संसार मैं तूँ क्यूँ आया, तनै के खोया के पाया,
हिसाब कदे ना लाया, या न्यूएँ उम्र गुजारी।।
1
ना आच्छी किताब पढ़ी अश्लील साहित्य भाग्या
टी वी नशा हिंसा का यो माहौल शरीर नै खाग्या
बात काबू कोण्या आई, पकड़ी क्यूँ उल्टी राही
करी घर की तबाही, या बात ना कदे बिचारी।।
2
ज्ञान सबतैं बड्डा धन दुनिया मैं बताया रै
ज्ञान जीवन मैं बता कितना तनै कमाया रै
मन होज्या तेरा गन्दा ,यो काले धन का धंधा
बणग्या गल का फंदा, इसनै अक्कल फेर दी सारी।।
3
तूँ बचन सुथरे बोलै फेर करता घटिया काम
पिछाण कर्मा तैं होवै खाली बचनों के ना दाम
यो संयम तनै खोया , बीज ईर्ष्या का बोया,
बहोतै गन्द सै ढोया, करनी सीखी चोरी जारी।।
4
समय सार जिंदगी का कैहगे बड़े बड़ेरे न्यों
कर बर्बाद समय नै बेहाल हुए भतेरे न्यों
दूजे की कमी निगाही , ना देखी दिल की खाई
आज साफ दे दिखाई, रणबीर बेशर्मी थारी।।
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