*दुनिया की वित्त पूंजी नै कसूता अंधेर मचाया।।*
*सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।।*
1
जोंक बनकै लहू चूसै आज कारपोरेट साहूकार
कदेतैं हुक्म बजाती आयी सै केंद्र की सरकार
देश भक्त जो असली उनको बताते आज गद्दार
नकली देश भक्त आज बनगे देश के पहरेदार
*राष्ट्रभक्ति के नाम पै तो अंध विश्वास फैलाया।।*
सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।।
2
कोटे परमट आले भेड़िए आज बनें सैं हितकारी
मजदूर किसान लूट लिए सबकी अक्कल मारी
मीठी मीठी बात करें पर भीतर तैं पूरे अत्याचारी
बकरी भेड़ समझैं हमनै आज के ये न्याकारी
*कारपोरेट और वित्तपूंजी नै देश मैं धुम्मा ठाया।।*
सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।।
3
रिश्वतखोर मगरमच्छ पूरे हिन्दुस्तान मैं छागे
मजदूर किसान की कमाई चूट चूट कै नै खागे
अरबों के बने मालिक औधे घणे चौखे पागे
किसानी संकट के चलते ये किसान फांसी लागे
*नये नये जुमले छोड़ कै यो हिन्दुस्तान भकाया।।*
सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।।
4
तीन मुंही नाग जहरी एकफन पै बड़ा व्यापारी
दूजे फन पै बैठी मारै भ्रष्टाचार की या थानेदारी
तीजे फन पै पूंजीपति करता कसूती मारा मारी
तीनों मिलकै देखो ये लूट घणी मचारे अत्याचारी
*रणबीर सिंह नै यो टूटया फुटया छन्द बनाया।।*
सारे देशों मैं घुसगी मेहनतकश लूट कै खाया।।
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