दसमीं तांहि का स्कूल आगै क्यूकर करूं पढ़ाई मैं।
मां तै चाहवै पढ़ाणा पर बाबू नै घरां बिठाई मैं।।
1. मां बोली आज जमाने मैं बिना पढ़ाई कोए बूझै ना
शहर मैं क्यूकर खंदाउं राही मनै कोए सूझै ना
मां की देख कै नै लाचारी दिल मैं घणी घबराई मैं।।
2. बाबू बोल्या बुरा जमाना शहर ठीक नहीं सै जाणा
उंच-नीच कोए हो ज्यागी तै हो ज्यागा मोटा उल्हाणा
क्यूकर मनाउं मेरे बाबू नै इस चिन्ता नै खाई मैं।।
3. मैं बोली माहौल गाम का शहर तै आज न्यारा ना
डरकै घर मैं बड़गे तो हुवै आज यो गुजारा ना
पढ़ण तै ठावै मतना मरज्यां मौत बिन आई मैं।।
4. पांच सात दिन पाछै बाबू नै मुंह अपणा खोल्या
डर लागै बहोत घणा बेटी आंख्यां पाणी ल्या बोल्या
रणबीर दिल तै चाहूं सूं करना तेरी सगाई मैं।।
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