Saturday, 7 May 2022

KISAN RAGNI 37

***किसानी संकट पर 1से 16 रागनियां **** 1*** जो भक्षक किसान के वे रक्षक बणकै भकावैं।। जात पात मैं बाँट कै ये लीडरी खूब चमकावैं।। 1 कानून किसानों के हक मैं छोटूराम नै बणाये धरती कुड़क नहीं होगी कर्जे माफ करवाये भाखड़ा डेम बणा कै खेतां मैं पाणी ल्याये कई बार अंग्रेजों को तीखे तेवर भी दिखाये कोये बूझनिया कोण्या किसान क्यों फांसी खावैं।। जात पात मैं बाँट कै ये लीडरी खूब चमकावैं।। 2 चौधरी चरण सिंह नै जमींदारी उन्मूलन कराया यू पी का किसान मशीहा चौधरी साहब को बताया किसानों के हक मैं पूरा जीवन अपना लगाया किसानों नै अपना नेता प्रधानमंत्री था बनाया बागपत बड़ौत शामली के किसान भूल ना पावैं।। जात पात मैं बाँट कै ये लीडरी खूब चमकावैं।। 3 पाछले कई सालां तैं किसान फांसी खा मरते कई नेता मोलड़ कैहकै मजाक उसका करते नीतियों का खामियाजा किसान आवैं धुरतैं भरते नेता बहोतसे करैं दिखावा ना झूठ बोलण तैं डरते करजे चढ़ाकै माफ़ करैं ये शोषण नीति चलावैं।। जात पात मैं बाँट कै ये लीडरी खूब चमकावैं।। 4 किसान इस ढांचे भितरै आजाद होना मुश्किल लागै पूरा सिस्टम पड़ै पलटना जिब किसान का करजा भागै सिस्टम जिब पलटे जिब यो किसान नींद तैं जागै जात धर्म के जाल तोड़कै हक कट्ठा होकै मांगै रणबीर हर भेद तनै रक्षक भक्षक का समझावैं।। जात पात मैं बाँट कै ये लीडरी खूब चमकावैं।। 2***** किसान मजदूर आंदोलन जिंदाबाद गरीब और गरीब होग्या इसा तरीका महारे विकास का।। अमीर और अमीर होग्या इसा आरा चलाया विनाश का।। 1 कहते गरीबी दूर करांगे कई नई स्कीम चलाई गई विकेंद्रीकरण कर दिया देखो बात खूब फैलाई गई सल्फास किसान क्यों खावै के कारण सत्यानाश का।। अमीर और अमीर होग्या इसा आरा चलाया विनाश का।। 2 नाबरॉबरी और कितनी या भारत मैं बधांते जावांगे भगत सिंह के सपन्यां का समाजवाद कद ल्यावांगे छल कपट छाग्या देश मैं के होगा भ्रष्टाचारी घास का।। अमीर और अमीर होग्या इसा आरा चलाया विनाश का।। 3 माणस अपणा आप्पा भूल गया पीस्से का आज दास हुया बेईमानी बढ़ती जावै सै बाजार का दबाव आज खास हुया स्कॉच चलै पांच सितारा मैं ख्याल ना म्हारी प्यास का।। अमीर और अमीर होग्या इसा आरा चलाया विनाश का।। 4 प्यार की जगां हवस छागी नँगे होवण की होड़ लगी रै शरीर बेचकै एश करो सडकां पै या दौड़ लगी रै रणबीर सिंह बरोने आला साथ निभावै सोहनदास का।। अमीर और अमीर होग्या इसा आरा चलाया विनाश का।। 3***** के ठा राख्या किसान कहवै खोल बतादे यो थारा के ठा राख्या रै।। खेती करनी मुश्किल करदी जमा कूण मैं ला राख्या रै।।। 1 किसान मरया खेत में तो कैसे देश महान बचैगा किसान बरबाद हुया तो जरूरी यो घमशान मचैगा दर दर का भिखारी क्यों यो अन्नदाता बणा राख्या रै।। खेती करनी मुश्किल करदी जमा कूण मैं ला राख्या रै।। 2 काले धन के नाम पर म्हारा धौला काबू कर लिया पुराने जमा कराकै तनै बैंकां का भोभा भर दिया म्हारी खेती चौपट होगी काढ़ण पै रोक लगा राख्या रै।। खेती करनी मुश्किल करदी जमा कूण मैं ला राख्या रै।। 3 ब्याह शादी की मुश्किल होरी दाल सब्जी का टोटा होग्या।। थारा नोटबंदी का फैसला यो जी का फांसा मोटा होग्या।। देश भक्ति का नाम लेकै यो देश जमा भका राख्या रै।। खेती करनी मुश्किल करदी जमा कूण मैं ला राख्या रै।। 4 इसे ढाल बात करै सै बण गरीबों का हिमाती रै इब बेरा लाग्या हमनै घणा कसूता सै उत्पाती रै रणबीर सिंह इब क्यों बढ़ा कैशलेश का भा राख्या रै।। खेती करनी मुश्किल करदी जमा कूण मैं ला राख्या रै।। 4****** तीन कानून बणाकै नै किसान धरती कै मारया रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाए उधम मचाया भारया रै।। 1 काले कानून वापिस ल्यो इक्सठ दिन दिल्ली मैं होगे किसानी एकता जिंदाबाद के नारे बीज एकता के बोगे एमएसपी का जिकरा ना जी हुया घणा खारया रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाए उधम मचाया भारया रै।। 2 लागत खेती की बढ़गी यो म्हारा खर्चा खूब होवै तीन बिल और पास करे जिनका चर्चा खूब हुया म्हारी गेल्याँ कोये चर्चा ना देख्या ईसा नजारा रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाए उधम मचाया भारया रै।। 3 भैंस बाँध ली दूध बेचूं यो दिन रात एक करां तीन हजार भैंस बीमारी के डॉक्टर कै गए घरां सिर पै कर्जा तीस हजार टूट्या पड़या यो ढारा रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाए उधम मचाया भारया रै।। 4 बालक म्हारे धक्के खावैं इण ताहिं रोजगार नहीं छोरी सै बिन ब्याही बिन दहेज़ कोए तैयार नहीं छोरे हांडैं गालां मैं घरक्यां का चढ़ज्या पारा रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाए उधम मचाया भारया रै।। 5 घरआली करै सिलाई दिन रात करै वा काले या खुभात फालतू बचत नहीं हुए कसूते चाले किसान यूनियनां नै लाया इंकलाब का नारा रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाए उधम मचाया भारया रै।। 6 किसान मजदूर छोटे व्यापारी पै नजर धरी बुरी सै तीन बिलां के खिलाफ सांझा संघर्ष सही धुरी सै रणबीर बरोनिया दिल तैं यो गीत बनाया थारा रै।। कारपोरेट सिर पै बिठाए उधम मचाया भारया रै।। 