Friday, 18 July 2014

haal mahara

देश आजाद हुया था सैंतालिस मैं बहोत साल बीत गये
उनके बाँटे  दूध मलाई बता म्हारे कर्मों  मैं सीत गये
धनवानों के बिल्ली कुत्ते म्हारे तैं बढ़िया जीवन गुजारें  वे
म्हारे बिन भोजन कुपोषण होग्या खा खा कै घने डकारें वे
हमनै कहके नीच पुकारें वे घनी मादी चला वे रीत गये ||
जमीन असमान क अंतर किसने आज म्हारे बीच बनाया सै
सारी उमर हम खेत कमाते फेर बी साँस नहीं उल्गा आया सै 
सोच सोच कै सिर चकराया सै वे क्यूकर पाला जीत गये ||
तरक्की करि हरयाणा मैं अपना खून पस्सीना बहा कै रै
ऊपर ले तो फायदा ठगे हम बात देखते मुंह नै बा कै रै 
देखे चारों कान्ही धक्के खा कै रै मिल असली मीत गये ||
तीनो नकली लाल हरयाणा के उनते यो सवाल म्हारा रै  
गरीब क्यों घणा गरीब होग्या अमीर क भरया भंडारा रै
असली लाल परभात म्हारा रै रणबीर बना ये गीत गये ||  

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