Monday, 31 December 2012

डाक्टर चंचल नए साल की बाट मैं

                                डाक्टर चंचल नए साल की बाट मैं 

सुरक्षा का माहौल मिलै नए साल मैं

सुरक्षा का माहौल मिलै नए साल मैं 

MUBARAK HO


आप सबको नए साल की शुभ कामनाएं 

रणबीर सिंह दहिया 

Sunday, 30 December 2012

नया साल चुनोतियों भरा है मंजूर सबको

नया साल चुनोतियों भरा है मंजूर सबको 
कलकता  हवाई अड्डे पर पता लगा की दामिनी ने अपने संघर्ष की आखिरी साँस सिंघपुर में ली है तो बहुत दुःख हुआ और यह रागनी वहीँ पर कल लिखी -----
याद रहैगा थारा  बलिदान दामिनी भारत देश जागैगा ।।
थारी क़ुरबानी रंग ल्यावैगी समाज पूरा हिसाब मांगैगा ।।
सिंघापुर  मैं ले जा करकै  बी हम थामनै बचा नहीं पाये 
थारी इस कुर्बानी नै दामिनी आज ये सवाल घने ठाये 
गैंग रेप की कालस का यो अँधेरा भारत देश तैं भागैगा ।।
दामिनी पूरा देश थारी साथ यो पूरी तरियां खड्या हुया
जलूस विरोध प्रदर्शन कर समाज सारा अड़या हुया
फांसी तोड़े जावैंगे वे जालिम इसपै  हांगा पूरा लागैगा ।।
महिला संघर्ष की थाम दामिनी आज एक प्रतीक उभरगी
दुनिया मैं थारी कुर्बानी की कोने कोनै सन्देश दिगर गी
इसमें शक नहीं बचर या कोर्ट जालिमों नैं फांसी टांग़ैगा।।
लम्बा संघर्ष बदलन का सोच समझ आगै बढ़ ज्यांगे
मंजिल दूर साईं दामिनी हम राही सही पै चढ़ ज्यांगे
कहै रणबीर सिंह नए साल मैं जालिम जरूरी राम्भैगा ।।



Thursday, 27 December 2012

संघर्ष भारी

सोच सोच कै हार  गया आज क्यों बढ़गे ये बलात्कारी।।
पहले  भी हुआ करैं थे  नहीं मुंह  खोल्या  करती नारी।।
भोग की वास्तु हो सै  नारी ग्रन्थ  हमारे खूब  पुकारे
मर्द के दिमाग मैं विचार ये सैं  सदियों पुराने छाहरे
ईब मुंह खोलन लागी  करतूत थारी  साहमी आरी ।।
पूरे समाज मैं खतरा होग्य़ा  कोए बी महफूज नहीं
काले  धन की लीला छागी सच्चाई की बची गूँज नहीं
नंगेपन और हवस की अपसंस्कृति बढ़ती जारी ।।
गरीब दलित आदिवाशी घने दिनों तैं  यो झेल रहे
ये शरीफ सभ्य समाज के बना महिला का खेल रहे
दो मिनट मैं ठीक नहीं होवेगी सदियों की चली बीमारी ।।
कई स्तर पर रणबीर मिलकै पूरा हांगा लाना होगा 
न्यारे न्यारे बाजे छोड़ कै साझला बाजा बजाना होगा
आज नया नव जागरण विचार संघर्ष  मांगे भारी ।।

FATOOR MACHAYA RAKHYA

Tuesday, 25 December 2012

आज का जमाना

आज का जमाना 
देख कै उल्टी रीत जगत की दिल मेरा हुआ उदास 
भगवन तेरी इस लीला का मनै भेद पट्या ना खास 
चोर जार ठग मौज उड़ाते शरीफ रहें दुःख भरते 
झूठे राज पाठ  के मालिक सचे फिरैं गुलामी करते 
देखे हिरन जंगलों मैं चरते गधे करैं गाम मैं वास ।।
झूठे बरी जेल खानों मैं मनै सच्चे ठुकते देखे 

