कला का पहला क्षण
कई बार आप
अपनी शरीर के दर्द में
अकेले छूट जाते हैं
और कलम के बजाय
तकिये के निचे या मेज की दराज में
दर्द की कोई गोली ढूँढते हैं
बेशक जो दर्द सिर्फ आपका नहीं है
लेकिन आप उसे गुजर न जाने दें
यह भी हमेशा मुमकिन नहीं
कई बार एक उत्कट शब्द
जो कविता के लिए नहीं
किसी से कहने के लिए होता है
आपके तालू से चिपका होता है
और कोई नहीं होता आस पास
कई बार शब्द नहीं
कोई चेहरा याद आता है
या कोई पुराणी शाम
और आप कुछ देर
कहीं और चले जाते हैं रहने के लिए
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