Saturday, 25 February 2023

किस्सा शहीद भगत सिंह 2

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भगत सिंह राज गुरु सुखदेव के सपने अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं। इसके कारणों में जाना और विचार करना जरूरी है। क्या बताया भला--

सपने चकनाचूर करे थारे देश की सरकारां नै।
जल जंगल जमीन कब्जाए देश के सहूकारां नै ।
1
शिक्षा हमें मिलै गुणकारी , भगत सिंह सपना थारा
मरै ना बिन इलाज बीमारी, भगत सिंह सपना थारा
भ्रष्टाचार कै मारांगे बुहारी, भगत सिंह सपना थारा
महिला आवै बरोबर म्हारी, भगत सिंह सपना थारा
बम्ब गेर आवाज सुनाई, बहरे गोरे दरबारां नै।
2
समाजवाद ल्यावां भारत मैं, भगत सिंह थारा सपना
कोए दुःख ना ठावै भारत मैं, भगत सिंह थारा सपना
दलित जागां पावै भारत मैं, भगत सिंह थारा सपना
अच्छाई सारै छावै भारत मैं, भगत सिंह थारा सपना
जनता चैन का सांस लेवै बिन ताले राखै घरबारां नै।
3
थारी क़ुरबानी के कारण ये आजादी के दिन आये
उबड़ खाबड़ खेत संवारे देश पूरे मैं खेत लहलाये
रात दिन अन्न उपजाया देश अपने पैरों पै ल्याये
चुनकै भेजे जो दिल्ली मैं उणनै हम खूब बहकाये
आये ना गोरयां कै काबू कर लिए अपने रिश्तेदारां नै।
4
समाजवाद की जगां अम्बानीवाद छाता आवै देखो
थारे सपने भुला कै धर्म पै हमनै लड़वावै देखो
मुजफ्फरनगर हटकै भगत सिंह थामनै बुलावै देखो
दोनों देशों मैं कट्टरवाद आज यो बढ़ता जावै देखो
रणबीर खोल कै दिखावै साच आज के नम्बरदारां नै।

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भारत देश बहुत सालों तक गुलाम रहा। देश भक्तों ने संघर्ष किया तो 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ। सबसे बड़ा गणतन्त्र है। क्या बताया भला--
यो गणतंत्र सबतै बड्डा भारत आवै कुहाणे मैं।।
भगत सिंह शहीद हुये इसके आजाद कराणे मैं।।
2
दो सौ साल गोरया नै भारत गुलाम राख्या म्हारा था
गूंठे कटाये कारीगरां के मलमत दाब्या म्हारा था
सब रंगा का समोवश था फल मीठा चाख्या म्हारा था
भांत-भांत की खेती म्हारी नहीं ढंग फाब्या म्हारा था
फूट गेर कै राज जमाया कही जाती बात समाणे मैं।।
भगत सिंह शहीद हुये इसके आजाद कराणे मैं।।
2
वीर सिपाही म्हारे देस के ज्यान की बाजी लाई फेर
लक्ष्मी सहगल आगै आई महिला विंग बनाई फेर
दुर्गा भाभी अंगरेजां तै जमकै आड़ै टकराई फेर
याणी छोरियां नै गोरयां पै थी पिस्तौल चलाई फेर
गोरे लागे राजे रजवाड़यां नै अपणे साथ मिलाणे मैं।।
भगत सिंह शहीद हुये इसके आजाद कराणे मैं।।
3
आवाज ठाई जिननै उनके फांसी के फंदे डार दिये
घणे नर और नारी देस के काले पाणी तार दिये
मेजर जयपाल नै लाखां बागी फौजी त्यार किये
फौज आवै बगावत पै म्हारे बड्डे नेता इन्कार किये
नेवी रिवोल्ट हुया बम्बी मैं अंग्रेज लगे दबाणे मैं।।
भगत सिंह शहीद हुये इसके आजाद कराणे मैं।।
4
आजादी का सपना था सबकी पढ़ाई और लिखाई का
आजादी का सपना था सबका प्रबन्ध हो दवाई का
आजादी का सपना था खात्मा होज्या सारी बुराई का
आजादी का सपना था आज्या बख्त फेर सचाई का
हिसाब लगावां आजादी का रणबीर सिंह के गाणे मैं।।
भगत सिंह शहीद हुये इसके आजाद कराणे मैं।।

