देश आजाद हुया था सैंतालिस मैं बहोत साल बीत गये
उनके बाँटे दूध मलाई बता म्हारे कर्मों मैं सीत गये
धनवानों के बिल्ली कुत्ते म्हारे तैं बढ़िया जीवन गुजारें वे
म्हारे बिन भोजन कुपोषण होग्या खा खा कै घने डकारें वे
हमनै कहके नीच पुकारें वे घनी मादी चला वे रीत गये ||
जमीन असमान क अंतर किसने आज म्हारे बीच बनाया सै
सारी उमर हम खेत कमाते फेर बी साँस नहीं उल्गा आया सै
सोच सोच कै सिर चकराया सै वे क्यूकर पाला जीत गये ||
सोच सोच कै सिर चकराया सै वे क्यूकर पाला जीत गये ||
तरक्की करि हरयाणा मैं अपना खून पस्सीना बहा कै रै
ऊपर ले तो फायदा ठगे हम बात देखते मुंह नै बा कै रै
देखे चारों कान्ही धक्के खा कै रै मिल असली मीत गये ||
तीनो नकली लाल हरयाणा के उनते यो सवाल म्हारा रै
गरीब क्यों घणा गरीब होग्या अमीर क भरया भंडारा रै
असली लाल परभात म्हारा रै रणबीर बना ये गीत गये ||
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