5***** खेती नै बढ़ावैगी, रोटी बी दिलावैगी, सभी नै पढावैगी, इसी लहर उठगी सै भाइयो।। अडानी अम्बानी टोल बनारे, इस सरकार की रेल बनारे बिगाड़ी म्हारी चाल, तारली जमकै खाल, सरकार सै दलाल ईसकी काट बिछगी सै भाइयो।। ये मंदिर नै हटकै लियाये, जिब ये रोटी दे नहीं पाये जात पै हम बांटे, धर्म पै खूब काटे, मन करे सैं खाटे लड़ाई पूरी कसगी सै भाइयो।। कारपोरेट बारणै छोड़ दिये, म्हारे तैं नाते क्यों तोड़ लिए, पीट दिया किसान क्यों, काढ़ी म्हारी ज्यान क्यों, नहीं म्हारा ध्यान क्यों कसक म्हारी बढ़गी सै भाइयो।। किसान संघर्ष जितैगा रै , अडानी अम्बानी नै पिटैगा रै रणबीर की सुण ले, एके की राह चुन ले, कर पक्की धुन ले, सरकार हमतें डरगी सै भाइयो।। 6***** सुण नेता जी सम्राट तनै, कर दिया बारा बाट तनै मूंधी मार दी खाट तनै, लिया कालजा चाट तनै,बनाई राज की हाट तनै, जनता दर दर ठोकर खावै।। 1 शेर बकरी का मेल नहीं, या राजनीति कोई खेल नहीं तूं नीति घटिया चाल रहया, म्हारी इज्जत उछाल रहया म्हारे बैरी नै तूं पाल रहया, क्यों लुटवा म्हारा माल रहया,ईबी ना कर तूं टाल रहया, जनता सारी खोल दिखावै।। 2 लोक राज नारा कड़ै गया, लोक लाज म्हारा कड़ै गया क्यों करवाया मखौल बता, क्यों तेरा पाट्या झोल बता,क्यों खुलवाई पोल बता,क्यों रहया सै जनता नै सत्ता, ईब पाट लिया सबनै पता,हर कोए यो सवाल उठावै।। 3 खेती का बना घास दिया, किसानों का कर नाश दिया किसानों कै मारी चोट, जनता का बता के सै खोट,क्यों बिल ल्याया मारी चोट, क्यों दिए म्हारे तनै गल घोट, क्यों खोज रहया म्हारे रोट, ना म्हारी समझ मैं आवै।। 4 कुछ ना साथ मैं जाणा सै, आड़ै ए हिसाब चुकाणा सै, जो हां भरकै नै नाटैगा, ना उसके कदे पूरा पाटैगा,तेरे वाद्यां नै कूण चाटैगा, रणबीर दिल मेरे नै डाटैगा,बणा रागनी गम नै बांटैगा, तनै साची साच बतावै।। 7***** मोदी का यो असली चेहरा , चौड़े कै मह दिखाई देरया, आज तोड़ खुलासा होग्या रै। 1 नबै की मर आगी या दस की चांदी कर राखी देखो म्हारी खाली करकै गोज अम्बानी की भर राखी देखो किसानी संघर्ष बढ़ता जावै थारी सरकार दबाया चाहवै घणा मोटा रास्सा होग्या रै। 2 डेरे गेर दिए किसानी नै देखो दिल्ली के मैं रास्ते घेर लिए किसानी नै देखो दिल्ली के मैं घणे सब्ज बाग दिखाए भाई लगाकै जोर हम भकाये भाई, घणा तमाशा होग्या रै। 3 अम्बानी तै प्यार मुलाहजा थारा जनता और नहीं झेलैगी संघर्ष करैगी मिलजुल कै थारे बिलों नै जरूर पेलैगी हमतो खेत खलिहान बनावां महल अटारी आलीशान बनावां म्हारा जोरका पासा होग्या रै। 4 किसानी संघर्ष आगै बढ़ैगा इतना जान ल्यो रै तीन बिल वापसी की मांग तावले से मान ल्यो रै रणबीर सिंह नै बात बनाई गाम गाम मैं अलख जगाई बेरा सबनै खासा होग्या रै। 8****** किसानी खातर भारत बंद घणा कसूता होवैगा।। कमेरा हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। कारपोरेट के खिलाफ छेड़ दई जंग पूरी देखो सरकार इसकी तलहडू सै करै जी हजूरी देखो आर पार की लड़ाई होगी मोदी नई झूठ टोहवैगा।। काल हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 2 जात धर्म इलाके पर लड़वा कै तेज कररे लूट म्हारी किसानों और मजदूरों कै दे दी आछे ढाल बुहारी तीन बिल किसान विरोधी मोदी देश नै डबोवैगा।। काल हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 3 निजीकरण करकै सारे महकमे बेच रहया सै अडानी अम्बानी के निशाने पै टेक रहया सै संविधान की परवाह कोण्या सम्मान देश का खोवैगा।। काल हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 4 समझ बूझ तै सँघर्ष को आगै लेज्यावैंगे भाई या नब्बे दस की लड़ाई जीत कै दिखावैंगे भाई रणबीर सिंह बरोने आला नए नए छंद पिरोवैगा।। काल हिंदुस्तानी किसान बीज एकता के बोवैगा।। 9***** साढ़े तीन मिहने होगे किसानों नै दिल्ली मैं डेरे डाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 1 पूरी और लाम्बी तैयारी करकै आज किसान आये सैं अनुशासन घणे गजब का समझदार घणे पाये सैं किसानी और जनता एकता बणा गजब की ढाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 2 हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई भाई इसकी ताकत के आगै भाजपा सरकार घबराई या एकता घणे गजब की इसके ऊपर चाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 3 अडानी अम्बानी की खातिर किसानों की कड़ तोड़ दई सब किमैं बायपास करकै क्यों तीन बिल जोड़ दई कारपोरेट खेती की खातिर कर जनता को बेहाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 4 संघर्ष की रही पकड़ी आर पार की लड़ाई होवैगी फुट गेरो संघर्ष पीटो भाजपा सब किमैं झोवैगी रणबीर सिंह की कलम तै उठ सही सवाल रहे। तीन कानून जो पास करे सैं किसानी कै घर घाल रहे। 10***** इस गोदी मीडिया नै किसानों के खिलाफ जहर फैलाया ।। जमीनी हकीकत देख कै मोदी भी बहोत घणा घबराया।। 1 वार्ता मैं झुके नहीं किसान अपनी मांग पै अड़े खड़े सै सरकार के हथकंडे एकता आगै ओछे घणे पड़े सैं गोदी मीडिया रोज घड़ कै दखे झूठी खबर सै ल्याया।। जमीनी हकीकत देख कै मोदी भी बहोत घणा घबराया।। 2 कसूता अनुशासन किसानों का दुनिया देख कै दंग रैहगी भाजपा की सरकार इनकी गेल्याँ जान बूझ कै क्यों फैहगी आर पार की लड़ाई खिंचगी किसान नै पूरा प्लान बनाया।। जमीनी हकीकत देख कै मोदी भी बहोत घणा घबराया।। 