इंदिरा गांधी
तूँ सुनिए इंदिरा गांधी क्यूँ हमनै फिरै भकांदी
म्हारी नहीं समझ मैं आंदी तेरा समाजवाद कद आवैगा।
एक तरफ तूँ आपणे आप लाखों रूपया खर्च करै
दूजी तरफ एक गरीब आदमी भूखे पेट तैं तड़फ मरै
करै क्यूँ घोर अत्याचार सै तेरे बंगले कोठी कार सै
गरीब का रहडू बेकार सै वो क्यूकर दिल संझावैगा।
एक तरफ तूँ करै घोषणा सबके बराबर के अधिकार
दूजी तरफ कोई मांगै रोटी तूँ खोलदेै जेलों के द्वार
या कार माड़ी इंदिरा ताई तूँ ल्यांति जावै तानाशाही
तेरे जांदी के दें पैर दिखाई राज पाट तेरा यो जावैगा।।
करकै लूट लूटेरे ख़ागे हम कैसे सुख का सांस जियां
कमेरे वर्ग का खून चूसरे तेरे टाटा बिरला डालमियां
लोक सभा मैं मददगार इनके रेडियो टी वी तार इनके
बैंक कारखाने कार इनके यो समाजवाद कूण ल्यावैगा।।
तेरे ढोल के पोल खुलगे सर्वहारा ईब जाग उठया सै
सीना तान खड़या होग्या ज्यूँ मार फुंकार नाग उठया सै
रूठ्या सै मजदूर किसान यो खोसैगा तेरे तैं कमान
रैहज्याओगे सब हैरान जब यो दम तमनै दिखावैगा।।
1983 की डायरी से
तूँ सुनिए इंदिरा गांधी क्यूँ हमनै फिरै भकांदी
म्हारी नहीं समझ मैं आंदी तेरा समाजवाद कद आवैगा।
एक तरफ तूँ आपणे आप लाखों रूपया खर्च करै
दूजी तरफ एक गरीब आदमी भूखे पेट तैं तड़फ मरै
करै क्यूँ घोर अत्याचार सै तेरे बंगले कोठी कार सै
गरीब का रहडू बेकार सै वो क्यूकर दिल संझावैगा।
एक तरफ तूँ करै घोषणा सबके बराबर के अधिकार
दूजी तरफ कोई मांगै रोटी तूँ खोलदेै जेलों के द्वार
या कार माड़ी इंदिरा ताई तूँ ल्यांति जावै तानाशाही
तेरे जांदी के दें पैर दिखाई राज पाट तेरा यो जावैगा।।
करकै लूट लूटेरे ख़ागे हम कैसे सुख का सांस जियां
कमेरे वर्ग का खून चूसरे तेरे टाटा बिरला डालमियां
लोक सभा मैं मददगार इनके रेडियो टी वी तार इनके
बैंक कारखाने कार इनके यो समाजवाद कूण ल्यावैगा।।
तेरे ढोल के पोल खुलगे सर्वहारा ईब जाग उठया सै
सीना तान खड़या होग्या ज्यूँ मार फुंकार नाग उठया सै
रूठ्या सै मजदूर किसान यो खोसैगा तेरे तैं कमान
रैहज्याओगे सब हैरान जब यो दम तमनै दिखावैगा।।
1983 की डायरी से
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