Sunday, 28 October 2018

सोचें मिलकै

सोचें मिलकै
किसान मजदूर सोचें मिलकै क्यों लुटगी मेहनत म्हारी।।
किसान फसल उगावै मजदूर बणावै महल अटारी।।
1
उबड़ खाबड़ खेत क्यार किसान की मेहनत नै सँवारे
मजदूर सड़क डैम बणाकै पूरे भारत नै चमकारे
किसान मजदूर की मेहनत क्यों मौज करता साहूकारी।।
किसान मजदूर सोचें मिलकै क्यों लुटगी मेहनत म्हारी।।
2
किसान और मजदूर की एकता बख्त की बात बताई जा
इन दोनों की एकता भाईयो जात गोत इलाके मैं खिंडाई जा
न्यारे न्यारे किसान मजदूर नुकसान ठारे सैं घणा भारी।।
किसान मजदूर सोचें मिलकै क्यों लुटगी मेहनत म्हारी।।
3
देश आगै बढ़या आज मेहनत करी मजदूर किसान
इनके बालक भूखे फिरते न्याकारी कोण्या पाया भगवान
काम करनिये रूलगे देखो पिटी सारै कै या ईमानदारी ।।
किसान मजदूर सोचें मिलकै क्यों लुटगी मेहनत म्हारी।।
4
सिस्टम लूट पाट का होग्या नीति खड़ी विरोध म्हारे थारे मैं
म्हारी लूट का तोड़ बताया किसान मजदूर के भाईचारे मैं
सोच समझ कै रणबीर की कलम दोनों का एका चाहरी।।
किसान मजदूर सोचें मिलकै क्यों लुटगी मेहनत म्हारी।।

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