म्हारे देश के विकास नै, यो प्रदूषण घणा फैलाया रै।।
दुनिया मैं दिल्ली शहर , ग्याहरवें नम्बर पै बताया रै।।
1
यमुना पढ़ण बिठादी या , ईब गंगा की बारी कहते रै
तालाब घनखरे सूख लिए, विकास की लाचारी कहते रै
संकट पाणी का कसूता , भारत प्यारे पै मंडराया रै।।
म्हारे देश के विकास नै, यो प्रदूषण घणा फैलाया रै।।
2
जंगल साफ करण लागरे ,विनाश के लगा गेर दिए
वायु प्रदूषण बढ़ता जावै, विकास के नारे टेर दिए
जंगल जमीन खान बेचे, विकास का खेल रचाया रै।।
म्हारे देश के विकास नै, यो प्रदूषण घणा फैलाया रै।।
3
प्रदूषण कारण लाखों लोग बख्त तैं पहल्यां मरज्यावैं
ये प्रदूषण उम्र करोड़ों की कई साल कम कर ज्यावै
पूरे भारत देश म्हारे मैं, प्रदूषण नै कहर मचाया रै।।
म्हारे देश के विकास नै, यो प्रदूषण घणा फैलाया रै।।
4
विकास की जागां देखो विनास की राही चाल रहे
पाणी सपड़ाया पेड़ काटे घणे कसूते घर घाल रहे
संभलो जनता कहै रणबीर प्रदूषण नै देश रम्भाया रै।।
म्हारे देश के विकास नै, यो प्रदूषण घणा फैलाया रै।।
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