां की देख रेख करै बताई लत्ता कपड़ा और रोटी साथ मैं दी जाती दवाई जेल का सारा खरचा सरकार के ज़िम्मे लगाया ।। वे कोरपोरेट तैं सौंप दई सरकारी दखल हटाया ।। 2 काम उन पर दिन रात कारपोरेट करवावै सै कुर्सी मूढ़े खाट पलंग क़ैदीयां धोरै बनवावै सै इन चीजां नै बेच बेचकै जाता मुनाफा खूब कमाया।। वे कोरपोरेट तैं सौंप दई सरकारी दखल हटाया ।। 3 जेल में बंद बंधुआ का श्रम बहोत सस्ता बताते बाहर के श्रम के मुकाबले दशमां हिस्सा भी ना पाते तेईस लाख कैदियों पै देखो दो तरफा मुनाफा बनाया।। वे कोरपोरेट तैं सौंप दई सरकारी दखल हटाया ।। 4 इसा हाल भारत में भी आज बनावण लाग रहे नागरिकता कानून बणा कैदी बढ़ावण लाग रहे रणबीर सिंह समझो यो क्यों हमपै जाल बिछाया।। वे कोरपोरेट तैं सौंप दई सरकारी दखल हटाया ।। 423******** अम्बानी की मेर करूं सू मन की बात बताई ना यस बैंक बिठवा दिया, बख्त पै बात समझाई ना।। यो तीन लाख करोड़ आला, बढ़िया बैंक देख्या भाला पहले पांच मैं थाम्या पाला,दुर्गति समझ मैं आई ना क्यों दिवालिया होग्या बैंक सही बात समझाई ना।। आंख मींच कै लोन दिया,डिफाल्टर पूरा तोल दिया सबनै एनपीए बोल दिया मक्कारी कति छिपाई ना।। अम्बानी डिफाल्टर बताया, तेरा हजार करोड़ खाया और सबनै यो खेल रचाया, नाटण मैं वार लगाई ना सरकार भी यस बैंक नै बचाती कति शरमाई ना ।। पूंजी पति का भोभा भरती, खिंचाई जनता की करती आज भोली जनता मरती, धर्म का जाल देख पाई ना पिटेंगे न्यारे न्यारे रणबीर जै मिलकै लड़ी लड़ाई ना।। 424********** भारत की बुनावट ऊपर आज खतरा कसूत बताया ।। अस्तित्व की बुनियाद म्हारी आज इसको कति हिलाया ।। 1 आजादी के बाद का सबतैं चुनौतीपूर्ण यो बख्त बतावैं अगले कुछ महीने तय करेंगे शासक किस दिशा में जावैं एक कान्ही जन प्रतिरोध दूजे कान्ही फासीवाद का छाया।। अस्तित्व की बुनियाद म्हारी आज इसको कति हिलाया ।। 2 कारपोरेट और हिंदुत्व की म्हारा देश जकड़ मैं आया दोनों का ब्लड ग्रुप एक डीएनए भी पकड़ में पाया मुनाफा और मुनाफा चाहिए छप्पर पाड़ मुनाफा कमाया।। अस्तित्व की बुनियाद म्हारी आज इसको कति हिलाया ।। 3 हिंदुत्व का मकसद कहते या लूट आसान बनाना सै लया नागरिक संशोधन कानून जनता पै जुल्म कमाना सै दो तरफा मुनाफे का शास्त्र अंबानी का लागू कराया ।। अस्तित्व की बुनियाद म्हारी आज इसको कति हिलाया ।। 4 जात धर्म पर बांट हमनै आज आपस में लड़वावैं ये दंगे करवाकै दिल्ली मैं जनता के सिर फुड़वावैं ये कहै रणबीर लेल्यो संभाला हाँगा लाकै छंद बनाया।। अस्तित्व की बुनियाद म्हारी आज इसको कति हिलाया ।। 425********* जन्म: 3 जनवरी 1831, नायगाँव मृत्यु: 10 मार्च 1897, पुणे सावित्री बाई फुले --पहली महिला शिक्षिका, जो दलित बेटियों के लिए आखिरी सांस तक लड़ीं। सावित्री बाई फुले छोरियां का सबतैं पहला सावित्रीबाई नै स्कूल चलाया ॥ समाज के घणे ताने सुणे पर ना पाछै कदम हटाया ॥ महिला नै समाज मैं पूरे मिलने चाहिए अधिकार पूरा जीवन लगा दिया किया जन जन मैं प्रचार बारा साल मैं ब्याह होग्या फेर भी अपना फर्ज निभाया ॥ समाज के घणे ताने सुणे पर ना पाछै कदम हटाया ॥ लिंग भेद का विरोध करया पति नै पूरा साथ दिया था जाति भेद के खिलाफ उणनै यो खुल्ला ऐलान किया था बाल हत्या प्रतिबन्धक गृह यो सुरक्षा सेंटर बनाया ॥ समाज के घणे ताने सुणे पर ना पाछै कदम हटाया ॥ महिलाओं को पढ़ाने जब सावित्री स्कूल मैं जाया करती जनता गोबर फ़ैंकती बहोतै क्रोध या जताया करती स्कूल जा साड़ी रोज बदली महिलाओं को जरूर पढ़ाया ॥ समाज के घणे ताने सुणे पर ना पाछै कदम हटाया ॥ दत्तक पुत्र डॉक्टर बणग्या पुणे मैं अस्पताल चलाया सावित्री बाई मरीज सेवा मैं अपना काफी बख्त लगाया समाज सुधार मैं रणबीर अपना पूरा जीवन बिताया ॥ समाज के घणे ताने सुणे पर ना पाछै कदम हटाया ॥ 426********** आज कल हरयाणा में एक नयी परंपरा उभर रही है जो पहले बहुत ही बुरी बात मानी जाती थी । लडकी को अपने पीहर की धन धरती में हिस्सा उसे नहीं दिया जाता था । वह अपने नाम की धरती भाईयों के नाम करवा देती थीं । पिछले दिनों बरोना कड़ोहली पह्लादपुर के पास से नेशनल हाई वे का निर्माण हुआ तो कई किसानों की जमीं एक्वायर हुयी । उसमें धर्मा के परिवार की दो एकड़ जमीन भी आ गयी । धर्मा के दो बेटे हैं और एक बेटी है । बेटी लिछमी नरेला में ब्याही है । उसका पति डी टी सी में ड्राइवर है । साथ लाख रूपये मिले हैं जमीं के । धर्मा तीस तीस लाख दोनों बेटों को देने का मन बनाता है । उधर लिछमी के ससुर को पता चलता है तो बहुत बेचैन हो जाता है । पहले पंचायत में वह महिला के पीहर में धरती के अन्दर अधिकार का विरोध कर चुकाहै । मगर अब बीस लाख रुपये का मामला है । करे तो क्या करे ? दुविधा में है कई दिन से । एक दिन वह सोचता है कि धरती का बंटवारा थोड़े ही करवा रहे हैं । यह तो बिकी हुयी जमीं का मामला है । इसमें तो लडकी को हक़ मिलना ही चाहिए । घर में जिकर करता है अपनी पत्नी से । सुनकर वह भी बेचैन हो जाती है । पर बीस लाख उसकी बेचैनी को ज्यादा देर नहीं टिकने देते । सास भी लिछमी को समझाने की कोशिश करती है बीस लाख के बारे में । लिछमी भी सुनकर बेचैन हो जाती है । दो दिन तक उसे ठीक से नींद भी नहीं आती । आखिर अपने पति को बताती है ।लिछमी अपनी सहेली के सामने दिल का हाल कुछ इस तरह से बयाँ करती है :- एक और नै कुआँ दीखै दूजे औड नै चोडी खाई बेबे ।। नेशनल हाई वे बणग्या म्हारी बी धरती आयी बेबे ।। कड़ोहली पह्लादपुर गाम मेरा दो किल्ले आगे म्हारे साठ लाख का मुआवजा दो भाईयाँ के दिन संवारे तीस लाख एक तै देवन की बाबू सलाह बनाई बेबे।। मेरी ससुराल मैं बेरा लाग्या सुर सुर होण लगी सास मेरी भी कई तरियां मेरे मन नै टोहण लगी सहज सी मेरे ससुर नै हिस्से की बात चलायी बेबे ।। पंचायत मैं सुसरे नै पीहर हिस्सा नाट दिया सखी अपना थुक्या खुद बेबे हिस्सा मांग चाट लिया सखी सुनकै हिस्सा ल्याण की बात मैं एकबै घबराई बेबे ।। उसकै आगै मने रात नै शंका दिल की खोल दई थी पीहर मैं मां बाप भाई कहैं माड़ी बात बोल दई थी रणबीर पति चुप रहग्या नहीं आँख मिलाई बेबे ।। 427******* भगवान दीन धरम अर पुन कर्म यु देख लिया भगवान एक भगवान दुनिया कहवै मैं कहता दो भगवान साचा मानस नौकरी मैं दो दीन ना टिक पावै होज्या साहब नाराज काम मैं कई खोट बतावै करदे रिपोर्ट ख़राब चौबीस घंटे का नोटिस पावै उलटी मिली ना नौकरी जय सच ना छोड़ी जावै मजबूरी मैं खड्या लखावै नीचे लीले असमान || बालक पालन खातिर दर दर ठोकर खानी पड़जयां सत्य वफ़ा तप सब धरनी एक ठिकाणी पड़जयां साच पै अड़या रहै तै रेल तले नाड़ धिकानी पड़जयां साचे मानस नै साच की कीमत घनी चुकानी पड़जयां साच की उठाई अर्थी इसका होवै बहोत घना अपमान || माट्टी गेल्याँ होज्या माट्टी फेर पसीना खूब बहावै ठेठ पोह के मिहने मैं भी खेत मैं पानी ल्यावै काली नागन बंधे उप्पर पड़ी पड़ी फ़न ठावै मेहनत करकै छिक्ले फल फेर भी ना थ्यावै तेरा राम जी क्यूं तेरी गेल्याँ पड़रया सोचै नै किसान || चोर ज़ार लुटेरों की यो राम करै रखवाली पग पग उप्पर झूठ रचावै करै छेक खावै जिस थाली घाट ये तोलें टैक्स बचावैं करैं कर घनी कुढाली राम की आड लेके नै इन्ने घनी लूट मचाली करीं छल रात दीन तान कै राम नाम की छान|| एक हांड़ी मैं दो पेट करा दिए इन बदमाशों नै भोले गरीब का खून चूस लिया इन शाह्पाशों नै साच त्याग तप की बलि चढ़ाई इन रंगबाजों नै भोले मेहनतकश आपस मैं लड़ा दिए इन जंगबाजों नै रणबीर का भगवान मेहनत कुबेर का मक्कारी सै भगवान || 428****** स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल 2020 सेहत दिवस सात अप्रैल का दुनिया मैं जावै मनाया रै।। विकास की गलत राही बीमारियां नै हाहाकार मचाया रै।। 1. तनाव बढ़े तरां-तरां के मानवता थरथर कांप रही खतरनाक हथियारां की दौड़ सबका बधा या ताप रही उद्योग करैं प्रदूषण पैदा बढ़ दिलां की चाप रही विकसित दुनिया उदारीकरण की क्यों माला या जाप रही अमरीका नै सब सूधे करण का आज पूरा ठेका ठाया रै।। 2. बीस देश दुनिया के छियासी प्रतिशत साधन लेरे रै मौज उड़ावै म्हारे दम पै न्यों भारत मैं गरीबी के डेरे रै तरां-तरां की ये बधैं बीमारी हम दुख घणा खेहरे रै उनके मुंह पै लाली चमकै म्हारे पीले पड़गे चहेरे रै हमनै कहवैं जनसंख्या बधाली ज्यां यो संकट छाया रै।। 3. म्हारे साधनां पै कर कमब्जा भारतवासी बणा दिये बोड़े रै उनकी लूट के कारण म्हारे देश के साधन पड़गे थोड़ै रै म्हारे देश के अमीर घराने आज बणगे इनके घोड़े रै भूख गरीबी जनसंख्या के भारत मैं ज्यां पड़गे भोड़े रै म्हारी सेहत अर शिक्षा का इननै भट्ठा कति बिठाया रै।। 4. पचास साल राज करया उननै गलत रास्ते पै डाल दिये मेहनत करी हम सबनै बंटवारे मैं घर घाल दिये अपणी खातर अपोलो म्हारे तै खैराती अस्पताल दिये दे कै लालच म्हारे बेटा बेटी अपणे रूखाले पाल दिये रणबीर म्हारी सेहत नहीं बणै यो इसा खेल रचाया रै।। 429********** दसमी दसमीं तांहि का स्कूल आगै क्यूकर करूं पढ़ाई मैं। मां तै चाहवै पढ़ाणा पर बाबू नै घरां बिठाई मैं।। 1. मां बोली आज जमाने मैं बिना पढ़ाई कोए बूझै ना शहर मैं क्यूकर खंदाउं राही मनै कोए सूझै ना मां की देख कै नै लाचारी दिल मैं घणी घबराई मैं।। 2. बाबू बोल्या बुरा जमाना शहर ठीक नहीं सै जाणा उंच-नीच कोए हो ज्यागी तै हो ज्यागा मोटा उल्हाणा क्यूकर मनाउं मेरे बाबू नै इस चिन्ता नै खाई मैं।। 3. मैं बोली माहौल गाम का शहर तै आज न्यारा ना डरकै घर मैं बड़गे तो हुवै आज यो गुजारा ना पढ़ण तै ठावै मतना मरज्यां मौत बिन आई मैं।। 4. पांच सात दिन पाछै बाबू नै मुंह अपणा खोल्या डर लागै बहोत घणा बेटी आंख्यां पाणी ल्या बोल्या रणबीर दिल तै चाहूं सूं करना तेरी सगाई मैं।। 430******* चापलूस चापलूसां का चारों कान्हि घणा जमघट होग्या रै। घर में प्यार बच्चा कोन्या जमा मर घट होग्या रै।। 1. स्वार्थी कामचोरां की ईब लागी आड़ै लार दखे हांडैं नशे के गुलाम हुये ये कई हजार दखे टूटैं सैं परिवार दखे सूना पनघट होग्या रै।। घर में प्यार बच्चा कोन्या जमा मर घट होग्या रै।। 2. अफरा तफरी माची म्हारे मानव समाज मैं आज महिला बेहाल हुई इस जंगल राज मैं फंसाई पुराने रिवाज मैं जीने का संकट होग्या रै।। घर में प्यार बच्चा कोन्या जमा मर घट होग्या रै।। 3. माणस माणस नै खावै ऐसा चल्या रिवाज सै पांच सितारा मैं जावैं बेची शर्म लिहाज सै भूखा मरै समाज सै यो जीणा सिरकट होग्या रै।। घर में प्यार बच्चा कोन्या जमा मर घट होग्या रै।। 4. उपेक्षा तिरिस्कार का हुया आज ठाड्डा पाला रै धोला पिटता हांडै सै राज करै धन काला रै रणबीर सिंह नै दोष दें कहैं लम्पट होग्या रै।। घर में प्यार बच्चा कोन्या जमा मर घट होग्या रै।। 431******** अन्धविश्वास जनता नै अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै ॥ देकै लालच और डर दिखाकै वोट लेकै नै राज मैं आवै ॥ मजदूर की मजदूरी खाज्यां ये लीला भगवन की बताते किसान की फसल मंडी बीच देखो लगाकै बोली उठाते जात धर्म पर अफवाह फ़ैलाकै आपस मैं खूब लड़वाते दोनों की म्हणत की कमाई बैठके महलों अंदर खाते भगवान की लीला बता लुटेरा पत्थरों की पूजा करवावै॥ जनता नै अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै ॥ पूरी दुनिया मैं खेल धर्मों का पूंजीपति आज खेल रहे शोषण का सिस्टम पक्का आज मजदूर किसान झेल रहे कितै अंधराष्ट्र वाद कितै देखे आतंक वाद नै पेल रहे गरीब अमीर की खाई बढाक़ै काढ़ जनता का तेल रहे लूट नै मर्जी यो पूंजीपति अल्लाह ईशा राम की बतावै ॥ जनता अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै ॥ सृष्टि जब तैं वजूद मैं आयी अग्नि और हवा देवता आया आगै चल्या समाज तो फेर मानस नै भगवान बनाया कुछ देशों मैं अल्लाह आग्या कुरान का पाठ पढ़ाया कुछ देशों मैं ईशा मशीह नै फेर अंगद का पैर जमाया इस दुनिया मैं इतने धर्म क्यों सोचकै सिर यो चकरावै ॥ जनता अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै ॥ घरां बैठकै ग्रन्थ बणाकै जमकै झूठ चलावन लागे रै जीभ चटोरे ऊत लूटेरे अन्धविश्वास फलावन लागे रै ब्रह्म पारासुर लड़की तैं देखो भोग करावन लागे रै आँख कान और नाक सींग मैं पुत्र जमावन लागे रै रणबीर सिंह अपनी कलम अन्धविश्वास खिलाफ उठावै ॥ जनता अन्धविश्वासी बनाकै इसनै आज कौन भकावै || 432********* मिलावट आज कोये भी चीज समाज मैं बिना मिलावट मिलती कोण्या।। हड़खाई बाजार व्यवस्था के मैं सच्चाई कितै खिलती कोण्या।। 1 दूध दही घी मखन खोया या सही मलाई मिलै कोण्या रै मिर्च मशाला हल्दी आज या सही मिठाई मिलै कोण्या रै नकली भरी बाजार मैं या असली दवाई मिलै कोण्या रै इंसानी जज्बे आला कोये समाज मैं भाई मिलै कोण्या रै अवैध रिश्ते बढ़ते जावैं असली चाहत दिखती कोण्या रै।। हड़खाई बाजार व्यवस्था मैं सच्चाई कितै खिलती कोण्या।। 2 आटा दाल गुड़ शक्कर मैं मिलावट खूब पाती बताई बनावटी दूध और दही या म्हारी जनता खाती बताई महात्मा चेले गुरु बाबे की ना सारी लिखी जाती बताई मानवता नै समाज म्हारी आज टांड पै बिठाती बताई इन बिना मिलावट आळ्यां की समाज मैं पिलती कोण्या।। हड़खाई बाजार व्यवस्था मैं सच्चाई कितै खिलती कोण्या।। 3 स्कूल कालेजों मैं आजकै दिन सारै नकल छागी देखो पहरावे और श्रृंगार मैं भी घणी मिलावट आगी देखो त्याग तपस्या और सेवा इणनै मिलावट खागी देखो देशभक्ति भी नकली होगी असली कै कालस लागी देखो राजनीति मैं तो या मिलावट हिलाये भी हिलती कोण्या ।। हड़खाई बाजार व्यवस्था मैं सच्चाई कितै खिलती कोण्या।। 4 तेल और साबुन नहावण का बहोत मिलावट पाई जा फीम चरस और जहर मैं भी फालतू की चीज मिलाई जा ईब घणा बुरा जमाना आग्या कथा इतिहास बनाई जा मीडिया आज बिकाऊ होग्या साच छिपावै झूठ दिखाई जा रणबीर सिंह की कलम साच लिखने तैं टलती कोण्या ।। हड़खाई बाजार व्यवस्था मैं सच्चाई कितै खिलती कोण्या।। 433*********** युद्ध हुया तो मरेंगे हिंदुस्तान पाकिस्तान के सिपाही ।। अमरीका हथियार बेच कै करावै दोनों की तबाही।। 1 युद्ध उन्माद ठीक नहीं भावना मैं ये बहावैं सैं दोनों कांहीं की सरकार भिड़ाये राखणा चाहवैं सैं कश्मीरी जनता दो पाटों बीच सालों तैं पिसती आई।। अमरीका हथियार बेच कै करावै दोनों की तबाही।। 2 पुलवामा आतंकी हमले मैं कित चूक रही सरकार की क्यों चुप्पी उसपै जो बात गवर्नर नै भी स्वीकार की हजार तैं फालतू संख्या किसके हुकम तैं गई बढ़ाई।। अमरीका हथियार बेच कै करावै दोनों की तबाही।। 3 कार उस हाई वे पै बीच में रोकी क्यूं ना बताओ रै हवाई जहाज की फ़ाइल क्यों दाबी गई समझाओ रै खुफिया एजेंसी की सूचना क्यो ना करी कार्यवाही।। अमरीका हथियार बेच कै करावै दोनों की तबाही।। 4 इस आतंकी हमले पै सुरक्षा पै कई उठे सवाल ये करकै नै पूरी इन्क्वारी बेरा पाड़ो कौन दलाल ये रणबीर कहै चौकस रहियो सोचो शांति की राही।। अमरीका हथियार बेच कै करावै दोनों की तबाही।। 434********* आज का जमाना देख कै उल्टी रीत जगत की दिल मेरा हुआ उदास ।। भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।। 1 चोर जार ठग मौज उड़ाते शरीफ रहें दुःख भरते झूठे राज पाठ के मालिक सचे फिरैं गुलामी करते देखे हिरन जंगलों मैं चरते गधे करैं गाम मैं वास ।। भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।। 2 झूठे बरी जेल खानों मैं मनै सच्चे ठुकते देखे शर्म आले बेशर्म के आगै सर झुका लुह्क्ते देखे सच्चे मानस झुकते देखे दादा बनगे बदमास ।। भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।। 3 झुठयाँ कै पल्लै धरती दौलत भले करैं पराई आशा म्हारे भारत देश मैं देखो दुनिया का अजब तमाशा गरीब नै भोजन का सांसा अमीरों के सब रंग रास ।। भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।। 4 ये मजदूर ऊपर हुकम चलावें आज अफसर भूंडे घने दलाल पैदा होगे कई नेताअपने बरगे ढूंढें रणबीर सिंह बरग्याँ नै ये गुंडे नहीं लेवन दें सांस ।। भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास ।। 435********** आजादी देश पै खतरा मंडरावै लडां आजादी बचाने की लड़ाई।। इसकी खातर ज्यान झोंकी हक म्हारा आजादी बताई।। 1 पूरे देश मैं फैल रहया खतरा यो मनुवाद का बताया चलता आवै खतरा देश मैं इबै सामंतवाद का बताया बढ़ता जावै सै शिकंजा आज पूंजीवाद का बताया इन सब तैं बड्डा खतरा गया साम्राज्यवाद का बताया संविधान नै पूरा खतरा आजादी इन खतरों तैं चाही।। इसकी खातर ज्यान झोंकी हक म्हारा आजादी बताई।। 2 एक खतरा और बताया सै यो हिंदुत्ववाद का सुनियो दूजा खतरा और छाया सै तालिबानवाद का सुनियो तीजा खतरा और दिखाया सै यो संघवाद का सुनियो चौथा खतरा समझाया सै यो आतंकवाद का सुनियो इन खतरयां तैं मिलकै या आजादी की आवाज लगाई।। इसकी खातर ज्यान झोंकी हक म्हारा आजादी बताई।। 3 पितृ सत्ता बड़ी बीमारी इसतैं भी आजादी चाहिए सै भ्रूण हत्या उधम मचारी इसतैं भी आजादी चाहिये सै दहेज का उत्पीड़न भारी इसतैं भी आजादी चाहिए सै बेरोजगारी बढ़ती जारी इसतैं भी आजादी चाहिए सै आर्थिक संकट बढ़ता जावै इसकी बात गई छिपाई।। इसकी खातर ज्यान झोंकी हक म्हारा आजादी बताई।। 4 हिदू राष्ट्र तैं आजादी हो यो सबका ही भाई चारा हो इस्लामी राष्ट्र तैं आजादी हो पूरी दुनिया का नारा हो जातपात से आजादी हो चाहवै अम्बेडकर म्हारा हो अभिव्यक्ति की आजादी हो सबनै संविधान प्यारा हो रणबीर बनती जावै सै नबै दस की पालेबन्दी भाई।। इसकी खातर ज्यान झोंकी हक म्हारा आजादी बताई।। 436********** थारी कुर्बानी थारी कुर्बानी हरियाणा मैं एक दिन रंग लयावैगी। झूठ की हाण्डी फूटैगी साच खूब्बै सम्मान पावैगी।। किसान आन्दोलन बढ़ैगा या धरती भीड़ी होज्यागी किसान के बेटे पुलिस मैं उनकी आत्मा रोज्यागी सरकार खोखली होज्यागी जवान हजारां खावैगी।। बन्द एम आई टी सी कई औरों का नम्बर आया सै पीस्से कोन्या तनखा के कदम ज्यां करड़ा ठाया सै हरियाणा दां पै लाया सै या वारी समझ मैं आवैगी।। हमने सोचना बन्द करया या गलती करदी भारी इस अेहदी पन के कारण गई म्हारी खाल उतारी विचार की ताकत न्यारी या म्हारी चेतना जगावैगी।। बढ़िया इन्सान किसा हो सै इसपै विचार करांगे रै सुन्दर समाज का सपना इसमें पूरे रंग भरांगे रै आपस में नहीं लड़ांगे रै बात रणबीर की भावैगी।। 437********* नौकरी नौकरी घटा दई सरकारी,नौजवानों की अक्कल मारी आरक्षण पै लड़ाई बढारी, धर्म का जाल बिछाया देखो। 1 कई लाख नौकरी देवांगे यो नारा खूब सुनाया भाई पन्दरा लाख सबके खाते आम आदमी भकाया भाई स्किल विकास करांगे भारी, पूरे देश मैं दी किलकारी, रेहड़ी पकौड़े की छाती जारी, चौखा रोजगार दिवाया देखो। 2 ब्याह होता ना मिलै नौकरी आज दोनों खाली घूम रहे सारे ताने तुड़ा कै देखे आखिर फांसी फंदा चूम रहे वैश्यावृति की मजबूरी होरी, सारे परिवार का जिम्मा ढोरी आज महिला दुखी घणी छोरी , रेपां नै यो कहर ढाया देखो। 3 रोजगार दिए कोन्या पर घर घर दारू पहोंचा दई हीरोइन फीम मैं जिंदगी नौजवानों की धका दई पंजाब की करी खातर दारी, सै इबकै हरियाणे की बारी जेलां मैं संख्या बढ़ती जारी,नैजवान घणा भरमाया देखो। 4 युवक युवती आज देखो ये बाजार व्यवस्था नै मारे नशे और फ्री सेक्स के गर्क मैं बिछाकै जाल ये तारे नौजवानों या म्हारी तसवीर, सुधारो लिख नई तहरीर थारी साथ खड़्या रणबीर,संघर्ष का राह सुझाया देखो। 438********* म्हारी सेहत बिना रूजगार पैसा मिलै ना, बिना पीस्से या दाल गलै ना बिना दाल सेहत बणै नौ, इन बिन पूरा इलाज नहीं।। 1 हमारे शरीर को चाहिये खाणा साफ पाणी और हवा इनके बिना सेहत बणै ना कितनी ए खाल्यो चाहे दवा प्रदूषण कौण फैलावै देखो, ये साधन कौण घटावै देखो जिम्मै गरीबां के लावै देखो, क्यों उठै म्हारी आवाज नहीं।। 2 आदमी के रहने के लिए यो हवादार मकान चाहिये दिमाग की सेहत की तांहि समाज मैं ना तनाव चाहिये प्रबन्ध हो डॉक्टर दवाई का, पूरा माहौल साथ सफाई का आदमी की सेहत सवाई का, दुनिया कहती है राज यही।। 3 बीमारी के कारण के के हों जो इनकी हमनै टोह कोण्या म्हारी सेहत ना ठीक हो जो म्हारा इसमैं मोह कोण्या लोगां की सही भागीदारी बिना, असली नीति सरकारी बिना विकास मैं हिस्सेदारी बिना, स्वास्थ्य रहवै समाज नहीं।। 4 अपनी सेहत योजना जिब शहर और गाम बणावैं रै ग्राम सभा मिल बैठ कै सही अपणे सुझाव बतावैं रै फेर बदलैगी तस्वीर या, देस की बणैगी तहरीर या लिखै सही बात रणबीर या, फेर चिड़िया नै खा बाज नहीं।। 439****** अक्टूबर क्रांति नै दुनिया मैं न्यारा रच्या इतिहास कहैं।। मजदूर और किसानों का पहला राज बण्या खास कहैं। 1 या जनता भूखी कई बरस तैं घणा दुःख पारी बताई दुकानां पै ताजी सब्जी रोटी भूखे लोगों नै दी दिखाई बाजारों मैं लूट माचगी ज्यां उड़ै सेना गयी थी बुलाई एक हफ्ते ताहिं लोगों नै पैट्रोग्रेड मैं करी थी घुमाई सेना नाटी गोली चलाने तैं जनता की बढ़ी आस कहैं।। मजदूर और किसानों का पहला राज बण्या खास कहैं। 2 पहली क्रांति फरवरी मार्च मैं यो राजशाह गया हटाया फेर अस्थायी सरकार बणी थोड़ा सबर था सबकै आया अक्टूबर मैं हटाकै अस्थाई कम्युनिस्टों नै राज बनाया जमींदारों पूंजीपतियों का फेर रूस मैं करया सफाया स्वेच्छाचारी राजशाही ढहे पाछै सुख का आया साँस कहैं।। मजदूर और किसानों का पहला राज बण्या खास कहैं। 3 वैज्ञानिक समाजवाद का मार्क्स नै राह दिखाया कहते इसको लागू करने का पूरा प्लान गया बनाया कहते किसान मजदूर सुख पागे सम्मान सबनै पाया कहते सेहत सुधरी शिक्षा पागे बेरोजगारी को भगाया कहते पूरी दुनिया मैं समाजवाद पै बढ़या यो विश्वास कहैं।। मजदूर और किसानों का पहला राज बण्या खास कहैं। 4 जनता के हकों की खातर रूस नै नये कानून बनाये इनतैं डरकै ये पूंजीवादी सोशल वेलफेयर नै ले आये सन पचास ताहिं लाल झंडे आधी दुनिया मैं लहराए देख बढ़त समाजवाद की ये पूंजीवादी देश घबराए रणबीर करकै दिखाया ना था जिसका एहसास कहैं।। मजदूर और किसानों का पहला राज बण्या खास कहैं। 440********* गुमनामी चंदे के दम पै पूंजीपति शासक पार्टियां पै छागे।। बनवा कानून अपने हक के जनता नै जमा लूट कै खागे।। 1 यो कानून इब लाजमी भ्रष्टाचार नै खूब बढावैगा भाइयो पूंजीपति खेलैगा इब खुलकै म्हारै सांस चढ़ावैगा भाइयो किसान मजदूर और जनता पै ये लगाम जोर की लागे।। बनवा कानून अपने हक के जनता नै जमा लूट कै खागे।। 2 दो तीन सालां मैं योहे हमनै देवै सै काम दिखाई भाइयो तेईस सौ करोड़ चंदे की भजपा नै करी सै उगाही भाइयो पन्द्रासौ करोड़ दो साल मैं बस इलेक्ट्रोल बॉन्ड तैं पागे।। बनवा कानून अपने हक के जनता नै जमा लूट कै खागे।। 3 जनतंत्र और गणतंत्र का जमाना इब चल्या गया भाइयो आमजन तो कदम कदम पै कसूता छल्या गया भाइयो जनता नै भी जुमले इनके बेरा ना क्यों ईतने आज भागे ।। बनवा कानून अपने हक के जनता नै जमा लूट कै खागे।। 4 संकट देश मैं किसानी का नौजवान घूमै सै बेरोजगार यो ला और आर्डर की समस्या मच्या सै आज हाहाकार यो कहै रणबीर सिंह बरोने आला म्हारे सारे सपने ये ढागे।। बनवा कानून अपने हक के जनता नै जमा लूट कै खागे।। 441******* जेब कतरे धर्मात्मा इब भूरा बण्या भूरसिंह , उसकै मोहर लगी सरकारी। ना मानस नै मानस थापै, पुलिस की गेल्याँ लाई यारी। 1 पल मैं तोला पल मैं माशा, कदे टाडै कदे छेरै खासा चित बी मेरी पिट बी मेरी ना पड़ै कदे उल्टा पासा ठाडे आगै होज्या म्याऊं पर हीने नै धमकावै खासा घर मैं रहवै गऊ की ढालाँ बाहर करै यो पूरा तमाशा पहरावे का नहीं ठिकाना हो पेंट कदे हो खद्दर धारी। ना मानस नै मानस थापै, पुलिस की गेल्याँ लाई यारी। 2 पूरा ज्ञानी ध्यानी बनै आरती हनुमान की तारै देखो पिस्से नै भगवान मानै शेखी दिन रात बघारै देखो दया धर्म दिखावे ताहिं पराई बीर पै तान्ने मारै देखो बिना टूम धरें उधार दे ना ब्याज मैं खाल उतारै देखो चुगली मैं बाप नारद का इनै लोगाँ की अक्कल मारी। ना मानस नै मानस थापै, पुलिस की गेल्याँ लाई यारी। 3 नीत डिगादे एक पैग पै हुया बिन पैंदे का लौटा रै बख्त पड़े पै धोखा देज्या मारै छल का सौटा रै बात घड़दे तुरत फुरत टोहले कोए बाहणा मौटा रै अपने मुँह मियाँ मिठू कहै मैं सूँ सिक्का खौटा रै यारे प्यारे उप्पर चलै उसकी भाई या तलवार दुधारी। ना मानस नै मानस थापै, पुलिस की गेल्याँ लाई यारी। 4 माखी भिंणकैं छिकमा सिनकै जब सत्ता तैं दूरी होज्या पड़या खाट मैं रहै बाट मैं खत्म सारी गरूरी होज्या हो बुरा हाल जनों सूने ताल मछली सी मजबूरी होज्या ना चमक रहे ना दमक रहै झूऱ सिंह तैं यो झूरी होज्या लिखै रणबीर जब झूरे पै उसकी आंख्यां मैं चिंगारी। ना मानस नै मानस थापै, पुलिस की गेल्याँ लाई यारी। 442******* छब्बीस जनवरी छब्बीस जनवरी का दिन लाखां ज्यान खपा कै आया।। घणे हुए कुर्बान देश पै जिब आजादी का राह पाया।। 1 सैंतालिस की आजादी ईब यो दो हजार च्यार आ लिया बस भाड़ा था कितना याद करो आज कड़ै सी जा लिया एक सीमेंट कट्टा कितने का आज कौणसे भा ठा लिया एक गिहूं की बोरी देकै आज यो खाद कितना पा लिया चिन्ता नै घेर लिया जिब यो सारा लेखा जोखा लाया।। घणे हुए कुर्बान देश पै जिब आजादी का राह पाया।। 2 आबादी तै बधी तीन गुणी पर नाज चौगुणा पैदा करया सैंतालिस मैं थी जो हालत उसमैं बताओ के जोड़ धरया बिना पढ़ाई दवाई खजाना हमनै सरकारी रोज भरया ईमानदारी तै करी कमाई पफेर बी तमनैनहीं सरया भ्रष्टाचार बेइमानी नै क्यों सतरंगा जाल बिछाया।। घणे हुए कुर्बान देश पै जिब आजादी का राह पाया।। 3 यो दिन देखण नै के सुभाष बोस नै पफौज बनाई थी यो दिन देखण नै के भगत सिंह नै पफांसी खाई थी यो दिन देखण नै के गांधी बापू जी नै गोली खाई थी यो दिन देखण नै के अम्बेडकर ने संविधान रचाई थी नये-नये घोटाले देख कै यो गरीब का सिर चकराया।। घणे हुए कुर्बान देश पै जिब आजादी का राह पाया।। 4 हरियाणा धरती पै कसम उठावां नया हरियाणा बणावांगे भगत सिंह का सपना अधूरा उनै करकै पूरा दिखावांगे ना हो लूट खसोट देश मैं या घर-घर अलख जगावांगे या दुनिया खूबै सुन्दर होज्या मिलकै नै हांगा लगावांगे रणबीर सिंह मिलकै सोचो गया बख्त किसकै थ्याया।। घणे हुए कुर्बान देश पै जिब आजादी का राह पाया।। 443********* बबीता-चमेली को मेडिकल जाकर अपना मेडिकल करवाने के लिए तैयार करती है। वहां सविता उनकी पूरी मदद करती है। मेडिकल मुआएना हो जाता है और सूरत सिंह के खिलाफ पुलिस को केस दर्ज करना पड़ता है। गांव में चमेली का चरित्र हनन करने की पूरी कोशिशें की जाती हैं। चमेली की मां और बबीता उसका पूरा साथ देती हैं। एक दिन चमेली क्या सोचती है, क्या बताया कवि ने:- या चोट मनै, गई घोट मनै, गई फिरते जी पै लाग मेरै तो सिलगै बदन में आग।। 1. चाला होग्या गाला होग्या, क्यूकर बात बताउं बेबे, इज्जत गवाई, चिन्ता लाई, क्यूकर ज्यान बचाउं बेबे सुरते बरगे फिरैं घनेरे, क्यूकर गात छिपाउं बेबे देख अकेली करी बदफेली, क्यूकर हाल छुपाउं बेबे ना पार बसाई, ना रोटी खाई, ना आच्छा लागै कोए राग मेरै तो सिलगै बदन में आग।। 2. जिस देश मैं नहीं होता हो सही सम्मान लुगाई का उस देश का नाश लाजमी, जड़ै अपमान लुगाई का सारी जिन्दगी राम भज्या सै, नहीं भुगतान दुहाई का घणा अष्टा बणा दिया सै, यो इम्तहान लुगाई का मैं तो मरली, दिल में जरली, लाउं नाश जले कै आग मेरै तो सिलगै बदन में आग।। 3. राम गाम सुणता हो तै, हाम कति ज्यान तै मरली औरत घणी सताई जागी, या मेरे दिल में जरली सबला लूटी अबला लूटी, दास बणाकै धरली इबै तो और सहणा होगा, के इतणे मैं सरली ना होठ सिउं ना जहर पिउं, तेरा करूं सामना निर्भाग मेरै तो सिलगै बदन में आग।। 4. डूबूं तिरूं मन होज्या सै, सोचूं कदे फांसी खावण की फेर सोचूं हिम्मत करकै, सजा कराद्यूं सुरते रावण की मां नै भी दिया बहुत सहारा, ऐसी मां ना पावण की कसर ना छोड़ी बबीता नै मेरा साथ निभावण की ना कदम हटावै ना केस ठावै न्यां रणबीर सिंह करै जाग मेरै तो सिलगै बदन में आग। 444*********** बेरोजगारी नै भारत मैं लड़के लड़की खूब सताए रै। आज अवसाद और नशे मैं ये जान बूझकै फंसाए रै। 1 ढाल ढाल के नशे परोस कै कसूती लत लगाई सै अफीम चरस हीरोइन दारू घर घर में पहुंचाई सै नशे माफिया नै दुनिया मैं बहोत उधम मचाई सै अफ़गानिस्तान गढ़ बनाया अमेरिका की चतुराई सै आज पंजाब के नौजवान ये नशे में खूब डुबाये रै। आज अवसाद और नशे मैं ये जान बूझकै फंसाए रै। 2 नेता अफसर पुलिस की तिग्गी कहैं धंधा चला रही सरकार छोटे-मोटे नै पकड़े जुल्मियों नै बचा रही किततैं आवै कौन व्यापारी बात सारी ये छिपा रही शातिर ढंग तैं माफिया तिग्गी पूरा जाल बिछा रही कोये घर ना बच्या दारू तैं सुल्फे फीम नै आण दबाए रै।। आज अवसाद और नशे मैं ये जान बूझकै फंसाए रै।। 3 साथ मैं म्हारे शासकों नै यो पोर्न का जाल बिछाया सै स्मार्ट फोन पै पोर्नोग्राफी तैं कसूता उधम मचाया सै वेश्यावृत्ति बढ़ी टीवी नै सब ढाल का रंग दिखाया सै लूटो खाओ मौज उड़ाओ घर घर संदेश पहुंचाया सै बेरोजगार युवक युवती उल्टे धंधयां मैं लगाए रै।। आज अवसाद और नशे मैं ये जान बूझकै फंसाए रै।। 4 नशा पोर्नोग्राफी ल्याकै नैं बेरोजगारों का मुंह मोड़ दिया जात पात और धर्म पै बांटे मानवता का सिर फोड़ दिया बहुविविधता भुला दई भाईचारे का धागा तोड़ दिया गौ माता का नारा इसकी गेल्याँ ल्याकै नै जोड़ दिया के होगा म्हारे हिंदुस्तान का रणबीर भी घबराए रै।। आज अवसाद और नशे मैं ये जान बूझकै फंसाए रै।। 445******** द्रोपदी चीर हरण पै महा भारत संग्राम हुया सुनाया।। आज लाखां द्रोपदी लूटी जां कृृष्णजी नहीं टोहया पाया।। द्रोपदी को जुए पै लाणे की हमनै या संस्कृृति सिखावै सै पांचां की एक बहू होगी या महाभारत हमनै समझावै सै महाभारत महाकाव्य मैं द्रोपदी को न्याय नहीं दिलवाया।। द्रोपदी चीर हरण पै .............................. महा भारत मैं द्रोपदी गेल्यां बहोत बुरा व्यवहार हुया आज घणे अत्याचार बढ़े महिला विरोधी संसार हुया धुर तैं महिला निशाने पै मनुवाद नै कहर घणा ढाया।। द्रोपदी चीर हरण पै....................................... महिला विरोधी माहौल तैं आज लड़ना घणा जरुरी सै मिलै बरोबर का दरजा कैसे क्यों सताई जावै नूरी सै संघर्ष करकै हक पावांगे दूर करां अंधविश्वासी छाया।। द्रोपदी चीर हरण पै ............................................. सामाजिक न्याय का मसला आज पूरे भारत मैं उठावांगे किसान मजदूर को सम्मान मिलै इसा राज हम ल्यावांगे महाकाव्य महाभारत आज किसनै यो सै इतिहास बताया।। द्रोपदी चीर हरण पै.................................................... कौनसी परम्परा रुढिवादी सै कौनसी सै जन हितकारी इसपै बहस चलानी होगी ना तो नुकसान होवैगा भारी रणबीर सिंह सोच समझ कै द्रोपदी का प्रसंग ल्याया।। द्रोपदी चीर हरण पै..................................................... 446******** बलात्कारी गुरमीत बाबा आज ठहरा दिया हत्यारा रै।। रामचन्द्र की शहादत काम आई नाम गूंज गया दोबारा रै। 1 डेरा सच्चा सौदा के बाबा की करतूत साहमी आगी रै रामचन्द्र छत्रपति की कुर्बानी रहीम नै पाठ पढ़ागी रै परिवार मैं खुशी छागी रै यो राम रहीम दोषी म्हारा रै।। रामचन्द्र की शहादत काम आई नाम गूंज गया दोबारा रै।। रूढ़िवाद के दम पै राम रहीम नै जनता खूब भकाई अंधविश्वासों के झांसे देकै डेरे मैं साध्वी खूब सताई दुराचारी नै छवि बनाई लेकै नै सेवा का साहरा रै।। रामचन्द्र की शहादत काम आई नाम गूंज गया दोबारा रै।। 3 स्कूल अस्पताल खोल कै बाबा नै साख बनाई थी गरीब लोगों नै अपनी बेटियां पढ़ण नै खंदाई थी साध्वी घणी सताई थी कोण्या चाल्या कोये चारा रै।। रामचन्द्र की शहादत काम आई नाम गूंज गया दोबारा रै।। 4 पूरा सच अखबार नै भांडा सच्चे सौदे का फोड़ दिया खोल दिये भेद डेरे के घमंड रहीम का तोड़ दिया रणबीर छन्द जोड़ दिया करकै नैबारा छह ठारा रै।। रामचन्द्र की शहादत काम आई नाम गूंज गया दोबारा रै। 447******** मंदिर मस्जिद के झगड़े मंदिर मस्जिद के झगड़े म्ह क्यूँ लोग्गां नै उल़झा रे सो। धर्म के नां पै आपणी आपणी रोटी सेंक पका रे सो।। मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे सब माणस की कलाकारी सै उनमै जो भगवान बिठाये वा भी तो फनकारी सै सब धर्मों का मूल एक बस रंगत न्यारी न्यारी सै मजहब पै लड़वाणा तो या खुदगर्जी मक्कारी सै राजनीति का खेल खेलकै क्यूँ नफरत फैला रे सो। स्याणे माणस कहग्ये बसता रोम रोम म्ह राम सुणो सबके दिलमै अल्लाह मुरसद मोहबत का पैगाम सुणो ईश्वर की भक्ति म्ह शक्ति गावैं धरम तमाम सुणो लेकिन ललक राज की होसै खोटी नीत हराम सुणो अफवाह झूठ फलाकै क्यूँ जनता की गींड बणा रे सो। मंदिर बणने पै के सब हिन्दुआं का टोट्टा हटज्यागा रोटी कपड़ा छत शिक्षा का के यू रास्सा मिटज्यागा मस्जिद बणने पै के यू इस्लाम का संकट कटज्यागा अनपढता और निर्धनता तै के यू पैंड्डा छुटज्यागा भ्रम फलाकै लोग्गां म्ह क्यूँ आपणी मौज उडा रे सो। आपस मे बतल़ाकै नै ओड़ै एक युनस्टी खुलवाद्यो ऊंची शिक्षा पाज्यां बाल़क दाग जिगर के धुलवाद्यो बड़ा मैडिकल कालज खोलोआच्छे डाक्टर बुलवाद्यो खोल म्यूजियम सब धर्मां के बैरभाव नै भुलवाद्यो कहै मंगतराम गरीबां नै क्यूँ बिन आई मरवा रे सो। 448********** जन स्वास्थ्य अभियान हरियाणा जन स्वास्थ्य अभियान कहै एक अभियान चलावैं रै। ताजा खाणा पीणा ताजी हवा तैं सेहत बणावैं रै।। कुदरत साथ संघर्ष म्हारा बहोत पुराणा कहते रै यो तनाव जब घणा होवै कहैं बीमार घणे रहते रै बिना कुदरत नै समझैं माणस दुख हजारां सहते रै इसतै मेल मिलाप होज्या तै सुख के झरने बहते रै जिब दोहण करैं कुढ़ाला तो उड़ै रोगै पैर जमावैं रै।। ताजा खाणा पीणा ताजी हवा तैं सेहत बणावैं रै।। सिन्धु घाटी की जनता नै सेहत के नियम बनाये थे चौड़ी गाल ढकी नाली ये घर हवादार चिनाये थे पीवण खातर बणा बावड़ी न्यारे जोहड़ खुदवाये थे जितनी समझ थी उनकी रल मिल पूरे जोर लगाये थे जिब पैदावार के ढंग बदलैं बीमारी बी पल्टा खावैं रै।। ताजा खाणा पीणा ताजी हवा तैं सेहत बणावैं रै।। माणस मैं लालच बधग्या, कुदरत से खिलवाड़ किया ,बिना सोचें समझें कुदरत का सन्तुलन बिगाड़ दिया लालची नै बिना काम करें बिठा ऐश का जुगाड़ लिया माणस माणस मैं भेद होग्या रिवाज न्यारा लिकाड़ लिया समाज के अमीर गरीब मैं क्यों न्यारी बीमारी पावै रै।। ताजा खाणा पीणा ताजी हवा तैं सेहत बणावैं रै।। साफ पाणी खाणा और हवा रोक सकैं अस्सी बीमारी ना इनका सही बंटवारा सै मनै टोहली दुनिया सारी जिस धोरै ये चीज थोड़ी सैं उड़ै होवै बीमारी भारी होयां पाछै इलाज सै म्हंगा न्यू माणस की श्यामत आरी रणबीर सिंह नै छन्द बनाया मिलकै सारे गावैं रै।। ताजा खाणा पीणा ताजी हवा तैं सेहत बणावैं रै।। 449******* मनुवाद अनादि ब्रह्म नै धरती पै यो संसार रचाया कहते मुंह बांह जांघ चरणों तैं सै सबको बसाया कहते 1 मुंह तैं बाह्मण पैदा करे चर्चा सारे हिंदुस्तान मैं बाँहों से क्षत्रीय जन्मे जो डटते आये जंगे मैदान मैं जांघ से वैश्य पैदा करे लिख्या म्हारे ग्रन्थ महान मैं चरणों से शुद्र जन्म दिये आता वर्णों के गुणगान मैं चार वर्णों का किस्सा यो जातों का जाल फैलाया कहते 2 भगवान नै शुद्र के ज़िम्मे यो एक काम लगाया बाक़ी तीनों वर्णों की सेवा शुद्र का फर्ज बताया शुद्र जै इणनैं गाली देदे जीभ काटो विधान सुनाया नीच जात का बता करकै उसतैं सही स्थान दिखाया मनुस्मृति ग्रन्थ मैं पूरा हिसाब गया लिखाया कहते 3 शुद्र जै किसे कारण तै इणनैं नाम तैं बुला लेवै दस ऊँगली लोहे की मुंह मैं कील ठुका देवै भूल कै उपदेश देदे तै उसके कान मैं तेल डला देवै लाठी ठाकै हमला करै तो शुद्र के वो हाथ कटा देवै मनु स्मृति नै शुद्र खातर नर्क कसूत रचाया कहते 4 बाबा अम्बेडकर जी नै मनुस्मृति देश मैं जलाई थी उंच नीच की या कुप्रथा मानवता विरोधी बताई थी कमजोर तबके कट्ठे होल्यो देश मैं अलख जगाई थी आरएसएस मनुवाद चाहवै असली शक्ल दिखाई थी रणबीर महात्मा बुद्ध भी इसपै सवाल ठाया कहते 450******** पंचायतां की रेल सुणियो ईब कथा सुणाउं, खोल कै सारी बात बताउं।। साच कैहन्ता ना शरमाउं, पंचायतां की रेल बनाई।। 1. ग्राम विकास के नाम पीसा घणा खाया जावै देखो ग्रामीण जनता को तै रोज भकाया जावै देखो पंचायती राज का खोल सै, इसमैं होरी घणी रोल सै बिना बजट सब गोल सै, पंचायतां की रेल बणाई।। 2. मैम्बर पंचायत बणी सरपंच मीटिंग बुलावै ना कारवाई रजिस्टर चाहूं देखणा नपूता दिखावै ना ग्राम सभा पढ़ण बिठादी झूठी मीटिंग हुई दिखादी साइन करवा हुई बतादी, पंचायतां की रेल बणाई।। 3. अफसर भी म्हारे डूब गये देखती आंख्यां माखी खावैं गाल पक्की जिब हुई नहीं तो क्यों हुया खरच बतावैं बी डी ओ की हिस्सा पत्ती सै, सरपंच तै इनकी बत्ती सै गाम मैं आवै मास्सा रत्ती सै, पंचायत की रेल बणाई।। 4. चौधर के भूखे सरपंची के ये दावेदार बणे देखो सुलफे तै फुरसत ना आप्पे मैं थानेदार बणे देखो गालां की सुध नहीं लेवैं ये, बैठे बस थूक बिलौवें ये रणबीर के ताकू चभौवैं ये, पंचायतां की रेल बणाई।। 451.***** संघर्ष का राह खेत क्यार खूब कमाया रै, करकै नै कमाल दिखाया रै, संघर्ष का राह अपनाया रै, जाग्या किसान हिंदुस्तान का।। 1 देश की आजादी खातर अपनी ज्यान खपाई हमनै पंजाब हरियाणा बिहार मैं न्यारी रीत चलाई हमनै अंगरेजां का भूत बनाया रै, सब किमैं दा पर लगाया रै, फेर देश आजाद कराया रै, जाग्या किसान हिंदुस्तान का।। 2 देश आजाद होये पाछै हम हरित क्रांति ल्याये भाई खेत क्यार कामवण तैं हम कदे नहीं घबराये भाई हिंदुस्तान आगै बढ़ाया सै, सात आसमान चढ़ाया सै, हटकै नै संघर्ष चलाया सै, जाग्या किसान हिंदुस्तान का।। 3 हमनै पहले भी संघर्ष करे उणमैं लाठी गोली खाई रै जय जवान जय किसान की बढ़िया तस्वीर बनाई रै सरहद पै नाम कमाया सै, देश का सम्मान बढ़ाया सै, जवान कदे ना घबराया सै, जाग्या किसान हिंदुस्तान का।। 4 तीन काले कानूनों के खिलाफ आज आवाज उठाई जुल्मो सितम कै साहमी लड़ण की रिवाज चलाई हम आगै बढ़ते जारे भाई, संघर्ष बिगुल बजारे भाई, रणबीर कलम चलारे भाई, जाग्या किसान हिंदुस्तान का।। 452****** नए आयाम किसान आंदोलन बढ़ता जावै सरकार की छाती चढ़ता जावै यो नए नए आयाम गढ़ता जावै कारपोरेट नै लाजमी हरावै रै।। 1 देख्या जमा घटा करकै खूब इस सरकार नै आंदोलन समझ गया सै थारी लूट की धार नै हम पर हमला कराती सरकार हमलावर हमें ठहराती सरकार एफआइआर करवाती सरकार झूठे इल्जाम रोजाना लगावै रै।। 2 राज का साहरा लेकै विरोधी स्वर दबाये जावैं विरोधियों पै केस झूठे हर रोज बनवाये जावैं नौदीप कौर पर एफआईआर मनदीप पूनिया पर भी प्रहार नवदीप सिंह पर किया वार जनता इनका साथ निभावै रै।। 3 भुलाए नहीं जावैं अत्याचार जनता याद राखैगी लड़ाई लड़ी जावैंगी हर बार खट्टा मीठा चाखैगी द वायर सच साहमी ल्यावै ऑल्ट न्यूज ना वार लगावै झूठी खबर खोज कै बतावै या असली चेहरा दिखावै रै।। 4 अमरीका के किसान संगठन भारत संग आये रै दुखड़े चालीस साल पहले के सारे खोल बताये रै सारे किसान एक हो जाओ मिलकै एक मंच पर आओ दुनिया भर मैं आवाज ठाओ रणबीर सिंह छंद बनावै रै।। 453****** तख्ता पलट *कानून वापिस कराणे नै तख्ता पलट कराणा होगा।।* *मजदूर किसान नै एक होकै सबक सिखाना होगा।।* 1 जो कदे बी मिट सकै ना वा मुनाफे की भूख जागरी कड़े मुकाबले की कसूती दुनिया मैं या होड़ लागरी दैत्य रूपी या कारपोरेट हमनै पूरी ढालां छांगरी म्हारे बरगे देशों की सरकार इनके पाछै पाछै भाजरी *किसान मजदूर नै जनको इनका खेल समझाणा होगा।।* मजदूर किसान नै एक होकै सबक सिखाना होगा।। 2 तबाह होंते किसानों की इणनैं कति परवाह कोण्या उजड़ रहे मजदूरों की तै इणनैं दीखती आह कोण्या किसान मजदूर व्यापारी घेरे छोडडी जीन की राह कोण्या इनका भला सोचै कारपोरेट दिखाई देवै चाह कोण्या *आत्म हत्या सै गलत रास्ता राह असली दिखाणा होगा।।* मजदूर किसान नै एक होकै सबक सिखाना होगा।। 3 किसान मजदूर कमा कमा इनके खूब खजाने भरते किसान मजदूर सुख तैं जीलें उस राह पाँ ना धरते म्हारे नौजवान बेटे बेटियां की कति चिंता ना करते ऊपर तैं अकड़ दिखाते भीतर भीतर घणे ये डरते *डबोया चाहवैं लुटेरे हमनै ना डूबें तैर कै बताणा होगा ।।* मजदूर किसान नै एक होकै सबक सिखाना होगा।। 4 किसान मजदूर की एकता समों की मांग बतावैं भाई मिल जुल कै सारे आंदोलन का बेड़ा पार लगावैं भाई महरी एकता तोड़ण खातर चाल खूब चलावैं आत्मताई रणबीर बरोणे आला बी सोच समझ कै करै कविताई *लुटेरयां की पिछाण करकै इब पाठ पढ़ाणा होगा।।* मजदूर किसान नै एक होकै सबक सिखाना होगा।। 454******** बसताड़ा टोल प्लाजा बसताड़ा टोल प्लाजा पै किसानां पै लाठियां घणी चलाई।।* *कई किसान जख्मी होगे सरकार हुई सै घणी हड़खाई।।* 1 किसानों पै लाठी बरसवाकै थारा कै दिन राज चलैगा मजदूर किसान छोटा व्यापारी सुधां ब्याज वसूल करैगा *बेच्या देश यो कारपोरेट कै जनता की समझ मैं आई।।* कई किसान जख्मी होगे सरकार हुई सै घणी हड़खाई।। 2 किसान मोर्चे नै यो तुरत भारत बंद का करया एलान सरकार के पुतले जला जला सही जवाब दिया किसान *देश के हकां की खातिर लड़रे दूजी आजादी की लड़ाई।।* कई किसान जख्मी होगे सरकार हुई सै घणी हड़खाई।। 3 कमेरयां की बनी एकता इस सरकार कै सांस चढ़ावैगी तीनों काले कानून वापिस पूरा हांगा लाकै नै करवावैगी *नहीं लिए वापिस तो सरकार नै करैगी चालती भाई।।* कई किसान जख्मी होगे सरकार हुई सै घणी हड़खाई।। 4 ढाल ढाल की चाल चालकै सरकार एकता तोड़ी चाहवै नब्बै की एकता दस नै लाजमी बात सै जरूरी ढ़ाहवै *रणबीर वंचित तबके समझ रहे सरकार की सब चतुराई।।* कई किसान जख्मी होगे सरकार हुई सै घणी हड़खाई।। 455******** असली चेहरा सरकार का यो असली चेहरा , चौड़े कै मंह दिखाई देरया, आज जमा खुलासा होग्या हे। 1 नबबै जमा मार दिए या दस की चांदी करी देखो म्हारी गोज खाली करकै अम्बानी की भरी देखो किसान मजदूर आवाज ठावै थारी सरकार तै दबाया चाहवै घणा मोटा रास्सा होग्या हे। 2 डेरे गेर दिए किसानी नै देखो दिल्ली के मैं हे मुंह फेर लिए सरकार नै देखो दिल्ली के मैं हे घणे सब्ज बाग दिखाए बेबे जोर लगाकै हम भकाये बेबे, घणा तमाशा होग्या हे। 3 अम्बानी तै थारा मुलाहजा जनता और नहीं झेलैगी संघर्ष करैगी मिलजुल कै थामनै सारी जगां तैं पेलैगी हमतो खेत खलिहान बनावैं महल अटारी आलीशान बनावैं म्हारा मुश्किल बासा होग्या हे। 4 जनता के संघर्ष बढ़ेंगे इतना तो जानल्यो मोदी जी तीन बिल वापसी की मांग तावले से मानल्यो मोदी जी रणबीर सिंह नै बात बनाई गाम गाम मैं अलख जगाई बेरा सबनै खासा होग्या रै। 456******** 18 अक्टूबर रेल रोको का अभियान पूरे हरियाणा मैं चलावांगे।। कई टेशनां के ऊपर हम सब मिलकै जाम लगावांगे।। 1 रोहतक जिले मैं मिलकै नै कई टेशनों पै नारे लगावैं रेल नहीं जावण दयां रेल पटरी पै बैठकै साथ निभावैं *किसान एकता मोर्चा जिंदाबाद यो नारा खूब गूंजावांगे।।* कई टेशनां के ऊपर हम सब मिलकै जाम लगावांगे।। 2 कुरुक्षेत्र कैथल भिवानी मैं महिला पुरुष आगै आवैं किसानों भी उनकी गेल्याँ उड़ै कदम तैं कदम मिलावैं *तीन कानूनों के खोट एक एक खोलकै* *समझावांगे।।* कई टेशनां के ऊपर हम सब मिलकै जाम लगावांगे।। 3 जींद जिले के बरसौला मैं रेल रोको पूरा सफल करांगे बामला मैं महिलाओं की साथ सबतैं आगै कदम धरांगे पुरुष महिला सारे मिलकै आंदोलन का होंसला बढ़ावांगे।। कई टेशनां के ऊपर हम सब मिलकै जाम लगावांगे।। 4 यमुना नगर मैं भी टेशन पै कुछ घण्टे रेल रोकी जावै सारे हरियाणा के मैं देखियो पूरी ताकत झोंकी जावै रणबीर कहै कई प्रदेशों मैं रेल रोको घणा सफल पाया।।* कई टेशनां के ऊपर सबनै मिलकै जाम बणावांगे।। 457******* खाल तारैंगे म्हारी किसान विरोधी कानून ये देखियो खाल तारैंगे म्हारी हे।। इननै वापिस कराने खातर संघर्ष चलावां भारी हे।। 1 उनके बालक भूखे मरते जिणनै खेत खूबै कमाये बिना दूध सीत रहवैं सैं जिणनै डांगर खूब चराये सिरकी घाल करैं गुजारा जिणनै ताज महल बनाये तन पै उनके लत्ता ना जिणनै कपड़े के मील चलाये भगवान भी आँधा कर दिया ना दिखता भ्रष्टाचारी हे।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलावाँ भारी हे।। 2 जितना करड़ा काम म्हारा नहीं सम्मान उतना मिलता दस नम्बरी मानस जितने उनका हुक्म देख्या पिलता नकली फूल सजावैं देखो यो क्यों ना असली खिलता कहैं उसके बिना आड़ै यो पत्ता तक बी नहीं हिलता सबके ऊपर उसका खयाल नहीं फेर किसा न्याकारी हे।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलावां भारी हे।। 3 डांगर की कद्र फालतू माणस बेक़दरा संसार मैं छोरे की कद्र घणी सै छोरी धन पराया परिवार मैं किसे किसे जुल्म होण लागरे छपते रोज अखबार मैं माणस खानी म्हारी व्यवस्था लादे बोली बाजार मैं कति छांट कै इसनै चलवाई महिला भ्रूण पै कटारी हे।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलावां भारी हे।। 4 इस व्यवस्था मैं मुट्ठी भर तै हो घणे माला माल रहे अम्बानी हर नै जाल पूरया चला ये अपनी ढाल रहे सोच समझ कै बढियो आगै माफिया कसूते पाल रहे फौज और पुलिस नै बणा रणबीर ये अपनी ढाल रहे सही सोच कै संघर्ष नै हिंदुस्तानी किसानी चलारी हे।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलावां भारी हे।। 458******* खूनी कीड़े *नई सदी के ये खूनी कीड़े फेर गुलाम बनाया चाहवैं।* *संकट फैला के चारों कान्हीं म्हारा मोर नचाया चाहवैं।।