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पन्दरा अगस्त आजादी का दिन --एक लेखा जोखा उन कुर्बानियों का जिनके दम पर देश आजाद हुआ---

कितने गये काला पानी कितने शहीद फांसी टूटे रै।।
पाड़  बगा दिए  गोरयां के गढ़रे थे जो देश मैं खूंटे रै ।।
1
पहली आजादी की जंग थारा सो सतावन  मैं लड़ी थी
बंगाल आर्मी करी बगावत जनता भी साथ भिड़ी थी
ठारा  सौ सतावन के मैं जन क्रांति के बम्ब फूटे रै ।।
2
भगत सिंह सुख देव राजगुरु फांसी का फंदा चूमे
उधम सिंह भेष बदल कै लन्दन की गालाँ  मैं घूमे
चंदर शेखर आजाद साहमी गोरयां के छक्के छूटे रै।।
3
सुभाष चन्द्र बोश नै आजाद हिंद फ़ौज बनाई थी
महिला विंग खडी करी लक्ष्मी सहगल संग आई थी
धुर तैं आजादी खातिर ये किसान मजदूर भी जुटे रै ।।
4
गाँधी की गेल्याँ जनता जुड़गी हर तरियां साथ दिया 
चाल खेलगे गोरे फेर बी देश मैं बन्दर बाँट किया
बन्दे मातरम अलाह हूँ अकबर ये हून्कारे उठे रै ।।
5
सोच घूमै इब्बी जिसने देख्या खूनी खेल बंटवारे का
लाखां घर बर्बाद हुए यो क़त्ल महमूद मुख्त्यारे का
दो तिहाई नै आज बी रोटी टुकड़े पानी संग घूंटे रै ।।
6
छियासठ साल मैं करी तरक्की नीचे तक गई नहीं
ऊपरै ऊपर गुल्पी आजादी नीचै जावन दई नहीं
रणबीर सिंह टोह कै ल्यावै खुये मक्की के भूट्टे  रै ।।

18****** **

भगत सिंह हर के सपने
जिन सपन्यां खातर फांसी टूटे हम मिलकै पूरा करांगे ।।
उंच नीच नहीं टोही पावै इसे समाज की नींव धरांगे।।
1
सबको मिलै शिक्षा पूरी यही तो थारा विचार बताया
समाज मैं इंसान बराबर तमनै यो प्रचार बढ़ाया
एक दूजे नै कोए ना लूटै थामनै समाज इसा चाहया
मेहनत की लूट नहीं होवै सारे देश मैं अलख जगाया
आजादी पाछै कसर रैहगी हम ये सारे गड्ढे भरांगे।।
उंच नीच नहीं टोही पावै इसे समाज की नींव धरांगे।।
2
फुट गेरो राज करो का गोरयां नै खेल रचाया था
छूआ छूत पुराणी समाज मैं लिख पर्चा समझाया था
समाजवाद का पूरा सार सारे नौजवानों को बताया था
शोषण रहित समाज होज्या इसा नक्शा चाहया था
थारे विचार आगै लेज्यावांगे हम नहीं किसे तैं डरांगे।।
उंच नीच नहीं टोही पावै इसे समाज की नींव धरांगे।।
3
नौजवानो को भगत सिंह याद आवै सै थारी क़ुरबानी
देश की खातर फांसी टूटे गोरयां की एक नहीं मानी
देश की आजादी खातर तकलीफ ठाई थी बेउन्मानी
गोरयां के हाथ पैर फूलगे जबर जुल्म करण की ठानी
क्रांतिकारी कसम खावैं देश की खातर डूबाँ तिरांगे।।
उंच नीच नहीं टोही पावै इसे समाज की नींव धरांगे।।
4
बहरे गोरयां ताहिं हमनै बहुत ऊंची आवाज लगाई
जनता की ना होवै थी सुनायी ज्यां बम्ब की राह अपनाई
नकाब फाड़ना जरूरी था गोरे खेलें थे  घणी चतुराई
गोरयां की फ़ौज म्हारी माहरे उप्पर करै नकेल कसाई
रणबीर कसम खावां सां चाप्लूसां तैं नहीं घिरांगे।।
उंच नीच नहीं टोही पावै इसे समाज की नींव धरांगे।।

