लड़ाई म्हारी
किसान मजदूर तयारी करल्यां यो रास्ता बिना लड़ाई कोण्या ॥
धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥
1 सुधां खुरां यो बैरी चढ़ग्या क्यों होती हमने जाग नहीं
जो चिंगारी दबी हुई सै या बण जाती क्यों आग नहीं
बैठ कै रहवाँ ताश खेलते म्हारे बरगा कोए निर्भाग नहीं
जात गोत बाँट दे हमनै इसतै जहरी कोए नाग नहीं
ये खूनी कीड़े खान लागरे क्यों देता कति दिखाई कोन्या ॥
धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥
2 कड़ तोड़ैगी महंगाई म्हारी यो दूध ढोल मैं घळग्या रै
सिर बी म्हारा म्हारी जूती टोट्टे का दीवा बळग्या रै
अमरीका चूसकै खून म्हारा सांड मरखना पळग्या रै
म्हारी जवानी होगी बासी मेरा कालजा नयों जळग्या रै
आगली पीढी गाल बकैगी जै तस्वीर नई बनाई कोण्या ॥
धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥
3 भारत का किसान मरया तो यो मुश्किल हिंदुस्तान बचै
डब्ल्यू टी ओ बन्दूक ताणरया नहीं खेत खलिहान बचै
बिना खेती उद्योग किसा बिना उद्योग ना इंसान बचै
बिना बिजली पानी के आज मुश्किल यो किसान बचै
अपने पाहयाँ चाल पड़ां क्यों टोही इसी राही कोण्या ॥
धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥
4 हमनै मारकै दम लेवैगी तपैदिक जात बीमारी भाई
इसका चश्मा चढ़ाकै म्हारै म्हारी खाल उतारी भाई
सतरंगा यो खेल रचाया लिकड़्या गजब खिलाड़ी भाई
जमा राह मैं डोब दिए ना दो आने की असवारी भाई
रणबीर गरीब अमीर तैं न्यारी दुनिया मैं और लड़ाई कोण्या ॥
धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥
किसान मजदूर तयारी करल्यां यो रास्ता बिना लड़ाई कोण्या ॥
धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥
1 सुधां खुरां यो बैरी चढ़ग्या क्यों होती हमने जाग नहीं
जो चिंगारी दबी हुई सै या बण जाती क्यों आग नहीं
बैठ कै रहवाँ ताश खेलते म्हारे बरगा कोए निर्भाग नहीं
जात गोत बाँट दे हमनै इसतै जहरी कोए नाग नहीं
ये खूनी कीड़े खान लागरे क्यों देता कति दिखाई कोन्या ॥
धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥
2 कड़ तोड़ैगी महंगाई म्हारी यो दूध ढोल मैं घळग्या रै
सिर बी म्हारा म्हारी जूती टोट्टे का दीवा बळग्या रै
अमरीका चूसकै खून म्हारा सांड मरखना पळग्या रै
म्हारी जवानी होगी बासी मेरा कालजा नयों जळग्या रै
आगली पीढी गाल बकैगी जै तस्वीर नई बनाई कोण्या ॥
धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥
3 भारत का किसान मरया तो यो मुश्किल हिंदुस्तान बचै
डब्ल्यू टी ओ बन्दूक ताणरया नहीं खेत खलिहान बचै
बिना खेती उद्योग किसा बिना उद्योग ना इंसान बचै
बिना बिजली पानी के आज मुश्किल यो किसान बचै
अपने पाहयाँ चाल पड़ां क्यों टोही इसी राही कोण्या ॥
धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥
4 हमनै मारकै दम लेवैगी तपैदिक जात बीमारी भाई
इसका चश्मा चढ़ाकै म्हारै म्हारी खाल उतारी भाई
सतरंगा यो खेल रचाया लिकड़्या गजब खिलाड़ी भाई
जमा राह मैं डोब दिए ना दो आने की असवारी भाई
रणबीर गरीब अमीर तैं न्यारी दुनिया मैं और लड़ाई कोण्या ॥
धान पीट दिया क्यों म्हारा ईब बची जमा समायी कोण्या ॥
No comments:
Post a Comment