* 1. पानी खाद बिजली पै सब्सिडी खत्म हुई सारी क्यों धरती लाल स्याही मैं चढ़ी दरवाजे खड़ी बीमारी क्यों ब्याह शादी मुश्किल होगे बढ़ी ईब बेराजगारी क्यों पेट्रोल डीजल महंगे करे ना ढंग की मोटर लारी क्यों *बढ़ा कै बेरोजगारी नै ये म्हारी ध्याड़ी घटाया चाहवैं।।* संकट फैला के चारों कान्हीं म्हारा मोर नचाया चाहवैं।। 2. गिहूं अर चावल देश मैं ये चिड़िया घर मैं टोहे पावैंगे दूध शीत बिना ये बालक म्हारे भैंसा कान्ही लखावैंगे फसल के मालिक बिदेशी होज्यां दूर बैठ हुकम चलावैंगे हम के बोवां अर के खावां देशी बदेशी साहूकार बतावैंगे *दारू सुलफा स्मैक पिलाकै हमनै कूण मैं लाया चाहवैं।।* संकट फैला के चारों कान्हीं म्हारा मोर नचाया चाहवैं।। 3. दारू बुरी बीमारी जगत के मां जानै दुनिया सारी भाई फेर क्यों या काढ़ी जावै सै नुकसान करती भारी भाई माफिया पाल ये दारू के करैं फेर फरमान जारी भाई म्हारे बालक फंसावैं जाल मैं म्हारा अकल मारी भाई *लाशां के उपर दारू बेचैं अपणा मुनाफा बढ़ाया चाहवैं।।* संकट फैला के चारों कान्हीं म्हारी मोर नचाया चाहवैं।। 4. अमरीका जापान मैं सब्सिडी हम देते सभी किसानां नै इम्पोर्ट ड्यूटी भारया उनकी पिटवाते म्हारे धानां नै उड़े कुत्ते बिल्ली मौज करैं मुश्किल आड़ै इन्सानां नै कमेरे जमा चूस कै बगाये देशी बिदेशी धनवानां नै *कहै रणबीर सिंह मुनाफा खोर ये लगाम लगाया चाहवैं।।* संकट फैला के चारों कान्हीं म्हारा मोर नचाया चाहवैं।। 459******** कै दिन राज करोगे रै वोट लिए हम बहकाकै इब बिजली के रेट बढ़ाकै म्हारे तांहिं आँख दिखाकै कै दिन राज करोगे रै। 1 बिजली कितने घण्टे आवै किसान इसपै विचार करै कम बिजली की तूँ क्यूँ म्हारे सिर पै तलवार धरै बिलां के उप्पर धमकाकै बिल धिंगतानै भरवाकै राज की धौंस दिखाकै कै दिन राज करोगे रै।। 2 बिजली की चोरी थारे चमचे रोज हमनै करते देखे करखनेदारां के एस डी ओ पाणी हमनै भरते देखे जितनी बिजली होवै पैदा इसतैं किसनै कितना फैदा बिना कोये कानून कैदा कै दिन राज करोगे रै।। 3 मुफ़्त बिजली पाणी देऊं एक बै न्यों कैह बहकाये भरपूर बिजली लगातार मिलै वोट थे तणै गिरवाये कर्मचारी साथ मिलाकै बैठ गया कुर्सी पै जाकै रोज ये झूठी सूँह खाकै एकै दिन राज करोगे रै।। 4 निजीकरण ना होवण दयूं इनकी घोषणा तणै करी लारे लप्पे घणे दिए थे जनता नै पीपी तेरी भरी थी विश्व बैंक तनै धमकावै तूँ म्हारे पै छोह मैं आज्यावै रणबीर सिंह छंद बणावै कै दिन राज करोगे रै।। 460********* कट्ठे होल्यां बहोत दिन होगे पिटत्यां नै ईब कट्ठे होकै देख लियो।। बैर भूल कै आपस का प्रेम के बीज बो कै देख लियो।। 1 करड़ी मार नई नीतियां की या सबपै पड़ती आवै सै देश नै खरीदण की खातर बदेशी कंपनी बोली लावै सै या ठेकेदारी प्रथा सारे कै बाहर भीतर छान्ती जावै सै बदेशी कंपनी पै कमीशन यो नेता अफसर खावै सै मन्दिर का छोड़ कै पैण्डा भूख गरीबी पै रोकै देख लियो।। बैर भूल कै आपस का प्रेम के बीज बो कै देख लियो।। 2 जड़ै जनता की हुई एकता उड़ै की सत्ता घबराई सै थोड़ा घणा जुगाड़ बिठाकै जनता बहकानी चाही सै जड़ै अड़कै खड़ी होगी जनता लाठी गोली चलवाई सै लैक्शनां पाछै कड़ तोड़ैंगे या सबकी समझ मैं आई सै ये झूठे बरतन जितने पावैं ताम सबनै धोकै देख लियो।। बैर भूल कै आपस का प्रेम के बीज बो कै देख लियो।। 3 हालात जटिल हुये दुनिया मैं समझणी होगी बात सारी ईब ना समझे तो होज्या नुकसान म्हारा बहोतैए भारी पैनी नजर बिना दीखै दुश्मन हमनै घणा समाज सुधारी हम सब की सोच पिछड़ी नजर ना नये रास्ते पै जारी भीतरले मैं अपणे भी दिल दिमाग गोकै देख लियो।। बैर भूल कै आपस का प्रेम के बीज बो कै देख लियो।। 4 जात धरम इलाके पै हम न्यारे-न्यारे बांट दिये रै कुछ की करी पिटाई कुछ लालच देकै छांट लिये रै म्हारी एकता तोड़ बगादी ये पैर जड़ तै काट दिये रै ये देशी बदेशी लुटेरे म्हारे हकां नै नाट लिये रै रणबीर सिंह दुख अपणे के ये छन्द पिरोकै देख लियो।। बैर भूल कै आपस का प्रेम के बीज बो कै देख लियो।। 461******** फांसी खाने से नहीं बात बणै फांसी खा खा कै ना बात बनै लड़ने का माहौल बनावां रै।। मजबूत किसान आंदोलन कर कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 1 धर्म किसानी जात किसानी किसानां का साँझा मंच बण्या रै धुर की लड़ाई लड़नी होगी राज की गेल्याँ खूब तण्या रै लालच मैं आकै जो एकता तोडैं उन कान्ही ना कति लखावां रै।। मजबूत किसान आंदोलन कर कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 2 तीन काले कानूनं वापिस ल्यो मांग पत्र पै हम लडांगे नहीं मान्या राज पाट तो हम मिलकै सारे जेल भरांगे आत्म हत्या का यो छोड़ रास्ता संघर्ष का बिगुल बजावां रै।। मजबूत किसान आंदोलन कर कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 3 इसमें शक नहीं सै कोए यो म्हारा अष्टा संघर्ष बताया दुश्मन नै बचण की खातर जात पात का किला बनाया म्हारे बेटे फ़ौजी जितने उनने सारी बात समझावां रै।। मजबूत किसान आंदोलन कर कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 4 लेकै मजदूर नै गेल्याँ अपनी जीतण की करां त्यारी इसे सिस्टम का खरना बदलां जीनै ज्यान काढ़ ली म्हारी आज की लड़ाई लड़ां मिलकै राज नै जरूर झुकावां रै।। मजबूत किसान आंदोलन कर कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 5 सारे काले मजदूर किसान कानून खत्म करवाकै मानांगे रै आत्म हत्या नहीं करां निशाना अम्बानी हर पै तानांगे रै कहै रणबीर लेल्यां सम्भाला लड़कै ही तो बच पावां रै || मजबूत किसान आंदोलन कर कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 462******* खेल महंगा पडज्यागा मतना खेलो तम म्हारी गेल्याँ खेल यो म्हंगा पड़ज्यागा।। म्हारे नौजवान साथ आगे उस दिन नक्शा झड़ज्यागा।। 1 म्हारी तबाही लिखी जिनमैं सब नीति इसी बना राखी उप्पर तैं कड़ थेपड़ो म्हारी जड़ मैं सुई चुभा राखी किसान इब समझै सारी कसूती ढाल यो भीड़ज्यागा ।। म्हारे नौजवान साथ आगे उस दिन नक्शा झड़ज्यागा।। 2 इतने तैँ काम ना चल्या न्यारी न्यारी जातां मैं बाँट दिए किसानां की कड़ तोड़ दी पर कसूते ढालाँ काट दिए हूंकार भर किसान यो राज कै साहमी अड़ज्यागा।। म्हारे नौजवान साथ आगे उस दिन नक्शा झड़ज्यागा।। 3 बांटल्यो जात धर्म उप्पर घने दिनां ना पार पड़ैगी किसान समझै धीरे धीरे हट हट कै मार पड़ैगी अपणे बचा मैं सोचैगा यो धुर की लड़ाई लड़ज्यागा।। म्हारे नौजवान साथ आगे उस दिन नक्शा झड़ज्यागा।। 4 अडाणी और अम्बानी सुणो सुणो बदेशी कम्पनी आल्यो किसान लावा बण फूटैगा बच सकै ज्यान तो बचाल्यो रणबीर ले ल्यो रै सम्भाला ना हाल जमा बिगड़ज्यागा।। म्हारे नौजवान साथ आगे उस दिन नक्शा झड़ज्यागा।। 463****** रेल रोको *रेल रोको का अभियान पूरे हरियाणा मैं चलाया।।* *कई टेशनां के ऊपर सबनै मिलकै जाम लगाया।।* 1 रोहतक जिले मैं लोगों नै कई टेशनों पै नारे लगाए रेल नहीं जावण दी रेल पटरी पै बैठकै साथ निभाये *किसान एकता मोर्चा जिंदाबाद यो नारा खूब गूंजाया।।* कई टेशनां के ऊपर सबनै मिलकै जाम लगाया।। 2 कुरुक्षेत्र कैथल भिवानी मैं महिला पुरुष आगै आये किसानों नै भी उनकी गेल्याँ कदम तैं कदम मिलाये *तीन कानूनों के खोट एक एक खोलकै* *समझाया।।* कई टेशनां के ऊपर सबनै मिलकै जाम लगाया।। 3 जींद जिले के बरसौला मैं रेल रोको पूरा सफल करया बामला मैं महिलाओं नै सबतैं आगै अपना कदम धरया *पुरुष महिला नौजवानों नै आंदोलन का* *होंसला बढ़ाया।।* कई टेशनां के ऊपर सबनै मिलकै जाम लगाया।। 4 यमुना नगर मैं भी टेशन पै चार घण्टे रेल रोक दई हरियाणा वासियों नै अपनी पूरी ताकत झोंक दई *रणबीर नै कई प्रदेशों मैं रेल रोको घणा सफल पाया।।* कई टेशनां के ऊपर सबनै मिलकै जाम लगाया।। 464******* कालजा धड़कै मेहनतकश तेरा हाल देख कर मेरा कालजा धड़के रै।। या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।। 1 एक क्वींटल गण्डा हम करकै मेहनत उपजावां सां राल्ला बीस किलो दस सीरा इसतैं आज बनावां सां बारा किलो चीनी बनती खोही का ना मोल लावां सां इन का मोल तीन हजार नहीं कदे हिसाब बिठावां सां तीन सौ पचास मिलते हमनै माट्टी गेल्याँ माट्टी बनकै रै।। या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।। 2 पैंतीस सौ कित जावै देखो नहीं हिसाब कदे बी लाया कदे समझलयां भेद सारा अनपढ़ता का जाल बिछाया बांट बांट कै साजिस तैं हरिजन का क्यों दुश्मन बनाया मिल मैं मजदूर भाई म्हारा म्हारी गेल्याँ किसनै भिड़ाया तीनों आपस में लड़ा दिए तीर इसा तरकस मैं भरकै रै।। या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।। 3 मेहनतकश का बैरी देखो मेहनतकश आज बणाया रै साढ़े तीन हजार लूटकै म्हारे सतरंगा जाल बिछाया रे म्हारे बेटा बेटियों को उसनै अपनी गोद मैं बिठाया रै इतना जुल्म देख धरती पै काँपज्या कृष्ण की काया रै ईब तो संभाला लेल्यां नहीं तै मरना होज्या सड़ कै रै।। या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।। 4 बेटा बेटी बिगाड़ण खातिर भद्दे गाने सिनेमा त्यार किये दारू मैं डबोवण की खातिर ठेके खोल ये बेशुमार दिये ये तीन सौ पचास भी म्हारे इणनै बेदर्दी तैं डकार लिये सिर भी म्हारा जूती म्हारी बिन आई के हम मार दिए रणबीर सिंह बरोने आला ललकार रहया छंद घड़ कै रै।। या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।। 465******* 27 सितम्बर बन्द किसान संघर्ष बढ़ता जावै भाजपा निजाम थर्राया रै।। सत्ताईस सितम्बर का बन्द यो ऐतिहासिक बताया रै।। 1 पहले के दो भारत बंद इस बन्द नै पाछै छोड़ दिये संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पै कर तोड़ दिये आंदोलन के दस मिहने पै भारत बंद करकै दिखाया रै।। सत्ताईस सितम्बर का बन्द यो ऐतिहासिक बताया रै।। 2 किसान संघर्ष मैं शहीद छह सौ पांच हो लिए बताये आगै बढ़ते जारे किसान नहीं पाछै नै कदम हटाये इन सबकी याद मैं सारै बन्द मैं गया शीश नवाया रै।। सत्ताईस सितम्बर का बन्द यो ऐतिहासिक बताया रै।। 3 सतरा सितम्बर नै लोक सभा मैं बिन बहस पास करवाये बीस सितम्बर राज्य सभा मैं मोदी ये निजाम आगै सरकाये सत्ताईस सितम्बर बीस नै राष्ट्रपति नै ठपॉ लगाया रै।। सत्ताईस सितम्बर का बन्द यो ऐतिहासिक बताया रै।। 4 उन्नतीस सितम्बर सरकार नै मजदूरों कै भी सांस चढ़ाई रै मजदूर विरोधी तीन संहिताएं धक्के तैं पास कराई रै रणबीर किसान मजदूर पै यो कसूता आरा चलाया रै।। सत्ताईस सितम्बर का बन्द यो ऐतिहासिक बताया रै।। 466******* एकता के बीज किसान संघर्ष देश मैं आज तेज घणा कसूता होवैगा।। कमेरा हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 1 कारपोरेट के खिलाफ छेड़ दई जंग पूरी देखो सरकार इसकी तलहडू सै करै जी हजूरी देखो आर पार की लड़ाई होगी मोदी नई झूठ टोहवैगा।। कमरा हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 2 जात धर्म इलाके पर लड़वा कै तेज कररे लूट म्हारी किसानों और मजदूरों कै दे दी आछे ढाल बुहारी तीन बिल किसान विरोधी मोदी लागै देश नै डबोवैगा।। कमेरा हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 3 निजीकरण करकै सारे महकमे बेच रहया सै अडानी अम्बानी के निशाने पै टेक रहया सै संविधान की परवाह कोण्या सम्मान देश का खोवैगा।। कमेरा हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 4 समझ बूझ तै सँघर्ष को ये आगै लेज्यावैंगे भाई या नब्बे दस की लड़ाई जीत कै दिखावैंगे भाई रणबीर सिंह बरोने आला नए नए छंद पिरोवैगा।। काल हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 467******* तीन काले कानून सरकार तीन कानून बणाकै चाहवै धरती कै मारया रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाकै यो उधम मचवाया भारया रै।। 1 लागत बढ़ती जावै खेती की आवत की मार पड़ी देखो किसान एकले ना पिसरे मजदूरों की लार खड़ी देखो लक्ष्मीपुर खीरी की घटना सबका जी हुया खारया रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाकै यो उधम मचया भारया रै।। 2 लागत खेती की बढ़ादी यो म्हारा खर्चा घणा हुया तीन बिल और पास करे जिनका चर्चा आज हुया म्हारी गेल्याँ कोये चर्चा ना पाया ईसा अहंकारा रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाकै उधम मचवाया भारया रै।। 3 साझे बाधे पै भी नहीं गुजारा यो दिन रात मंडे रहवाँ कई खर्च हारी बीमारी के किसपै जाकै दुखड़ा कहवाँ म्हारै कर्ज कई लाख का अम्बानी खूब कमारया रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाए उधम मचाया भारया रै।। 4 बालक फिरैं धक्के खाते बच्या कितै रोजगार नहीं कमेरे की दुर्गति का टोहया किसे नै कोए उपचार नहीं बेरोजगार हांडैं गालां मैं घरक्यां का चढ़ज्या पारा रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाकै उधम मचवाया भारया रै।। 5 घर आली करै सिलाई दिन रात वा काले करती रै खुभात फालतू बचत नहीं पार नहीं कोये चलती रै किसान आंदोलन नै लगाया इंकलाब का नारा रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाए उधम मचवाया भारया रै।। 6 किसान मजदूर छोटे व्यापारी पै नजर धरी बुरी देखो तीन बिलां के खिलाफ सांझा संघर्ष सही धुरी देखो रणबीर बरोनिया नै दिल तैं यो गीत बनाया थारा रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाकै उधम मचवाया भारया रै।। 468******** सर छोटू राम एक बै हट कै आज्य छोटूराम किसान तनै आज बुलावै सै ॥ सन चालीस का कमेरा तनै आज बी उतना ए तै चाहवै सै ॥ म्हणत लगन पक्का इरादा थारे मैं गुण पूरी मिकदार मैं गढ़ी सांपला मैं पैदा होकै थमनै देखि गरीबी परिवार मैं जिक्र हुया थारा संसार मैं छोटूराम किसे कानून बनावै सै ॥ धरती कुड़क ना होवै किसानी थामनै कानून इसा बनाया गोड्यां ताहिं कर्जे मैं धँसरे थे थामनै आकै आजाद कराया एक बै साँस उलगा सा आया वो खरना आज बी गुण गावै सै ॥ खूब जतन करे हमनै ऊबड़ खाबड़ खेत संवारे फेर दखे भाखड़ा डेम का बिजली पानी होगे वारे के न्यारे फेर दखे दस तैं बीस मणे गीहूँ म्हारे फेर दखे म्हणत रंग ल्यावै सै ॥ खाद बीज ले कर्जे पै म्हणत तैं खेत क्यार म्हारे लहलागे रै फसल ले जिब मण्डी पहोंच्या भा कति तले नै ये आगे रै बहोत किसान फांसी खागे रै रणबीर नहीं झूठ बहकावे सै ॥ 469******** मौका सै फिलहाल हांगा लादयो पूरा भाइयो यो मौका सै फ़िलहाल, हाथ दिखारे किसान म्हारे लाल।। 1 काले कानून वापिस कराणे सैं, नहीं कति पाछै कदम हटाणे सैं, दो दो हाथ करकै दिखाणे सैं, दिखावां किसानी ताकत का कमाल।। 2 सरकार का सामना करणा सै, लाठी गोली तै नहीं डरणा सै, छब्बीस नै मार्च पै उतर णा सै, यो ऐलान करया सै तत्काल ।। 3 मोदी अपणे हठ नै छोड़ दिये, काळे कानून उल्टे मोड़ लिये, म्हारी बात का लगा तोड़ लिये, किसानी ताकत करदेगी बेहाल।। 4 खाग्या अम्बानी चूट चूट कै,म्हारे नारयां नै देश मैं पहूँच कै, भाई चारा भर दिया कूट कूट कै, रणबीर कहै मोदी करिये ख्याल ।। 470********* समाई कोण्या चारों कान्हीं तैं खावण लागरे बची इब कति समाई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 1 कुर्बान होज्यांगे पर झुकां नही नयूं मिलकै कसम खाई किसानी संघर्ष की आवाज आज पूरे देश मैं पहूंचाई काले कानून मंजूर नहीं हम होण देवैं तबाही कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 2 लूटैं बनकै म्हारे हितेषी इब आंख आज म्हारी खुलगी तीन काले कानूनों मैं जमा लूटैं तस्वीर हमनै मिलगी कहते कानून थारे भले मैं हमनै पाई वा भलाई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 3 किसान मजदूर की कमाई पै अडानी अम्बानी ऐश करैं म्हारे बालक सल्फास खाकै ना बिन आयी इब मौत मरैं खावैं हमनै दीमक की ढालां चाहते म्हारी भलाई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 4 किसान आंदोलन नै जोड़ी एकता जबरदस्त तैयार होगी कितणी ए लाठी गोली चलाओ ताकतवर एकता हरबार होगी रणबीर बरोणे आले की रहै पाछै आज कविताई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 471********* आर पार की तीन काले कानून बनाये दिल्ली मैं आज किसान कमेरे आये दिल्ली मैं इब होवैगी आर पार की लड़ाई रै।। 1 आज बावन दिन होगे किसान दिल्ली मैं डटरे देख कै किसानी एकता सरकार के पाछने पटरे सबनै मिलकै नारे खूब लगाए भाई, दिल्ली मैं घणे किसान बताये भाई, सरकार दिल्ली की घणी घबराई रै।। 2 एकले हम किसान कोन्या जनता साथ मैं आगी हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई एकता देश मैं छागी जात पात पै बांट नही पाये हमनै, धर्म के ऊपर छांट नहीं पाये हमनै, या ठंड भी संघर्ष रोक नहीं पाई रै।। 3 दूसरे प्रदेशों के भी किसान साथ मैं आये देखो बढ़ो दिल्ली मैं आगै ये सन्देश पहूंचाये देखो आज पूरे देश के मजदूर किसान, हिंदुस्तान मैं ये चढ़गे एक मचान, लड़ागे जीतांगे या हुंकार लगाई रै।। 4 शांत ढंग तैं किसान कमेरे इस आंदोलन नै चलारे पालतू पिल्ले भेष बदल कै भरम फैलाना चाहरे आर पार की हम लड़ाई लड़ेंगे रै, कानून वापसी ताहिं हम अड़ेंगे रै, साथ देवै रणबीर की कविताई रै।। 472******* इब तो जागज्या इब तो जागज्या किसान, देख हमनै कौण लूट रहया।। 1 दिन और रात काम करैं, फेर भी मुश्किल पेट भरैं करैं मौज यहां धनवान, तूँ पाणी से रोटी घूंट रहया।। 2 ये पंडे और पुजारी लूटैं, ये अमरीकी ब्योपारी लूटैं लुटैं क्यों हम भगवान, क्यों अमरीका खागड़ छूट रहया।। इब तो....... 3 बिजली चमकै पाला पड़ता, तूँ पाणी के भीतर बड़ता लड़ता सरहद पै जवान, वो चांदी महलां मैं कूट रहया।। इब तो ..... 4 धनवानों के महल अटारी, खोस लेज्यां मेहनत म्हारी उतारी म्हारे घर की छान, बांस ऊँका बीच तैं टूट रहया।। इब तो.... 5 जब जब ठाये हमनै झंडे, पुलिस के खाये गोली डंडे बनादें मरघट का शमशान, घाल कमेरयां भित्तर फूट रहया।। इब तो..... 6 आज इंसान करया लाचार, नाव फंसी बीच मंझदार हरबार लड़ावै यो बेईमान, म्हारा सब किमै यो चूट रहया।। इब तो.... 7 सुन रणबीर सिंह का गाणा, रोवै बूढ़ा और याणा स्याणा बताणा करे दारू नै गलतान ,भाइयो बोल ना झूठ रहया।। इब तो .... 473********* मेहनत कश किसान मेहनत कश जमाने मैं तूँ घणा पाछै जा लिया । देख इस महंगाई करकै यो कति तौड़ आ लिया । 1 चार घड़ी के तड़कै उठ रोज खेत मैं जावै सै दोपहरी का पड़ै घाम या सर्दी घणी सतावै सै दस बजे घर आली तेरी रोटी लेकै नै आवै सै सब्जी तक मिलती कोण्या ल्हूखी सूखी खावै सै नून मिर्च धरकै रोटी पै लोटा लाहसी का ठा लिया। 2 थारा पूरा पटता कोण्या तूँ दिन रात कमावै सै बीज बोण के साथै तूँ आस फसल पर लावै सै सोसाटी और लाला जी से कर्ज भरया कढ़ावै सै लाला जी फेर तेरी फसल मनचाहे दाम उठावै सै ब्याज ब्याज मैं नाज तेरा लाला जी नै पा लिया । 3 कदे तनै सूखा मारै कदे या बाढ़ रोपज्या सै चाला सूखे मैं तेरी फसल सूखज्या होवै ज्यान का गाला कदे कति बेढंगा बरसै भाई यो लीले तम्बू आला कदे फसल तबाह होज्या कदे होवै गुड़ का राला बिजली तक आती कोण्या माच्छरां नै रम्भा लिया। 4 बड़ी आशा से तमनै सै या सरकार बनाई देखो कई काम करैगी थारे तमनै आस लगाई देखो सरकार नै आँते ही बालक की नौकरी हटाई देखो थारा माल खरीद सस्ते मैं और कीमत बढ़ाई देखो रणबीर हुई तबाही सै आच्छी तरियां ढा लिया। 474****** जमूरा मेहनतकश किसान पूरा, के दिखूं थामनै जमूरा, फते सिंह और कपूरा, समझूं सूं थारी बाताँ नै। 1 जुमल्यां की बात राहण दे, तीनों कानून उल्टे जाण दे, मतना लावै भीतरी घात, क्यों कराओ घणा उत्पात, संघर्ष होरया दिन रात,,देख बढ़ती म्हारी पातां नै।। 2 दिल्ली हमनै सै घेर लई, तमनै मूंह क्यों फेर लई, जुल्मी थारी सै सरकार,करै या घणे अत्याचार,भरी किसानों नै हुंकार, यो बांधैगा थारे हाथां नै।। 3 हम आन डटे सां जंग मैं, हम रंग रे सां एक रंग मैं, संघर्ष जिन्दाबाद म्हरा,थारे पै निशाने लाऱया, शिखर पै चढ़ता जारया,छोड़ गोत नात जातयां नै।। 4 दिल्ली की ईंट ईंट बोलै, किसानी चौगिरदें कै डोलै, इंकलाब जिंदाबाद नारा,पूरी जनता नै भारया, इतिहास बनता आरया, रणबीर सिंह के खात्यां मैं।। 475********* कद सी स्याणा होगा किसान तेरी या कष्ट कमाई कित जावै बेरा लाणा होगा। या सारी दुनिया स्याणी होगी तूँ कद सी स्याणा होगा । 1 दोसर करकै धरती नै अपणा खून पसीना बाहवाँ सां गेर गण्डीरी सही बीज की हम ऊपर तैं मैज लगावां सां पड़ै कसाई जाड्डा जमकै हम खेताँ मैं पाणी लावां सां रात दिन मेहनत करकै माटी मैं माटी हो ज्यावां सां दो बुलध तैं एक रैह लिया कद तांहिं न्यों धिंगताणा होगा। 2 कदे नुलाणा कदे बाँधणा कदे ततैया मोटा लड़ ज्यावै कदे अळ कदे कीड़ा लागै कदे ईंख नै कंसुआ खावै कदे औला कदे सूखा पड़ज्या हमनै कोण्या रोटी भावै कदे गात नै ये पत्ते चीरैं कदे काली नागण फन ठावै मील मैं हो भेड मुंडाई कद तांहिं मन समझाणा होगा। 3 सुनले कमले ईब ध्यान लगाकै म्हारे मरण मैं बिसर नहीं आज कुड़की आरी म्हारे घर मैं नाश होण मैं कसर नहीं जीते बी कोण्या मरते बी कोण्या औण पौण मैं बसर नहीं चारोँ लाल कड़ै गए भाई के गई सै फोन मैं खबर नहीं कोण्या पार जावैगी म्हारी जै यो न्यारा न्यारा ठिकाणा होगा। 4 इसकी खातर गाँव गाँव मैं जथेबंदियाँ का जाल बिछावां जीणा चाहवाँ तै भाईयो यूनियन नै अपणी ढाल बणावाँ बिना रोएँ तो बालक भी भूखा जंगी अपणी चाल बनावाँ रणबीर सिंह बख्त लिकड़ज्या बरोने मैं फिलहाल बनावाँ तगड़ा संगठन बनाकै अपणा जंग का बिगुल बजाणा होगा । 476******** आज नया साल आज नया साल शुरू होग्या इसमैं नया हिंदुस्तान के चाहवै सै। किसानी संघर्ष जरूर जीतैगा जिकरा रोज सुणण मैं आवै सै। 1 आंदोलन करते किसानां तै म्हारा सै क्रांतिकारी सलाम भाई जो किसान म्हारे शहीद होगे इतिहास मैं होवैगा नाम भाई रोजाना जोश म्हारे किसानां का बहोत घणा बढ़ता जावै सै।। किसानी संघर्ष जरूर जीतैगा जिकरा रोज सुणण मैं आवै सै।। 2 देश मैं इंसानियत हटकै उभरै हम इस साल मैं हाँगा लावांगे म्हारा प्रजातंत्र फेर हुँकार भरै किसानां का साथ निभावांगे इस लड़ाई का राह हमनै यो किसानी संघर्ष सही दिखावै सै।। किसानी संघर्ष जरूर जीतैगा जिकरा रोज सुणण मैं आवै सै।। 3 कदर जनता की आवाज की हटकै आवै म्हारे हिंदुस्तान मैं इज्जत होवै गरीब कमेंरे की होज्या शांति पूरे ही जहान मैं हो गजब का भारत म्हारा सारी जनता जमकै नारा लावै सै।। किसानी संघर्ष जरूर जीतैगा जिकरा रोज सुणण मैं आवै सै।। 4 इस साल मैं ईसा माहौल बनै किसान नै पूरा सम्मान मिलै कहै रणबीर नहीं लुटैं कमेरे उन सबका हट कै चेहरा खिलै आज किसान मोर्चे की जीत नए समाज की राह बतावै सै।। किसानी संघर्ष जरूर जीतैगा जिकरा रोज सुणण मैं आवै सै।। 477*********** संघर्ष जोर पकड़ैगा यो किसान आंदोलन छाग्या, देखो दिल्ली तक आग्या, इसनै सही रास्ता पाग्या, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 1 सरकार पूरा खेल खेलैगी सारे हथकंडे अपनावैगी किसानी आंदोलन कै तोहमद कई ढाल की लगावैगी, कहे किसान पाकिस्तानी, हुई किसानों को हैरानी, जवाब देवण की ठानी, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 2 किसान हितैषी बिल बताकै सरेआम झूठ बोल रही अम्बानी अडानी की खातिर कृषि दरवाजे खोल रही आज समझ गया किसान, संघर्ष का किया एलान, घेरली दिल्ली आज आण, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 3 कोरोना का बाहणा करकै संघर्ष दबाना चाहवै साई खुद के चुनाव भजन करै उड़ै कोरोना नहीं आवै सै फूट गेरण की प्लान सै समझ गया ईब किसान सै लगाया यो सही उन्मान सै,संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 4 बिल वापिस लेने पड़ेंगे संघर्ष की दाब बढ़ती जावै नहीं लिए वापिस बिल तै सरकार कै सांस चढ़ती पावै साथ देवांगे मिलकै कमेरे, हारेंगे फेर ये जरूर लुटेरे, रणबीर साथ आये भतेरे, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 478********* नया साल इक्कीस किसा हो नया साल इक्कीस आदान प्रदान हो विचारां का।। किसानी सघर्ष जीत कै नक्सा बदलै कमेरे किरदारां का।। 1 सर्व समावेशी शिक्षा हो स्कूल होवैं एक समान रै हरेक जात का सम्मान हो भाईचारा हो बलवान रै मरीज डॉक्टर का मेल हो इलाज पावै हर इंसान रै फसल की कीमत ठीक मिलै फलैं फुलैं किसान रै पर्दाफाश होज्या आज म्हारी लूट के ठेकेदारां का।। किसानी सघर्ष जीत कै नक्सा बदलै कमेरे किरदारां का।। 2 मिलावट म्हारे समाज म्हैं नहीं टोही पावै यो चाहवां नफरत का जहर समाज नै आज ना खावै यो चाहवां बेरोजगारी कम होवै इसा माहौल आवै यो चाहवां कोये माणस प्रदेश म्है ना भूखा रह ज्यावै यो चाहवां होवै महिला महफूज ना जिकरा बचै बलात्कारां का।। किसानी सघर्ष जीत कै नक्सा बदलै कमेरे किरदारां का।। 3 म्हारा यो सबका हिंदुस्तान, गूँज उठै यो नारा भाई छुआछूत खत्म हो सुधरै यो वातावरण म्हारा भाई सरकार करै ख्याल बणकै गरीबां का साहरा भाई अंधविश्वास और नशे तैं मिलै सबनै छुटकारा भाई या जनता राह बाँधेगी, देश भर म्हैं इन बदकारां का ।। किसानी सघर्ष जीत कै नक्सा बदलै कमेरे किरदारां का।। 4 युवा नै रोजगार मिलै, कति नहीं फिरै आवारा रै सुख का सांस लेवै सरतो, सुखी हो करतारा रै विकास चालै सही राही पै,सही होवै बंटवारा रै संविधान के अनुसार चलै, हिंदुस्तान देश म्हारा रै रणबीर साल यो इक्कीस हो, इन कमेरे हुनर कारां का ।। किसानी सघर्ष जीत कै नक्सा बदलै कमेरे किरदारां का।। 479****** बहोत कमाए आजादी पाछै बहोत कमाए भारत के किसान कमेरे।। ज्यान लगा कै खेत सँवारे कारखाने चलाये शाम सवेरे।। 1 किसान करी मेहनत तो खेतां मैं फसल लहलाण लगी स्टील थर्मल प्लांट लगाए बिजली घरां मैं आण लगी स्कूल अस्पताल खुले फेर जनता स्कूल मैं जाण लगी नेहरू का जमाना बीत गया संकट घड़ी या छाण लगी आजादी के नेता पाछे नै रैहगे आगै आवण लगे लुटेरे ज्यान लगा कै खेत सँवारे कारखाने चलाये शाम सवेरे।। 2 पचहत्तर मैं एक दौर यो एमरजेंसी का बी आया था नशबंदी जबरदस्ती का आड़े गया अभियान चलाया था मुधे मूंह पड़े ये हिम्माती जनता नै सबक सिखाया था राज पाट सब बदल दिये जनता का राज बनाया था बैल गऊ तैं करी कमाई सारी नै ज़िमगे जुल्मी बघेरे।। ज्यान लगा कै खेत सँवारे कारखाने चलाये शाम सवेरे।। 3 सब जानैं मेहनतकश की मेहनत खूबै रंग ल्याई सै किसान ख़टया खेतां मैं अन्न की पैदावार बढ़ाई सै कारखाने ऊंची सीटी मारैं स्मृद्धि अमीराँ मैं आई सै सौ मां तैं पन्दरा मोटे होगे बाकी पै सांकै घणी छाई सै धन दौलत तो घणी कमाई म्हारै बांटै आये पटेरे।। 4 दिनों दिन बढ़ती जावै देश मैं गरीब अमीर की खाई क्यों म्हारे पैरां पटरी सैं बवाई उनके सैं जहाज हवाई क्यों म्हारे बालक सूकी रोटी खावैं उनके उड़ाते दूध मलाई क्यों किसा बंटवारा यो देस मैं अडानी अम्बानी पेट फुलाई क्यों रणबीर बरोने आला कहै घोड़ी खोसी साथ मैं बछेरे।। ज्यान लगा कै खेत सँवारे कारखाने चलाये शाम सवेरे।। 480******** शोषण हमारा अम्बानी कम्पनी आगी, हमनै चूट-चूट कै खागी अमीर हुए घणे अमीर, यो मेरा अनुमान सै।। 1 मोदी सरकार नै गोड्डे टेक दिये, साधन अम्बानी आगै फेंक दिए, अडानी देखो साथ मैं रलगे, कारपोरेट कै घी के दीवे बलगे, संघर्ष बदलैगा तदबीर, यो किसानों का ऐलान सै।। 2 पहली चोट मारी रूजगार कै, हवालै कर दिये सां बाजार कै, निजीकरण मुहिम चलाई क्यों, मासूम जनता आज भकाई क्यों, या गई कड़ै थारी जमीर, घणा मचाया घमसान सै।। 3 म्हारी खेती कती बरबाद करदी, ये तीन काली कानून पास करदी, किसानों नै ली आज अंगड़ाई रै, नारा कानून वापिस कराई रै, तोड़ दी आज सारी जंजीर,दिल्ली मैं छारया किसान सै।। 4 या सल्फाश की गोली सत्यानासी, हर दूजे घर मैं ल्याई थी उदासी, एकजुट हिंदुस्तान का देखो किसान , साथ खड़या हुया हर कमेरा इंसान, लिखै साची सै रणबीर, नहीं झूठा बखान सै।। 481*********** गोदी मीडिया इस गोदी मीडिया नै किसानों के खिलाफ जहर फैलाया ।। जमीनी हकीकत देख कै मोदी भी बहोत घणा घबराया।। 1 वार्ता मैं झुके नहीं किसान अपनी मांग पै अड़े खड़े सै सरकार के हथकंडे एकता आगै ओछे घणे पड़े सैं गोदी मीडिया रोज घड़ कै दखे झूठी खबर सै ल्याया।। 2 कसूता अनुशासन किसानों का दुनिया देख कै दंग रैहगी भाजपा की सरकार इनकी गेल्याँ जान बूझ कै क्यों फैहगी आर पार की लड़ाई खिंचगी किसान नै पूरा प्लान बनाया।। 3 तीन कानून वापसी बिना किसान नहीं उल्टा जावैगा रै सांस दिल्ली की सरकार कै यो घणे कसूते चढ़ावैगा रै कई महिन्यां का इंतजाम करकै किसान दिल्ली मैं आया।। 4 हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई आपस मैं सब सैं भाई भाई जवान किसान जनता एकता की आज मिशाल बनाई रणबीर सिंह सोच समझ कै नै यो गीत तुंरत बनाया।। 482********** डेरे दिल्ली मैं कितने दिन होगे किसानों नै दिल्ली मैं डेरे डाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 1 पूरी और लाम्बी तैयारी करकै आज किसान आये सै अनुशासन घणे गजब का समझदार घणे पाये सैं किसानी और जनता एकता बणा गजब की ढाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 2 हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई भाई इसकी ताकत के आगै भाजपा सरकार घबराई या एकता घणे गजब की इसके ऊपर चाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 3 अडानी अम्बानी की खातिर किसानों की कड़ तोड़ दई सब किमैं बायपास करकै क्यों तीन बिल जोड़ दई कारपोरेट खेती की खातिर कर जनता को बेहाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 4 संघर्ष की राही पकड़ी आर पार की लड़ाई होवैगी फूट गेरो संघर्ष पीटो भाजपा सब किमैं झोवैगी रणबीर सिंह की कलम तै उठ सही सवाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 483********* भारत बंद होवैगा किसानी खातर भारत बंद घणा कसूता होवैगा।। कमेरा हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 1 कारपोरेट के खिलाफ छेड़ दई जंग पूरी देखो सरकार इसकी तलहडू सै करै जी हजूरी देखो आर पार की लड़ाई होगी मोदी नई झूठ टोहवैगा।। कमरा हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 2 जात धर्म इलाके पर लड़वा कै तेज कररे लूट म्हारी किसानों और मजदूरों कै दे दी आछे ढाल बुहारी तीन बिल किसान विरोधी मोदी लागै देश नै डबोवैगा।। कमेरा हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 3 निजीकरण करकै सारे महकमे बेच रहया सै अडानी अम्बानी के निशाने पै टेक रहया सै संविधान की परवाह कोण्या सम्मान देश का खोवैगा।। कमेरा हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 4 समझ बूझ तै सँघर्ष को आगै लेज्यावैंगे भाई या नब्बे दस की लड़ाई जीत कै दिखावैंगे भाई रणबीर सिंह बरोने आला नए नए छंद पिरोवैगा।। काल हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 484********** नेता जी सम्राट तनै सुण नेता जी सम्राट तनै, कर दिया बारा बाट तनै मूंधी मार दी खाट तनै, लिया कालजा चाट तनै बनाई राज की हाट तनै, जनता दर दर ठोकर खावै।। 1 शेर बकरी का मेल नहीं, या राजनीति कोई खेल नहीं तूं नीति घटिया चाल रहया, म्हारी इज्जत उछाल रहया, म्हारे बैरी नै तूं पाल रहया, क्यों लुटवा म्हारा माल रहया, ईबी ना कर तूं टाल रहया, जनता सारी खोल दिखावै।। 2 लोक राज नारा कड़ै गया, लोक लाज म्हारा कड़ै गया क्यों करवाया मखौल बता, क्यों तेरा पाट्या झोल बता, क्यों खुलवाई पोल बता,कौन घोलै जात का घोल बता , क्यों ना लावैं इसका तोल बता, हर कोए यो सवाल उठावै।। 3 खेती का बना घास दिया, किसानों का कर नाश दिया किसानों कै मारी चोट, जनता का बता के सै खोट, क्यों बिल ल्याकै मारी चोट, क्यों दिए म्हारे तमनै गल घोट, क्यों खोस रहया म्हारे रोट, ना म्हारी समझ मैं आवै।। 4 कुछ ना साथ मैं जाणा सै, आड़ै ए हिसाब चुकाणा सै, जो हां भरकै नै नाटैगा, ना उसके कदे पूरा पाटैगा, तेरे वाद्यां नै कूण चाटैगा, रणबीर दिल मेरे नै डाटैगा, बणा रागनी गम नै बांटैगा, तनै साची साच बतावै।। 485******** भक्षक रक्षक जो भक्षक किसान के वे रक्षक बणकै भकावैं।। जात पात मैं बाँट कै ये लीडरी खूब चमकावैं।। 1 कानून किसानों के हक मैं छोटूराम नै बणाये धरती कुड़क नहीं होगी कर्जे माफ करवाये भाखड़ा डेम बणा कै खेतां मैं पाणी ल्याये कई बार अंग्रेजों को तीखे तेवर भी दिखाये कोये बूझनिया कोण्या किसान क्यों फांसी खावैं।। जात पात मैं बाँट कै ये लीडरी खूब चमकावैं।। 2 चौधरी चरण सिंह नै जमींदारी उन्मूलन कराया यू पी का किसान मशीहा चौधरी साहब को बताया किसानों के हक मैं पूरा जीवन अपना लगाया किसानों नै अपना नेता प्रधानमंत्री था बनाया बागपत बड़ौत शामली के किसान भूल ना पावैं।। जात पात मैं बाँट कै ये लीडरी खूब चमकावैं।। 3 पाछले कई सालां तैं किसान फांसी खा मरते कई नेता मोलड़ कैहकै मजाक उसका करते नीतियों का खामियाजा किसान आवैं धुरतैं भरते नेता बहोतसे करैं दिखावा ना झूठ बोलण तैं डरते करजे चढ़ाकै माफ़ करैं ये शोषण नीति चलावैं।। जात पात मैं बाँट कै ये लीडरी खूब चमकावैं।। 4 किसान इस ढांचे भितरै आजाद होना मुश्किल लागै पूरा सिस्टम पड़ै पलटना जिब किसान का करजा भागै सिस्टम जिब पलटे जिब यो किसान नींद तैं जागै जात धर्म के जाल तोड़कै हक कट्ठा होकै मांगै रणबीर हर भेद तनै रक्षक भक्षक का समझावैं।। जात पात मैं बाँट कै ये लीडरी खूब चमकावैं।। 486******** के ठा राख्या किसान कहवै खोल बतादे यो थारा के ठा राख्या रै।। खेती करनी मुश्किल करदी जमा कूण मैं ला राख्या रै।।। 1 किसान मरया खेत में तो कैसे देश महान बचैगा किसान बरबाद हुया तो जरूरी यो घमशान मचैगा दर दर का भिखारी क्यों यो अन्नदाता बणा राख्या रै।। खेती करनी मुश्किल करदी जमा कूण मैं ला राख्या रै।। 2 काले धन के नाम पर म्हारा धौला काबू कर लिया पुराने जमा कराकै तनै बैंकां का भोभा भर दिया म्हारी खेती चौपट होगी काढ़ण पै रोक लगा राख्या रै।। खेती करनी मुश्किल करदी जमा कूण मैं ला राख्या रै।। 3 ब्याह शादी की मुश्किल होरी दाल सब्जी का टोटा होग्या।। थारा नोटबंदी का फैसला यो जी का फांसा मोटा होग्या।। देश भक्ति का नाम लेकै यो देश जमा भका राख्या रै।। खेती करनी मुश्किल करदी जमा कूण मैं ला राख्या रै।। 4 इसे ढाल बात करै सै बण गरीबों का हिमाती रै इब बेरा लाग्या हमनै घणा कसूता सै उत्पाती रै रणबीर सिंह इब क्यों बढ़ा कैशलेश का भा राख्या रै।। खेती करनी मुश्किल करदी जमा कूण मैं ला राख्या रै।। 487********* साढ़े तीन महीने साढ़े तीन मिहने होगे किसानों नै दिल्ली मैं डेरे डाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 1 पूरी और लाम्बी तैयारी करकै आज किसान आये सैं अनुशासन घणे गजब का समझदार घणे पाये सैं किसानी और जनता एकता बणा गजब की ढाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 2 हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई भाई इसकी ताकत के आगै भाजपा सरकार घबराई या एकता घणे गजब की इसके ऊपर चाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 3 अडानी अम्बानी की खातिर किसानों की कड़ तोड़ दई सब किमैं बायपास करकै क्यों तीन बिल जोड़ दई कारपोरेट खेती की खातिर कर जनता को बेहाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 4 संघर्ष की रही पकड़ी आर पार की लड़ाई होवैगी फुट गेरो संघर्ष पीटो भाजपा सब किमैं झोवैगी रणबीर सिंह की कलम तै उठ सही सवाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 488******* सफलता जरूरी किसान आंदोलन सफल होणा तम सुनियो क्यों घणा जरूरी।। सफल हुया तै बात पक्की यो तोड़ेगा कारपोरेट की गरूरी।। 1 ऐकले जमीनी किसानों का यो रोला नहीं बताया भाइयो बकरी पालन भी इसमैं यो कहैं शामिल दिखाया भाइयो मछली पालन बाहर कोण्या कानून भीतर आया भाइयो पशु पालन भी जोड़ राख्या बताओ के बच पाया भाइयो खेत मजदूर की खत्म होवैगी या थोड़ी घणी जो मजदूरी।। सफल हुया तै बात पक्की यो तोड़ेगा कारपोरेट की गरूरी।। 2 सोचां कट्ठे बैठ कानूनों के बारे आछ भूंड की पहचान करां किसान आंदोलन की मदद ठीक बात इसपै ल्याण धरां म्हारे घर मैं ना बचै चांदना जै यो अंधेरा छाया किसान घरां चाले कर दिए इस सरकार नै जिसकी बड़ाई बेउन्मान करां अडानी अम्बानी की तलहैडू सै उनकी करती या जी हजूरी।। सफल हुया तै बात पक्की यो तोड़ेगा कारपोरेट की गरूरी।। 3 किताब एक सौ छह पन्यां की पेज छह पै या बखान करै कृषि नै बाजार ताहिं सौंप रहे कारपोरेट का गुणगान करै सब्सिडी सारी खत्म होवैगी सरकार मदद तैं प्रस्थान करै छोटे व्यापारी कमजोर वर्ग नै ओन लाइन खरीद परेशान करै इन सारी बातां नै समझ गई ये भरपाई सरतो और अंगूरी।। सफल हुया तै बात पक्की यो तोड़ेगा कारपोरेट की गरूरी।। 4 किसनी का बड़ा हिस्सा फेर बेरोजगार होज्यागा भाई गाम की बेरोजी का मामला यो बेशुमार होज्यागा भाई देहात के संकट गेल्याँ दुःखी छोटा व्यापार होज्यागा भाई घणा असन्तोष बढ़ ज्यागा आड़े हाहाकार होज्यागा भाई रणबीर किसान जीत कै करै काबू सरकार की सारी फतूरी।। सफल हुया तै बात पक्की यो तोड़ेगा कारपोरेट की गरूरी।। 489********* यो किसान आंदोलन छाग्या यो किसान आंदोलन छाग्या, देखो दिल्ली तक आग्या, इसनै सही रास्ता पाग्या, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 1 सरकार पूरा खेल खेलैगी सारे हथकंडे अपनावैगी किसानी आंदोलन कै तोहमद कई ढाल की लगावैगी कहे किसान पाकिस्तानी, हुई किसानों को हैरानी,जवाब देवण की ठानी, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 2 किसान हितैषी बिल बताकै सरेआम झूठ बोल रही अम्बानी अडानी की खातिर कृषि दरवाजे खोल रही आज समझ गया किसान, संघर्ष का किया एलान,घेरली दिल्ली आज आण, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 3 कोरोना का बाहणा करकै संघर्ष दबाना चाहवै सै खुद के चुनाव भजन करै उड़ै कोरोना नहीं आवै सै फूट गेरण की प्लान सै समझ गया ईब किसान सै, लगाया यो सही उन्मान सै संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 4 बिल वापिस लेने पड़ेंगे संघर्ष की दाब बढ़ती जावै नहीं लिए वापिस बिल तै सरकार कै सांस चढ़ती पावै साथ देवांगे मिलकै कमेरे, हारेंगे फेर ये जरूर लुटेरे,रणबीर साथ आये भतेरे, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 490******** हरियाणे के वीरो जागो हरियाणे के वीरो जागो तजो जात के बाणे नै।। ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।। 1 गरीब माणस नै मरज्याणी गरीब भाई तैं दूर करै अमीर होज्यां एक थाली मैं यो गरीब मजबूर फिरै अमीर इस्तेमाल भरपूर करै गरीबाँ नै बहकाणे नै।। ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।। 2 अमीरां का छोरा कोये बेरोजगार जमा ना पाणे का पुलिस कचहरी सब उनके ख़ाली हुक्म ना जाणे का गरीब लूट कै खाणे का टोहया सै राह मरज्याने नै।। ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।। 3 मेहनत जात गरीबाँ की और कोये तो जात नहीं जाट ब्राह्मण सिर फुड़वावें मिलै खान नै भात नहीं जात मिटा सकै दुभांत नहीं बात कही सै स्याणे नै।। ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।। 4 जात के ठेकेदारां की बांदी या करै इनकी ताबेदारी आम आदमी जकड़ लिया अमीर करै पूरी पहरेदारी रणबीर करै नहीं चाटूकारी नहीं बेचै अपणे गाणे नै।। ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै। 491******** बतादे पिया एक महिला की अपने पति से तीन कानूनों के बारे बातचीत। क्या बताया भला-- ये कानून के जंजाल पिया, बतादे करकै खयाल पिया, उठती मन मैं झाल पिया, आज करैंगे कंगाल पिया, तारैंगे म्हारी खाल पिया, जवाब दिए तूँ खोल कै।। 1 किसान मोर्चे नै कर जलसा ये सारी बात बताई हो सन सैंतालीस तैं पहल्यां गोरयां बरगी लूट मचाई हो नहीं आच्छी सरकार पिया, किसान का बहिष्कार पिया, मोदी नहीं मददगार पिया, बणाया देश बाजार पिया, कानून बधारे तकरार पिया, मनै जवाब दिए तोल कै।। 2 बढ़िया सैं तीनों क़ानून ये मन मेरा तै मानै कोन्या हो क्यों बात किसानां की ये बैठी सैं रकानै कोन्या हो कैसे बनै इनकी बात पिया, कररे संघर्ष दिन रात पिया, देखी सरकारीऔकात पिया, आवण आली सै श्यात पिया, इसकै मारैगा संपात पिया, मनै जवाब दिए टटोल कै।। 3 खाद पाणी बिजली हों म्हंगी यो बीज ना अपणा होगा म्हारी जिंदगी खुशहाल हो यो चकनाचूर सपणा होगा घणी करैंगे धुनाई पिया, फेर नहीं मिलै दवाई पिया, कसूती रोल मचाई पिया, जनता खूब भकाई पिया, क्यूकर बचै तबाही पिया, मनै जवाब दिए बोल कै।। 4 चिंता रोज सतावै क्यूकर चालैगा यो परिवार मेरा तीनों कानून घणे भुन्डे इतना तो अंदाज भरतार मेरा खींच सही तसबीर पिया, लड़ा कोए तदबीर पिया, मसला घणा गम्भीर पिया, बतावै आज रणबीर पिया, मेटें कानूनां की लकीर पिया, म्हारा साथ दिए टटोल कै।। 492********** मौका सै फिलहाल हांगा लादयो पूरा भाइयो यो मौका सै फ़िलहाल, हाथ दिखारे किसान म्हारे लाल।। 1 काले कानून वापिस कराणे सैं, नहीं कति पाछै कदम हटाणे सैं, दो दो हाथ करकै दिखाणे सैं, दिखावां किसानी ताकत का कमाल।। 2 सरकार का सामना करणा सै, लाठी गोली तै नहीं डरणा सै, छब्बीस नै मार्च पै उतर णा सै, यो ऐलान करया सै तत्काल ।। 3 मोदी अपणे हठ नै छोड़ दिये, काळे कानून उल्टे मोड़ लिये, म्हारी बात का लगा तोड़ लिये, किसानी ताकत करदेगी बेहाल।। 4 खाग्या अम्बानी चूट चूट कै,म्हारे नारयां नै देश मैं पहूँच कै, भाई चारा भर दिया कूट कूट कै, रणबीर कहै मोदी करिये ख्याल।। 493********** चारों कान्हीं चारों कान्हीं तैं खावण लागरे बची इब कति समाई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 1 कुर्बान होज्यांगे पर झुकां नही नयूं मिलकै कसम खाई किसानी संघर्ष की आवाज आज पूरे देश मैं पहूंचाई काले कानून मंजूर नहीं हम होण देवैं तबाही कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 2 लूटैं बनकै म्हारे हितेषी इब आंख आज म्हारी खुलगी तीन काले कानूनों मैं जमा लूटैं तस्वीर हमनै मिलगी कहते कानून थारे भले मैं हमनै पाई वा भलाई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 3 किसान मजदूर की कमाई पै अडानी अम्बानी ऐश करैं म्हारे बालक सल्फास खाकै ना बिन आयी इब मौत मरैं खावैं हमनै दीमक की ढालां चाहते म्हारी भलाई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 4 किसान आंदोलन नै जोड़ी एकता जबरदस्त तैयार होगी कितणी ए लाठी गोली चलाओ ताकतवर एकता हरबार होगी रणबीर बरोणे आले की रहै पाछै आज कविताई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 494********** आर पार की लड़ाई तीन काले कानून बनाये दिल्ली मैं आज किसान कमेरे आये दिल्ली मैं इब होवैगी आर पार की लड़ाई रै।। 1 आज तीन सौ दिन होगे किसान दिल्ली मैं डटरे देख कै किसानी एकता सरकार के पाछने पटरे सबनै मिलकै नारे खूब लगाए भाई, दिल्ली मैं घणे किसान बताये भाई, सरकार दिल्ली की घणी घबराई रै।। 2 एकले हम किसान कोन्या जनता साथ मैं आगी हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई एकता देश मैं छागी जात पात पै बांट नही पाये हमनै, धर्म के ऊपर छांट नहीं पाये हमनै, या ठंड भी संघर्ष रोक नहीं पाई रै।। 3 दूसरे प्रदेशों के भी किसान साथ मैं आये देखो बढ़ो दिल्ली मैं आगै ये सन्देश पहूंचाये देखो आज पूरे देश के मजदूर किसान, हिंदुस्तान मैं ये चढ़गे एक मचान, लड़ागे जीतांगे या हुंकार लगाई रै।। 4 शांत ढंग तैं किसान कमेरे इस आंदोलन नै चलारे पालतू पिल्ले भेष बदल कै भरम फैलाना चाहरे आर पार की हम लड़ाई लड़ेंगे रै, कानून वापसी ताहिं हम अड़ेंगे रै, साथ देवै रणबीर की कविताई रै।। 495********* किसान की अरदास राम जी से सबकी कथा सुनै रामजी मेरी बीती तूँ सुणले ।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले ।। 1 दिन रात कमाऊं हाड तोड़कै क्यों दुखड़ा काल करै या गर्मी शर्दी घाम खेत मैं खड़्या नया बबाल करै नहीं इब तलक तनै बिचारया मारण का मत हाल करै इब खोल बतादे सारी किस तरियां मनै कंगाल करै सवा पांच का प्रसाद चढ़ाऊँ मेरी भी तूँ सुधले ।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले ।। 2 मेहरबानी दूजी तरफ तेरी लोग खूब मौज उड़ावैं कमाई में करण लागरया लूट वे जालिम ले ज्यावैं मेरे पै काम तीस का करवाकै देकै आठ बहकावैं पूंजी बनाकै मेहनत मेरी मनै डाकू चोर ठहरावैं तूँ हिम्मात करै झूठ की बजा उसकी धुनले।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले ।। 3 सस्ता लेकै महंगा देवैं नीति इसी चाल रहे सैं देदे कै करज दाब लिया बिछा मेरे पै जाल रहे सैं सारी धरती गहनै धरली बिकवा घर का माल रहे सैं बतावैं इसमैं तेरी महिमा सब तरियां कर काल रहे सैं भरोसे की इमारत ढह ली इसनै हट कै नै चिणले।। 4 कहैं तेरे हुक्म बिना तो एक पत्ता तक ना हिलता सारी चीज तों बनावै मेरा हिस्सा क्यों ना मिलता न्याकारी किसा सै तूँ मेरे बगीचे फूल ना खिलता खुद मनै बतादे क्यों बेइमानां का राज ना गिरता जड़ दीख ली तेरी रामजी किसाए जाल तूँ बुणले।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले।। 5 भगवान तेरी टेक मैं नहीं किसे नै सुख पाया धयान किया मोरध्वज नै सुत पै आरा धरवाया प्रण पै हरिश चन्दर के जल उसपै था भरवाया ध्यान लगाया द्रोपदी नै जा चीर सभा मैं खिंचवाया रणबीर लगामी तोड़ चल्या अपने खाते मैं गिणले।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले नै।। 496********* **बेहद सफल भारत बंद --क्या बताया भला** किसानी खातर यो भारत बंद आज पूरे देश मैं होया रै।। किसान मजदूर छोटा व्यापारी बीज एकता का बोया रै।। 