19********
**भगत सिंह के रास्ते को अपनाना  होगा**

एक दिन जनता जागैगी, भ्रष्ट राजनीति भागैगी, घोटाल्याँ पाबंदी लागैगी, इन सबकी सै आस मनै।।
1
असल मैं तो नौकरी आज बहोत घणी बची कोण्या
बिना सिफारिश पीसे मिलज्या या बात जँची कोण्या
यो हिसाब जनता माँगैगी,या कसूरवारां नै टाँगैगी,
ठेकेदारां नै पूरा छांगैगी, इसका सै अहसास मनै।।
2
जो भी परिवर्तन आया वा या जनता ल्याई देखो
शोषण का रूप बदल्या जब जनता ली अंगड़ाई देखो
लगाम अमीरों कै लागैगी,हथकड़ी उनकै फाबैगी,
जनता उस दिन नाचैगी,उलगी आवैगी सांस मनै।।
3
जनता की जनवादी क्रांति सुधार आवै पूरे समाज मैं
कोये भूखा नहीं सोवै अमन शांति छावै पूरे समाज मैं
छुआछूत ना टोही पावैगी ,भ्रष्टाचार ना भाजी थ्यावैगी, भूख ना फेर सतावैगी , बनता दीखै इतिहास मनै।।
4
यो हासिल करने खातर  भगत सिंह बनना होगा
जनतंत्र असली खातर संघर्ष मैं उतरना होगा
अर्थ नीति बदली जावैगी,फेर सांस मैं सांस आवैगी,दुनिया मैं शांति छावैगी, रणबीर देवै विश्वास मनै।।

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लेखक भगत सिंह को आह्वान करके क्या कहता है ------
देख ले आकै सारा हाल , क्यों देश की बिगड़ी चाल, सोने की चिडया सै कंगाल , भ्रष्टाचार नै करी तबाही ।।
1
अंग्रेज तैं लड़ी लडाई , थारी कुर्बानी आजादी ल्याई
देश के लुटेरों की बेईमानी फेर म्हारी बर्बादी ल्याई
क्यों भूखा मरता कमेरा , इसनै क्यूकर लूटै लुटेरा, करया चारों तरफ अँधेरा,माणस मरता बिना दवाई ।।
2
चारों कान्ही आज दिखाऊँ , घोटालयां की भरमार दखे
दीमक की तरियां खावै सै समाज नै यो भ्रष्टाचार दखे
ये चीर हरण रोजाना होवें , नाम देश का जमा ड़बोवैं , लुटेरे आज तान कै सोवें, शरीफों की श्यामत आई ।।
3
थारे विचारों के साथी तो डटरे सें जमकै मैदान के माँ
गरीबों की ये लड़ें लडाई म्हारे पूरे हिंदुस्तान के माँ
भगत सिंह ये साथी थारे , तेरी याद मैं कसम उठारे, संघर्ष करेँ यो बिगुल बजारे ,चाहते ये मानवता बचाई ।।
4
बदेशी कंपनी थारे देश नै फेर गुलाम बनाया चाहवैं
मेहनत लूट मजदूर किसानों की ये पेट फुलाया चाहवैं
भारी दिल तैं साथी रणबीर, लिखै देश की सही तहरीर, भगत तमनै जो बनाई तस्बीर, देख जमा ए पाड़ बगाई।।

