गुंडा गर्दी करकै मेरा जीना होग्या भारी हे।।
मेरी ना पार बसावै खोल सुनादयूं सारी हे।।
1
बोली लागैं इसी गात मैं चलै जन जर्मन का पिस्तौल
हो बजर केसा जिया करना दिल होज्या मेरा डावांडोल
किस तरियां ये बात बताऊँ मेरी जबान हुई अनबोल
मनै जबर भय लागै ना तन पै मांस रहया बेबे
था थोड़ा ढेठ गात मैं कोण्या मेरे पास रहया बेबे
गुंडागर्दी के चलते कोण्या सुख का सांस रहया बेबे
इनै बातों की चर्चा करै कुएं की पणिहारी हे।
मेरी ना पार बसावै खोल सुनादयूं सारी हे।।
2
बने हांडें छैल गाभरू ना गल्त सही का हौंस जमा
शरीफ भी और ऊत लूँगाड़े हमपै पाकैं बोस जमा
बाहर लिकड़ना मुश्किल सै घरां बिठादी मोस जमा
सारी दुनिया मैं होग्या पापियों का यो पूरा जोर
गात बचाकै जीना होवै मची तबाही चारों और
थाणे मैं सुनते कोण्या अन्याय होरया घन घोर
समझ मैं आग्या गुंडागर्दी होंती जावै सरकारी हे।।
मेरी ना पार बसावै खोल सुनादयूं सारी हे।।
3
रोजाना की भुंडी बाणी म्हारी नाड़ तले नै गोगी
बेरा ना कद आंख खुलें क्यों या जनता सोगी
किस किस का जिकरा सबकी रे रे माटी होगी
गुंडे खुले घूमते रहैंगे या तो मेरे दिल मैं जरगी
आगै के गुल खिलेंगे कौनसी इतने ए मैं सरगी
घणी लुगाई दुखी होकै खा खा कै फांसी मरगी
जड़ गुंडा गर्दी की डूंगहै चोये के मैं जारी हे।
मेरी ना पार बसावै खोल सुनादयूं सारी हे।।
4
चोर जार ठग मौज उड़ावै देखे गरीब दुख भरते
गधे रंग रास मनावैं हिरन आज जंगलों मैं चरते
कैंडे आले मानस की मर फिरैं गुलामी करते
कहैं किस्मत की माया सै जमा म्हारी अक्ल मारी
मीडिया कर नाश रहया फ़िल्म ये तरकीब बतारी
रणबीर सिंह बनै निशाना सारी जागां या नारी हे।।
मेरी ना पार बसावै खोल सुनादयूं सारी हे।।
मेरी ना पार बसावै खोल सुनादयूं सारी हे।।
1
बोली लागैं इसी गात मैं चलै जन जर्मन का पिस्तौल
हो बजर केसा जिया करना दिल होज्या मेरा डावांडोल
किस तरियां ये बात बताऊँ मेरी जबान हुई अनबोल
मनै जबर भय लागै ना तन पै मांस रहया बेबे
था थोड़ा ढेठ गात मैं कोण्या मेरे पास रहया बेबे
गुंडागर्दी के चलते कोण्या सुख का सांस रहया बेबे
इनै बातों की चर्चा करै कुएं की पणिहारी हे।
मेरी ना पार बसावै खोल सुनादयूं सारी हे।।
2
बने हांडें छैल गाभरू ना गल्त सही का हौंस जमा
शरीफ भी और ऊत लूँगाड़े हमपै पाकैं बोस जमा
बाहर लिकड़ना मुश्किल सै घरां बिठादी मोस जमा
सारी दुनिया मैं होग्या पापियों का यो पूरा जोर
गात बचाकै जीना होवै मची तबाही चारों और
थाणे मैं सुनते कोण्या अन्याय होरया घन घोर
समझ मैं आग्या गुंडागर्दी होंती जावै सरकारी हे।।
मेरी ना पार बसावै खोल सुनादयूं सारी हे।।
3
रोजाना की भुंडी बाणी म्हारी नाड़ तले नै गोगी
बेरा ना कद आंख खुलें क्यों या जनता सोगी
किस किस का जिकरा सबकी रे रे माटी होगी
गुंडे खुले घूमते रहैंगे या तो मेरे दिल मैं जरगी
आगै के गुल खिलेंगे कौनसी इतने ए मैं सरगी
घणी लुगाई दुखी होकै खा खा कै फांसी मरगी
जड़ गुंडा गर्दी की डूंगहै चोये के मैं जारी हे।
मेरी ना पार बसावै खोल सुनादयूं सारी हे।।
4
चोर जार ठग मौज उड़ावै देखे गरीब दुख भरते
गधे रंग रास मनावैं हिरन आज जंगलों मैं चरते
कैंडे आले मानस की मर फिरैं गुलामी करते
कहैं किस्मत की माया सै जमा म्हारी अक्ल मारी
मीडिया कर नाश रहया फ़िल्म ये तरकीब बतारी
रणबीर सिंह बनै निशाना सारी जागां या नारी हे।।
मेरी ना पार बसावै खोल सुनादयूं सारी हे।।
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