Sunday, 30 September 2018

करजा


करजा
करजे नै कड़ तोड़ी म्हारी दिया पूरे घर कै घेरा।
एक औड़ गहरा कुआं दीखै यो दूजे औड़ नै झेरा।।
1. ट्रैक्टर की बाही मारै ट्यूबवैल का रेट सतावै
थ्रेसर की कढ़ाई मारै भा फसल का ना थ्यावै
फल सब्जी दूध सीत सब डोलां के मैं घल ज्यावै
माट्टी गेल्यां माट्टी होकै बी सुख का सांस ना आवै
बैंक मैं सारी धरती जाली दीख्या चारों ओर अन्धेरा।।
2. निहाले धोरै रमूल तीन रुपइया सैकड़े पै ल्यावै
वो सांझ नै रमलू धोरै दारू पीवण तांहि आवै
निहाला करज की दाब मैं बदफेली करना चाहवै
विरोध करया तो रोजाना पीस्यां की दाब लगावै
बैंक आल्यां की जीप का रोजना लागण लाग्या फेरा।।
3. बेटा बिन ब्याहया हांडै सै घर मैं बैठी बेटी कंवारी
रमली रमलू न्यों बतलाये कट्ठी होगी मुसीबत सारी
खाद बीज नकली बिकते होगी खत्म सब्सिडी म्हारी
मां टी बी की बीमार होगी छाग्या हमपै संकट भारी
रोशनी कितै दीखती कोन्या छाया चारों कूट अन्धेरा।।
4. मां अर बाबू इनके नै जहर धुर की नींद सवाग्या
इनके घर का जो हाल हुया वो सबकै साहमी आग्या
जहर क्यूं खाया उननै यो सवाल कचौट कै खाग्या
आत्म हत्या ना सही रास्ता रणबीर सिंह समझाग्या
मिलकै सोचां क्यूकर आवै घर मैं सो नया सबेरा।।

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