3 तीन कानून वापसी बिना किसान नहीं उल्टा जावैगा रै सांस दिल्ली की सरकार कै यो घणे कसूते चढ़ावैगा रै कई महिन्यां का इंतजाम करकै किसान दिल्ली मैं आया।। जमीनी हकीकत देख कै मोदी भी बहोत घणा घबराया।। 4 हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई आपस मैं सब सैं भाई भाई जवान किसान जनता एकता की मिशाल बनाई रणबीर सिंह सोच समझ कै नै यो छंद तुंरत बनाया।। जमीनी हकीकत देख कै मोदी भी बहोत घणा घबराया।। 11***** शोषण हमारा अम्बानी कम्पनी आगी, हमनै चूट-चूट कै खागी अमीर हुए घणे अमीर, यो मेरा अनुमान सै।। 1 मोदी सरकार नै गोड्डे टेक दिये, साधन अम्बानी आगै फेंक दिए, अडानी देखो साथ मैं रलगे, कारपोरेट कै घी के दीवे बलगे संघर्ष बदलैगा तदबीर, यो किसानों का ऐलान सै।। 2 पहली चोट मारी रूजगार कै, हवालै कर दिये सां बाजार कै निजीकरण मुहिम चलाई क्यों, मासूम जनता आज भकाई क्यों या गई कड़ै थारी जमीर, घणा मचाया घमसान सै।। 3 म्हारी खेती कती बरबाद करदी, ये तीन काली कानून पास करदी किसानों नै ली आज अंगड़ाई रै, नारा कानून वापिस कराई रै घाली गुरबत की जंजीर,दिल्ली मैं छारया किसान सै।। 4 या सल्फाश की गोली सत्यानासी, हर दूजे घर मैं ल्याई थी उदासी एकजुट हिंदुस्तान का देखो किसान , साथ खड़या हुया हर कमेरा इंसान, लिखै साची सै रणबीर, नहीं झूठा बखान सै।। 12***** आजादी पाछै बहोत कमाए भारत के किसान कमेरे।। ज्यान लगा कै खेत सँवारे कारखाने चलाये शाम सवेरे।। 1 किसान करी मेहनत तो खेतां मैं फसल लहलाण लगी स्टील थर्मल प्लांट लगाए बिजली घरां मैं आण लगी स्कूल अस्पताल खुले फेर जनता स्कूल मैं जाण लगी नेहरू का जमाना बीत गया संकट घड़ी या छाण लगी आजादी के नेता पाछे नै रैहगे आगै आवण लगे लुटेरे।। ज्यान लगा कै खेत सँवारे कारखाने चलाये शाम सवेरे।। 2 पचहत्तर मैं एक दौर यो एमरजेंसी का बी आया था नशबंदी जबरदस्ती का आड़े गया अभियान चलाया था मुधे मूंह पड़े ये हिम्माती जनता नै सबक सिखाया था राज पाट सब बदल दिये जनता का राज बनाया था बैल गऊ तैं करी कमाई सारी नै ज़िमगे जुल्मी बघेरे।। ज्यान लगा कै खेत सँवारे कारखाने चलाये शाम सवेरे।। 3 सब जानैं मेहनतकश की मेहनत खूबै रंग ल्याई सै किसान ख़टया खेतां मैं अन्न की पैदावार बढ़ाई सै कारखाने ऊंची सीटी मारैं स्मृद्धि अमीराँ मैं आई सै सौ मां तैं पन्दरा मोटे होगे बाकी पै सांकै घणी छाई सै धन दौलत तो घणी कमाई म्हारै बांटै आये पटेरे।। ज्यान लगा कै खेत सँवारे कारखाने चलाये शाम सवेरे।। 4 दिनों दिन बढ़ती जावै देश मैं गरीब अमीर की खाई क्यों म्हारे पैरां पटरी सैं बवाई उनके सैं जहाज हवाई क्यों म्हारे बालक सूकी रोटी खावैं उनके उड़ाते दूध मलाई क्यों किसा बंटवारा यो देस मैं अडानी अम्बानी पेट फुलाई क्यों रणबीर बरोने आला कहै घोड़ी खोसी साथ मैं बछेरे।। ज्यान लगा कै खेत सँवारे कारखाने चलाये शाम सवेरे।। 13***** नया साल इक्कीस किसा हो नया साल इक्कीस आदान प्रदान हो विचारां का।। किसानी सघर्ष जीत कै नक्सा बदलै कमेरे किरदारां का।। 1 सर्व समावेशी शिक्षा हो स्कूल होवैं एक समान रै हरेक जात का सम्मान हो भाईचारा हो बलवान रै मरीज डॉक्टर का मेल हो इलाज पावै हर इंसान रै फसल की कीमत ठीक मिलै फलैं फुलैं किसान रै पर्दाफाश होज्या आज म्हारी लूट के ठेकेदारां का।। किसानी सघर्ष जीत कै नक्सा बदलै कमेरे किरदारां का।। 2 मिलावट म्हारे समाज म्हैं नहीं टोही पावै यो चाहवां नफरत का जहर समाज नै आज ना खावै यो चाहवां बेरोजगारी कम होवै इसा माहौल आवै यो चाहवां कोये माणस प्रदेश म्है ना भूखा रह ज्यावै यो चाहवां होवै महिला महफूज ना जिकरा बचै बलात्कारां का।। किसानी सघर्ष जीत कै नक्सा बदलै कमेरे किरदारां का।। 3 म्हारा यो सबका हिंदुस्तान, गूँज उठै यो नारा भाई छुआछूत खत्म हो सुधरै यो वातावरण म्हारा भाई सरकार करै ख्याल बणकै गरीबां का साहरा भाई अंधविश्वास और नशे तैं मिलै सबनै छुटकारा भाई या जनता राह बाँधेगी, देश भर म्हैं इन बदकारां का ।। किसानी सघर्ष जीत कै नक्सा बदलै कमेरे किरदारां का।। 4 युवा नै रोजगार मिलै, कति नहीं फिरै आवारा रै सुख का सांस लेवै सरतो, सुखी हो करतारा रै विकास चालै सही राही पै,सही होवै बंटवारा रै संविधान के अनुसार चलै, हिंदुस्तान देश म्हारा रै रणबीर साल इक्कीस हो, मेहनतकश कतारां का ।। किसानी सघर्ष जीत कै नक्सा बदलै कमेरे किरदारां का।। 14***** संघर्ष जोर पकड़ेगा यो किसान आंदोलन छाग्या, देखो दिल्ली तक आग्या, इसनै सही रास्ता पाग्या, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 1 सरकार पूरा खेल खेलैगी सारे हथकंडे अपनावैगी किसानी आंदोलन कै तोहमद कई ढाल की लगावैगी कहे किसान पाकिस्तानी, हुई किसानों को हैरानी,जवाब देवण की ठानी, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 2 किसान हितैषी बिल बताकै सरेआम झूठ बोल रही अम्बानी अडानी की खातिर कृषि दरवाजे खोल रही आज समझ गया किसान, संघर्ष का किया एलान,घेरली दिल्ली आज आण, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 3 कोरोना का बाहणा करकै संघर्ष दबाना चाहवै सै खुद के चुनाव भजन करै उड़ै कोरोना नहीं आवै सै फूट गेरण की प्लान सै समझ गया ईब किसान सै, लगाया यो सही उन्मान सै संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 4 बिल वापिस लेने पड़ेंगे संघर्ष की दाब बढ़ती जावै नहीं लिए वापिस बिल तै सरकार कै सांस चढ़ती पावै साथ देवांगे मिलकै कमेरे, हारेंगे फेर ये जरूर लुटेरे,रणबीर साथ आये भतेरे, संघर्ष और जोर पकड़ैगा।। 