1 कारपोरेट के खिलाफ छेड़ दई जंग पूरी देखो भाई रै सरकार इसकी तलहडू सै करै जी हजूरी देखो भाई रै आर पार की लड़ाई सै सरकार नै क्यों झगड़ा झोया रै।। किसान मजदूर छोटा व्यापारी बीज एकता का बोया रै।। 2 जात धर्म इलाके पर लड़वा कै तेज कररे लूट म्हारी रै किसानों मजदूर दुकानदार कै दे दी आछे ढाल बुहारी रै तीन बिल किसान विरोधी मोदी चाहवै देश नै डबोया रै।। किसान मजदूर छोटा व्यापारी बीज एकता का बोया रै।। 3 निजीकरण करकै देश मैं सारे महकमे बेच रहया सै अडानी अम्बानी के निशाने ऊपर कमेरे नै टेक रहया सै संविधान की परवाह कोण्या सम्मान देश का खोया रै।। किसान मजदूर छोटा व्यापारी बीज एकता का बोया रै।। 4 समझ बूझ तै सँघर्ष को आगै कमेरे लेज्यावैंगे इब भाई या नब्बे दस की लड़ाई दीखै जीत कै दिखावैंगे इब भाई रणबीर सिंह बरोने आले नै तत्काल नया गीत संजोया रै।। किसान मजदूर छोटा व्यापारी बीज एकता का बोया रै।। 497********** – पोह का म्हिना रात अंधेरी पोह का म्हिना रात अन्धेरी, पड़ै जोर का पाळा सारी दुनिया सुख तैं सोवै मेरी ज्यान का गाळा सारे दिन खेतां के म्हां मनै ईख की करी छुलाई बांध मंडासा सिर पै पूळी, हांगा लाकै ठाई पूळी भारया जाथर थोड़ा चणक नाड़ मैं आई आगे नै डिंग पाट्टी कोन्या, थ्योड़ अन्धेरी छाई झटका देकै चणक तोड़ दी हुया दरद का चाळा साझे का तै कोल्हू था मिरी जोट रात नै थ्याई रुंग बुळथ के खड़े हुए तो दया मनै भी आई इसा कसाई जाड्डा था भाई मेरी बी नांस सुसाई मजबूरी थी मिरे पेट की, कोन्या पार बसाई पकावे तैं न्यों कहण लग्या कदे होज्या गुड़ का राळा कई खरच कठ्ठे होरे सैं, ज्यान मरण मैं आई गुड़ नै बेचो गुड़ नै बेचो, इसी लोलता लाई छोरी के दूसर की सिर पै, आण चढ़ी करड़ाई सरकारी करजे आळयां नै, पाछै जीप लगाई मण्डी के म्हां फंसग्या क्यूकर होवै जीप का टाळा खांसी की परवाह ना करी, पर ताप नै आण दबोच लिया डाक्टर नै एक सूआ लाया, दस रुपये का नोट लिया मेरे पै गरदिश क्यों चढ़गी, मनै इसा के खोट किया कई मुसीबत कठ्ठी होगी, सारियां नै गळजोट लिया रणबीर साझे जतन बिना भाई टळै ना दुख का। 498********* संघर्ष छिड़ लिया किसान मजदूर व्यापारी के आन्दोलन की जंग छिड़ी।। सारे हिन्दुस्तान की जनता सरकार गेल्या आण भिड़ी। 1 जलूस काढ़ते जगां जगा पै इंकलाब जिंदाबाद बोलैं भारत के किसान मजदूर लाठी गोली तै नहीं डोलैं जंजीर तानाशाही की खोलैं या संघर्ष की आज घड़ी।। सारे हिन्दुस्तान की जनता सरकार गेल्या आण भिड़ी। 2 नौजवान युवक युवती चाहवैं इनका साथ निभाया रै आज आये सड़कों पै इंकलाब जिंदाबाद गुंजाया रै तीन बिल किसान विरोधी बेरोजगारी भी बनी कड़ी।। सारे हिन्दुस्तान की जनता सरकार गेल्या आण भिड़ी। 3 किसान नहीं तो देश किसा नर और नारी पुकार रहया बिल पास करे जो उणनै आकै सड़कों पै नकार रहया नवजागरण की चिंगारी देश मैं सुलगी कई जगां बड़ी।। सारे हिन्दुस्तान की जनता सरकार गेल्या आण भिड़ी। 4 एक माहौल संघर्ष का चारों कान्हीं जन जन मैं छाया रै भगतसिंह का विचार सबनै इंकलाब का आज भाया रै रणबीर सिंह नै सोच समझ कै नये ढंग की कली घड़ी। सारे हिन्दुस्तान की जनता सरकार गेल्या आण भिड़ी। 499*********** चलो गाजी बॉर्डर चलो गाजी बॉर्डर बुलावै ईब नहीं घबराना हे।। संघर्ष के दम पै अपणा आज हक पाना हे।। 1 जल्दी करलयो पीणा खाणा इस जिसा ना मौका थ्याणा फेर हमनै ना पड़ै पछताणा संघर्ष करकै हक पाणा, यो पूरा हाँगा लाणा हे।। संघर्ष के दम पै हमनै अपणा हक पाणा हे।। 2 जमा नाट गये देखो हाँ भरकै धरने जलूसों से इणनै डरकै मंत्री भकाजया कदे आ करकै फ़ाइल फेर जमा नहीं सरकै, रोज का ही फरमाणा हे।। संघर्ष के दम पै हमनै अपणा हक पाणा हे।। 3 बुलंद होवेंगे उड़ै म्हारे नारे निजीकरण नै घाले सैं घारे घणे दुखी मजदूर कर्मी सारे ठेकेदारी प्रथा सारे कै ल्यारे, मिलकै पाठ पढ़ाणा हे।। संघर्ष के दम पै हमनै अपणा हक पाना हे।। 4 संघर्ष बिना नहीं सै गुजारा जल्दी चालां हजारों हजारां सरकार हैरान हो देख नज़ारा रणबीर लिखता साथी म्हारा, ना पाछै कदम हटाणा हे।। संघर्ष के दम पै हमनै अपणा हक पाना हे।। 500********* यू पी मिशन यू पी मिशन का एलान मुजफ्फरनगर रैली मैं करया।। हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई ऐकता की राही कदम धरया।। हर हर महादेव अलाह हु अकबर सतश्री अकाल के नारे गूँजाये पूरे देश के किसान इस रैली मैं दूर दूर तैं अपने दम पै आये मोदी और योगी भजाओ का जोर लगाकै हुंकार भरया।। पूरे देश मैं भारत बंद का सत्ताईस सितम्बर का एलान किया किसान बचाओ देश बचाओ बता किसान का अरमान दिया लाखां किसान पहोंचे यो सच दुनिया कै मुश्किल जरया।। पूरी यूपी मैं मुजफ्फर नगर यो नया इतिहास बनावैगा भाजपा नै यू पी चुनाव मैं कसूती ढालां धूल चटावैगा बंगाल आर्मी रिवोल्ट हुया अंग्रेजी राज कसूत डरया।। इतना जबर किसान आंदोलन देश मैं पहली बार हुया किसानी तैं आगै बढ़कै नै देश बचाओ की हुंकार हुया रणबीर किसान की कमाई बिन सै किस देश नै सरया।। 501********** लड़ाई म्हारी सारे मिलकै तयारी करल्यां यो रास्ता बिना लड़ाई कोण्या ॥ धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥ 1 सुधां खुरां यो बैरी चढ़ग्या क्यों होती हमने जाग नहीं जो चिंगारी दबी हुई सै या बण जाती क्यों आग नहीं बैठ कै रहवाँ ताश खेलते म्हारे बरगा कोए निर्भाग नहीं जात गोत बाँट दे हमनै इसतै जहरी कोए नाग नहीं ये खूनी कीड़े खान लागरे क्यों देता कति दिखाई कोन्या ॥ धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥ 2 कड़ तोड़ैगी महंगाई म्हारी यो दूध ढोल मैं घळग्या रै सिर बी म्हारा म्हारी जूती टोट्टे का दीवा बळग्या रै अमरीका चूसकै खून म्हारा सांड मरखना पळग्या रै म्हारी जवानी होगी बासी मेरा कालजा नयों जळग्या रै आगली पीढी गाल बकैगी जै तस्वीर नई बनाई कोण्या ॥ धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥ 3 भारत का किसान मरया तो यो मुश्किल हिंदुस्तान बचै डब्ल्यू टी ओ बन्दूक ताणरया नहीं खेत खलिहान बचै बिना खेती उद्योग किसा बिना उद्योग ना इंसान बचै बिना बिजली पानी के आज मुश्किल यो किसान बचै अपने पाहयाँ चाल पड़ां क्यों टोही इसी राही कोण्या ॥ धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥ 4 हमनै मारकै दम लेवैगी तपैदिक जात बीमारी भाई इसका चश्मा चढ़ाकै म्हारै म्हारी खाल उतारी भाई सतरंगा यो खेल रचाया लिकड़्या गजब खिलाड़ी भाई जमा राह मैं डोब दिए ना दो आने की असवारी भाई रणबीर गरीब अमीर तैं न्यारी दुनिया मैं और लड़ाई कोण्या ॥ धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥ 502********** जमीन जल और जंगल जमीन जल और जंगल पै अमीर कब्जा बढ़ावै सै। गरीब लाचार खड़या आसमान तरफ लखावै सै।। 1 जमीन पै कब्जा करकै हाईटैक सिटी बनाते आज उजड़ कै जमीन तै कित जावै ना खोल बताते आज बीस लाख मैं ले कै किल्ला बीस करोड़ कमाते आज इनके बालक तै ऐश करैं म्हारे ज्यान खपाते आज आदिवासी नै जंगल मां तै हांगा करकै हटावै सै।। गरीब लाचार खड़या आसमान तरफ लखावै सै।। 2 जंगल काट-काट कै गेरे ये मुनापफा घणा कमागे रै आदिवासी दिये भजा उड़ै तै बहुत से ज्यान खपागे रै मान सम्मान खातर लड़े वे ज्यान की बाजी लागे रै देशी लुटेरे बदेशी डाकुआं तै ये चौड़ै हाथ मिलागे रै किसान की आज मर आगी यो संकट मैं फांसी लावै सै।। गरीब लाचार खड़या आसमान तरफ लखावै सै।। 3 बिश्लेरी पानी की बोतल बाजार मैं दस की मिलती रै दूध सस्ता और पानी महंगा बात सही ना जंचती रै साफ पानी नहीं पीवण नै बढ़ती बीमारी दिखती रै पानी म्हारा दोहन उनका पीस्से की भूख ना मिटती रै जमीन जंगल जल गया संकट बढ़ता ए आव सै।। गरीब लाचार खड़या आसमान तरफ लखावै सै।। 4 औरत दी एक चीज बना बाजार बीच या बिकती रै म्हंगाई बढ़ती जा कीमत एक जगहां ना टिकती रै घणा लालची माणस होग्या हवस कदे ना मिटती रै अमीरी गरीबां नै खाकै बी आज मा ना छिकती रै रणबीर बरोने आला घणी साची लिखता घबरावै सै।। गरीब लाचार खड़या आसमान तरफ लखावै सै।। 503************ मोदी मोदी मोदी मोदी होरी थी बता के काढ़या मोदी ल्याकै।। करी धरती खोसण की त्यारी काले कानून बणाकै।। 1 देश गिरवी टेक दिया ये बदेशी कम्पनी बुलाई विकास का मुखौटा लाकै अम्बानी नै लूट मचाई अडाणी खुली लूट मचावै मोदी का ठप्पा लाकै।। करी धरती खोसण की त्यारी काले कानून बणाकै।। 2 देश का भाई चारा यो करवा कै दंगे तोड़ दिया कश्मीर मैं किनकी गेल्याँ राज मैं नाता जोड़ लिया सेकुलर खतरे मैं गेरया हिन्दू का नारा भड़काकै।। करी धरती खोसण की त्यारी काले कानून बणाकै।। 3 मुजफ्फर नगर मैं मरवाये दंगा इसा फैलाया कई सौ साल का भाईचारा चंद घण्टे मैं खिंडाया देशी बदेशी की लूट छिपावै राष्ट्रवाद का नारा ठाकै।। करी धरती खोसण की त्यारी काले कानून बणाकै।। 4 कर कटौती हेल्थ बजट मैं गरीब यो मार दिया शिक्षा मैं अन्धविश्वास का नक्शा पूरा डार दिया रणबीर साच्ची बात लिखै अपनी कलम घिसाकै।। करी धरती खोसण की त्यारी काले कानून बणाकै।। 504*********** कार्बन साइकल कार्बन साइकल नै समझां जै दुनिया बचाणी हे।। धरती संकट बढ़ता आवै होज्या कुनबा घाणी हे।। 1 पौधे करैं ऑक्सीजन पैदा ये सूरज के प्रकाश मैं कार्बन डाइऑक्साइड सौखैं ये भोजन की आस मैं संघर्ष और निर्माण का इतिहास बनाया प्राणी हे।। धरती संकट बढ़ता आवै होज्या कुनबा घाणी हे।। 2 इस ब्रह्मांड को समझैँ इसमैं हम सां कड़े खड़े कुदरत के नियम जाणे म्हारे कदम भी सही पड़े इसका जब मजाक उड़ाया पड़ी मूंह की खाणी हे।। धरती संकट बढ़ता आवै होज्या कुनबा घाणी हे।। 3 आस पास और दुनिया मैं कैसे यह संसार चलै कुदरत और जनता को कैसे यो धनवान छलै इस धनवान लुटेरे की कोन्या चाल पिछाणी हे।। धरती संकट बढ़ता आवै होज्या कुनबा घाणी हे।। 4 चल चल पूंजी खावैगी या म्हारे पूरे ही समाज नै धरती का संकट बढ़ाया सै इसके तेज मिजाज नै विकास टिकाऊ बचा सकता म्हारी सबकी हाणी हे।। धरती संकट बढ़ता आवै होज्या कुनबा घाणी हे।। 505********* 26 मई को 6 महीने 26 मई को छह महीने होने जा रहे किसान आंदोलन को तो इस मौके की एक रागनी:- *छह मिहने तैं किसान दिल्ली के बोडरां पै डटरे देखो।।* *सारे ढाल के दबाव सरकारी कति ना पाछै हटरे देखो।।* पंजाब के गाम शहर तैं लेकै ट्रैक्टर ट्राली चाले दखे छब्बीस नवम्बर के दिन डेरे दिल्ली के मैं डाले दखे *अद्भूत एकता के आगै ये सरकार आले आज बंटरे देखो।।* सारे ढाल के दबाव सरकारी कति ना पाछै हटरे देखो।। 2 टिकरी बॉर्डर सिंघु बॉर्डर डेरे किसानों नै जमाये फेर गाजीपुर ढांसा बार्डर पै भी नारे इंकलाबी गूंजाये फेर *शाहजहाँपुर भी ना पाछै इसके बेरे सबनै पटरे देखो।।* सारे ढाल के दबाव सरकारी कति ना पाछै हटरे देखो।। 3 गांव शहर में मोदी सरकार का पुतला दहन करया जावैगा तानाशाह सरकार के खिलाफ जन घरां पै काले झंडे लावैगा *किसानों मजदूर की ताकत बढ़ी होंसले ना घटरे देखो।।* सारे ढाल के दबाव सरकारी कति ना पाछै हटरे देखो।। 4 हिंदुस्तानी किसान उभरया सै सबक कई सिखा दिये महिला किसान आगै आयी मजदूर नै कदम मिला दिये *रणबीर दुनिया मैं ये किसान मजदूर न्यारे छँटरे देखो।।* सारे ढाल के दबाव सरकारी कति ना पाछै हटरे देखो।। 506********* कै दिन राज चलैगा रै वोट लिए हम बहकाकै ईब बिजली के रेट बढ़ाकै, म्हारे तांहिं आँख दिखाकै, कै दिन राज चलैगा रै। 1 बिजली कितने घण्टे आवै किसान इसपै विचार करै कम बिजली की तूँ क्यूँ म्हारे सिर पै तलवार धरै बिलां के उप्पर धमकाकै, बिल धिंगतानै भरवाकै राज की धौंस दिखाकै, कै दिन राज चलैगा रै।। 2 बिजली की चोरी थारे चमचे रोज हमनै करते देखे करखनेदारां के एस डी ओ पाणी हमनै भरते देखे जितनी बिजली होवै पैदा, इसतैं किसनै कितना फैदा, बिना कोये कानून कैदा, कै दिन राज चलैगा रै।। 3 मुफ़्त बिजली पाणी देऊं एक बै न्यों कैह बहकाये भरपूर बिजली लगातार मिलै वोट थे तणै गिरवाये कर्मचारी साथ मिलाकै बैठ गया कुर्सी पै जाकै रोज ये झूठी सूँह खाकै एकै दिन राज चलैगा रै।। 4 निजीकरण ना होवण दयूं इनकी घोषणा तणै करी लारे लप्पे घणे दिए थे जनता नै पीपी तेरी भरी थी विश्व बैंक तनै धमकावै तूँ म्हारे पै छोह मैं आज्यावै रणबीर सिंह छंद बणावै कै दिन राज चलैगा रै।। 507*********** दुनिया तनै बाहवै दुनिया तनै बाहवै सै धरती बाहवण आले।। खोल दे जात के ताले ये तनै मरावण आले।। 1 भैंस खरीदै तूं जब तो दूध काढ कै नै देखै सै बुलध खरीदै जब तूं तो खुद काढ कै देखै सै इंख के बीज ताहीं तूं खूब हांड कै देखै सै नए औजारों नै बी तूं खूब चांड कै देखै सै फेर बी क्यूं ना दीखैं तनै तेरा भा लगावण आले || खोल दे जात के ताले ये तनै मरावण आले।। 2 कई बरस तैं देख रहया तेरी बदहाली होगी तनै भकाज्याँ आई बरियाँ इबकै खुशाली होगी माथे की क्यों फूट गयी या दूनी कंगाली होगी चादर नीचै भा लागै या दिल्ली टक्शाली होगी क्यूं इतने आछे लागें सें तनै भकावण आले|| खोल दे जात के ताले ये तनै मरावण आले।। 3 रंग बदल कै ढंग बदल कै आ ज्यावैं देख तूं भी सोचै ना पीपी इनकी ठोक्यावै देख भैंस की ढाला यो कई बार फिर ज्यावै देख एक बै गयी बात फेर पाँच साल मैं आवै देख फेरबी आछे लागें सें तेरा नाश कारावण आले || खोल दे जात के ताले ये तनै मरावण आले।। 4 सारे माठे चालने पाए जो तनै बाह कै देखे अदल बदल भी करी ऊपर नीचै लाकै देखे खेत मैं बैसक लिए जो तनै चला कै देखे वोट गेर दी फेर पाँच साल मुंह बाकै देखे ना बेरा पाट्या क्यूं भावें माठा चालावण आले || खोल दे जात के ताले ये तनै मरावण आले।। 5 बाही मैं लागू माल टिकाऊ क्यूं ना भित्तर घलता साठ साल होगे तनै नयोंए हाँडै ठान बदलता सोच्चन की बात क्यूँ ना सही ठिकाना मिलता मुरझाया चेहरा रहवै कदे बी क्यों नहीं खिलता रणबीर सोच किमै कौन सैं तनै भकावन आले ॥ खोल दे जात के ताले ये तनै मरावण आले।। 508********* राम क्यूँ आंधा होग्या आज दो एकड़ वाले किसान की माली और सामाजिक हालत काफी खराब है, खासकर जब परिवार का कोई सदस्य महिला या पुरुश सरकारी या गैर सरकारी नौकरी पर भी नहीं है। उसकी खेती मुष्किल में है। एकाध भैंस बांध कर उसका दूध बेचकर गुजारा भी मुष्किल हो रहा है। दिन रात पूरा परिवार खास कर महिला वर्ग मेहनत में जुटा रहता है। कवि ने कल्पना की इसकी हालत की और क्या बताया भला- राम क्यूँ आंधा होग्या चारों तरफ तैं घेरया, सांस मुश्किल तैं लेरया कति निचौड़ कै गेरया, राम क्यूं आन्धा होग्या।। 1 भावां पर निगाह टिकी, बधावण की आस किमैं बेरा ना ये कितना बढ़ैंगे,आवैगी मनै सांस किमैं दीखै फंदा यो फांसी का, बख्त नहीं से हांसी का दौरा पड़ै सै खांसी का, राम क्यूं आन्धा होग्या।। 2 पूरा हांगा ला हमनै दिन रात खेत क्यार कमाया रै मण्डी मैं जिब लाग्गी बोली बहोत घणा घबराया रै ना मेरी समझ मैं आया,नहीं किसै नै समझाया पग पग पै धोखा खाया, राम क्यूं आन्धा होग्या।। 3 धरती बेंक आल्यां कै लाल स्याही मैं चढ़गी लोगो बीस लाख मैं एक किला कुड़की कीमत बधगी लोगो बीस लाख मैं का के करुंगा, किस डगर पैर धरुंगा दो चार साल मैं डूब मरुंगा, राम क्यूं आन्धा होग्या।। 4 मेरे बरगे भाई सल्फास की, गोली खा खा मरते देखो जी मेरा बी करता खाल्यूं,खाल्यूं गधे खेती चरते देखो नहीं देखूं मैं कुआं झेरा,रणबीर सिंह साथी मेरा संघर्ष चलावांगे चौफेरा, राम क्यूं आन्धा होग्या।। 509********** राहु केतु एक बख्त इसा आवैगा ईब किसान तेरे पै। राहू केतू बणकै चढ़ज्यां ये धनवान तेरे पै।। 1 म्हारी कमाई लूटण खातर झट धेखा देज्यां रै भाग भरोसे बैठे रहां हम दुख मोटा खेज्यां रै धरती घर कब्जा लेज्यां रै बेइमान तेरे पै।। 2 सारी कमाई दे कै भी ना सूद पटै तेरा यो ठेठ गरीबी मैं सुणले ना बख्त कटै तेरा यो करैगा राज लुटेरा यो फेर शैतान तेरे पै।। 3 ध्रती गहणै धर लेंगे तेरी सारी ब्याज ब्याज मैं शेर तै गादड़ बण ज्यागा तू इसे भाजो भाज मैं कौण देवै फेर इसे राज मैं पूरा ध्यान तेरे पै।। 4 इन्सानां तै बाधू ओड़े डांगर की कीमत होगी सरकार फिरंगी म्हारे देश मैं बीज बिघन के बोगी अन्नदाता नै खागी ना बच्या ईमान तेरे पै।। 5 सही नीति और रस्ता हमनै ईब पकड़ना होगा मेहनत करने आले जितने मिलकै लड़ना होगा हक पै अड़ना होगा यो भार श्रीमान तेरे पै।। 6 मेहनतकश नै बी हक मिलै इसी आजादी चाहिये आबाद होज्या गाम बरोना ना कति बर्बादी चाहिये रणबीर सा फरियादी चाहिये जो हो कुर्बान तेरे पै।। 510********* स्वामीनाथन रिपोर्ट आज के दौर में किसानी के संकट के चलते किसान फांसी खा रहे है बोलते हैं तो गोली खानी पड़ रही है। क्या बताया भला-- कृषि और किसान लुटगे अन्न का संकट आया क्यूँ। स्वामीनाथन रिपोर्ट पै यो किसान गया बहकाया क्यूँ । 1 अन्न का दाता मरै भूखा आज किसा जमाना आग्या रै कितै बाढ़ मचावै तबाही कितै सूखा कसूता छाग्या रै देश का पेट भरया उसकै यो फांसी का फंदा लाया क्यूँ स्वामीनाथन रिपोर्ट पै यो किसान गया बहकाया क्यूँ । 2 संकट किस बात का सै बैठ कै सोचना पड़ैगा हमनै मिल जुलकै सोचाँगे रास्ता नया खोजना पड़ैगा हमनै छोटूराम तेरा भोला किसान गया सै आज भकाया क्यूँ स्वामीनाथन रिपोर्ट पै यो किसान गया बहकाया क्यूँ । 3 गोदाम भरे पड़े नाज के फेर भी भूखा मरै कमेरा रै किसान दुखी मजदूर घेरया खुल्ला घूमै सै लुटेरा रै लुटेरयां नै छूट लूट की कमेरा समझ नहीं पाया क्यूँ। स्वामीनाथन रिपोर्ट पै यो किसान गया बहकाया क्यूँ । 4 सोच समझ बढ़ें रणबीर किसान की किसानी बचाणी इसकी खात्तर चाहे होज्यां कितनी ए गोली ये खाणी टिकाऊ खेती का तरीका यो गया नहीं अपनाया क्यूँ । स्वामीनाथन रिपोर्ट पै यो किसान गया बहकाया क्यूँ । 511*********** कमेरा मेरी कोए ना सुनता आज छाया सारै यो लुटेरा ॥ भक्षक बनकै रक्षक देखो देरे किसान कै घेरा ॥ 1 ट्रेक्टर की बाही मारै ट्यूबवैल का रेट सतावै थ्रेशर की कढ़ाई मारै भा फसल का ना थ्यावै फल सब्जी ढूध सीत सब ढोलां मैं घल ज्यावै माटी गेल्याँ माटी होकै बी सुख का साँस ना आवै बैंक मैं सारी धरती जाली दीख्या चारों कूट अँधेरा॥ भक्षक बनकै रक्षक देखो देरे किसान कै घेरा ॥ 2 निहाले पै रमलू तीन रूपया सैकड़े पै ल्यावै वो साँझ नै रमलू धोरे दारू पीवन नै आवै निहाला कर्ज की दाब मैं बदफेली करना चाहवै विरोध करया तो रोज पीस्याँ की दाब लगावै बैंक अल्यां की जीप का बी रोजाना लग्या फेरा॥ भक्षक बनकै रक्षक देखो देरे किसान कै घेरा ॥ 3 बेटा बिन ब्याह हाँडै सै घर मैं बैठी बेटी कंवारी रमली रमलू नयों बतलाये मुशीबत कट्ठी होगी सारी खाद बीज नकली मिलते होगी ख़त्म सब्सिडी म्हारी माँ टी बी की बीमार होगी बाबू कै दमे की बीमारी रौशनी कितै दीखती कोन्या घर मैं टोटे का डेरा॥ भक्षक बनकै रक्षक देखो देरे किसान कै घेरा ॥ 4 माँ अर बाबू म्हारे नै यो जहर धुर की नींद सवाग्या माहरे घर का जो हाल हुआ वो सबके साहमी आग्या जहर क्यूं खाया उनने यो सवाल कचौट कै खाग्या म्हारी कष्ट कमाई उप्पर कोए दूजा दा क्यों लाग्या कर्जा बढ़ता गया म्हारा मरग्या रणबीर सिंह कमेरा ॥ भक्षक बनकै रक्षक देखो देरे किसान कै घेरा ॥ 512********* एक दिन होवैगा सबेरा भोर तै कितै खोगी यो हुया सै घनघोर अंधेरा ।। किसान भाइयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 1 बेरोजगारी बढ़ती जावै जुमलयां का औड़ ना कमेरयो करियो एकता इसका और तौड़ ना बिना एकता जी काढ़ै म्हारा पूंजीपति लुटेरा।। किसान भाइयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 2 लूट म्हारी थारी देश मैं यो बढ़ाता जावै भाई क्युकर खेल रचावै ना म्हारी समझ मैं आई समाज का ताणा बाणा बखेर दिया सै भतेरा।। किसान भाईयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 3 जोर जबरदस्ती रोजाना म्हारी गेल्याँ होवै सै संस्कृति के नाम ऊपर सूआ कसूता चुभोवै सै म्हारी कितै बूझ नहीं बढ़या भुखमरी का घेरा।। किसान भाइयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 4 दिखावे दिखावे रैहगे असली बात रही कोण्या के कसर रहेगी नाश मैं कति झूठ कही कोण्या रणबीर पिस्ता जावै सै रोजाना देश मैं कमेरा।। किसान भाईयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 513********* कद सी स्याणा होगा किसान तेरी या कष्ट कमाई कित जावै बेरा लाणा होगा। या सारी दुनिया स्याणी होगी तूँ कद सी स्याणा होगा ।। 1 दोसर करकै धरती नै अपणा खून पसीना बाहवाँ सां गेर गण्डीरी सही बीज की हम ऊपर तैं मैज लगावां सां पड़ै कसाई जाड्डा जमकै हम खेताँ मैं पाणी लावां सां रात दिन मेहनत करकै माटी मैं माटी हो ज्यावां सां दो बुलध तैं एक रैह लिया कद तांहिं न्यों धिंगताणा होगा। या सारी दुनिया स्याणी होगी तूँ कद सी स्याणा होगा । 2 कदे नुलाणा कदे बाँधणा कदे ततैया मोटा लड़ ज्यावै कदे अळ कदे कीड़ा लागै कदे ईंख नै कंसुआ खावै कदे औला कदे सूखा पड़ज्या हमनै कोण्या रोटी भावै कदे गात नै ये पत्ते चीरैं कदे काली नागण फन ठावै मील मैं हो भेड मुंडाई कद तांहिं मन समझाणा होगा।। या सारी दुनिया स्याणी होगी तूँ कद सी स्याणा होगा ।। 3 सुनले कमले ईब ध्यान लगाकै म्हारे मरण मैं बिसर नहीं आज कुड़की आरी म्हारे घर मैं नाश होण मैं कसर नहीं जीते बी कोण्या मरते बी कोण्या औण पौण मैं बसर नहीं चारोँ लाल कड़ै गए भाई के गई सै फोन मैं खबर नहीं कोण्या पार जावै म्हारी जै यो न्यारा न्यारा ठिकाणा होगा। या सारी दुनिया स्याणी होगी तूँ कद सी स्याणा होगा ।। 4 इसकी खातर गाँव गाँव मैं जथेबंदियाँ का जाल बिछावां जीणा चाहवाँ तै भाईयो यूनियन नै अपणी ढाल बणावाँ बिना रोएँ तो बालक भी भूखा जंगी अपणी चाल बनावाँ रणबीर सिंह बख्त लिकड़ज्या बरोने मैं फिलहाल बनावाँ तगड़ा संगठन बनाकै अपणा जंगका बिगुल बजाणा होगा या सारी दुनिया स्याणी होगी तूँ कद सी स्याणा होगा ।। 514********** कुड़की आगी जर्दी छागी रणसिंह और कमला की बातचीत 1986 -87 , के दौर में ----- रणसिंह : कुड़की आगी जर्दी छागी नाश हों मैं कसार नहीं ।। कमला : धरती जागी चिंता खागी डले ढोंण मैं बिसर नहीं।। रणसिंह : कोए मखौल उड़ावै म्हारा कसूता मारै कोए तान्ना कोए घणी दया दिखावै कहै मत दे कोए आन्ना दारू मैं क्यूँ पीग्या धरती सोध्या नहीं कोए रकान्ना उल्टी सीधी चर्चा चालै नहीं ख़ाली कोए खान्ना सुणले कमला आया हमला आज मरण मैं कसर नहीं।। कमला : चालीस बरस तैं देखूँ म्हारी खाल उतारी जा सै मण्डी फेर होज्या ठंडी न्यों कमाई सारी जा सै म्हारी कीमत दूजा लावै म्हारी अक्कल मारी जा सै कुआँ झेरा टोहना होज्या कोण्या पार हमारी जा सै फटे हालां टुटी चालां होवै दिल मैं सबर नहीं ।। रणसिंह : कारखाने मैं आवै टोट्टा नहीं सरकार नीलम करै चलावैं दूनी पूंजी लाकै न्यों पूरा इंतजाम करै चालें पाछै उल्टा देवै मालिक के गोदाम भरै भा बी थोड़ा कुड़क धरती गेल डिफाल्टर नाम धरै जीते कोण्या मरते कोण्या यो तो किमै बसर नहीं।। कमला : क्यों माड़ा मन कररया धरती अपनी बचाणी सै आड़ै हम ऐकले कोण्या मिलकै अलख जगाणी सै गाम गाम कुड़की आरी सै सही गलजोट बनाणी सै आप्पा मारें पार पड़ैगी साच्ची बात समझाणी सै हों किसान करजवान कट्ठे और कोए तो डगर नहीं।। रणसिंह: आंसू आरे धीर बंधावै ईब तक हिम्मत हारी ना कुड़की नहीं होण दयूं कहै सस्ती लाश हमारी ना क्यों खामखा पागल होरी जावै आज पार हमारी ना रणबीरसिंह खड़े लखावां बरोणा बूझै जात हमारी ना कित सैं लाल हरियाणे के कानां गई के खबर नहीं ।। 515********** के करूं कित जाऊं के करू कित जाऊं मनै नहीं आज इसका बेरा ॥ कष्टों नै आज दिया घना कसूता मेरै सै यो घेरा ॥ 1 ट्रेक्टर की बाही मारै ट्यूबवैल का रेट सतावै थ्रेशर की कढ़ाई मारै भा फसल का ना थ्यावै फल सब्जी ढूध सीत सब ढोलां मैं घल ज्यावै माटी गेल्याँ माटी होकै बी सुख का साँस ना आवै बैंक मैं सारी धरती जाली दीख्या चारों कूट अँधेरा॥ कष्टों नै आज दिया घना कसूता मेरै सै यो घेरा ॥ 2 निहाले पै रमलू तीन रूपया सैकड़े पै ल्यावै वो साँझ नै रमलू धोरे दारू पीवन नै आवै निहाला कर्ज की दाब मैं बदफेली करना चाहवै विरोध करया तो रोज पीस्याँ की दाब लगावै बैंक अल्यां की जीप का बी रोजाना लग्या फेरा॥ कष्टों नै आज दिया घना कसूता मेरै सै यो घेरा ॥ 3 बेटा बिन ब्याह हाँडै सै घर मैं बैठी बेटी कंवारी रमली रमलू नयों बतलाये मुशीबत कट्ठी होगी सारी खाद बीज नकली मिलते होगी ख़त्म सब्सिडी म्हारी माँ टी बी की बीमार होगी बाबू कै दमे की बीमारी रौशनी कितै दीखती कोन्या घर मैं टोटे का डेरा॥ कष्टों नै आज दिया घना कसूता मेरै सै यो घेरा ॥ 4 माँ अर बाबू म्हारे नै यो जहर धुर की नींद सवाग्या माहरे घर का जो हाल हुआ वो सबके साहमी आग्या जहर क्यूं खाया उनने यो सवाल कचौट कै खाग्या म्हारी कष्ट कमाई उप्पर कोए दूजा दा क्यों लाग्या कर्जा बढ़ता गया म्हारा मरग्या रणबीर सिंह कमेरा ॥ कष्टों नै आज दिया घना कसूता मेरै सै यो घेरा ॥ 516********* किसान मजदूर की ऊपरा तली की रागनी मजदूर-ना गश लावै भाई बिगाड़या तेरा मिजान नहीं ।। किसान- मजदूरी बाधू मांगें जावै करै म्हारा ध्यान नहीं ।। 1 मजदूर-करकै गाड़ी त्यार राज की दो पहिये इसमैं डाल दिये किसान-हम जोड़ दिए लागू पूरे मजदूर कर माला माल दिये मजदूर-असवार हुया सै मोटा दोनों के मरण के हाल किये किसान- थारे मैं बांट म्हारी कमाई हम उसनै कंगाल किये मजदूर- बण्या डलेवर पूंजीपति हम करते यो ध्यान नहीं।। किसान- मजदूरी बाधू मांगें जावै करै म्हारा ध्यान नहीं ।। 2 मजदूर-बैठ्या बैठ्या बंगळ्यां मैं ओ मौज उड़ावै सै किसान- मेहनत हम करां सां क्यूकर लूट ले जावै सै मजदूर- कमाई तीस की करवाकै देकै आठ भकावै सै किसान-ओ क्यूकर लूटै सै जब भा सरकार ठहरावै सै मजदूर- ये टोटके समझे बिना होवै कति कल्याण नहीं।। किसान- मजदूरी बाधू मांगें जावै करै म्हारा ध्यान नहीं ।। 3 मजदूर-उठ सवेरे ही हम दोनों अपने अपने काम पै जावैं सैं किसान-मर पिट कै सांझ ताहिं ये गण्ठा रोटी थ्यावैं सैं मजदूर-टूट्या फूट्या घर म्हारा मुश्किल गुजारे हो पावैं सैं किसान-रच दिया संसार उसनै ये थाह किसनै थ्यावैं सैं मजदूर- रूस लिया कमेरयां तैं म्हारा यो भगवान नहीं ।। किसान- मजदूरी बाधू मांगें जावै करै म्हारा ध्यान नहीं ।। 4 मजदूर- इतनी मैं ना पार पड़ै हमनै आपस मैं कटवावै यो किसान-किसान नै मजदूर खाग्या यही हमनै बतलावै यो मजदूर- एक डाँडी तैं मारै मनै दूजी तैं तनै खावै यो किसान-मारै क्यूकर मनै बता अन्नदाता मनै बतावै यो रणबीर बिना म्हारे मेल होवै कोये समाधान नहीं ।। किसान- मजदूरी बाधू मांगें जावै करै म्हारा ध्यान नहीं ।। 517************ पूरी दुनिया मैं चर्चे किसान आंदोलन के चरचे पूरी दुनिया के मैं होये रै।। बीज किसानों के भाईचारे के आंदोलन नै बोये रै।। 1 जात धर्म तैं ऊपर उठकै हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई किसान मजदुर कट्ठे होकै कानूनों की वापसी चाही कारपोरेट तबके ताहिं भाई झगड़े कानूनों के झोये रै।। बीज किसानों के भाईचारे के आंदोलन नै बोये रै।। 2 जमाखोरी या बेअंत करदी ईसा कानून बनाया देखो एमपीएससी तीजे कानूनं का कसूता तीर चलाया देखो घणा फतूर मचाया देखो जनतंत्र के तरीके ये खोये रै।। बीज किसानों के भाईचारे के आंदोलन नै बोये रै।। 3 खालिस्तानी माओवादी बरगे ओछे हथकंडे अपनाये किसान समझगे चाल इनकी कोण्या बहका मैं आये झूठ के घणे तीर चलाये इसके खूबै बोरे ढोये रै।। बीज किसानों के भाईचारे के आंदोलन नै बोये रै।। 4 फूट गेरो राज करण का मोहरा इनका फेल किये फासीवाद तैं लड़ने के तरीके किसानों नै पेश किये हो कट्ठे ये पेल दिए रणबीर नै छंद पिरोये रै।। बीज किसानों के भाईचारे के आंदोलन नै बोये रै।। 518************* सौ दिन आंदोलन के जब सौ दिन हो गए तब लिखी एक रागनी *किसान आंदोलन दिल्ली के बोडरां पै डटरया सै।।* *सारे ढाल के दबाव सरकारी कति ना पाछै हटरया सै।।* पंजाब के गाम शहर तैं लेकै ट्रैक्टर ट्राली चाले थे छब्बीस नवम्बर के दिन डेरे दिल्ली के मैं डाले थे *अद्भूत एकता के आगै सरकार का पाला बंटरया सै।।* सारे ढाल के दबाव सरकारी कति ना पाछै हटरया सै।। 2 टिकरी बॉर्डर सिंघु बॉर्डर डेरे किसानों नै जमाये रै गाजीपुर ढांसा बार्डर पै भी नारे इंकलाबी गूंजाये रै *शाहजहाँपुर भी ना पाछै इसका बेरा सबनै पटरया सै।।* सारे ढाल के दबाव सरकारी कति ना पाछै हटरया सै।। 3 केएमपी बॉर्डर पै जाम पांच घण्टे का आज लावैंगे तानाशाह सरकार देश की उसकै इब साँस चढावैंगे *किसानों की ताकत बढरी होंसला जमा ना घटरया सै।।* सारे ढाल के दबाव सरकारी कति ना पाछै हटरया सै।। 4 हिंदुस्तानी किसान उभरया सै सबक कई सिखा दिये महिला किसान आगै आयी कदम तैं कदम मिला दिये *रणबीर दुनिया का सबतैं लाम्बा आंदोलन छँटरया सै।।* सारे ढाल के दबाव सरकारी कति ना पाछै हटरया सै।। 519********** महिला किसान आज ठंड घणी ए करड़ी पड़री, महिला किसान दिल्ली पै चढ़री, काले कानून वापिस करवावैगी।। 1 किसानी संघर्ष मैं आगै आई, हर कदम ऊपर साथ निभाई, नहीं कदे पाछै कदम हटावैंगी।। 2 गुरबत मैं दिन बीत रहे म्हारे, अम्बानी के करे वारे के न्यारे, महिला किसान सारे कै छावैंगी।। 3 हद होगी कहते तम धीरज धारो, कानूनां पै हटकै नै सोच विचारो, तीनों कानूनं कहैं हक मैं पावैंगी।। 4 रणबीर संघर्ष मैं साथ देरया सै, कलम तैं उसनै दे दिया घेरा सै, महिला किसान गति मैं आवैंगी।। 520*********** पांच सितंबर मुजफ्फर नगर चलो संयुक्त किसान मोर्चा नै मुजफ्फरनगर में पंचायत बुलाई।। पांच सितंबर का दिन सै घणे ट्रैक्टर ट्राली करैंगे चढ़ाई ।। 1 तीन कानूनों के खिलाफ किसानों ने इतिहास रचाया नौ महीने तक डटे दिल्ली मैं किसानी एकता नै रंग दिखाया गर्मी सर्दी बारिश आंधी तूफान महामारी सब औटे भाई ।। 2 इस संघर्ष के दौरान छह सौ वीर किसान शहीद होगे सैं कारपोरेट के खिलाफ भाई लंबे संघर्ष के बीज बोगे सैं गजब की एकता देखी इनकी हिंदू मुस्लिम सिख इसाई।। 3 किसान आंदोलन तोड़ण के गए कई हथकंडे अपनाए किसानों नै सरकारी हथकंडे फेल करके नै दिखलाए देख एकता किसानी की या भाजपा सरकार घबराई।। 4 कॉरपोरेट खेती छोड़ो रणबीर नारा देश में गुंजाया सै मोदी जी गद्दी छोड़ो का नारा गांव गांव पहुंचाया सै आजादी संग्राम दिवस नै फहराकै तिरंगा एकता दिखाई।। 521********* सही ताकत दिखाई मुजफ्फर नगर मैं किसानां नै एकता की सही ताकत दिखाई।। जब ताहिं तीन क़ानून ना वापिस हों तब ताहिं लड़ेंगे लड़ाई।। 1 किसानों पै लाठी बरसवाकै थारा कै दिन राज चलैगा मजदूर किसान छोटा व्यापारी सुधां ब्याज वसूल करैगा बेच्या देश यो कारपोरेट कै या जनता की समझ मैं आई।। जब ताहिं तीन क़ानून ना वापिस हों तब ताहिं लड़ेंगे लड़ाई।। 2 किसान मोर्चे नै सत्ताईस सितम्बर भारत बंद का करया एलान सारे देश मैं करै जलूस जलसे संघर्ष तेज करैगा मजदूर किसान जनतंत्र बचाने की खातिर दूजी आजादी की बिगुल बजाई।। जब ताहिं तीन क़ानून ना वापिस हों तब ताहिं लड़ेंगे लड़ाई।। 3 कमेरयां की बनी एकता इस सरकार कै सांस चढ़ावैगी तीनों काले कानून वापिस पूरा हांगा लाकै नै करवावैगी नहीं लिए वापिस सरकार नै तो जरूर करेंगे चालती भाई।। जब ताहिं तीन क़ानून ना वापिस हों तब ताहिं लड़ेंगे लड़ाई।। 4 ढाल ढाल की चाल चालकै या सरकार एकता तोड़ी चाहवै नब्बै की पक्की एकता दस नै लाजमी बात सै जरूरी ढ़ाहवै रणबीर वंचित तबके समझ रहे इस सरकार की सब चतुराई।। जब ताहिं तीन क़ानून ना वापिस हों तब ताहिं लड़ेंगे लड़ाई।। 522********** ज्यान हथेली पै धरकै किसान आत्मनिर्भर देश बनाया ज्यान हथेली पै धरकै रै।। किसान तै पढ़ण बिठाया तीन बिल आज पास करकै रै। 1 किसानी संकट बढ़ा दिया ईब कड़ै बिलां मैं बड़गे रै के मजबूरी थी तमनै क्यों ये बिल पास करने पड़गे रै गिहूं गोदामां मैं सड़गे रै चुहे खागे बोरी नै कुतर कै रै।। किसान तै पढ़ण बिठाया तीन बिल आज पास करकै रै।। 2 पहलमै फांसी खा खाकै किसान मरण लाग रहे थे कारपोरेट के काले ये इनकै लड़ण नाग रहे थे किसान ईब जाग रहे सैं हक लेंवैंगे चाहे मर कै रै।। किसान तै पढ़ण बिठाया तीन बिल आज पास करकै रै।। 3 बिन किसान ना खेती बताई बिन खेती उद्योग कड़ै क्यूकर देश बढ़ैगा आगै इतना दुखी किसान जड़ै मुंह खोलना जरूर पड़ै पानी गया म्हारे सिर पर कै रै।। किसान तै पढ़ण बिठाया तीन बिल आज पास करकै रै।। 4 मजदूर विरोधी बिल ल्याये इसकी ना मजबूरी बताई कारपोरेट की गोज भरी म्हारी करी चाहवैं खूब खिंचाई पार्लियामेंट मैं मोहर लवाई लडांगे लड़ाई समर कै रै।। किसान तै पढ़ण बिठाया तीन बिल आज पास करकै रै।। 5 भारत का किसान दुखी हुया फसल पिटगी चौड़े मैं चांद तो कदे बी मांग्या ना करया सै गुजर थोड़े मैं अम्बानी के घमोड़े मैं कोण्या मरैं किसान पसर के रै।। किसान तै पढ़ण बिठाया तीन बिल आज पास करकै रै।। किसान तै पढ़ण बिठाया तीन बिल आज पास करकै रै।। 6 बिना एकता ना काम चलै पिट्या किसान न्यारा-न्यारा जातपात और गोत नात पै बांटया कैहकै यारा प्यारा रणबीर सिंह साथ देगा थारा उठियो संघर्ष पूरा करकै रै।। किसान तै पढ़ण बिठाया तीन बिल आज पास करकै रै।। 523********* केरल मैं लहर खेती नै बचावैगी जो, रोटी बी दिलावैगी जो, देश नै बचावैगी जो, केरल मैं इसी लहर उठगी भाइयो।। 1 अडानी अम्बानी खेल बनारे, केंद्र सरकार की रेल बनारे , बंगाल मैं हारी बुरी ढाल,तमिलनाडु नै तारी खाल, केंद्र सरकार हुई बेहाल, इसकी काट बिछगी सै भाइयो।। 2 जिब ये रोटी दे नहीं पाये रै ये मंदिर नै हटकै लियाये रै, जात पै हम बांटे चाहे, धर्म पै खूब काटे चाहे, मन ये करे खाटे चाहे , या जनता समझगी सै भाइयो।। 3 कारपोरेट की दया पै छोड़ दिये, म्हारे तैं नाते जमा तोड़ लिए किसान आंदोलन साथ हुया, सहारा दिन रात हुया, मजदूर का भी हाथ हुया, आस म्हारी बढ़गी सै भाइयो।। 4 किसान संघर्ष आगै बढैगा रै , अडानी अम्बानी यो पिटैगा रै, रणबीर नै करी कविताई, तुरत आज रागनी बनाई, चुनल्यां एके की राही सरकार इब फंसगी सै भाइयो।। 524********* दिल्ली आज घेर लई जाग लिया किसान सै, समझ गया जवान सै संघर्ष का एलान सै , दिल्ली आज घेर लई।। 1 किसान रीढ़ देश की इतना बी तमनै बेरा ना कितने बिल पास करले ईब बचै थारा घेरा ना संघर्ष का हथियार यो, गेरैगा थारी सरकार यो जमा ना मानैगा हार यो, दिल्ली आज घेर लई।। 2 जात पात तैं ऊपर उठकै हुया किसान हिंदुस्तानी केंद्र सरकार की ईब कोण्या चालण देवै मनमानी म्हारे देश के किसान ये चढ़ लिए एक मचान ये रहे आर पार की ठान ये, दिल्ली आज घेर लई।। 3 मजदूर विरोधी बिल भी लेकै आयी सरकार थारी वे भी साथ आण मिले संघर्ष चलैगा देखो भारी ये बिल वापिस करावैंगे इतनै नहीं उल्टे जावैंगे दिल्ली मैं ए डेरा लावैंगे, दिल्ली आज घेर लई। 4 मध्यम वर्ग छोटे व्यापारी इनके साथ मैं आगे सैं या लाम्बी लड़ाई चालैगी पूरा अंदाज लगागे सैं नहीं सहवांगे अपमान बचावैं देश का संविधान रणबीर का यो उनमान दिल्ली सही घेर लई।। 525******* सिर भी म्हारा सिर भी म्हारा जूती म्हारी गंजे बणा कै छोड़ दिये।। नया टोरड़ा एक नहीं लाया पुराने औटड़े फोड़ दिये।। 1 बिलां का खागड़ खड़या सुंसावै खुर्रियाँ माट्टी ठावै ल्याकै बाड़ दिया म्हारे घर मैं बैरी इनै दोस्त बतावै भारत का बुलध रम्भावै खागड़ों नै कर गठजोड़ लिए। नया टोरड़ा एक नया लाया पुराने औटड़े फोड़ दिये।। 2 खागडां तैं बचावण नैं कहवैं ये तीन बिल बनाये सैं विरोधियाँ नै किसान भाई बिन बात के बहकाये सैं इन नीतियां नै देश पूरे मैं किसानों के गोड्डे तोड़ दिये।। नया टोरड़ा एक नया लाया पुराने औटड़े फोड़ दिये।। 4 मेरी यूनियन सभा सै तेरी बन्द करां इस तकरार नै कट्ठे होकै संघर्ष करां मार दिए म्हारी सरकार नै तेज लड़ाई कर रणबीर मूँह खागडां के मोड़ दिये।। नया टोरड़ा एक नया लाया पुराने औटड़े फोड़ दिये।। 526******** जनता नै साथ निभाई संघर्ष की मिलकै बिगुल बजाई, किसान एकता घणी गजब बनाई, सारे देश मैं छेड़ी किसान लड़ाई, जनता नै खूब साथ निभाया देखो।। 1 किसान नहीं सैं आज एकेले पूरे समाज का साथ पारे ठंड पड़ै या घणी कसूती फेर भी पैर कसूते जमारे सरकार ये घणे भरम फैलारी या किसानी एकता तोड़ी चाहरी या सफल हुई नहीं मूंह की खारी या भरम सफल हो नहीं पाया देखो।। 2 देकै झूट्ठी दलील सरकार,किसानां नै फिरै भरमाती रै सारे जुगाड़ करकै देख लिए इसकी ना पार बसाती रै कोर्ट नै भी एक कमेटी बनादी, किसानों नै इसपै शंका जतादी, कमेटी कानून हिम्मती बतादी, संघर्ष यो अपना आगै बढ़ाया।। 3 इस तरां तैं नहीं झुकेंगे जुल्मो सितम तैं टकरावांगे सरकार की नाके बन्दी तैं हम जमा नहीं घबरावांगे या छब्बीस जनवरी परेड करांगे, हम लाठी गोली तैं नहीं डरांगे, पाछे नै कदम कति नहीं धरांगे, किसान एकता जिंदाबाद गुंजाया।। 4 चाहे कुछ भी हो जावै हम तीनों कानून वापिस करावैं ज्याण खपादयाँ दिल्ली मैं खाली हाथ ना उल्टे जावैं रणबीर नै आज कलम उठाई , अपने दिल की बात पहोंचाई, साच की आखिर जीत बताई, जीत का माहौल खूब बनाया।। 527********* सोचें मिलकै किसान मजदूर सोचें मिलकै क्यों लुटगी मेहनत म्हारी।। किसान फसल उगावै मजदूर बणावै महल अटारी।। 1 उबड़ खाबड़ खेत क्यार किसान की मेहनत नै सँवारे मजदूर सड़क डैम बणाकै पूरे भारत नै चमकारे किसान मजदूर की मेहनत क्यों मौज करता साहूकारी।। किसान मजदूर सोचें मिलकै क्यों लुटगी मेहनत म्हारी।। 2 किसान और मजदूर की एकता बख्त की बात बताई जा इन दोनों की एकता भाईयो जात गोत इलाके मैं खिंडाई जा न्यारे न्यारे किसान मजदूर नुकसान ठारे सैं घणा भारी।। किसान मजदूर सोचें मिलकै क्यों लुटगी मेहनत म्हारी।। 3 देश आगै बढ़या आज मेहनत करी मजदूर किसान इनके बालक भूखे फिरते न्याकारी कोण्या पाया भगवान काम करनिये रूलगे देखो पिटी सारै कै या ईमानदारी ।। किसान मजदूर सोचें मिलकै क्यों लुटगी मेहनत म्हारी।। 4 सिस्टम लूट पाट का होग्या नीति खड़ी विरोध म्हारे थारे मैं म्हारी लूट का तोड़ बताया किसान मजदूर के भाईचारे मैं सोच समझ कै रणबीर की कलम दोनों का एका चाहरी।। किसान मजदूर सोचें मिलकै क्यों लुटगी मेहनत म्हारी।। 528******** पगड़ी सम्भाल *पगड़ी सम्भाल का दिन आज देश मैं मनाया जावै।।* *अजीत सिंह किशन सिंह थारी याद बहोत घणी आवै।।* 1 एंग्लो सिख युद्ध मैं भाग लिया परदादा फते सिंह नै आधी जायदाद जब्त करी गोरयां नै म्हारे हिन्द मैं *दादा अर्जुन सिंह उन बख्तों का समाज सुधारक कहावै।।* अजीत सिंह किशन सिंह थारी याद बहोत घणी आवै।। 2 किशन सिंह पिता चाचा अजीत लड़ी आजादी की लड़ाई चाचा स्वर्ण सिंह साथ मैं इंकलाब जिंदाबाद गूंजाई *अंग्रेज गोरा इनकै ऊपर सारे तरां के यो जुल्म ढ़ावै।।* अजीत सिंह किशन सिंह थारी याद बहोत घणी आवै।। 3 घर की महिलावां नै भी इनका धुर ताहिं साथ निभाया दादी जयकौर मां विद्यावती कदम तैं था कदम मिलाया *चाची हरनाम कौर हुक्म कौर भी सारै आगै खड़ी पावै।।* अजीत सिंह किशन सिंह थारी याद बहोत घणी आवै।। 4 अंग्रेजों के जुल्मों के खिलाफ लाया पगड़ी सम्भाल का नारा बालक भगत सिंह नै आंख्या देख्या था यो सारा नजारा *रणबीर यो किसान आंदोलन पगड़ी सम्भाल याद दिलावै।।* अजीत सिंह किशन सिंह थारी याद बहोत घणी आवै।। 529******** करो या मरो देश भर के किसानों नै आज यो मोर्चा जबर बनाया।। अपणी मांग मणवावण नै सारे कै अलख जगाया।। 1. एक सौ तीस किसान संगठन एक मंच पर आये भारतीय किसान संघर्ष समिति ये आज बणा पाये वर्किंग ग्रूप बनाया सै कन्वीनर वी एम सिंह बनाये बणा कै मजबूत मोर्चा किसान एकता के नारे लाये मिल जुल कै इन सबनै संघर्ष का बिगुल बजाया।। अपणी मांग मणवावण नै सारे कै अलख जगाया।। 2. समन्वय समिति प्रदेशां मैं सारे कै जावैगी बणाई छह जुलाई तैं लेकै नै दो अक्तुबर तारीख बताई जन जागरण अभियान की जावैगी लौ खूब जलाई मंदसौर चम्पारण तक पहोंचै या जागरण की गरमाई इस फैंसले पै सबनै कठ्ठे होकै नै मोहर लगाया।। अपणी मांग मणवावण नै सारे कै अलख जगाया।। 3. स्वामिनाथन रिपोर्ट लागू हो जागी या मांग उठाई रै फल सब्जी पै लागत तैं कीमत डेढ़ गुणा जा लाई रै इस भाव पै खरीद की भी गारंटी जावैगी कराई रै किसानों के कर्ज माफ हों इसपै सहमति बनाई रै कृषि लागत कम करने का मामला भी जावैगा ठाया।। अपणी मांग मणवावण नै सारे कै अलख जगाया।। 4. पशु व्यापार पै रोक नै तुरत फुरत खत्म करावां भूमि अधिग्रहण कानून संसद मैं तैं वापिस ल्यावां साठ साल पाछै पैंशन पांच हजार सबकी चाहवां मनरेगा की फंड कटौती नै वापस करवाकै आवां कहै रणबीर सिंह चाहूं कदम तैं कदम मिलाना।। अपणी मांग मणवावण नै सारे कै अलख जगाया।। 530******** करनाल शहर मैं करनाल शहर के म्हां किसान पै लाठी खूब बरसाई।। कई किसान जख्मी होए सरकार हुई घणी हड़खाई।। 1 किसानों पै लाठी बर्साइयो एक वीडियो साहमी आई म्हारे सी एम नै बचाव किया लिपा पोती सी करी चाही अधिकारी ससपेंड ना किया जनता की खत्म हुई समाई।। 2 जालिम लाठी चार्ज मैं शहीद होग्या एक शूरवीर किसान बाट देखी एक्शन होवैगा फेर संघर्ष का किया एलान जरूर मिलै न्याय किसानां नै तेज कर दिया संघर्ष भाई।। 3 मजदूर किसान व्यापारी इनका एका रंग दिखावैगा सचिवालय पै दिया धरना एक्शन दोषियां पै करावैगा बढ़ा दबाव सरकार पै पकड़ी मांग मनवाने की राही।। 4 करनाल मुजफ्फर नगर ये आज संघर्ष के बणे मैदान पक्की बात किसान मजदूर तोड़ैगा सरकारी अभिमान रणबीर दोषियाँ के ऊपर जरूर होनी सै कार्य वाही।। 531********** डब्ल्यू टी ओ वार्ता : एक दिन चाँदकौर खरखौदे से बच्चों के लिए कुछ सामान लेने गई तो वहाँ पर चर्चा थी डब्ल्यू टी ओ की। एक थ्री व्हीलर में माइक पर कहा जा रहा था - किसान सभा की तरफ से जलसा होगा जिसमें डब्ल्यू टी ओ पर बातचीत रखी जायेगी। वहां माइक पर चांदकौर ने एक गीत भी सुना जिसके बोल थे: डब्ल्यू टी ओ नै म्हारे देश के कति बिगाड़े हाल, देखियो के होगा।। 1 म्हारे खेत उजाड़ दिए और किसान मार दिया धरती कै बिकवा खिड़की किवाड़ दिए दिवाला पिटग्या सरती कै किसान छोडे ना किसे दीन के इसी बिगाड़ी चाल देखियो के होगा।। डब्ल्यू टी ओ नै म्हारे देश के --- 2 कमाँ कमाँ कै खेतां मैं मर लिए लूट कै पैप्सी कोला लेग्या पलंग निवारी देऊँगा कैहकै यो खोस म्हारा खटोला लेग्या दो किल्ले आला जकड़ दिया बिछाकै इसनै जाल देखियो के होगा ।। डब्ल्यू टी ओ नै म्हारे देश के --- 3 भारत की सरकार पसार रही अमरीका आगै झोली देखो इसे चश्में चढ़ाये अमरीका नै ना दीखै उसकी रोली देखो डब्ल्यू टी ओ नै पाड़ लिए म्हारे सिर के सारे बाल देखियो के होगा।। डब्ल्यू टी ओ नै म्हारे देश के .-- 4 कपास पीटी धान पीट दिया गेहूं पिटण की बारी सै नौकरी खोसी धंधे चौपट हमला इसका भारी सै रणबीर सरकार नै गोड्डे टेके बणगी जमा दलाल देखियो के होगा ।। डब्ल्यू टी ओ नै म्हारे देश के --- 532********** तीन काले कानून किसानी तबाह करण नै ,तीन काले कानून बनाये।। पहल्यां आली समों रही ना बख्त घणे कसूते आये।। 1 आज किसान संघर्ष करैं काल मध्यम वर्ग करैगा रै व्यापारी पै भी असर किसानी संकट का पड़ेगा रै किसानी संकट पूरे समाज का दिल्ली के म्हं डेरे लाये।। किसानी तबाह करण नै ये तीन काले कानून बनाये।। 2 गामां की बढ़ै बेरोजगारी बीज बिघ्न के बोज्यागी शहरां मैं भी बढ़ै बेरोजगारी या लाम्बी लाइन होज्यागी छोटे दुकानदार व्यापारी भी इस संकट मैं घलैं बताये।। किसानी तबाह करण नै ये तीन काले कानून बनाये।। 3 असल मैं छूट दी अम्बानी तैं जनता पै गेरै मार रै किसान नै करैं कानून आजाद यो सै झूठा प्रचार रै किसानी संकट और बढ़ैगा विद्वानां नै कानून खोल दिखाये।। किसानी तबाह करण नै ये तीन काले कानून बनाये।। 4 करार कानून के तहत अम्बानी हर खेती करहवैंगे रै चार पांच सौ किल्यां के देश मैं फेर फार्म बनावैंगे रै रणबीर बरोणे आले नै सोच समझ कै ये छंद बनाये।। किसानी तबाह करण नै ये तीन काले कानून बनाये।। 533********** महिला संसद महिला किसान जंतर मंतर आई, महिला संसद उड़ै करकै दिखाई, काले कानून वापिस करवावैंगी।। 1 महिला इस संघर्ष में आगे आई, हर कदम पर है साथ निभाई, ना कभी पीछे कदम हटावैंगी।। 2 सारे बोर्डरों पर धरना जमाया तीन कानूनों को गलत बताया महिला किसान बढ़ती जावैंगी।। 3 टोल प्लाजा पै महिला छारी ये बराबर का देखो साथ निभारी ये किसान आंदोलन आगै बढ़ावैंगी।। 4 रणबीर संघर्ष मैं साथ पूरा देरी दिल्ली की सरकार कसूती घेरी ये सरकार कै सांस चढ़ावैंगी।। 534*********** सियासत जात धर्म की आड़ लेकै सियासत करया नहीं करते रै।। साम्प्रदायिक मारकाट करादें बेकसूर माणस मरते रै।। 1 जात धर्म तैं ऊपर उठे किसान मजदूर दोनों भाई आज किसान आंदोलन मैं दिल्ली की सै भ्यां बुलाई कोये खाना ल्यावै बॉर्डर पै कोये ल्याकै मिठाई धरते रै।। साम्प्रदायिक मारकाट करादें बेकसूर माणस मरते रै।। 2 ट्रैक्टर ट्राली जोड़ कै नै करी दिल्ली पै चढ़ाई रै किसान एकता बढ़ती जा बढ़ी सरकार की करड़ाई रै लाठी गोली आंसू गैस तैं ना मजदूर किसान डरते रै।। साम्प्रदायिक मारकाट करादें बेकसूर माणस मरते रै।। 3 फुट गेर कै राज करण नै लेली जात धर्म की ढाल रै किसान मजदूर समझ गए उनकी शातिर या चाल रै एकता गजब बनाई सै हर कदम पै खरे उतरते रै।। साम्प्रदायिक मारकाट करादें बेकसूर माणस मरते रै।। 4 किसान मजदूर उठ लिए ताकत और घणी बढैगी दिल्ली की अकड़ सारी इनकी एकता साहमी कढ़ेगी रणबीर इसे छंद बनाये जो पर बैरी के कुतरते रै।। साम्प्रदायिक मारकाट करादें बेकसूर माणस मरते रै।। 535********* हिसाब एक क्वींटल गण्डे मैं कितनी चीनी बणज्या सै। सीरा कितना लिकड़ै सै खोही कितनी बचज्या सै।। 