Saturday, 4 November 2023

7 रागनी

 

1

सरतो की दास्तान 

बेरोजगार बेटी की जिंदगानी दुखी घणी संसार मैं

बेटा मेरा फिरै सै भरमता नौकरी की इंतजार मैं

1

म्हारी गेल्याँ के बनरी होन्ती 

घरां बाहर जुल्म नारी पै जड़ बिघणां की बताई हे

शरीर पै नजर गड़ाई हे इस पुरुषवादी संसार मैं

2

बिना नौकरी पति पत्नी उल्टे काम पड़ें करने हे

घर आले मारैं तान्ने कानां होज्यां डाटे भरने हे

ये सूकगे बहते झरने हे आपस की तकरार मैं

3

म्हारी गेल्याँ भुंडी बणै किसे नै बता नहीं पावां

गरीबी की या मार कसूती चुपचाप सहते जावां


दिन रात ज्यान खपावां ना हो खबर अखबार मैं

4

घणे दुखी सां ब्याह पाछै हम दोनूं घर के धौरी 

बिना काम बैठे सैं ठाली आज घणी दुर्गति होरी 

दोनूं दुखी छोरे छोरी रणबीर सरतो के परिवार मैं


2

बनकै मंत्री फेर तनै वारे के न्यारे कर लिए

लेकै सहारा मक्कारी का दौलत तैं घर भर लिए

1

नशा हिंसा सैक्स फैला मिनिस्टर बण्या अनीति तैं

दंगा कपट का छोंक लगा आगै बढ़या कुरीति तैं

खुदगर्जी बेईमानी पाली बाकि काम करे  भुभूति तैं

झूठी तोहमद लगाकै  सबक सिखाये तनै प्रीति तैं

और जुगाड़ करे भतेरे के इतने मैं ए सर लिए।।

2

रिश्वत लेकै पीसा बनाया करी सारे जगत  बड़ाई

लालच मिशन होग्या फेर पाप की फली कमाई

चोरी जारी जुआ जामनी भ्रष्टाचार की टोहकै राही

पीछै मुड़कै नहीं लखाया चाहे कितनी होई खिंचाई

आछ भूंड मनचाही छिपकै फेर सन्दक कर लिए।।

3

जमा रहवै ना ऐस बिना बिना तृष्णा के दुःख पावै 

बिना दारू ऐस होवै ना बिन औरत ना दारू भावै

नशा करण तैं शान बढ़ै दिल भोगों पर ललचावै

भोग फेर और भोग यो नित नया भोग तूँ चाहवै

कार बदेशी तेरे बंगले नै सबके दिल हर लिए।।

4

पीसा दिखा रूतबा बढ़ाया वाह वाही सबकी लूटै

कमीशन खोरी के दमपै चमच्यां के नाम ठेका छूटै

नेता अफसर पुलिस की तिग्गी बीच बाजार मैं चूटै

कई ढाल की शराब तैं बनी कॉकटेल रोजाना घूंटै

मजबूत तेरा खूँटा हिला हिला माणस मर लिए।।

5

झूठ तेरी शाख बढ़ावै रणबीर बदमाश तैं सै यारी

दगाबाजी खूब सीखली बनकै नै कसूत खिलारी

ज़ी हजूरों की लार लगी सै यो रूतबा तेरा भारी

चुगल खोरी तनै भावै टहल बजावै तेरी महतारी 

बदेशी ऐस होसै डेरे अब अमरीका मैं गेरै लिए ।।


3

अक्टूबर क्रांति नै दुनिया मैं न्यारा रच्या इतिहास कहैं।।

मजदूर और किसानों का पहला राज बण्या खास कहैं।

1

या जनता भूखी  कई बरस तैं घणा दुःख पारी बताई

दुकानां पै ताजी सब्जी रोटी भूखे लोगों नै दी दिखाई

बाजारों मैं लूट माचगी ज्यां उड़ै सेना गयी थी बुलाई

एक हफ्ते ताहिं लोगों नै पैट्रोग्रेड मैं करी थी घुमाई

सेना नाटी गोली चलाने तैं जनता की बढ़ी आस कहैं।।

मजदूर और किसानों का पहला राज बण्या खास कहैं।

2

पहली क्रांति फरवरी मार्च मैं यो राजशाह गया हटाया

फेर अस्थायी सरकार बणी थोड़ा सबर था सबकै आया

अक्टूबर मैं हटाकै अस्थाई कम्युनिस्टों नै राज बनाया

जमींदारों पूंजीपतियों का फेर रूस मैं करया सफाया

स्वेच्छाचारी राजशाही ढहे पाछै सुख का आया साँस कहैं।।

मजदूर और किसानों का पहला राज बण्या खास कहैं।

3

वैज्ञानिक समाजवाद का मार्क्स नै राह दिखाया कहते

इसको लागू करने का पूरा प्लान गया बनाया कहते

किसान मजदूर सुख पागे सम्मान सबनै पाया कहते

सेहत सुधरी शिक्षा पागे बेरोजगारी को भगाया कहते

पूरी दुनिया मैं समाजवाद पै बढ़या यो विश्वास कहैं।।

मजदूर और किसानों का पहला राज बण्या खास कहैं।

4

जनता के हकों की खातर रूस नै नये कानून बनाये 

इनतैं डरकै ये पूंजीवादी सोशल वेलफेयर नै ले आये

सन पचास ताहिं लाल झंडे आधी दुनिया मैं लहराए

देख बढ़त समाजवाद की ये पूंजीवादी देश घबराए

रणबीर करकै दिखाया ना था जिसका एहसास कहैं।।

मजदूर और किसानों का पहला राज बण्या खास कहैं।


5

नक्सलवाद कितै पाकिस्तान ये जवान म्हारे झोंक दिए 

अडानी अम्बानी की खात्तर ये किसान म्हारे ठोक दिए 