शर्म आले बेशर्म के आगै सर झुका लुह्क्ते देखे 
सच्चे मानस झुकते देखे दादा बनगे बदमास ।।
झुठयाँ कै पल्लै धरती दौलत भले करैं पराई आशा 
म्हारे भारत देश मैं देखो दुनिया का अजब तमाशा 
गरीब नै भोजन का सांसा अमीरों के सब रंग रास ।।
ये मजदूर ऊपर हुकम चलावें आज अफसर भूंडे 
घने दलाल पैदा होगे कई नेताअपने बरगे ढूंढें 
रणबीर सिंह बरग्याँ  नै ये गुंडे नहीं लेवन दें सांस ।।



BHITTAR AUR BAHAR


Monday, 24 December 2012

Friday, 7 December 2012

चुनौती घनी भारी सै , सबकी जिम्मेदारी सै , समय जाती जा री सै
नयी लहर चलानी सै जरूर ।।
हरयाणा का मिलजुल कै  हम नै  विकास किया देखो
पर लिंग अनुपात मैं ना इम्तिहान पास किया देखो
झझर  सबतैं तलै 

Wednesday, 21 November 2012

Sunday, 11 November 2012

लोक पाल बिल

लोक पाल बिल  हो तगड़ा ,नहीं होना चाहिए लंगड़ा
ईब किस बात पै झगडा , लोक पाल बिल पास करो ।।
भ्रष्टाचार का डूंडा पाट्या देखो भारत देश म्हारे मैं
कालेधन  का बोलबाला देखो इस हिंदुस्तान सारे  मैं
नीति इसी बनाई उननै ,अपनी नीत डिगाई हमनै
बात आडै पहोंचाई हमनै ,लोक पाल बिल पास करो ।।
भ्रष्टाचार इस सिस्टम का प्रेरक गया बताया यो
कारपोरेट का यो सिस्टम रूखाला बन कै आया यो
घोटाल्यां मै नेता तो पकड़े ,सही बात ये ठीक जकड़े
कारपोरेट ये हाँडै अकड़े ,लोक पाल बिल पास करो ।।
कारपोरेट मीडिया अन जी ओ तीनों  इस मैं ल्याओ
ये राख  बाहर लोकपाल तैं लंगड़ा मतना बनाओ
लोकतंत्र आज बचाना हो ,लोकपाल पास कराना हो
सिस्टम नया बनाना हो ,लोक पाल बिल पास करो ।।
प्रधानमंत्री कुछ बातों मैं इसके भीतर ल्याणा चाहिए
सही मानसां नै इस तैं नहीं जमा  घबराना चाहिए
यो रणबीर बारोने आला,छंद कसूते पिरोने आला
साच पै जिन्दगी झोने आला ,लोक पाल बिल पास करो ।।

Saturday, 10 November 2012

BHRUN HATYA

भ्रूण-हत्या

तेरे अंश तैं खिली कली नै, मत तुड़वावै माई री ।
तीन मास तै पली कूख में, ईब के आफत आई री ।।
(1)
जननी होकै खुद मरावावै, घोर अंधेरा सै दिन में ।
जै बाड़ खेत नै खावैगी, के बाकी बचै चमन में ।।
तूं भी तै मां एक बेटी सै, देख सोच अपणे मन में ।
गुड्डा-गुडियां खेल्लूंगी मैं, बाबुल के आंगन में ।।
फिरूं चहकती बचपन में, फेर चिड़िया किसी उडाई री ।
(2)
आकै नै मैं दुनिया मैं, थारै रंग चा़ बानी लाऊँगी ।
जब होगा मेरै छोटा भाई, सारी हाण खिलाऊँगी ।।
भैया दूज जब आवैगी मैं, रक्षा -तिलक लगाऊँगी ।
आई सलूमण पोहंची बाधूं, जुग-जुग शुक्र मनाऊँगी ।।
गीत खुशी के गाऊँगी जब, ब्याहया जा मेरा भाई री ।
(3)
पढ़ लिखकै मैं रोशन करदयूं, मात-पिता का नाम री ।
इंद्रा बणज्यां बेदी बणज्यां, दुनिया करै सलाम री ।।
पी.टी. ऊषा साईना बणज्यां, जीतूं घणे ईनाम री ।
कल्पना चावला की ढ़ाला मैं, उडकै छूल्यूं राम री ।।
करूं संतोष से काम री, एवरेस्ट की करूं चढ़ाई री ।
(4)
लोकेश शर्मा हाथ जोड़कै, कररया न्यूं फरियाद सै ।
नारी के सम्मान बिना के, रहणा जगत आबाद सै ।।
भ्रूण-हत्या का कलंक देश पै, ब्होत बड़ा अपराध सै ।
अजमाकै कोए देख लियो, लड़की-लड़के तैं बाध सै ।।
बणी रहै मर्याद सै, जिस घर मैं कन्या पाई री ।

