निजीकरण मुर्दाबाद
गरीब और गरीब होग्या तरीका निजीकरण विकास का
अमीर और अमीर होग्या इसा आरा चलाया विनाश का
1
कहते गरीबी दूर करांगे निजीकरण स्कीम चलाई गई
विकेंद्रीकरण कर दिया देखो बात खूब फैलाई गई
सल्फास किसान क्यों खावै के कारण उसके सत्यानाश का
अमीर और अमीर होग्या इसा आरा चलाया विनाश का।।
2
निजीकरण की मार कितनी या भारत मैं बधांते जावांगे
भगत सिंह के सपन्यां आल्या समाजवाद कद ल्यावांगे
छल कपट छाग्या देखो कारण सै निजीकरण घास का।।
अमीर और अमीर होग्या इसा आरा चलाया विनाश का।।
3
अमीर अपणा आप्पा भूल गया पीस्से का आज दास हुया
निजीकरण बढ़ती जावै सै बाजार का दबाव आज खास हुया
स्कॉच चलै पांच सितारा मैं ख्याल ना म्हारी प्यास का।।
अमीर और अमीर होग्या इसा आरा चलाया विनाश का।।
4
निजीकरण की हवस छागी लूटण की होड़ लगी रै
अमीर खूब एश करैं गरीब कै कसूती चोट लगी रै
रणबीर सिंह विरोध जतावै इस निजीकरण खास का।।
अमीर और अमीर होग्या इसा आरा चलाया विनाश का।।
***//
निजीकरण मुर्दाबाद
अमीरों के महल अटारी, म्हारी झोंपड़ी ढहती जारी, निजीकरण की डांडी मारी, पेट अमीरों के फूल रहे।
1
अंबानी और अदानी की तल्हडू सै सरकार म्हारी
टैक्स बढ़ा कै नै इसनै जनता की खाल सै उतारी
जात धर्म पै बांट भाकरी, बढ़ी देश मैं बेरोजगारी, निजीकरण देश मैं छारी,
पकड़ मामले तूल रहे।।
2
या मेरिट पढ़ण बिठादी, शिक्षा की गुणवत्ता खोदी
महिला विरोधी शिक्षा तैं शयान हरियाणा की डबोदी
महिला की करें थानेदारी, करते ये फरमान जारी, निजीकरण के बने प्रचारी, पढ़े लिखे आज कर भूल रहे।।
3
विकास जनता का कहते, तिजौरी भरते अंबानी की
सब्सिडी खत्म गरीबों की बढ़ी सब्सिडी अडानी की
महिला खड़ी पुकार रही, क्यों बढ़ व्यभिचार रही, गैंग रेप की झेल मार रही, मर इंसानी असूल रहे।।
4
निजीकरण के विरोध का हम हटकै संकल्प लेवां रै
निजीकरण की व्यवस्था नै मिलकै झटका देवां रै
यो बराने आला रणबीर, यो लिखता सही तहरीर, निजीकरण मामला सै गंभीर, क्यों इसपै बैठ झूल रहे ।।
******
निजीकरण की बीमारी , यो करजा चढ़ग्या भारी, हुई दुखी जनता सारी, महान हुया हरियाणा।
1
म्हारे बालक मरैं बिना दवाई,
महंगी होंती जावै पढ़ाई,
निजीकरण साँस चढ़ारी , कारपोरेट अत्याचारी, मीडिया इसका प्रचारी, महान हुया हरियाणा।
2
जात पात मैं बाँटी जनता, विरोध किया तो काटी जनता
किसान की श्यामत आरी, महिला की इज्जत जा तारी, या निजीकरण छाती जारी, महान हुया हरियाणा।
3
निजीकरण के झटके देते,खबर म्हारी कदे ना लेते,
होंती जा तबियत खारी, जनता हिम्मत नहीं हारी, शासक हुया भ्रष्टाचारी, महान होया हरियाणा।
4
महिला वंचित सुणल्यो सारे, बिना संघर्ष के नहीं गुजारे
लड़े हैं तो निजीकरण हारी , जीतैंगे भरतू भरतारी , यो रणबीर म्हारा लिखारी, महान हुया हरियाणा ।