तर्ज: उठो उठो
हे सखी लागो
हरि वेफ भजन
मैं
टेक: देख लाई
बाट भतेरी हमनै
करया घणा इन्तजार।
इब करणी पड़ै
लड़ाई, संगठन नै
या बात बताई
बजाई हमनै रणभेरी
हे, सम्भाली सै
हमनै पतवार।।
काम घणा सै
तनखा थोड़ी, उपर
तै जा बांह
मरोड़ी
जोड़ी ये नर्स
कमेरी हे, दें
धरना बहरी सैं
सरकार।।
बिना कसूर ये
धमकावैं, उल्टे सीधे काम
ये चाहवैं
लावैं इल्जाम ये धमकी
जहरी हे इन
ताहि देवां ललकार।।
वर्दी भत्ता और धोबी
भत्ता सब क्याहें
नै बतावैं धता
सत्ता आज होई
लुटेरी हे हमनै
बीर रहया सै
पुकार।।
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