Thursday, 16 February 2023

आंगनवाड़ी की आत्म कथा 

 आंगनवाड़ी की आत्म कथा 

आंगनवाड़ी मैं काम क रूं आप बीती बताऊं बेबे ।।

काम घणा करना होसै  तंनखा नाम की पाऊं बेबे ।।

1

मां और बच्चों की सेवा का केंद्र आंगनवाड़ी बताया 

कुपोषण तैं निपटने का यो ग्रामीण केंद्र बनाया

 उन्नीस सौ पिचासी मैं सरकार ने प्रोग्राम चलाया 

आंगन आश्रय भी कहदें यो हिंदुस्तान में फैलाया 

सार्वजनिक स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा सुनाऊं बेबे ।।

काम घणा करना होसै  तंनखा नाम की पाऊं बेबे ।।

2

गांव की महिला नै गर्भ निरोधक परामर्श देती 

इनकी सप्लाई करने का जिम्मा अपने जीमै लेती 

सेफ पीरियड के बारे मैं बैठ बात करैं मेरे सेती 

कई सुना कै अपना दुखड़ा रो रो के आंख भेती

 जी करड़ा कर कै नै उन ताहिं सारी समझाऊं बेबे ।।

काम घणा करना होसै  तंनखा नाम की पाऊं बेबे ।।

3

और कामां की गेल्यां सै यो पोषण शिक्षा का जिम्मा मेरा 

खून की कमी कइया मैं चालती हाण आवै अंधेरा

खाने पीने मैं के खाना कईयां नै ना इसका बेरा 

बाल कुपोषित मां का पीला पड़ता आवै चेहरा

के खाना पीना चाहिए कई कई घंटे लाऊं बेबे ।।

काम घणा करना होसै  तंनखा नाम की पाऊं बेबे ।।

4

सतरां रजिस्टर मेरे पास बात जरे कोन्या थारे

 बुनियादी दवाई भी देना कई काम जिम्मे म्हारे 

टीकाकरण की जिम्मेदारी घर-घर घूमैं सारे

छोटे बालकां नै पढ़ाऊं कामां का बोझ मनै मारे 

रणबीर और भी काम घने ये किसनै बताऊं बेबे।।

काम घणा करना होसै  तंनखा नाम की पाऊं बेबे ।।

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