Tuesday, 2 August 2022

5 रागनी

 

#अपनीरागनी 

******किसानों पर एक रागनी 

इकत्तीस जुलाई चार घण्टे किसान मोर्चा डालैगा डेरा ।। 

यो बंध पूरे देश मैं करैगा इब कर लिया इंतजार भतेरा ।।

1

खेती की लागत बढ़ाते जावैं जुमलयां का औड़ नहीं

कमेरयो करल्यो एकता इसका और कोये तौड़ नहीं

बिना एकता जी काढ़रया म्हारा यो पूंजीपति लुटेरा।।

यो बंध पूरे देश मैं करैगा इब कर लिया इंतजार भतेरा।।

2

लूट म्हारी थारी देश मैं या सरकार बढ़ाती जावै भाई

जात धर्म के रोज खेल रचती ना म्हारी समझ मैं आई

समाज का यो ताणा बाणा इसनै बखेर दिया भतेरा।।

यो बंध पूरे देश मैं करैगा इब कर लिया इंतजार भतेरा ।।

3

किसान आंदोलन तैं भरोसा एमएसपी का दिया इसनै 

कई मिहने बाट दिखादी इब ताहिं कुछ ना किया इसनै

म्हारी गेल्याँ करया धोखा इसका सबनै पटग्या बेरा ।।

यो बंध पूरे देश मैं करैगा इब कर लिया इंतजार भतेरा ।।

4

संयुक्त किसान मोर्चे नै चार घण्टे बंध का किया एलान 

इकतीस जुलाई नै डटकै आंदोलन करैंगे देश के किसान 

रणबीर कसूता पीस दिया यो पूरे हिंदुस्तान का  कमेरा।।

यो बंध पूरे देश मैं करैगा इब कर लिया इंतजार भतेरा ।।

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#किसानरागनी

यो संयुक्त किसान मोर्चा फेर हटकै उठ लिया बतावैं।।

तारीख इकत्तीस जुलाई की चार घण्टे का बंध लगावैं।।

1

वायदा खिलाफी का मामला ये बीज बिघन के बोग्या रै

जय जवान जय किसान फेर संघर्ष ताहिं तैयार होग्या रै

न्यूनतम समर्थन मूल्य पै ये सरकार आले ठेंगा दिखावैं।।

तारीख इकत्तीस जुलाई की चार घण्टे का बंध लगावैं।।

2

जय जवान जय किसान या भावना चाहते खत्म

करना

किसान मोर्चे का यो फैंसला मिलकै आगै कदम धरना

जवान वर्दी धारी किसान सैं किसान मोर्चा आले समझावैं।।

तारीख इकत्तीस जुलाई की चार घण्टे का बंध लगावैं।।

3

ट्रैक्टर टू ट्वीटर पै रोक करी मांग वापिस ले सरकार 

सयुंक्त किसान मोर्चा इब हटकै संघर्ष करण नै

तैयार

मांग मानले सारी सरकार नहीं तो हटकै सांस चढ़ावैं।।

तारीख इकत्तीस जुलाई की चार घण्टे का बंध लगावैं।।

4

आठ मांग किसान मोर्चे की इसका मांग पत्र यो बनाया

मांग पत्र किसान मोर्चे नै सरकार के धोरै फेर तैं पहूंचाया

सितम्बर मैं संघर्ष पै रणबीर किसान पूरा जोर

दिखावैं।।

तारीख इकत्तीस जुलाई की चार घण्टे का बंध लगावैं।।

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मतना करो वार किसानों,हो जाओ तैयार किसानों, ले एकता का हथियार किसानों , लड़नी धुर की लड़ाई रै।।

1

देख लिया पूरे समाज मैं किसान कितै महफूज नहीं

लागत फालतू आमदन थोड़ी होती कितै भी बूझ नहीं

कोण्या संघर्ष आसान दखे, होगा आड़े घमासान दखे, हारैगा अडानी शैतान दखे, बची नहीं कति समाई रै।।

2

सरकारी कानून क्यों देखो बणकै नै दीवार खड़े रै

कैहवन नै किसानां खातर योजनावाँ के प्रचार बड़े रै

जालसाजी तैं फूट गिरवावैं,सारे कै ये लूट मचवावैं,जात धर्म पै ये लड़वावैं, कितनी सहवांगे पिटाई रै।।