15****** अडानी अम्बानी टांड पै बिठा जनता नै अम्बानी अडानी लूट रहे ।। फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे।। 1 मुट्ठी भर तो पावैं नौकरी कई लाख का पैकेज थ्यावै बीच बीच में एक दो बै यूके फ्रांस के चक्कर लगावै एम टैक आले पै मजबूरी या चपड़ासी गिरी करावै बेरोजगारी बढ़ै रोजाना यो नौजवान खड्या लखावै अडानी अम्बानी की कम्पनी कुछ तो चांदी कूट रहे।। फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे।। 2 एक तरफ विकास का नारा लगता राज दरबारां मैं कौन फालतू मुनाफा कमावै होड़ लगी साहूकारां मैं इनके तलवे चाटें जावैं ये ना फर्क कोये सरकारां मैं संकट इस विकास करकै आया किसानी परिवारां मैं गंभीर संकट के चलते भरोसे जनता के इब टूट रहे।। फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे।। 3 अम्बानी अडानी की लूट इस संकट की जड़ मैं देखो जनता नै लड़वा जात धर्म पै लठ मारैं कड़ मैं देखो जात धर्म पै भिड़वा दिए हुए फिरैं अकड़ मैं देखो असली नकली म्हारै भी नहीं आये पकड़ मैं देखो कितै गौमाता कितै गीता पर सिर ये म्हारे फूट रहे।। फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे।। 4 दूसरे देश भी इस लूट मैं बड्डे हिस्सेदार बणे भाई उनकी पूंजी ले अडानी उनके सूबेदार बणे भाई एमरजेंसी लागू होगी देशद्रोही थानेदार बणे भाई काले धन का जिकरा ना उन्के पहरेदार बणे भाई कुलदीप हम क्यों रोजाना अपमान का पी घूंट रहे।। फिरैं लड़ाते जात धर्म पै कुछ नेता खुले छूट रहे।। 16****** आज नया साल आज नया साल शुरू होग्या इसमैं नया हिंदुस्तान के चाहवै सै। किसानी संघर्ष जरूर जीतैगा जिकरा रोज सुणण मैं आवै सै। 1 आंदोलन करते किसानां तै म्हारा सै क्रांतिकारी सलाम भाई जो किसान म्हारे शहीद होगे इतिहास मैं होवैगा नाम भाई रोजाना जोश म्हारे किसानां का बहोत घणा बढ़ता जावै सै। किसानी संघर्ष जरूर जीतैगा जिकरा रोज सुणण मैं आवै सै। 2 देश मैं इंसानियत हटकै उभरै हम इस साल मैं हाँगा लावांगे म्हारा प्रजातंत्र फेर हुँकार भरै किसानां का साथ निभावांगे इस लड़ाई का राह हमनै यो किसानी संघर्ष सही दिखावै सै। किसानी संघर्ष जरूर जीतैगा जिकरा रोज सुणण मैं आवै सै। 3 कदर जनता की आवाज की हटकै आवै म्हारे हिंदुस्तान मैं इज्जत होवै गरीब कमेंरे की होज्या शांति पूरे जहान मैं हो गजब का भारत म्हारा सारी जनता जमकै नारा लावै सै। किसानी संघर्ष जरूर जीतैगा जिकरा रोज सुणण मैं आवै सै। 4 इस साल मैं ईसा माहौल बनै किसान नै पूरा सम्मान मिलै कहै रणबीर नहीं लुटैं कमेरे उन सबका हट कै चेहरा खिलै आज किसान मोर्चे की जीत नए समाज की राह बतावै सै। किसानी संघर्ष जरूर जीतैगा जिकरा रोज सुणण मैं आवै सै। किसानी संकट पर 17से 32 रागनी 17*** कालजा धड़कै रै मेहनतकश तेरा हाल देख कर मेरा कालजा धड़के रै।। या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।। 1 एक क्वींटल गण्डा हम करकै मेहनत उपजावां सां राल्ला बीस किलो दस सीरा इसतैं आज बनावां सां बारा किलो चीनी बनती खोही का ना मोल लावां सां इन का मोल तीन हजार नहीं कदे हिसाब बिठावां सां तीन सौ पचास मिलते हमनै माट्टी गेल्याँ माट्टी बनकै रै।। या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।। 2 पैंतीस सौ कित जावै देखो नहीं हिसाब कदे बी लाया कदे समझलयां भेद सारा अनपढ़ता का जाल बिछाया बांट बांट कै साजिस तैं हरिजन का क्यों दुश्मन बनाया मिल मैं मजदूर भाई म्हारा म्हारी गेल्याँ किसनै भिड़ाया तीनों आपस में लड़ा दिए तीर इसा तरकस मैं भरकै रै।। या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।। 3 मेहनतकश का बैरी देखो मेहनतकश आज बणाया रै साढ़े तीन हजार लूटकै म्हारे सतरंगा जाल बिछाया रे म्हारे बेटा बेटियों को उसनै अपनी गोद मैं बिठाया रै इतना जुल्म देख धरती पै काँपज्या कृष्ण की काया रै ईब तो संभाला लेल्यां नहीं तै मरना होज्या सड़ कै रै।। या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।। 4 बेटा बेटी बिगाड़ण खातिर भद्दे गाने सिनेमा त्यार किये दारू प्यावन की खातिर ठेके खोल ये बेशुमार दिये ये तीन सौ पचास भी म्हारे इणनै बेदर्दी तैं डकार लिये सिर भी म्हारा जूती म्हारी बिन आई के हम मार दिए रणबीर सिंह बरोने आला ललकार रहया छंद घड़ कै रै।। या दुनिया सारी जाग रही सै तू क्यों सोग्या पड़ कै रै।। 18***** मेहनत कश किसान मेहनत कश जमाने मैं तूँ घणा पाछै जा लिया । देख इस महंगाई करकै यो कति तौड़ आ लिया । 1 चार घड़ी के तड़कै उठ रोज खेत मैं जावै सै दोपहरी का पड़ै घाम या सर्दी घणी सतावै सै दस बजे घर आली तेरी रोटी लेकै नै आवै सै सब्जी तक मिलती कोण्या ल्हूखी सूखी खावै सै नून मिर्च धरकै रोटी पै लोटा लाहसी का ठा लिया। देख इस महंगाई करकै यो कति तौड़ आ लिया । 