फासीवाद की घण्टी
फासीवाद की घण्टी खड़कै संकट घणा भारी छाया रै
जन अधिकार जन एकता का यो लड़ाकू मंच बनाया रै
1
बहुविविधता म्हारे देश की इसपै हमला बोल दिया
आच्छे दिन ल्यावांगे का नारा बणा कसूता मखौल दिया
इनके साहमीं जो बोलैं उनका गोली तैं सीना छोल दिया
आज किसानां की कड़ तोड़ी अमीर चांदी मैं तोल दिया
वायदा भ्रष्टाचार खत्म का देकै यो वोटर गया भकाया रै
जन अधिकार जन एकता का यो लड़ाकू मंच बनाया रै
2
वायदे याद दिवावण खातर जिब लोग सड़कां पै आये
वायदे पूरे करण की जागां लोग बाग़ बहोत धमकाये
जो ना माने उनके ऊपर छापे सीबीआई के मरवाये
किसान मजदूरों के संघर्ष लाठी गोली तैं गए दबाये
लंकेश गौरी का शरीर गोलियों से छलनी करवाया रै
जन अधिकार जन एकता का यो लड़ाकू मंच बनाया रै
3
भ्रष्टाचार की खातर तै गया संस्थागत ढांचा बनाया यो
देशी बदेशी कम्पनी दे खुलकै चँदा कानून सुझाया यो
बदले मैं कारपोरेट कै देश गैहणै गया धरवाया यो
धर्म निरपेक्ष संविधान तैं धर्म का बाणा पहराया यो
हिन्दू मुस्लिम जात पात का नफरत का जाल फैलाया रै
जन अधिकार जन एकता का यो लड़ाकू मंच बनाया रै
4
रेल बैंक बीमा दे बदेशी तैं राष्ट्रवाद का राग गावैं रै
मजदूरी करी घणी सस्ती इनके हक खोसते जावैं रै
जो इनके खिलाफ बोलैं उननै ये राष्ट्र द्रोही बतावैं रै
शिक्षा सेहत रोजगारां नै ये प्राईवेट की भेंट चढ़ावैं रै
रणबीर नै गीत बणा कै जन एकता का नारा लाया रै।
जन अधिकार जन एकता यो लड़ाकू मंच बनाया रै
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