Wednesday, 9 January 2019

सुभाष चंद्र बोस

सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन (23 जनवरी ) के मौके पर एक रागनी
शत शत शत प्रणाम तनै आजाद हिंद फौज बनाई ।।
फिरंगी की ईसके दम पै तने ईंट तैं ईंट बजाई।।
बासठ साल मौत नै होगे बेरा नहीं लग पाया
इतिहास की किताबों मैं यो विमान हादसा बताया
ठाराँ अगस्त नै मातम छाया खबर मौत की आई ।।
फिरंगी की ईसके दम पै तने ईंट तैं ईंट बजाई।।
कद हुई मौत ना बेरा फेर जिंदा तूँ म्हारे दिल मैं
जिस आजादी खातिर लड़े वा हटकै फिर मुश्किल मैं
या नाग पुकारै बिल में धर्म पै नफरत फैलाई ।।
फिरंगी की ईसके दम पै तने ईंट तैं ईंट बजाई।।
तेईस जनवरी का दिन हमेशा हमनै याद रहैगा
दिल म्हारा इस दिन सुभाष बोस जिंदाबाद कहैगा
जुल्म खिलाफ वो फहैगा जो सच्चा वीर सिपाही ।।
फिरंगी की ईसके दम पै तने ईंट तैं ईंट बजाई।।
तेरे सपन्यां का भारत आज तलक ना बन पाया
मुट्ठी भर ऐस करैं बाकी मरे भूखा तिसाया
रणबीर नै अलख जगाया करकै तेरी कविताई ।।
फिरंगी की ईसके दम पै तने ईंट तैं ईंट बजाई।।

मैम्बर पंचायत


तर्ज-- फूल तुम्हें भेजा है
मैम्बर पंचायत चुनी गई खुशी गात मैं छाई थी।
ज्ञान विज्ञान आल्यां नै किमै ज्ञान की बात बताई थी।।
सबतै पहलम हुआ सामना डरकै देवर मेरे तैं
न्यों बोल्या बैठकां मैं नहीं जाणा बता दी बात तेरे तैं
भाई तै मैं बतला ल्यूंगा इशारे से मैं धमकाई थी।।
चाही लोगां तै बात करी घूंघट बीच मैं यो आण मरया
घूंघट खोलण की बाबत यो देवर नै घर ताण गिरया
पति मेरे नै साथ दिया पर कोण्या पार बसाई थी।।
म्हिने मैं एक मीटिंग हो इसा पंचायती कानून बताया
मैम्बर सरपंच करैं फैंसला जा फेर लागू करवाया
बिना मीटिंग फैंसले ले कै पंचायत पढ़ण बिठाई थी।।
क्यूकर वार्ड का भला करूं तिरूं डूबूं जी मेरा होग्या
सरपंच के चौगरदें बदमाशां का यो पूरा घेरा होग्या
घर आला बोल्या चाल सम्भल कै मैं न्यों समझाई थी।।
न्यारी-न्यारी सारे कै हम क्यों होकै लाचार खड़ी बेबे
यो हमला घणा भारया सै बिना हथियार खड़ी बेबे
मजबूत संगठन बणावां रणबीर नै करी लिखाई थी।।



वैज्ञानिक दृष्टि


वैज्ञानिक दृष्टि


वैज्ञानिक दृष्टि बिन सृष्टि नहीं समझ मैं आवै।
कुदरत के नियम जाण कै समाज आगै बढ़ पावै।।
किसनै सै संसार बणाया किसनै रच्या समाज यो
म्हारा भाग कहैं माड़ा बांधैं कामचोर कै ताज यो