2 थारा पूरा पटता कोण्या तूँ दिन रात कमावै सै बीज बोण के साथै तूँ आस फसल पर लावै सै सोसाटी और लाला जी से कर्ज भारया कढ़ावै सै लाला जी फेर तेरी फसल मनचाहे दाम उठावै सै ब्याज ब्याज मैं नाज तेरा लाला जी नै पा लिया । देख इस महंगाई करकै यो कति तौड़ आ लिया । 3 कदे तनै सूखा मारै कदे या बाढ़ रोपज्या सै चाला सूखे मैं तेरी फसल सूखज्या होवै ज्यान का गाला कदे कति बेढंगा बरसै भाई यो लीले तम्बू आला कदे फसल तबाह होज्या कदे होवै गुड़ का राला बिजली तक आती कोण्या माच्छरां नै रम्भा लिया। देख इस महंगाई करकै यो कति तौड़ आ लिया । 4 बड़ी आशा से तमनै सै या सरकार बनाई देखो कई काम करैगी थारे तमनै आस लगाई देखो सरकार नै आँते ही बालक की नौकरी हटाई देखो थारा माल खरीद सस्ते मैं और कीमत बढ़ाई देखो रणबीर तेरी हुई तबाही सै आच्छी तरियां ढा लिया। देख इस महंगाई करकै यो कति तौड़ आ लिया । 19***** मेरा चालै कोण्या जोर मेरा चालै कोण्या जोर मनै लूटैं मोटे चोर नहीं पाया कोये ठौर कटी पतंग की डोर मनै लावैं डांगर ढ़ोर यो किसा घोटाला रै। 1 मेरा बोलना जुल्म हुया उनका बोलना हुक्म हुया सारे ये मुनाफा खोर ये थमा धर्म की डोर बनावैं ये म्हारा मोर सुहानी इनकी भोर ऐश करैं डाकू चोर मन इनका काला रै।। 2 ये भारत के पालन हार क्यों चोरां के सैं ताबेदार म्हारे पै टैक्स लगावैं बोलां तो खावण आवैं मिल्ट्री सैड़ दे बुलावैं चोरां की मौज करावैं काले का सफेद बणावै भजैं राम की माला रै। 3 महंगाई की मार कसूती सिर म्हारा म्हारी जूती यो रोजगार मन्दा सै यो सिस्टम गन्दा सै यो मालिक का रन्दा सै घालै दोगला फंदा सै क्यूकर जीवै बन्दा सै हुया ढंग कुढाला रै। पत्थर पुजवा बहकाये भक्षक रक्षक दिखाये काले नाग डसगे क्यों ये शिकंजे कसगे क्यों दो संसार बसगे क्यों गरीब जमा फ़ंसगे क्यों रणबीर पै हंसगे क्यों कर दिया चाला रै। 20****** कद सी स्याणा होगा किसान तेरी या कष्ट कमाई कित जावै बेरा लाणा होगा। या सारी दुनिया स्याणी होगी तूँ कद सी स्याणा होगा । 1 दोसर करकै धरती नै अपणा खून पसीना बाहवाँ सां गेर गण्डीरी सही बीज की हम ऊपर तैं मैज लगावां सां पड़ै कसाई जाड्डा जमकै हम खेताँ मैं पाणी लावां सां रात दिन मेहनत करकै माटी मैं माटी हो ज्यावां सां दो बुलध तैं एक रैह लिया कद तांहिं न्यों धिंगताणा होगा। या सारी दुनिया स्याणी होगी तूँ कद सी स्याणा होगा । 2 कदे नुलाणा कदे बाँधणा कदे ततैया मोटा लड़ ज्यावै कदे अळ कदे कीड़ा लागै कदे ईंख नै कंसुआ खावै कदे औला कदे सूखा पड़ज्या हमनै कोण्या रोटी भावै कदे गात नै ये पत्ते चीरैं कदे काली नागण फन ठावै मील मैं हो भेड मुंडाई कद तांहिं मन समझाणा होगा। या सारी दुनिया स्याणी होगी तूँ कद सी स्याणा होगा । 3 सुनले कमले ईब ध्यान लगाकै म्हारे मरण मैं बिसर नहीं आज कुड़की आरी म्हारे घर मैं नाश होण मैं कसर नहीं जीते बी कोण्या मरते बी कोण्या औण पौण मैं बसर नहीं चारोँ लाल कड़ै गए भाई के गई सै फोन मैं खबर नहीं कोण्या पार जावैगी म्हारी जै यो न्यारा न्यारा ठिकाणा होगा। या सारी दुनिया स्याणी होगी तूँ कद सी स्याणा होगा । 4 इसकी खातर गाँव गाँव मैं जथेबंदियाँ का जाल बिछावां जीणा चाहवाँ तै भाईयो यूनियन नै अपणी ढाल बणावाँ बिना रोएँ तो बालक भी भूखा जंगी अपणी चाल बनावाँ रणबीर सिंह बख्त लिकड़ज्या बरोने मैं फिलहाल बनावाँ तगड़ा संगठन बनाकै अपणा जंग का बिगुल बजाणा होगा । या सारी दुनिया स्याणी होगी तूँ कद सी स्याणा होगा । 21***** हरियाणे के वीरो जागो हरियाणे के वीरो जागो तजो जात के बाणे नै।। ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।। 1 गरीब माणस नै मरज्याणी गरीब भाई तैं दूर करै अमीर होज्यां एक थाली मैं यो गरीब मजबूर फिरै अमीर इस्तेमाल भरपूर करै गरीबाँ नै बहकाणे नै।। ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।। 2 अमीरां का छोरा कोये बेरोजगार जमा ना पाणे का पुलिस कचहरी सब उनके ख़ाली हुक्म ना जाणे का गरीब लूट कै खाणे का टोहया सै राह मरज्याने नै।। ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।। 3 मेहनत जात गरीबाँ की और कोये तो जात नहीं जाट ब्राह्मण सिर फुड़वावें मिलै खान नै भात नहीं जात मिटा सकै दुभांत नहीं बात कही सै स्याणे नै।। ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।। 4 जात के ठेकेदारां की बांदी या करै इनकी ताबेदारी आम आदमी जकड़ लिया अमीर करै पूरी पहरेदारी रणबीर करै नहीं चाटूकारी नहीं बेचै अपणे गाणे नै।। ढेरयां आला कुड़ता सै समझो इसके ताणे नै।। 22******* मेहनतकश किसान पूरा, के दिखूं थामनै जमूरा, फते सिंह और कपूरा, समझूं सूं थारी बाताँ नै। 1 जुमल्यां की बात राहण दे, तीनों कानून उल्टे जाण दे, मतना लावै भीतरी घात, क्यों कराओ घणा उत्पात, संघर्ष होरया दिन रात,देख बढ़ती म्हारी पातां नै।। 2 दिल्ली हमनै सै घेर लई, तमनै मूंह क्यों फेर लई, जुल्मी थारी सै सरकार,करै या घणे अत्याचार,भरी किसानों नै हुंकार, यो बांधैगा थारे हाथां नै।। 3 हम आन डटे सां जंग मैं, हम रंग रे सां एक रंग मैं, संघर्ष जिन्दाबाद म्हरा,थारे पै निशाने लाऱया, शिखर पै चढ़ता जारया,छोड़ गोत नात जातयां नै।। 4 दिल्ली की ईंट ईंट बोलै, किसानी चौगिरदें कै डोलै, इंकलाब जिंदाबाद नारा,पूरी जनता नै भारया, इतिहास बनता आरया, रणबीर सिंह के खात्यां मैं।। 