1

शासक तंत्र का खेल दखे नहीं म्हारी समझ मैं आया रै

देश भक्ति के  नाम पै जवान फ्रंट उप्पर लड़वाया रै

खेत मैं किसान दोफारे के मां यो पस्सीने पोंछता पाया रै

सरहद की रुखाली कराई खेत मैं हाँगा लगवाया रै

हक मांगे जिब जिब जनता नै चढ़ा सूली की नोक दिए।

अडानी अम्बानी की खात्तर ये किसान म्हारे ठोक दिए 

2

 दोनूंआं की देश सेवा तैं देखो अम्बानी का पेट फुलवाया 

हमनै आवाज उठाई तो दोनूं फ्रण्टों पै हमें धमकाया 

या किसी देशभक्ति जिसनै आज गरीब संकट बढ़ाया

सोचो जवानों और किसानों तमनै किसका राज बचाया

जिब हम बोलैं तो कहते ये कौन देशद्रोही भोंक दिए।

अडानी अम्बानी की खात्तर ये किसान म्हारे ठोक दिए 

3

बेरा ना कितने किसान म्हारे ज्यान अनसमझी  मैं खोगे

म्हारे देश के भक्त बेरा ना आज कित तान कै सोगे 

हक मांगैं वे देशद्रोही देश लूटैं वे देश प्रेमी होगे

जात पात पै बांट दिए कमेरे ये बीज बिघ्न के बोगे 

म्हारे संघर्षों के सारे रास्ते बांट बांट कै देखो रोक दिए।

अडानी अम्बानी की खात्तर ये किसान म्हारे ठोक दिए 

4

देश द्रोह करणीये वे सैं जो हक छीन रहे किसानों के

देश द्रोही भक्त बणे हांडै आज हिमाती लुटेरे शैतानों के

म्हारे देश प्रेमी किसान क्यों आज शिकार अपमानों के

मुट्ठी भर शैतान क्यों बणे शासक देश मैं इंसानों के 

कहै रणबीर छंद बनाकै ये समझा सही श्लोक दिए ।।

अडानी अम्बानी की खात्तर ये किसान म्हारे ठोक दिए


6

हिन्दुस्तान की हालत देख कै मेरा कालजा धड़कै रै।।

दमनकारी राज आंख मैं आज कुनक की ढालां रड़कै रै।।

1

म्हारे देश का किसान दुखी आज की सरकार करकै रै

लोग लुगाई हर इंसान दुखी आज की सरकार करकै रै

जुमल्यां तैं यो जवान दुखी आज की सरकार करकै रै

किसा बख्त यो बेईमान सुखी आज की सरकार करकै रै

काले कानून बना कैनै लूटैंगे किसान के खेत मैं बड़कै रे।।

2

म्हारे देश की धरती ऊपर हमनै नाज उगाया देखो 

किसानों नै हाँगा लाकै देश आत्मनिर्भर बनाया देखो

किसानी पै घणे टैक्स लगाये यो किसान सताया देखो

हक मांगण पै चली गोली जेल का राह  दिखाया देखो

काले कानून वापिस करावां एक्के की रही पकड़ कै रै।।

3

खेतों मैं मेहनत करकै नै बाजरा गेहूं मक्की उपजावैं रै

माट्टी गेल्याँ माट्टी होण पै म्हारी फसल खूब लहलावैं रै

लागत फालतू आमदन थोड़ी घाटे मैं धँसते जावैं रै

आजादी पाछै सहज सहज सी ईब तेजी तैं मात खावैं रै

संघर्ष नै परवान चढ़ावां आर पार को लड़ाई लड़कै रै।।

4

शोषण तंत्र का यो खेल कसूता आज समझ मैं आग्या 

देसी बदेसी कारपोरेट हमनै जमा लूट लूट कै खाग्या 

हिन्दवासी लेल्यो सम्भाला घणा काला बादल छाग्या 

फासीवादी रूझान देख कै म्हरा जो घणा दुःख पाग्या

रणबीर बरोने आला ल्याया यो नया छंद घड़ कै रै।।


7

अमेरिका नचा रहा है और आगे और नचाएगा। क्या बताया भला------------  

अमरीका का खेल आज भारत क्यों खेल रहया।।

आत्मनिर्भरता का नारा यो कष्ट क्यों झेल रहया ।।

1

ड्रोन विमान खरीदण नै अमरीका का दौरा करया 

एफ सोलां भारत मैं बणै उसनै यो एजेंडा धरया 

जूनियर सैन्य पार्टनर कहै हमनै वो धकेल रहया।।

अमरीका का खेल आज भारत क्यों खेल रहया।।

2

म्हारी सरकार खुशी तैं पुगावै अमरीका के फरमान 

अमरीका बनकै तानाशाह करता देशों का अपमान 

सेना के खुफिया तंत्र मैं अपने एजेंट धकेल रहया।।

अमरीका का खेल आज भारत क्यों खेल रहया।।

3

अमरीका चाहवै सैन्य रिश्ते अपनी ढाल के भाई

गोड्डे टिकवाकै मानैगा वो चलावैगा अपणी राही

अपणे हथियार बेचण नै घाल म्हारै नकेल रहया।।

अमरीका का खेल आज भारत क्यों खेल रहया।।

4

विश्व शांति के पैमाने हथियार विक्रेता बतावै रै

अपणी कीमत पै बेचकै घणी लूट यो मचावै रै

कहै रणबीर अमरीका म्हारे रक्षा तंत्र नै ठेल रहया।।

अमरीका का खेल आज भारत क्यों खेल रहया।।

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