1 पढ़ लिख कै बी अपनढ़ दुनिया देखो किसी पढ़ाई गोरयां नै या चाल चली जो वा इब तक चलती आई मेहनत की म्हारी कमार्इ उसकी झोली में घलज्या सै।। सीरा कितना लिकड़ै सै खोही कितनी बचज्या सै।। 2 एक क्वींटल सरसों मैं कितना तेल बनाया भाई कितनी खल लिकड़ी उसमैं कदे हिसाब लगाया भाई सारी उम्र भकाया भाई आज बी हमनै छलज्या सै।। सीरा कितना लिकड़ै सै खोही कितनी बचज्या सै।। 3 एक क्वींटल कपास मैं कितना धागा बना दिया धागे तै सूती कपड़ा कितने मीटर यो पहरा दिया बिनौला कितना खिला दिया झोटा क्यूकर पलज्या सै।। सीरा कितना लिकड़ै सै खोही कितनी बचज्या सै।। 4 सारी बातां का नाता कोण्या आज की पढ़ाई तै ज्ञान विज्ञान बात सिखावै पूरी ही चतुराई तै रणबीर की कविताई तै लुटेरा घणा ए जलज्या सै।। सीरा कितना लिकड़ै सै खोही कितनी बचज्या सै।। 536********* सब्सिडी अमीरां की म्हारी कै कट मरया अमीरां की सबसिडी बढ़ाई देखो। राष्ट्र भक्ति के नारे लगाकै कितनी लूट मचाई देखो।। 1. राशन प्रणाली तोड़ बगाई किसानां की भ्यां बुलवादी बाल्को कंपनी बूझै कोए क्यों या माट्टी मोल बिकादी धारावी झोंपड़ पट्टी की एक प्रतिशत गरीबी बतादी आकड़यां का खेल रचाकै देश तै गरीबी जमा भगादी स्वदेशी का सांग करया बदेशी कंपनी ये बुलाई देखो।। राष्ट्र भक्ति के नारे लगाकै कितनी लूट मचाई देखो।। 2. नौकरी मिलैं आगले जनम मैं इस जन्म मैं घटावैगा डीजल खाद बिजली म्हंगे सस्ते किसान कित पावैगा चीनी माचीस चाय बिस्कुट पहलम तै म्हंगे खावैगा दिल के छेद आला मरीज पां पीट के मर जावैगा छियासठ हजार नौकरी आये साल की क्यों घटाई देखो।। राष्ट्र भक्ति के नारे लगाकै कितनी लूट मचाई देखो।। 3. कार न्यारी ढाल की जितनी सबके रेट घटाये आज एयर कंडीशन्ड सस्ते होंगे मंत्राी नै बताये आज कोका पैपसी सस्ते करे बदेशियां तै हाथ मिलाये आज कई बिल पास कर दिए उत्पाद शुल्क गये बढ़ाये आज देश बेचण की तैयारी सरकारी नहीं शरमाई देखो।। राष्ट्र भक्ति के नारे लगाकै कितनी लूट मचाई देखो।। 4. किसान फांसी खा खा मरते उनकै मौज उड़ाई जावैं निजीकरण उदारीकरण की दी घटिया ये दवाई जावैं जात धर्म पै लड़वां के ये असली बात छिपाई जावैं म्हारे खिलाफ बिल ल्याकै कसूती खाल तराई जावैं रणबीर सिंह दिल भीतर तै करता कविताई देखो।। राष्ट्र भक्ति के नारे लगाकै कितनी लूट मचाई देखो।। 537********** कृषि संकट किसानी संघर्ष कृषि संकट संकट किसानी कमेरे किसान तोल कै बतावैं।। इस संकट के सारे हिस्से पूरी ढालां खोल कै समझावैं।। 1 या समस्या उन्नत कृषि नै उन्नत स्तर पै पहूंचाई रै पूंजीवाद नै हरित क्रांति कई प्रदेशों मैं फैलाई रै विशालकाय आधुनिक मशीन खेताँ मैं चलाई रै उन्नत बीज खाद ल्याये घनी महंगी किस्म अपनाई रै कीटनाशकों का अंधाधुंध इस्तेमाल घणे जहर घोले दिखावैं।। 2 ऊंचे दर्जे का तकनीक विकास यो हुया बताया देखो फसल की तबाही बीमारी नहीं काबू कर पाया देखो कृषि विभाग हाथ करे खड़े ना कोये राह दिखाया देखो महकमे के भ्रष्टाचार नै यो संकट और बढ़ाया देखो उन्नत कृषि नै किसान मारे या बात पूरी तरियां छिपावैं।। 3 गुजारे की खेती तैं बाजार की खेती कांहीं गया धकाया रै किसानों की आत्म हत्या का ग्राफ उन्नत खेती नै बढ़ाया रै लागत घणी बढ़ी खेती की आमदन मैं गच्चा खवाया रै छोटा किसान संख्या मैं सहज सहज यो बढ़ता पाया रै लागत आमदन के रास्से मैं ये और गरीब होंते जावैं ।। 4 इसे हालातों मैं या सरकार तीन काले कानून ल्याई रै पंजाब के किसानों नै मिलकै संघर्ष की राह दिखाई रै एक मंच ऊपर करे रै कट्ठे हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई रै रणबीर किसान संघर्ष की दुनिया मैं इतिहास बनाई रै जात धर्म तैं ऊपर उठ कै संघर्ष जरूर सफल बनावैं।। 538**** टिकरी बॉर्डर पै आज भाजम भाज करड़ी पड़री, मजदूर किसानी टिकरी बॉर्डर चढरी काले कानूनं वापिस करवावैंगे।। 1 किसान नौजवान पींघ बधाई हर कदम पर है साथ निभाई, टिकरी मैं मिशाल आज बनावैंगे।। 2 पुलिस आले पूरा ए जोर लगारे आंदोलनकारी ना काबू मैं आरे अपनी ताकत पूरी ये दिखावैंगे ।। 3 हद होगी उल्टा करते नहीं विचारो गलती करी सै तो इसनै स्वीकारो झूठे केस वापिस ल्यो ना डेरे लावैंगे।। 4 रणबीर संघर्ष मैं साथ देरया आज कलम से उसने दे दिया घेरा आज उम्मीद सै किसान बात मनवावैंगे।। 539********** विरोधी कानून किसान विरोधी कानून ये देखियो खाल तारैंगे म्हारी रै।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलाया भारी रै।। 1 उनके बालक भूखे मरते जिणनै खेत खूबै कमाये बिना दूध सीत रहवैं सैं जिणनै डांगर खूब चराये सिरकी घाल करैं गुजारा जिणनै ताज महल बनाये तन पै उनके लत्ता ना जिणनै कपड़े के मील चलाये भगवान भी आँधा कर दिया ना दिखता भ्रष्टाचारी रै।। 2 जितना करड़ा काम म्हारा नहीं सम्मान उतना मिलता दस नम्बरी मानस जितने उनका हुक्म देख्या पिलता नकली फूल सजावैं देखो यो क्यों ना असली खिलता कहैं उसके बिना आड़ै यो पत्ता तक बी नहीं हिलता सबके ऊपर उसका खयाल नहीं फेर किसा न्याकारी रै।। 3 डांगर की कद्र फालतू माणस बेक़दरा संसार मैं छोरे की कद्र घणी सै छोरी धन पराया परिवार मैं किसे किसे जुल्म होण लागरे छपते रोज अखबार मैं माणस खानी म्हारी व्यवस्था लादे बोली बाजार मैं कति छांट कै इसनै चलवाई महिला भ्रूण पै कटारी रै।। 4 इस व्यवस्था मैं मुट्ठी भर तै हो घणे माला माल रहे अम्बानी हर नै जाल पूरया चला ये अपनी ढाल रहे सोच समझ कै बढियो आगै माफिया कसूते पाल रहे फौज और पुलिस नै बणा रणबीर ये अपनी ढाल रहे सही सोच कै संघर्ष नै हिंदुस्तानी किसानी चलारी रै।। 540********* मिलकै टकराएंगे मजदूर किसान मिलकर के लुटेरों से अब टकराएंगे। जितने बिल हमारे खिलाफ सबको वापस करवाएंगे। 1 जितना दबाओगे आप हमें इतना जोश बढ़ेगा हमारा एकता हमारी मजबूत होगी जुलम हारेगा तुम्हारा चैन खोस लिया हमारा अब हम सबक सिखाएंगे। 2 तुम्हारी लाठी गोली जो चले उनसे नहीं घबराने के हमारा संघर्ष जोर पकड़ेगा उल्टे कदम नहीं हटाने के लुटेरे फिर नहीं टोहे पाने के नारे मिलकर लगाएंगे । 3 किसानी एकता तोड़ने को हिंदू-मुस्लिम लाए हैं जाति धर्म गोत नात पर चाहते जनता को लड़ाए हैं कितनी झूठ भकाए हैं हम सब खोल के बताएंगे। 4 हिंदुस्तान के नर नारी हिंदू मुस्लिम सिख इसाई इनकी एकता के सामने ना होएगी तुम्हारी सुनाई रणबीर करे कविताएं दुनिया में अलख जगायेंगे। 541*********** खाल तारैंगे किसान विरोधी कानून ये देखियो खाल तारैंगे म्हारी रै।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलाया भारी रै।। 1 उनके बालक भूखे मरते जिणनै खेत खूबै कमाये बिना दूध सीत रहवैं सैं जिणनै डांगर खूब चराये सिरकी घाल करैं गुजारा जिणनै ताज महल बनाये तन पै उनके लत्ता ना जिणनै कपड़े के मील चलाये भगवान भी आँधा कर दिया ना दिखता भ्रष्टाचारी रै।। 2 जितना करड़ा काम म्हारा नहीं सम्मान उतना मिलता दस नम्बरी मानस जितने उनका हुक्म देख्या पिलता नकली फूल सजावैं देखो यो क्यों ना असली खिलता कहैं उसके बिना आड़ै यो पत्ता तक बी नहीं हिलता सबके ऊपर उसका खयाल नहीं फेर किसा न्याकारी रै।। 3 डांगर की कद्र फालतू माणस बेक़दरा संसार मैं छोरे की कद्र घणी सै छोरी धन पराया परिवार मैं किसे किसे जुल्म होण लागरे छपते रोज अखबार मैं माणस खानी म्हारी व्यवस्था लादे बोली बाजार मैं कति छांट कै इसनै चलवाई महिला भ्रूण पै कटारी रै।। 4 इस व्यवस्था मैं मुट्ठी भर तै हो घणे माला माल रहे अम्बानी हर नै जाल पूरया चला ये अपनी ढाल रहे सोच समझ कै बढियो आगै माफिया कसूते पाल रहे फौज और पुलिस नै बणा रणबीर ये अपनी ढाल रहे सही सोच कै संघर्ष नै हिंदुस्तानी किसानी चलारी रै।। 542*********** खाई खाई चौड़ी होंती आवै सै इसनै आज कौण पाटैगा। गरीब जनता का हाथ सही मैं आज कौण डाटैगा। 1 बधगी घर घर मैं खाई या बधगी पूरे समाज मैं देशां के बीच की खाई ना बताते पूरे अंदाज मैं अमरीका टोप पै रहवण नै आतंकवाद पै काटैगा।। गरीब जनता का हाथ सही मैं आज कौण डाटैगा।। 2 एक देश के भित्तर भी कई ढाल की खाई दीखैं एक अरबपति बनरया दूजे ये भूखे पेट नै भींचें शांति कड़े तैं आवैगी जब कारपोरेट इसतै नाटैगा।। गरीब जनता का हाथ सही मैं आज कौण डाटैगा।। 3 लड़ाई बढ़ेगी इस तरियां विनास की राही करकै पिचानवै हों कठे होंवैंगे चौड़ी होंती खाई करकै नहीं तो पर्यावरण प्रदूषण सबका कालजा चाटैगा।। गरीब जनता का हाथ सही मैं आज कौण डाटैगा।। 4 लोभ लालच और मुनाफ़ा और बधारे इस खाई नै समाज गया रसातल मैं चौड़ै भाई मारै सै भाई नै रणबीर सिंह समझावै देखो छंद यो न्यारा छांटैगा।। गरीब जनता का हाथ सही मैं आज कौण डाटैगा।। * 543******** कमेरा मेरी कोए ना सुनता आज छाया सारै यो लुटेरा ॥ भक्षक बनकै रक्षक देखो देरे किसान कै घेरा ॥ 1 ट्रेक्टर की बाही मारै ट्यूबवैल का रेट सतावै थ्रेशर की कढ़ाई मारै भा फसल का ना थ्यावै फल सब्जी ढूध सीत सब ढोलां मैं घल ज्यावै माटी गेल्याँ माटी होकै बी सुख का साँस ना आवै बैंक मैं सारी धरती जाली दीख्या चारों कूट अँधेरा॥ भक्षक बनकै रक्षक देखो देरे किसान कै घेरा ॥ 2 निहाले पै रमलू तीन रूपया सैकड़े पै ल्यावै वो साँझ नै रमलू धोरे दारू पीवन नै आवै निहाला कर्ज की दाब मैं बदफेली करना चाहवै विरोध करया तो रोज पीस्याँ की दाब लगावै बैंक अल्यां की जीप का बी रोजाना लग्या फेरा॥ भक्षक बनकै रक्षक देखो देरे किसान कै घेरा ॥ 3 बेटा बिन ब्याह हाँडै सै घर मैं बैठी बेटी कंवारी रमली रमलू नयों बतलाये मुशीबत कट्ठी होगी सारी खाद बीज नकली मिलते होगी ख़त्म सब्सिडी म्हारी माँ टी बी की बीमार होगी बाबू कै दमे की बीमारी रौशनी कितै दीखती कोन्या घर मैं टोटे का डेरा॥ भक्षक बनकै रक्षक देखो देरे किसान कै घेरा ॥ 4 माँ अर बाबू म्हारे नै यो जहर धुर की नींद सवाग्या माहरे घर का जो हाल हुआ वो सबके साहमी आग्या जहर क्यूं खाया उनने यो सवाल कचौट कै खाग्या म्हारी कष्ट कमाई उप्पर कोए दूजा दा क्यों लाग्या कर्जा बढ़ता गया म्हारा मरग्या रणबीर सिंह कमेरा ॥ भक्षक बनकै रक्षक देखो देरे किसान कै घेरा ॥ 544********** दाग देश की इंसानियत कै दाग कई लागे दिखाऊँ मैं।। भाईचारे पै हमला कसूता या बात सही बताऊँ मैं।। 1 समाज मैं आर्थिक संकट रोजाना बढ़ता जावै सै उद्योग बंदी पै आगे बेरोजगार खड़्या लखावै सै सरकारी नौकरी खत्म हुई या दिहाड़ी पै थ्यावै सै घर का गुजारा मुश्किल तैं यो कमेरा कर पावै सै कारपोरेट लूटै हमनै म्हारी घटा मजदूरी बताऊँ मैं।। भाईचारे पै हमला कसूता या बात सही बताऊँ मैं।। 2 लूटेरे लूटन की खातिर फूट जनता मैं डाल रहे कितै हिन्दू मुस्लिम कितै जात का बिछा जाल रहे हिन्दू राष्ट्र का नारा ये फैला भुन्डा जंजाल रहे दलित का सारे देश मैं कर ये कसूता हाल रहे सेकुलरिज्म पै हमला यो कैसे इसनै आज बचाऊं मैं।। भाईचारे पै हमला कसूता या बात सही बताऊँ मैं।। 3 लूट का सिस्टम और घणा मजबूत होंता आवै रै पाखंड अंधविश्वास के रोजाना यो पाठ पढ़ावै रै मेरे कष्टों का कारण यो मेरी किस्मत मैं बतावै रै लूटेरा कष्टों का दोषी ये बात म्हारे तैं यो छिपावै रै टीवी मीडिया के महं कै रोजाना हमनै भकावै रै आगै के के होवैगा देश मैं इशारयां मैं समझाऊं मैं।। भाईचारे पै हमला कसूता या बात सही बताऊँ मैं।। 4 जात पात का पाला छोड़ कै बड़े मंच पै आणा होगा किसान संगठन कट्ठे हों मजदूर भी साथ मिलाणा होगा किसान मजदूर का मोर्चा तगड़ा घणा बनाणा होगा बेरोजगारी महंगाई खिलाफ जनता को साथ ल्याणा होगा कहै रणबीर बरोने आला मानवता बचाना चाहूं मैं।। भाईचारे पै हमला कसूता या बात सही बताऊँ मैं।। 545********* एक दिन होवैगा सबेरा भोर तै कितै खोगी यो हुया घनघोर अंधेरा ।। किसान भाइयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 1 बेरोजगारी बढ़ती जावै जुमलयां का औड़ ना कमेरयो करियो एकता इसका और तौड़ ना बिना एकता जी काढ़ै म्हारा पूंजीपति लुटेरा।। किसान भाइयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 2 लूट म्हारी थारी देश मैं यो बढ़ाता जावै भाई क्युकर खेल रचावै ना म्हारी समझ मैं आई समाज का ताणा बाणा बखेर दिया सै भतेरा।। किसान भाईयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 3 जोर जबरदस्ती रोजाना म्हारी गेल्याँ होवै सै संस्कृति के नाम ऊपर सूआ कसूता चुभोवै सै म्हारी कितै बूझ नहीं बढ़या भुखमरी का घेरा।। किसान भाइयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 4 दिखावे दिखावे रैहगे असली बात रही कोण्या के कसर रहेगी नाश मैं कति झूठ कही कोण्या रणबीर पिस्ता जावै सै रोजाना देश मैं कमेरा।। किसान भाईयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 546********* हरियाणा दिवस के मौके पर मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।। 1 हरया भरया हरियाणा जित दूध दही का खाना गर्भवती मैं कमी खून की दस प्रतिशत बढ़ जाना हम सबके उपकार बिना, बसते हुए घरबार बिना लिंग अनुपात सुधार बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।। 2 गुण गाते हरित क्रांति के नुक्सान ना कदे बतावैं जहर घोल दिया पानी मैं कीटनाशक कहर ढावैं बीमारियों के इलाज बिना, हम गरीबों की आवाज बिना विकास के सही अंदाज बिना,हरियाणा नंबर वन ।कोण्या ।। मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।। 3 कीट नाशक तैं हरियाणा बहोत घणा दुःख पाग्या हुई खाज बीमारी गात मैं ,घणा कसूता संकट छाग्या इसकी पूरी रोकथाम बिना , पानी के सही इंतजाम बिना अमीरों पर कसे लगाम बिना, हरियाणा नंबर वन कोण्या।। मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।। 4 अमीर गरीब के बीच की बढ़ती जावै या खाई देखो बिना गरीब की मेहनत छाज्या घणी रुसवाई देखो महिलाओं के सम्मान बिना, पढ़े लिखे नैजवान बिना म्हारे पूरे बुरे अरमान बिना, हरियाणा नंबर वन कोण्या। मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।। 5 मानस तैं मानस का भाईचारा , हो हर शहर गाम मैं हम राजी होकै हाथ बँटावां एक दूसरे के काम मैं भाईचारे की छाप बिना ,सबकी सांझी खुभात बिना गरीब के सिर पै छात बिना, हरियाणा नंबर वन कोण्या मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।। 547********* अम्बानी गेल खड़या महंगाई बढ़ती जावै रोजाना मुश्किल हुया गुजारा हे।। अम्बानी गेल खड़ी सरकार ध्यान कति नहीं म्हारा हे।। 1 चीनी लागै घणी कड़वी जिब साठ की किलो आवै टमाटर दिखें सपने के म्हां जिब पचास का भा लावै मुश्किल तैं परिवार खा हो मूंह का स्वाद खारया हे।। 2 किसान खेत मैं मूली मेहनत करकै नै उगावै हे दस रूपये धड़ी मन्डी मैं आढ़ती बोली लगावै हे जिब खरीदां दुकान पै किलो की कीमत बारा हे।। 3 किसान मरै मरै उपभोक्ता बिचौलिया धन कमावै किसा सिस्टम बणा राख्या देखो निठल्ला मौज उड़ावै मेहनत करने आले का क्यूं फूट्या पड़या ढारा हे ।। 4 सिस्टम के छल समझें यो पहला काम जरूरी सै सही समझ बनाये बिना लड़ाई रहवै या अधूरी सै रणबीर नै बिचौलिया डराते फेर भी कलम चलारया हे।। 548********* 16 जून का आंदोलन --एक रागनी जनता किसान मजदूर संगठन ये लेवैंगे अंगड़ाई रै।। खेती व मजदूर विरोधी नीति या भाजपा नै अपनाई रै।। 1 किसान की तरफ ध्यान नहीं या स्वामीनाथन नै नाट गई फांसी खा खा किसान मरैं भाजपा ले राज के ठाठ गई न्यारे न्यारे बांट कै जातयाँ मैं किसानां की करी सै पिटाई रै।। जनता किसान मजदूर संगठन ये लेवैंगे अंगड़ाई रै।। 2 मजदूरों पै हमला बोल्या मनरेगा के बजट घटाया रै ठेकेदारी प्रथा नै म्हारे देश मैं घणा कोहराम मचाया रै आठ घण्टे तैं बारा की दिहाड़ी होन्ती ना कितै सुनाई रै।। जनता किसान मजदूर संगठन ये लेवैंगे अंगड़ाई रै।। 3 सोलां जून का दिन भारत का ईब नया इतिहास रचैगा किसान मजदूर मोर्चे आगै नहीं जुल्मी बेईमान बचैगा सरमायेदारों के कर्जे माफ करे ना म्हारी कितै सुनाई रै। जनता किसान मजदूर संगठन ये लेवैंगे अंगड़ाई रै।। 4 लुटेरे और कमेरे बीच मैं आज घलता आवै पाला भाई रणबीर सिंह बरोने आला कहै लेल्यो ईब सम्भाला भाई किसान कमेरे की यारी खोलैगी मानवता की नई राही रै।। जनता किसान मजदूर संगठन ये लवैंगे अंगड़ाई रै।। 549******* मुनाफे की फसल खेतां मैं अपणे मुनाफे की आज फ़सल उगाया चाहवैं।। किसान की कष्ट कमाई नै औने पौने मैं कब्जाया चाहवैं।। 1 म्हारे हाथ बांध कै हमनै बनाया चाहते बेकार रै म्हारे दिमाग कर काबू मैं इनकी मदद करै सरकार रै अपणे फैंसले करे पाछै ये म्हारी मोहर लवाया चाहवैं ।। 2 ना सोचो ना सवाल करो बस उनकी करो जयजयकार रै कितने गुनाह वे करो उनके सारे साजिश स्वीकार रै अंधभक्ति का पाठ पढाकै पक्के अंधभक्त बनाया चाहवैं ।। 3 लोकतंत्र के मलबे पै खड़ा करना चाहते अपणा निजाम फर्क झूठ और सच्चाई का मिटाना चाहते आज तमाम राह मैं बिछा कै कांटे कैहवैं थारा साथ निभाया चाहवैं।। 4 घेर लिये चारों कांहीं तैं ये कैहते थारी पूरी आजादी सै बिगाड़ नै कैहवैं सुधार करदी म्हारी घणी बर्बादी सै रणबीर सिंह ये थैली आले म्हारा मोर नचाया चाहवैं।। 550********* हरि के हरयाणे मैं श्यामत म्हारी आई, कोन्या दीखै राही, चढ़ी सै करड़ाई, हरि के हरियाणे में।। बोहर और भालोठ बताये, रूड़की किलोई संग दिखाये कर्जा चढग्या भारी, आया बैंक सरकारी,डूंडी पिटगी म्हारी, हरि के हरियाणे मैं। धरती चढ़गी लाल स्याही मैं, किसान फँसाया तबाही मै आज घंटी खुड़की,किलोई चाहे रूड़की,होवैगी म्हारी कुड़की, हरि के हरियाणे मैं।। आमदन म्हारी घाट लिकड़ती किसानी लागत बाधू लानी पड़ती सब्सिडी खत्म म्हारी,देई घरां मैं बुहारी, श्यामतआगी भारी, हरि के हरियाणे मैं।। महंगी होन्ती जा सै पढ़ाई रै, रणबीर मरैं बिना दवाई रै दुख होग्या भारया, मन बी होग्या खारया, नहीं रास्ता पारया, हरि के हरियाणे मैं।। 551********** क्यों जरूरी किसान आंदोलन सफल होणा हम ताहिं क्यों घणा जरूरी।। सफल हुया तै बात पक्की यो तोड़ेगा कारपोरेट की गरूरी।। 1 ऐकले जमीनी किसानों का यो रोला नहीं बताया सुणियो बकरी पालन भी इसमैं यो कहैं शामिल दिखाया सुणियो मछली पालन बाहर कोण्या कानून भीतर आया सुणियो पशु पालन भी जोड़ राख्या बताओ के बच पाया सुणियो खेत मजदूर की खत्म होवैगी या थोड़ी घणी जो मजदूरी।। सफल हुया तै बात पक्की यो तोड़ेगा कारपोरेट की गरूरी।। 2 सोचां कट्ठे बैठ कानूनों बारे आछ भूंड की पहचान करां किसान आंदोलन की मदद ठीक गलत पै ल्याण धरां म्हारे घर मैं ना बचै चांदना जै अंधेरा छाया किसान घरां चाले कर दिए सरकार नै जिसकी बड़ाई बेउन्मान करां अडानी अम्बानी की तलहैडू सै या उनकी करती जी हजूरी।। सफल हुया तै बात पक्की यो तोड़ेगा कारपोरेट की गरूरी।। 3 किताब एक सौ छह पन्यां की पेज छह पै या बखान करै कृषि बाजार ताहिं सौंप रहे कारपोरेट का गुणगान करै सब्सिडी सारी खत्म होवैगी सरकार मदद तैं प्रस्थान करै छोटे व्यापारी कमजोर वर्ग नै ओन लाइन खरीद परेशान करै इन सारी बातां नै समझ गई ये भरपाई सरतो और अंगूरी।। सफल हुया तै बात पक्की यो तोड़ेगा कारपोरेट की गरूरी।। 4 किसानी का बड़ा हिस्सा फेर बेरोजगार होज्यागा भाई गाम की बेरोजी का आंकड़ा यो बेशुमार होज्यागा भाई देहात के संकट तैं दुखी यो छोटा व्यापार होज्यागा भाई घणा असन्तोष बढ़ ज्यागा आड़े हाहाकार होज्यागा भाई रणबीर किसान जीत कै करै काबू सरकार की सारी फतूरी।। सफल हुया तै बात पक्की यो तोड़ेगा कारपोरेट की गरूरी।। 552 फासीवाद की घण्टी फासीवाद की घण्टी खड़कै संकट घणा भारी छाया रै जन अधिकार जन एकता का यो लड़ाकू मंच बनाया रै 1 बहुविविधता म्हारे देश की इसपै हमला बोल दिया आच्छे दिन ल्यावांगे का नारा बणा कसूता मखौल दिया इनके साहमीं जो बोलैं उनका गोली तैं सीना छोल दिया आज किसानां की कड़ तोड़ी अमीर चांदी मैं तोल दिया वायदा भ्रष्टाचार खत्म का देकै यो वोटर गया भकाया रै जन अधिकार जन एकता का यो लड़ाकू मंच बनाया रै 2 वायदे याद दिवावण खातर जिब किसान सड़कां पै आये वायदे पूरे करण की जागां लोग बाग़ बहोत धमकाये जो ना माने उनके ऊपर छापे सीबीआई के मरवाये किसान मजदूरों के संघर्ष लाठी गोली तैं गए दबाये लंकेश गौरी का शरीर गोलियों से छलनी करवाया रै जन अधिकार जन एकता का यो लड़ाकू मंच बनाया रै 3 भ्रष्टाचार की खातर तै गया संस्थागत ढांचा बनाया यो देशी बदेशी कम्पनी दे खुलकै चँदा कानून सुझाया यो बदले मैं कारपोरेट कै देश गैहणै गया धरवाया यो धर्म निरपेक्ष संविधान तैं धर्म का बाणा पहराया यो हिन्दू मुस्लिम जात पात का नफरत का जाल फैलाया रै जन अधिकार जन एकता का यो लड़ाकू मंच बनाया रै 4 रेल बैंक बीमा दे बदेशी तैं राष्ट्रवाद का राग गावैं रै मजदूरी करी घणी सस्ती इनके हक खोसते जावैं रै जो इनके खिलाफ बोलैं उननै ये राष्ट्र द्रोही बतावैं रै शिक्षा सेहत रोजगारां नै ये प्राईवेट की भेंट चढ़ावैं रै रणबीर नै गीत बणा कै जन एकता का नारा लाया रै। जन अधिकार जन एकता यो लड़ाकू मंच बनाया रै 553 नया पेटैंट मारैगा यो पेटैंट के जंजाल बीरा, बतादे करकै ख्याल बीरा,उठती दिल मैं झाल बीरा, यो करै कैसे कंगाल बीरा, सै योहे मेरा सवाल बीरा, मनै जवाब दिये खोल कै।। 1 समिति नै कर जलसा इसकी सारी कमी बताई रै सन सैंतालिस तै पहल्यां गोरयां नै लूट मचाई रै आच्छी कहैं सरकार बीरा, समिति करै इन्कार बीरा,अमरीका की सै मार बीरा, देश बणाया बजार बीरा, किनैं बढ़ाई तकरार बीरा, मनै जवाब दिये तोल कै।। 2 खोज म्हारी कै झटका नये पेटैंट तै जरूर लागै भूख गरीबी भारत की इसतै कदे बी कोन्या भागै कोण्या बढ़या निर्यात बीरा, नहीं घट्या आयात बीरा, क्यूकर बचै औकात बीरा, म्हारी चढ़ी सै श्यात बीरा, क्यों मारग्या सन्पात बीरा, मनै जवाब दिये टटोल कै।। 3 खाद पानी बिजली खुसगे यो अपना बीज ना होगा अस्पताल कॉलेज पै कब्जा बदेशी कंम्पनी का होगा फेरना मिलै दवाई बीरा, या म्हंगी होगी पढ़ाई बीरा, इसनै रोल मचाई बीरा, जनता झूठ भकाई बीरा, क्यूकर बचै तबाही बीरा, मनै जवाब दिये बोल कै।। 4 चिन्ता रोज सतावै क्यूकर चालैगा यो परिवार मेरा पेटैंट बढ़िया चीज सै इसतै दिल करै इनकार मेरा खींच सही तसबीर बीरा, लडा कोए तदबीर बीरा, मसला घणा गम्भीर बीरा लिखै सही रणबीर बीरा, समझा ईकी तासीर बीरा मनै जवाब दिये खंगोल कै।। 554******* कीटनाशक बेचने वाली कम्पनी कीट नाशक कंपनी लूटती गलत बात बताती रिझाने को।। कीट नाशक इस्तेमाल करो वे कहती कपास बचाने को ।। 1 कीट नाशक दवाईयों से हानीकारक कीट मारे जाते हैं लाभदायक कीट भी मरते हैं सच्चाई हमसे छिपाते है महिला खेत पाठशाला में मिलते सही राह दिखाने को ।। कीट नाशक इस्तेमाल करो वे कहती कपास बचाने को ।। 2 लाभकारी कीटों की पहचान करनी सिखाई जाती है हानिकारक कीटों को बताते हिमाती कीट कैसे खाती है सबसे अलग रीत चलायी साधुवाद गाँव निड़ाने को।। कीट नाशक इस्तेमाल करो वे कहती कपास बचाने को ।। 3 कीट नाशकों का गलत प्रभाव डाक्टर हमें बताते हैं धीरे धीरे ये कीटनाशक शरीर में इकठ्ठे हो जाते हैं कैंसर पेट दर्द अलर्जी की शरीर में बीमारी बढ़ाने को।। कीट नाशक इस्तेमाल करो वे कहती कपास बचाने को ।। 4 कीटनाशक बिना निडाना में आज कपास उगाई जाती है महिला किस्सान हुई चौकन्नी दुश्मन कीट हटाई जाती है रणबीर सिंह देखना चाहता बढ़िया गीत बनाने को।। कीट नाशक इस्तेमाल करो वे कहती कपास बचाने को ।। 555******* म्हारी धरती खोस्या चाहवैं बढ़ा महंगाई लूट मचावैं ,जात धर्म पर लड़वावैं म्हारी धरत्ती खोस्या चाहवैं, चटा जनता नै धूल रहे। 1 अडानी और अम्बानी की मातहत है सरकार म्हारी टैक्स लगा लगाकै इसनै जनता की खाल उतारी साम्प्रदायिकता फैलारी, कहै आच्छे दिन भकारी बिदेशी कम्पनी छाती जारी, तोड़ देश के असूल रहे । बढ़ा महंगाई लूट मचावैं ,जात धर्म पर लड़वावैं म्हारी धरत्ती खोस्या चाहवैं, चटा जनता नै धूल रहे। 2 भ्रष्टाचार बढ़ता जा यो व्यापम घोटाला देखो भाई अध्यादेश धरत्ती का करते करया चाला देखो भाई महिला की करैं थानेदारी, ये फरमान करते जारी रूढ़िवाद के बनगे प्रचारी, पकड़ मामले तूल रहे । बढ़ा महंगाई लूट मचावैं ,जात धर्म पर लड़वावैं म्हारी धरत्ती खोस्या चाहवैं, चटा जनता नै धूल रहे। 3 विकास जनता का कहते, तिजूरी भरैं अम्बानी की सब्सिडी खत्म गरीबों की,बढ़ा दई या अडानी की महिला खड़ी पुकार रही, दलित पर बढ़ मार रही बढ़ न्यों ये बलात्कार रही, राज नशे मैं टूहल रहे बढ़ा महंगाई लूट मचावैं ,जात धर्म पर लड़वावैं म्हारी धरत्ती खोस्या चाहवैं, चटा जनता नै धूल रहे। 4 आच्छे दिनों का सपना के बेरा कित खोग्या भाई मजदूर किसान कर्मचारी घणा दुखी होग्या भाई बरोने आला रणबीर यो , लिखता सही तहरीर यो मामला घणा गंभीर यो, भाई चारा जमा भूल रहे । बढ़ा महंगाई लूट मचावैं ,जात धर्म पर लड़वावैं म्हारी धरत्ती खोस्या चाहवैं, चटा जनता नै धूल रहे। 556******* क्लाइमेट चेंज इस क्लाइमेट चेंज नै ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाई रै।। पूरी दुनिया मैं देवै जलवायु प्रदूषण दिखाई रै।। 1 वातावरण पै घणा कसूता इसनै असर दिखाया जल यो पूरी दुनिया का प्रदूषित हुया बताया जमीन तले के पाणी मैं कीटनाशक दवा पाई रै।। पूरी दुनिया मैं देवै जलवायु प्रदूषण दिखाई रै।। 2 कीटनाशक शरीर मैं घणे नुकसान करै कहते कैंसर का प्रकोप घणा हम इसके करकै सहते विकास यो टिक्या मुनाफे पै म्हारे नाश की राही रै।। पूरी दुनिया मैं देवै जलवायु प्रदूषण दिखाई रै।। 3 खेती आली धरती पै जलवायु संकट छाग्या भाई इसकी उपज की ताकत पूरे तरियां खाग्या भाई लागत बढ़ी पैदावार की कीमत थोड़ी थयाई रै।। पूरी दुनिया मैं देवै जलवायु प्रदूषण दिखाई रै।। 4 विकसित देश कार्बन नाइट्रोजन घणी छोड़ रहे क्लाइमेट चेंज के फैंसले कसूती ढालां तोड़ रहे रणबीर इब जनता नै पड़ै कमर कसनी भाई रै।। पूरी दुनिया मैं देवै जलवायु प्रदूषण दिखाई रै।। 557****** शोषण हमारा देश मैं बदेशी कम्पनी आगी, किसान नै चूट-चूट कै खागी, अमीर हुए घणे अमीर, यो मेरा अनुमान सै।। 1 हमनै पूरे दरवाजे खोल दिये, बदेशियां नै हमले बोल दिये ये टाटा बिड़ला साथ मैं रलगे, उनकै घी के दीवे बलगे, बिगड़ी म्हारी तसबीर, या संकट मैं ज्यान सै।। 2 पहली चोट मारी रूजगार कै, हवालै कर दिये सां बाजार कै गुजरात मैं आग लवाई क्यों, मासूम जनता या जलाई क्यों, गई कड़ै तेरी जमीन, घणा मच्या घमसान सै।। 3 या म्हारी खेती बरबाद करदी, धरती सीलिंग तै आजाद करदी किसे नै भी ख्याल ना दवाई का, भट्ठा बिठा दिया पढ़ाई का, घाली गुरबत की जंजीर, या महिला परेशान सै।। 4 या सल्फाश की गोली सत्यानासी, हर दूजे घर मैं ल्यादे उदासी आठ सौ बीस छोरी छोरा हजार यो, बढ़या हरियाणे मैं अत्याचार यो लिखै साची सै रणबीर, नहीं झूठा बखान सै।। 558***** बैठ्या सोचूं बैठ्या सोचूं खेत के डोलै ईब क्यूकर होवै गुजारा।। ज्वार बाजरा आलू पिटग्या गिहूं धान भी म्हारा।। 1 खूब जतन कर खेत मनै उबड़ खाबड़ संवारे फेर दस मणे तै बीस मणे हुये ज्वार बाजरे म्हारे फेर खाद बीज की कीमतां नै जमा धरती कै मारे फेर पूरे हरियाणा मैं लागे हरित क्रांति के नारे फेर दस पन्दरा बरसां मैं इसका यो फुट्या लागै गुबारा।। 2 धनी किसान जो म्हारे गाम के फायदा खूब उठागे उपर का धन खूब कमाया बालक नौकरी पागे बिन साधन आले मरगे दुखां के बादल छागे म्हारे नेता गाम मैं आकै म्हारी किस्मत माड़ी बतागे सत्संग मैं जावण लागे जिब और ना चाल्या चारा।। 3 सत्संग मैं बढ़िया बात करैं गरीबी पै चुप रैहज्यां सुरग नरक की बहसां मैं ये सींग कसूते फैहज्यां मेरे बरगे रहवैं सोचते जमा बोल चुपाके सैहज्यां जिनकी पांचों घी मैं वे घटिया बोल कई कैहज्यां खेती क्यों तबाह होगी ना भेद खोल बतावैं सारा।। 4 गिहूं पड्या सड़ै गोदामां मैं रणबीर देख्या जान्ता ना इसा हाल क्यों हुया इसका कारण समझ आन्ता ना कहैं फूल फल उपज्याल्यो राह कोए मनै पान्ता ना फल फूल कड़ै बिकैगा या बात कोण बतान्ता ना टिकाउ खेती बचा सकै सै हो किलोई चाहे छारा।। 559******* भरोसा कोण्या किसानों नै भरोसा कोण्या थारे ऊपर मोदी जी।। पन्दरा लाख कोण्या आये याद ना सै बोदी जी ।। 1 संसद मैं रद करने का कानून पास करवा दियो इसके जरूरी कागज सारे तावले से भरवा दियो बार बार जनता भकाकै जड़ अपनी खोदी जी ।। 2 यो तीन दिसम्बर ताहिं किसान मोर्चे नै इंतजार चार दिसम्बर नै मीटिंग मैं आगे की भरै हूंकार क्योंये अम्बानी अडानी बिठाए अपनी गोदी जी।। 3 लिख चिट्ठी छह मांग की थारे धोरै पहोंचा राखी उसका जवाब दिया कोण्या कति चुपी बना राखी थारे कारनामयां नै म्हारै शूल कसूत चुभोदी जी।। 4 मुकदमे हजारों किसानों पै दर्ज करवाये गए सैं आंदोलन तोड़न के घणे हथकंडे अपनाये गये सैं रणबीर यो किसान लड़ैगा गीत नई पिरोदी जी।। 560******* कई सवाल कई सवाल थे उनके जो मोर्चे पै नहीं आ पाये।। कद तक बॉर्डर पै बैठोगे तुम आतंकवादी बताये।। 1 न्यों समझाया करते हमनै होज्यांगे थारे बुरे हाल सरकार तैं कदे ना बुझी म्हारे तैं करे खूब सवाल म्हारे तैं न्यों तै कहया करैं थे सै थारी हिम्मत का कमाल नहीं जवाब सवालों के थे पर रहे संघर्ष मैं पूरे साल ना मानै सरकार थारी ये खूब सवाल उठाये।। 2 किसानों नै बेरा था माड़ी नियत सै सरकारी पर नहीं मोर्चा छोड्या किसान उड़ै पहोंचे हजारों हजारी वापिस जब जावांगे जब तूँ बात मानले म्हारी तीन कानून वापस करो और या एमएसपी रहवै जारी किसे नै जावण की जल्दी ना सबनै बोर्डरों पै डेरे लगाए।। 3 बाबे बीबियाँ न्यू जमगे जिसा खेत मैं बड़ बताया सारे मिलकै रहवैं ना कोये शिकायत करता पाया टेंटों और तम्बू मैं सबनै सोवण का हिसाब बिठाया ट्रॉलियों की ओट मैं न्हाण धोने का जुगाड़ बनाया मींह मैं परांत का छजा बणा रोटी और साग बनाये।। 4 सरकारी जब्र कै आगै म्हारी सब्र की लड़ाई सै किसे बात का डर कोन्या चौगिरदें शांति छाई सै सरकार नै हथकंडे अपना म्हारी एकता तोड़नी चाही सै हथकंडे फेल रणबीर नै टोही जीत की राही सै आधी जीत हुई सै इबै जो आगै कदम बढ़ाए।। 561******* हाट कानूनों की ला कृषि कानूनों की हाट तमनै, चाहे किसान करे बारा बाट तमनै, चाही मूंधी मारी म्हारी खाट तमनै, लिया कमेरयां का कालजा चाट तमनै, बिछाई बोर्डरों ऊपर टाट हमनै, छब्बीस नै साल पूरा हो ज्यावै।। 1 यो शेर बकरी का मेल नहीं, या राजनीति कोये खेल नहीं तम नीति घटिया चाल रहे, तम जनता की इज्जत उछाल रहे , अडानी हर नै क्यों पाल रहे, क्यों लुटवा म्हारा माल रहे, ईबी नहीं कर तम टाल रहे, इब जनता सारी खोल दिखावै।। 2 लोक राज का नारा कड़ै गया, लोक लाज यो थारा कड़ै गया, क्यों करवारे सो मखौल बता, क्यों थारा पाट्या झोल बता, क्यों खुलवाई अपनी पोल बता, क्यों घोले जात के घोल बता , क्यों जनता गैल करी रोल बता, हर कोए आज सवाल उठावै।। 3 खेती का क्यों घास बनाना चाहो, किसानों का नाश कराना चाहो, झूठ भका कै ली म्हारी वोट, किसानों का बताओ के उनका खोट, क्यों काले बिल ल्याकै मारी चोट, क्यों दिए उनके तमनै गल घोट, क्यों खोस रहे सो जनता के रोट, कोण्या किसे की समझ मैं आवै।। 4 कुछ ना साथ मैं जाणा कहते, आड़ै ए हिसाब चुकाणा कहते, जो हां भरकै नै आज नाटैगा , कहते उसका ना कदे पूरा पाटैगा, झूठा वायदा कैसे दुख छांटैगा रणबीर सिंह दिल म्हारे नै डाटैगा, यो बणा रागनी गम नै बांटैगा, तमनै साची बात खोल बतावै।। 562****** म्हारी जूती सिर भी म्हारा बर्बाद करण का ठेका क्यूँ सरकार तनै ठाया।। म्हारी जूती सिर म्हारा खेल समझ नहीं आया।। 1 विकास नाम पै विनाश यो हरियाणे का करया अम्बानी और अडानी उनके गैहनै गाम धरया सड़क फ्लाई ओवर यो टोल प्लाजा सारै छाया।। 2 हरित क्रांति के कारण छोटा हिस्सा धनवान हुया बाकी का गाम सारा यो बहोत घणा परेशान हुया चोये मैं कीटनाशक घुलग्या कहर कसूता ढाया।। 3 गाम शहर के स्कूल सरकारी पढ़ण बिठाये रै ये अस्पताल सरकारी कई जागां खाली पाये रै यो इलाज हुया महंगा धरती बेच बच्चा बचाया।। 4 नौकरी ताहिं टूटें जूती बालक म्हारे रूलगे रै ये सिफ़ारसी पीस्से आले लेकै नौकरी पलगे रै रणबीर बरोने आले नै दिल तैं छंद बनाया ।। 563****** असली चेहरा मोदी का यो असली चेहरा , चौड़े कै मह दिखाई देरया, आज तोड़ खुलासा होग्या रै। 1 नबै की मर आगी या दस की चांदी कर राखी देखो म्हारी खाली करकै गोज अम्बानी की भर राखी देखो किसानी संघर्ष बढ़ता जावै थारी सरकार दबाया चाहवै घणा मोटा रास्सा होग्या रै। 2 डेरे गेर दिए किसानी नै देखो दिल्ली के मैं रास्ते घेर लिए किसानी नै देखो दिल्ली के मैं घणे सब्ज बाग दिखाए भाई लगाकै जोर हम भकाये भाई, घणा तमाशा होग्या रै। 3 अम्बानी तै मुलाहजा थारा जनता और नहीं झेलैगी संघर्ष करैगी मिलजुल कै थारे बिलों नै जरूर पेलैगी हमतो खेत खलिहान बनावां महल अटारी आलीशान बनावां म्हारा जोरका पासा होग्या रै। 4 किसानी संघर्ष आगै बढ़ैगी इतना जान ल्यो रै तीन बिल वापसी की मांग तावले से मान ल्यो रै रणबीर सिंह नै बात बनाई गाम गाम मैं अलख जगाई बेरा सबनै खासा होग्या रै। 564****** हरियाणा तरक्की करग्या रै कई साल पहले लिखी एक रचना********** दुनिया रूक्के देरी हरयाणा घनी तरक्की करग्या रै || सब चीजां के ठाठ लग्गे यो कोठा नाज का भर ग्या रै|| 1 जीरी गिन्हूं कपास अर इंख की खेती बढती जावै सै देश के सुब्याँ मैं नंबर वन यो हरयाणा का आवै सै सड़क पहोंचगी सारै गाम गाम बिजली लसकावै सै छैल गाभरू छोरा इसका लड़न फ़ौज के म्हें जावै सै खेतां के म्हें नया खाद बीज ट्रेक्टर घराटा ठावै सै फरीदाबाद सोनीपत हिसार पिंजौर मील सिटी लावै सै सारे भारत मैं भाइयो इंका सूरज शिखर मैं चढ़ग्या रै || सब चीजां के ठाठ लग्गे यो कोठा नाज का भर ग्या रै|| 2 ये बात तो भाई हर रोज बता बता दिल डाटे जाँ रै जो भी हुआ फायदा बेईमान आपस मैं बांटें जाँ रै भका भका जातां के चौधरी नाड़ म्हारी काँटें जाँ रै अपनी काली करतूतां नै जात के तल्ले ढान्पें जाँ रै बोलै जो उनके खिलाफ वे झूठे केसां मैं फांसे जाँ रै कुछ परवाने भाइयो फिर भी इनके करतब नापें जाँ रै बिन धरती अर दो किल्ले आला ज्यान तैं मरग्या रै || सब चीजां के ठाठ लग्गे यो कोठा नाज का भर ग्या रै|| 3 खम्बे मीटर गाम गाम मैं बिजली के इब तार गए ओवर सीयर एस सी सब कर बंगले अपने त्यार गए चार पहर भी ना बिजली आवै बाट देख देख हार गए बिना जलाएं बिजली के बिल कर कसूती मार गए ट्यूबवेल कोन्या चालै ट्रानस्फोर्मार के जल तार गए पैसे आल्यां के ट्यूबवेल थ्रेशर चल धुआं धार गए गरीबां की गालाँ मै दूना कीचड देखो आज भरग्या रै || सब चीजां के ठाठ लग्गे यो कोठा नाज का भर ग्या रै|| 4 गाम गाम मैं सड़क बनाई फायदा कौन उठावैं सें बस आवै जावै कदे कदे लोग बाट मैं मुंह बावैं सें पैसे आल्यां के छोरट ले मोटर साईकिल धूल उड़ावें सें टरैक्टर ट्राली सवारी ढोवें मुंह मांगे किराये ठहरावै सें सड़क टूटरी जागां जागां साईकिल मैं पंकचर हो ज्यावें सें रोड़ी फ़ोडै पां गरीबां के जो मजबूरी मैं पैदल जावैं सें बस नै रोकें कोन्या रोकें तो भाडा गोज नै कसग्या रै || सब चीजां के ठाठ लग्गे यो कोठा नाज का भर ग्या रै|| 5 बिन खेती आल्यां का गाम मैं मुश्किल रहना होग्या मजदूरी उप्पर चुपचाप दबंगा का जुल्म सहना होग्या चार छः महीने खाली बैठ पेट की गेल्याँ फहना होग्या चीजां के रेट तो बढ़गे प़र पुराने प़र बहना होग्या फालतू मतना मांगो नफे दबंग का नयों कहना होग्या गाम छोड़ शहर पडे आना घर एक तरियां ढहना होग्या भरे नाज के कोठे फेर भी पेट कमर कै मिलग्या रै || सब चीजां के ठाठ लग्गे यो कोठा नाज का भर ग्या रै|| 6 खेती करणिया मैं भी लोगो जात कारगर वार करै एक जागां बिठावै गरीब अमीर नै ना कोए विचार करै किसान चार ठोड बँट लिया कैसे नैया इब पार तिरै ट्रैक्टर आले बिना ट्रैक्टर आल्यां की या लार फिरै इनकी हालत किसी होगी बिलखता यो परिवार फिरै बिना धरती आल्यां का आज नहीं कोए भी एतबार करै जात मैं जमात पैदा होगी बेईमान नै खतरा बधग्या रै || सब चीजां के ठाठ लग्गे यो कोठा नाज का भर ग्या रै|| 7 घन्याँ की धरती लाल स्याही मैं बैंक के महां चढ्गी थी दो लाख मैं बेचे किल्ला चेहरे की लाली सारी झडगी थी चूस चूस कै खून गरीब का अमीर के मुंह लाली बढगी थी कर्जे माफ़ होगे एकब़र तो फेर कीमत धरती की बधगी थी आगे कैसे काम चलैगा रै एक ब़रतो इसतैं सधगी थी आगली पीढ़ी के करैगी म्हारी तै क्यूकरै ए धिकगी थी हँसना गाना भूल गए जिन्दा रहवन का सांसा पड़ग्या रै|| सब चीजां के ठाठ लग्गे यो कोठा नाज का भर ग्या रै|| 8 शहरों का के जिकरा करूँ मानस आप्पा भूल रहया यो आप्पा धापी माच रही आज पैसे के संग झूल रहया यो याद बस आज रिश्वत खोरी जमा नशे मैं टूहल रहया यो इन्सान तै हैवान बनग्या मिलावट में हो मशगूल रहया यो चोरी जारी ठगी बदमाशी के सीख रणबीर उसूल रहया यो इसी तरक्की कै लगे गोली पसीना बह फिजूल रहया यो फेरभी रुके मारे तरक्की के कलम लिखना बंद करग्या रै। सब चीजां के ठाठ लग्गे यो कोठा नाज का भर ग्या रै|| प्रस्तुतकर्ता ranbir dahiya 565***** ठिकाणा पाज्या चारों कांहीं तैं लुट पिट लिया अपणा ठिकाणा पाज्या रै।। जातपात और इलाके ऊपर के थ्याया मनै बताज्या रै।। 1 छोटू राम नै राह दिखाया बोलना ले सीख किसान रै दुश्मन की पहचान करकै तोलना ले सीख किसान रै तीस साल मैं हिरफिर कै कर्जा हट हट कै नै खाज्या रै।। 2 जात गोत इलाके पर किसान कसूते बांट दिए देखो किसान की कमाई लूट लई सबतैं न्यारे छांट दिए देखो आज अन्नदाता क्यों सै भूखा कोए मनै समझाज्या रै।। 3 दो किले धरती बची थी बीस लाख किले के लगवाए धरती गई चालीस लाख फेर तनै वे भी खा पदकाये चकाचौंध मची घणी कसूती आंख जमा चुंधियाज्या रै।। 4 पिस्से आले तेरी कौम के क्यों तनै तड़पता छोड़ गए किमैं दलाल बने ठेकेदार तेरे तैं क्यों नाता तोड़ गए कुलदीप किसान सभा मैं सोच समझ कै इब तो आज्या रै।। फरवरी 2014 566**** फांसी खाने से नहीं बात बनै फांसी खा खा कै ना बात बनै लड़ने का माहौल बनावां रै।। मजबूत किसान सभा बना कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 1 धर्म किसानी जात किसानी किसानां का साँझा मंच बनै रै धुर की लड़ाई लड़नी होगी राज की गेल्याँ खूब तनै रै लालच मैं आकै जो एकता तोडैं उन कान्ही ना कति लखावां रै।। मजबूत किसान सभा बना कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 2 मंजिल खातर मिल बैठ कै मांग पत्र हम त्यार करांगे नहीं मान्या राज पाट तो हम मिलकै सारे जेल भरांगे आत्म हत्या का यो छोड़ रास्ता संघर्ष का बिगुल बजावां रै।। मजबूत किसान सभा बना कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 3 इसमें शक नहीं सै कोए यो म्हारा आष्टा संघर्ष बताया दुश्मन नै बचन की खातर संस्कृति का किला बनाया म्हारे बेटे फ़ौजी जितने उनने सारी बात समझावां रै।। मजबूत किसान सभा बना कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 4 लेकै मजदूर नै गेल्याँ अपनी जन क्रांति की करां त्यारी इसे सिस्टम का खरना बदलां जीनै ज्यान काढ़ ली म्हारी आज की लड़ाई लड़ां मिलकै राज नै जरूर झुकावां रै।। मजबूत किसान सभा बना कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 5 म्हारी कमाई की लूट खसोट खत्म करवाकै मानांगे रै आत्म हत्या नहीं करां निशाना अम्बानी हर पै तानांगे रै कहै रणबीर लेल्यां सम्भाला लड़कै ही तो बच पावां रै || मजबूत किसान सभा बना कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 567***** किसान भकाया क्यूँ आज के दौर में किसानी के संकट के चलते किसान फांसी खा रहे है बोलते हैं तो गोली खानी पड़ रही है। क्या बताया भला-- कृषि और किसान लुटगे अन्न का संकट आया क्यूँ। स्वामीनाथन रिपोर्ट पै यो किसान गया बहकाया क्यूँ । 1 अन्न का दाता मरै भूखा आज किसा जमाना आग्या रै कितै बाढ़ मचावै तबाही कितै सूखा कसूता छाग्या रै देश का पेट भरया उसकै यो फांसी का फंदा लाया क्यूँ स्वामीनाथन रिपोर्ट पै यो किसान गया बहकाया क्यूँ । 2 संकट किस बात का सै बैठ कै सोचना पड़ैगा हमनै मिल जुलकै सोचाँगे रास्ता नया खोजना पड़ैगा हमनै छोटूराम तेरा भोला किसान गया सै आज भकाया क्यूँ स्वामीनाथन रिपोर्ट पै यो किसान गया बहकाया क्यूँ । 3 गोदाम भरे पड़े नाज के फेर भी भूखा मरै कमेरा रै किसान दुखी मजदूर घेरया खुल्ला घूमै सै लुटेरा रै लुटेरयां नै छूट लूट की कमेरा समझ नहीं पाया क्यूँ। स्वामीनाथन रिपोर्ट पै यो किसान गया बहकाया क्यूँ । 4 सोच समझ बढ़ें रणबीर किसान की किसानी बचाणी इसकी खात्तर चाहे होज्यां कितनी ए गोली ये खाणी टिकाऊ खेती का तरीका यो गया नहीं अपनाया क्यूँ । स्वामीनाथन रिपोर्ट पै यो किसान गया बहकाया क्यूँ । 568***** कौन लूटै मेहनत म्हारी किसान मजदूर मिलकै सोचो कोण लुटै मेहनत म्हारी।। किसान फसल उगावै मजदूर बणावै महल अटारी।। 1 उबड़ खाबड़ खेत क्यार किसान की मेहनत नै सँवारे मजदूर सड़क डैम बणाकै पूरे भारत नै चमकारे किसान मजदूर की मेहनत पै मौज करै साहूकारी।। किसान मजदूर मिलकै सोचो कोण लुटै मेहनत म्हारी।। 2 किसान और मजदूर की एकता बख्त की बात बताई जा आज दोनों की एकता भाईयो जात गोत मैं खिंडाई जा न्यारे न्यारे किसान मजदूर नुकसान ठारे घणा भारी।। किसान मजदूर मिलकै सोचो कोण लुटै मेहनत म्हारी।। 3 आज देश आगै बढ़ग्या मेहनत करी मजदूर किसान इनके बालक भूखे फिरते कोन्या न्याकारी यो भगवान आज काम करनिये रूलगे भाई या पिटगी ईमानदारी ।। किसान मजदूर मिलकै सोचो कोण लुटै मेहनत म्हारी।। 4 सिस्टम लूट पाट का होग्या नीति खड़ी विरोध म्हारे मैं इस लूट का तोड़ बताया किसान मजदूर के भाईचारे मैं सोच समझ कै रणबीर की कलम दोनों का एका चाहरी।। किसान मजदूर मिलकै सोचो कोण लुटै मेहनत म्हारी।। 569***** पहल्यां आली समों पहल्यां आली समों रही ना बख्त घणे कसूते आये।। किसानी तबाह करण नै ये तीन काले कानून बनाये।। 1 आज किसान पिटण लागरे काल छोटा व्यापारी पिटैगा रै मध्यम वर्ग पै भी असर किसानी संकट का पड़ेगा रै किसानी संकट पूरे समाज का देश मैं काले बादल छाये।। किसानी तबाह करण नै ये तीन काले कानून बनाये।। 2 शहर मैं बेरोजगारों की या लाइन लांबी होज्यागी गामां मैं बढ़ै बेरोजगारी बीज बिघन के बोज्यागी छोटे दुकानदार आम जनता छोटे व्यापारी घलैं बताये।। किसानी तबाह करण नै ये तीन काले कानून बनाये।। 3 किसान नै कानून आबाद करैं सारे कै यो करया प्रचार असल मैं आजादी अम्बानी की क्युकरै गेरै जनता पै मार किसानी संकट और बढ़ैगा विद्वानां नै कानून खोल दिखाये।। किसानी तबाह करण नै ये तीन काले कानून बनाये।। 4 करार कानून के तहत अम्बानी हर खेती करैंगे रै चार पांच सौ किल्यां के देश मैं फेर फार्म बनैंगे रै रणबीर बरोणे आले नै सोच समझ कै ये छंद बनाये।। किसानी तबाह करण नै ये तीन काले कानून बनाये।। 570 ***** हरित क्रांति नया बीज और खाद नया सोच समझ तनै अपनाया हरित क्रांति का बन अगुआ नंबर वन पै पहोंचाया बैल की खेती छोड़ तनै ट्रेक्टर की खेती अपनाई रै हल और राछ बाछ पुराने सबतें ही पिंड छटवाई रै बिजली बहोत घनी भाई रै दीवा कून मैं तनै बगाया || लाल दामन काली चुन्दडी आज देखण नै बी तरसाए कदे कदाउ खंडवा धोती ये नए नए फैशन अपनाये लेंटर आले मकान बनवाये देशी तैं अंगरेजी पै आया || छुआ छूत की आदत ना बदली नहीं समझ मैं आई रै जात पात की कट्टरता दूनी कोली भर छाती कै लाई रै महिला भ्रूण हत्या बढ़ाई रै दुनिया मैं नाक कटवाया || बहोत सी चीजां मैं विवेक तेरा घणा आगे निकल गया जात पात और गोत नात पै बावले क्यों बीचल गया विवेक पर तैं क्यों फिसल गया रणबीर बी घबराया || 571****** रास्ता बिना लड़ाई कोण्या चारों कान्हीं तैं खावण लागरे बची इब कति समाई कोण्या।। कमेरयां की कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 1 कुर्बान होज्यांगे पर झुकां नही नयूं मिलकै कसम खाई किसानी संघर्ष की आवाज आज पूरे देश मैं पहूंचाई काले कानून मंजूर नहीं हम होण देवैं तबाही कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 2 लूटैं बनकै म्हारे हितेषी इब आंख आज म्हारी खुलगी तीन काले कानूनों मैं मजदूर भी लुटैंगे या तस्वीर मिलगी कहते कानून थारे भले मैं हमनै पाई वा भलाई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 3 किसान मजदूर की कमाई पै अडानी अम्बानी ऐश करैं म्हारे बालक सल्फास खाकै ये बिन आयी इब मौत मरैं खावैं हमनै दीमक की ढालां चाहते म्हारी भलाई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 4 किसान आंदोलन मजदूर एकता जबरदस्त तैयार होगी कितणी ए लाठी गोली चलाओ ताकतवर एकता हरबार होगी रणबीर बरोणे आले की रहै पाछै आज कविताई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 572***** केरल की लहर खेती नै बचावैगी जो, रोटी बी दिलावैगी जो, देश नै बचावैगी जो, केरल मैं इसी लहर उठगी भाइयो।। 1 अडानी अम्बानी खेल बनारे, केंद्र सरकार की रेल बनारे , बंगाल मैं हारी बुरी ढाल,तमिलनाडु नै तारी खाल, केंद्र सरकार हुई बेहाल, इसकी काट बिछगी सै भाइयो।। 2 जिब ये रोटी दे नहीं पाये रै ये मंदिर नै हटकै लियाये रै, जात पै हम बांटे चाहे, धर्म पै खूब काटे चाहे, मन ये करे खाटे चाहे , या जनता समझगी सै भाइयो।। 3 कारपोरेट की दया पै छोड़ दिये, म्हारे तैं नाते जमा तोड़ लिए किसान आंदोलन साथ हुया, सहारा दिन रात हुया, मजदूर का भी हाथ हुया, आस म्हारी बढ़गी सै भाइयो।। 4 किसान संघर्ष आगै बढैगा रै , अडानी अम्बानी यो पिटैगा रै, रणबीर नै करी कविताई, तुरत आज रागनी बनाई, चुनल्यां एके की राही सरकार इब फंसगी सै भाइयो।। 