23******* हिन्दुस्तान की हालत देख कै मेरा कालजा धड़कै रै।। दमनकारी राज आंख मैं आज कुनक की ढालां रड़कै रै।। 1 म्हारे देश का किसान दुखी आज की सरकार करकै रै लोग लुगाई हर इंसान दुखी आज की सरकार करकै रै जुमल्यां तैं यो जवान दुखी आज की सरकार करकै रै किसा बख्त यो बेईमान सुखी आज की सरकार करकै रै काले कानून बना कै नै लूटैंगे किसान के खेत मैं बड़कै रे।। दमनकारी राज आंख मैं आज कुनक की ढालां रड़कै रै।। 2 म्हारे देश की धरती ऊपर हमनै नाज उगाया देखो किसानों नै हाँगा लाकै देश आत्मनिर्भर बनाया देखो किसानी पै घणे टैक्स लगाये यो किसान सताया देखो हक मांगण पै चली गोली जेल का राह दिखाया देखो काले कानून वापिस करावां एके की राही पकड़ कै रै।। दमनकारी राज आंख मैं आज कुनक की ढालां रड़कै रै।। 3 24******* बतादे पिया एक महिला की अपने पति से तीन कानूनों के बारे बातचीत। क्या बताया भला-- ये कानून के जंजाल पिया, बतादे करकै खयाल पिया, उठती मन मैं झाल पिया, आज करैंगे कंगाल पिया, तारैंगे म्हारी खाल पिया, जवाब दिए तूँ खोल कै।। 1 किसान मोर्चे नै कर जलसा ये सारी बात बताई हो सन सैंतालीस तैं पहल्यां गोरयां बरगी लूट मचाई हो नहीं आच्छी सरकार पिया, किसान का बहिष्कार पिया, मोदी नहीं मददगार पिया, बणाया देश बाजार पिया, कानून बधारे तकरार पिया, मनै जवाब दिए तोल कै।। 2 बढ़िया सैं तीनों क़ानून ये मन मेरा तै मानै कोन्या हो क्यों बात किसानां की ये बैठी सैं रकानै कोन्या हो कैसे बनै इनकी बात पिया, कररे संघर्ष दिन रात पिया, देखी सरकारीऔकात पिया, आवण आली सै श्यात पिया, इसकै मारैगा संपात पिया, मनै जवाब दिए टटोल कै।। 3 खाद पाणी बिजली हों म्हंगी यो बीज ना अपणा होगा म्हारी जिंदगी खुशहाल हो यो चकनाचूर सपणा होगा घणी करैंगे धुनाई पिया, फेर नहीं मिलै दवाई पिया, कसूती रोल मचाई पिया, जनता खूब भकाई पिया, क्यूकर बचै तबाही पिया, मनै जवाब दिए बोल कै।। 4 चिंता रोज सतावै क्यूकर चालैगा यो परिवार मेरा तीनों कानून घणे भुन्डे इतना तो अंदाज भरतार मेरा खींच सही तसबीर पिया, लड़ा कोए तदबीर पिया, मसला घणा गम्भीर पिया, बतावै आज रणबीर पिया, मेटें कानूनां की लकीर पिया, म्हारा साथ दिए टटोल कै।। 25******** मौका सै फिलहाल हांगा लादयो पूरा भाइयो यो मौका सै फ़िलहाल, हाथ दिखारे किसान म्हारे लाल।। 1 काले कानून वापिस कराणे सैं, नहीं कति पाछै कदम हटाणे सैं, दो दो हाथ करकै दिखाणे सैं, दिखावां किसानी ताकत का कमाल।। 2 सरकार का सामना करणा सै, लाठी गोली तै नहीं डरणा सै, छब्बीस नै मार्च पै उतर णा सै, यो ऐलान करया सै तत्काल ।। 3 मोदी अपणे हठ नै छोड़ दिये, काळे कानून उल्टे मोड़ लिये, म्हारी बात का लगा तोड़ लिये, किसानी ताकत करदेगी बेहाल।। 4 खाग्या अम्बानी चूट चूट कै,म्हारे नारयां नै देश मैं पहूँच कै, भाई चारा भर दिया कूट कूट कै, रणबीर कहै मोदी करिये ख्याल ।। 26******** चारों कान्हीं चारों कान्हीं तैं खावण लागरे बची इब कति समाई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 1 कुर्बान होज्यांगे पर झुकां नही नयूं मिलकै कसम खाई किसानी संघर्ष की आवाज आज पूरे देश मैं पहूंचाई काले कानून मंजूर नहीं हम होण देवैं तबाही कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 2 लूटैं बनकै म्हारे हितेषी इब आंख आज म्हारी खुलगी तीन काले कानूनों मैं जमा लूटैं तस्वीर हमनै मिलगी कहते कानून थारे भले मैं हमनै पाई वा भलाई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 3 किसान मजदूर की कमाई पै अडानी अम्बानी ऐश करैं म्हारे बालक सल्फास खाकै ना बिन आयी इब मौत मरैं खावैं हमनै दीमक की ढालां चाहते म्हारी भलाई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 4 किसान आंदोलन नै जोड़ी एकता जबरदस्त तैयार होगी कितणी ए लाठी गोली चलाओ ताकतवर एकता हरबार होगी रणबीर बरोणे आले की रहै पाछै आज कविताई कोण्या।। म्हारी सारी कमाई लूट लई रास्ता बिना लड़ाई कोण्या।। 27******* तीन काले कानून बनाये दिल्ली मैं आज किसान कमेरे आये दिल्ली मैं इब होवैगी आर पार की लड़ाई रै।। 1 आज बावन दिन होगे किसान दिल्ली मैं डटरे देख कै किसानी एकता सरकार के पाछने पटरे सबनै मिलकै नारे खूब लगाए भाई, दिल्ली मैं घणे किसान बताये भाई, सरकार दिल्ली की घणी घबराई रै।। 2 एकले हम किसान कोन्या जनता साथ मैं आगी हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई एकता देश मैं छागी जात पात पै बांट नही पाये हमनै, धर्म के ऊपर छांट नहीं पाये हमनै, या ठंड भी संघर्ष रोक नहीं पाई रै।। 3 दूसरे प्रदेशों के भी किसान साथ मैं आये देखो बढ़ो दिल्ली मैं आगै ये सन्देश पहूंचाये देखो आज पूरे देश के मजदूर किसान, हिंदुस्तान मैं ये चढ़गे एक मचान, लड़ागे जीतांगे या हुंकार लगाई रै।। 4 शांत ढंग तैं किसान कमेरे इस आंदोलन नै चलारे पालतू पिल्ले भेष बदल कै भरम फैलाना चाहरे आर पार की हम लड़ाई लड़ेंगे रै, कानून वापसी ताहिं हम अड़ेंगे रै, साथ देवै रणबीर की कविताई रै।। 28******** देखियो के होगा सुणियो तमनै म्हारे देश के घणे बिगाड़े हाल, देखियो के होगा।। 