बढ़ा महंगाई लूट मचावै, जात धर्म पर लड़वावै
भाई चारा तोड़या चाहवै,चटा जनता नै धूळ रही।।
अम्बानी और अडाणी की मातहत है सरकार म्हारी
ठेकेदारी प्रथा बढ़ा बढ़ा कै जनता की खाल उतारी
कह कै आछे दिन भकारी, नफरत घणी ए फैलारी
बदेशी कंपनी सिर चढ़ारी, तोड़ देश के असूल रही ।।
भ्रष्टाचार बढ़ता जावै व्यापम घोटाला देखो आज
अध्यादेश चौथी बरियां ल्या करै चाला देखो आज
महिला पै करैं थानेदारी, कर कर फरमान जारी
रूढ़िवाद की बणी प्रचारी, पकड़ बात ये तूल रही।।
विकास जनता का कहते तिजूरी भरैं अम्बानी की
सब्सिडी खत्म गरीबों की , बढ़ा दई अडाणी की
दलित पर बढ़ मार रही, महिला खड़ी पुकार रही
बढ़ क्यों अत्याचार रही, राज नशे मैं टूहल रही।।
आच्छे दिनों का सपना के बेरा कित खोग्या रै
मजदूर किसान कर्मचारी घणा दुखी होग्या रै
बरोने आला रणबीर रै, लिखता सही तहरीर रै
मामला घणा गंभीर रै, भाई चारा जमा भूल रही ।।
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