Saturday, 13 July 2019

आपस के रगड़े मैं

आपस के रगड़े मैं भाई म्हारी असल लड़ाई लटकती रहज्यागी।।
एका नहीं करया तो औलाद भाई अपना सिर पटकती रहज्यागी।।
1
क्यों अनसमझी मैं लड़कै नै हमसफ़रां तैं बिगाड़ करै
म्हारा वर्ग सहयोग का रास्ता घर अंदर म्हारे उजाड़ करै
न्यों क्योकर काम चलैगा जै नुकसान खेत मैं बाड़ करै
वर्ग संघर्ष का सही रास्ता सै तों ईसपै मतना राड़ करै
दुश्मन के संग तो लाड करै छाती मैं बात खटकती रहज्यागी।।
एका नहीं करया तो औलाद भाई अपना सिर पटकती रहज्यागी।।
2
आपस का हम द्वेष त्याग कै बढ़ा कै अपना काम दिखावाँ
दुनिया की घुड़ दौड़ मैं हम अपना ताम झाम दिखावाँ
आगै आने आले बख्त का हम बना सही प्रोग्राम दिखावाँ
कित कित आगै बढ़ना सै खोल कै सारे मुकाम दिखावाँ
घणा करकै मजबूत काम दिखावाँ ना ज्यान भटकती रहज्यागी।।
एका नहीं करया तो औलाद भाई अपना सिर पटकती रहज्यागी।।
3
इस वर्ग संघर्ष की पढ़ाई नै हम सारे ही परवान चढ़ावां
गैल मैं अपने बालकां ताहिं वर्ग संघर्ष का पाठ पढ़ावां
भगतसिंह जिसे वीरों की हम हांगा लाकै स्यान बढ़ावां
गरीब अमीर लड़ने का सारे मिलकै समान चन्डावां
सोच की सही धार कढ़ावां दुश्मन कै खटकती रहज्यागी।।
एका नहीं करया तो औलाद भाई अपना सिर पटकती रहज्यागी।।
इबी नहीं बखत बिचारया तै जीवन म्हारा निष्फल होवै
दुश्मन म्हारी ताकत पिछाणै ना ओ चैन की नींद सोवै
पिला चेहरा लाल बनाना सै ना कीमती यो पल खोवै
रणबीर सिंह संघर्ष का साथी ना यो सूखा थूक बिलौवै
फेर सुख का ढंग न्यों होवै साहूकारी सिर पटकती रहज्यागी।।
एका नहीं करया तो औलाद भाई अपना सिर पटकती रहज्यागी।।

खाई

खाई
खाई चौड़ी होंती आवै सै इसनै आज कौण पाटैगा।।
गरीब जनता का हाथ सही मैं आज कौण डाटैगा।।
1
बधगी घर घर मैं खाई या बधगी पूरे समाज मैं
देशां के बीच की खाई ना बताते पूरे अंदाज मैं
अमरीका टोप पै रहवण नै आतंकवाद तैं काटैगा।।
गरीब जनता का हाथ सही मैं आज कौण डाटैगा।।
2
एक देश के भित्तर भी कई ढाल की खाई दीखैं
एक अरबपति बनरया दूजे ये भूखे पेट नै भींचें
शांति कड़े तैं आवैगी जब कारपोरेट इसतै नाटैगा।।
गरीब जनता का हाथ सही मैं आज कौण डाटैगा।।
3
लड़ाई बढ़ेगी इस तरियां विनास की राही करकै
पिचानवै ये कठे होंवैंगे चौड़ी होंती खाई करकै
नहीं तो पर्यावरण प्रदूषण सबका कालजा चाटैगा।।
गरीब जनता का हाथ सही मैं आज कौण डाटैगा।।
4
लोभ लालच और मुनाफ़ा और बधारे इस खाई नै
समाज गया रसातल मैं चौड़ै भाई  मारै सै भाई नै
रणबीर सिंह समझावै देखो छंद यो न्यारा छांटैगा।

Friday, 12 July 2019

गुंडा गर्दी

गुंडा गर्दी करकै मेरा जीना होग्या भारी हे।।
मेरी ना पार बसावै खोल सुनादयूं सारी हे।।
1
बोली लागैं इसी गात मैं चलै जन जर्मन का पिस्तौल
हो बजर केसा जिया करना दिल होज्या मेरा डावांडोल
किस तरियां ये बात बताऊँ मेरी जबान हुई अनबोल
मनै जबर भय लागै ना तन पै मांस रहया बेबे
था थोड़ा ढेठ गात मैं कोण्या मेरे पास रहया बेबे
गुंडागर्दी के चलते कोण्या सुख का सांस रहया बेबे
इनै बातों की चर्चा करै कुएं की पणिहारी हे।
मेरी ना पार बसावै खोल सुनादयूं सारी हे।।
2
बने हांडें छैल गाभरू ना गल्त सही का हौंस जमा
शरीफ भी और ऊत लूँगाड़े हमपै पाकैं बोस जमा
बाहर लिकड़ना मुश्किल सै घरां बिठादी मोस जमा
सारी दुनिया मैं होग्या पापियों का यो पूरा जोर
गात बचाकै जीना होवै मची तबाही चारों और
थाणे मैं सुनते कोण्या अन्याय होरया घन घोर
समझ मैं आग्या गुंडागर्दी होंती जावै सरकारी हे।।
मेरी ना पार बसावै खोल सुनादयूं सारी हे।।
3
रोजाना की भुंडी बाणी म्हारी नाड़ तले नै गोगी
बेरा ना कद आंख खुलें क्यों या जनता सोगी
किस किस का जिकरा सबकी रे रे माटी होगी
गुंडे खुले घूमते रहैंगे या तो मेरे दिल मैं जरगी
आगै के गुल खिलेंगे कौनसी इतने ए मैं सरगी
घणी लुगाई दुखी होकै खा खा कै फांसी मरगी
जड़ गुंडा गर्दी की डूंगहै चोये के मैं जारी हे।
मेरी ना पार बसावै खोल सुनादयूं सारी हे।।
4
चोर जार ठग मौज उड़ावै देखे गरीब दुख भरते
गधे रंग रास मनावैं हिरन आज जंगलों मैं चरते
कैंडे आले मानस की मर फिरैं गुलामी करते
कहैं किस्मत की माया सै जमा म्हारी अक्ल मारी
मीडिया कर नाश रहया फ़िल्म ये तरकीब बतारी
रणबीर सिंह बनै निशाना सारी जागां या नारी हे।।
मेरी ना पार बसावै खोल सुनादयूं सारी हे।।