1 करजे के म्हां धँसा दिऐ ईसा बुणकै मकड़ जाल रै काले कानूनाँ मैं फँसाये बण अम्बानी के दलाल रै म्हारे पै कस कानूनी शिकंजे करे चाहे बेहाल देखियो के होगा।। 2 पलँग निवारी देउँ कैहकै खोस म्हारा खटोला लेग्या कमा कमा खेतां मैं मरे लूट कै पैप्सी कोला लेग्या अम्बानी हर नै देश लूट लिया बणा दिये कंगाल देखियो के होगा।। 3 खोदी अमीरी और गरीबी की तमनै गैहरी खाई म्हारी धरती खोसण खातिर काली कानून बनाई थारे काबू कोन्या आवाँ म्हारी सूणल्यो चंडाल देखियो के होगा।। 4 सल्फास गोली ना खावां आये दिन थारी खिंचाई के देशमैं हों रिश्ते बढ़िया हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई के रणबीर नै करी कविताई, ठाये सही सवाल देखियो के होगा।। 29******** शाषक जनता नै दुखी करकै ना कोए शाषक सुखी रह पाया।। जनता का राज जनता द्वारा जनता ताहिं गया बताया।। 1 सिस्टम व्यक्ति पर भारी बहुत देर मैं समझ पाते हैं कहीं खरीद फरोख्त कहीं डर का रोब खूब जमाते हैं चित बी मेरी पिट बी मेरी आम आदमी मरते जाते हैं हमारी मेहनत की शाषक हर तरह से लूट मचाते हैं जनता और शाषक के बीच वर्ग संघर्ष मूल जताया।। 2 यो समझे बिना ईमान दार घणा कुछ नहीं कर पावै चाहे तो पी एम बणाद्यां आखिर कठपुतली बण जावै सिस्टम के हाथ बहोत सैं संस्कृति इसका साथ निभावै म्हारी सोच गुलामी की यही सिस्टम कई तरियां बनावै सिस्टम बदलें बिन जनता का जनता नै राज ना थ्याया।। 3 शाषक बांट कर हमें अपनी मनमानी खूब चलावैं देखो दस नब्बै की लड़ाई आज खास तरियां ये छिपावैं देखो दस की करकै सही पिछाण नब्बै ना एकता बनावैं देखो दस की एकता घणी कसूती जात गोत पै वे लडावैं देखो खेत खान मैं हम कमाते फेर बी सांस चैन का ना आया।। 4 ये जेब कतरे धर्मात्मा बणकै पूरे देष मैं छाये देखो ये भाशा जनता की बोलते जनता के भूत बनाये देखो ये मुखौटे बदल बदल कै हर पांच साल मैं आये देखो ये अपने पेट फुलागे रै म्हंगाई नै उधम मचाये देखो रणबीर नब्बै की खातर सोच समझ कै जिकर सुणाया।। 30********* जाग्या किसान खेत क्यार खूब कमाया रै, करकै नै कमाल दिखाया रै, संघर्ष का राह अपनाया रै, जाग्या किसान हिंदुस्तान का।। 1 देश की आजादी खातर अपनी ज्यान खपाई हमनै पंजाब हरियाणा बिहार मैं न्यारी रीत चलाई हमनै अंगरेजां का भूत बनाया रै, सब किमैं दा पर लगाया रै, फेर देश आजाद कराया रै, जाग्या किसान हिंदुस्तान का।। 2 देश आजाद होये पाछै हम हरित क्रांति ल्याये भाई खेत क्यार कामवण तैं हम कदे नहीं घबराये भाई हिंदुस्तान आगै बढ़ाया सै, सात आसमान चढ़ाया सै, हटकै नै संघर्ष चलाया सै, जाग्या किसान हिंदुस्तान का।। 3 हमनै पहले भी संघर्ष करे उणमैं लाठी गोली खाई रै जय जवान जय किसान की बढ़िया तस्वीर बनाई रै सरहद पै नाम कमाया सै, देश का सम्मान बढ़ाया सै, जवान कदे ना घबराया सै, जाग्या किसान हिंदुस्तान का।। 4 तीन काले कानूनों के खिलाफ आज आवाज उठाई जुल्मो सितम कै साहमी लड़ण की रिवाज चलाई हम आगै बढ़ते जारे भाई, संघर्ष बिगुल बजारे भाई, रणबीर कलम चलारे भाई, जाग्या किसान हिंदुस्तान का।। 31******** इब तो जागज्या किसान, देख हमनै कौण लूट रहया।। 1 दिन और रात काम करैं, फेर भी मुश्किल पेट भरैं करैं मौज यहां धनवान, तूँ पाणी से रोटी घूंट रहया।। 2 ये पंडे और पुजारी लूटैं, ये अमरीकी ब्योपारी लूटैं लुटैं क्यों हम भगवान, क्यों अमरीका खागड़ छूट रहया।। इब तो....... 3 बिजली चमकै पाला पड़ता, तूँ पाणी के भीतर बड़ता लड़ता सरहद पै जवान, वो चांदी महलां मैं कूट रहया।। इब तो ..... 4 धनवानों के महल अटारी, खोस लेज्यां मेहनत म्हारी उतारी म्हारे घर की छान, बांस ऊँका बीच तैं टूट रहया।। इब तो.... 5 जब जब ठाये हमनै झंडे, पुलिस के खाये गोली डंडे बनादें मरघट का शमशान, घाल कमेरयां भित्तर फूट रहया।। इब तो..... 6 आज इंसान करया लाचार, नाव फंसी बीच मंझदार हरबार लड़ावै यो बेईमान, म्हारा सब किमै यो चूट रहया।। इब तो.... 7 सुन रणबीर सिंह का गाणा, रोवै बूढ़ा और याणा स्याणा बताणा करे दारू नै गलतान ,भाइयो बोल ना झूठ रहया।। इब तो .... 32****** मेहनत कश किसान मेहनत कश जमाने मैं तूँ घणा पाछै जा लिया । देख इस महंगाई करकै यो कति तौड़ आ लिया । 1 चार घड़ी के तड़कै उठ रोज खेत मैं जावै सै दोपहरी का पड़ै घाम या सर्दी घणी सतावै सै दस बजे घर आली तेरी रोटी लेकै नै आवै सै सब्जी तक मिलती कोण्या ल्हूखी सूखी खावै सै नून मिर्च धरकै रोटी पै लोटा लाहसी का ठा लिया। 2 थारा पूरा पटता कोण्या तूँ दिन रात कमावै सै बीज बोण के साथै तूँ आस फसल पर लावै सै सोसाटी और लाला जी से कर्ज भरया कढ़ावै सै लाला जी फेर तेरी फसल मनचाहे दाम उठावै सै ब्याज ब्याज मैं नाज तेरा लाला जी नै पा लिया । 3 कदे तनै सूखा मारै कदे या बाढ़ रोपज्या सै चाला सूखे मैं तेरी फसल सूखज्या होवै ज्यान का गाला कदे कति बेढंगा बरसै भाई यो लीले तम्बू आला कदे फसल तबाह होज्या कदे होवै गुड़ का राला बिजली तक आती कोण्या माच्छरां नै रम्भा लिया। 4 बड़ी आशा से तमनै सै या सरकार बनाई देखो कई काम करैगी थारे तमनै आस लगाई देखो सरकार नै आँते ही बालक की नौकरी हटाई देखो थारा माल खरीद सस्ते मैं और कीमत बढ़ाई देखो रणबीर हुई तबाही सै आच्छी तरियां ढा लिया। 33********** आवण आले बखतां मैं उत्थल पुत्थल रहवै जारी।। अमीर गरीब की बढ़ती खाई ना बसकी रहै म्हारी।। 