573****** फांसी कोये इलाज नहीं फांसी कोई इलाज नहीं हँसता हमपै यो लुटेरा मर्ज समझल्याँ एक बै तो दूर नहीं यो सबेरा 1 ट्रेक्टर की बाही मारै ट्यूबवैल का रेट सतावै थ्रेशर की कढ़ाई मारै भा फसल का ना थ्यावै फल सब्जी ढूध सीत सब ढोलां मैं घल ज्यावै माटी गेल्याँ माटी होकै बी सुख का साँस ना आवै बैंक मैं सारी धरती जाली दीख्या चारों कूट अँधेरा मर्ज समझल्याँ एक बै तो दूर नहीं यो सबेरा 2 निहाले पै रमलू तीन रूपया सैकड़े पै ल्यावै वो साँझ नै रमलू धोरे दारू पीवन नै आवै निहाला कर्ज की दाब मैं बदफेली करना चाहवै विरोध करया तो रोज पीस्याँ की दाब लगावै बैंक अल्यां की जीप का बी रोजाना लग्या फेरा मर्ज समझल्याँ एक बै तो दूर नहीं यो सबेरा 3 बेटा बिन ब्याह हाँडै सै घर मैं बैठी बेटी कंवारी रमली रमलू नयों बतलाये मुशीबत कट्ठी होगी सारी खाद बीज नकली मिलते होगी ख़त्म सब्सिडी म्हारी माँ टी बी की बीमार होगी बाबू कै दमे की बीमारी रौशनी कितै दीखती कोन्या घर मैं टोटे का डेरा मर्ज समझल्याँ एक बै तो दूर नहीं यो सबेरा 4 माँ अर बाबू म्हारे नै यो जहर धुर की नींद सवाग्या माहरे घर का जो हाल हुआ वो सबके साहमी आग्या जहर क्यूं खाया उनने यो सवाल कचौट कै खाग्या म्हारी कष्ट कमाई उप्पर कोए दूजा दा क्यों लाग्या कर्जा बढ़ता गया म्हारा मरग्या रणबीर सिंह कमेरा मर्ज समझल्याँ एक बै तो दूर नहीं यो सबेरा 574****** विश्वास घात दिवस *किसान वादा खिलाफी पै विश्वासघात दिवस मनावै रै ।।* *इकतीस जनवरी नै यो इस सोई सरकार नै चेतावै रै।।* 1 सिंघु बॉर्डर पै किसान मोर्चे की मीटिंग हुई बताई रै भविष्य की दिशा और काम इस पर बहस कराई रै *कुछ जरूरी करें सैं फैसले चुनाव मोर्चा नहीं लड़ावै रै ।।* इकतीस जनवरी नै यो इस सोई सरकार नै चेतावै रै।। 2 नौ दिसंबर का समझौता है मोदी सरकार भूल गई केस वापसी नहीं हुई बात या पकड़ फेर तूल गई *शहीद किसानों का मुआवजा लागै मोदी नहीं दिलावै रै।।* इकतीस जनवरी नै यो इस सोई सरकार नै चेतावै रै।। 3 लखीमपुर खीरी हत्याकांड पै बीजेपी बेशर्मी दिखाई सै पक्का मोर्चा जावै लगाया कर फैसला एकता जताई सै *मिशन उत्तर प्रदेश रहै जारी किसान पूरा हांगा लगावै रै।।* इकतीस जनवरी नै यो इस सोई सरकार नै चेतावै रै।। 4 एमएसपी पर भी कमेटी इब तलक बनाई कोण्या कसूता धोखा देग्या रै मोदी कति शर्म आई कोण्या *किसान मजदूर कट्ठा रणबीर सडकों पै रोष जतावै रै ।।* इकतीस जनवरी नै यो इस सोई सरकार नै चेतावै रै।। 575***** विश्वास घात विश्वासघात कर किसानों गेल्याँ दिखाई अपनी चाल, देखियो के होगा।। 1 म्हारे खेत उजाड़ दिए और किसान मार दिया धरती कै बिकवा खिड़की किवाड़ दिए दिवाला पिटग्या सरती कै किसान छोड्डे ना किसे दीन के अम्बानी हर करे मालामाल , देखियो के होगा ।। विश्वासघात कर किसानों गेल्याँ दिखाई अपनी चाल, देखियो के होगा।। 2 कमा कमा खेताँ मैं मर लिए लूट कै पेप्सी कोला लेग्या पलंग निवारी देऊंगा कैहकै खोस म्हारा खटोला लेग्या दो किल्ले आला जकड दिया बिछाकै चौगिरदें जाल, देखियो के होगा ।। विश्वासघात कर किसानों गेल्याँ दिखाई अपनी चाल, देखियो के होगा।। 3 या थारी सरकार पसार रही अमरीका आगै झोली रै इसे चश्में चढ़ाये अमरीका नै ना दीखै उसकी रोली रै अमरीका के भरै हुंकारे ना किसान मजदूर का ख्याल, देखियो के होगा।। विश्वासघात कर किसानों गेल्याँ दिखाई अपनी चाल, देखियो के होगा।। 4 ना केस वापसी ऊपर तैं महंगाई का हमला भारी सै कपास पीटी धान पीट दिया गिंहूँ पिटण की बारी सै रणबीर थामनै गोड्डे टेक दिए कारपोरेट के बणे दलाल, देखियो के होगा ।। विश्वासघात कर किसानों गेल्याँ दिखाई अपनी चाल, देखियो के होगा।। 576**** मोर्चा जबर बनाया देश भर के किसानों नै आज यो मोर्चा जबर बनाया।। अपणी मांग मणवावण नै सारे कै अलख जगाया।। 1. तीन सौ तीस किसान संगठन एक मंच पर आये भारतीय किसान संघर्ष समिति ये आज बणा पाये वर्किंग ग्रूप बनाया सै कन्वीनर वी एम सिंह बनाये बणा कै मजबूत मोर्चा किसान एकता के नारे लाये मिल जुल कै इन सबनै संघर्ष का बिगुल बजाया।। अपणी मांग मणवावण नै सारे कै अलख जगाया।। 2. समन्वय समिति प्रदेशां मैं सारे कै जावैगी बणाई छह जुलाई तैं लेकै नै दो अक्तुबर तारीख बताई जन जागरण अभियान की जावैगी लौ खूब जलाई मंदसौर चम्पारण तक पहोंचै या जागरण की गरमाई इस फैंसले पै सबनै कठ्ठे होकै नै मोहर लगाया।। अपणी मांग मणवावण नै सारे कै अलख जगाया।। 3. स्वामिनाथन रिपोर्ट लागू हो जागी या मांग उठाई रै फल सब्जी पै लागत तैं कीमत डेढ़ गुणा जा लाई रै इस भाव पै खरीद की भी गारंटी जावैगी कराई रै किसानों के कर्ज माफ हों इसपै सहमति बनाई रै कृषि लागत कम करने का मामला भी जावैगा ठाया।। अपणी मांग मणवावण नै सारे कै अलख जगाया।। 4. पशु व्यापार पै रोक नै तुरत फुरत खत्म करावां भूमि अधिग्रहण कानून संसद मैं तैं वापिस ल्यावां साठ साल पाछै पैंशन पांच हजार सबकी चाहवां मनरेगा की फंड कटौती नै वापस करवाकै आवां कहै रणबीर सिंह चाहूं कदम तैं कदम मिलाना।। अपणी मांग मणवावण नै सारे कै अलख जगाया।। 577**** इब तो जागज्या इब तो जागज्या किसान, देख हमनै कौण लूट रहया।। 1 दिन और रात काम करैं, फेर भी मुश्किल पेट भरैं करैं मौज यहां धनवान, तूँ पाणी से रोटी घूंट रहया।। इब तो--- 2 ये पंडे और पुजारी लूटैं, ये अमरीकी ब्योपारी लूटैं लुटैं क्यों हम भगवान, यो अमरीका खागड़ छूट रहया।। इब तो....... 3 बिजली चमकै पाला पड़ता, तूँ पाणी के भीतर बड़ता लड़ता सरहद पै जवान, वो चांदी महलां मैं कूट रहया।। इब तो ..... 4 धनवानों के महल अटारी, खोस लेज्यां मेहनत म्हारी उतारी म्हारे घर की छान, बांस ऊँका बीच तैं टूट रहया।। इब तो.... 5 जब जब ठाये हमनै झंडे, पुलिस के खाये गोली डंडे बनादें मरघट का शमशान, घाल कमेरयां भित्तर फूट रहया।। इब तो..... 6 आज इंसान करया लाचार, नाव फंसी बीच मंझदार हरबार लड़ावै यो बेईमान, म्हारा सब किमै यो चूट रहया।। इब तो.... 7 सुन रणबीर सिंह का गाणा, रोवै बूढ़ा और याणा स्याणा बताणा करे दारू नै गलतान , भाइयो बोल ना झूठ रहया।। इब तो .... 578***** दुभान्त किसान के साथ देश आजाद हुया था सैंतालीस मैं साल चुहत्तर बीत गये। उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।। 1 धनवानां के बिल्ली कुत्ते म्हारे तै बढ़िया जीवन गुजारैं वे बिना भोजन कुपोषण होग्या म्हारै खाखा घणे डकारैं वे हमनै कैह कै नीच पुकारैं वे घणी माड़ी चला रीत गये।। उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।। 2 जमीन आसमान का अन्तर यो किसनै म्हारे बीच बणाया खेत कमावां सारी उमर फेर बी सांस नहीं उलगा आया सोच-सोच कै सिर चकराया वे क्यूकर पाला जीतगये।। उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।। 3 तरक्की करी हरियाणे मैं अपणा खून पसीना बाहकै हे उपर ले तो फायदा ठागे हम बाट देखते मुंह बाकै हे देखे चारों कान्ही धक्के खाकै हे मिल असली मीत गये।। उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।। 4 जो तानाशाह हिंदुस्तान के उनतै आज सवाल म्हारा हे गरीब क्यों घणा गरीब होग्या अमीर का भरग्या भंडारा हे असली लाल किसान प्यारा हे रणबीर बणा ये गीत गये।। उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।। 579***** दमन विरोधी दिवस 24 फरवरी गणतंत्र बचाओ दिवस(दमन विरोधी दिवस) देश के जनतंत्र पै खतरा देखो घणा कसूता आया।। घणे हुये कुर्बान देस पै जिब आजादी का राह पाया।। 1 आबादी बधी दोगणी पर नाज चौगुणा पैदा करया पचास मैं थी जो हालत उसमैं बताओ के जोड़ धरया बिना पढ़ाई दवाई खजाना सरकारी हमनै रोज भरया ईमानदारी की करी कमाई फेर किसान नै कड़े सरया भ्रष्टाचार बेइमानी नै क्यों सतरंगा जाल बिछाया।। घणे हुये कुर्बान देस पै जिब आजादी का राह पाया।। 2 फासीवादी तौर तरीके राज के आज देखण मैं आये विरोध करैं उनपै देशद्रोह के मुकद्दमे जाते रोज बनवाये जात पात पै बांटण के इणनैं तीर तुक्के खूब चलाये तीन मिहने होगे किसानों नै राज कै रोज सांस चढ़ाये *डटे हुए सैं बोर्डरां ऊपर कोण्या पाछे नै कदम हटाया।।* घणे हुये कुर्बान देस पै जिब आजादी का राह पाया।। 3 यो दिन देखण नै के भगत सिंह नै फांसी पाई थी यो दिन देखण नै के सुभाष बोस नै फौज बनाई थी यो दिन देखण नै के गांधी बापू नै गोली खाई थी यो दिन देखण नै के अम्बेडकर ने संविधान बनाई थी *नये-नये जुमले सुणकै यो सबका सिर चकराया।।* घणे हुये कुर्बान देस पै जिब आजादी का राह पाया।। 4 जनतंत्र बचाओ दिवस पै कसम लेवां इसनै बचावैंगे भगत सिंह हर के राह पै जोर लाकै हम कदम बढ़ावैंगे किसान आंदोलन के बारे मैं घर-घर अलख जगावैंगे काले कानून वापिस होज्यां मिलकै नै हांगा लावैंगे *रणबीर सिंह मिलकै सोचां गया बख्त किसकै थ्याया।।* घणे हुये कुर्बान देस पै जिब आजादी का राह पाया।। 580***** किसानों के सपने का देश हरया भरया समाणा हो , जित सेहत मंद खाना हो, खत्म जात पात का बाणा हो, यो किसानों का सपना रै।। 1 आर्थिक आधार तरक्की के इनतै आगै जाणा होगा सामाजिक आधार बिगड़गे इनको ठीक बनाना होगा सबनै बढ़िया पढ़ाई मिलै, सबनै बढ़िया दवाई मिलै सबनै बढ़िया कमाई मिलै, यो किसानों का सपना रै हरया भरया समाणा हो, जित सेहत मंद खाना हो खत्म जात पात का बाणा हो, यो किसानों का सपना रै 2 भाई तैं भाई का प्यार यो परवान चढै हरियाणा मैं महिला नै सम्मान मिलै या आगै बढ़ै हरियाणा मैं किसान खुशहाल होवै रै, मजदूर ना बेगार ढोवै रै उद्योग ना रफ्तार खोवै रै, यो किसानों का सपना रै हरया भरया समाणा हो , जित सेहत मंद खाना हो, खत्म जात पात का बाणा हो, यो किसानों का सपना रै 3 घरां कै ताले ना लावै कोए इस समाज हो म्हारा देखो इज्जत के नाम पै ना मारैं इस रिवाज हो म्हारा देखो म्हारा रिश्ता भाण भाई का , म्हारा तरीका ब्याह सगाई का, ना बणै कारण रुसवाई का, यो किसानों का सपना रै हरया भरया समाणा हो , जित सेहतमंद यो खाना हो, खत्म जात पात का बाणा हो, यो किसानों का सपना रै 4 अमीर गरीब की दूरी भाण भाईयो कम करनी होगी प्रगतिशील समाज की नींव आज मिलकै धरनी होगी आसान यो काम अधूरा कोण्या , कर सकै अकेला जमूरा कोण्या, थारे म्हारे बिन हो पूरा कोण्या, यो किसानों का सपना रै हरया भरया समाणा हो , जित सेहतमंद यो खाना हो, खत्म जात पात का बाणा हो, यो किसानों का सपना रै 581**** 2022 का साल *आज नया साल शुरू होग्या इसमैं नया हिंदुस्तान के चाहवै सै।।* *किसानी संघर्ष जीत्या पाछले मैं जिकरा सुणण मैं आवै सै।।* 1 आंदोलन कारी किसानों को म्हारा सै क्रांतिकारी सलाम भाई जो किसान म्हारे शहीद होगे *इतिहास मैं होग्या नाम भाई आज देश किसानी संघर्ष का जीत उत्सव मनावै सै।* 2 देश मैं इंसानियत हटकै उभरै हम इस साल मैं हाँगा लावांगे म्हारा प्रजातंत्र फेर हुँकार भरै मिलकै संविधान बचावांगे *इस लड़ाई का राह हमनै यो किसानी संघर्ष सही दिखावै सै।* 3 कदर जनता की आवाज की हटकै आवै म्हारे हिंदुस्तान मैं इज्जत होवै गरीब कमेंरे की होज्या शांति पूरे ही जहान मैं *हो गजब का भारत म्हारा जनता इंकलाब का नारा लावै सै।* 4 इस साल मैं ईसा माहौल बनै इंसान नै पूरा सम्मान मिलै कहै रणबीर नहीं लुटैं कमेरे उन सबका हट कै चेहरा खिलै *संयुक्त किसान मोर्चे की जीत नए समाज की राह बतावै सै।* 582***** किसान का रामजी को सम्बोधन सबकी कथा सुनै रामजी मेरी बीती तूँ सुणले ।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले ।। 1 रोज खेत कमाऊं हाड तोड़कै क्यों दुखड़ा काल करै या गर्मी शर्दी घाम खेत मैं खड़्या नया बबाल करै नहीं इब तलक तनै बिचारया मारण का मत हाल करै इब खोल बतादे सारी किस तरियां मनै कंगाल करै सवा पांच का प्रसाद चढ़ाऊँ मेरी भी तूँ सुधले ।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले ।। 2 मेहरबानी दूजी तरफ तेरी लोग खूब मौज उड़ावैं कमाई में करण लागरया लूट वे जालिम ले ज्यावैं मेरे पै काम तीस का करवाकै देकै आठ बहकावैं पूंजी बनाकै मेहनत मेरी मनै डाकू चोर ठहरावैं तूँ हिम्मात करै झूठ की बजा उसकी धुनले।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले ।। 3 सस्ता लेकै महंगा देवैं नीति इसी चाल रहे सैं देदे कै करज दाब लिया बिछा मेरे पै जाल रहे सैं सारी धरती गहनै धरली बिकवा घर का माल रहे सैं बतावैं इसमैं तेरी महिमा सब तरियां कर काल रहे सैं भरोसे की इमारत ढह ली इसनै हट कै नै चिणले।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले।। 4 कहैं तेरे हुक्म बिना तो एक पत्ता तक ना हिलता सारी चीज तों बनावै मेरा हिस्सा क्यों ना मिलता न्याकारी किसा सै तूँ मेरे बगीचे फूल ना खिलता खुद मनै बतादे क्यों बेइमानां का राज ना गिरता जड़ दीख ली तेरी रामजी किसाए जाल तूँ बुणले।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले।। 583*** महंगाई या महंगाई मारै , रूप कसूते धारै , जमा खाल नै तारै , मुश्किल पार पड़ै म्हारी।। 1 ट्रैक्टर की बाही रपीये तीस तैं आज चढगी एक सौ बीस पै ट्यूबवैल की सिंचाई , थ्रेशर की कढ़ाई, मन्डी की लुटाई, इणनै करी मुशीबत भारी।। 2 गोहाने तैं रोहतक का बस भाड़ा पचास साल मैं करया सै कबाड़ा पाट्या कूड़ता म्हारा, दुख होग्या भारया, पाया ना किनारा, म्हारी होगी तबियत खारी।। 3 बजट तैं पहलमै क्यों भा बढ़ाये जनता कै खूब पसीने लिवाये डीजल माट्टी तेल , महंगी करदी रेल, मचाई धक्का पेल,घणी दुखी हुई सवारी।। 4 कई गुणा महंगी हुई दवाई बिना डोनेशन ना बची पढ़ाई यो टीचर दुखी ना छात्र सुखी, संकट चहूँ मुखी, रणबीर की कलम पुकारी।। 584**** किसानों की सम्भाल बिना बिना वायदों का ख्याल करें, बिना किसानों की संभाल करें, बिना मांग पूरी तत्काल करें, कै दिन यो राज चलै थारा।।(टेक) 1 एक साल तैं फालतू बार्डरों पै हमनै डेरे लगाए मोदी तमनै एकता तोड़ण खातर कसूते तीर चलाये मोदी अपना वायदा ना पुगाया क्यों, म्हारा तनै मजाक बनाया क्यों, समझौता पढण बिठाया क्यों, कै दिन यो राज चलै थारा।। 2 समझौते के वायदे जितने सारे ही थाम भूल गए शहीद किसानों की बेक़दरी न्यों पकड़ मामले तूल गए विश्वासघात दिन आज मनाया, हर जिले मैं आज रोष जताया पुतला थारा सारै आज जलाया कै दिन यो राज चलै थारा।। 3 सारे देश नै बेचन लागरे देखकै बाकी जनता साथ आई बिजली रेल सब किमैं बेच्या थामनै बेचे जहाज हवाई जात पात पै चाहवै लड़ाया किसान की समझ मैं आया मजदूर गेल्याँ हाथ मिलाया कै दिन यो राज चलै थारा।। 4 किसान वंचित दलित सारे मारे महंगाई बेरोजगारी नै थारे राज नै मनुवाद बढ़ाया लोग फँसाये मारा मारी मैं यो अडानी क्यों तनै भावै सै, इसकी खुलकै मेर कटावै सै, रणबीर ना झूठ बहकावै सै, कै दिन यो राज चलै थारा।। 585**** यो किसान आंदोलन छाग्या यो किसान आंदोलन छाग्या, देखो दिल्ली तक आग्या, इसनै सही रास्ता पाग्या, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 1 सरकार पूरा खेल खेलैगी सारे हथकंडे अपनावैगी किसानी आंदोलन कै तोहमद कई ढाल की लगावैगी कहे किसान पाकिस्तानी, हुई किसानों को हैरानी,जवाब देवण की ठानी, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 2 किसान हितैषी बिल बताकै सरेआम झूठ बोल रही अम्बानी अडानी की खातिर कृषि दरवाजे खोल रही आज समझ गया किसान, संघर्ष का किया एलान,घेरली दिल्ली आज आण, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 3 कोरोना का बाहणा करकै संघर्ष दबाना चाहवै सै खुद के चुनाव भजन करै उड़ै कोरोना नहीं आवै सै फूट गेरण की प्लान सै समझ गया ईब किसान सै, लगाया यो सही उन्मान सै संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 4 बिल वापिस लेने पड़ेंगे संघर्ष की दाब बढ़ती जावै नहीं लिए वापिस बिल तै सरकार कै सांस चढ़ती पावै साथ देवांगे मिलकै कमेरे, हारेंगे फेर ये जरूर लुटेरे,रणबीर साथ आये भतेरे, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 586**** म्हारी कुर्बानी *म्हारी कुर्बानी एक साल की आज पूरा रंग ल्याई रै।।* *इस किसान आंदोलन की दी दुनिया मैं गूंज सुनाई रै।।* 1 किसान आंदोलन बढ़ता गया सरकार की धरती भिड़ी होगी कई सौ किसान सहादत देगे जनता की आत्मा भी रोगी *केंद्र की सरकार होंश खोगी किसानां नै धूल चटाई रै।।* 2 पंजाब नै थी हुंकार भरी गैल हरियाणा भी आया फेर सहज सहज यूपी राजस्थान भी ना पाछै पाया फेर *यो पूरे देश मैं छाया फेर सरकार भी घनी घबराई रै।।* 3 किसानी एकता तोडण नै घणे हथकंडे अपनाये थे किसान समझगे चाल थारी नहीं बहका मैं आये थे *हर कदम पै हौंसले दिखाए थे एकता कसूत बढ़ाई रै।।* 4 एक लड़ाई लड़े सां जीते सां आगै भी लडांगे जिताँगे रै दिल्ली के ये डेरे याद रहैंगे आड़े का समों नहीं भूलांगे रै *लाठी गोली तैं नहीं डरांगे रै रणबीर करी कविताई रै।।* 587**** किसानी संघर्ष जीत गया किसानी संघर्ष जीत गया किसानी संघर्ष जीत गया, लवा शाबाशी की फ़ीत गया, यो निभा पुरानी रीत गया, दुनिया मैं इतिहास बनाया ।। 1 किसान एकता तोड़ी चाही जनता मंदिर पै जोड़ी चाही, जात पै हम बांटे चाहे, धर्म पै खूब काटे चाहे, मन ये करे खाटे चाहे , किसान ना गया भकाया।। 2 यो किसान संघर्ष का उपहार उपचुनावों मैं हरा दई सरकार बंगाल मैं हारी बुरी ढाल,तमिलनाडु नै तारी खाल, केंद्र सरकार हुई बेहाल, इब यूपी का नम्बर आया ।। 3 हार कै मोदी ने एलान किया कानून वापस का वचन दिया पूरे देश मैं खुशी छाई, मोर्चे नै या शर्त लगाई, पूरी करो कागजी कार्यवाही , जब सोचै अगला कदम उठाया ।। 4 यो संघर्ष नया राह दिखाग्या , लाम्बे संघर्ष की राह बिछाग्या, रणबीर नै करी कविताई, तुरत आज रागनी बनाई, चुनल्यां एके की राही, जिसनै यो तानाशाह हराया।। 588 एक साल का संघर्ष एक साल के संघर्ष नै आज अपना रंग दिखाया रै।। कानूनों की वापसी करांगे मोदी टीवी पै फरमाया रै।। 1 साढ़े तीन सौ किसान संगठन एक मंच उप्पर आए आपस मैं खूब विचार करकै ये मांग पत्र बना पाए संयुक्त किसान मोर्चा बना किसान एकता के नारे लाये सहज सहज दिल्ली घेरी बोर्डरों पै अपने डेरे जमाये लालकिले ताहिं पहुँच गए सरकार नै जुल्म ढाया रै।। 2 किसान मोर्चे नै घूम घूमकै संघर्ष का मकसद बताया इस पूरे एक साल मैं अहिंसा आंदोलन सारे कै चलाया टिकरी सिंघु गाजीपुर शाहजहांपुर बोर्डरों पै मोर्चा जमाया तीन काले कानून वापिस हों सरकार नै मीटिंगों मैं बुलाया आठ दस मीटिंग होई फेर सरकार नै हरबार भरमाया कई जगहों पै किसानों पै लाठी चार्ज करवाया रै।। 3 आंदोलन तोड़ण की खातिर सरकार नै हथकंडे कई अपनाए जात धर्म का जहर फैलाकै किसान एकता ना तोड़ पाए पुलिस ज्यादती दूजे भय के तीर सोच समझ कै चलवाये लखीमपुर मैं गाड्डी चढ़वाकै कई किसान मार गिराये इन ओछे हथकंडयों को सोच समझ कै निपटाया रै।। 4 किसान डटरे बोर्डरों उप्पर साढ़े छह सौ नै दी कुर्बानी छब्बीस पाछै किसानों नै संसद कूच करण की ठानी संघर्ष की दाब मैं मोदी नै रणबीर गलती टीवी पै मानी तीन कानून वापसी करैगी सरकार करग्या बात जुबानी कागज पै आवै सब कुछ मोर्चे नै आज फैंसला सुनाया रै।। 451.***** संघर्ष का राह खेत क्यार खूब कमाया रै, करकै नै कमाल दिखाया रै, संघर्ष का राह अपनाया रै, जाग्या किसान हिंदुस्तान का।। 1 देश की आजादी खातर अपनी ज्यान खपाई हमनै पंजाब हरियाणा बिहार मैं न्यारी रीत चलाई हमनै अंगरेजां का भूत बनाया रै, सब किमैं दा पर लगाया रै, फेर देश आजाद कराया रै, जाग्या किसान हिंदुस्तान का।। 2 देश आजाद होये पाछै हम हरित क्रांति ल्याये भाई खेत क्यार कामवण तैं हम कदे नहीं घबराये भाई हिंदुस्तान आगै बढ़ाया सै, सात आसमान चढ़ाया सै, हटकै नै संघर्ष चलाया सै, जाग्या किसान हिंदुस्तान का।। 3 हमनै पहले भी संघर्ष करे उणमैं लाठी गोली खाई रै जय जवान जय किसान की बढ़िया तस्वीर बनाई रै सरहद पै नाम कमाया सै, देश का सम्मान बढ़ाया सै, जवान कदे ना घबराया सै, जाग्या किसान हिंदुस्तान का।। 4 तीन काले कानूनों के खिलाफ आज आवाज उठाई जुल्मो सितम कै साहमी लड़ण की रिवाज चलाई हम आगै बढ़ते जारे भाई, संघर्ष बिगुल बजारे भाई, रणबीर कलम चलारे भाई, जाग्या किसान हिंदुस्तान का।। 452****** नए आयाम किसान आंदोलन बढ़ता जावै सरकार की छाती चढ़ता जावै यो नए नए आयाम गढ़ता जावै कारपोरेट नै लाजमी हरावै रै।। 1 देख्या जमा घटा करकै खूब इस सरकार नै आंदोलन समझ गया सै थारी लूट की धार नै हम पर हमला कराती सरकार हमलावर हमें ठहराती सरकार एफआइआर करवाती सरकार झूठे इल्जाम रोजाना लगावै रै।। 2 राज का साहरा लेकै विरोधी स्वर दबाये जावैं विरोधियों पै केस झूठे हर रोज बनवाये जावैं नौदीप कौर पर एफआईआर मनदीप पूनिया पर भी प्रहार नवदीप सिंह पर किया वार जनता इनका साथ निभावै रै।। 3 भुलाए नहीं जावैं अत्याचार जनता याद राखैगी लड़ाई लड़ी जावैंगी हर बार खट्टा मीठा चाखैगी द वायर सच साहमी ल्यावै ऑल्ट न्यूज ना वार लगावै झूठी खबर खोज कै बतावै या असली चेहरा दिखावै रै।। 4 अमरीका के किसान संगठन भारत संग आये रै दुखड़े चालीस साल पहले के सारे खोल बताये रै सारे किसान एक हो जाओ मिलकै एक मंच पर आओ दुनिया भर मैं आवाज ठाओ रणबीर सिंह छंद बनावै रै।। 453****** तख्ता पलट *कानून वापिस कराणे नै तख्ता पलट कराणा होगा।।* *मजदूर किसान नै एक होकै सबक सिखाना होगा।।* 1 जो कदे बी मिट सकै ना वा मुनाफे की भूख जागरी कड़े मुकाबले की कसूती दुनिया मैं या होड़ लागरी दैत्य रूपी या कारपोरेट हमनै पूरी ढालां छांगरी म्हारे बरगे देशों की सरकार इनके पाछै पाछै भाजरी *किसान मजदूर नै जनको इनका खेल समझाणा होगा।।* मजदूर किसान नै एक होकै सबक सिखाना होगा।। 2 तबाह होंते किसानों की इणनैं कति परवाह कोण्या उजड़ रहे मजदूरों की तै इणनैं दीखती आह कोण्या किसान मजदूर व्यापारी घेरे छोडडी जीन की राह कोण्या इनका भला सोचै कारपोरेट दिखाई देवै चाह कोण्या *आत्म हत्या सै गलत रास्ता राह असली दिखाणा होगा।।* मजदूर किसान नै एक होकै सबक सिखाना होगा।। 3 किसान मजदूर कमा कमा इनके खूब खजाने भरते किसान मजदूर सुख तैं जीलें उस राह पाँ ना धरते म्हारे नौजवान बेटे बेटियां की कति चिंता ना करते ऊपर तैं अकड़ दिखाते भीतर भीतर घणे ये डरते *डबोया चाहवैं लुटेरे हमनै ना डूबें तैर कै बताणा होगा ।।* मजदूर किसान नै एक होकै सबक सिखाना होगा।। 4 किसान मजदूर की एकता समों की मांग बतावैं भाई मिल जुल कै सारे आंदोलन का बेड़ा पार लगावैं भाई महरी एकता तोड़ण खातर चाल खूब चलावैं आत्मताई रणबीर बरोणे आला बी सोच समझ कै करै कविताई *लुटेरयां की पिछाण करकै इब पाठ पढ़ाणा होगा।।* मजदूर किसान नै एक होकै सबक सिखाना होगा।। 454******** बसताड़ा टोल प्लाजा बसताड़ा टोल प्लाजा पै किसानां पै लाठियां घणी चलाई।।* *कई किसान जख्मी होगे सरकार हुई सै घणी हड़खाई।।* 1 किसानों पै लाठी बरसवाकै थारा कै दिन राज चलैगा मजदूर किसान छोटा व्यापारी सुधां ब्याज वसूल करैगा *बेच्या देश यो कारपोरेट कै जनता की समझ मैं आई।।* कई किसान जख्मी होगे सरकार हुई सै घणी हड़खाई।। 2 किसान मोर्चे नै यो तुरत भारत बंद का करया एलान सरकार के पुतले जला जला सही जवाब दिया किसान *देश के हकां की खातिर लड़रे दूजी आजादी की लड़ाई।।* कई किसान जख्मी होगे सरकार हुई सै घणी हड़खाई।। 3 कमेरयां की बनी एकता इस सरकार कै सांस चढ़ावैगी तीनों काले कानून वापिस पूरा हांगा लाकै नै करवावैगी *नहीं लिए वापिस तो सरकार नै करैगी चालती भाई।।* कई किसान जख्मी होगे सरकार हुई सै घणी हड़खाई।। 4 ढाल ढाल की चाल चालकै सरकार एकता तोड़ी चाहवै नब्बै की एकता दस नै लाजमी बात सै जरूरी ढ़ाहवै *रणबीर वंचित तबके समझ रहे सरकार की सब चतुराई।।* कई किसान जख्मी होगे सरकार हुई सै घणी हड़खाई।। 455******** असली चेहरा सरकार का यो असली चेहरा , चौड़े कै मंह दिखाई देरया, आज जमा खुलासा होग्या हे। 1 नबबै जमा मार दिए या दस की चांदी करी देखो म्हारी गोज खाली करकै अम्बानी की भरी देखो किसान मजदूर आवाज ठावै थारी सरकार तै दबाया चाहवै घणा मोटा रास्सा होग्या हे। 2 डेरे गेर दिए किसानी नै देखो दिल्ली के मैं हे मुंह फेर लिए सरकार नै देखो दिल्ली के मैं हे घणे सब्ज बाग दिखाए बेबे जोर लगाकै हम भकाये बेबे, घणा तमाशा होग्या हे। 3 अम्बानी तै थारा मुलाहजा जनता और नहीं झेलैगी संघर्ष करैगी मिलजुल कै थामनै सारी जगां तैं पेलैगी हमतो खेत खलिहान बनावैं महल अटारी आलीशान बनावैं म्हारा मुश्किल बासा होग्या हे। 4 जनता के संघर्ष बढ़ेंगे इतना तो जानल्यो मोदी जी तीन बिल वापसी की मांग तावले से मानल्यो मोदी जी रणबीर सिंह नै बात बनाई गाम गाम मैं अलख जगाई बेरा सबनै खासा होग्या रै। 456******** 18 अक्टूबर रेल रोको का अभियान पूरे हरियाणा मैं चलावांगे।। कई टेशनां के ऊपर हम सब मिलकै जाम लगावांगे।। 1 रोहतक जिले मैं मिलकै नै कई टेशनों पै नारे लगावैं रेल नहीं जावण दयां रेल पटरी पै बैठकै साथ निभावैं *किसान एकता मोर्चा जिंदाबाद यो नारा खूब गूंजावांगे।।* कई टेशनां के ऊपर हम सब मिलकै जाम लगावांगे।। 2 कुरुक्षेत्र कैथल भिवानी मैं महिला पुरुष आगै आवैं किसानों भी उनकी गेल्याँ उड़ै कदम तैं कदम मिलावैं *तीन कानूनों के खोट एक एक खोलकै* *समझावांगे।।* कई टेशनां के ऊपर हम सब मिलकै जाम लगावांगे।। 3 जींद जिले के बरसौला मैं रेल रोको पूरा सफल करांगे बामला मैं महिलाओं की साथ सबतैं आगै कदम धरांगे पुरुष महिला सारे मिलकै आंदोलन का होंसला बढ़ावांगे।। कई टेशनां के ऊपर हम सब मिलकै जाम लगावांगे।। 4 यमुना नगर मैं भी टेशन पै कुछ घण्टे रेल रोकी जावै सारे हरियाणा के मैं देखियो पूरी ताकत झोंकी जावै रणबीर कहै कई प्रदेशों मैं रेल रोको घणा सफल पाया।।* कई टेशनां के ऊपर सबनै मिलकै जाम बणावांगे।। 457******* खाल तारैंगे म्हारी किसान विरोधी कानून ये देखियो खाल तारैंगे म्हारी हे।। इननै वापिस कराने खातर संघर्ष चलावां भारी हे।। 1 उनके बालक भूखे मरते जिणनै खेत खूबै कमाये बिना दूध सीत रहवैं सैं जिणनै डांगर खूब चराये सिरकी घाल करैं गुजारा जिणनै ताज महल बनाये तन पै उनके लत्ता ना जिणनै कपड़े के मील चलाये भगवान भी आँधा कर दिया ना दिखता भ्रष्टाचारी हे।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलावाँ भारी हे।। 2 जितना करड़ा काम म्हारा नहीं सम्मान उतना मिलता दस नम्बरी मानस जितने उनका हुक्म देख्या पिलता नकली फूल सजावैं देखो यो क्यों ना असली खिलता कहैं उसके बिना आड़ै यो पत्ता तक बी नहीं हिलता सबके ऊपर उसका खयाल नहीं फेर किसा न्याकारी हे।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलावां भारी हे।। 3 डांगर की कद्र फालतू माणस बेक़दरा संसार मैं छोरे की कद्र घणी सै छोरी धन पराया परिवार मैं किसे किसे जुल्म होण लागरे छपते रोज अखबार मैं माणस खानी म्हारी व्यवस्था लादे बोली बाजार मैं कति छांट कै इसनै चलवाई महिला भ्रूण पै कटारी हे।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलावां भारी हे।। 4 इस व्यवस्था मैं मुट्ठी भर तै हो घणे माला माल रहे अम्बानी हर नै जाल पूरया चला ये अपनी ढाल रहे सोच समझ कै बढियो आगै माफिया कसूते पाल रहे फौज और पुलिस नै बणा रणबीर ये अपनी ढाल रहे सही सोच कै संघर्ष नै हिंदुस्तानी किसानी चलारी हे।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलावां भारी हे।। 458******* खूनी कीड़े *नई सदी के ये खूनी कीड़े फेर गुलाम बनाया चाहवैं।* *संकट फैला के चारों कान्हीं म्हारा मोर नचाया चाहवैं।।* 1. पानी खाद बिजली पै सब्सिडी खत्म हुई सारी क्यों धरती लाल स्याही मैं चढ़ी दरवाजे खड़ी बीमारी क्यों ब्याह शादी मुश्किल होगे बढ़ी ईब बेराजगारी क्यों पेट्रोल डीजल महंगे करे ना ढंग की मोटर लारी क्यों *बढ़ा कै बेरोजगारी नै ये म्हारी ध्याड़ी घटाया चाहवैं।।* संकट फैला के चारों कान्हीं म्हारा मोर नचाया चाहवैं।। 2. गिहूं अर चावल देश मैं ये चिड़िया घर मैं टोहे पावैंगे दूध शीत बिना ये बालक म्हारे भैंसा कान्ही लखावैंगे फसल के मालिक बिदेशी होज्यां दूर बैठ हुकम चलावैंगे हम के बोवां अर के खावां देशी बदेशी साहूकार बतावैंगे *दारू सुलफा स्मैक पिलाकै हमनै कूण मैं लाया चाहवैं।।* संकट फैला के चारों कान्हीं म्हारा मोर नचाया चाहवैं।। 3. दारू बुरी बीमारी जगत के मां जानै दुनिया सारी भाई फेर क्यों या काढ़ी जावै सै नुकसान करती भारी भाई माफिया पाल ये दारू के करैं फेर फरमान जारी भाई म्हारे बालक फंसावैं जाल मैं म्हारा अकल मारी भाई *लाशां के उपर दारू बेचैं अपणा मुनाफा बढ़ाया चाहवैं।।* संकट फैला के चारों कान्हीं म्हारी मोर नचाया चाहवैं।। 4. अमरीका जापान मैं सब्सिडी हम देते सभी किसानां नै इम्पोर्ट ड्यूटी भारया उनकी पिटवाते म्हारे धानां नै उड़े कुत्ते बिल्ली मौज करैं मुश्किल आड़ै इन्सानां नै कमेरे जमा चूस कै बगाये देशी बिदेशी धनवानां नै *कहै रणबीर सिंह मुनाफा खोर ये लगाम लगाया चाहवैं।।* संकट फैला के चारों कान्हीं म्हारा मोर नचाया चाहवैं।। 459******** कै दिन राज करोगे रै वोट लिए हम बहकाकै इब बिजली के रेट बढ़ाकै म्हारे तांहिं आँख दिखाकै कै दिन राज करोगे रै। 1 बिजली कितने घण्टे आवै किसान इसपै विचार करै कम बिजली की तूँ क्यूँ म्हारे सिर पै तलवार धरै बिलां के उप्पर धमकाकै बिल धिंगतानै भरवाकै राज की धौंस दिखाकै कै दिन राज करोगे रै।। 2 बिजली की चोरी थारे चमचे रोज हमनै करते देखे करखनेदारां के एस डी ओ पाणी हमनै भरते देखे जितनी बिजली होवै पैदा इसतैं किसनै कितना फैदा बिना कोये कानून कैदा कै दिन राज करोगे रै।। 3 मुफ़्त बिजली पाणी देऊं एक बै न्यों कैह बहकाये भरपूर बिजली लगातार मिलै वोट थे तणै गिरवाये कर्मचारी साथ मिलाकै बैठ गया कुर्सी पै जाकै रोज ये झूठी सूँह खाकै एकै दिन राज करोगे रै।। 4 निजीकरण ना होवण दयूं इनकी घोषणा तणै करी लारे लप्पे घणे दिए थे जनता नै पीपी तेरी भरी थी विश्व बैंक तनै धमकावै तूँ म्हारे पै छोह मैं आज्यावै रणबीर सिंह छंद बणावै कै दिन राज करोगे रै।। 460********* कट्ठे होल्यां बहोत दिन होगे पिटत्यां नै ईब कट्ठे होकै देख लियो।। बैर भूल कै आपस का प्रेम के बीज बो कै देख लियो।। 1 करड़ी मार नई नीतियां की या सबपै पड़ती आवै सै देश नै खरीदण की खातर बदेशी कंपनी बोली लावै सै या ठेकेदारी प्रथा सारे कै बाहर भीतर छान्ती जावै सै बदेशी कंपनी पै कमीशन यो नेता अफसर खावै सै मन्दिर का छोड़ कै पैण्डा भूख गरीबी पै रोकै देख लियो।। बैर भूल कै आपस का प्रेम के बीज बो कै देख लियो।। 2 जड़ै जनता की हुई एकता उड़ै की सत्ता घबराई सै थोड़ा घणा जुगाड़ बिठाकै जनता बहकानी चाही सै जड़ै अड़कै खड़ी होगी जनता लाठी गोली चलवाई सै लैक्शनां पाछै कड़ तोड़ैंगे या सबकी समझ मैं आई सै ये झूठे बरतन जितने पावैं ताम सबनै धोकै देख लियो।। बैर भूल कै आपस का प्रेम के बीज बो कै देख लियो।। 3 हालात जटिल हुये दुनिया मैं समझणी होगी बात सारी ईब ना समझे तो होज्या नुकसान म्हारा बहोतैए भारी पैनी नजर बिना दीखै दुश्मन हमनै घणा समाज सुधारी हम सब की सोच पिछड़ी नजर ना नये रास्ते पै जारी भीतरले मैं अपणे भी दिल दिमाग गोकै देख लियो।। बैर भूल कै आपस का प्रेम के बीज बो कै देख लियो।। 4 जात धरम इलाके पै हम न्यारे-न्यारे बांट दिये रै कुछ की करी पिटाई कुछ लालच देकै छांट लिये रै म्हारी एकता तोड़ बगादी ये पैर जड़ तै काट दिये रै ये देशी बदेशी लुटेरे म्हारे हकां नै नाट लिये रै रणबीर सिंह दुख अपणे के ये छन्द पिरोकै देख लियो।। बैर भूल कै आपस का प्रेम के बीज बो कै देख लियो।। 461******** फांसी खाने से नहीं बात बणै फांसी खा खा कै ना बात बनै लड़ने का माहौल बनावां रै।। मजबूत किसान आंदोलन कर कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 1 धर्म किसानी जात किसानी किसानां का साँझा मंच बण्या रै धुर की लड़ाई लड़नी होगी राज की गेल्याँ खूब तण्या रै लालच मैं आकै जो एकता तोडैं उन कान्ही ना कति लखावां रै।। मजबूत किसान आंदोलन कर कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 2 तीन काले कानूनं वापिस ल्यो मांग पत्र पै हम लडांगे नहीं मान्या राज पाट तो हम मिलकै सारे जेल भरांगे आत्म हत्या का यो छोड़ रास्ता संघर्ष का बिगुल बजावां रै।। मजबूत किसान आंदोलन कर कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 3 इसमें शक नहीं सै कोए यो म्हारा अष्टा संघर्ष बताया दुश्मन नै बचण की खातर जात पात का किला बनाया म्हारे बेटे फ़ौजी जितने उनने सारी बात समझावां रै।। मजबूत किसान आंदोलन कर कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 4 लेकै मजदूर नै गेल्याँ अपनी जीतण की करां त्यारी इसे सिस्टम का खरना बदलां जीनै ज्यान काढ़ ली म्हारी आज की लड़ाई लड़ां मिलकै राज नै जरूर झुकावां रै।। मजबूत किसान आंदोलन कर कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 5 सारे काले मजदूर किसान कानून खत्म करवाकै मानांगे रै आत्म हत्या नहीं करां निशाना अम्बानी हर पै तानांगे रै कहै रणबीर लेल्यां सम्भाला लड़कै ही तो बच पावां रै || मजबूत किसान आंदोलन कर कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 462******* खेल महंगा पडज्यागा मतना खेलो तम म्हारी गेल्याँ खेल यो म्हंगा पड़ज्यागा।। म्हारे नौजवान साथ आगे उस दिन नक्शा झड़ज्यागा।। 1 म्हारी तबाही लिखी जिनमैं सब नीति इसी बना राखी उप्पर तैं कड़ थेपड़ो म्हारी जड़ मैं सुई चुभा राखी किसान इब समझै सारी कसूती ढाल यो भीड़ज्यागा ।। म्हारे नौजवान साथ आगे उस दिन नक्शा झड़ज्यागा।। 2 इतने तैँ काम ना चल्या न्यारी न्यारी जातां मैं बाँट दिए किसानां की कड़ तोड़ दी पर कसूते ढालाँ काट दिए हूंकार भर किसान यो राज कै साहमी अड़ज्यागा।। म्हारे नौजवान साथ आगे उस दिन नक्शा झड़ज्यागा।। 3 बांटल्यो जात धर्म उप्पर घने दिनां ना पार पड़ैगी किसान समझै धीरे धीरे हट हट कै मार पड़ैगी अपणे बचा मैं सोचैगा यो धुर की लड़ाई लड़ज्यागा।। म्हारे नौजवान साथ आगे उस दिन नक्शा झड़ज्यागा।। 4 अडाणी और अम्बानी सुणो सुणो बदेशी कम्पनी आल्यो किसान लावा बण फूटैगा बच सकै ज्यान तो बचाल्यो रणबीर ले ल्यो रै सम्भाला ना हाल जमा बिगड़ज्यागा।। म्हारे नौजवान साथ आगे उस दिन नक्शा झड़ज्यागा।। 463****** रेल रोको *रेल रोको का अभियान पूरे हरियाणा मैं चलाया।।* *कई टेशनां के ऊपर सबनै मिलकै जाम लगाया।।* 1 रोहतक जिले मैं लोगों नै कई टेशनों पै नारे लगाए रेल नहीं जावण दी रेल पटरी पै बैठकै साथ निभाये *किसान एकता मोर्चा जिंदाबाद यो नारा खूब गूंजाया।।* कई टेशनां के ऊपर सबनै मिलकै जाम लगाया।। 2 कुरुक्षेत्र कैथल भिवानी मैं महिला पुरुष आगै आये किसानों नै भी उनकी गेल्याँ कदम तैं कदम मिलाये *तीन कानूनों के खोट एक एक खोलकै* *समझाया।।* कई टेशनां के ऊपर सबनै मिलकै जाम लगाया।। 3 जींद जिले के बरसौला मैं रेल रोको पूरा सफल करया बामला मैं महिलाओं नै सबतैं आगै अपना कदम धरया *पुरुष महिला नौजवानों नै आंदोलन का* *होंसला बढ़ाया।।* कई टेशनां के ऊपर सबनै मिलकै जाम लगाया।। 4 यमुना नगर मैं भी टेशन पै चार घण्टे रेल रोक दई हरियाणा वासियों नै अपनी पूरी ताकत झोंक दई *रणबीर नै कई प्रदेशों मैं रेल रोको घणा सफल पाया।।* कई टेशनां के ऊपर सबनै मिलकै जाम लगाया।। 464******* कालजा धड़कै मेहनतकश तेरा हाल देख कर मेरा कालजा धड़के रै।। या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।। 1 एक क्वींटल गण्डा हम करकै मेहनत उपजावां सां राल्ला बीस किलो दस सीरा इसतैं आज बनावां सां बारा किलो चीनी बनती खोही का ना मोल लावां सां इन का मोल तीन हजार नहीं कदे हिसाब बिठावां सां तीन सौ पचास मिलते हमनै माट्टी गेल्याँ माट्टी बनकै रै।। या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।। 2 पैंतीस सौ कित जावै देखो नहीं हिसाब कदे बी लाया कदे समझलयां भेद सारा अनपढ़ता का जाल बिछाया बांट बांट कै साजिस तैं हरिजन का क्यों दुश्मन बनाया मिल मैं मजदूर भाई म्हारा म्हारी गेल्याँ किसनै भिड़ाया तीनों आपस में लड़ा दिए तीर इसा तरकस मैं भरकै रै।। या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।। 3 मेहनतकश का बैरी देखो मेहनतकश आज बणाया रै साढ़े तीन हजार लूटकै म्हारे सतरंगा जाल बिछाया रे म्हारे बेटा बेटियों को उसनै अपनी गोद मैं बिठाया रै इतना जुल्म देख धरती पै काँपज्या कृष्ण की काया रै ईब तो संभाला लेल्यां नहीं तै मरना होज्या सड़ कै रै।। या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।। 4 बेटा बेटी बिगाड़ण खातिर भद्दे गाने सिनेमा त्यार किये दारू मैं डबोवण की खातिर ठेके खोल ये बेशुमार दिये ये तीन सौ पचास भी म्हारे इणनै बेदर्दी तैं डकार लिये सिर भी म्हारा जूती म्हारी बिन आई के हम मार दिए रणबीर सिंह बरोने आला ललकार रहया छंद घड़ कै रै।। या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।। 465******* 27 सितम्बर बन्द किसान संघर्ष बढ़ता जावै भाजपा निजाम थर्राया रै।। सत्ताईस सितम्बर का बन्द यो ऐतिहासिक बताया रै।। 1 पहले के दो भारत बंद इस बन्द नै पाछै छोड़ दिये संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पै कर तोड़ दिये आंदोलन के दस मिहने पै भारत बंद करकै दिखाया रै।। सत्ताईस सितम्बर का बन्द यो ऐतिहासिक बताया रै।। 2 किसान संघर्ष मैं शहीद छह सौ पांच हो लिए बताये आगै बढ़ते जारे किसान नहीं पाछै नै कदम हटाये इन सबकी याद मैं सारै बन्द मैं गया शीश नवाया रै।। सत्ताईस सितम्बर का बन्द यो ऐतिहासिक बताया रै।। 3 सतरा सितम्बर नै लोक सभा मैं बिन बहस पास करवाये बीस सितम्बर राज्य सभा मैं मोदी ये निजाम आगै सरकाये सत्ताईस सितम्बर बीस नै राष्ट्रपति नै ठपॉ लगाया रै।। सत्ताईस सितम्बर का बन्द यो ऐतिहासिक बताया रै।। 4 उन्नतीस सितम्बर सरकार नै मजदूरों कै भी सांस चढ़ाई रै मजदूर विरोधी तीन संहिताएं धक्के तैं पास कराई रै रणबीर किसान मजदूर पै यो कसूता आरा चलाया रै।। सत्ताईस सितम्बर का बन्द यो ऐतिहासिक बताया रै।। 466******* एकता के बीज किसान संघर्ष देश मैं आज तेज घणा कसूता होवैगा।। कमेरा हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 1 कारपोरेट के खिलाफ छेड़ दई जंग पूरी देखो सरकार इसकी तलहडू सै करै जी हजूरी देखो आर पार की लड़ाई होगी मोदी नई झूठ टोहवैगा।। कमरा हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 2 जात धर्म इलाके पर लड़वा कै तेज कररे लूट म्हारी किसानों और मजदूरों कै दे दी आछे ढाल बुहारी तीन बिल किसान विरोधी मोदी लागै देश नै डबोवैगा।। कमेरा हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 3 निजीकरण करकै सारे महकमे बेच रहया सै अडानी अम्बानी के निशाने पै टेक रहया सै संविधान की परवाह कोण्या सम्मान देश का खोवैगा।। कमेरा हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 4 समझ बूझ तै सँघर्ष को ये आगै लेज्यावैंगे भाई या नब्बे दस की लड़ाई जीत कै दिखावैंगे भाई रणबीर सिंह बरोने आला नए नए छंद पिरोवैगा।। काल हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 467******* तीन काले कानून सरकार तीन कानून बणाकै चाहवै धरती कै मारया रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाकै यो उधम मचवाया भारया रै।। 1 लागत बढ़ती जावै खेती की आवत की मार पड़ी देखो किसान एकले ना पिसरे मजदूरों की लार खड़ी देखो लक्ष्मीपुर खीरी की घटना सबका जी हुया खारया रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाकै यो उधम मचया भारया रै।। 2 लागत खेती की बढ़ादी यो म्हारा खर्चा घणा हुया तीन बिल और पास करे जिनका चर्चा आज हुया म्हारी गेल्याँ कोये चर्चा ना पाया ईसा अहंकारा रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाकै उधम मचवाया भारया रै।। 3 साझे बाधे पै भी नहीं गुजारा यो दिन रात मंडे रहवाँ कई खर्च हारी बीमारी के किसपै जाकै दुखड़ा कहवाँ म्हारै कर्ज कई लाख का अम्बानी खूब कमारया रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाए उधम मचाया भारया रै।। 4 बालक फिरैं धक्के खाते बच्या कितै रोजगार नहीं कमेरे की दुर्गति का टोहया किसे नै कोए उपचार नहीं बेरोजगार हांडैं गालां मैं घरक्यां का चढ़ज्या पारा रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाकै उधम मचवाया भारया रै।। 5 घर आली करै सिलाई दिन रात वा काले करती रै खुभात फालतू बचत नहीं पार नहीं कोये चलती रै किसान आंदोलन नै लगाया इंकलाब का नारा रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाए उधम मचवाया भारया रै।। 6 किसान मजदूर छोटे व्यापारी पै नजर धरी बुरी देखो तीन बिलां के खिलाफ सांझा संघर्ष सही धुरी देखो रणबीर बरोनिया नै दिल तैं यो गीत बनाया थारा रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाकै उधम मचवाया भारया रै।। 468******** सर छोटू राम एक बै हट कै आज्य छोटूराम किसान तनै आज बुलावै सै ॥ सन चालीस का कमेरा तनै आज बी उतना ए तै चाहवै सै ॥ म्हणत लगन पक्का इरादा थारे मैं गुण पूरी मिकदार मैं गढ़ी सांपला मैं पैदा होकै थमनै देखि गरीबी परिवार मैं जिक्र हुया थारा संसार मैं छोटूराम किसे कानून बनावै सै ॥ धरती कुड़क ना होवै किसानी थामनै कानून इसा बनाया गोड्यां ताहिं कर्जे मैं धँसरे थे थामनै आकै आजाद कराया एक बै साँस उलगा सा आया वो खरना आज बी गुण गावै सै ॥ खूब जतन करे हमनै ऊबड़ खाबड़ खेत संवारे फेर दखे भाखड़ा डेम का बिजली पानी होगे वारे के न्यारे फेर दखे दस तैं बीस मणे गीहूँ म्हारे फेर दखे म्हणत रंग ल्यावै सै ॥ खाद बीज ले कर्जे पै म्हणत तैं खेत क्यार म्हारे लहलागे रै फसल ले जिब मण्डी पहोंच्या भा कति तले नै ये आगे रै बहोत किसान फांसी खागे रै रणबीर नहीं झूठ बहकावे सै ॥ 469******** मौका सै फिलहाल हांगा लादयो पूरा भाइयो यो मौका सै फ़िलहाल, हाथ दिखारे किसान म्हारे लाल।। 1 काले कानून वापिस कराणे सैं, नहीं कति पाछै कदम हटाणे सैं, दो दो हाथ करकै दिखाणे सैं, दिखावां किसानी ताकत का कमाल।। 2 सरकार का सामना करणा सै, लाठी गोली तै नहीं डरणा सै, छब्बीस नै मार्च पै उतर णा सै, यो ऐलान करया सै तत्काल ।। 3 मोदी अपणे हठ नै छोड़ दिये, काळे कानून उल्टे मोड़ लिये, म्हारी बात का लगा तोड़ लिये, किसानी ताकत करदेगी बेहाल।। 4 खाग्या अम्बानी चूट चूट कै,म्हारे नारयां नै देश मैं पहूँच कै, भाई चारा भर दिया कूट कूट कै, रणबीर कहै मोदी करिये ख्याल ।। 470********* समाई कोण्या चारों कान्हीं तैं खावण लागरे बची इब कति समाई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 1 कुर्बान होज्यांगे पर झुकां नही नयूं मिलकै कसम खाई किसानी संघर्ष की आवाज आज पूरे देश मैं पहूंचाई काले कानून मंजूर नहीं हम होण देवैं तबाही कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 2 लूटैं बनकै म्हारे हितेषी इब आंख आज म्हारी खुलगी तीन काले कानूनों मैं जमा लूटैं तस्वीर हमनै मिलगी कहते कानून थारे भले मैं हमनै पाई वा भलाई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 3 किसान मजदूर की कमाई पै अडानी अम्बानी ऐश करैं म्हारे बालक सल्फास खाकै ना बिन आयी इब मौत मरैं खावैं हमनै दीमक की ढालां चाहते म्हारी भलाई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 4 किसान आंदोलन नै जोड़ी एकता जबरदस्त तैयार होगी कितणी ए लाठी गोली चलाओ ताकतवर एकता हरबार होगी रणबीर बरोणे आले की रहै पाछै आज कविताई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 471********* आर पार की तीन काले कानून बनाये दिल्ली मैं आज किसान कमेरे आये दिल्ली मैं इब होवैगी आर पार की लड़ाई रै।। 1 आज बावन दिन होगे किसान दिल्ली मैं डटरे देख कै किसानी एकता सरकार के पाछने पटरे सबनै मिलकै नारे खूब लगाए भाई, दिल्ली मैं घणे किसान बताये भाई, सरकार दिल्ली की घणी घबराई रै।। 2 एकले हम किसान कोन्या जनता साथ मैं आगी हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई एकता देश मैं छागी जात पात पै बांट नही पाये हमनै, धर्म के ऊपर छांट नहीं पाये हमनै, या ठंड भी संघर्ष रोक नहीं पाई रै।। 3 दूसरे प्रदेशों के भी किसान साथ मैं आये देखो बढ़ो दिल्ली मैं आगै ये सन्देश पहूंचाये देखो आज पूरे देश के मजदूर किसान, हिंदुस्तान मैं ये चढ़गे एक मचान, लड़ागे जीतांगे या हुंकार लगाई रै।। 4 शांत ढंग तैं किसान कमेरे इस आंदोलन नै चलारे पालतू पिल्ले भेष बदल कै भरम फैलाना चाहरे आर पार की हम लड़ाई लड़ेंगे रै, कानून वापसी ताहिं हम अड़ेंगे रै, साथ देवै रणबीर की कविताई रै।। 472******* इब तो जागज्या इब तो जागज्या किसान, देख हमनै कौण लूट रहया।। 1 दिन और रात काम करैं, फेर भी मुश्किल पेट भरैं करैं मौज यहां धनवान, तूँ पाणी से रोटी घूंट रहया।। 2 ये पंडे और पुजारी लूटैं, ये अमरीकी ब्योपारी लूटैं लुटैं क्यों हम भगवान, क्यों अमरीका खागड़ छूट रहया।। इब तो....... 3 बिजली चमकै पाला पड़ता, तूँ पाणी के भीतर बड़ता लड़ता सरहद पै जवान, वो चांदी महलां मैं कूट रहया।। इब तो ..... 4 धनवानों के महल अटारी, खोस लेज्यां मेहनत म्हारी उतारी म्हारे घर की छान, बांस ऊँका बीच तैं टूट रहया।। इब तो.... 5 जब जब ठाये हमनै झंडे, पुलिस के खाये गोली डंडे बनादें मरघट का शमशान, घाल कमेरयां भित्तर फूट रहया।। इब तो..... 6 आज इंसान करया लाचार, नाव फंसी बीच मंझदार हरबार लड़ावै यो बेईमान, म्हारा सब किमै यो चूट रहया।। इब तो.... 7 सुन रणबीर सिंह का गाणा, रोवै बूढ़ा और याणा स्याणा बताणा करे दारू नै गलतान ,भाइयो बोल ना झूठ रहया।। इब तो .... 473********* मेहनत कश किसान मेहनत कश जमाने मैं तूँ घणा पाछै जा लिया । देख इस महंगाई करकै यो कति तौड़ आ लिया । 1 चार घड़ी के तड़कै उठ रोज खेत मैं जावै सै दोपहरी का पड़ै घाम या सर्दी घणी सतावै सै दस बजे घर आली तेरी रोटी लेकै नै आवै सै सब्जी तक मिलती कोण्या ल्हूखी सूखी खावै सै नून मिर्च धरकै रोटी पै लोटा लाहसी का ठा लिया। 2 थारा पूरा पटता कोण्या तूँ दिन रात कमावै सै बीज बोण के साथै तूँ आस फसल पर लावै सै सोसाटी और लाला जी से कर्ज भरया कढ़ावै सै लाला जी फेर तेरी फसल मनचाहे दाम उठावै सै ब्याज ब्याज मैं नाज तेरा लाला जी नै पा लिया । 3 कदे तनै सूखा मारै कदे या बाढ़ रोपज्या सै चाला सूखे मैं तेरी फसल सूखज्या होवै ज्यान का गाला कदे कति बेढंगा बरसै भाई यो लीले तम्बू आला कदे फसल तबाह होज्या कदे होवै गुड़ का राला बिजली तक आती कोण्या माच्छरां नै रम्भा लिया। 4 बड़ी आशा से तमनै सै या सरकार बनाई देखो कई काम करैगी थारे तमनै आस लगाई देखो सरकार नै आँते ही बालक की नौकरी हटाई देखो थारा माल खरीद सस्ते मैं और कीमत बढ़ाई देखो रणबीर हुई तबाही सै आच्छी तरियां ढा लिया। 474****** जमूरा मेहनतकश किसान पूरा, के दिखूं थामनै जमूरा, फते सिंह और कपूरा, समझूं सूं थारी बाताँ नै। 1 जुमल्यां की बात राहण दे, तीनों कानून उल्टे जाण दे, मतना लावै भीतरी घात, क्यों कराओ घणा उत्पात, संघर्ष होरया दिन रात,,देख बढ़ती म्हारी पातां नै।। 2 दिल्ली हमनै सै घेर लई, तमनै मूंह क्यों फेर लई, जुल्मी थारी सै सरकार,करै या घणे अत्याचार,भरी किसानों नै हुंकार, यो बांधैगा थारे हाथां नै।। 3 हम आन डटे सां जंग मैं, हम रंग रे सां एक रंग मैं, संघर्ष जिन्दाबाद म्हरा,थारे पै निशाने लाऱया, शिखर पै चढ़ता जारया,छोड़ गोत नात जातयां नै।। 4 दिल्ली की ईंट ईंट बोलै, किसानी चौगिरदें कै डोलै, इंकलाब जिंदाबाद नारा,पूरी जनता नै भारया, इतिहास बनता आरया, रणबीर सिंह के खात्यां मैं।। 475********* कद सी स्याणा होगा किसान तेरी या कष्ट कमाई कित जावै बेरा लाणा होगा। या सारी दुनिया स्याणी होगी तूँ कद सी स्याणा होगा । 1 दोसर करकै धरती नै अपणा खून पसीना बाहवाँ सां गेर गण्डीरी सही बीज की हम ऊपर तैं मैज लगावां सां पड़ै कसाई जाड्डा जमकै हम खेताँ मैं पाणी लावां सां रात दिन मेहनत करकै माटी मैं माटी हो ज्यावां सां दो बुलध तैं एक रैह लिया कद तांहिं न्यों धिंगताणा होगा। 2 कदे नुलाणा कदे बाँधणा कदे ततैया मोटा लड़ ज्यावै कदे अळ कदे कीड़ा लागै कदे ईंख नै कंसुआ खावै कदे औला कदे सूखा पड़ज्या हमनै कोण्या रोटी भावै कदे गात नै ये पत्ते चीरैं कदे काली नागण फन ठावै मील मैं हो भेड मुंडाई कद तांहिं मन समझाणा होगा। 3 सुनले कमले ईब ध्यान लगाकै म्हारे मरण मैं बिसर नहीं आज कुड़की आरी म्हारे घर मैं नाश होण मैं कसर नहीं जीते बी कोण्या मरते बी कोण्या औण पौण मैं बसर नहीं चारोँ लाल कड़ै गए भाई के गई सै फोन मैं खबर नहीं कोण्या पार जावैगी म्हारी जै यो न्यारा न्यारा ठिकाणा होगा। 4 इसकी खातर गाँव गाँव मैं जथेबंदियाँ का जाल बिछावां जीणा चाहवाँ तै भाईयो यूनियन नै अपणी ढाल बणावाँ बिना रोएँ तो बालक भी भूखा जंगी अपणी चाल बनावाँ रणबीर सिंह बख्त लिकड़ज्या बरोने मैं फिलहाल बनावाँ तगड़ा संगठन बनाकै अपणा जंग का बिगुल बजाणा होगा । 476******** आज नया साल आज नया साल शुरू होग्या इसमैं नया हिंदुस्तान के चाहवै सै। किसानी संघर्ष जरूर जीतैगा जिकरा रोज सुणण मैं आवै सै। 1 आंदोलन करते किसानां तै म्हारा सै क्रांतिकारी सलाम भाई जो किसान म्हारे शहीद होगे इतिहास मैं होवैगा नाम भाई रोजाना जोश म्हारे किसानां का बहोत घणा बढ़ता जावै सै।। किसानी संघर्ष जरूर जीतैगा जिकरा रोज सुणण मैं आवै सै।। 2 देश मैं इंसानियत हटकै उभरै हम इस साल मैं हाँगा लावांगे म्हारा प्रजातंत्र फेर हुँकार भरै किसानां का साथ निभावांगे इस लड़ाई का राह हमनै यो किसानी संघर्ष सही दिखावै सै।। किसानी संघर्ष जरूर जीतैगा जिकरा रोज सुणण मैं आवै सै।। 3 कदर जनता की आवाज की हटकै आवै म्हारे हिंदुस्तान मैं इज्जत होवै गरीब कमेंरे की होज्या शांति पूरे ही जहान मैं हो गजब का भारत म्हारा सारी जनता जमकै नारा लावै सै।। किसानी संघर्ष जरूर जीतैगा जिकरा रोज सुणण मैं आवै सै।। 4 इस साल मैं ईसा माहौल बनै किसान नै पूरा सम्मान मिलै कहै रणबीर नहीं लुटैं कमेरे उन सबका हट कै चेहरा खिलै आज किसान मोर्चे की जीत नए समाज की राह बतावै सै।। किसानी संघर्ष जरूर जीतैगा जिकरा रोज सुणण मैं आवै सै।। 477*********** संघर्ष जोर पकड़ैगा यो किसान आंदोलन छाग्या, देखो दिल्ली तक आग्या, इसनै सही रास्ता पाग्या, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 1 सरकार पूरा खेल खेलैगी सारे हथकंडे अपनावैगी किसानी आंदोलन कै तोहमद कई ढाल की लगावैगी, कहे किसान पाकिस्तानी, हुई किसानों को हैरानी, जवाब देवण की ठानी, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 2 किसान हितैषी बिल बताकै सरेआम झूठ बोल रही अम्बानी अडानी की खातिर कृषि दरवाजे खोल रही आज समझ गया किसान, संघर्ष का किया एलान, घेरली दिल्ली आज आण, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 3 कोरोना का बाहणा करकै संघर्ष दबाना चाहवै साई खुद के चुनाव भजन करै उड़ै कोरोना नहीं आवै सै फूट गेरण की प्लान सै समझ गया ईब किसान सै लगाया यो सही उन्मान सै,संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 4 बिल वापिस लेने पड़ेंगे संघर्ष की दाब बढ़ती जावै नहीं लिए वापिस बिल तै सरकार कै सांस चढ़ती पावै साथ देवांगे मिलकै कमेरे, हारेंगे फेर ये जरूर लुटेरे, रणबीर साथ आये भतेरे, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 478********* नया साल इक्कीस किसा हो नया साल इक्कीस आदान प्रदान हो विचारां का।। किसानी सघर्ष जीत कै नक्सा बदलै कमेरे किरदारां का।। 1 सर्व समावेशी शिक्षा हो स्कूल होवैं एक समान रै हरेक जात का सम्मान हो भाईचारा हो बलवान रै मरीज डॉक्टर का मेल हो इलाज पावै हर इंसान रै फसल की कीमत ठीक मिलै फलैं फुलैं किसान रै पर्दाफाश होज्या आज म्हारी लूट के ठेकेदारां का।। किसानी सघर्ष जीत कै नक्सा बदलै कमेरे किरदारां का।। 2 मिलावट म्हारे समाज म्हैं नहीं टोही पावै यो चाहवां नफरत का जहर समाज नै आज ना खावै यो चाहवां बेरोजगारी कम होवै इसा माहौल आवै यो चाहवां कोये माणस प्रदेश म्है ना भूखा रह ज्यावै यो चाहवां होवै महिला महफूज ना जिकरा बचै बलात्कारां का।। किसानी सघर्ष जीत कै नक्सा बदलै कमेरे किरदारां का।। 3 म्हारा यो सबका हिंदुस्तान, गूँज उठै यो नारा भाई छुआछूत खत्म हो सुधरै यो वातावरण म्हारा भाई सरकार करै ख्याल बणकै गरीबां का साहरा भाई अंधविश्वास और नशे तैं मिलै सबनै छुटकारा भाई या जनता राह बाँधेगी, देश भर म्हैं इन बदकारां का ।। किसानी सघर्ष जीत कै नक्सा बदलै कमेरे किरदारां का।। 4 युवा नै रोजगार मिलै, कति नहीं फिरै आवारा रै सुख का सांस लेवै सरतो, सुखी हो करतारा रै विकास चालै सही राही पै,सही होवै बंटवारा रै संविधान के अनुसार चलै, हिंदुस्तान देश म्हारा रै रणबीर साल यो इक्कीस हो, इन कमेरे हुनर कारां का ।। किसानी सघर्ष जीत कै नक्सा बदलै कमेरे किरदारां का।। 479****** बहोत कमाए आजादी पाछै बहोत कमाए भारत के किसान कमेरे।। ज्यान लगा कै खेत सँवारे कारखाने चलाये शाम सवेरे।। 1 किसान करी मेहनत तो खेतां मैं फसल लहलाण लगी स्टील थर्मल प्लांट लगाए बिजली घरां मैं आण लगी स्कूल अस्पताल खुले फेर जनता स्कूल मैं जाण लगी नेहरू का जमाना बीत गया संकट घड़ी या छाण लगी आजादी के नेता पाछे नै रैहगे आगै आवण लगे लुटेरे ज्यान लगा कै खेत सँवारे कारखाने चलाये शाम सवेरे।। 2 पचहत्तर मैं एक दौर यो एमरजेंसी का बी आया था नशबंदी जबरदस्ती का आड़े गया अभियान चलाया था मुधे मूंह पड़े ये हिम्माती जनता नै सबक सिखाया था राज पाट सब बदल दिये जनता का राज बनाया था बैल गऊ तैं करी कमाई सारी नै ज़िमगे जुल्मी बघेरे।। ज्यान लगा कै खेत सँवारे कारखाने चलाये शाम सवेरे।। 3 सब जानैं मेहनतकश की मेहनत खूबै रंग ल्याई सै किसान ख़टया खेतां मैं अन्न की पैदावार बढ़ाई सै कारखाने ऊंची सीटी मारैं स्मृद्धि अमीराँ मैं आई सै सौ मां तैं पन्दरा मोटे होगे बाकी पै सांकै घणी छाई सै धन दौलत तो घणी कमाई म्हारै बांटै आये पटेरे।। 4 दिनों दिन बढ़ती जावै देश मैं गरीब अमीर की खाई क्यों म्हारे पैरां पटरी सैं बवाई उनके सैं जहाज हवाई क्यों म्हारे बालक सूकी रोटी खावैं उनके उड़ाते दूध मलाई क्यों किसा बंटवारा यो देस मैं अडानी अम्बानी पेट फुलाई क्यों रणबीर बरोने आला कहै घोड़ी खोसी साथ मैं बछेरे।। ज्यान लगा कै खेत सँवारे कारखाने चलाये शाम सवेरे।। 480******** शोषण हमारा अम्बानी कम्पनी आगी, हमनै चूट-चूट कै खागी अमीर हुए घणे अमीर, यो मेरा अनुमान सै।। 1 मोदी सरकार नै गोड्डे टेक दिये, साधन अम्बानी आगै फेंक दिए, अडानी देखो साथ मैं रलगे, कारपोरेट कै घी के दीवे बलगे, संघर्ष बदलैगा तदबीर, यो किसानों का ऐलान सै।। 2 पहली चोट मारी रूजगार कै, हवालै कर दिये सां बाजार कै, निजीकरण मुहिम चलाई क्यों, मासूम जनता आज भकाई क्यों, या गई कड़ै थारी जमीर, घणा मचाया घमसान सै।। 3 म्हारी खेती कती बरबाद करदी, ये तीन काली कानून पास करदी, किसानों नै ली आज अंगड़ाई रै, नारा कानून वापिस कराई रै, तोड़ दी आज सारी जंजीर,दिल्ली मैं छारया किसान सै।। 4 या सल्फाश की गोली सत्यानासी, हर दूजे घर मैं ल्याई थी उदासी, एकजुट हिंदुस्तान का देखो किसान , साथ खड़या हुया हर कमेरा इंसान, लिखै साची सै रणबीर, नहीं झूठा बखान सै।। 481*********** गोदी मीडिया इस गोदी मीडिया नै किसानों के खिलाफ जहर फैलाया ।। जमीनी हकीकत देख कै मोदी भी बहोत घणा घबराया।। 1 वार्ता मैं झुके नहीं किसान अपनी मांग पै अड़े खड़े सै सरकार के हथकंडे एकता आगै ओछे घणे पड़े सैं गोदी मीडिया रोज घड़ कै दखे झूठी खबर सै ल्याया।। 2 कसूता अनुशासन किसानों का दुनिया देख कै दंग रैहगी भाजपा की सरकार इनकी गेल्याँ जान बूझ कै क्यों फैहगी आर पार की लड़ाई खिंचगी किसान नै पूरा प्लान बनाया।। 3 तीन कानून वापसी बिना किसान नहीं उल्टा जावैगा रै सांस दिल्ली की सरकार कै यो घणे कसूते चढ़ावैगा रै कई महिन्यां का इंतजाम करकै किसान दिल्ली मैं आया।। 4 हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई आपस मैं सब सैं भाई भाई जवान किसान जनता एकता की आज मिशाल बनाई रणबीर सिंह सोच समझ कै नै यो गीत तुंरत बनाया।। 482********** डेरे दिल्ली मैं कितने दिन होगे किसानों नै दिल्ली मैं डेरे डाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 1 पूरी और लाम्बी तैयारी करकै आज किसान आये सै अनुशासन घणे गजब का समझदार घणे पाये सैं किसानी और जनता एकता बणा गजब की ढाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 2 हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई भाई इसकी ताकत के आगै भाजपा सरकार घबराई या एकता घणे गजब की इसके ऊपर चाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 3 अडानी अम्बानी की खातिर किसानों की कड़ तोड़ दई सब किमैं बायपास करकै क्यों तीन बिल जोड़ दई कारपोरेट खेती की खातिर कर जनता को बेहाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 4 संघर्ष की राही पकड़ी आर पार की लड़ाई होवैगी फूट गेरो संघर्ष पीटो भाजपा सब किमैं झोवैगी रणबीर सिंह की कलम तै उठ सही सवाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 483********* भारत बंद होवैगा किसानी खातर भारत बंद घणा कसूता होवैगा।। कमेरा हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 1 कारपोरेट के खिलाफ छेड़ दई जंग पूरी देखो सरकार इसकी तलहडू सै करै जी हजूरी देखो आर पार की लड़ाई होगी मोदी नई झूठ टोहवैगा।। कमरा हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 2 जात धर्म इलाके पर लड़वा कै तेज कररे लूट म्हारी किसानों और मजदूरों कै दे दी आछे ढाल बुहारी तीन बिल किसान विरोधी मोदी लागै देश नै डबोवैगा।। कमेरा हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 3 निजीकरण करकै सारे महकमे बेच रहया सै अडानी अम्बानी के निशाने पै टेक रहया सै संविधान की परवाह कोण्या सम्मान देश का खोवैगा।। कमेरा हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 4 समझ बूझ तै सँघर्ष को आगै लेज्यावैंगे भाई या नब्बे दस की लड़ाई जीत कै दिखावैंगे भाई रणबीर सिंह बरोने आला नए नए छंद पिरोवैगा।। काल हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 484********** नेता जी सम्राट तनै सुण नेता जी सम्राट तनै, कर दिया बारा बाट तनै मूंधी मार दी खाट तनै, लिया कालजा चाट तनै बनाई राज की हाट तनै, जनता दर दर ठोकर खावै।। 1 शेर बकरी का मेल नहीं, या राजनीति कोई खेल नहीं तूं नीति घटिया चाल रहया, म्हारी इज्जत उछाल रहया, म्हारे बैरी नै तूं पाल रहया, क्यों लुटवा म्हारा माल रहया, ईबी ना कर तूं टाल रहया, जनता सारी खोल दिखावै।। 2 लोक राज नारा कड़ै गया, लोक लाज म्हारा कड़ै गया क्यों करवाया मखौल बता, क्यों तेरा पाट्या झोल बता, क्यों खुलवाई पोल बता,कौन घोलै जात का घोल बता , क्यों ना लावैं इसका तोल बता, हर कोए यो सवाल उठावै।। 3 खेती का बना घास दिया, किसानों का कर नाश दिया किसानों कै मारी चोट, जनता का बता के सै खोट, क्यों बिल ल्याकै मारी चोट, क्यों दिए म्हारे तमनै गल घोट, क्यों खोस रहया म्हारे रोट, ना म्हारी समझ मैं आवै।। 4 कुछ ना साथ मैं जाणा सै, आड़ै ए हिसाब चुकाणा सै, जो हां भरकै नै नाटैगा, ना उसके कदे पूरा पाटैगा, तेरे वाद्यां नै कूण चाटैगा, रणबीर दिल मेरे नै डाटैगा, बणा रागनी गम नै बांटैगा, तनै साची साच बतावै।। 485******** भक्षक रक्षक जो भक्षक किसान के वे रक्षक बणकै भकावैं।। जात पात मैं बाँट कै ये लीडरी खूब चमकावैं।। 1 कानून किसानों के हक मैं छोटूराम नै बणाये धरती कुड़क नहीं होगी कर्जे माफ करवाये भाखड़ा डेम बणा कै खेतां मैं पाणी ल्याये कई बार अंग्रेजों को तीखे तेवर भी दिखाये कोये बूझनिया कोण्या किसान क्यों फांसी खावैं।। जात पात मैं बाँट कै ये लीडरी खूब चमकावैं।। 2 चौधरी चरण सिंह नै जमींदारी उन्मूलन कराया यू पी का किसान मशीहा चौधरी साहब को बताया किसानों के हक मैं पूरा जीवन अपना लगाया किसानों नै अपना नेता प्रधानमंत्री था बनाया बागपत बड़ौत शामली के किसान भूल ना पावैं।। जात पात मैं बाँट कै ये लीडरी खूब चमकावैं।। 3 पाछले कई सालां तैं किसान फांसी खा मरते कई नेता मोलड़ कैहकै मजाक उसका करते नीतियों का खामियाजा किसान आवैं धुरतैं भरते नेता बहोतसे करैं दिखावा ना झूठ बोलण तैं डरते करजे चढ़ाकै माफ़ करैं ये शोषण नीति चलावैं।। जात पात मैं बाँट कै ये लीडरी खूब चमकावैं।। 4 किसान इस ढांचे भितरै आजाद होना मुश्किल लागै पूरा सिस्टम पड़ै पलटना जिब किसान का करजा भागै सिस्टम जिब पलटे जिब यो किसान नींद तैं जागै जात धर्म के जाल तोड़कै हक कट्ठा होकै मांगै रणबीर हर भेद तनै रक्षक भक्षक का समझावैं।। जात पात मैं बाँट कै ये लीडरी खूब चमकावैं।। 486******** के ठा राख्या किसान कहवै खोल बतादे यो थारा के ठा राख्या रै।। खेती करनी मुश्किल करदी जमा कूण मैं ला राख्या रै।।। 1 किसान मरया खेत में तो कैसे देश महान बचैगा किसान बरबाद हुया तो जरूरी यो घमशान मचैगा दर दर का भिखारी क्यों यो अन्नदाता बणा राख्या रै।। खेती करनी मुश्किल करदी जमा कूण मैं ला राख्या रै।। 2 काले धन के नाम पर म्हारा धौला काबू कर लिया पुराने जमा कराकै तनै बैंकां का भोभा भर दिया म्हारी खेती चौपट होगी काढ़ण पै रोक लगा राख्या रै।। खेती करनी मुश्किल करदी जमा कूण मैं ला राख्या रै।। 3 ब्याह शादी की मुश्किल होरी दाल सब्जी का टोटा होग्या।। थारा नोटबंदी का फैसला यो जी का फांसा मोटा होग्या।। देश भक्ति का नाम लेकै यो देश जमा भका राख्या रै।। खेती करनी मुश्किल करदी जमा कूण मैं ला राख्या रै।। 4 इसे ढाल बात करै सै बण गरीबों का हिमाती रै इब बेरा लाग्या हमनै घणा कसूता सै उत्पाती रै रणबीर सिंह इब क्यों बढ़ा कैशलेश का भा राख्या रै।। खेती करनी मुश्किल करदी जमा कूण मैं ला राख्या रै।। 487********* साढ़े तीन महीने साढ़े तीन मिहने होगे किसानों नै दिल्ली मैं डेरे डाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 1 पूरी और लाम्बी तैयारी करकै आज किसान आये सैं अनुशासन घणे गजब का समझदार घणे पाये सैं किसानी और जनता एकता बणा गजब की ढाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 2 हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई भाई इसकी ताकत के आगै भाजपा सरकार घबराई या एकता घणे गजब की इसके ऊपर चाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 3 अडानी अम्बानी की खातिर किसानों की कड़ तोड़ दई सब किमैं बायपास करकै क्यों तीन बिल जोड़ दई कारपोरेट खेती की खातिर कर जनता को बेहाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 4 संघर्ष की रही पकड़ी आर पार की लड़ाई होवैगी फुट गेरो संघर्ष पीटो भाजपा सब किमैं झोवैगी रणबीर सिंह की कलम तै उठ सही सवाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 488******* सफलता जरूरी किसान आंदोलन सफल होणा तम सुनियो क्यों घणा जरूरी।। सफल हुया तै बात पक्की यो तोड़ेगा कारपोरेट की गरूरी।। 1 ऐकले जमीनी किसानों का यो रोला नहीं बताया भाइयो बकरी पालन भी इसमैं यो कहैं शामिल दिखाया भाइयो मछली पालन बाहर कोण्या कानून भीतर आया भाइयो पशु पालन भी जोड़ राख्या बताओ के बच पाया भाइयो खेत मजदूर की खत्म होवैगी या थोड़ी घणी जो मजदूरी।। सफल हुया तै बात पक्की यो तोड़ेगा कारपोरेट की गरूरी।। 2 सोचां कट्ठे बैठ कानूनों के बारे आछ भूंड की पहचान करां किसान आंदोलन की मदद ठीक बात इसपै ल्याण धरां म्हारे घर मैं ना बचै चांदना जै यो अंधेरा छाया किसान घरां चाले कर दिए इस सरकार नै जिसकी बड़ाई बेउन्मान करां अडानी अम्बानी की तलहैडू सै उनकी करती या जी हजूरी।। सफल हुया तै बात पक्की यो तोड़ेगा कारपोरेट की गरूरी।। 3 किताब एक सौ छह पन्यां की पेज छह पै या बखान करै कृषि नै बाजार ताहिं सौंप रहे कारपोरेट का गुणगान करै सब्सिडी सारी खत्म होवैगी सरकार मदद तैं प्रस्थान करै छोटे व्यापारी कमजोर वर्ग नै ओन लाइन खरीद परेशान करै इन सारी बातां नै समझ गई ये भरपाई सरतो और अंगूरी।। सफल हुया तै बात पक्की यो तोड़ेगा कारपोरेट की गरूरी।। 4 किसनी का बड़ा हिस्सा फेर बेरोजगार होज्यागा भाई गाम की बेरोजी का मामला यो बेशुमार होज्यागा भाई देहात के संकट गेल्याँ दुःखी छोटा व्यापार होज्यागा भाई घणा असन्तोष बढ़ ज्यागा आड़े हाहाकार होज्यागा भाई रणबीर किसान जीत कै करै काबू सरकार की सारी फतूरी।। सफल हुया तै बात पक्की यो तोड़ेगा कारपोरेट की गरूरी।। 489********* यो किसान आंदोलन छाग्या यो किसान आंदोलन छाग्या, देखो दिल्ली तक आग्या, इसनै सही रास्ता पाग्या, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 1 सरकार पूरा खेल खेलैगी सारे हथकंडे अपनावैगी किसानी आंदोलन कै तोहमद कई ढाल की लगावैगी कहे किसान पाकिस्तानी, हुई किसानों को हैरानी,जवाब देवण की ठानी, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 2 किसान हितैषी बिल बताकै सरेआम झूठ बोल रही अम्बानी अडानी की खातिर कृषि दरवाजे खोल रही आज समझ गया किसान, संघर्ष का किया एलान,घेरली दिल्ली आज आण, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 3 कोरोना का बाहणा करकै संघर्ष दबाना चाहवै सै खुद के चुनाव भजन करै उड़ै कोरोना नहीं आवै सै फूट गेरण की प्लान सै समझ गया ईब किसान सै, लगाया यो सही उन्मान सै संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 4 बिल वापिस लेने पड़ेंगे संघर्ष की दाब बढ़ती जावै नहीं लिए वापिस बिल तै सरकार कै सांस चढ़ती पावै साथ देवांगे मिलकै कमेरे, हारेंगे फेर ये जरूर लुटेरे,रणबीर साथ आये भतेरे, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 490******** हरियाणे के वीरो जागो हरियाणे के वीरो जागो तजो जात के बाणे नै।। ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।। 1 गरीब माणस नै मरज्याणी गरीब भाई तैं दूर करै अमीर होज्यां एक थाली मैं यो गरीब मजबूर फिरै अमीर इस्तेमाल भरपूर करै गरीबाँ नै बहकाणे नै।। ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।। 2 अमीरां का छोरा कोये बेरोजगार जमा ना पाणे का पुलिस कचहरी सब उनके ख़ाली हुक्म ना जाणे का गरीब लूट कै खाणे का टोहया सै राह मरज्याने नै।। ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।। 3 मेहनत जात गरीबाँ की और कोये तो जात नहीं जाट ब्राह्मण सिर फुड़वावें मिलै खान नै भात नहीं जात मिटा सकै दुभांत नहीं बात कही सै स्याणे नै।। ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।। 4 जात के ठेकेदारां की बांदी या करै इनकी ताबेदारी आम आदमी जकड़ लिया अमीर करै पूरी पहरेदारी रणबीर करै नहीं चाटूकारी नहीं बेचै अपणे गाणे नै।। ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै। 491******** बतादे पिया एक महिला की अपने पति से तीन कानूनों के बारे बातचीत। क्या बताया भला-- ये कानून के जंजाल पिया, बतादे करकै खयाल पिया, उठती मन मैं झाल पिया, आज करैंगे कंगाल पिया, तारैंगे म्हारी खाल पिया, जवाब दिए तूँ खोल कै।। 1 किसान मोर्चे नै कर जलसा ये सारी बात बताई हो सन सैंतालीस तैं पहल्यां गोरयां बरगी लूट मचाई हो नहीं आच्छी सरकार पिया, किसान का बहिष्कार पिया, मोदी नहीं मददगार पिया, बणाया देश बाजार पिया, कानून बधारे तकरार पिया, मनै जवाब दिए तोल कै।। 2 बढ़िया सैं तीनों क़ानून ये मन मेरा तै मानै कोन्या हो क्यों बात किसानां की ये बैठी सैं रकानै कोन्या हो कैसे बनै इनकी बात पिया, कररे संघर्ष दिन रात पिया, देखी सरकारीऔकात पिया, आवण आली सै श्यात पिया, इसकै मारैगा संपात पिया, मनै जवाब दिए टटोल कै।। 3 खाद पाणी बिजली हों म्हंगी यो बीज ना अपणा होगा म्हारी जिंदगी खुशहाल हो यो चकनाचूर सपणा होगा घणी करैंगे धुनाई पिया, फेर नहीं मिलै दवाई पिया, कसूती रोल मचाई पिया, जनता खूब भकाई पिया, क्यूकर बचै तबाही पिया, मनै जवाब दिए बोल कै।। 4 चिंता रोज सतावै क्यूकर चालैगा यो परिवार मेरा तीनों कानून घणे भुन्डे इतना तो अंदाज भरतार मेरा खींच सही तसबीर पिया, लड़ा कोए तदबीर पिया, मसला घणा गम्भीर पिया, बतावै आज रणबीर पिया, मेटें कानूनां की लकीर पिया, म्हारा साथ दिए टटोल कै।। 492********** मौका सै फिलहाल हांगा लादयो पूरा भाइयो यो मौका सै फ़िलहाल, हाथ दिखारे किसान म्हारे लाल।। 1 काले कानून वापिस कराणे सैं, नहीं कति पाछै कदम हटाणे सैं, दो दो हाथ करकै दिखाणे सैं, दिखावां किसानी ताकत का कमाल।। 2 सरकार का सामना करणा सै, लाठी गोली तै नहीं डरणा सै, छब्बीस नै मार्च पै उतर णा सै, यो ऐलान करया सै तत्काल ।। 3 मोदी अपणे हठ नै छोड़ दिये, काळे कानून उल्टे मोड़ लिये, म्हारी बात का लगा तोड़ लिये, किसानी ताकत करदेगी बेहाल।। 4 खाग्या अम्बानी चूट चूट कै,म्हारे नारयां नै देश मैं पहूँच कै, भाई चारा भर दिया कूट कूट कै, रणबीर कहै मोदी करिये ख्याल।। 493********** चारों कान्हीं चारों कान्हीं तैं खावण लागरे बची इब कति समाई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 1 कुर्बान होज्यांगे पर झुकां नही नयूं मिलकै कसम खाई किसानी संघर्ष की आवाज आज पूरे देश मैं पहूंचाई काले कानून मंजूर नहीं हम होण देवैं तबाही कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 2 लूटैं बनकै म्हारे हितेषी इब आंख आज म्हारी खुलगी तीन काले कानूनों मैं जमा लूटैं तस्वीर हमनै मिलगी कहते कानून थारे भले मैं हमनै पाई वा भलाई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 3 किसान मजदूर की कमाई पै अडानी अम्बानी ऐश करैं म्हारे बालक सल्फास खाकै ना बिन आयी इब मौत मरैं खावैं हमनै दीमक की ढालां चाहते म्हारी भलाई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 4 किसान आंदोलन नै जोड़ी एकता जबरदस्त तैयार होगी कितणी ए लाठी गोली चलाओ ताकतवर एकता हरबार होगी रणबीर बरोणे आले की रहै पाछै आज कविताई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 494********** आर पार की लड़ाई तीन काले कानून बनाये दिल्ली मैं आज किसान कमेरे आये दिल्ली मैं इब होवैगी आर पार की लड़ाई रै।। 1 आज तीन सौ दिन होगे किसान दिल्ली मैं डटरे देख कै किसानी एकता सरकार के पाछने पटरे सबनै मिलकै नारे खूब लगाए भाई, दिल्ली मैं घणे किसान बताये भाई, सरकार दिल्ली की घणी घबराई रै।। 2 एकले हम किसान कोन्या जनता साथ मैं आगी हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई एकता देश मैं छागी जात पात पै बांट नही पाये हमनै, धर्म के ऊपर छांट नहीं पाये हमनै, या ठंड भी संघर्ष रोक नहीं पाई रै।। 3 दूसरे प्रदेशों के भी किसान साथ मैं आये देखो बढ़ो दिल्ली मैं आगै ये सन्देश पहूंचाये देखो आज पूरे देश के मजदूर किसान, हिंदुस्तान मैं ये चढ़गे एक मचान, लड़ागे जीतांगे या हुंकार लगाई रै।। 4 शांत ढंग तैं किसान कमेरे इस आंदोलन नै चलारे पालतू पिल्ले भेष बदल कै भरम फैलाना चाहरे आर पार की हम लड़ाई लड़ेंगे रै, कानून वापसी ताहिं हम अड़ेंगे रै, साथ देवै रणबीर की कविताई रै।। 495********* किसान की अरदास राम जी से सबकी कथा सुनै रामजी मेरी बीती तूँ सुणले ।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले ।। 1 दिन रात कमाऊं हाड तोड़कै क्यों दुखड़ा काल करै या गर्मी शर्दी घाम खेत मैं खड़्या नया बबाल करै नहीं इब तलक तनै बिचारया मारण का मत हाल करै इब खोल बतादे सारी किस तरियां मनै कंगाल करै सवा पांच का प्रसाद चढ़ाऊँ मेरी भी तूँ सुधले ।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले ।। 2 मेहरबानी दूजी तरफ तेरी लोग खूब मौज उड़ावैं कमाई में करण लागरया लूट वे जालिम ले ज्यावैं मेरे पै काम तीस का करवाकै देकै आठ बहकावैं पूंजी बनाकै मेहनत मेरी मनै डाकू चोर ठहरावैं तूँ हिम्मात करै झूठ की बजा उसकी धुनले।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले ।। 3 सस्ता लेकै महंगा देवैं नीति इसी चाल रहे सैं देदे कै करज दाब लिया बिछा मेरे पै जाल रहे सैं सारी धरती गहनै धरली बिकवा घर का माल रहे सैं बतावैं इसमैं तेरी महिमा सब तरियां कर काल रहे सैं भरोसे की इमारत ढह ली इसनै हट कै नै चिणले।। 4 कहैं तेरे हुक्म बिना तो एक पत्ता तक ना हिलता सारी चीज तों बनावै मेरा हिस्सा क्यों ना मिलता न्याकारी किसा सै तूँ मेरे बगीचे फूल ना खिलता खुद मनै बतादे क्यों बेइमानां का राज ना गिरता जड़ दीख ली तेरी रामजी किसाए जाल तूँ बुणले।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले।। 5 भगवान तेरी टेक मैं नहीं किसे नै सुख पाया धयान किया मोरध्वज नै सुत पै आरा धरवाया प्रण पै हरिश चन्दर के जल उसपै था भरवाया ध्यान लगाया द्रोपदी नै जा चीर सभा मैं खिंचवाया रणबीर लगामी तोड़ चल्या अपने खाते मैं गिणले।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले नै।। 496********* **बेहद सफल भारत बंद --क्या बताया भला** किसानी खातर यो भारत बंद आज पूरे देश मैं होया रै।। किसान मजदूर छोटा व्यापारी बीज एकता का बोया रै।। 1 कारपोरेट के खिलाफ छेड़ दई जंग पूरी देखो भाई रै सरकार इसकी तलहडू सै करै जी हजूरी देखो भाई रै आर पार की लड़ाई सै सरकार नै क्यों झगड़ा झोया रै।। किसान मजदूर छोटा व्यापारी बीज एकता का बोया रै।। 2 जात धर्म इलाके पर लड़वा कै तेज कररे लूट म्हारी रै किसानों मजदूर दुकानदार कै दे दी आछे ढाल बुहारी रै तीन बिल किसान विरोधी मोदी चाहवै देश नै डबोया रै।। किसान मजदूर छोटा व्यापारी बीज एकता का बोया रै।। 3 निजीकरण करकै देश मैं सारे महकमे बेच रहया सै अडानी अम्बानी के निशाने ऊपर कमेरे नै टेक रहया सै संविधान की परवाह कोण्या सम्मान देश का खोया रै।। किसान मजदूर छोटा व्यापारी बीज एकता का बोया रै।। 4 समझ बूझ तै सँघर्ष को आगै कमेरे लेज्यावैंगे इब भाई या नब्बे दस की लड़ाई दीखै जीत कै दिखावैंगे इब भाई रणबीर सिंह बरोने आले नै तत्काल नया गीत संजोया रै।। किसान मजदूर छोटा व्यापारी बीज एकता का बोया रै।। 497********** – पोह का म्हिना रात अंधेरी पोह का म्हिना रात अन्धेरी, पड़ै जोर का पाळा सारी दुनिया सुख तैं सोवै मेरी ज्यान का गाळा सारे दिन खेतां के म्हां मनै ईख की करी छुलाई बांध मंडासा सिर पै पूळी, हांगा लाकै ठाई पूळी भारया जाथर थोड़ा चणक नाड़ मैं आई आगे नै डिंग पाट्टी कोन्या, थ्योड़ अन्धेरी छाई झटका देकै चणक तोड़ दी हुया दरद का चाळा साझे का तै कोल्हू था मिरी जोट रात नै थ्याई रुंग बुळथ के खड़े हुए तो दया मनै भी आई इसा कसाई जाड्डा था भाई मेरी बी नांस सुसाई मजबूरी थी मिरे पेट की, कोन्या पार बसाई पकावे तैं न्यों कहण लग्या कदे होज्या गुड़ का राळा कई खरच कठ्ठे होरे सैं, ज्यान मरण मैं आई गुड़ नै बेचो गुड़ नै बेचो, इसी लोलता लाई छोरी के दूसर की सिर पै, आण चढ़ी करड़ाई सरकारी करजे आळयां नै, पाछै जीप लगाई मण्डी के म्हां फंसग्या क्यूकर होवै जीप का टाळा खांसी की परवाह ना करी, पर ताप नै आण दबोच लिया डाक्टर नै एक सूआ लाया, दस रुपये का नोट लिया मेरे पै गरदिश क्यों चढ़गी, मनै इसा के खोट किया कई मुसीबत कठ्ठी होगी, सारियां नै गळजोट लिया रणबीर साझे जतन बिना भाई टळै ना दुख का। 498********* संघर्ष छिड़ लिया किसान मजदूर व्यापारी के आन्दोलन की जंग छिड़ी।। सारे हिन्दुस्तान की जनता सरकार गेल्या आण भिड़ी। 1 जलूस काढ़ते जगां जगा पै इंकलाब जिंदाबाद बोलैं भारत के किसान मजदूर लाठी गोली तै नहीं डोलैं जंजीर तानाशाही की खोलैं या संघर्ष की आज घड़ी।। सारे हिन्दुस्तान की जनता सरकार गेल्या आण भिड़ी। 2 नौजवान युवक युवती चाहवैं इनका साथ निभाया रै आज आये सड़कों पै इंकलाब जिंदाबाद गुंजाया रै तीन बिल किसान विरोधी बेरोजगारी भी बनी कड़ी।। सारे हिन्दुस्तान की जनता सरकार गेल्या आण भिड़ी। 3 किसान नहीं तो देश किसा नर और नारी पुकार रहया बिल पास करे जो उणनै आकै सड़कों पै नकार रहया नवजागरण की चिंगारी देश मैं सुलगी कई जगां बड़ी।। सारे हिन्दुस्तान की जनता सरकार गेल्या आण भिड़ी। 4 एक माहौल संघर्ष का चारों कान्हीं जन जन मैं छाया रै भगतसिंह का विचार सबनै इंकलाब का आज भाया रै रणबीर सिंह नै सोच समझ कै नये ढंग की कली घड़ी। सारे हिन्दुस्तान की जनता सरकार गेल्या आण भिड़ी। 499*********** चलो गाजी बॉर्डर चलो गाजी बॉर्डर बुलावै ईब नहीं घबराना हे।। संघर्ष के दम पै अपणा आज हक पाना हे।। 1 जल्दी करलयो पीणा खाणा इस जिसा ना मौका थ्याणा फेर हमनै ना पड़ै पछताणा संघर्ष करकै हक पाणा, यो पूरा हाँगा लाणा हे।। संघर्ष के दम पै हमनै अपणा हक पाणा हे।। 2 जमा नाट गये देखो हाँ भरकै धरने जलूसों से इणनै डरकै मंत्री भकाजया कदे आ करकै फ़ाइल फेर जमा नहीं सरकै, रोज का ही फरमाणा हे।। संघर्ष के दम पै हमनै अपणा हक पाणा हे।। 3 बुलंद होवेंगे उड़ै म्हारे नारे निजीकरण नै घाले सैं घारे घणे दुखी मजदूर कर्मी सारे ठेकेदारी प्रथा सारे कै ल्यारे, मिलकै पाठ पढ़ाणा हे।। संघर्ष के दम पै हमनै अपणा हक पाना हे।। 4 संघर्ष बिना नहीं सै गुजारा जल्दी चालां हजारों हजारां सरकार हैरान हो देख नज़ारा रणबीर लिखता साथी म्हारा, ना पाछै कदम हटाणा हे।। संघर्ष के दम पै हमनै अपणा हक पाना हे।। 500********* यू पी मिशन यू पी मिशन का एलान मुजफ्फरनगर रैली मैं करया।। हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई ऐकता की राही कदम धरया।। हर हर महादेव अलाह हु अकबर सतश्री अकाल के नारे गूँजाये पूरे देश के किसान इस रैली मैं दूर दूर तैं अपने दम पै आये मोदी और योगी भजाओ का जोर लगाकै हुंकार भरया।। पूरे देश मैं भारत बंद का सत्ताईस सितम्बर का एलान किया किसान बचाओ देश बचाओ बता किसान का अरमान दिया लाखां किसान पहोंचे यो सच दुनिया कै मुश्किल जरया।। पूरी यूपी मैं मुजफ्फर नगर यो नया इतिहास बनावैगा भाजपा नै यू पी चुनाव मैं कसूती ढालां धूल चटावैगा बंगाल आर्मी रिवोल्ट हुया अंग्रेजी राज कसूत डरया।। इतना जबर किसान आंदोलन देश मैं पहली बार हुया किसानी तैं आगै बढ़कै नै देश बचाओ की हुंकार हुया रणबीर किसान की कमाई बिन सै किस देश नै सरया।। 501********** लड़ाई म्हारी सारे मिलकै तयारी करल्यां यो रास्ता बिना लड़ाई कोण्या ॥ धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥ 1 सुधां खुरां यो बैरी चढ़ग्या क्यों होती हमने जाग नहीं जो चिंगारी दबी हुई सै या बण जाती क्यों आग नहीं बैठ कै रहवाँ ताश खेलते म्हारे बरगा कोए निर्भाग नहीं जात गोत बाँट दे हमनै इसतै जहरी कोए नाग नहीं ये खूनी कीड़े खान लागरे क्यों देता कति दिखाई कोन्या ॥ धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥ 2 कड़ तोड़ैगी महंगाई म्हारी यो दूध ढोल मैं घळग्या रै सिर बी म्हारा म्हारी जूती टोट्टे का दीवा बळग्या रै अमरीका चूसकै खून म्हारा सांड मरखना पळग्या रै म्हारी जवानी होगी बासी मेरा कालजा नयों जळग्या रै आगली पीढी गाल बकैगी जै तस्वीर नई बनाई कोण्या ॥ धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥ 3 भारत का किसान मरया तो यो मुश्किल हिंदुस्तान बचै डब्ल्यू टी ओ बन्दूक ताणरया नहीं खेत खलिहान बचै बिना खेती उद्योग किसा बिना उद्योग ना इंसान बचै बिना बिजली पानी के आज मुश्किल यो किसान बचै अपने पाहयाँ चाल पड़ां क्यों टोही इसी राही कोण्या ॥ धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥ 4 हमनै मारकै दम लेवैगी तपैदिक जात बीमारी भाई इसका चश्मा चढ़ाकै म्हारै म्हारी खाल उतारी भाई सतरंगा यो खेल रचाया लिकड़्या गजब खिलाड़ी भाई जमा राह मैं डोब दिए ना दो आने की असवारी भाई रणबीर गरीब अमीर तैं न्यारी दुनिया मैं और लड़ाई कोण्या ॥ धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥ 502********** जमीन जल और जंगल जमीन जल और जंगल पै अमीर कब्जा बढ़ावै सै। गरीब लाचार खड़या आसमान तरफ लखावै सै।। 1 जमीन पै कब्जा करकै हाईटैक सिटी बनाते आज उजड़ कै जमीन तै कित जावै ना खोल बताते आज बीस लाख मैं ले कै किल्ला बीस करोड़ कमाते आज इनके बालक तै ऐश करैं म्हारे ज्यान खपाते आज आदिवासी नै जंगल मां तै हांगा करकै हटावै सै।। गरीब लाचार खड़या आसमान तरफ लखावै सै।। 2 जंगल काट-काट कै गेरे ये मुनापफा घणा कमागे रै आदिवासी दिये भजा उड़ै तै बहुत से ज्यान खपागे रै मान सम्मान खातर लड़े वे ज्यान की बाजी लागे रै देशी लुटेरे बदेशी डाकुआं तै ये चौड़ै हाथ मिलागे रै किसान की आज मर आगी यो संकट मैं फांसी लावै सै।। गरीब लाचार खड़या आसमान तरफ लखावै सै।। 3 बिश्लेरी पानी की बोतल बाजार मैं दस की मिलती रै दूध सस्ता और पानी महंगा बात सही ना जंचती रै साफ पानी नहीं पीवण नै बढ़ती बीमारी दिखती रै पानी म्हारा दोहन उनका पीस्से की भूख ना मिटती रै जमीन जंगल जल गया संकट बढ़ता ए आव सै।। गरीब लाचार खड़या आसमान तरफ लखावै सै।। 4 औरत दी एक चीज बना बाजार बीच या बिकती रै म्हंगाई बढ़ती जा कीमत एक जगहां ना टिकती रै घणा लालची माणस होग्या हवस कदे ना मिटती रै अमीरी गरीबां नै खाकै बी आज मा ना छिकती रै रणबीर बरोने आला घणी साची लिखता घबरावै सै।। गरीब लाचार खड़या आसमान तरफ लखावै सै।। 503************ मोदी मोदी मोदी मोदी होरी थी बता के काढ़या मोदी ल्याकै।। करी धरती खोसण की त्यारी काले कानून बणाकै।। 1 देश गिरवी टेक दिया ये बदेशी कम्पनी बुलाई विकास का मुखौटा लाकै अम्बानी नै लूट मचाई अडाणी खुली लूट मचावै मोदी का ठप्पा लाकै।। करी धरती खोसण की त्यारी काले कानून बणाकै।। 2 देश का भाई चारा यो करवा कै दंगे तोड़ दिया कश्मीर मैं किनकी गेल्याँ राज मैं नाता जोड़ लिया सेकुलर खतरे मैं गेरया हिन्दू का नारा भड़काकै।। करी धरती खोसण की त्यारी काले कानून बणाकै।। 3 मुजफ्फर नगर मैं मरवाये दंगा इसा फैलाया कई सौ साल का भाईचारा चंद घण्टे मैं खिंडाया देशी बदेशी की लूट छिपावै राष्ट्रवाद का नारा ठाकै।। करी धरती खोसण की त्यारी काले कानून बणाकै।। 4 कर कटौती हेल्थ बजट मैं गरीब यो मार दिया शिक्षा मैं अन्धविश्वास का नक्शा पूरा डार दिया रणबीर साच्ची बात लिखै अपनी कलम घिसाकै।। करी धरती खोसण की त्यारी काले कानून बणाकै।। 504*********** कार्बन साइकल कार्बन साइकल नै समझां जै दुनिया बचाणी हे।। धरती संकट बढ़ता आवै होज्या कुनबा घाणी हे।। 1 पौधे करैं ऑक्सीजन पैदा ये सूरज के प्रकाश मैं कार्बन डाइऑक्साइड सौखैं ये भोजन की आस मैं संघर्ष और निर्माण का इतिहास बनाया प्राणी हे।। धरती संकट बढ़ता आवै होज्या कुनबा घाणी हे।। 2 इस ब्रह्मांड को समझैँ इसमैं हम सां कड़े खड़े कुदरत के नियम जाणे म्हारे कदम भी सही पड़े इसका जब मजाक उड़ाया पड़ी मूंह की खाणी हे।। धरती संकट बढ़ता आवै होज्या कुनबा घाणी हे।। 3 आस पास और दुनिया मैं कैसे यह संसार चलै कुदरत और जनता को कैसे यो धनवान छलै इस धनवान लुटेरे की कोन्या चाल पिछाणी हे।। धरती संकट बढ़ता आवै होज्या कुनबा घाणी हे।। 4 चल चल पूंजी खावैगी या म्हारे पूरे ही समाज नै धरती का संकट बढ़ाया सै इसके तेज मिजाज नै विकास टिकाऊ बचा सकता म्हारी सबकी हाणी हे।। धरती संकट बढ़ता आवै होज्या कुनबा घाणी हे।। 505********* 26 मई को 6 महीने 26 मई को छह महीने होने जा रहे किसान आंदोलन को तो इस मौके की एक रागनी:- *छह मिहने तैं किसान दिल्ली के बोडरां पै डटरे देखो।।* *सारे ढाल के दबाव सरकारी कति ना पाछै हटरे देखो।।* पंजाब के गाम शहर तैं लेकै ट्रैक्टर ट्राली चाले दखे छब्बीस नवम्बर के दिन डेरे दिल्ली के मैं डाले दखे *अद्भूत एकता के आगै ये सरकार आले आज बंटरे देखो।।* सारे ढाल के दबाव सरकारी कति ना पाछै हटरे देखो।। 2 टिकरी बॉर्डर सिंघु बॉर्डर डेरे किसानों नै जमाये फेर गाजीपुर ढांसा बार्डर पै भी नारे इंकलाबी गूंजाये फेर *शाहजहाँपुर भी ना पाछै इसके बेरे सबनै पटरे देखो।।* सारे ढाल के दबाव सरकारी कति ना पाछै हटरे देखो।। 3 गांव शहर में मोदी सरकार का पुतला दहन करया जावैगा तानाशाह सरकार के खिलाफ जन घरां पै काले झंडे लावैगा *किसानों मजदूर की ताकत बढ़ी होंसले ना घटरे देखो।।* सारे ढाल के दबाव सरकारी कति ना पाछै हटरे देखो।। 4 हिंदुस्तानी किसान उभरया सै सबक कई सिखा दिये महिला किसान आगै आयी मजदूर नै कदम मिला दिये *रणबीर दुनिया मैं ये किसान मजदूर न्यारे छँटरे देखो।।* सारे ढाल के दबाव सरकारी कति ना पाछै हटरे देखो।। 506********* कै दिन राज चलैगा रै वोट लिए हम बहकाकै ईब बिजली के रेट बढ़ाकै, म्हारे तांहिं आँख दिखाकै, कै दिन राज चलैगा रै। 1 बिजली कितने घण्टे आवै किसान इसपै विचार करै कम बिजली की तूँ क्यूँ म्हारे सिर पै तलवार धरै बिलां के उप्पर धमकाकै, बिल धिंगतानै भरवाकै राज की धौंस दिखाकै, कै दिन राज चलैगा रै।। 2 बिजली की चोरी थारे चमचे रोज हमनै करते देखे करखनेदारां के एस डी ओ पाणी हमनै भरते देखे जितनी बिजली होवै पैदा, इसतैं किसनै कितना फैदा, बिना कोये कानून कैदा, कै दिन राज चलैगा रै।। 3 मुफ़्त बिजली पाणी देऊं एक बै न्यों कैह बहकाये भरपूर बिजली लगातार मिलै वोट थे तणै गिरवाये कर्मचारी साथ मिलाकै बैठ गया कुर्सी पै जाकै रोज ये झूठी सूँह खाकै एकै दिन राज चलैगा रै।। 4 निजीकरण ना होवण दयूं इनकी घोषणा तणै करी लारे लप्पे घणे दिए थे जनता नै पीपी तेरी भरी थी विश्व बैंक तनै धमकावै तूँ म्हारे पै छोह मैं आज्यावै रणबीर सिंह छंद बणावै कै दिन राज चलैगा रै।। 507*********** दुनिया तनै बाहवै दुनिया तनै बाहवै सै धरती बाहवण आले।। खोल दे जात के ताले ये तनै मरावण आले।। 1 भैंस खरीदै तूं जब तो दूध काढ कै नै देखै सै बुलध खरीदै जब तूं तो खुद काढ कै देखै सै इंख के बीज ताहीं तूं खूब हांड कै देखै सै नए औजारों नै बी तूं खूब चांड कै देखै सै फेर बी क्यूं ना दीखैं तनै तेरा भा लगावण आले || खोल दे जात के ताले ये तनै मरावण आले।। 2 कई बरस तैं देख रहया तेरी बदहाली होगी तनै भकाज्याँ आई बरियाँ इबकै खुशाली होगी माथे की क्यों फूट गयी या दूनी कंगाली होगी चादर नीचै भा लागै या दिल्ली टक्शाली होगी क्यूं इतने आछे लागें सें तनै भकावण आले|| खोल दे जात के ताले ये तनै मरावण आले।। 3 रंग बदल कै ढंग बदल कै आ ज्यावैं देख तूं भी सोचै ना पीपी इनकी ठोक्यावै देख भैंस की ढाला यो कई बार फिर ज्यावै देख एक बै गयी बात फेर पाँच साल मैं आवै देख फेरबी आछे लागें सें तेरा नाश कारावण आले || खोल दे जात के ताले ये तनै मरावण आले।। 4 सारे माठे चालने पाए जो तनै बाह कै देखे अदल बदल भी करी ऊपर नीचै लाकै देखे खेत मैं बैसक लिए जो तनै चला कै देखे वोट गेर दी फेर पाँच साल मुंह बाकै देखे ना बेरा पाट्या क्यूं भावें माठा चालावण आले || खोल दे जात के ताले ये तनै मरावण आले।। 5 बाही मैं लागू माल टिकाऊ क्यूं ना भित्तर घलता साठ साल होगे तनै नयोंए हाँडै ठान बदलता सोच्चन की बात क्यूँ ना सही ठिकाना मिलता मुरझाया चेहरा रहवै कदे बी क्यों नहीं खिलता रणबीर सोच किमै कौन सैं तनै भकावन आले ॥ खोल दे जात के ताले ये तनै मरावण आले।। 508********* राम क्यूँ आंधा होग्या आज दो एकड़ वाले किसान की माली और सामाजिक हालत काफी खराब है, खासकर जब परिवार का कोई सदस्य महिला या पुरुश सरकारी या गैर सरकारी नौकरी पर भी नहीं है। उसकी खेती मुष्किल में है। एकाध भैंस बांध कर उसका दूध बेचकर गुजारा भी मुष्किल हो रहा है। दिन रात पूरा परिवार खास कर महिला वर्ग मेहनत में जुटा रहता है। कवि ने कल्पना की इसकी हालत की और क्या बताया भला- राम क्यूँ आंधा होग्या चारों तरफ तैं घेरया, सांस मुश्किल तैं लेरया कति निचौड़ कै गेरया, राम क्यूं आन्धा होग्या।। 1 भावां पर निगाह टिकी, बधावण की आस किमैं बेरा ना ये कितना बढ़ैंगे,आवैगी मनै सांस किमैं दीखै फंदा यो फांसी का, बख्त नहीं से हांसी का दौरा पड़ै सै खांसी का, राम क्यूं आन्धा होग्या।। 2 पूरा हांगा ला हमनै दिन रात खेत क्यार कमाया रै मण्डी मैं जिब लाग्गी बोली बहोत घणा घबराया रै ना मेरी समझ मैं आया,नहीं किसै नै समझाया पग पग पै धोखा खाया, राम क्यूं आन्धा होग्या।। 3 धरती बेंक आल्यां कै लाल स्याही मैं चढ़गी लोगो बीस लाख मैं एक किला कुड़की कीमत बधगी लोगो बीस लाख मैं का के करुंगा, किस डगर पैर धरुंगा दो चार साल मैं डूब मरुंगा, राम क्यूं आन्धा होग्या।। 4 मेरे बरगे भाई सल्फास की, गोली खा खा मरते देखो जी मेरा बी करता खाल्यूं,खाल्यूं गधे खेती चरते देखो नहीं देखूं मैं कुआं झेरा,रणबीर सिंह साथी मेरा संघर्ष चलावांगे चौफेरा, राम क्यूं आन्धा होग्या।। 509********** राहु केतु एक बख्त इसा आवैगा ईब किसान तेरे पै। राहू केतू बणकै चढ़ज्यां ये धनवान तेरे पै।। 1 म्हारी कमाई लूटण खातर झट धेखा देज्यां रै भाग भरोसे बैठे रहां हम दुख मोटा खेज्यां रै धरती घर कब्जा लेज्यां रै बेइमान तेरे पै।। 2 सारी कमाई दे कै भी ना सूद पटै तेरा यो ठेठ गरीबी मैं सुणले ना बख्त कटै तेरा यो करैगा राज लुटेरा यो फेर शैतान तेरे पै।। 3 ध्रती गहणै धर लेंगे तेरी सारी ब्याज ब्याज मैं शेर तै गादड़ बण ज्यागा तू इसे भाजो भाज मैं कौण देवै फेर इसे राज मैं पूरा ध्यान तेरे पै।। 4 इन्सानां तै बाधू ओड़े डांगर की कीमत होगी सरकार फिरंगी म्हारे देश मैं बीज बिघन के बोगी अन्नदाता नै खागी ना बच्या ईमान तेरे पै।। 5 सही नीति और रस्ता हमनै ईब पकड़ना होगा मेहनत करने आले जितने मिलकै लड़ना होगा हक पै अड़ना होगा यो भार श्रीमान तेरे पै।। 6 मेहनतकश नै बी हक मिलै इसी आजादी चाहिये आबाद होज्या गाम बरोना ना कति बर्बादी चाहिये रणबीर सा फरियादी चाहिये जो हो कुर्बान तेरे पै।। 510********* स्वामीनाथन रिपोर्ट आज के दौर में किसानी के संकट के चलते किसान फांसी खा रहे है बोलते हैं तो गोली खानी पड़ रही है। क्या बताया भला-- कृषि और किसान लुटगे अन्न का संकट आया क्यूँ। स्वामीनाथन रिपोर्ट पै यो किसान गया बहकाया क्यूँ । 1 अन्न का दाता मरै भूखा आज किसा जमाना आग्या रै कितै बाढ़ मचावै तबाही कितै सूखा कसूता छाग्या रै देश का पेट भरया उसकै यो फांसी का फंदा लाया क्यूँ स्वामीनाथन रिपोर्ट पै यो किसान गया बहकाया क्यूँ । 2 संकट किस बात का सै बैठ कै सोचना पड़ैगा हमनै मिल जुलकै सोचाँगे रास्ता नया खोजना पड़ैगा हमनै छोटूराम तेरा भोला किसान गया सै आज भकाया क्यूँ स्वामीनाथन रिपोर्ट पै यो किसान गया बहकाया क्यूँ । 3 गोदाम भरे पड़े नाज के फेर भी भूखा मरै कमेरा रै किसान दुखी मजदूर घेरया खुल्ला घूमै सै लुटेरा रै लुटेरयां नै छूट लूट की कमेरा समझ नहीं पाया क्यूँ। स्वामीनाथन रिपोर्ट पै यो किसान गया बहकाया क्यूँ । 4 सोच समझ बढ़ें रणबीर किसान की किसानी बचाणी इसकी खात्तर चाहे होज्यां कितनी ए गोली ये खाणी टिकाऊ खेती का तरीका यो गया नहीं अपनाया क्यूँ । स्वामीनाथन रिपोर्ट पै यो किसान गया बहकाया क्यूँ । 511*********** कमेरा मेरी कोए ना सुनता आज छाया सारै यो लुटेरा ॥ भक्षक बनकै रक्षक देखो देरे किसान कै घेरा ॥ 1 ट्रेक्टर की बाही मारै ट्यूबवैल का रेट सतावै थ्रेशर की कढ़ाई मारै भा फसल का ना थ्यावै फल सब्जी ढूध सीत सब ढोलां मैं घल ज्यावै माटी गेल्याँ माटी होकै बी सुख का साँस ना आवै बैंक मैं सारी धरती जाली दीख्या चारों कूट अँधेरा॥ भक्षक बनकै रक्षक देखो देरे किसान कै घेरा ॥ 2 निहाले पै रमलू तीन रूपया सैकड़े पै ल्यावै वो साँझ नै रमलू धोरे दारू पीवन नै आवै निहाला कर्ज की दाब मैं बदफेली करना चाहवै विरोध करया तो रोज पीस्याँ की दाब लगावै बैंक अल्यां की जीप का बी रोजाना लग्या फेरा॥ भक्षक बनकै रक्षक देखो देरे किसान कै घेरा ॥ 3 बेटा बिन ब्याह हाँडै सै घर मैं बैठी बेटी कंवारी रमली रमलू नयों बतलाये मुशीबत कट्ठी होगी सारी खाद बीज नकली मिलते होगी ख़त्म सब्सिडी म्हारी माँ टी बी की बीमार होगी बाबू कै दमे की बीमारी रौशनी कितै दीखती कोन्या घर मैं टोटे का डेरा॥ भक्षक बनकै रक्षक देखो देरे किसान कै घेरा ॥ 4 माँ अर बाबू म्हारे नै यो जहर धुर की नींद सवाग्या माहरे घर का जो हाल हुआ वो सबके साहमी आग्या जहर क्यूं खाया उनने यो सवाल कचौट कै खाग्या म्हारी कष्ट कमाई उप्पर कोए दूजा दा क्यों लाग्या कर्जा बढ़ता गया म्हारा मरग्या रणबीर सिंह कमेरा ॥ भक्षक बनकै रक्षक देखो देरे किसान कै घेरा ॥ 512********* एक दिन होवैगा सबेरा भोर तै कितै खोगी यो हुया सै घनघोर अंधेरा ।। किसान भाइयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 1 बेरोजगारी बढ़ती जावै जुमलयां का औड़ ना कमेरयो करियो एकता इसका और तौड़ ना बिना एकता जी काढ़ै म्हारा पूंजीपति लुटेरा।। किसान भाइयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 2 लूट म्हारी थारी देश मैं यो बढ़ाता जावै भाई क्युकर खेल रचावै ना म्हारी समझ मैं आई समाज का ताणा बाणा बखेर दिया सै भतेरा।। किसान भाईयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 3 जोर जबरदस्ती रोजाना म्हारी गेल्याँ होवै सै संस्कृति के नाम ऊपर सूआ कसूता चुभोवै सै म्हारी कितै बूझ नहीं बढ़या भुखमरी का घेरा।। किसान भाइयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 4 दिखावे दिखावे रैहगे असली बात रही कोण्या के कसर रहेगी नाश मैं कति झूठ कही कोण्या रणबीर पिस्ता जावै सै रोजाना देश मैं कमेरा।। किसान भाईयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 513********* कद सी स्याणा होगा किसान तेरी या कष्ट कमाई कित जावै बेरा लाणा होगा। या सारी दुनिया स्याणी होगी तूँ कद सी स्याणा होगा ।। 1 दोसर करकै धरती नै अपणा खून पसीना बाहवाँ सां गेर गण्डीरी सही बीज की हम ऊपर तैं मैज लगावां सां पड़ै कसाई जाड्डा जमकै हम खेताँ मैं पाणी लावां सां रात दिन मेहनत करकै माटी मैं माटी हो ज्यावां सां दो बुलध तैं एक रैह लिया कद तांहिं न्यों धिंगताणा होगा। या सारी दुनिया स्याणी होगी तूँ कद सी स्याणा होगा । 2 कदे नुलाणा कदे बाँधणा कदे ततैया मोटा लड़ ज्यावै कदे अळ कदे कीड़ा लागै कदे ईंख नै कंसुआ खावै कदे औला कदे सूखा पड़ज्या हमनै कोण्या रोटी भावै कदे गात नै ये पत्ते चीरैं कदे काली नागण फन ठावै मील मैं हो भेड मुंडाई कद तांहिं मन समझाणा होगा।। या सारी दुनिया स्याणी होगी तूँ कद सी स्याणा होगा ।। 3 सुनले कमले ईब ध्यान लगाकै म्हारे मरण मैं बिसर नहीं आज कुड़की आरी म्हारे घर मैं नाश होण मैं कसर नहीं जीते बी कोण्या मरते बी कोण्या औण पौण मैं बसर नहीं चारोँ लाल कड़ै गए भाई के गई सै फोन मैं खबर नहीं कोण्या पार जावै म्हारी जै यो न्यारा न्यारा ठिकाणा होगा। या सारी दुनिया स्याणी होगी तूँ कद सी स्याणा होगा ।। 4 इसकी खातर गाँव गाँव मैं जथेबंदियाँ का जाल बिछावां जीणा चाहवाँ तै भाईयो यूनियन नै अपणी ढाल बणावाँ बिना रोएँ तो बालक भी भूखा जंगी अपणी चाल बनावाँ रणबीर सिंह बख्त लिकड़ज्या बरोने मैं फिलहाल बनावाँ तगड़ा संगठन बनाकै अपणा जंगका बिगुल बजाणा होगा या सारी दुनिया स्याणी होगी तूँ कद सी स्याणा होगा ।। 514********** कुड़की आगी जर्दी छागी रणसिंह और कमला की बातचीत 1986 -87 , के दौर में ----- रणसिंह : कुड़की आगी जर्दी छागी नाश हों मैं कसार नहीं ।। कमला : धरती जागी चिंता खागी डले ढोंण मैं बिसर नहीं।। रणसिंह : कोए मखौल उड़ावै म्हारा कसूता मारै कोए तान्ना कोए घणी दया दिखावै कहै मत दे कोए आन्ना दारू मैं क्यूँ पीग्या धरती सोध्या नहीं कोए रकान्ना उल्टी सीधी चर्चा चालै नहीं ख़ाली कोए खान्ना सुणले कमला आया हमला आज मरण मैं कसर नहीं।। कमला : चालीस बरस तैं देखूँ म्हारी खाल उतारी जा सै मण्डी फेर होज्या ठंडी न्यों कमाई सारी जा सै म्हारी कीमत दूजा लावै म्हारी अक्कल मारी जा सै कुआँ झेरा टोहना होज्या कोण्या पार हमारी जा सै फटे हालां टुटी चालां होवै दिल मैं सबर नहीं ।। रणसिंह : कारखाने मैं आवै टोट्टा नहीं सरकार नीलम करै चलावैं दूनी पूंजी लाकै न्यों पूरा इंतजाम करै चालें पाछै उल्टा देवै मालिक के गोदाम भरै भा बी थोड़ा कुड़क धरती गेल डिफाल्टर नाम धरै जीते कोण्या मरते कोण्या यो तो किमै बसर नहीं।। कमला : क्यों माड़ा मन कररया धरती अपनी बचाणी सै आड़ै हम ऐकले कोण्या मिलकै अलख जगाणी सै गाम गाम कुड़की आरी सै सही गलजोट बनाणी सै आप्पा मारें पार पड़ैगी साच्ची बात समझाणी सै हों किसान करजवान कट्ठे और कोए तो डगर नहीं।। रणसिंह: आंसू आरे धीर बंधावै ईब तक हिम्मत हारी ना कुड़की नहीं होण दयूं कहै सस्ती लाश हमारी ना क्यों खामखा पागल होरी जावै आज पार हमारी ना रणबीरसिंह खड़े लखावां बरोणा बूझै जात हमारी ना कित सैं लाल हरियाणे के कानां गई के खबर नहीं ।। 515********** के करूं कित जाऊं के करू कित जाऊं मनै नहीं आज इसका बेरा ॥ कष्टों नै आज दिया घना कसूता मेरै सै यो घेरा ॥ 1 ट्रेक्टर की बाही मारै ट्यूबवैल का रेट सतावै थ्रेशर की कढ़ाई मारै भा फसल का ना थ्यावै फल सब्जी ढूध सीत सब ढोलां मैं घल ज्यावै माटी गेल्याँ माटी होकै बी सुख का साँस ना आवै बैंक मैं सारी धरती जाली दीख्या चारों कूट अँधेरा॥ कष्टों नै आज दिया घना कसूता मेरै सै यो घेरा ॥ 2 निहाले पै रमलू तीन रूपया सैकड़े पै ल्यावै वो साँझ नै रमलू धोरे दारू पीवन नै आवै निहाला कर्ज की दाब मैं बदफेली करना चाहवै विरोध करया तो रोज पीस्याँ की दाब लगावै बैंक अल्यां की जीप का बी रोजाना लग्या फेरा॥ कष्टों नै आज दिया घना कसूता मेरै सै यो घेरा ॥ 3 बेटा बिन ब्याह हाँडै सै घर मैं बैठी बेटी कंवारी रमली रमलू नयों बतलाये मुशीबत कट्ठी होगी सारी खाद बीज नकली मिलते होगी ख़त्म सब्सिडी म्हारी माँ टी बी की बीमार होगी बाबू कै दमे की बीमारी रौशनी कितै दीखती कोन्या घर मैं टोटे का डेरा॥ कष्टों नै आज दिया घना कसूता मेरै सै यो घेरा ॥ 4 माँ अर बाबू म्हारे नै यो जहर धुर की नींद सवाग्या माहरे घर का जो हाल हुआ वो सबके साहमी आग्या जहर क्यूं खाया उनने यो सवाल कचौट कै खाग्या म्हारी कष्ट कमाई उप्पर कोए दूजा दा क्यों लाग्या कर्जा बढ़ता गया म्हारा मरग्या रणबीर सिंह कमेरा ॥ कष्टों नै आज दिया घना कसूता मेरै सै यो घेरा ॥ 516********* किसान मजदूर की ऊपरा तली की रागनी मजदूर-ना गश लावै भाई बिगाड़या तेरा मिजान नहीं ।। किसान- मजदूरी बाधू मांगें जावै करै म्हारा ध्यान नहीं ।। 1 मजदूर-करकै गाड़ी त्यार राज की दो पहिये इसमैं डाल दिये किसान-हम जोड़ दिए लागू पूरे मजदूर कर माला माल दिये मजदूर-असवार हुया सै मोटा दोनों के मरण के हाल किये किसान- थारे मैं बांट म्हारी कमाई हम उसनै कंगाल किये मजदूर- बण्या डलेवर पूंजीपति हम करते यो ध्यान नहीं।। किसान- मजदूरी बाधू मांगें जावै करै म्हारा ध्यान नहीं ।। 2 मजदूर-बैठ्या बैठ्या बंगळ्यां मैं ओ मौज उड़ावै सै किसान- मेहनत हम करां सां क्यूकर लूट ले जावै सै मजदूर- कमाई तीस की करवाकै देकै आठ भकावै सै किसान-ओ क्यूकर लूटै सै जब भा सरकार ठहरावै सै मजदूर- ये टोटके समझे बिना होवै कति कल्याण नहीं।। किसान- मजदूरी बाधू मांगें जावै करै म्हारा ध्यान नहीं ।। 3 मजदूर-उठ सवेरे ही हम दोनों अपने अपने काम पै जावैं सैं किसान-मर पिट कै सांझ ताहिं ये गण्ठा रोटी थ्यावैं सैं मजदूर-टूट्या फूट्या घर म्हारा मुश्किल गुजारे हो पावैं सैं किसान-रच दिया संसार उसनै ये थाह किसनै थ्यावैं सैं मजदूर- रूस लिया कमेरयां तैं म्हारा यो भगवान नहीं ।। किसान- मजदूरी बाधू मांगें जावै करै म्हारा ध्यान नहीं ।। 4 मजदूर- इतनी मैं ना पार पड़ै हमनै आपस मैं कटवावै यो किसान-किसान नै मजदूर खाग्या यही हमनै बतलावै यो मजदूर- एक डाँडी तैं मारै मनै दूजी तैं तनै खावै यो किसान-मारै क्यूकर मनै बता अन्नदाता मनै बतावै यो रणबीर बिना म्हारे मेल होवै कोये समाधान नहीं ।। किसान- मजदूरी बाधू मांगें जावै करै म्हारा ध्यान नहीं ।। 517************ पूरी दुनिया मैं चर्चे किसान आंदोलन के चरचे पूरी दुनिया के मैं होये रै।। बीज किसानों के भाईचारे के आंदोलन नै बोये रै।। 1 जात धर्म तैं ऊपर उठकै हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई किसान मजदुर कट्ठे होकै कानूनों की वापसी चाही कारपोरेट तबके ताहिं भाई झगड़े कानूनों के झोये रै।। बीज किसानों के भाईचारे के आंदोलन नै बोये रै।। 2 जमाखोरी या बेअंत करदी ईसा कानून बनाया देखो एमपीएससी तीजे कानूनं का कसूता तीर चलाया देखो घणा फतूर मचाया देखो जनतंत्र के तरीके ये खोये रै।। बीज किसानों के भाईचारे के आंदोलन नै बोये रै।। 3 खालिस्तानी माओवादी बरगे ओछे हथकंडे अपनाये किसान समझगे चाल इनकी कोण्या बहका मैं आये झूठ के घणे तीर चलाये इसके खूबै बोरे ढोये रै।। बीज किसानों के भाईचारे के आंदोलन नै बोये रै।। 4 फूट गेरो राज करण का मोहरा इनका फेल किये फासीवाद तैं लड़ने के तरीके किसानों नै पेश किये हो कट्ठे ये पेल दिए रणबीर नै छंद पिरोये रै।। बीज किसानों के भाईचारे के आंदोलन नै बोये रै।। 518************* सौ दिन आंदोलन के जब सौ दिन हो गए तब लिखी एक रागनी *किसान आंदोलन दिल्ली के बोडरां पै डटरया सै।।* *सारे ढाल के दबाव सरकारी कति ना पाछै हटरया सै।।* पंजाब के गाम शहर तैं लेकै ट्रैक्टर ट्राली चाले थे छब्बीस नवम्बर के दिन डेरे दिल्ली के मैं डाले थे *अद्भूत एकता के आगै सरकार का पाला बंटरया सै।।* सारे ढाल के दबाव सरकारी कति ना पाछै हटरया सै।। 2 टिकरी बॉर्डर सिंघु बॉर्डर डेरे किसानों नै जमाये रै गाजीपुर ढांसा बार्डर पै भी नारे इंकलाबी गूंजाये रै *शाहजहाँपुर भी ना पाछै इसका बेरा सबनै पटरया सै।।* सारे ढाल के दबाव सरकारी कति ना पाछै हटरया सै।। 3 केएमपी बॉर्डर पै जाम पांच घण्टे का आज लावैंगे तानाशाह सरकार देश की उसकै इब साँस चढावैंगे *किसानों की ताकत बढरी होंसला जमा ना घटरया सै।।* सारे ढाल के दबाव सरकारी कति ना पाछै हटरया सै।। 4 हिंदुस्तानी किसान उभरया सै सबक कई सिखा दिये महिला किसान आगै आयी कदम तैं कदम मिला दिये *रणबीर दुनिया का सबतैं लाम्बा आंदोलन छँटरया सै।।* सारे ढाल के दबाव सरकारी कति ना पाछै हटरया सै।। 519********** महिला किसान आज ठंड घणी ए करड़ी पड़री, महिला किसान दिल्ली पै चढ़री, काले कानून वापिस करवावैगी।। 1 किसानी संघर्ष मैं आगै आई, हर कदम ऊपर साथ निभाई, नहीं कदे पाछै कदम हटावैंगी।। 2 गुरबत मैं दिन बीत रहे म्हारे, अम्बानी के करे वारे के न्यारे, महिला किसान सारे कै छावैंगी।। 3 हद होगी कहते तम धीरज धारो, कानूनां पै हटकै नै सोच विचारो, तीनों कानूनं कहैं हक मैं पावैंगी।। 4 रणबीर संघर्ष मैं साथ देरया सै, कलम तैं उसनै दे दिया घेरा सै, महिला किसान गति मैं आवैंगी।। 520*********** पांच सितंबर मुजफ्फर नगर चलो संयुक्त किसान मोर्चा नै मुजफ्फरनगर में पंचायत बुलाई।। पांच सितंबर का दिन सै घणे ट्रैक्टर ट्राली करैंगे चढ़ाई ।। 1 तीन कानूनों के खिलाफ किसानों ने इतिहास रचाया नौ महीने तक डटे दिल्ली मैं किसानी एकता नै रंग दिखाया गर्मी सर्दी बारिश आंधी तूफान महामारी सब औटे भाई ।। 2 इस संघर्ष के दौरान छह सौ वीर किसान शहीद होगे सैं कारपोरेट के खिलाफ भाई लंबे संघर्ष के बीज बोगे सैं गजब की एकता देखी इनकी हिंदू मुस्लिम सिख इसाई।। 3 किसान आंदोलन तोड़ण के गए कई हथकंडे अपनाए किसानों नै सरकारी हथकंडे फेल करके नै दिखलाए देख एकता किसानी की या भाजपा सरकार घबराई।। 4 कॉरपोरेट खेती छोड़ो रणबीर नारा देश में गुंजाया सै मोदी जी गद्दी छोड़ो का नारा गांव गांव पहुंचाया सै आजादी संग्राम दिवस नै फहराकै तिरंगा एकता दिखाई।। 521********* सही ताकत दिखाई मुजफ्फर नगर मैं किसानां नै एकता की सही ताकत दिखाई।। जब ताहिं तीन क़ानून ना वापिस हों तब ताहिं लड़ेंगे लड़ाई।। 1 किसानों पै लाठी बरसवाकै थारा कै दिन राज चलैगा मजदूर किसान छोटा व्यापारी सुधां ब्याज वसूल करैगा बेच्या देश यो कारपोरेट कै या जनता की समझ मैं आई।। जब ताहिं तीन क़ानून ना वापिस हों तब ताहिं लड़ेंगे लड़ाई।। 2 किसान मोर्चे नै सत्ताईस सितम्बर भारत बंद का करया एलान सारे देश मैं करै जलूस जलसे संघर्ष तेज करैगा मजदूर किसान जनतंत्र बचाने की खातिर दूजी आजादी की बिगुल बजाई।। जब ताहिं तीन क़ानून ना वापिस हों तब ताहिं लड़ेंगे लड़ाई।। 3 कमेरयां की बनी एकता इस सरकार कै सांस चढ़ावैगी तीनों काले कानून वापिस पूरा हांगा लाकै नै करवावैगी नहीं लिए वापिस सरकार नै तो जरूर करेंगे चालती भाई।। जब ताहिं तीन क़ानून ना वापिस हों तब ताहिं लड़ेंगे लड़ाई।। 4 ढाल ढाल की चाल चालकै या सरकार एकता तोड़ी चाहवै नब्बै की पक्की एकता दस नै लाजमी बात सै जरूरी ढ़ाहवै रणबीर वंचित तबके समझ रहे इस सरकार की सब चतुराई।। जब ताहिं तीन क़ानून ना वापिस हों तब ताहिं लड़ेंगे लड़ाई।। 522********** ज्यान हथेली पै धरकै किसान आत्मनिर्भर देश बनाया ज्यान हथेली पै धरकै रै।। किसान तै पढ़ण बिठाया तीन बिल आज पास करकै रै। 1 किसानी संकट बढ़ा दिया ईब कड़ै बिलां मैं बड़गे रै के मजबूरी थी तमनै क्यों ये बिल पास करने पड़गे रै गिहूं गोदामां मैं सड़गे रै चुहे खागे बोरी नै कुतर कै रै।। किसान तै पढ़ण बिठाया तीन बिल आज पास करकै रै।। 2 पहलमै फांसी खा खाकै किसान मरण लाग रहे थे कारपोरेट के काले ये इनकै लड़ण नाग रहे थे किसान ईब जाग रहे सैं हक लेंवैंगे चाहे मर कै रै।। किसान तै पढ़ण बिठाया तीन बिल आज पास करकै रै।। 3 बिन किसान ना खेती बताई बिन खेती उद्योग कड़ै क्यूकर देश बढ़ैगा आगै इतना दुखी किसान जड़ै मुंह खोलना जरूर पड़ै पानी गया म्हारे सिर पर कै रै।। किसान तै पढ़ण बिठाया तीन बिल आज पास करकै रै।। 4 मजदूर विरोधी बिल ल्याये इसकी ना मजबूरी बताई कारपोरेट की गोज भरी म्हारी करी चाहवैं खूब खिंचाई पार्लियामेंट मैं मोहर लवाई लडांगे लड़ाई समर कै रै।। किसान तै पढ़ण बिठाया तीन बिल आज पास करकै रै।। 5 भारत का किसान दुखी हुया फसल पिटगी चौड़े मैं चांद तो कदे बी मांग्या ना करया सै गुजर थोड़े मैं अम्बानी के घमोड़े मैं कोण्या मरैं किसान पसर के रै।। किसान तै पढ़ण बिठाया तीन बिल आज पास करकै रै।। किसान तै पढ़ण बिठाया तीन बिल आज पास करकै रै।। 6 बिना एकता ना काम चलै पिट्या किसान न्यारा-न्यारा जातपात और गोत नात पै बांटया कैहकै यारा प्यारा रणबीर सिंह साथ देगा थारा उठियो संघर्ष पूरा करकै रै।। किसान तै पढ़ण बिठाया तीन बिल आज पास करकै रै।। 523********* केरल मैं लहर खेती नै बचावैगी जो, रोटी बी दिलावैगी जो, देश नै बचावैगी जो, केरल मैं इसी लहर उठगी भाइयो।। 1 अडानी अम्बानी खेल बनारे, केंद्र सरकार की रेल बनारे , बंगाल मैं हारी बुरी ढाल,तमिलनाडु नै तारी खाल, केंद्र सरकार हुई बेहाल, इसकी काट बिछगी सै भाइयो।। 2 जिब ये रोटी दे नहीं पाये रै ये मंदिर नै हटकै लियाये रै, जात पै हम बांटे चाहे, धर्म पै खूब काटे चाहे, मन ये करे खाटे चाहे , या जनता समझगी सै भाइयो।। 3 कारपोरेट की दया पै छोड़ दिये, म्हारे तैं नाते जमा तोड़ लिए किसान आंदोलन साथ हुया, सहारा दिन रात हुया, मजदूर का भी हाथ हुया, आस म्हारी बढ़गी सै भाइयो।। 4 किसान संघर्ष आगै बढैगा रै , अडानी अम्बानी यो पिटैगा रै, रणबीर नै करी कविताई, तुरत आज रागनी बनाई, चुनल्यां एके की राही सरकार इब फंसगी सै भाइयो।। 524********* दिल्ली आज घेर लई जाग लिया किसान सै, समझ गया जवान सै संघर्ष का एलान सै , दिल्ली आज घेर लई।। 1 किसान रीढ़ देश की इतना बी तमनै बेरा ना कितने बिल पास करले ईब बचै थारा घेरा ना संघर्ष का हथियार यो, गेरैगा थारी सरकार यो जमा ना मानैगा हार यो, दिल्ली आज घेर लई।। 2 जात पात तैं ऊपर उठकै हुया किसान हिंदुस्तानी केंद्र सरकार की ईब कोण्या चालण देवै मनमानी म्हारे देश के किसान ये चढ़ लिए एक मचान ये रहे आर पार की ठान ये, दिल्ली आज घेर लई।। 3 मजदूर विरोधी बिल भी लेकै आयी सरकार थारी वे भी साथ आण मिले संघर्ष चलैगा देखो भारी ये बिल वापिस करावैंगे इतनै नहीं उल्टे जावैंगे दिल्ली मैं ए डेरा लावैंगे, दिल्ली आज घेर लई। 4 मध्यम वर्ग छोटे व्यापारी इनके साथ मैं आगे सैं या लाम्बी लड़ाई चालैगी पूरा अंदाज लगागे सैं नहीं सहवांगे अपमान बचावैं देश का संविधान रणबीर का यो उनमान दिल्ली सही घेर लई।। 525******* सिर भी म्हारा सिर भी म्हारा जूती म्हारी गंजे बणा कै छोड़ दिये।। नया टोरड़ा एक नहीं लाया पुराने औटड़े फोड़ दिये।। 1 बिलां का खागड़ खड़या सुंसावै खुर्रियाँ माट्टी ठावै ल्याकै बाड़ दिया म्हारे घर मैं बैरी इनै दोस्त बतावै भारत का बुलध रम्भावै खागड़ों नै कर गठजोड़ लिए। नया टोरड़ा एक नया लाया पुराने औटड़े फोड़ दिये।। 2 खागडां तैं बचावण नैं कहवैं ये तीन बिल बनाये सैं विरोधियाँ नै किसान भाई बिन बात के बहकाये सैं इन नीतियां नै देश पूरे मैं किसानों के गोड्डे तोड़ दिये।। नया टोरड़ा एक नया लाया पुराने औटड़े फोड़ दिये।। 4 मेरी यूनियन सभा सै तेरी बन्द करां इस तकरार नै कट्ठे होकै संघर्ष करां मार दिए म्हारी सरकार नै तेज लड़ाई कर रणबीर मूँह खागडां के मोड़ दिये।। नया टोरड़ा एक नया लाया पुराने औटड़े फोड़ दिये।। 526******** जनता नै साथ निभाई संघर्ष की मिलकै बिगुल बजाई, किसान एकता घणी गजब बनाई, सारे देश मैं छेड़ी किसान लड़ाई, जनता नै खूब साथ निभाया देखो।। 1 किसान नहीं सैं आज एकेले पूरे समाज का साथ पारे ठंड पड़ै या घणी कसूती फेर भी पैर कसूते जमारे सरकार ये घणे भरम फैलारी या किसानी एकता तोड़ी चाहरी या सफल हुई नहीं मूंह की खारी या भरम सफल हो नहीं पाया देखो।। 2 देकै झूट्ठी दलील सरकार,किसानां नै फिरै भरमाती रै सारे जुगाड़ करकै देख लिए इसकी ना पार बसाती रै कोर्ट नै भी एक कमेटी बनादी, किसानों नै इसपै शंका जतादी, कमेटी कानून हिम्मती बतादी, संघर्ष यो अपना आगै बढ़ाया।। 3 इस तरां तैं नहीं झुकेंगे जुल्मो सितम तैं टकरावांगे सरकार की नाके बन्दी तैं हम जमा नहीं घबरावांगे या छब्बीस जनवरी परेड करांगे, हम लाठी गोली तैं नहीं डरांगे, पाछे नै कदम कति नहीं धरांगे, किसान एकता जिंदाबाद गुंजाया।। 4 चाहे कुछ भी हो जावै हम तीनों कानून वापिस करावैं ज्याण खपादयाँ दिल्ली मैं खाली हाथ ना उल्टे जावैं रणबीर नै आज कलम उठाई , अपने दिल की बात पहोंचाई, साच की आखिर जीत बताई, जीत का माहौल खूब बनाया।। 527********* सोचें मिलकै किसान मजदूर सोचें मिलकै क्यों लुटगी मेहनत म्हारी।। किसान फसल उगावै मजदूर बणावै महल अटारी।। 1 उबड़ खाबड़ खेत क्यार किसान की मेहनत नै सँवारे मजदूर सड़क डैम बणाकै पूरे भारत नै चमकारे किसान मजदूर की मेहनत क्यों मौज करता साहूकारी।। किसान मजदूर सोचें मिलकै क्यों लुटगी मेहनत म्हारी।। 2 किसान और मजदूर की एकता बख्त की बात बताई जा इन दोनों की एकता भाईयो जात गोत इलाके मैं खिंडाई जा न्यारे न्यारे किसान मजदूर नुकसान ठारे सैं घणा भारी।। किसान मजदूर सोचें मिलकै क्यों लुटगी मेहनत म्हारी।। 3 देश आगै बढ़या आज मेहनत करी मजदूर किसान इनके बालक भूखे फिरते न्याकारी कोण्या पाया भगवान काम करनिये रूलगे देखो पिटी सारै कै या ईमानदारी ।। किसान मजदूर सोचें मिलकै क्यों लुटगी मेहनत म्हारी।। 4 सिस्टम लूट पाट का होग्या नीति खड़ी विरोध म्हारे थारे मैं म्हारी लूट का तोड़ बताया किसान मजदूर के भाईचारे मैं सोच समझ कै रणबीर की कलम दोनों का एका चाहरी।। किसान मजदूर सोचें मिलकै क्यों लुटगी मेहनत म्हारी।। 528******** पगड़ी सम्भाल *पगड़ी सम्भाल का दिन आज देश मैं मनाया जावै।।* *अजीत सिंह किशन सिंह थारी याद बहोत घणी आवै।।* 1 एंग्लो सिख युद्ध मैं भाग लिया परदादा फते सिंह नै आधी जायदाद जब्त करी गोरयां नै म्हारे हिन्द मैं *दादा अर्जुन सिंह उन बख्तों का समाज सुधारक कहावै।।* अजीत सिंह किशन सिंह थारी याद बहोत घणी आवै।। 2 किशन सिंह पिता चाचा अजीत लड़ी आजादी की लड़ाई चाचा स्वर्ण सिंह साथ मैं इंकलाब जिंदाबाद गूंजाई *अंग्रेज गोरा इनकै ऊपर सारे तरां के यो जुल्म ढ़ावै।।* अजीत सिंह किशन सिंह थारी याद बहोत घणी आवै।। 3 घर की महिलावां नै भी इनका धुर ताहिं साथ निभाया दादी जयकौर मां विद्यावती कदम तैं था कदम मिलाया *चाची हरनाम कौर हुक्म कौर भी सारै आगै खड़ी पावै।।* अजीत सिंह किशन सिंह थारी याद बहोत घणी आवै।। 4 अंग्रेजों के जुल्मों के खिलाफ लाया पगड़ी सम्भाल का नारा बालक भगत सिंह नै आंख्या देख्या था यो सारा नजारा *रणबीर यो किसान आंदोलन पगड़ी सम्भाल याद दिलावै।।* अजीत सिंह किशन सिंह थारी याद बहोत घणी आवै।। 529******** करो या मरो देश भर के किसानों नै आज यो मोर्चा जबर बनाया।। अपणी मांग मणवावण नै सारे कै अलख जगाया।। 1. एक सौ तीस किसान संगठन एक मंच पर आये भारतीय किसान संघर्ष समिति ये आज बणा पाये वर्किंग ग्रूप बनाया सै कन्वीनर वी एम सिंह बनाये बणा कै मजबूत मोर्चा किसान एकता के नारे लाये मिल जुल कै इन सबनै संघर्ष का बिगुल बजाया।। अपणी मांग मणवावण नै सारे कै अलख जगाया।। 2. समन्वय समिति प्रदेशां मैं सारे कै जावैगी बणाई छह जुलाई तैं लेकै नै दो अक्तुबर तारीख बताई जन जागरण अभियान की जावैगी लौ खूब जलाई मंदसौर चम्पारण तक पहोंचै या जागरण की गरमाई इस फैंसले पै सबनै कठ्ठे होकै नै मोहर लगाया।। अपणी मांग मणवावण नै सारे कै अलख जगाया।। 3. स्वामिनाथन रिपोर्ट लागू हो जागी या मांग उठाई रै फल सब्जी पै लागत तैं कीमत डेढ़ गुणा जा लाई रै इस भाव पै खरीद की भी गारंटी जावैगी कराई रै किसानों के कर्ज माफ हों इसपै सहमति बनाई रै कृषि लागत कम करने का मामला भी जावैगा ठाया।। अपणी मांग मणवावण नै सारे कै अलख जगाया।। 4. पशु व्यापार पै रोक नै तुरत फुरत खत्म करावां भूमि अधिग्रहण कानून संसद मैं तैं वापिस ल्यावां साठ साल पाछै पैंशन पांच हजार सबकी चाहवां मनरेगा की फंड कटौती नै वापस करवाकै आवां कहै रणबीर सिंह चाहूं कदम तैं कदम मिलाना।। अपणी मांग मणवावण नै सारे कै अलख जगाया।। 530******** करनाल शहर मैं करनाल शहर के म्हां किसान पै लाठी खूब बरसाई।। कई किसान जख्मी होए सरकार हुई घणी हड़खाई।। 1 किसानों पै लाठी बर्साइयो एक वीडियो साहमी आई म्हारे सी एम नै बचाव किया लिपा पोती सी करी चाही अधिकारी ससपेंड ना किया जनता की खत्म हुई समाई।। 2 जालिम लाठी चार्ज मैं शहीद होग्या एक शूरवीर किसान बाट देखी एक्शन होवैगा फेर संघर्ष का किया एलान जरूर मिलै न्याय किसानां नै तेज कर दिया संघर्ष भाई।। 3 मजदूर किसान व्यापारी इनका एका रंग दिखावैगा सचिवालय पै दिया धरना एक्शन दोषियां पै करावैगा बढ़ा दबाव सरकार पै पकड़ी मांग मनवाने की राही।। 4 करनाल मुजफ्फर नगर ये आज संघर्ष के बणे मैदान पक्की बात किसान मजदूर तोड़ैगा सरकारी अभिमान रणबीर दोषियाँ के ऊपर जरूर होनी सै कार्य वाही।। 531********** डब्ल्यू टी ओ वार्ता : एक दिन चाँदकौर खरखौदे से बच्चों के लिए कुछ सामान लेने गई तो वहाँ पर चर्चा थी डब्ल्यू टी ओ की। एक थ्री व्हीलर में माइक पर कहा जा रहा था - किसान सभा की तरफ से जलसा होगा जिसमें डब्ल्यू टी ओ पर बातचीत रखी जायेगी। वहां माइक पर चांदकौर ने एक गीत भी सुना जिसके बोल थे: डब्ल्यू टी ओ नै म्हारे देश के कति बिगाड़े हाल, देखियो के होगा।। 1 म्हारे खेत उजाड़ दिए और किसान मार दिया धरती कै बिकवा खिड़की किवाड़ दिए दिवाला पिटग्या सरती कै किसान छोडे ना किसे दीन के इसी बिगाड़ी चाल देखियो के होगा।। डब्ल्यू टी ओ नै म्हारे देश के --- 2 कमाँ कमाँ कै खेतां मैं मर लिए लूट कै पैप्सी कोला लेग्या पलंग निवारी देऊँगा कैहकै यो खोस म्हारा खटोला लेग्या दो किल्ले आला जकड़ दिया बिछाकै इसनै जाल देखियो के होगा ।। डब्ल्यू टी ओ नै म्हारे देश के --- 3 भारत की सरकार पसार रही अमरीका आगै झोली देखो इसे चश्में चढ़ाये अमरीका नै ना दीखै उसकी रोली देखो डब्ल्यू टी ओ नै पाड़ लिए म्हारे सिर के सारे बाल देखियो के होगा।। डब्ल्यू टी ओ नै म्हारे देश के .-- 4 कपास पीटी धान पीट दिया गेहूं पिटण की बारी सै नौकरी खोसी धंधे चौपट हमला इसका भारी सै रणबीर सरकार नै गोड्डे टेके बणगी जमा दलाल देखियो के होगा ।। डब्ल्यू टी ओ नै म्हारे देश के --- 532********** तीन काले कानून किसानी तबाह करण नै ,तीन काले कानून बनाये।। पहल्यां आली समों रही ना बख्त घणे कसूते आये।। 1 आज किसान संघर्ष करैं काल मध्यम वर्ग करैगा रै व्यापारी पै भी असर किसानी संकट का पड़ेगा रै किसानी संकट पूरे समाज का दिल्ली के म्हं डेरे लाये।। किसानी तबाह करण नै ये तीन काले कानून बनाये।। 2 गामां की बढ़ै बेरोजगारी बीज बिघ्न के बोज्यागी शहरां मैं भी बढ़ै बेरोजगारी या लाम्बी लाइन होज्यागी छोटे दुकानदार व्यापारी भी इस संकट मैं घलैं बताये।। किसानी तबाह करण नै ये तीन काले कानून बनाये।। 3 असल मैं छूट दी अम्बानी तैं जनता पै गेरै मार रै किसान नै करैं कानून आजाद यो सै झूठा प्रचार रै किसानी संकट और बढ़ैगा विद्वानां नै कानून खोल दिखाये।। किसानी तबाह करण नै ये तीन काले कानून बनाये।। 4 करार कानून के तहत अम्बानी हर खेती करहवैंगे रै चार पांच सौ किल्यां के देश मैं फेर फार्म बनावैंगे रै रणबीर बरोणे आले नै सोच समझ कै ये छंद बनाये।। किसानी तबाह करण नै ये तीन काले कानून बनाये।। 533********** महिला संसद महिला किसान जंतर मंतर आई, महिला संसद उड़ै करकै दिखाई, काले कानून वापिस करवावैंगी।। 1 महिला इस संघर्ष में आगे आई, हर कदम पर है साथ निभाई, ना कभी पीछे कदम हटावैंगी।। 2 सारे बोर्डरों पर धरना जमाया तीन कानूनों को गलत बताया महिला किसान बढ़ती जावैंगी।। 3 टोल प्लाजा पै महिला छारी ये बराबर का देखो साथ निभारी ये किसान आंदोलन आगै बढ़ावैंगी।। 4 रणबीर संघर्ष मैं साथ पूरा देरी दिल्ली की सरकार कसूती घेरी ये सरकार कै सांस चढ़ावैंगी।। 534*********** सियासत जात धर्म की आड़ लेकै सियासत करया नहीं करते रै।। साम्प्रदायिक मारकाट करादें बेकसूर माणस मरते रै।। 1 जात धर्म तैं ऊपर उठे किसान मजदूर दोनों भाई आज किसान आंदोलन मैं दिल्ली की सै भ्यां बुलाई कोये खाना ल्यावै बॉर्डर पै कोये ल्याकै मिठाई धरते रै।। साम्प्रदायिक मारकाट करादें बेकसूर माणस मरते रै।। 2 ट्रैक्टर ट्राली जोड़ कै नै करी दिल्ली पै चढ़ाई रै किसान एकता बढ़ती जा बढ़ी सरकार की करड़ाई रै लाठी गोली आंसू गैस तैं ना मजदूर किसान डरते रै।। साम्प्रदायिक मारकाट करादें बेकसूर माणस मरते रै।। 3 फुट गेर कै राज करण नै लेली जात धर्म की ढाल रै किसान मजदूर समझ गए उनकी शातिर या चाल रै एकता गजब बनाई सै हर कदम पै खरे उतरते रै।। साम्प्रदायिक मारकाट करादें बेकसूर माणस मरते रै।। 4 किसान मजदूर उठ लिए ताकत और घणी बढैगी दिल्ली की अकड़ सारी इनकी एकता साहमी कढ़ेगी रणबीर इसे छंद बनाये जो पर बैरी के कुतरते रै।। साम्प्रदायिक मारकाट करादें बेकसूर माणस मरते रै।। 535********* हिसाब एक क्वींटल गण्डे मैं कितनी चीनी बणज्या सै। सीरा कितना लिकड़ै सै खोही कितनी बचज्या सै।। 1 पढ़ लिख कै बी अपनढ़ दुनिया देखो किसी पढ़ाई गोरयां नै या चाल चली जो वा इब तक चलती आई मेहनत की म्हारी कमार्इ उसकी झोली में घलज्या सै।। सीरा कितना लिकड़ै सै खोही कितनी बचज्या सै।। 2 एक क्वींटल सरसों मैं कितना तेल बनाया भाई कितनी खल लिकड़ी उसमैं कदे हिसाब लगाया भाई सारी उम्र भकाया भाई आज बी हमनै छलज्या सै।। सीरा कितना लिकड़ै सै खोही कितनी बचज्या सै।। 3 एक क्वींटल कपास मैं कितना धागा बना दिया धागे तै सूती कपड़ा कितने मीटर यो पहरा दिया बिनौला कितना खिला दिया झोटा क्यूकर पलज्या सै।। सीरा कितना लिकड़ै सै खोही कितनी बचज्या सै।। 4 सारी बातां का नाता कोण्या आज की पढ़ाई तै ज्ञान विज्ञान बात सिखावै पूरी ही चतुराई तै रणबीर की कविताई तै लुटेरा घणा ए जलज्या सै।। सीरा कितना लिकड़ै सै खोही कितनी बचज्या सै।। 536********* सब्सिडी अमीरां की म्हारी कै कट मरया अमीरां की सबसिडी बढ़ाई देखो। राष्ट्र भक्ति के नारे लगाकै कितनी लूट मचाई देखो।। 1. राशन प्रणाली तोड़ बगाई किसानां की भ्यां बुलवादी बाल्को कंपनी बूझै कोए क्यों या माट्टी मोल बिकादी धारावी झोंपड़ पट्टी की एक प्रतिशत गरीबी बतादी आकड़यां का खेल रचाकै देश तै गरीबी जमा भगादी स्वदेशी का सांग करया बदेशी कंपनी ये बुलाई देखो।। राष्ट्र भक्ति के नारे लगाकै कितनी लूट मचाई देखो।। 2. नौकरी मिलैं आगले जनम मैं इस जन्म मैं घटावैगा डीजल खाद बिजली म्हंगे सस्ते किसान कित पावैगा चीनी माचीस चाय बिस्कुट पहलम तै म्हंगे खावैगा दिल के छेद आला मरीज पां पीट के मर जावैगा छियासठ हजार नौकरी आये साल की क्यों घटाई देखो।। राष्ट्र भक्ति के नारे लगाकै कितनी लूट मचाई देखो।। 3. कार न्यारी ढाल की जितनी सबके रेट घटाये आज एयर कंडीशन्ड सस्ते होंगे मंत्राी नै बताये आज कोका पैपसी सस्ते करे बदेशियां तै हाथ मिलाये आज कई बिल पास कर दिए उत्पाद शुल्क गये बढ़ाये आज देश बेचण की तैयारी सरकारी नहीं शरमाई देखो।। राष्ट्र भक्ति के नारे लगाकै कितनी लूट मचाई देखो।। 4. किसान फांसी खा खा मरते उनकै मौज उड़ाई जावैं निजीकरण उदारीकरण की दी घटिया ये दवाई जावैं जात धर्म पै लड़वां के ये असली बात छिपाई जावैं म्हारे खिलाफ बिल ल्याकै कसूती खाल तराई जावैं रणबीर सिंह दिल भीतर तै करता कविताई देखो।। राष्ट्र भक्ति के नारे लगाकै कितनी लूट मचाई देखो।। 537********** कृषि संकट किसानी संघर्ष कृषि संकट संकट किसानी कमेरे किसान तोल कै बतावैं।। इस संकट के सारे हिस्से पूरी ढालां खोल कै समझावैं।। 1 या समस्या उन्नत कृषि नै उन्नत स्तर पै पहूंचाई रै पूंजीवाद नै हरित क्रांति कई प्रदेशों मैं फैलाई रै विशालकाय आधुनिक मशीन खेताँ मैं चलाई रै उन्नत बीज खाद ल्याये घनी महंगी किस्म अपनाई रै कीटनाशकों का अंधाधुंध इस्तेमाल घणे जहर घोले दिखावैं।। 2 ऊंचे दर्जे का तकनीक विकास यो हुया बताया देखो फसल की तबाही बीमारी नहीं काबू कर पाया देखो कृषि विभाग हाथ करे खड़े ना कोये राह दिखाया देखो महकमे के भ्रष्टाचार नै यो संकट और बढ़ाया देखो उन्नत कृषि नै किसान मारे या बात पूरी तरियां छिपावैं।। 3 गुजारे की खेती तैं बाजार की खेती कांहीं गया धकाया रै किसानों की आत्म हत्या का ग्राफ उन्नत खेती नै बढ़ाया रै लागत घणी बढ़ी खेती की आमदन मैं गच्चा खवाया रै छोटा किसान संख्या मैं सहज सहज यो बढ़ता पाया रै लागत आमदन के रास्से मैं ये और गरीब होंते जावैं ।। 4 इसे हालातों मैं या सरकार तीन काले कानून ल्याई रै पंजाब के किसानों नै मिलकै संघर्ष की राह दिखाई रै एक मंच ऊपर करे रै कट्ठे हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई रै रणबीर किसान संघर्ष की दुनिया मैं इतिहास बनाई रै जात धर्म तैं ऊपर उठ कै संघर्ष जरूर सफल बनावैं।। 538**** टिकरी बॉर्डर पै आज भाजम भाज करड़ी पड़री, मजदूर किसानी टिकरी बॉर्डर चढरी काले कानूनं वापिस करवावैंगे।। 1 किसान नौजवान पींघ बधाई हर कदम पर है साथ निभाई, टिकरी मैं मिशाल आज बनावैंगे।। 2 पुलिस आले पूरा ए जोर लगारे आंदोलनकारी ना काबू मैं आरे अपनी ताकत पूरी ये दिखावैंगे ।। 3 हद होगी उल्टा करते नहीं विचारो गलती करी सै तो इसनै स्वीकारो झूठे केस वापिस ल्यो ना डेरे लावैंगे।। 4 रणबीर संघर्ष मैं साथ देरया आज कलम से उसने दे दिया घेरा आज उम्मीद सै किसान बात मनवावैंगे।। 539********** विरोधी कानून किसान विरोधी कानून ये देखियो खाल तारैंगे म्हारी रै।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलाया भारी रै।। 1 उनके बालक भूखे मरते जिणनै खेत खूबै कमाये बिना दूध सीत रहवैं सैं जिणनै डांगर खूब चराये सिरकी घाल करैं गुजारा जिणनै ताज महल बनाये तन पै उनके लत्ता ना जिणनै कपड़े के मील चलाये भगवान भी आँधा कर दिया ना दिखता भ्रष्टाचारी रै।। 2 जितना करड़ा काम म्हारा नहीं सम्मान उतना मिलता दस नम्बरी मानस जितने उनका हुक्म देख्या पिलता नकली फूल सजावैं देखो यो क्यों ना असली खिलता कहैं उसके बिना आड़ै यो पत्ता तक बी नहीं हिलता सबके ऊपर उसका खयाल नहीं फेर किसा न्याकारी रै।। 3 डांगर की कद्र फालतू माणस बेक़दरा संसार मैं छोरे की कद्र घणी सै छोरी धन पराया परिवार मैं किसे किसे जुल्म होण लागरे छपते रोज अखबार मैं माणस खानी म्हारी व्यवस्था लादे बोली बाजार मैं कति छांट कै इसनै चलवाई महिला भ्रूण पै कटारी रै।। 4 इस व्यवस्था मैं मुट्ठी भर तै हो घणे माला माल रहे अम्बानी हर नै जाल पूरया चला ये अपनी ढाल रहे सोच समझ कै बढियो आगै माफिया कसूते पाल रहे फौज और पुलिस नै बणा रणबीर ये अपनी ढाल रहे सही सोच कै संघर्ष नै हिंदुस्तानी किसानी चलारी रै।। 540********* मिलकै टकराएंगे मजदूर किसान मिलकर के लुटेरों से अब टकराएंगे। जितने बिल हमारे खिलाफ सबको वापस करवाएंगे। 1 जितना दबाओगे आप हमें इतना जोश बढ़ेगा हमारा एकता हमारी मजबूत होगी जुलम हारेगा तुम्हारा चैन खोस लिया हमारा अब हम सबक सिखाएंगे। 2 तुम्हारी लाठी गोली जो चले उनसे नहीं घबराने के हमारा संघर्ष जोर पकड़ेगा उल्टे कदम नहीं हटाने के लुटेरे फिर नहीं टोहे पाने के नारे मिलकर लगाएंगे । 3 किसानी एकता तोड़ने को हिंदू-मुस्लिम लाए हैं जाति धर्म गोत नात पर चाहते जनता को लड़ाए हैं कितनी झूठ भकाए हैं हम सब खोल के बताएंगे। 4 हिंदुस्तान के नर नारी हिंदू मुस्लिम सिख इसाई इनकी एकता के सामने ना होएगी तुम्हारी सुनाई रणबीर करे कविताएं दुनिया में अलख जगायेंगे। 541*********** खाल तारैंगे किसान विरोधी कानून ये देखियो खाल तारैंगे म्हारी रै।। इसनै वापिस कराने खातर संघर्ष चलाया भारी रै।। 1 उनके बालक भूखे मरते जिणनै खेत खूबै कमाये बिना दूध सीत रहवैं सैं जिणनै डांगर खूब चराये सिरकी घाल करैं गुजारा जिणनै ताज महल बनाये तन पै उनके लत्ता ना जिणनै कपड़े के मील चलाये भगवान भी आँधा कर दिया ना दिखता भ्रष्टाचारी रै।। 2 जितना करड़ा काम म्हारा नहीं सम्मान उतना मिलता दस नम्बरी मानस जितने उनका हुक्म देख्या पिलता नकली फूल सजावैं देखो यो क्यों ना असली खिलता कहैं उसके बिना आड़ै यो पत्ता तक बी नहीं हिलता सबके ऊपर उसका खयाल नहीं फेर किसा न्याकारी रै।। 3 डांगर की कद्र फालतू माणस बेक़दरा संसार मैं छोरे की कद्र घणी सै छोरी धन पराया परिवार मैं किसे किसे जुल्म होण लागरे छपते रोज अखबार मैं माणस खानी म्हारी व्यवस्था लादे बोली बाजार मैं कति छांट कै इसनै चलवाई महिला भ्रूण पै कटारी रै।। 4 इस व्यवस्था मैं मुट्ठी भर तै हो घणे माला माल रहे अम्बानी हर नै जाल पूरया चला ये अपनी ढाल रहे सोच समझ कै बढियो आगै माफिया कसूते पाल रहे फौज और पुलिस नै बणा रणबीर ये अपनी ढाल रहे सही सोच कै संघर्ष नै हिंदुस्तानी किसानी चलारी रै।। 542*********** खाई खाई चौड़ी होंती आवै सै इसनै आज कौण पाटैगा। गरीब जनता का हाथ सही मैं आज कौण डाटैगा। 1 बधगी घर घर मैं खाई या बधगी पूरे समाज मैं देशां के बीच की खाई ना बताते पूरे अंदाज मैं अमरीका टोप पै रहवण नै आतंकवाद पै काटैगा।। गरीब जनता का हाथ सही मैं आज कौण डाटैगा।। 2 एक देश के भित्तर भी कई ढाल की खाई दीखैं एक अरबपति बनरया दूजे ये भूखे पेट नै भींचें शांति कड़े तैं आवैगी जब कारपोरेट इसतै नाटैगा।। गरीब जनता का हाथ सही मैं आज कौण डाटैगा।। 3 लड़ाई बढ़ेगी इस तरियां विनास की राही करकै पिचानवै हों कठे होंवैंगे चौड़ी होंती खाई करकै नहीं तो पर्यावरण प्रदूषण सबका कालजा चाटैगा।। गरीब जनता का हाथ सही मैं आज कौण डाटैगा।। 4 लोभ लालच और मुनाफ़ा और बधारे इस खाई नै समाज गया रसातल मैं चौड़ै भाई मारै सै भाई नै रणबीर सिंह समझावै देखो छंद यो न्यारा छांटैगा।। गरीब जनता का हाथ सही मैं आज कौण डाटैगा।। * 543******** कमेरा मेरी कोए ना सुनता आज छाया सारै यो लुटेरा ॥ भक्षक बनकै रक्षक देखो देरे किसान कै घेरा ॥ 1 ट्रेक्टर की बाही मारै ट्यूबवैल का रेट सतावै थ्रेशर की कढ़ाई मारै भा फसल का ना थ्यावै फल सब्जी ढूध सीत सब ढोलां मैं घल ज्यावै माटी गेल्याँ माटी होकै बी सुख का साँस ना आवै बैंक मैं सारी धरती जाली दीख्या चारों कूट अँधेरा॥ भक्षक बनकै रक्षक देखो देरे किसान कै घेरा ॥ 2 निहाले पै रमलू तीन रूपया सैकड़े पै ल्यावै वो साँझ नै रमलू धोरे दारू पीवन नै आवै निहाला कर्ज की दाब मैं बदफेली करना चाहवै विरोध करया तो रोज पीस्याँ की दाब लगावै बैंक अल्यां की जीप का बी रोजाना लग्या फेरा॥ भक्षक बनकै रक्षक देखो देरे किसान कै घेरा ॥ 3 बेटा बिन ब्याह हाँडै सै घर मैं बैठी बेटी कंवारी रमली रमलू नयों बतलाये मुशीबत कट्ठी होगी सारी खाद बीज नकली मिलते होगी ख़त्म सब्सिडी म्हारी माँ टी बी की बीमार होगी बाबू कै दमे की बीमारी रौशनी कितै दीखती कोन्या घर मैं टोटे का डेरा॥ भक्षक बनकै रक्षक देखो देरे किसान कै घेरा ॥ 4 माँ अर बाबू म्हारे नै यो जहर धुर की नींद सवाग्या माहरे घर का जो हाल हुआ वो सबके साहमी आग्या जहर क्यूं खाया उनने यो सवाल कचौट कै खाग्या म्हारी कष्ट कमाई उप्पर कोए दूजा दा क्यों लाग्या कर्जा बढ़ता गया म्हारा मरग्या रणबीर सिंह कमेरा ॥ भक्षक बनकै रक्षक देखो देरे किसान कै घेरा ॥ 544********** दाग देश की इंसानियत कै दाग कई लागे दिखाऊँ मैं।। भाईचारे पै हमला कसूता या बात सही बताऊँ मैं।। 1 समाज मैं आर्थिक संकट रोजाना बढ़ता जावै सै उद्योग बंदी पै आगे बेरोजगार खड़्या लखावै सै सरकारी नौकरी खत्म हुई या दिहाड़ी पै थ्यावै सै घर का गुजारा मुश्किल तैं यो कमेरा कर पावै सै कारपोरेट लूटै हमनै म्हारी घटा मजदूरी बताऊँ मैं।। भाईचारे पै हमला कसूता या बात सही बताऊँ मैं।। 2 लूटेरे लूटन की खातिर फूट जनता मैं डाल रहे कितै हिन्दू मुस्लिम कितै जात का बिछा जाल रहे हिन्दू राष्ट्र का नारा ये फैला भुन्डा जंजाल रहे दलित का सारे देश मैं कर ये कसूता हाल रहे सेकुलरिज्म पै हमला यो कैसे इसनै आज बचाऊं मैं।। भाईचारे पै हमला कसूता या बात सही बताऊँ मैं।। 3 लूट का सिस्टम और घणा मजबूत होंता आवै रै पाखंड अंधविश्वास के रोजाना यो पाठ पढ़ावै रै मेरे कष्टों का कारण यो मेरी किस्मत मैं बतावै रै लूटेरा कष्टों का दोषी ये बात म्हारे तैं यो छिपावै रै टीवी मीडिया के महं कै रोजाना हमनै भकावै रै आगै के के होवैगा देश मैं इशारयां मैं समझाऊं मैं।। भाईचारे पै हमला कसूता या बात सही बताऊँ मैं।। 4 जात पात का पाला छोड़ कै बड़े मंच पै आणा होगा किसान संगठन कट्ठे हों मजदूर भी साथ मिलाणा होगा किसान मजदूर का मोर्चा तगड़ा घणा बनाणा होगा बेरोजगारी महंगाई खिलाफ जनता को साथ ल्याणा होगा कहै रणबीर बरोने आला मानवता बचाना चाहूं मैं।। भाईचारे पै हमला कसूता या बात सही बताऊँ मैं।। 545********* एक दिन होवैगा सबेरा भोर तै कितै खोगी यो हुया घनघोर अंधेरा ।। किसान भाइयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 1 बेरोजगारी बढ़ती जावै जुमलयां का औड़ ना कमेरयो करियो एकता इसका और तौड़ ना बिना एकता जी काढ़ै म्हारा पूंजीपति लुटेरा।। किसान भाइयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 2 लूट म्हारी थारी देश मैं यो बढ़ाता जावै भाई क्युकर खेल रचावै ना म्हारी समझ मैं आई समाज का ताणा बाणा बखेर दिया सै भतेरा।। किसान भाईयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 3 जोर जबरदस्ती रोजाना म्हारी गेल्याँ होवै सै संस्कृति के नाम ऊपर सूआ कसूता चुभोवै सै म्हारी कितै बूझ नहीं बढ़या भुखमरी का घेरा।। किसान भाइयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 4 दिखावे दिखावे रैहगे असली बात रही कोण्या के कसर रहेगी नाश मैं कति झूठ कही कोण्या रणबीर पिस्ता जावै सै रोजाना देश मैं कमेरा।। किसान भाईयो रूकियो ना एक दिन होवैगा सबेरा ।। 546********* हरियाणा दिवस के मौके पर मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।। 1 हरया भरया हरियाणा जित दूध दही का खाना गर्भवती मैं कमी खून की दस प्रतिशत बढ़ जाना हम सबके उपकार बिना, बसते हुए घरबार बिना लिंग अनुपात सुधार बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।। 2 गुण गाते हरित क्रांति के नुक्सान ना कदे बतावैं जहर घोल दिया पानी मैं कीटनाशक कहर ढावैं बीमारियों के इलाज बिना, हम गरीबों की आवाज बिना विकास के सही अंदाज बिना,हरियाणा नंबर वन ।कोण्या ।। मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।। 3 कीट नाशक तैं हरियाणा बहोत घणा दुःख पाग्या हुई खाज बीमारी गात मैं ,घणा कसूता संकट छाग्या इसकी पूरी रोकथाम बिना , पानी के सही इंतजाम बिना अमीरों पर कसे लगाम बिना, हरियाणा नंबर वन कोण्या।। मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।। 4 अमीर गरीब के बीच की बढ़ती जावै या खाई देखो बिना गरीब की मेहनत छाज्या घणी रुसवाई देखो महिलाओं के सम्मान बिना, पढ़े लिखे नैजवान बिना म्हारे पूरे बुरे अरमान बिना, हरियाणा नंबर वन कोण्या। मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।। 5 मानस तैं मानस का भाईचारा , हो हर शहर गाम मैं हम राजी होकै हाथ बँटावां एक दूसरे के काम मैं भाईचारे की छाप बिना ,सबकी सांझी खुभात बिना गरीब के सिर पै छात बिना, हरियाणा नंबर वन कोण्या मजदूर किसान बिना , इन सबके सम्मान बिना चेहरे पर मुस्कान बिना , हरियाणा नंबर वन कोण्या ।। 547********* अम्बानी गेल खड़या महंगाई बढ़ती जावै रोजाना मुश्किल हुया गुजारा हे।। अम्बानी गेल खड़ी सरकार ध्यान कति नहीं म्हारा हे।। 1 चीनी लागै घणी कड़वी जिब साठ की किलो आवै टमाटर दिखें सपने के म्हां जिब पचास का भा लावै मुश्किल तैं परिवार खा हो मूंह का स्वाद खारया हे।। 2 किसान खेत मैं मूली मेहनत करकै नै उगावै हे दस रूपये धड़ी मन्डी मैं आढ़ती बोली लगावै हे जिब खरीदां दुकान पै किलो की कीमत बारा हे।। 3 किसान मरै मरै उपभोक्ता बिचौलिया धन कमावै किसा सिस्टम बणा राख्या देखो निठल्ला मौज उड़ावै मेहनत करने आले का क्यूं फूट्या पड़या ढारा हे ।। 4 सिस्टम के छल समझें यो पहला काम जरूरी सै सही समझ बनाये बिना लड़ाई रहवै या अधूरी सै रणबीर नै बिचौलिया डराते फेर भी कलम चलारया हे।। 548********* 16 जून का आंदोलन --एक रागनी जनता किसान मजदूर संगठन ये लेवैंगे अंगड़ाई रै।। खेती व मजदूर विरोधी नीति या भाजपा नै अपनाई रै।। 1 किसान की तरफ ध्यान नहीं या स्वामीनाथन नै नाट गई फांसी खा खा किसान मरैं भाजपा ले राज के ठाठ गई न्यारे न्यारे बांट कै जातयाँ मैं किसानां की करी सै पिटाई रै।। जनता किसान मजदूर संगठन ये लेवैंगे अंगड़ाई रै।। 2 मजदूरों पै हमला बोल्या मनरेगा के बजट घटाया रै ठेकेदारी प्रथा नै म्हारे देश मैं घणा कोहराम मचाया रै आठ घण्टे तैं बारा की दिहाड़ी होन्ती ना कितै सुनाई रै।। जनता किसान मजदूर संगठन ये लेवैंगे अंगड़ाई रै।। 3 सोलां जून का दिन भारत का ईब नया इतिहास रचैगा किसान मजदूर मोर्चे आगै नहीं जुल्मी बेईमान बचैगा सरमायेदारों के कर्जे माफ करे ना म्हारी कितै सुनाई रै। जनता किसान मजदूर संगठन ये लेवैंगे अंगड़ाई रै।। 4 लुटेरे और कमेरे बीच मैं आज घलता आवै पाला भाई रणबीर सिंह बरोने आला कहै लेल्यो ईब सम्भाला भाई किसान कमेरे की यारी खोलैगी मानवता की नई राही रै।। जनता किसान मजदूर संगठन ये लवैंगे अंगड़ाई रै।। 549******* मुनाफे की फसल खेतां मैं अपणे मुनाफे की आज फ़सल उगाया चाहवैं।। किसान की कष्ट कमाई नै औने पौने मैं कब्जाया चाहवैं।। 1 म्हारे हाथ बांध कै हमनै बनाया चाहते बेकार रै म्हारे दिमाग कर काबू मैं इनकी मदद करै सरकार रै अपणे फैंसले करे पाछै ये म्हारी मोहर लवाया चाहवैं ।। 2 ना सोचो ना सवाल करो बस उनकी करो जयजयकार रै कितने गुनाह वे करो उनके सारे साजिश स्वीकार रै अंधभक्ति का पाठ पढाकै पक्के अंधभक्त बनाया चाहवैं ।। 3 लोकतंत्र के मलबे पै खड़ा करना चाहते अपणा निजाम फर्क झूठ और सच्चाई का मिटाना चाहते आज तमाम राह मैं बिछा कै कांटे कैहवैं थारा साथ निभाया चाहवैं।। 4 घेर लिये चारों कांहीं तैं ये कैहते थारी पूरी आजादी सै बिगाड़ नै कैहवैं सुधार करदी म्हारी घणी बर्बादी सै रणबीर सिंह ये थैली आले म्हारा मोर नचाया चाहवैं।। 550********* हरि के हरयाणे मैं श्यामत म्हारी आई, कोन्या दीखै राही, चढ़ी सै करड़ाई, हरि के हरियाणे में।। बोहर और भालोठ बताये, रूड़की किलोई संग दिखाये कर्जा चढग्या भारी, आया बैंक सरकारी,डूंडी पिटगी म्हारी, हरि के हरियाणे मैं। धरती चढ़गी लाल स्याही मैं, किसान फँसाया तबाही मै आज घंटी खुड़की,किलोई चाहे रूड़की,होवैगी म्हारी कुड़की, हरि के हरियाणे मैं।। आमदन म्हारी घाट लिकड़ती किसानी लागत बाधू लानी पड़ती सब्सिडी खत्म म्हारी,देई घरां मैं बुहारी, श्यामतआगी भारी, हरि के हरियाणे मैं।। महंगी होन्ती जा सै पढ़ाई रै, रणबीर मरैं बिना दवाई रै दुख होग्या भारया, मन बी होग्या खारया, नहीं रास्ता पारया, हरि के हरियाणे मैं।। 551********** क्यों जरूरी किसान आंदोलन सफल होणा हम ताहिं क्यों घणा जरूरी।। सफल हुया तै बात पक्की यो तोड़ेगा कारपोरेट की गरूरी।। 