DIWALI KEE CHNAUTEE



gfj;k.ks ds ?kj ?kj eSatkoS fnokyh eukbZ vktAA
vPNkbZ dh cqjkbZ ij thr gksbZ Fkh crkbZ vktAA
iz.k djks vPNkbZ ds i{k eSa ge [kM+s gksokaxs lkjs
lkp cksykzxs thou eSa pkgs dks, yrs ikM+ys Egkjs
vPNkbZ iM+h fcy[k jgh geuS n;k uk vkbZ vktAA
pkjksa rjQ uS ;k cqjkbZ flj ij p<+ p<+ cksyS
fgUn Egkjs dh lk[k vkt ix ix ij dfr MksyS
eSMhdy eSa flj Bko.k ykxh ;k cSj.k cqjkbZ vktAA
vPNkbZ vkSj cqjkbZ dh cgqr iqjkuh tax crkbZ
ekuork vkSj lPpkbZ gh ;s lekt dh /kqjh trkbZ
iwjk Hkjkslk euS HkkbZ;ks flj Bk pyS vPNkbZ vktAA
dkyk /ku fLol cSad dk mYVk Hkkjr eSa vkoS
yxS fodkl eSa fgUn ds izdk’k iwjs ns’k eSa NkoS
dgS j.kchj cjksus vkyk ;k ubZ tksr tykbZ vktAA

DIWALI KITAI DIWALA



fdrS euS fnokyh pkS[kh fdrS fydM+;k vkt fnokyk
dqN ?kj eSa gq;k pkanuk Egkjs eSa gq;k vU/ksjk dkyk
cqjkbZ iS thrS vPNkbZ ftc fnokyh eukbZ tkoS
vPNkbZ fiVS pkjksa dkUgh vkt cqjkbZ c<+rh vkoS
bls ekgkSy eSa fnokyh dks, fny rSa dSls eukoS
jke dh uxjh eSa ek.kl cscl [kM+;k y[kkoS
Egkjh cnjaxh nqfu;k dk ugha jg;k jke #[kkykAA
dSls [khy irkls eSa Y;kma ?kj eSa eqLls dqyk djSa
esgur djdS jksVh [kkoka ‘kke lcsjh nqvk djSa
Qsj ch mudh pkUnh gksjh fnu jkr tks cqjk djSa
geuS lqUnj nqfu;k cukbZ gerSa jke D;ksa fxyk djSa
jke ds rks feVk vU/ksjk uk rS gksxk nqfu;k eSa pkykAA
jke jkt eSa c<+S xjhch ckr le> eSa vkbZ uk
rsjs jkt eSa geuS jke th feyrh vkt nokbZ uk
blk ds gq;k pkyk crk feyrh eqQr i<+kbZ uk
D;ksa rsjs jkt eSa lqjf{kr vkt yksx yqxkbZ uk
nqfu;k dk ekfyd c.k.k dk djns jke th VkykAA
crk D;wdj fnokyh eukma jkLrk euS crkns rwa
lerk gks nqfu;k eSa blk jkLrk euS fn[kkns rwa
vkSjr uS bUlku le>Sa lekt blk c.kkns rwa
rsjs cldk uk ;ks djuk rS Egkjs ftEeS ykns rwa
esjk Hkjkslk mBrk tk dgS j.kchj cjksus vkykAA