तर्ज-- फूल तुम्हें भेजा है
मैम्बर पंचायत चुनी गई खुशी गात मैं छाई थी।
ज्ञान विज्ञान आल्यां नै किमै ज्ञान की बात बताई थी।।
सबतै
पहलम हुआ सामना डरकै देवर मेरे तैं
न्यों
बोल्या बैठकां मैं नहीं जाणा बता दी बात तेरे
तैं
भाई
तै मैं बतला ल्यूंगा इशारे से मैं धमकाई
थी।।
चाही
लोगां तै बात करी
घूंघट बीच मैं यो आण मरया
घूंघट
खोलण की बाबत यो
देवर नै घर ताण
गिरया
पति
मेरे नै साथ दिया
पर कोण्या पार बसाई थी।।
म्हिने
मैं एक मीटिंग हो
इसा पंचायती कानून बताया
मैम्बर
सरपंच करैं फैंसला जा फेर लागू
करवाया
बिना
मीटिंग फैंसले ले कै पंचायत
पढ़ण बिठाई थी।।
क्यूकर
वार्ड का भला करूं
तिरूं डूबूं जी मेरा होग्या
सरपंच
के चौगरदें बदमाशां का यो पूरा
ए घेरा होग्या
घर
आला बोल्या चाल सम्भल कै मैं न्यों
समझाई थी।।
न्यारी-न्यारी सारे कै हम क्यों
होकै लाचार खड़ी बेबे
यो
हमला घणा भारया सै बिना हथियार
खड़ी बेबे
मजबूत
संगठन बणावां रणबीर नै करी लिखाई
थी।।
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