Saturday, 21 January 2017

KIsan Vaigyani

किसान विज्ञानी
किसानों थारे बरगा विज्ञानी मनै कोए भी नहीं पाया ।ं
अपने अनुभव तैं तमनै यो खेती मैं नाम खूब कमाया।।
भैंस खरीदी जब तमनै धार काढ़ कै देखी भाई रै
बुलध खरीदया तमनै तो सार काढ़ कै देखी भीई रै
अगवा पिछवा बाल का हिसाब हमेशा गया लगाया।।
पर मण्डी मैं हुये बेबस विज्ञान काम नहीं आया यो
भा नै देकै मारे धरती कै जी थारा घणा देख पाया यो
क्दे समझ ले लूट की जड़ नै गल्त बातां पै लड़वाया।।
पंजाब का किसान बोल्या आतंकवादी कैहकै पीट दिया
ळीर गुजर जाट रोड़ मैं बांट हरियाणे का किसान लिया
किसानी की तोड़ एकता जात्यां पर आपस मैं भिड़ाया।।
अम्बानी अडानी की लूट या रणबीर जारी रहैगी देखो
जात्यां मैं बंटी किसानी या कितनी पिटाई सहैगी देयो
जात पात का पहरा चश्मा विवेक चश्मा म्हारा बगाया।।

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