Thursday, 6 February 2014

लिए दिल नै डाट

एक  परिवार गरीबी में मजदूरी करके  है ।
रमेश अपनी पत्नी से बातचीत करता है ।
 कवि  के शब्दों में ___

लिए दिल  नै  डाट , मतना देखै बाट
घर बच्या ना खाट , खोस लेगी महँगाई ॥
हो लिए  सब तरां तैं तंग
इब होगे सैं मरने के ढंग
मारैगी या  बीमारी , इलाज हुया भारी
देख किसी  लाचारी , म्हारे साहमी आई ॥
बर्बादी डाटी नहीं डटी सै
ईज्जत सब तरियां घटी सै
तीन मैं दो मरगे , आँख बंद करगे
घने लाले पड़गे , नहीं सुणी दुहाई ॥
\होगी म्हारी जिंदगी पैमाल
महंगाई नै करे सां बेहाल
नहीं रहे सुखी , सुण सूरज मुखी
कर दिए दुखी , कसूती फांसी लाई ॥
किसकै जाकै टक्कर मारां
चढ्या कर्जा क्यूकर तारां
राह कोए बताओ , सूली पै ना चढ़ाओ
कुछ तरस खाओ , रणबीर करो सुनाई ॥ 

Monday, 3 February 2014

विक्रम और चमेली

विक्रम और चमेली प्रेम विवाह करते हैं । घरवाले नाराज थे । मगर भगत सिंह से काफी प्रभावित हुए । समाज सुधर के काम में जुट गए । लेकिन विक्रम आप में जाने का मन बनता है और दिल्ली चला जाता है । चमेली गाओं में अकेली रह जाती है । एक दिन क्या लिखती है चिठ्ठी में ---
आप मैं चाल पड़या दिल तोड़ कै नयी नवेली का ॥ 
दोनों नै क्रान्ति की कसम खाई जी लागै ना अकेली का ॥ 
मेरे दिल पै  के गुजरी सै थाम मरदां नै के बेरा 
करवट बदलतें रात चली जा होज्या न्यूयें सबेरा 
बिना तेरे साथ विक्रम यो घर भूतां का डेरा 
तेरे बिन दिल मैं अँधेरा के सपने की हवेली का ॥ 
दिल की दिल मैं रहै थारे बिन कैसे हो मन चाह्या 
असली रही बीच छोड़ चल्या दूजा रह अपनाया 
मेरे वो बख्त याद आवै जो मनै थारी साथ बिताया 
संघर्ष मैं जी लगता कोन्या मन मैं लागै ना उम्हाया ॥ 
क्रांति तैं भरी सै काया समझ हाल तूँ चमेली का ॥ 
हाली बिन धरती सूनी बिना सवार के घोड़ी 
विचार मेल बिना कलह रहै घनी नहीं तो थोड़ी 
मनै सोची म्हारी या धुर तक चलैगी जोड़ी 
आप मैं दम कडै सै क्रांति विचार ना धेली कोड़ी  
बिन परखनिया देख किरोड़ी होज्या सस्ता धेली का ॥ 
आप मैं पार पड़ै कोन्या देख लिए गुण ग़ाकै नै 
याद रखिये बात मेरी कदे भूलै आप मैं जाकै नै 
राजी खुसी की खबर दिए मेरी चिठ्ठी नै पाकै नै 
जै उल्टा आवैगा तो मैं गाऊंगी गीत उम्हा कै नै 
रणबीर मतलब  खुलैगा इस अनखुली पहेली का ॥ 

पछतावैगा

चमेली और विक्रम मुनक गाओं के रहने वाले हैं । साक्षर भारत में काफी जोर शोर से काम किया ।  अब ज्ञान विज्ञानं समिति के सदस्य हैं । भगत सिंह के सपनो का भारत बनाने का उनका सपना है । अचानक आप की दिल्ली में जीत से विक्रम काफी प्रभावित हो जाता है और मन बना लेता है आप में जाने का । चमेली मना  करती है और क्या कहती है विक्रम को भला ---
मतना आप मैं जावै , चमेली न्यूँ  समझावै , तेरी समझ ना आवै 
                                                           तूँ पाछै पछतावैगा ॥ 
जनता नै दुखी होके नै बी जे पी कांग्रेस ढहा दई हो 
उम्मीद हम सब की जीत नै चारोँ कांही बढ़ा दई हो 
कांग्रेस बी जे पी भ्रष्टाचार की ढकनी या उठा दई हो 
जनता की ताकत कितनी दोनूंआं तैं सै दिखा दई हो 
दबाव हम बनावैं , सही रास्ता दिखावैं , भीतर तो घुट ज्यावै 
                                                           दबाव काम आवैगा ॥ 
भ्रष्टाचार की जड़ गहरी लड़ना इतना आसान कड़ै 
बाजार की व्यवस्था जड़ सै इब करना घमासान पड़ै 
व्यवस्था बदलै ना जब तक कठ्ठा हो ना किसान लड़ै 
शाषक हमनै पीटण खातर  नए नए तीर कमान घड़ै 
नब्बै दस का रोला सै , शाषक नहीं बोला सै ,संस्कृति का लाठोला सै 
                                                           रोज साँस चढावैगा ॥ 
जात  गोत  नात मजहब मैं किसान कसूते बाँट दिए
मुजफ्फर नगर मैं पुरानी एकता के ये पर काट दिए
साम्प्रदायिकता के सांटे गेल्याँ सबके बैल हांक दिए
जाट किसान मुस्लिम किसान न्यारे न्यारे छाँट दिए
याद छोटू राम आवै , कूण आज धीर बंधावै ,हटकै प्रेम बढ़ावै
                                                          एकता हटके ल्यावैगा ॥
भाई अर बहनो सुणल्यो आज का दौर कसूता घना
बेचैनी बढ़ती आवै देखो शासक वर्ग तो नपूता घना
बेचैनी का फायदा ठाकै डाकू बनया चाहवै सपूता घना
डैमोक्रेसी खतरे मैं गेरदी शासक हुआ कपूता घना
आज खिंचाई रघबीर , भारत की तस्वीर , गरीब की तहरीर
                                                        हरियाणे नै जगावैगा ॥



Saturday, 1 February 2014

चौधरी छोटू राम


पंजाब मैं हिन्दू मुस्लिम सिख की पूरी एकता बनाई तनै ॥
कट्टर वादियां तैं उन दिनां मैं थी जमकै धुल चटाई तनै ॥
बीस मैं कांग्रेस छोड़ कै या यूनियनिस्ट पार्टी बनाई तनै ॥
पूरे पंजाब मैं यूनियनिस्ट पार्टी की लहर  चलाई तनै ॥
महाजन संस्कृति की उन दिनाँ बही की लूट मिटाई तनै ॥
गरीब किसान की जमीन कुड़की होवण तैं बचाई तनै ॥
हजारों हजार नौजवानां की फ़ौज मैं भर्ती कराई तनै ॥
भाखड़ा डैम बनवा करकै भाखड़ा नहर लिकड़वाई तनै ॥
दोनों महायुद्धां मैं गोरयां की कहैं गलत मेर कटाई तनै ॥
कुछ भी हो छोटू राम पंजाब की सोयी जनता जगाई तनै ॥
कांग्रेस और मुस्लिम लीग तैं लेकै टक्कर दिखाई तनै ॥
वकालत के बदले तौर तरीके नयी रीत निभाई तनै ॥
पाकिस्तान ना बनने देवां कठ्ठे होकै आवाज उठाई तनै ॥