3

किसान निर्माता कहने आले आज कड़ै चले गये

देखो नै भूंडी तरियां आज ये किसान छले गये

कोण्या सहवां अपमान भाई, समाज मैं पावां सम्मान भाई, चलावाँ मिलकै अभियान भाई, डंके की चोट बताई रै।।

4

जीना सै तो लड़ना होवै,संघर्ष हमारा नारा होगा

संयुक्त किसान मोर्चा हथियार लड़ाई का म्हारा होगा

इब तो मिलकै बोल भाई, झिझक ले अपनी खोल भाई, जावै यो अडानी डोल भाई, रणबीर नै अलख जगाई रै।।

***********घर के अंदर और बाहर

घर भीतर इज्जत दा पर बाहर बुरी नजर छाई।।

महिला भोग की वस्तु पूरे ज़माने नै आज बनाई।।

1

किसा बख्त आग्या आज हम कितै महफूज नहीं 

हवस छागी या बड़े भाग पै मानवता की बूझ नहीं 

हम हार नहीं मानांगी लडांगी धुर ताहिं लड़ाई।।

महिला भोग की वस्तु पूरे ज़माने नै आज बनाई।।

2

राम बी ना म्हारा हिम्माती हजारों चीर हरण होवैं

एक द्रोपदी महाभारत होगी आज शाषक ताण कै सोवैं

भतेरी बाट देखी राम तेरी खुद अपनी बांह संगवाई।।

महिला भोग की वस्तु पूरे ज़माने नै आज बनाई।।

3

गैंग रेप बढे हरयाणा मैं समाज खड़्या लखावै

भाई चारे के नाम पै दबंग रेप की कीमत लगावै

सामंती या बाजारी सोच दुश्मन समझ मैं आई।।

महिला भोग की वस्तु पूरे ज़माने नै आज बनाई।।

4

समझौते के नाम पै दुखिया नै दो लाख दिवादे

करवाकै समझौता रेपीस्ट नै सजा तैं यो बचादे

कहै रणबीर हार ना मानैं हम चढ़ी जीत की राही।।

महिला भोग की वस्तु पूरे ज़माने नै आज बनाई।।

********ऊधम सिंह मेरे ग्यान मैं, भारत देश की श्यान मैं

               इस सारे विश्व महान मैं, यो तेरा नाम अमर हो गया।।

               असूलां की जो चली लड़ाई, उसमैं खूब लड़या था तूं

               स्याहमी अंग्रेजां के भाई, डटकै हुया खड़या था तूं

               बबर शेर की मांद के म्हां, अकेला जा बड़या था तूं

               अव्वल था तु ध्यान मैं, रस था तेरी जुबान मैं

               सारे ही हिंदुस्तान मैं, यो तेरा पैगाम अमर हो गया।।

               देख इरादा पक्का तुम्हारा, हो गया मैं निहाल जमा

               भारत मां की सेवा में दे दिया सब धन माल जमा

               एक बै मरकै देश की खातर जीवै हजारौ साल जमा

               डायर नै सबक चखान मैं, इस लड़ाई के दौरान मैं

               निशाना सही बिठान मैं, यो तेरा काम अमर होग्या।।

               पक्के इरादे के साहमी अंग्रेजां की पार बसाई ना

               जलियां आला बाग देखकै फेर तेरै हुई समाई ना

               धार लई अपने मन मैं किसे और तै बताई ना

               तू अपने इस इम्तिहान मैं, अपनी ही ज्यान खपान मैं

               देश की आन बचान मैं, तू डेरा थाम अमर होग्या।।

               जो लड़ी-लड़ाई तनै साथी वा लड़ाई थी असूला पै

               वुर्बानी तेरी रंग ल्यावैगी जग थूकै ऊल जलूलां पै

               जिस बाग का फूल हुया नाज करंै उसके फूलां पै

               ईब आग्या सही पहचान मैं, भूले थे हम अनजान मैं

               तूं सफल हुया मैदान मैं, यो तेरा सलाम अमर होग्या।।

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