1 कोरोना मुश्किल हो काबू या उधम घणा मचावैगी तीन चार मिहने इबै और महामारी बढ़ती जावैगी इंतजाम पूरे कोण्या चढ़ें सांस नर्स डॉक्टर कै भारी।। अमीर गरीब की बढ़ती खाई ना बसकी रहै म्हारी।। 2 मजदूरों के कानून पै हमला घणा जबर करैंगे रै दिहाड़ी कम करकै नै ये तिजुरी अपनी भरैंगे रै बढ़ेंगे संघर्ष देश मैं यो इंकलाब लेवैगा उभारी।। अमीर गरीब की बढ़ती खाई ना बसकी रहै म्हारी।। 3 किसान नै बतौले देकै न्योंएँ बहकाये राखेंगे रै जीवण दें ना मरण देवैं न्योंएँ दबाए राखेंगे रै जात पात भुला कै करनी हो बड़े मंच की तैयारी।। अमीर गरीब की बढ़ती खाई ना बसकी रहै म्हारी।। 4 सत्ता तंत्र लठ तंत्र तैं रणबीर फतूर मचावै देखो किसान मजूर की मांग लाठी गोली तैं दबावै देखो दुनिया की जनता दीखै इंकलाब का नारा लारी।। अमीर गरीब की बढ़ती खाई ना बसकी रहै म्हारी।। 34*********** दिल्ली आल्यो गिणकै दिये बोल तीन सौ साठ दिल्ली आल्यो। नहीं सुणते बात हम देखैं बाट दिल्ली आल्यो।। ईब खत्म म्हारी पढ़ाई कति गोलते कोण्या हम मरते बिना दवाई कति तोलते कोन्या कति बोलते कोण्या बनरे लाट दिल्ली आल्यो।। इसी नीति अपनाई किसान यो बरबाद करया घर उजाड़ कै म्हारा अपणा यो आबाद करया। घणायो फसाद करया तोल्या घाट दिल्ली आल्यो।। म्हारे बालक सरहद पै अपनी ज्यान खपावैं थारे घूमैं जहाज्यां मैं म्हारे खेत खान कमावैं भूख मैं टेम बितावैं थारे सैं ठाठ दिल्ली आल्यो।। सात सौ चीजां की रणबीर ये सीम खोल दई गउ भैंस बकरी म्हारी ये बिकवा बिन मोल दई मचा रोल दई गया बेरा पाट दिल्ली आल्यो।। 35************ नया बीज और खाद नया सोच समझ तनै अपनाया।। हरित क्रांति का बन अगुआ नंबर वन पै पहोंचाया ।। 1 बैल की खेती छोड़ तनै ट्रेक्टर की खेती अपनाई रै हल और राछ बाछ पुराने सबतें ही पिंड छटवाई रै बिजली बहोत घनी भाई रै दीवा कून मैं तनै बगाया || हरित क्रांति का बन अगुआ नंबर वन पै पहोंचाया ।। 2 लाल दामन काली चुन्दडी आज देखण नै बी तरसाए कदे कदाउ खंडवा धोती ये नए नए फैशन अपनाये लेंटर आले मकान बनवाये देशी तैं अंगरेजी पै आया || हरित क्रांति का बन अगुआ नंबर वन पै पहोंचाया ।। 3 छुआ छूत की आदत ना बदली नहीं समझ मैं आई रै जात पात की कट्टरता दूनी कोली भर छाती कै लाई रै महिला भ्रूण हत्या बढ़ाई रै दुनिया मैं नाक कटवाया || हरित क्रांति का बन अगुआ नंबर वन पै पहोंचाया ।। 4 बहोत सी चीजां मैं विवेक तेरा घणा आगे निकल गया जात पात और गोत नात पै बावले क्यों बीचल गया विवेक पर तैं क्यों फिसल गया रणबीर बी घबराया || हरित क्रांति का बन अगुआ नंबर वन पै पहोंचाया ।। 36********** नक्सलवाद कितै पाकिस्तान ये जवान म्हारे झोंक दिए अडानी अम्बानी की खात्तर ये किसान म्हारे ठोक दिए 1 शासक तंत्र का खेल दखे नहीं म्हारी समझ मैं आया रै देश भक्ति के नाम पै जवान फ्रंट उप्पर लड़वाया रै खेत मैं किसान दोफारे के मां यो पस्सीने पोंछता पाया रै सरहद की रुखाली कराई खेत मैं हाँगा लगवाया रै हक मांगे जिब जिब जनता नै चढ़ा सूली की नोक दिए। अडानी अम्बानी की खात्तर ये किसान म्हारे ठोक दिए 2 दोनूंआं की देश सेवा तैं देखो अम्बानी का पेट फुलवाया हमनै आवाज उठाई तो दोनूं फ्रण्टों पै हमें धमकाया या किसी देशभक्ति जिसनै आज गरीब संकट बढ़ाया सोचो जवानों और किसानों तमनै किसका राज बचाया जिब हम बोलैं तो कहते ये कौन देशद्रोही भोंक दिए। अडानी अम्बानी की खात्तर ये किसान म्हारे ठोक दिए 3 बेरा ना कितने किसान म्हारे ज्यान अनसमझी मैं खोगे म्हारे देश के भक्त बेरा ना आज कित तान कै सोगे हक मांगैं वे देशद्रोही देश लूटैं वे देश प्रेमी होगे जात पात पै बांट दिए कमेरे ये बीज बिघ्न के बोगे म्हारे संघर्षों के सारे रास्ते बांट बांट कै देखो रोक दिए। अडानी अम्बानी की खात्तर ये किसान म्हारे ठोक दिए 4 देश द्रोह करणीये वे सैं जो हक छीन रहे किसानों के देश द्रोही भक्त बणे हांडै आज हिमाती लुटेरे शैतानों के म्हारे देश प्रेमी किसान क्यों आज शिकार अपमानों के मुट्ठी भर शैतान क्यों बणे शासक देश मैं इंसानों के कहै रणबीर छंद बनाकै ये समझा सही श्लोक दिए ।। अडानी अम्बानी की खात्तर ये किसान म्हारे ठोक दिए 37*********** इब तो जागज्या किसान, देख हमनै कौण लूट रहया।। दिन और रात काम करैं, फेर भी मुश्किल पेट भरैं करैं मौज यहां धनवान, तूँ पाणी से रोटी घूंट रहया।। ये पंडे और पुजारी लूटैं, ये अमरीकी ब्योपारी लूटैं लुटैं क्यों हम भगवान, क्यों अमरीका खागड़ छूट रहया।। इब तो....... बिजली चमकै पाला पड़ता, तूँ पाणी के भीतर बड़ता लड़ता सरहद पै जवान, वो चांदी महलां मैं कूट रहया।। इब तो ..... धनवानों के महल अटारी, खोस लेज्यां मेहनत म्हारी उतारी म्हारे घर की छान, बांस ऊँका बीच तैं टूट रहया।। इब तो.... जब जब ठाये हमनै झंडे, पुलिस के खाये गोली डंडे बनादें मरघट का शमशान, घाल कमेरयां भित्तर फूट रहया।। इब तो..... आज इंसान करया लाचार, नाव फंसी बीच मंझदार हरबार लड़ावै यो बेईमान, म्हारा सब किमै यो चूट रहया।। इब तो.... सुन रणबीर सिंह का गाणा, रोवै बूढ़ा और याणा स्याणा बताणा करे दारू नै गलतान ,भाइयो बोल ना झूठ रहया।। इब तो .... 38*******

No comments: