लिंग भेद
तर्ज:चौकलिया
स्त्री पुरुष की दुनिया मैं स्त्री नीची बताई समाज नै।
फरज और अधिकारां की तसबीर बनाई समाज नै।।
1
शादी पाछै पति गेल्यां सम्बन्ध बणाणे का अधिकार
ब्याह पाछै मां बणैगी नहीं तो मान्या जा व्याभिचार
पुरुष चौगरदें घुमा दियो यो नारी का पूरा संसार
मां बेटी बहू सास का रच दिया घर और परिवार
एक इन्सान हो सै महिला या बात छिपाई समाज नै।।
फरज और अधिकारां की तसबीर बनाई समाज नै।।
2
परिवार का दुनियां मैं पुरुष मुखिया बणाया आज
सारे फैंसले वोहे करैगा पक्का फैंसला सुणाया आज
धन धरती सारी उसकी कसूता जाल बिछाया आज
चिराग नहीं छोटी वंश की छोरा चिराग बताया आज
संबंधा की छूट उसनै या रिवाज चलाई समाज नै।।
फरज और अधिकारां की तसबीर बनाई समाज नै।।
3
पफर्ज औरत के बताये घर के सारे काम करैगी या
बेटा पैदा करै जरूरी घर का रोशन नाम करैगी या
औरत पति देव की सेवा सुबह और श्याम करैगी या
सारे रीति रिवाज निभावै बाणे कति तमाम करैगी या
बूढ़े और बीमारां की सेवा जिम्मे लगाई समाज नै।।
फरज और अधिकारां की तसबीर बनाई समाज नै।।
4
पुरुष परिवार का पेट पालै उसका फर्ज बताया यो
महिला नै सुरक्षा देवैगा उसकै जिम्मे लगाया यो
दुभांत का आच्छी तरियां रणबीर जाल बिछाया यो
फर्ज का मुखौटा ला कै औरत को गया दबाया यो
बीर हर तरियां सवाई हो या घणी दबाई समाज नै।।
फरज और अधिकारां की तसबीर बनाई समाज नै।।
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