21********

राज गुरु सुख देव भगत सिंह तेईस मार्च नै फांसी पै लटकाये।।
हुसैनी वाला में अधजले तीनूं  सतलुज नदी के मैं गये बहाए।।
1
धार्मिक कट्टरवाद और अंधविश्वास समाज के बैरी बताये
विकास के पक्के रोड़े सैं इनपै लिख कै संदेश घर घर पहूंचाये
लिख मैं नास्तिक क्यों सूं एक पुस्तिका मैं अपने विचार बताये।।
2
इंसान के छूने से सवाल करया हम अपवित्र कैसे हो ज्यावैं
पशु नै रसोई मैं ले जाकै क्यों हम अपनी गोदी के मैं बिठावैं
कति शर्म नहीं आती हमनै क्यों इसे रिवाज समाज मैं चलाये।।
3
जो चीज आजाद विचारों नै बर्दाश्त नही कर पावै देखो रै
हों इसी चीज खत्म समाज तैं तीनूं नौजवान चाहवैं देखो रै
समाजवाद के पढ़े विचार इंकलाब जिंदाबाद के नारे लाये।।
4
लोग नहीं लड़ें आपस के मैं जरूरत वर्ग चेतना की बताई
किसान मजदूर की असली बैरी पूंजीपति की वर्ग समझाई
सुखदेव राजगुरु भगत सिंह नै रणबीर ना पाछै कदम हटाये ।।

22********
किस्सा शहीद भगत सिंह
भगत सिंह जेल से अपने पिताजी के नाम एक पत्र लिखकर सरकार को उनके द्वारा भेजी अपील का सख्त विरोध करते हैं । क्या बताया इस रागनी में :-
अर्जी पिता किशनसिंह नै ट्रिब्यूनल ताहीं दी बताई थी।।
दलील दे बचाव खातर  कोर्ट जाणे की प्लान बनाई थी ।।
भगत सिंह और उसके साथी इसतैं सहमत नहीं बताये
अंग्रेजां की बदले की नीति बोले पिता समझ नहीं पाये
जिंदगी की भीख नहीं मांगां सन्देश बाबू धोरै भिजाई थी।1।
दलील दे बचाव खातर-------
हम तो हैरान पिताजी क्यों आपनै आवेदन भेज दिया
बिना मेरे तैं सलाह करें इसा गल्त क्यों काम किया
राजनितिक विचारों की दूरी कई बारियां समझाई थी।
2।
दलील दे बचाव खातर-------
थारी हाँ ना के ख्याल बिना मैं अपना काम करता आया सूँ
मुकद्दमा नहीं लड़ूंगा इसपै मैं धुर तैं खड़या पाया सूँ
अपने सिद्धान्त कुर्बान करकै नहीं बचना कसम खाई थी3।
दलील दे बचाव खातर---------
आप पिता मेरे ज्यां करकै मनै सख्त बात नहीं लिखी सै
थारी या बड़ी कमजोरी बात साफ़ मनै कहनी सिखी सै
रणबीर इस्सी उम्मीद कदे मनै आपतैं नहीं लगाई थी।।4
दलील दे बचाव खातर---------
16.9.16

23*********
जब जब जनता जागी  यो जुल्मी शोषक झुका दिया ।।
भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै सबनै भगा दिया ।।
आजाद देश का सपना पहुंचा शहर और गांव मैं
भगत सिंह फांसी टूटा जोश था  देश तमाम मैं
दुर्गा भाभी गेल्याँ  जुटगी इस आजादी के काम मैं
लाखाँ नर और नारी देगे या कुर्बानी गुमनाम मैं
कुर्बानी बिना नहीं आजादी गांधी अलख जगा दिया ।।
भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै सबनै भगा दिया ।।
गोरे गये आगे काले गरीबी जमा मिटी नहीं सै
बुराई बढती आवै सै भिद्द इसकी पिटी नहीं सै
अच्छाई संघर्ष करण लागरी आस जमा घटी नहीं सै
जनता एक दिन जीतेगी या उम्मीद छुटी नहीं सै
म्हारी एकता तोडण़ खातिर जात पात घणा फैला दिया।।
भारत तैं जुल्मी गौरा मिलकै सबनै भगा दिया।।
जात पात हरियाणा की सै सबतैं बड्डी बैरी भाइयो
विकास पूरा होवण दे ना दुनिया याहे कैहरी भाइयो
वैज्ञानिक सोच काट सै इसकी जड़ घणी गहरी भाइयो
अमीराँ की जात अमीरी म्हारै गरीबी फैहरी भाइयो
समता वादी समाज होगा संघर्ष का डंका बजा दिया ।।
भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै सबनै भगा दिया ।।
दारू माफिया मुनाफा खोर इनकी पक्की यारी देखो
भ्रष्ट पलसिया औछा नेता करता चौड़े गद्दारी देखो
बिचोलिया घणे पैदा होगे म्हारी अक्ल मारी देखो
लंबे जन संघर्ष की हमनै कर ली तैयारी देखो
रणबीर भगत सिंह ने रास्ता सही दिखा दिया।।
भारत तैं जुल्मी गोरा मिलकै सबनै भगा दिया ।।

