Friday, 17 March 2023

ना असली बात पिछाणी रै।।

 पिट पिट कै सबक ना सीख्या ना असली बात पिछाणी रै।।

किसान जै नहीं जाग्या तो पड़ैगी घणी मुसीबत ठाणी रै।।

1)

हरियाणे मैं दो काम हुए हरित क्रांति जब तैं आई सै

साधन आला तै खूब चढ़ाया चेहरे पै खूबै लाली छाई सै

सारे कै सुनी जावै इसकी दुख सुख की आज कहाणी रै।।

2)

बिना साधन आला फेफड़ दिया या महंगाई नै रेल बनाई रै

बेकरी बधी सुल्फा दारु गाभरू चढ़ाए उल्टी राही रै

कुछ पुलिस अफसर अर मंत्री बदमशां का भरते पाणी रै।।

3)

मेहनतकस की माँगां तैं दखे इनका कोये सरोकार नहीं

लावै पूंछ पंजाबी लोकल की इसतैं भूंडी कोये कार नहीं

भूख सतावै चौबीस घंटे या जनता फिरै कति उभाणी रै।।

4)

मारे जां हरियाणे मैं रणबीर जो रहे हम खबरदार नहीं

सांझे संघर्ष बिना हार मानै लूट का बैरी दरबार नहीं

गरीब का कोये मददगार नहीं होंती आवै कुन्बा घाणी रै।।


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