सरमायेदार क्यों लूट रहया सै मेहनतकशी की लाज यो
क्यों ना समझां बात मोटी कूण म्हारा भूत बणावै।।
कौण पहाड़ तोड़ कै करता धरती समतल मैदान ये
हल चला खेती उपजावै उसे का नाम किसान ये
कौण धरा चीर कै खोदै चांदी सोने की खान ये
ओहे क्यों कंगला घूम रहया चोर बण्या धनवान ये
करमां के फल मिलै सबनै क्यों कैहकै बहकावै।।
हम उठां अक अनपढ़ता का मिटा सकां अन्धकार यो
हम उठां अक जोर जुलम का मिटा सकां संसार यो
हम उठां अक उंच नीच का मिटा सकां व्यवहार यो
जात पात और भाग भरोसे कोण्या पार बसावै।।
झूठ्यां पै ना यकीन करां म्हारी ताकत सै भरपूर
म्हारी छाती तै टकरा कै गोली होज्या चकनाचूर
जागते रहियो मत सोइयो म्हारी मंजिल ना सै दूर
सिरजन होरे हाथ म्हारे सैं घणे अजब रणसूर
नया समाज सुधार का रणबीर रास्ता बतावै।।




खाणक


बोल बख्त के
खाणक नै स्याहमी ल्यादी किसनै चौड़ै लूट मचाई।
एक पालै ये काम करणिये दूजे पालै लुटू अन्याई।।
1.            अंग्रेजां नै ढाका मैं कारीगरां के गूंठे कटवाये थे
                थाण मलमल के गोरयां नै सड़कां पै फिंकवाये थे
                भारत देश पै जुलम घणे सालों साल ढवाये थे
                विरोध मैं जो सिर उठ्या उंपै लठ बरसाये थे
                जुलमी राज हटावण नै भगत सिंह नै फांसी खाई।।
2.            देश आजाद हुयां पाछै हमनै मेहनत खूब करी
                जंगल काट खेत बणाये सूकी जड़ फेर हुई हरी
                खाणक मैं पहाड़ तोड़े हथेली उपर ज्यान धरी
                म्हारी मेहनत रंग ल्याई देश की तिजूरी गई भरी
                मुट्ठी भरकी चान्दी होगी म्हारे बालक बिना पढ़ाई।।
3.            सहज सहज देश मैं काला धन पफेर छाण लग्या
                अमरबेल की ढालां यो धोले धन नै खाण लग्या
                भ्रष्ट नेता गुण्डे मिलगे समाज तले नै जाण लग्या
                इसका काला छाया म्हारे खाणक मैं भी आण लग्या
                इस काले धन नै खाणक लूटण की स्कीम बणाई।।
4.            खाणक कई गामां का सदियां तै पेट पालता आया
                इन पेटां नै जमा भूलगे खाणां का ठेका उठवाया
                ठेकेदारां नै करी तबाही लूट का नाका लगवाया
                माल की बिव्रफी कम होगी यो मजदूर गया दबाया
                रणबीर नै तसबीर सही खींच कै ईब दिखाई।।

खागड़ देशां नै

खागड़ देशां नै
विकसित खागड़ देशां नै आपाधापी कसूत मचाई रै।
 ट्रेड सैंटर के हमले नै या मन्दी चारों कूट फैलाई रै।।
१. अमरीका मैं डेढ लाखां की नौकरी देखो खोस लई
ब्रिटेन जापान जर्मनी मैं उड़ अमीरां की होंस गई
पैदावार घणी खपत थोड़ी फेर नई चाल चलाई रै।।
२. आतंकवाद नै हथियार बणा गरीब देशां मैं बड़गे
पहल्यां इसतै दूध प्याया फेर इसे गेल्यां भिड़गे
अफगानिस्तान बणा खाड़ा एक तरफा करी लड़ाई रै।।
३. ईराक इरान सोमालिया अपणे निशाने पै बिठाये
उत्तरी कोरिया पै इननै फेर कसूते तीर चलाये
तीसरी दुनिया डरा धमका कै अपणी मण्डी बनाई रै।।
४. डबल्यू टी ओ विश्व बैंक साथ मैं मुद्रा कोष बताया
तीसरी दुनिया मैं जाल कसूता मिलकै नै फैलाया
       भारत बरगे देशां की रणबीर सिंह श्यामत आई रै।।