अठाईस नवम्बर के दिन विरोध दर्ज कराणा चाहिए ।
देश भक्त नागरिक जितने सबनै बाहर आणा चाहिए ।
आक्रोश प्रकट करकै हम सुनावां सरकार लुटेरी नै
खामखा दुखी करण लागरी देखो जनता कमेरी नै
गरीब गुरबे क्यूकर जीवैं यो मुश्किल जीना भतेरी नै
मजदूरी कितै कितै बची सै भूख खावै शाम सबेरी नै
मोदी जी अहंकार छोड़ कै गरीब तनै बचाणा चाहिए ।
देश के इतिहास का यो सबतै काला दौर बताया देख
मोदी जी तनै सनक मैं जनता का यो मोर नचाया देख
काले धन के नाम पै क्यों जनता का धोला कढाया देख
पन्दरा बीस धन कुबेरों का तनै भोभा भरना चाह्या देख
अमीराँ की खातर गरीबों पै ना इसा तीर चलाना चाहिए।
आर्थिक जाम पूरे हिंदुस्तान मैं घणा कसूता लगा दिया रै
कारखाने फैक्ट्री बन्द हुए कईयों को विदेश भगा दिया रै
काले धन का इलाज पक्का नोट बन्दी को बता दिया रै
निर्माण कार्य ठप्प होंगे कईयां कै दीवा यो बुझा दिया रै
दुकानदार बैठे माखी मारैं ना घणा कहर ढाणा चाहिए ।
भूल्या भटक्या आया गाहक तो दो हजार का नोट देवै
खुले कोन्या व्यापारी पै तो चीज किस तरियां वो लेवै
खोमचे रेहड़ी पटरी आला मार सबतै ज्यादा वो खेवै
मीडिया में प्रधानमंत्री रो कै आँख कई बरियाँ यो भेवै
सब्ज बाग़ दिखा जनता को नयों नहीं बहकाना चाहिए।
अपने पीसे कढ़ावण नै जनता क्यों भिखारी बनादी
कई घण्टे लाम्बी लाइन मैं या जनता खड़ी करवादी
इस नोट बंदी के रासे मैं छः दर्जन ज्यान ये गंवादी
बईमान खुश हांड रहे सैं ईमानदारों कै फांसी लवादी
कहै कुलदीप मोदी जी ना गरीब इतना दबाना चाहिए ।
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