बाबा साहब अम्बेडकर ने बौद्ध धर्म का धारण
कर लिया था तो कई बार हिन्दू उनको घर
वापस आ जाने की बात करते थे तो क्या
जवाब होता था बाबा साहेब का क्या बताया भला ---
बाबा साहेब नै कहया तम कौनसे घर की बात करो ।
वर्ण व्यवस्था मजबूत करो चर्चा याहे दिन रात करो ।
जिस घर का सपना तम हम सबनै दिखलाओ सो रै
दुः स्वपन नै सपना कहकै हमनै दिन रात भकाओ सो रै
इसा थारा घर का सपना जानवरां नै भी मात करो ।1 ।
घर ईसा बनाया थामनै नहीं परिवार कठ्ठा हो खावै
कुछ की झूठण जिस घर मैं बाकी का भोज बणज्यावै
इसे घर नै के चाटां जड़ै व्यभिचार होवै उत्पात करो । 2 ।
म्हारे समाज के घरां मैं यो सब कुछ न्यारा न्यारा देखो
कुआं न्यारा और भांडे न्यारे न्यारा यो सबका हारा देखो
ईसा घर जिसमै तूँ ठाली बाकी मिलकै खुभात करो । 3 ।
घर मैं वापसी चाहो रै दखे लालच दे दे कई लाख की
चूल हिलादी जमा परवाह नहीं मानव की साख की
कहै रणबीर बाबा साहेब की गेल्याँ मत दुभाँत करो । 4 ।
कर लिया था तो कई बार हिन्दू उनको घर
वापस आ जाने की बात करते थे तो क्या
जवाब होता था बाबा साहेब का क्या बताया भला ---
बाबा साहेब नै कहया तम कौनसे घर की बात करो ।
वर्ण व्यवस्था मजबूत करो चर्चा याहे दिन रात करो ।
जिस घर का सपना तम हम सबनै दिखलाओ सो रै
दुः स्वपन नै सपना कहकै हमनै दिन रात भकाओ सो रै
इसा थारा घर का सपना जानवरां नै भी मात करो ।1 ।
घर ईसा बनाया थामनै नहीं परिवार कठ्ठा हो खावै
कुछ की झूठण जिस घर मैं बाकी का भोज बणज्यावै
इसे घर नै के चाटां जड़ै व्यभिचार होवै उत्पात करो । 2 ।
म्हारे समाज के घरां मैं यो सब कुछ न्यारा न्यारा देखो
कुआं न्यारा और भांडे न्यारे न्यारा यो सबका हारा देखो
ईसा घर जिसमै तूँ ठाली बाकी मिलकै खुभात करो । 3 ।
घर मैं वापसी चाहो रै दखे लालच दे दे कई लाख की
चूल हिलादी जमा परवाह नहीं मानव की साख की
कहै रणबीर बाबा साहेब की गेल्याँ मत दुभाँत करो । 4 ।
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