1 ऐकले जमीनी किसानों का यो रोला नहीं बताया सुणियो बकरी पालन भी इसमैं यो कहैं शामिल दिखाया सुणियो मछली पालन बाहर कोण्या कानून भीतर आया सुणियो पशु पालन भी जोड़ राख्या बताओ के बच पाया सुणियो खेत मजदूर की खत्म होवैगी या थोड़ी घणी जो मजदूरी।। सफल हुया तै बात पक्की यो तोड़ेगा कारपोरेट की गरूरी।। 2 सोचां कट्ठे बैठ कानूनों बारे आछ भूंड की पहचान करां किसान आंदोलन की मदद ठीक गलत पै ल्याण धरां म्हारे घर मैं ना बचै चांदना जै अंधेरा छाया किसान घरां चाले कर दिए सरकार नै जिसकी बड़ाई बेउन्मान करां अडानी अम्बानी की तलहैडू सै या उनकी करती जी हजूरी।। सफल हुया तै बात पक्की यो तोड़ेगा कारपोरेट की गरूरी।। 3 किताब एक सौ छह पन्यां की पेज छह पै या बखान करै कृषि बाजार ताहिं सौंप रहे कारपोरेट का गुणगान करै सब्सिडी सारी खत्म होवैगी सरकार मदद तैं प्रस्थान करै छोटे व्यापारी कमजोर वर्ग नै ओन लाइन खरीद परेशान करै इन सारी बातां नै समझ गई ये भरपाई सरतो और अंगूरी।। सफल हुया तै बात पक्की यो तोड़ेगा कारपोरेट की गरूरी।। 4 किसानी का बड़ा हिस्सा फेर बेरोजगार होज्यागा भाई गाम की बेरोजी का आंकड़ा यो बेशुमार होज्यागा भाई देहात के संकट तैं दुखी यो छोटा व्यापार होज्यागा भाई घणा असन्तोष बढ़ ज्यागा आड़े हाहाकार होज्यागा भाई रणबीर किसान जीत कै करै काबू सरकार की सारी फतूरी।। सफल हुया तै बात पक्की यो तोड़ेगा कारपोरेट की गरूरी।। 552 फासीवाद की घण्टी फासीवाद की घण्टी खड़कै संकट घणा भारी छाया रै जन अधिकार जन एकता का यो लड़ाकू मंच बनाया रै 1 बहुविविधता म्हारे देश की इसपै हमला बोल दिया आच्छे दिन ल्यावांगे का नारा बणा कसूता मखौल दिया इनके साहमीं जो बोलैं उनका गोली तैं सीना छोल दिया आज किसानां की कड़ तोड़ी अमीर चांदी मैं तोल दिया वायदा भ्रष्टाचार खत्म का देकै यो वोटर गया भकाया रै जन अधिकार जन एकता का यो लड़ाकू मंच बनाया रै 2 वायदे याद दिवावण खातर जिब किसान सड़कां पै आये वायदे पूरे करण की जागां लोग बाग़ बहोत धमकाये जो ना माने उनके ऊपर छापे सीबीआई के मरवाये किसान मजदूरों के संघर्ष लाठी गोली तैं गए दबाये लंकेश गौरी का शरीर गोलियों से छलनी करवाया रै जन अधिकार जन एकता का यो लड़ाकू मंच बनाया रै 3 भ्रष्टाचार की खातर तै गया संस्थागत ढांचा बनाया यो देशी बदेशी कम्पनी दे खुलकै चँदा कानून सुझाया यो बदले मैं कारपोरेट कै देश गैहणै गया धरवाया यो धर्म निरपेक्ष संविधान तैं धर्म का बाणा पहराया यो हिन्दू मुस्लिम जात पात का नफरत का जाल फैलाया रै जन अधिकार जन एकता का यो लड़ाकू मंच बनाया रै 4 रेल बैंक बीमा दे बदेशी तैं राष्ट्रवाद का राग गावैं रै मजदूरी करी घणी सस्ती इनके हक खोसते जावैं रै जो इनके खिलाफ बोलैं उननै ये राष्ट्र द्रोही बतावैं रै शिक्षा सेहत रोजगारां नै ये प्राईवेट की भेंट चढ़ावैं रै रणबीर नै गीत बणा कै जन एकता का नारा लाया रै। जन अधिकार जन एकता यो लड़ाकू मंच बनाया रै 553 नया पेटैंट मारैगा यो पेटैंट के जंजाल बीरा, बतादे करकै ख्याल बीरा,उठती दिल मैं झाल बीरा, यो करै कैसे कंगाल बीरा, सै योहे मेरा सवाल बीरा, मनै जवाब दिये खोल कै।। 1 समिति नै कर जलसा इसकी सारी कमी बताई रै सन सैंतालिस तै पहल्यां गोरयां नै लूट मचाई रै आच्छी कहैं सरकार बीरा, समिति करै इन्कार बीरा,अमरीका की सै मार बीरा, देश बणाया बजार बीरा, किनैं बढ़ाई तकरार बीरा, मनै जवाब दिये तोल कै।। 2 खोज म्हारी कै झटका नये पेटैंट तै जरूर लागै भूख गरीबी भारत की इसतै कदे बी कोन्या भागै कोण्या बढ़या निर्यात बीरा, नहीं घट्या आयात बीरा, क्यूकर बचै औकात बीरा, म्हारी चढ़ी सै श्यात बीरा, क्यों मारग्या सन्पात बीरा, मनै जवाब दिये टटोल कै।। 3 खाद पानी बिजली खुसगे यो अपना बीज ना होगा अस्पताल कॉलेज पै कब्जा बदेशी कंम्पनी का होगा फेरना मिलै दवाई बीरा, या म्हंगी होगी पढ़ाई बीरा, इसनै रोल मचाई बीरा, जनता झूठ भकाई बीरा, क्यूकर बचै तबाही बीरा, मनै जवाब दिये बोल कै।। 4 चिन्ता रोज सतावै क्यूकर चालैगा यो परिवार मेरा पेटैंट बढ़िया चीज सै इसतै दिल करै इनकार मेरा खींच सही तसबीर बीरा, लडा कोए तदबीर बीरा, मसला घणा गम्भीर बीरा लिखै सही रणबीर बीरा, समझा ईकी तासीर बीरा मनै जवाब दिये खंगोल कै।। 554******* कीटनाशक बेचने वाली कम्पनी कीट नाशक कंपनी लूटती गलत बात बताती रिझाने को।। कीट नाशक इस्तेमाल करो वे कहती कपास बचाने को ।। 1 कीट नाशक दवाईयों से हानीकारक कीट मारे जाते हैं लाभदायक कीट भी मरते हैं सच्चाई हमसे छिपाते है महिला खेत पाठशाला में मिलते सही राह दिखाने को ।। कीट नाशक इस्तेमाल करो वे कहती कपास बचाने को ।। 2 लाभकारी कीटों की पहचान करनी सिखाई जाती है हानिकारक कीटों को बताते हिमाती कीट कैसे खाती है सबसे अलग रीत चलायी साधुवाद गाँव निड़ाने को।। कीट नाशक इस्तेमाल करो वे कहती कपास बचाने को ।। 3 कीट नाशकों का गलत प्रभाव डाक्टर हमें बताते हैं धीरे धीरे ये कीटनाशक शरीर में इकठ्ठे हो जाते हैं कैंसर पेट दर्द अलर्जी की शरीर में बीमारी बढ़ाने को।। कीट नाशक इस्तेमाल करो वे कहती कपास बचाने को ।। 4 कीटनाशक बिना निडाना में आज कपास उगाई जाती है महिला किस्सान हुई चौकन्नी दुश्मन कीट हटाई जाती है रणबीर सिंह देखना चाहता बढ़िया गीत बनाने को।। कीट नाशक इस्तेमाल करो वे कहती कपास बचाने को ।। 555******* म्हारी धरती खोस्या चाहवैं बढ़ा महंगाई लूट मचावैं ,जात धर्म पर लड़वावैं म्हारी धरत्ती खोस्या चाहवैं, चटा जनता नै धूल रहे। 1 अडानी और अम्बानी की मातहत है सरकार म्हारी टैक्स लगा लगाकै इसनै जनता की खाल उतारी साम्प्रदायिकता फैलारी, कहै आच्छे दिन भकारी बिदेशी कम्पनी छाती जारी, तोड़ देश के असूल रहे । बढ़ा महंगाई लूट मचावैं ,जात धर्म पर लड़वावैं म्हारी धरत्ती खोस्या चाहवैं, चटा जनता नै धूल रहे। 2 भ्रष्टाचार बढ़ता जा यो व्यापम घोटाला देखो भाई अध्यादेश धरत्ती का करते करया चाला देखो भाई महिला की करैं थानेदारी, ये फरमान करते जारी रूढ़िवाद के बनगे प्रचारी, पकड़ मामले तूल रहे । बढ़ा महंगाई लूट मचावैं ,जात धर्म पर लड़वावैं म्हारी धरत्ती खोस्या चाहवैं, चटा जनता नै धूल रहे। 3 विकास जनता का कहते, तिजूरी भरैं अम्बानी की सब्सिडी खत्म गरीबों की,बढ़ा दई या अडानी की महिला खड़ी पुकार रही, दलित पर बढ़ मार रही बढ़ न्यों ये बलात्कार रही, राज नशे मैं टूहल रहे बढ़ा महंगाई लूट मचावैं ,जात धर्म पर लड़वावैं म्हारी धरत्ती खोस्या चाहवैं, चटा जनता नै धूल रहे। 4 आच्छे दिनों का सपना के बेरा कित खोग्या भाई मजदूर किसान कर्मचारी घणा दुखी होग्या भाई बरोने आला रणबीर यो , लिखता सही तहरीर यो मामला घणा गंभीर यो, भाई चारा जमा भूल रहे । बढ़ा महंगाई लूट मचावैं ,जात धर्म पर लड़वावैं म्हारी धरत्ती खोस्या चाहवैं, चटा जनता नै धूल रहे। 556******* क्लाइमेट चेंज इस क्लाइमेट चेंज नै ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाई रै।। पूरी दुनिया मैं देवै जलवायु प्रदूषण दिखाई रै।। 1 वातावरण पै घणा कसूता इसनै असर दिखाया जल यो पूरी दुनिया का प्रदूषित हुया बताया जमीन तले के पाणी मैं कीटनाशक दवा पाई रै।। पूरी दुनिया मैं देवै जलवायु प्रदूषण दिखाई रै।। 2 कीटनाशक शरीर मैं घणे नुकसान करै कहते कैंसर का प्रकोप घणा हम इसके करकै सहते विकास यो टिक्या मुनाफे पै म्हारे नाश की राही रै।। पूरी दुनिया मैं देवै जलवायु प्रदूषण दिखाई रै।। 3 खेती आली धरती पै जलवायु संकट छाग्या भाई इसकी उपज की ताकत पूरे तरियां खाग्या भाई लागत बढ़ी पैदावार की कीमत थोड़ी थयाई रै।। पूरी दुनिया मैं देवै जलवायु प्रदूषण दिखाई रै।। 4 विकसित देश कार्बन नाइट्रोजन घणी छोड़ रहे क्लाइमेट चेंज के फैंसले कसूती ढालां तोड़ रहे रणबीर इब जनता नै पड़ै कमर कसनी भाई रै।। पूरी दुनिया मैं देवै जलवायु प्रदूषण दिखाई रै।। 557****** शोषण हमारा देश मैं बदेशी कम्पनी आगी, किसान नै चूट-चूट कै खागी, अमीर हुए घणे अमीर, यो मेरा अनुमान सै।। 1 हमनै पूरे दरवाजे खोल दिये, बदेशियां नै हमले बोल दिये ये टाटा बिड़ला साथ मैं रलगे, उनकै घी के दीवे बलगे, बिगड़ी म्हारी तसबीर, या संकट मैं ज्यान सै।। 2 पहली चोट मारी रूजगार कै, हवालै कर दिये सां बाजार कै गुजरात मैं आग लवाई क्यों, मासूम जनता या जलाई क्यों, गई कड़ै तेरी जमीन, घणा मच्या घमसान सै।। 3 या म्हारी खेती बरबाद करदी, धरती सीलिंग तै आजाद करदी किसे नै भी ख्याल ना दवाई का, भट्ठा बिठा दिया पढ़ाई का, घाली गुरबत की जंजीर, या महिला परेशान सै।। 4 या सल्फाश की गोली सत्यानासी, हर दूजे घर मैं ल्यादे उदासी आठ सौ बीस छोरी छोरा हजार यो, बढ़या हरियाणे मैं अत्याचार यो लिखै साची सै रणबीर, नहीं झूठा बखान सै।। 558***** बैठ्या सोचूं बैठ्या सोचूं खेत के डोलै ईब क्यूकर होवै गुजारा।। ज्वार बाजरा आलू पिटग्या गिहूं धान भी म्हारा।। 1 खूब जतन कर खेत मनै उबड़ खाबड़ संवारे फेर दस मणे तै बीस मणे हुये ज्वार बाजरे म्हारे फेर खाद बीज की कीमतां नै जमा धरती कै मारे फेर पूरे हरियाणा मैं लागे हरित क्रांति के नारे फेर दस पन्दरा बरसां मैं इसका यो फुट्या लागै गुबारा।। 2 धनी किसान जो म्हारे गाम के फायदा खूब उठागे उपर का धन खूब कमाया बालक नौकरी पागे बिन साधन आले मरगे दुखां के बादल छागे म्हारे नेता गाम मैं आकै म्हारी किस्मत माड़ी बतागे सत्संग मैं जावण लागे जिब और ना चाल्या चारा।। 3 सत्संग मैं बढ़िया बात करैं गरीबी पै चुप रैहज्यां सुरग नरक की बहसां मैं ये सींग कसूते फैहज्यां मेरे बरगे रहवैं सोचते जमा बोल चुपाके सैहज्यां जिनकी पांचों घी मैं वे घटिया बोल कई कैहज्यां खेती क्यों तबाह होगी ना भेद खोल बतावैं सारा।। 4 गिहूं पड्या सड़ै गोदामां मैं रणबीर देख्या जान्ता ना इसा हाल क्यों हुया इसका कारण समझ आन्ता ना कहैं फूल फल उपज्याल्यो राह कोए मनै पान्ता ना फल फूल कड़ै बिकैगा या बात कोण बतान्ता ना टिकाउ खेती बचा सकै सै हो किलोई चाहे छारा।। 559******* भरोसा कोण्या किसानों नै भरोसा कोण्या थारे ऊपर मोदी जी।। पन्दरा लाख कोण्या आये याद ना सै बोदी जी ।। 1 संसद मैं रद करने का कानून पास करवा दियो इसके जरूरी कागज सारे तावले से भरवा दियो बार बार जनता भकाकै जड़ अपनी खोदी जी ।। 2 यो तीन दिसम्बर ताहिं किसान मोर्चे नै इंतजार चार दिसम्बर नै मीटिंग मैं आगे की भरै हूंकार क्योंये अम्बानी अडानी बिठाए अपनी गोदी जी।। 3 लिख चिट्ठी छह मांग की थारे धोरै पहोंचा राखी उसका जवाब दिया कोण्या कति चुपी बना राखी थारे कारनामयां नै म्हारै शूल कसूत चुभोदी जी।। 4 मुकदमे हजारों किसानों पै दर्ज करवाये गए सैं आंदोलन तोड़न के घणे हथकंडे अपनाये गये सैं रणबीर यो किसान लड़ैगा गीत नई पिरोदी जी।। 560******* कई सवाल कई सवाल थे उनके जो मोर्चे पै नहीं आ पाये।। कद तक बॉर्डर पै बैठोगे तुम आतंकवादी बताये।। 1 न्यों समझाया करते हमनै होज्यांगे थारे बुरे हाल सरकार तैं कदे ना बुझी म्हारे तैं करे खूब सवाल म्हारे तैं न्यों तै कहया करैं थे सै थारी हिम्मत का कमाल नहीं जवाब सवालों के थे पर रहे संघर्ष मैं पूरे साल ना मानै सरकार थारी ये खूब सवाल उठाये।। 2 किसानों नै बेरा था माड़ी नियत सै सरकारी पर नहीं मोर्चा छोड्या किसान उड़ै पहोंचे हजारों हजारी वापिस जब जावांगे जब तूँ बात मानले म्हारी तीन कानून वापस करो और या एमएसपी रहवै जारी किसे नै जावण की जल्दी ना सबनै बोर्डरों पै डेरे लगाए।। 3 बाबे बीबियाँ न्यू जमगे जिसा खेत मैं बड़ बताया सारे मिलकै रहवैं ना कोये शिकायत करता पाया टेंटों और तम्बू मैं सबनै सोवण का हिसाब बिठाया ट्रॉलियों की ओट मैं न्हाण धोने का जुगाड़ बनाया मींह मैं परांत का छजा बणा रोटी और साग बनाये।। 4 सरकारी जब्र कै आगै म्हारी सब्र की लड़ाई सै किसे बात का डर कोन्या चौगिरदें शांति छाई सै सरकार नै हथकंडे अपना म्हारी एकता तोड़नी चाही सै हथकंडे फेल रणबीर नै टोही जीत की राही सै आधी जीत हुई सै इबै जो आगै कदम बढ़ाए।। 561******* हाट कानूनों की ला कृषि कानूनों की हाट तमनै, चाहे किसान करे बारा बाट तमनै, चाही मूंधी मारी म्हारी खाट तमनै, लिया कमेरयां का कालजा चाट तमनै, बिछाई बोर्डरों ऊपर टाट हमनै, छब्बीस नै साल पूरा हो ज्यावै।। 1 यो शेर बकरी का मेल नहीं, या राजनीति कोये खेल नहीं तम नीति घटिया चाल रहे, तम जनता की इज्जत उछाल रहे , अडानी हर नै क्यों पाल रहे, क्यों लुटवा म्हारा माल रहे, ईबी नहीं कर तम टाल रहे, इब जनता सारी खोल दिखावै।। 2 लोक राज का नारा कड़ै गया, लोक लाज यो थारा कड़ै गया, क्यों करवारे सो मखौल बता, क्यों थारा पाट्या झोल बता, क्यों खुलवाई अपनी पोल बता, क्यों घोले जात के घोल बता , क्यों जनता गैल करी रोल बता, हर कोए आज सवाल उठावै।। 3 खेती का क्यों घास बनाना चाहो, किसानों का नाश कराना चाहो, झूठ भका कै ली म्हारी वोट, किसानों का बताओ के उनका खोट, क्यों काले बिल ल्याकै मारी चोट, क्यों दिए उनके तमनै गल घोट, क्यों खोस रहे सो जनता के रोट, कोण्या किसे की समझ मैं आवै।। 4 कुछ ना साथ मैं जाणा कहते, आड़ै ए हिसाब चुकाणा कहते, जो हां भरकै नै आज नाटैगा , कहते उसका ना कदे पूरा पाटैगा, झूठा वायदा कैसे दुख छांटैगा रणबीर सिंह दिल म्हारे नै डाटैगा, यो बणा रागनी गम नै बांटैगा, तमनै साची बात खोल बतावै।। 562****** म्हारी जूती सिर भी म्हारा बर्बाद करण का ठेका क्यूँ सरकार तनै ठाया।। म्हारी जूती सिर म्हारा खेल समझ नहीं आया।। 1 विकास नाम पै विनाश यो हरियाणे का करया अम्बानी और अडानी उनके गैहनै गाम धरया सड़क फ्लाई ओवर यो टोल प्लाजा सारै छाया।। 2 हरित क्रांति के कारण छोटा हिस्सा धनवान हुया बाकी का गाम सारा यो बहोत घणा परेशान हुया चोये मैं कीटनाशक घुलग्या कहर कसूता ढाया।। 3 गाम शहर के स्कूल सरकारी पढ़ण बिठाये रै ये अस्पताल सरकारी कई जागां खाली पाये रै यो इलाज हुया महंगा धरती बेच बच्चा बचाया।। 4 नौकरी ताहिं टूटें जूती बालक म्हारे रूलगे रै ये सिफ़ारसी पीस्से आले लेकै नौकरी पलगे रै रणबीर बरोने आले नै दिल तैं छंद बनाया ।। 563****** असली चेहरा मोदी का यो असली चेहरा , चौड़े कै मह दिखाई देरया, आज तोड़ खुलासा होग्या रै। 1 नबै की मर आगी या दस की चांदी कर राखी देखो म्हारी खाली करकै गोज अम्बानी की भर राखी देखो किसानी संघर्ष बढ़ता जावै थारी सरकार दबाया चाहवै घणा मोटा रास्सा होग्या रै। 2 डेरे गेर दिए किसानी नै देखो दिल्ली के मैं रास्ते घेर लिए किसानी नै देखो दिल्ली के मैं घणे सब्ज बाग दिखाए भाई लगाकै जोर हम भकाये भाई, घणा तमाशा होग्या रै। 3 अम्बानी तै मुलाहजा थारा जनता और नहीं झेलैगी संघर्ष करैगी मिलजुल कै थारे बिलों नै जरूर पेलैगी हमतो खेत खलिहान बनावां महल अटारी आलीशान बनावां म्हारा जोरका पासा होग्या रै। 4 किसानी संघर्ष आगै बढ़ैगी इतना जान ल्यो रै तीन बिल वापसी की मांग तावले से मान ल्यो रै रणबीर सिंह नै बात बनाई गाम गाम मैं अलख जगाई बेरा सबनै खासा होग्या रै। 564****** हरियाणा तरक्की करग्या रै कई साल पहले लिखी एक रचना********** दुनिया रूक्के देरी हरयाणा घनी तरक्की करग्या रै || सब चीजां के ठाठ लग्गे यो कोठा नाज का भर ग्या रै|| 1 जीरी गिन्हूं कपास अर इंख की खेती बढती जावै सै देश के सुब्याँ मैं नंबर वन यो हरयाणा का आवै सै सड़क पहोंचगी सारै गाम गाम बिजली लसकावै सै छैल गाभरू छोरा इसका लड़न फ़ौज के म्हें जावै सै खेतां के म्हें नया खाद बीज ट्रेक्टर घराटा ठावै सै फरीदाबाद सोनीपत हिसार पिंजौर मील सिटी लावै सै सारे भारत मैं भाइयो इंका सूरज शिखर मैं चढ़ग्या रै || सब चीजां के ठाठ लग्गे यो कोठा नाज का भर ग्या रै|| 2 ये बात तो भाई हर रोज बता बता दिल डाटे जाँ रै जो भी हुआ फायदा बेईमान आपस मैं बांटें जाँ रै भका भका जातां के चौधरी नाड़ म्हारी काँटें जाँ रै अपनी काली करतूतां नै जात के तल्ले ढान्पें जाँ रै बोलै जो उनके खिलाफ वे झूठे केसां मैं फांसे जाँ रै कुछ परवाने भाइयो फिर भी इनके करतब नापें जाँ रै बिन धरती अर दो किल्ले आला ज्यान तैं मरग्या रै || सब चीजां के ठाठ लग्गे यो कोठा नाज का भर ग्या रै|| 3 खम्बे मीटर गाम गाम मैं बिजली के इब तार गए ओवर सीयर एस सी सब कर बंगले अपने त्यार गए चार पहर भी ना बिजली आवै बाट देख देख हार गए बिना जलाएं बिजली के बिल कर कसूती मार गए ट्यूबवेल कोन्या चालै ट्रानस्फोर्मार के जल तार गए पैसे आल्यां के ट्यूबवेल थ्रेशर चल धुआं धार गए गरीबां की गालाँ मै दूना कीचड देखो आज भरग्या रै || सब चीजां के ठाठ लग्गे यो कोठा नाज का भर ग्या रै|| 4 गाम गाम मैं सड़क बनाई फायदा कौन उठावैं सें बस आवै जावै कदे कदे लोग बाट मैं मुंह बावैं सें पैसे आल्यां के छोरट ले मोटर साईकिल धूल उड़ावें सें टरैक्टर ट्राली सवारी ढोवें मुंह मांगे किराये ठहरावै सें सड़क टूटरी जागां जागां साईकिल मैं पंकचर हो ज्यावें सें रोड़ी फ़ोडै पां गरीबां के जो मजबूरी मैं पैदल जावैं सें बस नै रोकें कोन्या रोकें तो भाडा गोज नै कसग्या रै || सब चीजां के ठाठ लग्गे यो कोठा नाज का भर ग्या रै|| 5 बिन खेती आल्यां का गाम मैं मुश्किल रहना होग्या मजदूरी उप्पर चुपचाप दबंगा का जुल्म सहना होग्या चार छः महीने खाली बैठ पेट की गेल्याँ फहना होग्या चीजां के रेट तो बढ़गे प़र पुराने प़र बहना होग्या फालतू मतना मांगो नफे दबंग का नयों कहना होग्या गाम छोड़ शहर पडे आना घर एक तरियां ढहना होग्या भरे नाज के कोठे फेर भी पेट कमर कै मिलग्या रै || सब चीजां के ठाठ लग्गे यो कोठा नाज का भर ग्या रै|| 6 खेती करणिया मैं भी लोगो जात कारगर वार करै एक जागां बिठावै गरीब अमीर नै ना कोए विचार करै किसान चार ठोड बँट लिया कैसे नैया इब पार तिरै ट्रैक्टर आले बिना ट्रैक्टर आल्यां की या लार फिरै इनकी हालत किसी होगी बिलखता यो परिवार फिरै बिना धरती आल्यां का आज नहीं कोए भी एतबार करै जात मैं जमात पैदा होगी बेईमान नै खतरा बधग्या रै || सब चीजां के ठाठ लग्गे यो कोठा नाज का भर ग्या रै|| 7 घन्याँ की धरती लाल स्याही मैं बैंक के महां चढ्गी थी दो लाख मैं बेचे किल्ला चेहरे की लाली सारी झडगी थी चूस चूस कै खून गरीब का अमीर के मुंह लाली बढगी थी कर्जे माफ़ होगे एकब़र तो फेर कीमत धरती की बधगी थी आगे कैसे काम चलैगा रै एक ब़रतो इसतैं सधगी थी आगली पीढ़ी के करैगी म्हारी तै क्यूकरै ए धिकगी थी हँसना गाना भूल गए जिन्दा रहवन का सांसा पड़ग्या रै|| सब चीजां के ठाठ लग्गे यो कोठा नाज का भर ग्या रै|| 8 शहरों का के जिकरा करूँ मानस आप्पा भूल रहया यो आप्पा धापी माच रही आज पैसे के संग झूल रहया यो याद बस आज रिश्वत खोरी जमा नशे मैं टूहल रहया यो इन्सान तै हैवान बनग्या मिलावट में हो मशगूल रहया यो चोरी जारी ठगी बदमाशी के सीख रणबीर उसूल रहया यो इसी तरक्की कै लगे गोली पसीना बह फिजूल रहया यो फेरभी रुके मारे तरक्की के कलम लिखना बंद करग्या रै। सब चीजां के ठाठ लग्गे यो कोठा नाज का भर ग्या रै|| प्रस्तुतकर्ता ranbir dahiya 565***** ठिकाणा पाज्या चारों कांहीं तैं लुट पिट लिया अपणा ठिकाणा पाज्या रै।। जातपात और इलाके ऊपर के थ्याया मनै बताज्या रै।। 1 छोटू राम नै राह दिखाया बोलना ले सीख किसान रै दुश्मन की पहचान करकै तोलना ले सीख किसान रै तीस साल मैं हिरफिर कै कर्जा हट हट कै नै खाज्या रै।। 2 जात गोत इलाके पर किसान कसूते बांट दिए देखो किसान की कमाई लूट लई सबतैं न्यारे छांट दिए देखो आज अन्नदाता क्यों सै भूखा कोए मनै समझाज्या रै।। 3 दो किले धरती बची थी बीस लाख किले के लगवाए धरती गई चालीस लाख फेर तनै वे भी खा पदकाये चकाचौंध मची घणी कसूती आंख जमा चुंधियाज्या रै।। 4 पिस्से आले तेरी कौम के क्यों तनै तड़पता छोड़ गए किमैं दलाल बने ठेकेदार तेरे तैं क्यों नाता तोड़ गए कुलदीप किसान सभा मैं सोच समझ कै इब तो आज्या रै।। फरवरी 2014 566**** फांसी खाने से नहीं बात बनै फांसी खा खा कै ना बात बनै लड़ने का माहौल बनावां रै।। मजबूत किसान सभा बना कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 1 धर्म किसानी जात किसानी किसानां का साँझा मंच बनै रै धुर की लड़ाई लड़नी होगी राज की गेल्याँ खूब तनै रै लालच मैं आकै जो एकता तोडैं उन कान्ही ना कति लखावां रै।। मजबूत किसान सभा बना कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 2 मंजिल खातर मिल बैठ कै मांग पत्र हम त्यार करांगे नहीं मान्या राज पाट तो हम मिलकै सारे जेल भरांगे आत्म हत्या का यो छोड़ रास्ता संघर्ष का बिगुल बजावां रै।। मजबूत किसान सभा बना कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 3 इसमें शक नहीं सै कोए यो म्हारा आष्टा संघर्ष बताया दुश्मन नै बचन की खातर संस्कृति का किला बनाया म्हारे बेटे फ़ौजी जितने उनने सारी बात समझावां रै।। मजबूत किसान सभा बना कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 4 लेकै मजदूर नै गेल्याँ अपनी जन क्रांति की करां त्यारी इसे सिस्टम का खरना बदलां जीनै ज्यान काढ़ ली म्हारी आज की लड़ाई लड़ां मिलकै राज नै जरूर झुकावां रै।। मजबूत किसान सभा बना कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 5 म्हारी कमाई की लूट खसोट खत्म करवाकै मानांगे रै आत्म हत्या नहीं करां निशाना अम्बानी हर पै तानांगे रै कहै रणबीर लेल्यां सम्भाला लड़कै ही तो बच पावां रै || मजबूत किसान सभा बना कै राज कै सांस चढ़ावां रै।। 567***** किसान भकाया क्यूँ आज के दौर में किसानी के संकट के चलते किसान फांसी खा रहे है बोलते हैं तो गोली खानी पड़ रही है। क्या बताया भला-- कृषि और किसान लुटगे अन्न का संकट आया क्यूँ। स्वामीनाथन रिपोर्ट पै यो किसान गया बहकाया क्यूँ । 1 अन्न का दाता मरै भूखा आज किसा जमाना आग्या रै कितै बाढ़ मचावै तबाही कितै सूखा कसूता छाग्या रै देश का पेट भरया उसकै यो फांसी का फंदा लाया क्यूँ स्वामीनाथन रिपोर्ट पै यो किसान गया बहकाया क्यूँ । 2 संकट किस बात का सै बैठ कै सोचना पड़ैगा हमनै मिल जुलकै सोचाँगे रास्ता नया खोजना पड़ैगा हमनै छोटूराम तेरा भोला किसान गया सै आज भकाया क्यूँ स्वामीनाथन रिपोर्ट पै यो किसान गया बहकाया क्यूँ । 3 गोदाम भरे पड़े नाज के फेर भी भूखा मरै कमेरा रै किसान दुखी मजदूर घेरया खुल्ला घूमै सै लुटेरा रै लुटेरयां नै छूट लूट की कमेरा समझ नहीं पाया क्यूँ। स्वामीनाथन रिपोर्ट पै यो किसान गया बहकाया क्यूँ । 4 सोच समझ बढ़ें रणबीर किसान की किसानी बचाणी इसकी खात्तर चाहे होज्यां कितनी ए गोली ये खाणी टिकाऊ खेती का तरीका यो गया नहीं अपनाया क्यूँ । स्वामीनाथन रिपोर्ट पै यो किसान गया बहकाया क्यूँ । 568***** कौन लूटै मेहनत म्हारी किसान मजदूर मिलकै सोचो कोण लुटै मेहनत म्हारी।। किसान फसल उगावै मजदूर बणावै महल अटारी।। 1 उबड़ खाबड़ खेत क्यार किसान की मेहनत नै सँवारे मजदूर सड़क डैम बणाकै पूरे भारत नै चमकारे किसान मजदूर की मेहनत पै मौज करै साहूकारी।। किसान मजदूर मिलकै सोचो कोण लुटै मेहनत म्हारी।। 2 किसान और मजदूर की एकता बख्त की बात बताई जा आज दोनों की एकता भाईयो जात गोत मैं खिंडाई जा न्यारे न्यारे किसान मजदूर नुकसान ठारे घणा भारी।। किसान मजदूर मिलकै सोचो कोण लुटै मेहनत म्हारी।। 3 आज देश आगै बढ़ग्या मेहनत करी मजदूर किसान इनके बालक भूखे फिरते कोन्या न्याकारी यो भगवान आज काम करनिये रूलगे भाई या पिटगी ईमानदारी ।। किसान मजदूर मिलकै सोचो कोण लुटै मेहनत म्हारी।। 4 सिस्टम लूट पाट का होग्या नीति खड़ी विरोध म्हारे मैं इस लूट का तोड़ बताया किसान मजदूर के भाईचारे मैं सोच समझ कै रणबीर की कलम दोनों का एका चाहरी।। किसान मजदूर मिलकै सोचो कोण लुटै मेहनत म्हारी।। 569***** पहल्यां आली समों पहल्यां आली समों रही ना बख्त घणे कसूते आये।। किसानी तबाह करण नै ये तीन काले कानून बनाये।। 1 आज किसान पिटण लागरे काल छोटा व्यापारी पिटैगा रै मध्यम वर्ग पै भी असर किसानी संकट का पड़ेगा रै किसानी संकट पूरे समाज का देश मैं काले बादल छाये।। किसानी तबाह करण नै ये तीन काले कानून बनाये।। 2 शहर मैं बेरोजगारों की या लाइन लांबी होज्यागी गामां मैं बढ़ै बेरोजगारी बीज बिघन के बोज्यागी छोटे दुकानदार आम जनता छोटे व्यापारी घलैं बताये।। किसानी तबाह करण नै ये तीन काले कानून बनाये।। 3 किसान नै कानून आबाद करैं सारे कै यो करया प्रचार असल मैं आजादी अम्बानी की क्युकरै गेरै जनता पै मार किसानी संकट और बढ़ैगा विद्वानां नै कानून खोल दिखाये।। किसानी तबाह करण नै ये तीन काले कानून बनाये।। 4 करार कानून के तहत अम्बानी हर खेती करैंगे रै चार पांच सौ किल्यां के देश मैं फेर फार्म बनैंगे रै रणबीर बरोणे आले नै सोच समझ कै ये छंद बनाये।। किसानी तबाह करण नै ये तीन काले कानून बनाये।। 570 ***** हरित क्रांति नया बीज और खाद नया सोच समझ तनै अपनाया हरित क्रांति का बन अगुआ नंबर वन पै पहोंचाया बैल की खेती छोड़ तनै ट्रेक्टर की खेती अपनाई रै हल और राछ बाछ पुराने सबतें ही पिंड छटवाई रै बिजली बहोत घनी भाई रै दीवा कून मैं तनै बगाया || लाल दामन काली चुन्दडी आज देखण नै बी तरसाए कदे कदाउ खंडवा धोती ये नए नए फैशन अपनाये लेंटर आले मकान बनवाये देशी तैं अंगरेजी पै आया || छुआ छूत की आदत ना बदली नहीं समझ मैं आई रै जात पात की कट्टरता दूनी कोली भर छाती कै लाई रै महिला भ्रूण हत्या बढ़ाई रै दुनिया मैं नाक कटवाया || बहोत सी चीजां मैं विवेक तेरा घणा आगे निकल गया जात पात और गोत नात पै बावले क्यों बीचल गया विवेक पर तैं क्यों फिसल गया रणबीर बी घबराया || 571****** रास्ता बिना लड़ाई कोण्या चारों कान्हीं तैं खावण लागरे बची इब कति समाई कोण्या।। कमेरयां की कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 1 कुर्बान होज्यांगे पर झुकां नही नयूं मिलकै कसम खाई किसानी संघर्ष की आवाज आज पूरे देश मैं पहूंचाई काले कानून मंजूर नहीं हम होण देवैं तबाही कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 2 लूटैं बनकै म्हारे हितेषी इब आंख आज म्हारी खुलगी तीन काले कानूनों मैं मजदूर भी लुटैंगे या तस्वीर मिलगी कहते कानून थारे भले मैं हमनै पाई वा भलाई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 3 किसान मजदूर की कमाई पै अडानी अम्बानी ऐश करैं म्हारे बालक सल्फास खाकै ये बिन आयी इब मौत मरैं खावैं हमनै दीमक की ढालां चाहते म्हारी भलाई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 4 किसान आंदोलन मजदूर एकता जबरदस्त तैयार होगी कितणी ए लाठी गोली चलाओ ताकतवर एकता हरबार होगी रणबीर बरोणे आले की रहै पाछै आज कविताई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 572***** केरल की लहर खेती नै बचावैगी जो, रोटी बी दिलावैगी जो, देश नै बचावैगी जो, केरल मैं इसी लहर उठगी भाइयो।। 1 अडानी अम्बानी खेल बनारे, केंद्र सरकार की रेल बनारे , बंगाल मैं हारी बुरी ढाल,तमिलनाडु नै तारी खाल, केंद्र सरकार हुई बेहाल, इसकी काट बिछगी सै भाइयो।। 2 जिब ये रोटी दे नहीं पाये रै ये मंदिर नै हटकै लियाये रै, जात पै हम बांटे चाहे, धर्म पै खूब काटे चाहे, मन ये करे खाटे चाहे , या जनता समझगी सै भाइयो।। 3 कारपोरेट की दया पै छोड़ दिये, म्हारे तैं नाते जमा तोड़ लिए किसान आंदोलन साथ हुया, सहारा दिन रात हुया, मजदूर का भी हाथ हुया, आस म्हारी बढ़गी सै भाइयो।। 4 किसान संघर्ष आगै बढैगा रै , अडानी अम्बानी यो पिटैगा रै, रणबीर नै करी कविताई, तुरत आज रागनी बनाई, चुनल्यां एके की राही सरकार इब फंसगी सै भाइयो।। 573****** फांसी कोये इलाज नहीं फांसी कोई इलाज नहीं हँसता हमपै यो लुटेरा मर्ज समझल्याँ एक बै तो दूर नहीं यो सबेरा 1 ट्रेक्टर की बाही मारै ट्यूबवैल का रेट सतावै थ्रेशर की कढ़ाई मारै भा फसल का ना थ्यावै फल सब्जी ढूध सीत सब ढोलां मैं घल ज्यावै माटी गेल्याँ माटी होकै बी सुख का साँस ना आवै बैंक मैं सारी धरती जाली दीख्या चारों कूट अँधेरा मर्ज समझल्याँ एक बै तो दूर नहीं यो सबेरा 2 निहाले पै रमलू तीन रूपया सैकड़े पै ल्यावै वो साँझ नै रमलू धोरे दारू पीवन नै आवै निहाला कर्ज की दाब मैं बदफेली करना चाहवै विरोध करया तो रोज पीस्याँ की दाब लगावै बैंक अल्यां की जीप का बी रोजाना लग्या फेरा मर्ज समझल्याँ एक बै तो दूर नहीं यो सबेरा 3 बेटा बिन ब्याह हाँडै सै घर मैं बैठी बेटी कंवारी रमली रमलू नयों बतलाये मुशीबत कट्ठी होगी सारी खाद बीज नकली मिलते होगी ख़त्म सब्सिडी म्हारी माँ टी बी की बीमार होगी बाबू कै दमे की बीमारी रौशनी कितै दीखती कोन्या घर मैं टोटे का डेरा मर्ज समझल्याँ एक बै तो दूर नहीं यो सबेरा 4 माँ अर बाबू म्हारे नै यो जहर धुर की नींद सवाग्या माहरे घर का जो हाल हुआ वो सबके साहमी आग्या जहर क्यूं खाया उनने यो सवाल कचौट कै खाग्या म्हारी कष्ट कमाई उप्पर कोए दूजा दा क्यों लाग्या कर्जा बढ़ता गया म्हारा मरग्या रणबीर सिंह कमेरा मर्ज समझल्याँ एक बै तो दूर नहीं यो सबेरा 574****** विश्वास घात दिवस *किसान वादा खिलाफी पै विश्वासघात दिवस मनावै रै ।।* *इकतीस जनवरी नै यो इस सोई सरकार नै चेतावै रै।।* 1 सिंघु बॉर्डर पै किसान मोर्चे की मीटिंग हुई बताई रै भविष्य की दिशा और काम इस पर बहस कराई रै *कुछ जरूरी करें सैं फैसले चुनाव मोर्चा नहीं लड़ावै रै ।।* इकतीस जनवरी नै यो इस सोई सरकार नै चेतावै रै।। 2 नौ दिसंबर का समझौता है मोदी सरकार भूल गई केस वापसी नहीं हुई बात या पकड़ फेर तूल गई *शहीद किसानों का मुआवजा लागै मोदी नहीं दिलावै रै।।* इकतीस जनवरी नै यो इस सोई सरकार नै चेतावै रै।। 3 लखीमपुर खीरी हत्याकांड पै बीजेपी बेशर्मी दिखाई सै पक्का मोर्चा जावै लगाया कर फैसला एकता जताई सै *मिशन उत्तर प्रदेश रहै जारी किसान पूरा हांगा लगावै रै।।* इकतीस जनवरी नै यो इस सोई सरकार नै चेतावै रै।। 4 एमएसपी पर भी कमेटी इब तलक बनाई कोण्या कसूता धोखा देग्या रै मोदी कति शर्म आई कोण्या *किसान मजदूर कट्ठा रणबीर सडकों पै रोष जतावै रै ।।* इकतीस जनवरी नै यो इस सोई सरकार नै चेतावै रै।। 575***** विश्वास घात विश्वासघात कर किसानों गेल्याँ दिखाई अपनी चाल, देखियो के होगा।। 1 म्हारे खेत उजाड़ दिए और किसान मार दिया धरती कै बिकवा खिड़की किवाड़ दिए दिवाला पिटग्या सरती कै किसान छोड्डे ना किसे दीन के अम्बानी हर करे मालामाल , देखियो के होगा ।। विश्वासघात कर किसानों गेल्याँ दिखाई अपनी चाल, देखियो के होगा।। 2 कमा कमा खेताँ मैं मर लिए लूट कै पेप्सी कोला लेग्या पलंग निवारी देऊंगा कैहकै खोस म्हारा खटोला लेग्या दो किल्ले आला जकड दिया बिछाकै चौगिरदें जाल, देखियो के होगा ।। विश्वासघात कर किसानों गेल्याँ दिखाई अपनी चाल, देखियो के होगा।। 3 या थारी सरकार पसार रही अमरीका आगै झोली रै इसे चश्में चढ़ाये अमरीका नै ना दीखै उसकी रोली रै अमरीका के भरै हुंकारे ना किसान मजदूर का ख्याल, देखियो के होगा।। विश्वासघात कर किसानों गेल्याँ दिखाई अपनी चाल, देखियो के होगा।। 4 ना केस वापसी ऊपर तैं महंगाई का हमला भारी सै कपास पीटी धान पीट दिया गिंहूँ पिटण की बारी सै रणबीर थामनै गोड्डे टेक दिए कारपोरेट के बणे दलाल, देखियो के होगा ।। विश्वासघात कर किसानों गेल्याँ दिखाई अपनी चाल, देखियो के होगा।। 576**** मोर्चा जबर बनाया देश भर के किसानों नै आज यो मोर्चा जबर बनाया।। अपणी मांग मणवावण नै सारे कै अलख जगाया।। 1. तीन सौ तीस किसान संगठन एक मंच पर आये भारतीय किसान संघर्ष समिति ये आज बणा पाये वर्किंग ग्रूप बनाया सै कन्वीनर वी एम सिंह बनाये बणा कै मजबूत मोर्चा किसान एकता के नारे लाये मिल जुल कै इन सबनै संघर्ष का बिगुल बजाया।। अपणी मांग मणवावण नै सारे कै अलख जगाया।। 2. समन्वय समिति प्रदेशां मैं सारे कै जावैगी बणाई छह जुलाई तैं लेकै नै दो अक्तुबर तारीख बताई जन जागरण अभियान की जावैगी लौ खूब जलाई मंदसौर चम्पारण तक पहोंचै या जागरण की गरमाई इस फैंसले पै सबनै कठ्ठे होकै नै मोहर लगाया।। अपणी मांग मणवावण नै सारे कै अलख जगाया।। 3. स्वामिनाथन रिपोर्ट लागू हो जागी या मांग उठाई रै फल सब्जी पै लागत तैं कीमत डेढ़ गुणा जा लाई रै इस भाव पै खरीद की भी गारंटी जावैगी कराई रै किसानों के कर्ज माफ हों इसपै सहमति बनाई रै कृषि लागत कम करने का मामला भी जावैगा ठाया।। अपणी मांग मणवावण नै सारे कै अलख जगाया।। 4. पशु व्यापार पै रोक नै तुरत फुरत खत्म करावां भूमि अधिग्रहण कानून संसद मैं तैं वापिस ल्यावां साठ साल पाछै पैंशन पांच हजार सबकी चाहवां मनरेगा की फंड कटौती नै वापस करवाकै आवां कहै रणबीर सिंह चाहूं कदम तैं कदम मिलाना।। अपणी मांग मणवावण नै सारे कै अलख जगाया।। 577**** इब तो जागज्या इब तो जागज्या किसान, देख हमनै कौण लूट रहया।। 1 दिन और रात काम करैं, फेर भी मुश्किल पेट भरैं करैं मौज यहां धनवान, तूँ पाणी से रोटी घूंट रहया।। इब तो--- 2 ये पंडे और पुजारी लूटैं, ये अमरीकी ब्योपारी लूटैं लुटैं क्यों हम भगवान, यो अमरीका खागड़ छूट रहया।। इब तो....... 3 बिजली चमकै पाला पड़ता, तूँ पाणी के भीतर बड़ता लड़ता सरहद पै जवान, वो चांदी महलां मैं कूट रहया।। इब तो ..... 4 धनवानों के महल अटारी, खोस लेज्यां मेहनत म्हारी उतारी म्हारे घर की छान, बांस ऊँका बीच तैं टूट रहया।। इब तो.... 5 जब जब ठाये हमनै झंडे, पुलिस के खाये गोली डंडे बनादें मरघट का शमशान, घाल कमेरयां भित्तर फूट रहया।। इब तो..... 6 आज इंसान करया लाचार, नाव फंसी बीच मंझदार हरबार लड़ावै यो बेईमान, म्हारा सब किमै यो चूट रहया।। इब तो.... 7 सुन रणबीर सिंह का गाणा, रोवै बूढ़ा और याणा स्याणा बताणा करे दारू नै गलतान , भाइयो बोल ना झूठ रहया।। इब तो .... 578***** दुभान्त किसान के साथ देश आजाद हुया था सैंतालीस मैं साल चुहत्तर बीत गये। उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।। 1 धनवानां के बिल्ली कुत्ते म्हारे तै बढ़िया जीवन गुजारैं वे बिना भोजन कुपोषण होग्या म्हारै खाखा घणे डकारैं वे हमनै कैह कै नीच पुकारैं वे घणी माड़ी चला रीत गये।। उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।। 2 जमीन आसमान का अन्तर यो किसनै म्हारे बीच बणाया खेत कमावां सारी उमर फेर बी सांस नहीं उलगा आया सोच-सोच कै सिर चकराया वे क्यूकर पाला जीतगये।। उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।। 3 तरक्की करी हरियाणे मैं अपणा खून पसीना बाहकै हे उपर ले तो फायदा ठागे हम बाट देखते मुंह बाकै हे देखे चारों कान्ही धक्के खाकै हे मिल असली मीत गये।। उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।। 4 जो तानाशाह हिंदुस्तान के उनतै आज सवाल म्हारा हे गरीब क्यों घणा गरीब होग्या अमीर का भरग्या भंडारा हे असली लाल किसान प्यारा हे रणबीर बणा ये गीत गये।। उनके बांटै दूध मलाई म्हारे करमां मैं बता सीत गये।। 579***** दमन विरोधी दिवस 24 फरवरी गणतंत्र बचाओ दिवस(दमन विरोधी दिवस) देश के जनतंत्र पै खतरा देखो घणा कसूता आया।। घणे हुये कुर्बान देस पै जिब आजादी का राह पाया।। 1 आबादी बधी दोगणी पर नाज चौगुणा पैदा करया पचास मैं थी जो हालत उसमैं बताओ के जोड़ धरया बिना पढ़ाई दवाई खजाना सरकारी हमनै रोज भरया ईमानदारी की करी कमाई फेर किसान नै कड़े सरया भ्रष्टाचार बेइमानी नै क्यों सतरंगा जाल बिछाया।। घणे हुये कुर्बान देस पै जिब आजादी का राह पाया।। 2 फासीवादी तौर तरीके राज के आज देखण मैं आये विरोध करैं उनपै देशद्रोह के मुकद्दमे जाते रोज बनवाये जात पात पै बांटण के इणनैं तीर तुक्के खूब चलाये तीन मिहने होगे किसानों नै राज कै रोज सांस चढ़ाये *डटे हुए सैं बोर्डरां ऊपर कोण्या पाछे नै कदम हटाया।।* घणे हुये कुर्बान देस पै जिब आजादी का राह पाया।। 3 यो दिन देखण नै के भगत सिंह नै फांसी पाई थी यो दिन देखण नै के सुभाष बोस नै फौज बनाई थी यो दिन देखण नै के गांधी बापू नै गोली खाई थी यो दिन देखण नै के अम्बेडकर ने संविधान बनाई थी *नये-नये जुमले सुणकै यो सबका सिर चकराया।।* घणे हुये कुर्बान देस पै जिब आजादी का राह पाया।। 4 जनतंत्र बचाओ दिवस पै कसम लेवां इसनै बचावैंगे भगत सिंह हर के राह पै जोर लाकै हम कदम बढ़ावैंगे किसान आंदोलन के बारे मैं घर-घर अलख जगावैंगे काले कानून वापिस होज्यां मिलकै नै हांगा लावैंगे *रणबीर सिंह मिलकै सोचां गया बख्त किसकै थ्याया।।* घणे हुये कुर्बान देस पै जिब आजादी का राह पाया।। 580***** किसानों के सपने का देश हरया भरया समाणा हो , जित सेहत मंद खाना हो, खत्म जात पात का बाणा हो, यो किसानों का सपना रै।। 1 आर्थिक आधार तरक्की के इनतै आगै जाणा होगा सामाजिक आधार बिगड़गे इनको ठीक बनाना होगा सबनै बढ़िया पढ़ाई मिलै, सबनै बढ़िया दवाई मिलै सबनै बढ़िया कमाई मिलै, यो किसानों का सपना रै हरया भरया समाणा हो, जित सेहत मंद खाना हो खत्म जात पात का बाणा हो, यो किसानों का सपना रै 2 भाई तैं भाई का प्यार यो परवान चढै हरियाणा मैं महिला नै सम्मान मिलै या आगै बढ़ै हरियाणा मैं किसान खुशहाल होवै रै, मजदूर ना बेगार ढोवै रै उद्योग ना रफ्तार खोवै रै, यो किसानों का सपना रै हरया भरया समाणा हो , जित सेहत मंद खाना हो, खत्म जात पात का बाणा हो, यो किसानों का सपना रै 3 घरां कै ताले ना लावै कोए इस समाज हो म्हारा देखो इज्जत के नाम पै ना मारैं इस रिवाज हो म्हारा देखो म्हारा रिश्ता भाण भाई का , म्हारा तरीका ब्याह सगाई का, ना बणै कारण रुसवाई का, यो किसानों का सपना रै हरया भरया समाणा हो , जित सेहतमंद यो खाना हो, खत्म जात पात का बाणा हो, यो किसानों का सपना रै 4 अमीर गरीब की दूरी भाण भाईयो कम करनी होगी प्रगतिशील समाज की नींव आज मिलकै धरनी होगी आसान यो काम अधूरा कोण्या , कर सकै अकेला जमूरा कोण्या, थारे म्हारे बिन हो पूरा कोण्या, यो किसानों का सपना रै हरया भरया समाणा हो , जित सेहतमंद यो खाना हो, खत्म जात पात का बाणा हो, यो किसानों का सपना रै 581**** 2022 का साल *आज नया साल शुरू होग्या इसमैं नया हिंदुस्तान के चाहवै सै।।* *किसानी संघर्ष जीत्या पाछले मैं जिकरा सुणण मैं आवै सै।।* 1 आंदोलन कारी किसानों को म्हारा सै क्रांतिकारी सलाम भाई जो किसान म्हारे शहीद होगे *इतिहास मैं होग्या नाम भाई आज देश किसानी संघर्ष का जीत उत्सव मनावै सै।* 2 देश मैं इंसानियत हटकै उभरै हम इस साल मैं हाँगा लावांगे म्हारा प्रजातंत्र फेर हुँकार भरै मिलकै संविधान बचावांगे *इस लड़ाई का राह हमनै यो किसानी संघर्ष सही दिखावै सै।* 3 कदर जनता की आवाज की हटकै आवै म्हारे हिंदुस्तान मैं इज्जत होवै गरीब कमेंरे की होज्या शांति पूरे ही जहान मैं *हो गजब का भारत म्हारा जनता इंकलाब का नारा लावै सै।* 4 इस साल मैं ईसा माहौल बनै इंसान नै पूरा सम्मान मिलै कहै रणबीर नहीं लुटैं कमेरे उन सबका हट कै चेहरा खिलै *संयुक्त किसान मोर्चे की जीत नए समाज की राह बतावै सै।* 582***** किसान का रामजी को सम्बोधन सबकी कथा सुनै रामजी मेरी बीती तूँ सुणले ।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले ।। 1 रोज खेत कमाऊं हाड तोड़कै क्यों दुखड़ा काल करै या गर्मी शर्दी घाम खेत मैं खड़्या नया बबाल करै नहीं इब तलक तनै बिचारया मारण का मत हाल करै इब खोल बतादे सारी किस तरियां मनै कंगाल करै सवा पांच का प्रसाद चढ़ाऊँ मेरी भी तूँ सुधले ।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले ।। 2 मेहरबानी दूजी तरफ तेरी लोग खूब मौज उड़ावैं कमाई में करण लागरया लूट वे जालिम ले ज्यावैं मेरे पै काम तीस का करवाकै देकै आठ बहकावैं पूंजी बनाकै मेहनत मेरी मनै डाकू चोर ठहरावैं तूँ हिम्मात करै झूठ की बजा उसकी धुनले।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले ।। 3 सस्ता लेकै महंगा देवैं नीति इसी चाल रहे सैं देदे कै करज दाब लिया बिछा मेरे पै जाल रहे सैं सारी धरती गहनै धरली बिकवा घर का माल रहे सैं बतावैं इसमैं तेरी महिमा सब तरियां कर काल रहे सैं भरोसे की इमारत ढह ली इसनै हट कै नै चिणले।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले।। 4 कहैं तेरे हुक्म बिना तो एक पत्ता तक ना हिलता सारी चीज तों बनावै मेरा हिस्सा क्यों ना मिलता न्याकारी किसा सै तूँ मेरे बगीचे फूल ना खिलता खुद मनै बतादे क्यों बेइमानां का राज ना गिरता जड़ दीख ली तेरी रामजी किसाए जाल तूँ बुणले।। दूध का दूध पाणी का पाणी हंस बनकै तूँ चुणले।। 583*** महंगाई या महंगाई मारै , रूप कसूते धारै , जमा खाल नै तारै , मुश्किल पार पड़ै म्हारी।। 1 ट्रैक्टर की बाही रपीये तीस तैं आज चढगी एक सौ बीस पै ट्यूबवैल की सिंचाई , थ्रेशर की कढ़ाई, मन्डी की लुटाई, इणनै करी मुशीबत भारी।। 2 गोहाने तैं रोहतक का बस भाड़ा पचास साल मैं करया सै कबाड़ा पाट्या कूड़ता म्हारा, दुख होग्या भारया, पाया ना किनारा, म्हारी होगी तबियत खारी।। 3 बजट तैं पहलमै क्यों भा बढ़ाये जनता कै खूब पसीने लिवाये डीजल माट्टी तेल , महंगी करदी रेल, मचाई धक्का पेल,घणी दुखी हुई सवारी।। 4 कई गुणा महंगी हुई दवाई बिना डोनेशन ना बची पढ़ाई यो टीचर दुखी ना छात्र सुखी, संकट चहूँ मुखी, रणबीर की कलम पुकारी।। 584**** किसानों की सम्भाल बिना बिना वायदों का ख्याल करें, बिना किसानों की संभाल करें, बिना मांग पूरी तत्काल करें, कै दिन यो राज चलै थारा।।(टेक) 1 एक साल तैं फालतू बार्डरों पै हमनै डेरे लगाए मोदी तमनै एकता तोड़ण खातर कसूते तीर चलाये मोदी अपना वायदा ना पुगाया क्यों, म्हारा तनै मजाक बनाया क्यों, समझौता पढण बिठाया क्यों, कै दिन यो राज चलै थारा।। 2 समझौते के वायदे जितने सारे ही थाम भूल गए शहीद किसानों की बेक़दरी न्यों पकड़ मामले तूल गए विश्वासघात दिन आज मनाया, हर जिले मैं आज रोष जताया पुतला थारा सारै आज जलाया कै दिन यो राज चलै थारा।। 3 सारे देश नै बेचन लागरे देखकै बाकी जनता साथ आई बिजली रेल सब किमैं बेच्या थामनै बेचे जहाज हवाई जात पात पै चाहवै लड़ाया किसान की समझ मैं आया मजदूर गेल्याँ हाथ मिलाया कै दिन यो राज चलै थारा।। 4 किसान वंचित दलित सारे मारे महंगाई बेरोजगारी नै थारे राज नै मनुवाद बढ़ाया लोग फँसाये मारा मारी मैं यो अडानी क्यों तनै भावै सै, इसकी खुलकै मेर कटावै सै, रणबीर ना झूठ बहकावै सै, कै दिन यो राज चलै थारा।। 585**** यो किसान आंदोलन छाग्या यो किसान आंदोलन छाग्या, देखो दिल्ली तक आग्या, इसनै सही रास्ता पाग्या, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 1 सरकार पूरा खेल खेलैगी सारे हथकंडे अपनावैगी किसानी आंदोलन कै तोहमद कई ढाल की लगावैगी कहे किसान पाकिस्तानी, हुई किसानों को हैरानी,जवाब देवण की ठानी, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 2 किसान हितैषी बिल बताकै सरेआम झूठ बोल रही अम्बानी अडानी की खातिर कृषि दरवाजे खोल रही आज समझ गया किसान, संघर्ष का किया एलान,घेरली दिल्ली आज आण, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 3 कोरोना का बाहणा करकै संघर्ष दबाना चाहवै सै खुद के चुनाव भजन करै उड़ै कोरोना नहीं आवै सै फूट गेरण की प्लान सै समझ गया ईब किसान सै, लगाया यो सही उन्मान सै संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 4 बिल वापिस लेने पड़ेंगे संघर्ष की दाब बढ़ती जावै नहीं लिए वापिस बिल तै सरकार कै सांस चढ़ती पावै साथ देवांगे मिलकै कमेरे, हारेंगे फेर ये जरूर लुटेरे,रणबीर साथ आये भतेरे, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 586**** 586**** किसानी संघर्ष जीत गया किसानी संघर्ष जीत गया किसानी संघर्ष जीत गया, लवा शाबाशी की फ़ीत गया, यो निभा पुरानी रीत गया, दुनिया मैं इतिहास बनाया ।। 1 किसान एकता तोड़ी चाही जनता मंदिर पै जोड़ी चाही, जात पै हम बांटे चाहे, धर्म पै खूब काटे चाहे, मन ये करे खाटे चाहे , किसान ना गया भकाया।। 2 यो किसान संघर्ष का उपहार उपचुनावों मैं हरा दई सरकार बंगाल मैं हारी बुरी ढाल,तमिलनाडु नै तारी खाल, केंद्र सरकार हुई बेहाल, इब यूपी का नम्बर आया ।। 3 हार कै मोदी ने एलान किया कानून वापस का वचन दिया पूरे देश मैं खुशी छाई, मोर्चे नै या शर्त लगाई, पूरी करो कागजी कार्यवाही , जब सोचै अगला कदम उठाया ।। 4 यो संघर्ष नया राह दिखाग्या , लाम्बे संघर्ष की राह बिछाग्या, रणबीर नै करी कविताई, तुरत आज रागनी बनाई, चुनल्यां एके की राही, जिसनै यो तानाशाह हराया।। 587 एक साल का संघर्ष एक साल के संघर्ष नै आज अपना रंग दिखाया रै।। कानूनों की वापसी करांगे मोदी टीवी पै फरमाया रै।। 1 साढ़े तीन सौ किसान संगठन एक मंच उप्पर आए आपस मैं खूब विचार करकै ये मांग पत्र बना पाए संयुक्त किसान मोर्चा बना किसान एकता के नारे लाये सहज सहज दिल्ली घेरी बोर्डरों पै अपने डेरे जमाये लालकिले ताहिं पहुँच गए सरकार नै जुल्म ढाया रै।। 2 किसान मोर्चे नै घूम घूमकै संघर्ष का मकसद बताया इस पूरे एक साल मैं अहिंसा आंदोलन सारे कै चलाया टिकरी सिंघु गाजीपुर शाहजहांपुर बोर्डरों पै मोर्चा जमाया तीन काले कानून वापिस हों सरकार नै मीटिंगों मैं बुलाया आठ दस मीटिंग होई फेर सरकार नै हरबार भरमाया कई जगहों पै किसानों पै लाठी चार्ज करवाया रै।। 3 आंदोलन तोड़ण की खातिर सरकार नै हथकंडे कई अपनाए जात धर्म का जहर फैलाकै किसान एकता ना तोड़ पाए पुलिस ज्यादती दूजे भय के तीर सोच समझ कै चलवाये लखीमपुर मैं गाड्डी चढ़वाकै कई किसान मार गिराये इन ओछे हथकंडयों को सोच समझ कै निपटाया रै।। 4 किसान डटरे बोर्डरों उप्पर साढ़े छह सौ नै दी कुर्बानी छब्बीस पाछै किसानों नै संसद कूच करण की ठानी संघर्ष की दाब मैं मोदी नै रणबीर गलती टीवी पै मानी तीन कानून वापसी करैगी सरकार करग्या बात जुबानी कागज पै आवै सब कुछ मोर्चे नै आज फैंसला सुनाया रै।।