24*********
23 मार्च शहादत दिवस के मौके पर
देख हालत आज देश की थारी याद घणी आवै सै।।
आज तो देशद्रोह करनिया देश भगत कुहावै सै।।
1
सबको शिक्षा काम सबको का नारा थामने लाया था
इंकलाब जिंदाबाद देश में जोर लगा गुंजाया था
शोषण रहित समाज थारी डायरी लिखा पावै सै।।
आज तो देशद्रोह करनिया देश भगत कुहावै सै।।
2
अंग्रेजों के खिलाफ थाम नै जीवन दा पै लगा दिया

आजादी का संदेश यो घर घर के में पहुंचा दिया
तीनों साथी फांसी चढ़गे  देश शहादत मना वै सै।।
आज तो देशद्रोह करनिया देश भगत कुहावै सै।।
3
सरफरोशी की तमन्ना बोले इब म्हारे दिल मैं सै
देखना सै जोर कितना बाजू ए कातिल थारे मैं सै
एक नौजवान तबका थाम नै उतना ए चाहवै सै।।
आज तो देशद्रोह करनिया देश भगत कुहावै सै।।
4
धर्म के नाम पर समाज बांटें आज देश भगत बनरे
हिंदू मुस्लिम के नाम पै बना कै पाले बन्दी तनरे
रणबीर थारी कुर्बानी हम सब मैं जोश लयावै सै।।
आज तो देशद्रोह करनिया देश भगत कुहावै सै।।

25********
जनता की जनवादी क्रांति हम बदल जरूर ल्यावाँगे रै ॥ 
भगतसिंह राजगुरु सुखदेव का यो देश बणावांगे रै ॥
1
जनतन्त्र का मुखौटा पहर कै राज करै सरमायेदारी या
जल जंगल जमीन धरोहर बाजार के मैं बेचै म्हारी या
हम लोगां का लोगां की खातर लोगां का राज चलावांगे रै ॥
भगतसिंह राजगुरु सुखदेव का यो देश बणावांगे रै ॥
2
कौन लूटै जनता नै इब सहज सहज पहचान रहे
आज घोटाले पर घोटाले कर ये कारपोरेट बेईमान रहे
एक दिन मिलकै इन सबनै हम जेल मैं पहोंचावांगे रै  ॥
भगतसिंह राजगुरु सुखदेव का यो देश बणावांगे रै ॥
3
जनता जाओ चाहे भाड़ मैं बिदेशी पूंजी तैं हाथ  मिलाया
दरवाजे खोल दिए उन ताहिं गरीबाँ का सै भूत बनाया
जमा बी हिम्मत नहीं हारां मिलकै नै सबक सिखावांगे रै ॥
भगतसिंह राजगुरु सुखदेव का यो देश बणावांगे रै ॥
4
बढ़ा जनता मैं  बेरोजगारी ये नौजवान भटकाये देखो 
जात पात गोत नात मैं बांटे आपस मैं भिड़वाये देखो
किसान मजदूर के दम पै करकै संघर्ष दिखावांगे रै ॥

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