2012 की डायरी से
देश मैं एफ डी आई आगी इसकी लूट सारे कै छागी
बकशै कोण्या या चूट कै खागी सुणल्यो सब नर नारी
किसान का घणा फायदा होगा जोर के रुके मार रहे
गरीब के हितैषी आले ये आज मुखौटे अपने तार रहे
या तो घर कसूते घालैगी म्हारी एक बी नहीं चालैगी
या आच्छी तरियां खंगालैगी सुणल्यो सब नर नारी।
कहते कोए नुक्सान नहीं ये फायदे कई बतावैं सैं
हों पैदा कई लाख नौकरी हमनै कहकै नै भकावैं सैं
हरित क्रांति पै भी बहकाये नुक्सान कदे ना बताये
म्हारे इसनै छक्के छड़वाये सुणल्यो सब नर नारी ।
अमरीका आले सीधे नहीं रिमोट तैं राज करते रै
अपनी पुरानी तकनीक म्हारे पै धिंगतानै धरते रै
सिर बी म्हारा जूती म्हारी रिमोट तैं पिटाई सै जारी
लूट खसोट मचाई भारी सुणल्यो सब नर नारी।
नए दौर के रंग निराले गरीब जमा कुचल्या जावै
मध्यम वर्ग का बड़ा हिस्सा चौड़ै खड़या लखावै
कहै साच्ची बात रणबीर अमीर की दीखै तसबीर
गरीब की फोड़ेंगे तकदीर सुणल्यो सब नर नारी ।
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